कोलकाता / पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस अब एकला चलो की नीति पर आ गई है आज टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि टीएमसी राज्य की सभी 42 सीटों पर लोकसभा का चुनाव लड़ेगी। साफ है चुनाव से पहले सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस और टीएमसी में दरार पड़ती दिखाई दे रही है। लेकिन कांग्रेस अभी भी आशावान है उसका कहना है मामला सुलझा लिया जायेगा।
इसी बीच आज ममता बनर्जी ने मीडिया से चर्चा में साफ कर दिया कि टीएमसी बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगी। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने कांग्रेस के सामने जो प्रस्ताव रखा था उसका कांग्रेस ने कोई जवाब नही दिया। उन्होंने कहा इस बारे में मेरी कांग्रेस से कोई बात ही नही हुई है हमारी सेक्युलर पार्टी है मैं कोई झूठ नहीं बोलूंगी इसपर जो राजनीति कर रहे है वह गलत हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि गठबन्धन का नाम I.N.D.I.A उन्होंने ही रखा था लेकिन इसका श्रेय कोई और ले गया। उन्होंने कहा कांग्रेस न्याय यात्रा रैली निकाल रही है वह हमारे राज्य से भी गुजरेगी लेकिन कांग्रेस ने हमें कोई जानकारी नहीं दी। लेकिन ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि टीएमसी गठबंधन से अलग नहीं हो रही वह गठबंधन में बनी रहेगी।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया…
ममता बनर्जी के इस बयान के आने के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि लंबे सफर में स्पीड ब्रेकर आना स्वाभाविक है ममता बनर्जी गठबंधन का अहम हिस्सा है और टीएमसी और ममता बनर्जी के बिना गठबंधन की कल्पना करना ही बेमानी होगा। हमारी बातचीत चल रही है कोई न कोई रास्ता निकाल लेंगे और बंगाल में इंडिया गठबंधन मजबूती से चुनाव लड़ेगा और इसमें सभी पार्टियां शामिल होंगी।
जबकि कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि हम टीएमसी और कांग्रेस के बीच तालमेल की कमी को ठीक करेंगे उन्होंने कहा केरल और पंजाब एक अपवाद है यहां गठबंधन के सामने एक जैसी समस्या है उन्होंने कहा कि भारत जोड़ों न्याय यात्रा के लिए ममता बनर्जी को बाकायदा आमंत्रित किया गया था। खुद अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ममता सहित सभी दलों के नेताओं से बात की थी।
टीएमसी के इस निर्णय की असली बजह…
जैसा कि लंबे समय से टीएमसी और कांग्रेस में बंगाल में सीट शेयरिंग को लेकर बात हो रही थी । जबकि इससे पहले गठबंधन की बैठक में ममता बनर्जी ने 31 दिसंबर की डेड लाइन भी दी थी। कांग्रेस चाहती थी कि कुल 42 दिया में से उसे और बाम दलों को कमोवेश 10 से 12 सीटें दी जाए लेकिन ममता बनर्जी इसके लिए तैयार नहीं थी वह कांग्रेस को केवल उसकी वह दो सीटें ही देना चाहती थी जिसपर वर्तमान में उसके सांसद है जबकि बाम दलों को वह गठबंधन से बाहर रखना चाहती थी।