नई दिल्ली/ आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल के बतौर मुख्यमंत्री जेल से दो आदेश जारी करने को लेकर घमासान मचा हुआ है बीजेपी इसे असंवेधनिक बता रही है उसने राज्यपाल से इसकी शिकायत की है साथ ही उनके इस्तीफे की मांग की है जबकि आप कार्यकर्ता चुनाव से पहले हुई उनकी गिरफ्तारी का विरोध कर उसे गैर कानूनी बता रही है।
शराब नीति घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार कर 6 दिन की रिमांड ली थी इस दौरान वह जेल में है। गिरफ्तारी के तुरंत बाद आप के नेताओं ने साफ किया था कि केजरीवाल जेल से ही सरकार चलायेंगे और उसके बाद केजरीवाल ने 24 मार्च को पहला आदेश जारी किया उसमें उन्होंने दिल्ली की जनता को पेयजल और सीवर समस्या से निजात दिलाने के लिए समुचित कदम उठाने को कहा शिक्षा मंत्री आतिशी ने इस आदेश की पुष्टि करते हुए दिल्ली वासियों को जलापूर्ति के लिए संबंधित प्रशासन को उचित कार्यवाही की बात कही। फिर उसके बाद 26 मार्च को एक और आदेश आया जिसमें केजरीवाल ने बतौर मुख्यमंत्री निर्देश दिए कि दिल्ली के गरीब को अस्पतालों में उचित स्वास्थ्य सेवाएं दवाई और जांच निशुल्क उपलब्ध कराने के उचित इंतजाम किए जाएं साथ ही मोहल्ला क्लिनिक पर दवाईयों के साथ सभी स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से जारी रहे यह सुनिश्चित किया जाए यह आदेश मंत्री सौरभ भारद्वाज को भेजा गया।
लेकिन इसके बाद जैसे राजनीति में भूचाल आ गया था जो बीजेपी यह समझे बैठी थी कि गिरफ्तारी के बाद नैतिक रूप से केजरीवाल सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे लेकिन इसके उलट मुख्यमंत्री के नाम से केजरीवाल ने जनहित में जेल से दो आदेश जारी कर दिए। इसहे खिलाफ बीजेपी ने सड़कों पर प्रदर्शन का केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की साथ ही राज्यपाल विनय सक्सेना को एक शिकायती ज्ञापन सौंपते हुए उनके आदेशों को असंवेधासनिक बताया और कार्यवाही की मांग की।
लेकिन आप कार्यकर्ता लगातार अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर सड़कों पर संघर्ष कर रहे है और “मैं भी केजरीवाल हूं” के नकाब लगाए प्रदर्शन कर रहे है मंगलवार को उन्होंने पीएम हाउस के घेराव का आव्हान किया था लेकिन उन्हें बीच में ही हिरासत में ले लिया गया इस बेटीगेटिंग कर उन्हें आगे बढ़ने से रोका गया और उनके ऊपर वाटर केनन से पानी की बौछार भी की गई। लेकिन आप कार्यकर्ता लगातार प्रदर्शन कर रहे है। जबकि मंत्री आतिशी ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी पूरी तरह से गैर कानूनी है देश में चुनाव घोषित होने के बाद मोदी सरकार विपक्ष के नेताओं को ईडी सीबीआई का भय दिखाकर उन्हें गिरफ्तार कर रही है बैंक खाते सीज कर रही है फिर विपक्ष चुनाव कैसे लड़ सकेगा।
इसको लेकर कानून के जानकारों का कहना है कि मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद पर रहते कार्य करने को लेकर संविधान में कोई स्पष्ट आदेश नही है चूकि उनकी गिरफ्तारी एक अपराधिक मामले में हुई है तो उन्हें ऐसा आदेश जारी करने का कोई कानूनी हक नहीं है उन्हें इससे पहले कोर्ट से अनुमति लेना जरूरी है। इसमें राज्यपाल कोई निर्णय ले सकते है। कानून का जानकारों का यह भी कहना है कि अभी तक जेल जाने की नोबत आने पर मुख्यमंत्री स्वविवेक से इस्तीफ़ा देते आए है। केजरीवाल पहले मुख्यमंत्री है जो जेल में रहने के बाबजूद अपनी सरकार चला रहे है। जबकि उनको कोई संसाधन भी उपलब्ध नहीं कराए गए है।