- गोरखपुर के बीआरडी हाँस्पिटल में बच्चो की मौतो की सख्या 64 पर
- कांग्रेस ने स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफ़ा मांगा
गोरखपुर… मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ग्रह जिले गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में बच्चों की मौतो में इजाफ़ा हो गया है, अब मरने वाले बच्चो की सख्या 64 हो गई है, इधर सपा के नेता अखिलेश यादव घटना पर दुख व्यक्त करते हुए इसे दुर्भाग्य पूर्ण बताया है और कांग्रेस और बसपा ने दोषियो पर कडी कार्यवाही करने के साथ स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफ़े की मांग की है, जबकि इतने मासूमो की मौत के बाद भी मुख्यमंत्री या सरकार की तरफ़ से अभी तक कोई बयान नही आया है, इस तरह सिस्टम खामोश है,
गोरखपुर बीआरडी मेडीकल काँलेज एवं हांस्पिटल मै पिछले 5 दिनो में मरने वाले बच्चों की मौत का आँकडा़ 64 पर जा पहुंचा है, और गम्भीर पहलू यह है कि अभी तक हालात सामान्य नही हुए ना ही लिक्विड आक्सीजन की आपूर्ति सही हो पाई है, जिसके कारण आज भी दो मासूम बच्चे चल बसे, खास बात है आक्सीजन के कोटे की जानकारी रखने का काम अस्पताल का इन्जीनियरिन्ग विभाग देखता है और उसने एक अगस्त से 10 अगस्त तक बाल रोग विभाग के एच ओ डी सहित अन्य प्रशासनिक अधोकारियो को लगातार चिट्ठीया लिखी और चेतावनी भी दी, परन्तु किसी ने भी कोई इन्तजामात करने की कोशिश नही की।
इधर लिक्विड आक्सीजन सप्लाई करने वाली पुष्पा सेल्स कम्पनी ने अपने 42.70 लाख की राशि के पैमेन्ट बाबत 28 फ़रवरी को पहला पत्र अस्पताल प्रशासन को लिखा उसके बाद 22 अप्रेल, 3 जून, 6 जुलाई और एक अगस्त को 63.65 लाख की राशि देने के आदेश देने का अनुरोध भी किया इसके साथ ही कम्पनी ने आक्सीजन सप्लाई बन्द करने की पूर्व चेतावनी भी दी परन्तु अस्पताल प्रशासन के कानो पर जूं नही रैगी, जिससे साफ़ है कितनी बड़ी लापरवाही की गई,जिसकी बजह से मासूम बच्चो की मौत का आकडा़ पाँच दिनो में 64 पर जा पहुंचा, आज मरने बाले बच्चो के माँ पिता और परिजन बिलख रहे है, क्यो कि बैचारी माँ की गोद जो उजाड़ दी गई, अब व्यवस्थाएं ठीक भी हो जाये परन्तु उनकी आँखो के चिराग तो अब लौटकर नही आने वाले,सारी जिन्दगी का नासूर उन्हे इस लापरवाही ने दे दिया है, और उनके सामने उनके नोनिहाल घुट्घुट कर मर गये।
इधर स्वास्थ्य विशेषग्य डाँ. एम. वली का कहना है कोई भी अस्पताल हो वहा आँक्सीजन होना जरूरी होता है चूकि यह अस्पताल बच्चों की बीमारी इन्सेफ़ैलाइटिस के लिये खास तौर पर था, इसलिए यहाँ आक्सीजन की सप्लाई तो बिल्कुल रोकी ही नही जा सकती, और उसे मैन्टेन रखना आवश्यक है परन्तु इस अस्पताल मै ऐसा नही हुआ, लगता है सी. एम. के के दौरे के बाद अस्पताल का प्रशासन सो गया उन्होने कहा कि विश्व में यह पहली घटना है जब आँक्सीजन के अभाव मै बच्चो की इतनी सख्या मै मौत हो गई, साथ ही मरे बच्चो का पोस्टमार्ट्म नही कराने पर भी उन्होने सबाल उठाये और कहा कि मौत के कारणो का पुख्ता सबूत कैसे सामने आयेगा।
इस घटना के बाद सियासत भी शुरू हो गई,आज कांग्रेस के नेता गुलाम नवी आजाद राज बब्बर अस्पताल पहुंचे और उन्होने बीमार बच्चो को दैखा और पीड़ित परिजनो से मिले उन्हें ढाढ़स दिया।
आजाद ने इस मौके पर कहा कि घटना बड़ी और निंदनीय है, मुख्यमन्त्री को तत्काल स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव को बर्खास्त करना चाहिये, वही उ. प्र. के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि हमारी सरकार ने अस्पतालो को सुविधाए दी उनका आधुनिकीकरण किया परन्तु आज उन्ही अस्पतालो में योगी सरकार आँक्सीजन तक मौहय्या नही करवा पा रही यह दुर्भाग्यपूर्ण है, जबकि बसपा प्रमुख मायावती ने घटना को दुखद बताये हुए मुख्यमंत्री से तत्काल स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की और दोषियो पर कडी कार्यवाही हो यह हमारी मांग है परन्तु में यह मुख्यमंत्री के विवेक पर छोड़ती हूं, जबकि भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने काफ़ी तीखी प्रतिक्रिया दी है उन्होने कहा कि इतने सारे बच्चो की दर्दनाक मौत हादसा नही बल्कि यह नरसंहार है इसके दोषियो को बख्शा नही जाना चाहिये, उन्होने कहा में इसे मुख्यमंत्री के विवेक पर छोड़ती हूं।
इधर इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान भी आया है उन्होने कहा कि बच्चो की मौत एक्यूट इन्सेफ़ैलाइटिस की वजह से हूई है नाकि आक्सीजन की सप्लाई रुकने के कारण्, योगी ने कहा इसके लिये हमे साफ़ सुथरा और स्वच्छ रहने की जरूरत है उन्होने बच्चों के मौत पर अपनी सम्वेदनाय्रे भी व्यक्त की।