मध्यप्रदेश में शह और मात का खेल
कांग्रेस का हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप
हमारा हाथ नही बीजेपी ने छाड़ा पल्ला
कमलनाथ सरकार का संकट टला
भोपाल– हॉर्स ट्रेडिंग मुद्दे पर बीजेपी जहां फेल सिद्ध हुई तो कांग्रेस से संकट के बादल छट गये है और फिलहाल वह इस संकट से उबरती नजर आ रही है लापता हुए 6 विधायक भोपाल बापस आ गये है जबकि बाकी चार विधायकों पर सस्पेंस अभी भी बरकरार है।
बताया जाता है कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह कांग्रेस से दूर जाने वाले शेष विधायकों को भी जल्द सरकार के साथ ले आयेंगे। लेकिन मध्यप्रदेश मे उठे इस सियासी तूफान के बाद कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के बीच तलवार खिंच गई है और एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया है।
लेकिन सबाल यह भी उठते है कि दूसरी पार्टी या निर्दलीय विधायकों के बीजेपी से साठगांठ की बात समझ में आ सकती है लेकिन खुद कांग्रेस के विधायको का उसका साथ छोड़ना क्या कांग्रेस को आयना नही दिखाता।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि बीजेपी की हॉर्स ट्रेडिंग सामने आ गई है उनके मंसूबे पूरे नही हुए विधायको को कोन ले गया इसके मेरे पास पुख्ता सबूत है।
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा मुख्यमंत्री बनने की आस लगाये शिवराज सिंह चौहान 12 सीटर विमान से चार विधायकों को ले जा रहे थे इनमें बिसाहूलाल सिंह को धोखा देकर और एंदल सिंह कंसाना को जबरदस्ती विमान में बिठाला और उनके मोबाइल फोन छीन लिये गये बाद में अफरा तफरी फैलने पर शिवराज सिंह इन विधायको को बैंगलुरु रवाना कर भोपाल बापस आ गये।
जबकि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि बीजेपी का सरकार गिराने का प्रयास असफल रहा उसका लोकतंत्र पर कोई भरोसा नही है उन्होंने कहा कांग्रेस सरकार के पास पूर्ण बहुमत है कमलनाथ ने आरोप लगाया कि माफिया के साथ मिलकर बीजेपी षड़यंत्र कर रही है लेकिन सरकार को अस्थिर करने की बीजेपी की कोशिश नाकाम हो गई और बीजेपी बेनकाब हो गई है।
इधर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भाजपा का कांग्रेस की सरकार गिराने का कोई इरादा नही है यदि अपने अंतविरोधों से कांग्रेस की सरकार खुद गिरे तो इसमें हमारा क्या दोष है उन्होंने कहा दिग्विजय सिंह का काम सिर्फ आरोप लगाना है उन्होंने कहा कांग्रेस के विधायक ही नही बल्कि पूरे प्रदेश की जनता त्राहि त्राहि कर रही है कोई भी वायदा पूरे नही किये कमलनाथ सरकार ने।
जबकि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने इस घटनाक्रम से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार गिराने से बीजेपी का कोई लेना देना नही कांग्रेस खुद अपने अंतर्कलह से ग्रस्त है तो उसका जबाब दिविजय सिंह , कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया दे, कांग्रेस सरकार गिराने का हमारा कोई इरादा नही है।
जबकि केबीनेट मंत्री जीतू पटवारी ने शिवराज सिंह को इस एपिसोड का मास्टर माइंड बताया है उन्होंने कहा कि नरोत्तम मिश्रा और उनके प्यादों ने इसकी बिसात बीछाई ,और गुंडागर्दी की पटवारी ने विधायको के साथ मारपीट करने का आरोप लगाते हुए कहा बीजेपी के इस दुष्कृत्य को प्रदेश की जनता देख रही है उसने लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश में जुटी है और जनता उन्हें सबक सिखायेगी।
जबकि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनपर यह कालाधन कहा से आया बीजेपी जबाब दे उन्होंने कहा अभी सिर्फ एक सबा साल कांग्रेस की सरकार बने हुआ है लगता है बीजेपी सत्ता के लिये तड़फ रही है।
जबकि कांग्रेस नेता विवेक तंखा ने कहा कि यदि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष घोषित कर देती तो आज यह स्थिति नही आती क्योंकि पीसीसी में बैठकर वह सभी की बात सुनते अभी कोई ऐसा व्यक्ति नही है जो कमलनाथ सरकार और विधायकों के बीच एक माध्यम बन सके।
जबकि बीएसपी (निलंबित) विधायक रामाबाई का कहना है कि वे झूठ बोलना नही चाहती और सच बताना नही चाहती।जबकि बीएसपी के विधायक संजीव सिंह का कहना है उन्हें किसी ने नही बरगलाया न ही वे बीजेपी के कहने पर बाहर गये वे कांग्रेस के साथ है और रहेंगें।
इधर सियासी संकट छटने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान आया है कि कमलनाथ सरकार पर कोई संकट नही है। लेकिन दो दिनों के इस एपिसोड में उनकी खामोशी कई सबाल पैदा जरूर करती है।