दवे के अधूरे छोड़े मिशन को हम आगे बढ़ायेंगे — शिवराज
भोपाल — केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनिल माधव दवे का शुक्रवार को होशंगाबाद जिले में नर्मदा तट (बांद्राभान) में पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया, श्री दवे के छोटे भाई अभय दवे ने उनकी पार्थिव देह को मुखाग्नि दी । श्री दवे की इच्छा के अनुरूप उनका अंतिम संस्कार बांद्राभान में किया गया वे प्रति दो वर्ष में इसी स्थान पर नदी जल महोत्सव का आयोजन करते थे।
बांद्राभान में स्वर्गीय श्री अनिल माधव दवे को अंतिम विदाई देने के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय जल-संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती, केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गेहलोत, केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन, केन्द्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार, विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीतासरन शर्मा और मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल के सदस्यों सहित सांसद एवं विधायक मौजूद थे ।
अंतिम संस्कार के बाद होशंगाबाद जिले के नर्मदा-तवा संगम तट पर आयोजित शोकसभा में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्वर्गीय दवे ने पर्यावरण-संरक्षण के लिये जो काम किये वे अविस्मरणीय रहेंगे, माँ नर्मदा के प्रति उनकी असीम और अगाध श्रद्धा थी उनके द्वारा शुरू किया गया नदी-महोत्सव पूर्व की भांति नर्मदा-तवा संगम पर उनकी भावना के अनुरूप होता रहेगा । मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा उनकी अंतरात्मा से जुड़ी थी श्री दवे की इच्छा के अनुरूप ही उनका अंतिम संस्कार बान्द्राभान में किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वर्गीय श्री दवे के अधूरे छोड़े गये मिशन को हम आगे बढ़ायेंगे, नर्मदा नदी के दोनों तट पर अमरकंटक से बड़वानी तक 2 जुलाई को लाखों लोग करोड़ों की संख्या में वृक्ष लगाकर उनकी रक्षा करने का दायित्व लेंगे, सघन वृक्षारोपण स्वर्गीय श्री दवे को सही अर्थों में सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शोक संदेश का वाचन केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने किया, संदेश में श्री मोदी ने स्वर्गीय दवे को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें आदर्श पर्यावरणविद, कुशल प्रशासक और आदर्श स्वयंसेवक बताया।
केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा कि जिस तरह हीरा आकार में छोटा और मूल्य में अधिक होता है उसी तरह स्वर्गीय अनिल माधव दवे का जीवनकाल छोटा ही था किन्तु उन्होंने सार्थक जीवन जिया। केन्द्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने स्वर्गीय श्री दवे को श्रंद्धाजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनमें अदभुत इच्छाशक्ति थी, चुनाव प्रबंधन के क्षेत्र में स्वर्गीय श्री दवे बेहतर रणनीतिकार थे तथा स्वयं को नर्मदा पुत्र और वृक्षों को अपना वारिस बताते थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भावांजलि के बाद बांद्राभान स्थित दिवस बसेरा परिसर में स्वर्गीय श्री दवे की स्मृति में पौधा भी लगाया। अंतिम संस्कार से पूर्व सुबह लगभग सवा छह बजे श्री दवे की अंतिम यात्रा राजधानी भोपाल स्थित उनके निवास “नदी का घर “से निकली।
रास्ते में हजारों लोगों ने नम आँखों से नर्मदा पुत्र को अंतिम विदाई दी। श्री दवे की पार्थिव देह गुरुवार शाम दिल्ली से विशेष विमान से भोपाल लाकर भाजपा के प्रदेश कार्यालय में लोगों के दर्शनार्थ रखी गई थी। उसके बाद उनका पार्थिव शरीर उनके निवास नदी का घर पर रखा गया था जहाँ देर रात तक श्रद्धांजलि देने वाले लोगों और नेताओं का तांता लगा रहा। श्री दवे का गुरूवार सुबह दिल्ली में निधन हो गया था।