शिमला / राज्यसभा चुनाव में अंतरकलह सामने आने के बाद हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार पर संकट के बादल गहराने लगे थे,लेकिन बजट के पास होने और विधानसभा सत्र समाप्त होने से फिलहाल कांग्रेस की सुक्खू सरकार को अभयदान मिल गया है, लेकिन यदि कांग्रेस हाईकमान ने इसका कोई ठोस हल नहीं निकाला और अपने विधायकों की नाराजी दूर नहीं की तो आगे फिर संकट गहरा सकता है। क्योंकि बीजेपी मौके की ताक में लगी है। पहले यह खबर भी आई थी कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस्तीफा दे दिया है लेकिन सुक्खू ने इसका खंडन करते हुए कहा यह बीजेपी की उपज है मैने इस्तीफा नहीं दिया है। लेकिन आज बीजेपी विधायको के विश्वास मत हासिल करने की मांग को लेकर हंगामा करने पर स्पीकर ने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित 15 बीजेपी विधायको को सदन से निष्कासित कर दिया। इधर खबर है कि इस संकट को टालने के लिए कांग्रेस के पर्यवेक्षक शिमला पहुंच गए हैं।
हिमाचल की कुल 68 सीटों में से 40 पर जीत के साथ कांग्रेस ने सरकार बनाई थी और सुखविंदर सिंह सुक्खू को सीएम बनाया था लेकिन राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायक और 3 निर्दलीय विधायकों ने क्रास वोटिंग करते हुए बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में वोट किया था जिससे बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी को हार का मुंह देखना पड़ा और बीजेपी जीत गई थी। बताया जाता है कांग्रेस के इन विधायको की सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ नाराजी है जिसको भाजपा नेतृत्व ने राज्यसभा चुनाव के दौरान अपने पक्ष में भुना लिया और अब लगता है बीजेपी सुक्खू सरकार को अल्पमत में बताकर उसे गिराने और अपनी सरकार काबिज करने में जुट गई।
लेकिन सरकार पर तब संकट और गहरा गया था जब राज्यसभा चुनाव के बाद मंगलवार को हिमाचल सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था प्रेस कान्फ्रेस में उन्होंने कहा कि मेरे पिता और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नाम पर हिमाचल में कांग्रेस जीती और सरकार बनाई लेकिन 14 महिने बीत गए लेकिन रिज पर लगने वाली उनकी प्रतिमा आज तक नही लगी हमारी सरकार 10 फुट जमीन भी नही दे रही । उन्होंने कहा सीएम मेरी ही नही कई विधायको की उपेक्षा करते है मेरे विभाग में भी हस्तक्षेप करते है जिससे वे ही नही अन्य कई कांग्रेस विधायक सीएम की कार्यविधि और उपेक्षा से असंतुष्ट है मेने बातचीत के दौरान पूरी स्थिति कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को बता दी है अब निर्णय लेना उनका काम है अब गेंद केंद्रीय नेतृत्व के पाले में है। उन्होंने यह भी कहा हमने लंबे समय तक पार्टी का साथ दिया अब मैं किसी के दबाव में आने वाला नहीं हूं
लेकिन अब विपक्षी बीजेपी और उसके नेतृत्व ने इस दरार का फायदा उठाया कांग्रेस की सुक्खू सरकार को पदच्युत कर सत्ता पर आसीन होने के प्रयास शुरू कर दिए राज्यसभा का चुनाव जीतने बाद नेता प्रतिपक्ष पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मंगलवार की रात राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मिलने पहुंच गए और कांग्रेस को अल्पमत में बताते हुए उनसे विश्वासमत के लिए वोटिंग कराने की मांग की।
इधर आज जब विधानसभा में बजट को लेकर कार्यवाही चल रही थी इस दौरान जयराम ठाकुर और बीजेपी विधायको ने सदन में जबरदस्त हंगामा शुरू कर दिया और पहले कांग्रेस सरकार को विश्वासमत पर वोटिंग की मांग करने लगे इस हंगाने के दौरान विपक्षी सदस्य स्पीकर की आसंदी की तरफ कागज उछालगा शुरू करने के साथ अमर्यादित आचरण करने लगे इस कार्यवाही में खलल डालने और सदन की मर्यादा के खिलाफ मानते हुए स्पीकर कुलदीप सिंह ठानियान ने जयराम ठास्कुर सहित 15 विपक्षी विधायकों को सदन से निष्कासित करने का फैसला सुनाया उसे बाद लंच तक के लिए सदन की कार्यवाही रोक दी गई। लंच के बाद सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई और सरकार के वित्त मंत्री ने बजट पेश किया जिसे ध्वनि मत से पास कर दिया गया।
इधर विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि यह कांग्रेस का संकट है उसका हमारे ऊपर तोहमत लगाना गलत है कांग्रेस सरकार ने अपना बहुमत खो चुकी है उसे अब सत्ता में रहने का कोई हक नही है।
इसके बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मिडिया को दी जानकारी में बताया हमारी अपने सभी विधायको से बात हो गई है उनकी जो शिकायते है उन्हें दूर किया जाएगा विक्रमादित्य के मंत्री पद से इस्तीफे पर सीएम ने कहा उनका इस्तीफा मंजूर नही किया गया है उनसे मैं बात करूंगा उन्होंने कहा हमारे पास एमएलए का पूर्ण बहुमत है उन्होंने यह भी कहा भाजपा के कई विधायक हमारे संपर्क में है सीएम सुक्खू ने कहा हम योद्धा है लड़ाई लड़ेंगे और जीतेंगे और कांग्रेस सरकार 5 साल का कार्यकाल पूरा करेगी।
कांग्रेस नेता जयराम नरेश ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा ऑपरेशन लोटस से बचने के लिए कांग्रेस तैयार है सभी के मन की शिकायतें पार्टी दूर करेगी उन्होंने कहा क्रास वोटिंग से कोंग्रेस प्रत्याशी को हराने की साजिश रची गई। जबकि कांग्रेस के दो संकट मोचक शिमला पहुंच गए है हिमाचल के पर्यवेक्षक भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पर्यवेक्षक डीके शिवकुमार दोनो शिमला आ गए है जो हिमाचल के कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला के साथ विचार मंथन करने में जुट गए है बताया जाता है तीनों असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों से वन टू वन चर्चा कर बीच का रास्ता निकालेंगे।
अब हिमाचल की कांग्रेस सरकार पर अंतरकलह से आया संकट फिलहाल टल गया है बजट पास होने और विधानसभा का सत्र खत्म होने से अब तीन महीने तक सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार को कोई खतरा नहीं है लेकिन यदि कांग्रेस हाईकमान ने इसका जल्द कोई ठोस हल नहीं निकाला तो भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति हो सकती हैं इसके लिए कांग्रेस को सुखविंदर को हटाने का निर्णय भी लेना पड़ सकता है। सूत्रों के मुताबिक यदि कांग्रेस हाईकमान कोई निर्णय लेता है और भविष्य में यदि मुख्यमंत्री बदले जाते है मुकेश अग्निहोत्री को मुख्यमंत्री और विक्रमादित्य सिंह को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है।