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हरियाणा में 4 खालिस्तानी आतंकी गिरफ्तार, IED सहित गोला बारूद बरामद, पाक में मौजूद रिंदा से सबंध उजागर

Police caught terrorist car

करनाल – हरियाणा पुलिस ने करनाल में एक कार से भारी मात्रा में आईईडी विस्फोटक बरामद किया है साथ ही इस गोला बारूद को ले जा रहे 4 खालिस्तानी आतंकवादियों को गिरफ्त में लिया हैं खास बात है यह चारों आरोपियों के तार पाकिस्तान से आतंकी गतिविधियां संचालित कर रहे बब्बर खालसा से जुड़े खालिस्तानी आतंकवादी सरगना हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा से जुड़े हैं।

करनाल पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि सड़क मार्ग से पंजाब की तरफ से कुछ लोग गोला बारूद विस्फोटक सामग्री ला रहे है पुलिस ने उस तरफ से आने वाले रास्तों पर कड़ी नाकेबंदी लगाई चेंकिंग के दौरान पुलिस को गुरुवार सुबह तड़के 4 बजे बसताड़ा टोल नाके पर एक संदिग्ध इनोवा वाहन आता दिखा दरियाफ्त करने पर कार में 20 से 22 साल की उम्र के चार युवक सबार थे गाड़ी की चेंकिंग करने पर पुलिस को उसमें रखे तीन कंटेनर मिले जिसमें ढाई से तीन किलो आईईडी सहित गोला बारूद और अन्य संदिग्ध सामग्री मिली। पुलिस ने तुरत फुरत बम विस्फोटक दस्ते को बुलाया और उससे यह विस्फोटक और अन्य संदिग्ध सामग्री वाहन से बाहर निकलवाई औऱ उसकी जॉच कराई। बताया जाता हैं मिला आईईडी काफी बड़े क्षेत्र में आतंकी गतिविधि को अंजाम दे सकता था।

पुलिस ने जब इन युवकों को पकड़ कर पूछताछ की तो मालूम हुआ यह विस्फोटक यह पंजाब से ला रहे थे और हरियाणा औऱ दिल्ली के रास्ते तेलंगाना के नांदेड़ ले जा रहे थे। पूछताछ में मालूम हुआ इनके नाम गुरूप्रीत अमनदीप भूपेंद्र औऱ परविंदर है और यह युवक पंजाब औऱ दिल्ली के रहने वाले हैं गहन पूछताछ करने पर पुलिस को जानकारी मिली कि यह चारों के तार बब्बर खालसा के खालिस्तानी आतंकवादी संगठन से जुड़े है और यह चारों युवक इस संगठन के सरगना हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा से संबंध रखते हैं पुलिस ने तलाशी में इनके पास से एक देशी पिस्टल 31 कारतूस और अन्य सामान जब्त किया हैं।

करनाल के पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया के मुताबिक जो आईईडी विस्फोटक और अन्य संदिग्ध सामग्री इनसे मिली है पुलिस उसकी जांच कर रही है साथ ही इस विस्फोटक को यह कहा ले जा रहे थे और उससे किस तरह की आतंकी गतिविधि को अंजाम देने वाले थे इसका पुलिस पता लगाएगी और आगे इनके सूत्र भारत मे और कहा जुड़े है उंसका भी पता लगाया जायेगा उन्होंने इनके व्दारा किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने से इंकार नहीं किया वही उससे पहले इनके पुलिस की गिरफ्त में आ जाने पर संतोष भी व्यक्त किया हैं।

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करनाल में एसडीएम पर कार्यवाही की मांग को लेकर हजारों किसान सड़कों पर उतरे, किया मिनी सचिवालय का घेराव

Farmers Protest at Border

करनाल – कृषि कानून को बापस लेने की मांग को लेकर आंदोलनरत किसान पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार आज हजारों की संख्या में करनाल की कृषि उपज मंडी पर इकट्ठा हुए किसानों की मांग है कि उनपर लाठी बरसाने वाले तत्कालीन एसडीएम आयुष सिंहा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने के साथ उन्हें बर्खास्त किया जाये। लेकिन सयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं औऱ प्रशासन के बीच तीन दौर की चर्चा हुई जो बेनतीजा रही इसके बाद किसान बेरीगेट्स तोड़कर आगे बढ़ते हुए नमस्ते चौक पहुंच गये और मिनी सचिवालय की और आगे बढ़े तो प्रशासन और किसानों के बीच टकराव की नौबत आ गई हैं। लेकिन बाद में पुलिस और प्रशासन ने कोई कार्यवाही नही की।

किसानों के आव्हान के बाद करनाल में प्रशासन ने धारा 144 लगा दी साथ ही इंटरनेट सेवा भी बंद करदी थी लेकिन इसके बावजूद किसान हज़ारों की संख्या में करनाल की कृषि उपज मंडी में इकट्ठा हो गये यह देखकर पुलिस और प्रशासन दबाब में आ गया और उसने मोर्चा नेताओं को बातचीत का न्यौता दिया, इस चर्चा में राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव बलवीर राजेवाल सहित 11 सदस्यीय किसान नेता शामिल हुए जिसमें किसानों ने मांग रखी कि तत्कालीन एसडीएम आयुष सिंहा के खिलाफ किसान की हत्या का मामला दर्ज करने के साथ उन्हें बर्खास्त करें लेकिन तीन दौर की बातचीत के बाद भी प्रशासन तैयार नही हुआ, इसके बाद किसानों के जत्थे मंडी से मिनी सचिवालय की ओर कूच करने लगे।

इधर किसानों में भारी गुस्सा देखा जा रहा है उनका कहना है कि किसानों के सिर फोड़ने का आदेश देने वाले प्रशासनिक अधिकारी ने नियमों और कानून की धज्जियां उड़ा दी क्योंकि किसी भी आंदोलन के दौरान सिर पर लाठी डंडे बरसाने का संविधान में हक़ नही है उनका कहना है जब तक ऑर्डर देने वाले एसडीएम को बर्खास्त करने के साथ उनपर किसान की हत्या का मामला दर्ज नही होता किसान पीछे हटने वाले नही है किसानों का यह भी कहना है कि जिस अधिकारी का डिमोशन होना चाहिये उसके उलट खट्टर सरकार उंसका प्रमोशन दे रही है साफ है खट्टर सरकार उन्हें शाबाशी देने का काम कर रही हैं। बताया जाता हैं आयुष सिंहा को प्रमोशन देकर चंड़ीगढ़ हेडक्वाटर में पदस्थ किया गया है जिसको लेकर किसानों में भारी गुस्सा हैं।

जब किसान भारी संख्या में मिनी सचिवालय की तरफ बढ़ रहे थे तो उन्हें जीटी रोड पर निर्मल कुटिया के पास रोका गया लेकिन जब बेरीगेट्स हटाकर किसान आगे बढ़े तो पुलिस ने उनपर वाटर कैनन का उपयोग किया पानी छोड़ने के बावजूद पुलिस और प्रशासन किसानों की तादाद ज्यादा होने से उन्हें रोकने में नाकामयाब रहे और किसान मिनी सचिवालय पर जा पहुंचे वहां राकेश टिकट योगेंद्र यादव सहित अन्य किसान नेताओं को रोका तो उन्होंने गिरफ्तार करने को कहा लेकिन भारी तादाद में किसानों की मौजूदगी और टकराव की संभावना के कारण उन्हें हिरासत में नही किया बाद में सभी किसान सचिवालय को घेरकर धरने पर बैठ गये किसान नेताओं का कहना है जब तक उनकी मांग पूरी नही होती वे धरने पर बैठे रहेंगे। इस दौरान पूरा क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील हो गया ।

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करनाल में आयोजित किसान महापंचायत में किसानों का हंगामा, सीएम खट्टर का विरोध

Opposition of CM Khattar in Karnal
  • करनाल में आयोजित किसान महापंचायत में किसानों का हंगामा,

  • सीएम खट्टर का विरोध

करनाल – हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को आज किसानों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा जिसके उन्हें चलते आज उन्हें कैमला गांव में होने वाली किसान महापंचायत का दौरा रद्द करना पड़ा। इस दौरान हुए हंगामे औऱ विरोध के दौरान पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया और वाटर केनन से पानी की बौछार करने के साथ आंसू गैस के गोले भी छोड़े लेकिन किसान काले झंडे लेकर कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार प्रदर्शन और नारेबाजी करते रहे।

आज करनाल के कैमला गांव में किसान कानूनों के बारे में समझाइश देने के लिये आज किसान महापंचायत का आयोजन होना था जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भी शामिल होना था, लेकिन उससे पहले कृषि कानूनों का विरोध कर रहे सैकड़ो किसान काले झंडे लेकर समारोह स्थल पर पहुंच गये और नारेबाजी करते हुए मंच पर कब्जा ही नही जमाया बल्कि वहां रखी कुर्सियां और अन्य फर्नीचर की तोडफ़ोड़ शुरू कर दी।

इस दौरान वहां मौजूद पुलिस बल ने उन्हें रोकने की जब कोशिश की तो दोनों के बीच तीखी झड़प हो गई किसानों के हंगामें को रोकने और बढ़ती संख्या को तितर बितर करने के लिये पुलिस कर्मियों ने उनपर लाठीचार्ज शुरू कर दिया जिससे अफरा तफरी फैल गई लेकिन किसान लगातार अपना विरोध दर्ज कराते रहे इस बीच कुछ आंदोलनकारी किसान पास ही मुख्यमंत्री के लिये बनाये हेलीपेड पर जा पहुंचे और वहां की जमीन को खोद डाला। इस बीच भारी पुलिस बल वहां आ पहुंचा और पुलिस ने किसानों पर वाटर केनन से पानी की बौछार शुरू कर दी और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। लेकिन किसान लगातार कृषि कानूनों को रद्द करने को लेकर नारेबाजी करते रहे।

बताया जाता है कैमला गांव में होने वाली किसान महापंचायत में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर स्थानीय ग्रामीणों को कृषि बिल के फायदे बताने जा रहे थे लेकिन किसानों के हंगामा करने की खबर के बाद मुख्यमंत्री ने अपना दौरा रद्द कर दिया है।

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