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हरियाणा

गुरुग्रामहरियाणा

वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनेतिक चिंतक डॉ वेदप्रकाश वैदिक नही रहे, देश की पत्रकारिता की अपूर्णीय क्षति- अंतिम संस्कार आज

Senior Journalist Dr VedPrakash

गुरुग्राम/ देश के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेदप्रताप वैदिक अब इस दुनिया में नहीं रहे। 78 साल की उम्र में उनका निधन हो गया थे। इस तरह देश के एक राजनेतिक चिंतक और हिंदी भाषा के नए आयाम स्थापित करने वाला व्यक्तित्व हमें छोड़कर अनंत में समा गया।

बताया गया है कि मंगलवार सुबह वे गुरुग्राम स्थित अपने घर में नहाने गए थे, लेकिन काफी देर तक बाथरूम से बाहर नहीं आए। सुबह करीब साढ़े नौ बजे परिवार के लोगों ने दरवाजा तोड़ा, तब वे अंदर बेसुध मिले। इसके बाद उन्हें घर के पास स्थित प्रतीक्षा अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने उनका परीक्षण कर बताया कि उनका निधन काफी देर पहले ही हो चुका है। संभवत उनका निधन हार्ट अटैक की बजह से हो गया। उनके परिवार में एक बेटा और बेटी है उनका अंतिम संस्कार आज शाम 4 बजे लोदी विश्राम घाट पर होगा। डॉ. वैदिक का जन्म मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था।

डॉ. वैदिक पत्रकारिता के साथ एक राजनीतिक चिंतन और हिंदी भाषा को स्थायित्व देने के प्रबल समर्थक थे उन्होंने अंतरराष्ट्रीय राजनीति, और हिंदी के क्षेत्र में लंबे समय तक काम किया। डॉक्टर वैदिक अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार तो थे ही बल्कि उनकी रुसी, फारसी, जर्मन और संस्कृत भाषा पर भी खासी पकड़ रही। आप प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया की हिंदी समाचार एजेंसी “भाषा” के संस्थापक संपादक के रूप से जुड़े थे। डॉक्टर वैदिक ने धर्मयुग जैसी पत्रिका को चलाने का बीड़ा उठाया। एक वरिष्ठ पत्रकार के मुताबिक श्री वैदिक जी कभी किसी चुनोती से पीछे नहीं हटे वह बेहद जुझारू प्रवत्ति के थे वे नियमित लेखन करते थे और एक साथ करीब डेढ़ सौ अखबारों के लिए कॉलम लिखना उन्ही के बस का था। खास बात है उनके किसी से भी संबंध कभी नही बिगड़े उसका कारण था वह किसी के विचारों से असहमत हो सकते थे लेकिन मन में उसके प्रति कभी दुर्भावना नही पालते थे। वरिष्ठ पत्रकार के मुताबिक वे निश्चल थे और सादगी से भरे सभी से प्रेम से बात करते थे और वह ईमानदार चरित्रवान और संस्कारवान व्यतित्व के धनी थे साथ ही वह व्यक्तिगत मदद के लिए सदेव तत्पर रहते थे।उनके मुताबिक वैदिकजी के निधन से भारतीय पत्रकारिता साहित्य और समाज की एक अपूर्णीय क्षति हुई है।

डॉ. वैदिक नेे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज’ से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। जेएनयू में उन्होंने इसके लिए संघर्ष भी किया कि अपने शोध पत्र मैं हिंदी में लिखूंगा और अंत में उनकी यह बात मानी भी गई। लेकिन उन्हे अंग्रेजी या अन्य भारतीय भाषाओं से कोई विरोध नहीं था वे भारत के ऐसे पहले विद्वान हैं, जिन्होंने अपना अंतरराष्ट्रीय राजनीति का शोध-ग्रंथ हिंदी में लिखा। उन्होंने अपनी पीएचडी के शोधकार्य के दौरान न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी, मॉस्को के ‘इंस्तीतूते नरोदोव आजी’, लंदन के ‘स्कूल ऑफ ओरिंयटल एंड अफ्रीकन स्टडीज़’ और अफगानिस्तान के काबुल विश्वविद्यालय में अध्ययन और शोध किया।

देश के मूर्धन्य पत्रकार डॉ. वेदप्रताप वैदिक के असामयिक निधन पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने गहरा दुःख व्यक्त किया है।उन्होंने कहा कि प्रदेश के व्यावसायिक शहर इंदौर ने देश को तीन बड़े पत्रकार दिए जिनमे सबसे पहिले श्री राजेन्द्र माथुर का निधन हुआ,फिर श्री प्रभाष जोशी नही रहे और आज डॉ. वैदिक भी हमारे बीच से चले गए। इस तरह यह हमारे प्रदेश और देश के साथ पत्रकारिता जगत के लिए एक अपूर्णीय क्षति है उन्होंने ईश्वर से उनके परिवार को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना की है।

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गुरुग्रामदेशहरियाणा

समाजवादी आंदोलन के प्रमुख नेता और जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव नहीं रहे, 75 साल की उम्र में अंतिम सांस ली

Sharad Yadav

गुरुग्राम/ समाजवादी आंदोलन के प्रमुख नेता और स्तंभ रहे जनता दल यूनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव 75 साल की उम्र में नही रहे इलाज के दौरान उन्होंने गुरुग्राम के अस्पताल में अंतिम सांस ली पिछले कई दिनो से उनकी तबियत खराब थी उनकी बेटी ने ट्वीट कर जानकारी दी कि “पापा नही रहे”।

देश के जाने माने समाजवादी नेता शरद यादव की पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और इस दौरान वे गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती थे जहां आज रात उन्होंने अंतिम सांस ली, उनकी बेटी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।

समाजवादी नेता शरद यादव लोहिया से प्रभावित थे और वे सामाजिक न्याय के प्रणेता और शोषितो वंचितों की आवाज उठाने वाले प्रखर पुरोधा थे जेपी आंदोलन में भी वह शामिल रहे, वे अपनी साफगोई और सादगी के लिए जाने जाते थे। वे नीतीश यादव के राजनेतिक गुरु कहे जाते थे। खास था मध्यप्रदेश में पैदा होने के बावजूद उनका अधिकांश राजनेतिक कार्यक्षेत्र बिहार रहा।

शरद यादव का जन्म मध्यप्रदेश के होशंगाबाद में 1 जुलाई 1947 को हुआ था और वह एकमात्र ऐसे नेता थे जो मध्यप्रदेश उत्तर प्रदेश और बिहार तीन राज्यों से लोकसभा का चुनाव जीतकर सांसद बने वह 7 बार सांसद बने 1974 में पहली बार शरद यादव सांसद बने थे। जबकि वह तीन बार राज्यसभा के सदस्य बने। शरद यादव वीपी सिंह और अटल बिहारी बाजपेई की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे थे। 1997 में वह जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला सहित अनेक नेताओं ने शरद यादव के निधन पर शोक जताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है।

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हरियाणा

हरियाणा के नूंह में खनन माफिया ने डीएसपी पर डम्फर चढ़ाया, कुचलने से मौके पर ही मौत

DSP Surendra Singh

नूंह (मेवात) / हरियाणा राज्य के नूंह में अवैध खनन रोकने के लिए गए डीएसपी को खनन माफिया ने डंफर वाहन से कुचलकर मार डाला और फरार हो गए। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश कर रही है जबकि हरियाणा के गृहमंत्री ने कहा खनन माफिया पर कड़ी कार्यवाही होगी किसी को बख्शा नहीं जायेगा।

बताया जाता है मेवात के नूंह जिले के तावडू इलाके में उप पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात सुरेंद्र सिंह को अवैध माइनिंग की खबर मिली थी आज 12 बजे वह पुलिस बल लेकर तावडू के पचगांव के पास पहाड़ी पर छापामार कार्यवाही कर अवेध खनन रोकने और आरोपियों को पकड़ने गए थे डीएसपी एक डंफर वाहन जिसमें अवेध रूप से खनन की हुई गिट्टी लदी थी जब उसकी जब्ती कार्यवाही कर रहे थे तभी खनन माफिया का इशारा पाकर उसके गुर्गे ने डी एस पी सुरेंद्र सिंह जो वाहन के आगे खड़े थे अचानक उनपर डम्फर चढ़ा दिया और उन्हे कुचल दिया जिससे डीएसपी की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। घटना के बाद खनन माफिया और उसके साथी फरार हो गए।

जानकारी मिलने पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और भारी पुलिस बल घटना स्थल पहुंचा और पुलिस ने डीएसपी के शव को पीएम के लिए भेजकर खनन माफिया के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों को पकड़ने के लिए नाकेबंदी के साथ जगह जगह तलाशी अभियान शुरू कर दिया हैं। पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक ड्यूटी के दीवान शहीद हुए डी एसपी के आरोपियों को पकड़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जायेगी उन्हे न्याय जरूर दिलाया जाएगा।बताया जाता है डी एस पी सुरेंद्र सिंह इसी साल रिटायर्ड होने वाले थे

हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने शहीद डीएसपी सुरेंद्र सिंह के परिजनों के प्रति शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि आरोपियों को पकड़ने के लिए हमें जितनी भी फोर्स लगाना पड़े लगाएंगे किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा।

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कुरुक्षेत्र

तेजेंदर बग्गा की गिफ्तारी को लेकर बीजेपी और आप आमने सामने, पंजाब पुलिस ने किया गिरफ्तार, हरियाणा ने छुड़ाकर दिल्ली पुलिस को सौंपा

Tajinder Bagga Arrested

कुरुक्षेत्र – बीजेपी नेता तेजेंदर पाल सिंह बग्गा की पंजाब पुलिस व्दारा गिरफ्तारी के बाद बबाल हो गया, दिल्ली पुलिस उसे पंजाब पुलिस से छीनकर दिल्ली ले आई जिसमें उंसका साथ हरियाणा पुलिस ने दिया। यह एक तरह का तमाशा जैसा दिखा क्योंकि एक पप्रांत की पुलिस दूसरे के खिलाफ खड़ी हो गई ।लेकिन साफ लगा बीजेपी और आप की सियासी जंग में बेचारी पुलिस बेवजह पिस रही हैं। साथ ही यह कहावत भी चरितार्थ हुई जिसकी लाठी उसी की भैंस।

शूक्रवार सुबह पंजाब की मोहाली पुलिस दिल्ली पहुंची थी और वह बीजेपी नेता तेजेंदर बग्गा को गिरफ्तार कर उसे अपने साथ लेकर पंजाब की तरफ रवाना हुई वह दिल्ली से निकल कर हरियाणा के बॉर्डर में प्रवेश कर गई इस बीच बग्गा के पिता ने दिल्ली के जनकपुरी थाने पहुंचकर अपने बेटे के अपहरण का आरोप लगाते हुए जनकपुरी थाने में शिकायत दर्ज करा दी

उसके बाद दिल्ली पुलिस तुरंत एक्टिव हो गई और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने हरियाणा पुलिस को पूरी जानकारी देते हुए पंजाब पुलिस के काफिले को रोकने को कहा।

जब तक पंजाब पुलिस बग्गा को लेकर हरियाणा के पंजाब से लगे बॉर्डर कुरूक्षेत्र तक जा पहुंची थी और हरियाणा पुलिस ने उसे अपने इलाके में रोक लिया और सभी को सदर थाने ले आई इसके बाद दिल्ली पुलिस भी वहां पहुंच गई और उसने अपने यहां किडनैपिंग की दर्ज एफआईआर के आधार पर बग्गा को अपनी कस्टडी में ले लिया औऱ हरियाणा पुलिस ने भी बग्गा को दिल्ली पुलिस को सोपने में कोई देरी नही की। खास बात है दिल्ली पुलिस ने पंजाब पुलिस के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया हैं।

पंजाब पुलिस बीजेपी नेता जोगिंदर बग्गा को किस आरोप में गिरफ्तार करने दिल्ली आई थी तो बतादे बग्गा पर आरोप है उंसने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ट्यूटर पर काफी विवादित और अशोभनीय टिप्पणिया की साथ ही आपराधिक धमकी भी दी उसपर आरोप है कि उसने अपने बयान और भाषणों में उनपर झूठे काफी गंभीर आरोप लगाये जिनके वीडियो भी वायरल हुए थे । इसको लेकर आप के नेता सन्नी सिंह ने बग्गा के खिलाफ पंजाब के मोहाली स्थित साइबर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसी एफआईआर में बग्गा की पंजाब पुलिस ने गिरफ्तारी की।

इधर पंजाब पुलिस के एसपी का कहना है अप्रेल माह में बग्गा के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था उसके बाद इन्हें हाजिर होने और अपने बयान दर्ज कराने के लिये कई नोटिस जारी हुए है लेकिन यह नही आये जबकि कोर्ट में मामला चल रहा हैं और कानून के मुताबिक ही पुलिस कार्यवाही कर रही हैं।

एक नियम है जिसके तहत दूसरे राज्य में कार्यवाही करने से पूर्व संबंधित पुलिस थाने को कार्यवाही करने वाली स्टेट की पुलिस को खबर देना होती हैं लेकिन दिल्ली पुलिस का पंजाब पुलिस पर आरोप है कि वह बिना सूचना दिये बग्गा को गिरफ्तार कर लेजा रही थी। जबकि पंजाब पुलिस के एसपी का कहना है कि उसने संबंधित थाने के एसएचओ को कार्यवाही से पूर्व मेसेज किया था और पूरे घटनाक्रम की वीडियोग्राफी भी कराई हैं।

सोचनीय पहलू है कि दो राजनीतिक पार्टियों बीजेपी और आप के बीच छिड़ी सियासी जंग के नतीजे के रूप में यह सारा नाटकीय घटनाक्रम सामने आया है, जिसमें तीन राज्यों की पुलिस चकरघिन्नी हो गई और एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रही हैं।

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करनालहरियाणा

हरियाणा में 4 खालिस्तानी आतंकी गिरफ्तार, IED सहित गोला बारूद बरामद, पाक में मौजूद रिंदा से सबंध उजागर

Police caught terrorist car

करनाल – हरियाणा पुलिस ने करनाल में एक कार से भारी मात्रा में आईईडी विस्फोटक बरामद किया है साथ ही इस गोला बारूद को ले जा रहे 4 खालिस्तानी आतंकवादियों को गिरफ्त में लिया हैं खास बात है यह चारों आरोपियों के तार पाकिस्तान से आतंकी गतिविधियां संचालित कर रहे बब्बर खालसा से जुड़े खालिस्तानी आतंकवादी सरगना हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा से जुड़े हैं।

करनाल पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि सड़क मार्ग से पंजाब की तरफ से कुछ लोग गोला बारूद विस्फोटक सामग्री ला रहे है पुलिस ने उस तरफ से आने वाले रास्तों पर कड़ी नाकेबंदी लगाई चेंकिंग के दौरान पुलिस को गुरुवार सुबह तड़के 4 बजे बसताड़ा टोल नाके पर एक संदिग्ध इनोवा वाहन आता दिखा दरियाफ्त करने पर कार में 20 से 22 साल की उम्र के चार युवक सबार थे गाड़ी की चेंकिंग करने पर पुलिस को उसमें रखे तीन कंटेनर मिले जिसमें ढाई से तीन किलो आईईडी सहित गोला बारूद और अन्य संदिग्ध सामग्री मिली। पुलिस ने तुरत फुरत बम विस्फोटक दस्ते को बुलाया और उससे यह विस्फोटक और अन्य संदिग्ध सामग्री वाहन से बाहर निकलवाई औऱ उसकी जॉच कराई। बताया जाता हैं मिला आईईडी काफी बड़े क्षेत्र में आतंकी गतिविधि को अंजाम दे सकता था।

पुलिस ने जब इन युवकों को पकड़ कर पूछताछ की तो मालूम हुआ यह विस्फोटक यह पंजाब से ला रहे थे और हरियाणा औऱ दिल्ली के रास्ते तेलंगाना के नांदेड़ ले जा रहे थे। पूछताछ में मालूम हुआ इनके नाम गुरूप्रीत अमनदीप भूपेंद्र औऱ परविंदर है और यह युवक पंजाब औऱ दिल्ली के रहने वाले हैं गहन पूछताछ करने पर पुलिस को जानकारी मिली कि यह चारों के तार बब्बर खालसा के खालिस्तानी आतंकवादी संगठन से जुड़े है और यह चारों युवक इस संगठन के सरगना हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा से संबंध रखते हैं पुलिस ने तलाशी में इनके पास से एक देशी पिस्टल 31 कारतूस और अन्य सामान जब्त किया हैं।

करनाल के पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया के मुताबिक जो आईईडी विस्फोटक और अन्य संदिग्ध सामग्री इनसे मिली है पुलिस उसकी जांच कर रही है साथ ही इस विस्फोटक को यह कहा ले जा रहे थे और उससे किस तरह की आतंकी गतिविधि को अंजाम देने वाले थे इसका पुलिस पता लगाएगी और आगे इनके सूत्र भारत मे और कहा जुड़े है उंसका भी पता लगाया जायेगा उन्होंने इनके व्दारा किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने से इंकार नहीं किया वही उससे पहले इनके पुलिस की गिरफ्त में आ जाने पर संतोष भी व्यक्त किया हैं।

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करनालहरियाणा

करनाल में एसडीएम पर कार्यवाही की मांग को लेकर हजारों किसान सड़कों पर उतरे, किया मिनी सचिवालय का घेराव

Farmers Protest at Border

करनाल – कृषि कानून को बापस लेने की मांग को लेकर आंदोलनरत किसान पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार आज हजारों की संख्या में करनाल की कृषि उपज मंडी पर इकट्ठा हुए किसानों की मांग है कि उनपर लाठी बरसाने वाले तत्कालीन एसडीएम आयुष सिंहा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने के साथ उन्हें बर्खास्त किया जाये। लेकिन सयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं औऱ प्रशासन के बीच तीन दौर की चर्चा हुई जो बेनतीजा रही इसके बाद किसान बेरीगेट्स तोड़कर आगे बढ़ते हुए नमस्ते चौक पहुंच गये और मिनी सचिवालय की और आगे बढ़े तो प्रशासन और किसानों के बीच टकराव की नौबत आ गई हैं। लेकिन बाद में पुलिस और प्रशासन ने कोई कार्यवाही नही की।

किसानों के आव्हान के बाद करनाल में प्रशासन ने धारा 144 लगा दी साथ ही इंटरनेट सेवा भी बंद करदी थी लेकिन इसके बावजूद किसान हज़ारों की संख्या में करनाल की कृषि उपज मंडी में इकट्ठा हो गये यह देखकर पुलिस और प्रशासन दबाब में आ गया और उसने मोर्चा नेताओं को बातचीत का न्यौता दिया, इस चर्चा में राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव बलवीर राजेवाल सहित 11 सदस्यीय किसान नेता शामिल हुए जिसमें किसानों ने मांग रखी कि तत्कालीन एसडीएम आयुष सिंहा के खिलाफ किसान की हत्या का मामला दर्ज करने के साथ उन्हें बर्खास्त करें लेकिन तीन दौर की बातचीत के बाद भी प्रशासन तैयार नही हुआ, इसके बाद किसानों के जत्थे मंडी से मिनी सचिवालय की ओर कूच करने लगे।

इधर किसानों में भारी गुस्सा देखा जा रहा है उनका कहना है कि किसानों के सिर फोड़ने का आदेश देने वाले प्रशासनिक अधिकारी ने नियमों और कानून की धज्जियां उड़ा दी क्योंकि किसी भी आंदोलन के दौरान सिर पर लाठी डंडे बरसाने का संविधान में हक़ नही है उनका कहना है जब तक ऑर्डर देने वाले एसडीएम को बर्खास्त करने के साथ उनपर किसान की हत्या का मामला दर्ज नही होता किसान पीछे हटने वाले नही है किसानों का यह भी कहना है कि जिस अधिकारी का डिमोशन होना चाहिये उसके उलट खट्टर सरकार उंसका प्रमोशन दे रही है साफ है खट्टर सरकार उन्हें शाबाशी देने का काम कर रही हैं। बताया जाता हैं आयुष सिंहा को प्रमोशन देकर चंड़ीगढ़ हेडक्वाटर में पदस्थ किया गया है जिसको लेकर किसानों में भारी गुस्सा हैं।

जब किसान भारी संख्या में मिनी सचिवालय की तरफ बढ़ रहे थे तो उन्हें जीटी रोड पर निर्मल कुटिया के पास रोका गया लेकिन जब बेरीगेट्स हटाकर किसान आगे बढ़े तो पुलिस ने उनपर वाटर कैनन का उपयोग किया पानी छोड़ने के बावजूद पुलिस और प्रशासन किसानों की तादाद ज्यादा होने से उन्हें रोकने में नाकामयाब रहे और किसान मिनी सचिवालय पर जा पहुंचे वहां राकेश टिकट योगेंद्र यादव सहित अन्य किसान नेताओं को रोका तो उन्होंने गिरफ्तार करने को कहा लेकिन भारी तादाद में किसानों की मौजूदगी और टकराव की संभावना के कारण उन्हें हिरासत में नही किया बाद में सभी किसान सचिवालय को घेरकर धरने पर बैठ गये किसान नेताओं का कहना है जब तक उनकी मांग पूरी नही होती वे धरने पर बैठे रहेंगे। इस दौरान पूरा क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील हो गया ।

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रेवाड़ीहरियाणा

रेवाड़ी की फिदेड़ी जेल से 13 कोरोना संक्रमित कैदी फरार

Jail Break

रेवाड़ी – हरियाणा के रेवाड़ी जिले की फिदेड़ी जेल से 13 कैदी बैरक की ग्रिल काटकर फरार हो गये खास बात है यह सभी कैदी कोरोना संक्रमित हैं लेकिन इस घटना ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सबालिया निशान लगा दिये है जबकि इन कैदियों को पकड़ने के लिये 5 टीमें गठित की गई हैं।

हरियाणा की इस फिदेड़ी जेल को करीब एक सप्ताह पहले प्रदेश के कोरोना संक्रमित कैदियों के लिये आरक्षित घोषित किया गया था जिसके तहत इस जेल में 450 कोविड 19 से संक्रमित कैदियों को रखा गया। रविवार की सुबह जब जेल प्रशासन ने इन कैदियों की गिनती की तो 13 कैदी कम पाये गये जिससे जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया और तुरत फुरत इन मरीजों की खोजबीन शुरू की गई जब बैरकों का मुआयना किया गया तो एक बैरक की लोहे की ग्रिल कटी पाई गई साफ था कि जिसके रास्ते जगह बनाकर यह कैदी फरार हुए, बाद में जिला एवं पुलिस प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई रेवाड़ी एसपी ने खुद मौके का जायजा भी लिया।

बताया जाता है यह सभी 13 कोरोना संक्रमित कैदी रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ जिलों के रहने वाले थे और इन पर हत्या, हत्या की कोशिश डकैती लूट चोरी जैसे संगीन मामले थे जिसके तहत यह जेल में बंद थे और सजा भोग रहे थे।

फिलहाल पुलिस और प्रशासन ने इन संक्रमित कैदियों की धर पकड़ के लिये अलग अलग 5 टीमें गठित कर दी है जो लगातार छापेमार कार्यवाही कर इन भगोड़े कैदियों को गिरफ्त में लेने की कोशिशों में जुट गई है।

लेकिन कैदियों के फरार होने की इस घटना ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है अचरज की बात है कि कैदियों ने बैरक की लोहे की ग्रिल काट ली और फरार भी हो गये और जेल के सुरक्षा प्रहरियों को कानो कान खबर नही हो पाई वही सबाल यह भी उठता है कि कैदियों के पास ग्रिल काटने के औजार कहा से आये और जेल के अंदर उन्हें किसने उपलब्ध कराये यह भी जांच का विषय है।

लेकिन यदि इन कैदियों को शीघ्र नही पकड़ा जाता तो यह अन्य जगहों पर लोगो में कोरोना फैलाने के संवाहक बन सकते है जो बड़ा ही चिंतनीय पहलू तो है ही बल्कि प्रशासन के सामने भी एक चुनोती हैं।

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गुरुग्रामदेशहरियाणा

आरएलडी प्रमुख एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह नही रहे, कोरोना के चलते 82 साल की उम्र में निधन

Chaudhari Ajit Singh

गुरुग्राम – राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजीत सिंह का कोरोना से पीड़ित होने के बाद निधन हो गया गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में 82 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली।

पिछले दिनों कोरोना संक्रमित होने के बाद 24 अप्रेल को चौधरी अजीत सिंह को गुरुग्राम के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था उनके फेफड़ों में संक्रमण और निमोनिया होने से पिछले दो दिनों से उनकी हालत नाजुक थी जिसके चलते गुरुवार को सुबह उनका निधन हो गया। उनके बेटे और आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने उनके निधन की सोशल मीडिया पर जानकारी शेयर की है।

देश के प्रमुख जाट और किसान नेताओं में शुमार चौधरी अजीत सिंह का जन्म 12 फरवरी 1939 को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ था लखनऊ यूनिवर्सिटी और iit खड़गपुर से शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने 17 साल अमेरिका में नौकरी की सन 1980 में वह भारत लौटे और अपने पिता चौधरी चरणसिंह की विरासत में मिली राजनीतिक पार्टी लोक दल से जुड़े और उसे सक्रिय करने में जुट गये।

चौधरी अजीत सिंह देश के बड़े जाट और किसान नेता रहे और उनका औऱ उनके दल राष्ट्रीय लोक दल का पश्चिम उत्तर प्रदेश में खासा दबदबा रहा 1986 में पहली बार वे राज्यसभा सदस्य बने और 7 बार वे पश्चिम उत्तर प्रदेश से सांसद रहे, 89-90 में वे विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे , उंसके बाद 1990 में चौधरी अजीत सिंह कांग्रेस में शामिल हो गये और 1996 में कांग्रेस सांसद रहे और पीवी नरसिम्हाराव की सरकार में मंत्री भी रहे। पिछले दो लोकसभा औऱ विधानसभा के चुनावों में राष्ट्रीय लोक दल की पकड़ ढीली हुई और 2019 के लोकसभा चुनाव में चौधरी अजीत सिंह अपने क्षेत्र बागपत और उनके बेटे जयंत चौधरी मथुरा से चुनाव हार गये।

आरएलडी प्रमुख एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक संवेदनाएं व्यक्त कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बसपा अध्यक्ष मायावती ने भी चौधरी अजीत सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

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हरियाणा

रोहतक में कुश्ती के नेशनल प्लेयर सहित पांच पहलवानों की गोलियों से भूनकर निर्मम हत्या, बेटा अन्य तीन घायल

  • रोहतक में कुश्ती के नेशनल प्लेयर सहित पांच पहलवानों की गोलियों से भूनकर निर्मम हत्या, बेटा अन्य तीन घायल

रोहतक – हरियाणा राज्य के रोहतक में एक कुश्ती के राष्ट्रीय खिलाड़ी उसकी पत्नी सहित 5 पहलवानों की गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गई हमलावरों ने खिलाड़ी दंपति के मासूम बेटे को भी नही बख्शा जो गंभीर अवस्था में जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहा हैं। बताया जाता है यह हमला पुरानी रंजिश को लेकर किया गया जिसमें एक कुश्ती के कोच का नाम सामने आया हैं।

शुक्रवार की शाम इस खूनी वारदात को अंजाम दिया गया रोहतक में कुश्ती के नेशनल खिलाड़ी रहे दंपत्ति मंनोज और साक्षी जब अपने स्कूल के अखाड़े में थे और अपने शिष्यों को कुश्ती के दांवपेंच सीखा रहे थे तभी एकाएक हथियारों से लैस हमलावर अखाड़े में घुसे और पहलवान दंपति पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाना शुरू कर दी इस बीच वहां पहलवानी सीख रहे युवक युवतियों ने बीच मे उन्हें रोकने की कोशिश की तो बेरहम हमलावरों ने उनको भी भून दिया इस फायरिंग में नेशनल प्लेयर रहे मंनोज उनकी पत्नी साक्षी और उनके शिष्य सतीश दलाल प्रदीप मलिक उर्फ फौजी पूजा की मौत हो गई।

इस घटना में तीन अन्य शिष्य घायल हो गये है जिनका स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा हैं खास बात रही कि बदमाशों ने पहलवान दंपत्ति के तीन साल के बेटे को भी नही छोड़ा उसे भी जान से मारने में कसर नही छोड़ी जो गंभीर रूप से घायल है और फिलहाल वेंटीलेटर पर हैं।

रोहतक पुलिस के मुताबिक मामला पुरानी रंजिश का है जिसमें कुश्ती से ही जुड़े एक कोच सुखविंदर का नाम सामने आया है और पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही हैं।

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हरियाणा

जींद में हुई किसान महापंचायत भारी संख्या में किसान शामिल राकेश टिकैत भी रहे मौजूद, 5 प्रस्ताव पारित

Farmers Protest at Jind District
  • जींद में हुई किसान महापंचायत भारी संख्या में किसान शामिल राकेश टिकैत भी रहे मौजूद, 5 प्रस्ताव पारित

जींद – हरियाणा के जींद क्षेत्र में आज किसान महापंचायत सम्पन्न हुई जिसमें अनेक खाप पंचायतों के हजारों किसान शामिल हुए और सभी ने एक सुर से कृषि कानूनों को बापस लेने की मांग की इस महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत सहित कई प्रमुख किसान नेता भी मौजूद थे। इस महापंचायत में किसान कानूनों को रद्द करने की मांग के साथ पांच प्रस्ताव भी पास किये गये।

हरियाणा प्रांत के जींद डिस्टिक के कंडाला में आज किसान महा पंचायत का आयोजन हुआ जिसमें हरियाणा सहित आसपास के अन्य प्रदेशों की खाप पंचायतो के हजारों किसान शामिल हुए इसमें भारी तादाद में महिलाएं भी मौजूद रही खास बात रही कि इस महापंचायत में अन्य किसान नेताओं के साथ राकेश टिकैत भी शामिल हुए और उनसे मिलने और उनकी एक झलक पाने किसानों में भारी उत्साह देखा गया इस दौरान राजनीतिक पार्टियों के नेता भी आये लेकिन उन सभी को मंच की बजाय नीचे बिछी जाजम पर बैठने को मिला।

किसान महापंचायत में 5 प्रस्ताव भी पास हुए जिसमें पहला प्रस्ताव कृषि कानूनों को सरकार अविलम्ब बापस ले, दूसरा एमएसपी को वैधानिक दर्जा दिया जाये, तीसरा किसानों की कर्ज माफी हो ,चौथा स्वामीनाथन रिपोर्ट शीघ्र लागू हो और पांचवा और अंतिम प्रस्ताव 26 जनवरी को पकड़े गये किसान रिहा किये जाने के साथ उनके ट्रैक्टरों को।छोड़ा जाये।

इस मौके पर राकेश टिकैत ने सभा मे सभी से एकजुट होकर किसान आंदोलन में सहयोग और अपना समर्थन देने की मांग की और कहा कि हमारे और हमारे परिवार को सुरक्षित रखने के लिये यह कृषि कानून रद्द होना जरूरी हैं।

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