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श्रीलंका बना टी 20 का एशिया चैंपियन, फायनल में पाकिस्तान को 23 रन से हराया, छठी बार बना एशिया का सिरमोर

Asia Cup 2022 Champion SriLanka

दुबई / एशिया कप क्रिकेट 2022 का चैंपियन श्रीलंका बना रविवार को खेले गए फायनल मैच में उसने पाकिस्तान को 23 रन से पराजित कर दिया श्रीलंका ने 2014 के बाद फिर फायनल में जीत हासिल की है इस तरह छठी बार उसने एशिया कप जीता है। उसकी जीत में जहां भानूका राजपक्षे की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी (71 रन, 3 छक्के ) काम आई वही वानंदु हसरंगा द्वारा फेका गया खेल का 17 ओवर टर्निग पॉइंट साबित हुआ जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के तीन विकेट लिए श्रीलंका के तेज गैंदबाज मधुशन सबसे सफल रहे उन्होंने पाकिस्तान के 4 बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा।

पाकिस्तान ने टॉस जीतकर श्रीलंका को पहले बल्लेबाजी करने का न्योता दिया, श्रीलंका पावर प्ले के 6 ओवर में 3 विकेट खोकर केवल 42 रन ही बना सका था लेकिन निर्धारित 20 ओवर में 170 रन बनाए ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर सबसे अधिक भानुका राजपक्षे ने 71 रन (45 बॉल) की पारी खेली इसके अलावा धनंजय डिसिल्वा ने 28 रन और बाद में वानंदु हसरंगा ने तेज 36 रन (21 बॉल) का योगदान दिया इस तरह श्रीलंका ने 6 विकेट खोकर 170 बनाए और पाकिस्तान को जीत के लिए 171 रन बनाने का लक्ष्य दिया।

कप्तान बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान ओपन करने मैदान पर उतरे लेकिन पाकिस्तान को शुरुआत में प्रमोद मदूशन ने अपने पहले ही ओवर में एक साथ दो झटके दिए पहले उन्होंने बाबर आजम का विकेट लिया फिर अगली बॉल पर ही फखर जमाल को चलता किया और पाकिस्तान का स्कोर 2 विकेट पर 22 रन हो गया उसके बाद इफ्तिखार अहमद रिजवान का साथ देने आए लेकिन जब पाकिस्तान स्कोर 93 रन था तो इफ्तिखार 32 रन बनाकर आउट हो गए इसके बाद पाकिस्तान सम्हल नही सका और रही सही कसर 17 वे ओवर में एक साथ तीन विकेट लेकर स्पिनर वानंदू हसारंगा ने पूरी कर दी उन्होंने पहले अच्छा खेल रहे रिजवान (55 रन ) को आउट किया और इसी ओवर में आसिफ अली और खुशदिल को आउट कर दिया अब पाकिस्तान को 3 ओवर में 59 रन बनाना थे लेकिन एक के बाद एक करके 147 रन पर उसकी पूरी टीम आउट हो गई इस तरह श्रीलंका ने 23 रन से यह फाइनल मैच जीत लिया और वह एशिया कप क्रिकेट 2022 का चैंपियन बन गया।

श्रीलंका के तेज गैंदबाज मधुशन सबसे अधिक सफल रहे उन्होंने 27 रन देकर पाकिस्तान के 4 विकेट चटकाए जबकि हसरंगा ने 3 विकेट लिए।

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विदेशश्रीलंका

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे पहुंचे सिंगापुर, इस्तीफा दिया, श्रीलंका में जश्न, सेना ने सम्हाला मोर्चा, 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति का चुनाव

Srilanka Gotabaya Rajapaksa

कोलंबो / राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे मालदीव के बाद अब सिंगापुर पहुंच गए है लेकिन वहां के विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि उन्होंने राजपक्षे को शरण नही दी हैं लेकिन उनके इस्तीफा देने के बाद श्रीलंका में जश्न मनाया जा रहा है और स्थिति में भी सुधार आता जा रहा है जबकि अब सेना ने मोर्चा संभाल लिया हैं। जबकि अंतरिम राष्ट्रपति बने रानील विक्रमसिंघे पर भी इस्तीफे का दबाव हैं। जबकि सर्वदलीय बैठक में 19 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन और 20 जुलाई को चुनाव की तारीख सर्वसम्मति से तय की गई हैं।

श्रीलंका की जनता के गुस्से का शिकार राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे रात के अंधेरे में देश छोड़कर मालदीव जा पहुंचे थे उसके बाद गुरुवार को एक निजी विमान से मालदीव से सिंगापुर जा पहुंचे। उसके बाद खुद को सुरक्षित समझकर राजपक्षे ने श्रीलंका के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया और ई मेल के जरिए एक पत्र भी स्पीकर महिंदा थापा अभयवर्धने को भेज दिया उन्होंने राजपक्षे का इस्तीफा मिलने की पुष्टि भी कर दी हैं।

खास बात है प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे को श्रीलंका का अंतरिम राष्ट्रपति बनाया गया है लेकिन उनको भी लोग इस पद पर नही चाहते जिसके कारण उनपर भी इस पद से इस्तीफा देने दबाव बन रहा है। जबकि राजपक्षे के इस्तीफे के बाद स्पीकर के साथ आज विपक्षी दलों की बैठक हुई जिसमें नए राष्ट्रपति के चुनाव पर आम सहमति बनी जिसके मुताबिक 19 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन हो होगा और 20 जुलाई को चुनाव होगा।

इधर सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि राजपक्षे निजी यात्रा पर सिंगापुर आए है उन्होंने हमारे देश से किसी तरह की शरण की मांग नही की है ना ही हमने उन्हें शरण दी हैं। बताया जाता है गोटबाया राजपक्षे सिंगापुर से अब सऊदी अरब जायेंगे।

इधर जब राजपक्षे के इस्तीफा देने की खबर मिलने पर श्रीलंका के नागरिकों ने जश्न मनाया खासकर कोलंबो में आमजनों ने अपनी खुशी का इजहार भी किया। जबकि देश में अब सेना ने पूरी तरह मोर्चा सम्हाल लिया है सेना ने लोगो से आव्हान किया कि अब कोई भी किसी तरह का उत्पात ना करे यदि लोग नही मानते तो उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी इस दौरान सेना ने राष्ट्रपति भवन प्रधानमंत्री आवास और प्रशासनिक इमारतों से जमा लोगो को खदेड़ दिया गया इस बीच 84 घायल लोगो को अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं।

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विदेशश्रीलंका

श्रीलंका के पतन के जिम्मेदार 5 रावण, गलत नीतियां, कर्ज पारिवारिक भ्रष्टाचार ने डुबोया

Srilanka Crisis President Resident

कोलंबो / एक समय राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को अपना भगवान मानने वाले श्रीलंका के लोग आज उनके खिलाफ क्यों हो गए इसका कारण खुद गोटबाया ही हैं उनकी गलत नीतियां बेतहाशा कर्ज और उनका और उनके परिवार का भ्रष्टाचार श्रीलंका की आर्थिक स्थिति को रसातल में पहुंचाने के लिए पूरी तरह जिम्मेदार हैं। गोटवाया और उनके परिवार के 5 रावण श्रीलंका के पतन के कारण बने हैं। इन्होंने सरकार में रहते एक संशोधन के जरिए करीब 70 फीसदी अधिकार राष्ट्रपति को दिए यही अधिकार इनकी लूट और भ्रष्टाचार का बड़ा कारण बना।

श्रीलंका को कर्जदार बनाया …

श्रीलंका पर आज की तारीख में कुल 51 अरब डॉलर का कर्ज है जिसका ब्याज ही इतना है कि उससे उसकी डीजीपी अभी तक के निम्नतम स्तर पर जा पहुंची है,और उनके रुपए का बुरी तरह अवमूल्यन हुआ और एक डॉलर के मुकाबले वह 200 पार पहुंच गया। जहां तक कर्ज का सबाल है उसपर उधारी में 10 फीसदी चीन और 10 फीसदी जापान का हिस्सा है तो भारत के 2 फीसदी और अन्य देशों का 9 फीसदी कर्ज श्रीलंका पर है इसके अलावा एशियन डवैलेपमेंट बैंक का भाग 13 फीसदी है तो वर्ड बैंक का 9 फीसदी साथ ही 47 फीसदी कर्ज बाजार का है।

श्रीलंका के निर्यात पर असर …

श्रीलंका चाय रबर और कपड़ो का निर्यात करता है इसके अलावा अधिकाश चीजों का वह आयात करता है लेकिन कोरोना काल के दौरान उसके निर्यात पर असर हुआ और निर्यात नहीं होने से श्रीलंका का व्यवसाय ठप्प हो गया।

कोरोना से पर्यटन व्यवसाय चौपट …

श्रीलंका एक काफी खूबसूरत देश है जहां हर साल दुनिया भर से हजारों पर्यटक आते हैं और यहां के पर्यटन स्थलों पर रुककर सैर सपाटा करते है जिससे दूसरे देशों का पैसा यहाँ विनिमय होता था और करोड़ों की विदेशी राशि पर्यटन उधोग के जरिए देश को मिलती थी बताया जाता है श्रीलंका की कुल जीडीपी का 10 प्रतिशत हिस्सा देश के पर्यटन उद्योग से मिलता था ।लेकिन कोरोना संक्रमण काल के दौरान 2 साल तक श्रीलंका के पर्यटन उधोग ने दम तोड़ दिया और उससे लोगो की आर्थिक स्थिति चरमराई तो देश का भी काफी बड़ा नुकसान हुआ जिसकी भरपाई आज तक नही हो पाई हैं।

चीन ने कर्ज के बहाने किया श्रीलंका के पोर्ट और एयरपोर्ट पर कब्जा ….

चीन का श्रीलंका के कुल कर्ज की राशि में 10 फीसदी का हिस्सा है जिसका ब्याज ही काफी है और कर्ज के नियम और शर्तों के आधार पर चीन ने हिंदमहासागर के उसके सबसे बड़े हंबनटोटा पोर्ट पर कब्जा कर लिया श्रीलंका ने इस हंबनटोटा पोर्ट को आधुनिक तरीके से डवलप करने के उद्धेश्य से चीन से 1.26 अरब डॉलर की राशि ली थी श्रीलंका का मकसद था इससे औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ाएगा लेकिन श्रीलंका को इससे कोई फायदा नही हुआ उल्टा 6 साल में उसे 30 करोड़ डॉलर का नुकसान हो गया को दी बिगड़े आर्थिक हालातों के चलते 2017 में श्रीलंका ने यह पोर्ट 99 साल की लीज पर चीन को दे दिया। जबकि हिंदमहासागर में उसका यह एक बड़ा प्रमुख पोर्ट था। गिरती आर्थिक स्थिति के मद्देनजर उसने चीन से 2021 में 1 अरब डॉलर अर्थात करीब 7 हजार करोड़ का लोन और ले लिया।

इसके अलावा इस पोर्ट के नजदीक श्रीलंका ने चीन से 20 हजार डॉलर का कर्ज लेकर राजपक्षे एयरपोर्ट का निर्माण किया लेकिन एयरपोर्ट का इस्तेमाल नाकाफी होने से घाटा होने लगा और श्रीलंका पिछले बिल की भरपाई भी नहीं कर सका। इस तरह यह प्रोजेक्ट भी नाकाम हो गया इसके अलावा कोलंबो के पास 665 बीघा इलाके में श्रीलंका ने आर्टी फिशियल बोर्ड सिटी प्रोजेक्ट लांच किया जो दुबई की तरह फायनेशियल हब के रूप में काम करता ऐसा सोच था लेकिन यह परियोजना भी ठप्प हो गई। इस तरह श्रीलंका कर्ज में से मूल राशि देना तो दूर ब्याज की रकम भी नहीं चुका पा रहा था दिवालिया हो गया। इस तरह बिना सोचें समझे श्रीलंका की राजपक्षे सरकार विकास के नाम पर चीन से ब्याज पर लोन लेती रही और कर्ज के बोझ तले दबाती चली गई।

5 रावणों ने ढहाई लंका …

डेढ़ दशक से राजपक्षे परिवार श्रीलंका की सत्ता पर काबिज है और इन्होंने मंत्रिमंडल में अहम मंत्रालय अपने परिजनों को दे दिए इस परिवार के गोटबाया राजपक्षे खुद राष्ट्रपति थे तो भाई महिंद्रा राजपक्षे प्रधानमंत्री दूसरा भाई चामल राजपक्षे कृषिमंत्री और बेटा और भतीजा वासिल राजपक्षे वित्तमंत्री और नमल राजपक्षे केंद्रीय मंत्री बना दिए गए। जबकि देश को लुटने की गरज से इन्होंने मिलकर एक संशोधन के जरिए राष्ट्रपति गोटबाया को 70 फीसदी फैसलों का हकदार बना दिया। इस तरह इस परिवार की कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार शुरू हो गया। और जिस परिवार पर पहले खाने को नहीं था वह अथाह संपत्ति का मालिक बन गया।

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राष्ट्रपति गोटवाया देश छोड़कर भागे, नाराज प्रदर्शनकारी पीएम आवास में घुसे पुलिस ने टियर गैस छोड़ी, श्रीलंका में इमरजेंसी लागू सुरक्षा सेना के हवाले

Srilanka President House

कोलंबो / श्रीलंका की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है इधर राष्ट्रपति गोटवाया राजपक्षे देश छोड़कर भाग गए जिससे गुस्साए लोग सड़क पर उतर आए और वे प्रधानमंत्री आवास में घुस गए स्थिति बिगड़ती देखकर पुलिस ने बल प्रयोग करने के साथ अश्रुगैस छोड़ी कुछ लोगो के घायल होने की भी खबर हैं श्रीलंका में इमरजेंसी लगा दी गई है और अब सेना ने सुरक्षा की जिम्मेदारी ले ली है और हेलीकाप्टर से पीएम हाउस सहित अन्य विशेष क्षेत्रों की सुरक्षा शुरू कर दी हैं।

राष्ट्रपति के देश छोड़ने की खबर मिलते ही हजारों प्रदर्शनकारी कोलंबो की सड़कों पर उतर आए और प्रदर्शन करने लगे इस बीच कई प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और दीवार फांदकर प्रधानमंत्री आवास में घुस गए उन्हे रोकने के लिए पुलिस ने उन्हें प्रयास किए वाटर केनन से पानी फैंका गया और अश्रु गैस के गोले दागे जिससे वे तितर बितर हो गए लेकिन उनका प्रदर्शन जारी रहा बाद में यह एक हुजूम की शक्ल में राष्ट्रपति भवन की तरफ बड़ने लगे है इसके बाद पश्चिम श्रीलंका में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

श्रीलंका में स्थिति बिगड़ती देखकर प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंह ने आपातकाल की घोषणा कर दी है उसके बाद सेना की तमाम टुकड़ियां ने मोर्चा सम्हाल लिया और हेलीकाप्टर से पीएम आवास सहित संवेदनशील क्षेत्रों की सेना ने निगरानी शुरू कर दी है लेकिन लोग काफी गुस्से में हैं। क्योंकि रोजगार खत्म है ना खाने को है न ही बिजली है बच्चे भूखे है मंहगाई चरम पर हैं।

जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति गोटवाया देश छोड़कर मालदीव भाग गए है जबकि आज उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना था।
इधर राष्ट्रपति गोटवाया के देश से भागने के बाद संसद के स्पीकर ने फिलहाल प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित किया हैं।

रूपवाहिनी राष्ट्रीय चैनल पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा हो गया है लोगो ने चैनल के एंकर को हटा दिया और खुद उसकी जगह अपना संदेश देने लगे लेकिन प्रशासन ने चैनल के प्रदर्शन पर रोक लगा दी हैं।

श्रीलंका के आर्थिक हालात क्यों बिगड़े

1991 में श्रीलंका में गृहयुद्ध जैसी स्थिति बनी थी लेकिन उसके बाद श्रीलंका के आर्थिक हालात काफी सुदृण हों गए थे लेकिन स्थिति बिगड़ने के बड़े कारणों में राजपक्षे परिवार का सरकार पर एकक्षत्र राज और एकाधिकार उनका भ्रष्टाचार और उनकी गलत नीतियां रही प्रमुख कारणों में बेतहाशा कर्ज, फर्टीलाइजर के आयात को बंद करने के साथ केमिकल खेती को रोककर देश में आर्गेनिक खेती करने का निर्णय जिससे चाय कपास और रबर की खेती जिसका श्रीलंका निर्यात करता था

उस पर प्रतिकूल असर रहा साथ ही कोरोना की वजह से आर्थिक स्थिति पर प्रभाव के साथ ही पूरे दो साल पर्यटन व्यवसाय ठप होना प्रमुख है इसके साथ ही सरकार में राजपक्षे परिवार का अधिपत्य और उनके द्वारा बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार करना अपनी ओर से ध्यान हटाने के लिए अल्पसंख्यक लोगों पर अत्याचार और उन्हें उत्पीड़ित करना खास रहा आज वही बहुसंख्यक राष्ट्रपति राजपक्षे के खिलाफ है जिसे वह एक समय अपना भगवान समझते थे।

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बिगड़े आर्थिक हालात और महंगाई से परेशान श्रीलंका की जनता सड़को पर उतरी, राष्ट्रपति भवन पर कब्जा की तोड़फोड़ राष्ट्रपति को भागना पड़ा, प्रधानमंत्री ने दिया इस्तीफा

Srilanka President House

कोलंबो/ श्रीलंका के बिगड़े आर्थिक हालातों को लेकर देश की जनता आज सड़कों पर उतर आई और गुस्साए प्रदर्शनकारी भारी भीड़ के रूप में कोलंबो स्थित राष्ट्रपति भवन में घुस गए और उन्होंने वहा बुरी तरह तोड़फोड़ की लेकिन वहां मोजूद पुलिस प्रशासन प्रदर्शनकारियों की तादाद के आगे प्रयास के बावजूद कुछ नही कर पाए। खास बात रही इस बीच राष्ट्रपति मोटवाया राजपक्षे अपने निवास से भाग खड़े हुए। वही शाम को प्रधानमंत्री विकर्मसिंहे ने भी इस्तीफा दे दिया इस बिगड़ी सियासी परिस्थितियों में अब श्रीलंका की बागडोर कोन सम्हालेगा यह बड़ा सवाल पैदा हो गया हैं।

श्रीलंका की आर्थिक स्थिति काफी खराब चल रही है वह चीन सहित कई देशों का कर्जदार हो गया है खासकर कहा जाए कि श्रीलंका बुरी तरह चीन के चंगुल में फंस गया है तो यह कहना गलत नहीं होगा इसके चलते देश में महंगाई चरम पर है तो पेट्रोल डीजल सहित रोजमर्रा की चीजे या तो मिल ही नहीं रही है और जो उपलब्ध है वह बाबा के मोल मिल रही है इससे श्रीलंका की जनता भारी परेशान है और वह इसके लिए देश की सरकार और राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को जिम्मेदार मानती हैं। जबकि भारत सहित कुछ देशों ने श्रीलंका की आर्थिक मदद के साथ पेट्रोलियम पदार्थों सहित अन्य जरूरी वस्तुएं भेजकर उसे सहायता भी मुहैया कराई है लेकिन श्रीलंका पर भारी कर्ज के बोझ और बिगड़े आर्थिक हालातों के कारण यह मदद वहा के नागरिकों के लिए ऊट के मुंह में जीरा साबित हो रही है।

कमरतोड़ महंगाई और आवश्यक वस्तुओं के गायब होने से परेशान श्रीलंका का अवाम आज कोलंबो में खुलकर सड़कों पर उतर आया और हजारों की भीड़ ने बैनर पोस्टरों के साथ श्रीलंका के राष्ट्रपति भवन की और कूच किया इस दौरान प्रदर्शनकारी जोरदार तरीके से सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे जब प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन के करीब पहुंचे तो मोजूद पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोकने की काफी कोशिश की लेकिन आक्रोशित लोगों और उनकी तादाद के आगे पुलिस और प्रशासन बोना साबित हुआ और कुछ नही कर पाया और यह भीड़ राष्ट्रपति भवन में घुस गई और उसने वहा भारी तोड़फोड़ शुरू कर दी और राष्ट्रपति आवास को भी नहीं छोड़ा और उसमे घुसकर राष्ट्रपति को ढूंढते रहे इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के बेड रूम किचन और स्विमिंग पूल को भी नहीं छोड़ा और राष्ट्रपति भवन की छत पर चढ़कर ऊपर नारेबाजी करते रहे एक तरह से उन्होंने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा जमा लिया। लेकिन भारी जन सैलाब और खतरा भापते हुए इससे पहले ही राष्ट्रपति मोटवाया राजपक्षे अपने निवास से भाग खड़े हुए और गायब हो गए इन बदली परिस्थितियों में क्या राष्ट्रपति देश छोड़ सकते है यह भी कयास लगाए जा रहे हैं ।

इसके बाद श्रीलंका के प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे ने केबिनेट की आपात बैठक बुलाई जिसमें विशेष परिस्थितियों के मद्दे नजर स्पीकर से संसद का विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध करने का निर्णय हुआ।

लेकिन शाम होते ही प्रधानमंत्री विक्रमासिंघे ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया और स्पीकर को अंतरिम राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव रखा गया। समझा जाता है राष्ट्रपति मोटवाया राजपक्षे के बाद प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे को निशाना बनाया जा सकता था इसी संभावना के मद्देनजर पी एम का इस्तीफा देना माना जा रहा है।

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