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भारतीय मूल के ऋषि सुनक होंगे ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री, 200 सांसदों ने लगाई मुहर, 28 अक्टूबर को लेंगे शपथ

Rishi Sunak

लंदन / ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री भारतीय मूल के ऋषि सुनक होंगे कंजरवेटिव पार्टी के 200 सांसदों ने उन्हें नया नेता चुना हैं 28 अक्टूबर को ऋषि सुनक प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। जैसा कि आर्थिक नीतियों में फेल साबित हुई लिंज ट्रस के इस्तीफे के बाद पार्टी ने ऋषि सुनक में विश्वास जताया हैं।

भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद पर आसीन होंगे कंजरवेटिव पार्टी के आज हुए चुनाव में ऋषि को 200 सांसदो का समर्थन हासिल हुआ है और पार्टी ने उन्हें अपना नेता चुना है जबकि उनके खिलाफ पीएम पद के लिए खड़ी हुई मॉटडांट पैनी को केवल 26 सांसदों का साथ मिला इस तरह ऋषि सुनक को पार्टी के सांसदों का एकतरफा पूरा पूरा साथ मिला हैं।

ब्रिटेन के किंग चार्ल्स सेंडिंगहोम से आज लंदन आ रहे है जिन्हें लिंज ट्रस अपना इस्तीफा सौंपेगी उसके बाद किंग चार्ल्स ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री पद का नियुक्ति पत्र सोपेंगे। बताया जाता है सुनक 28 अक्टूबर को ओपचारिक रूप से प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे और 29 अक्टूबर को उनकी केबिनेट का गठन होगा।

जानकारी के मुताबिक ऋषि सुनक का परिवार मूल रूप से भारत के पंजाब के रहने वाला है जो अब स्थाई रूप से ब्रिटेन आ गया था और ऋषि सुनक का जन्म हेंपशायर में हुआ और उन्होंने अमेरिका की स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से MBA किया। ऋषि सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के को – फाउंडर नारायण मूर्ति के दामाद है सन 2009 में उनकी शादी नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई थी उनके दो बेटियां कृष्णा और अनुष्का है।

ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले अश्वेत प्रधानमंत्री होंगे जबकि 42 वर्षीय सुनक अभी तक के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बनने जा रहे है इससे पहले 43 साल के डेविड कैमरन ब्रिटेन के पी एम रह चुके है खास बात है ऋषि सुनक एक साल में ब्रिटेन के तीसरे प्रधानमंत्री होंगे। समर्थन हासिल होने के बाद ऋषि सुनक ने पार्टी सांसदों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ग्रेट ब्रिटेन महान देश है लेकिन वह फिलहाल आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है हम सब को मिलकर उसे इस कठिनाई से उबारना पहला लक्ष्य होने के साथ ही पार्टी और देश को साथ साथ लाना आवश्यक होगा।

जैसा कि ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिंज ट्रस ने 20 अक्टूबर को पद से इस्तीफा दे दिया था और फिलहाल वह ऋषि सुनक के शपथ लेने तक इस पद पर बनी रहेंगी। ट्रस के इस्तीफा देने की वजह टेक्स कट और आर्थिक नीतियों में फेल होने के साथ पाउंड की कीमत में गिरावट माना जा रहा है साथ ही बड़ती मंहगाई से ब्रिटेन के निम्न एवं मध्यम वर्गीय नागरिक खासे परेशान हो गए थे जो सरकार के खिलाफ होते जा रहे थे वहीं ट्रस ने भी माना था कि वह अपने जनादेश और पूर्व घोषणाओं पर अमल नहीं कर सकी इसलिए वह अपना इस्तीफा दे रही है खास बात है बोरिस जॉनसन के पद से हटने के बाद ट्रस सिर्फ 45 दिन तक ही प्रधानमंत्री रह सकी। ब्रिटेन के इतिहास में यह रिकार्ड बन गया जब कोई व्यक्ति इतने कम समय तक देश का प्रधानमंत्री रहा।

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ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिंज ट्रस का इस्तीफा, रिकार्ड सिर्फ 45 दिन रही प्रधानमंत्री, जनादेश पर अमल नहीं कर सकी कहा ट्रस ने

Liz Truss

लंदन / ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिंज ट्रस ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया इस मौके पर उन्होंने कहा कि वह जनादेश पर अमल नहीं कर सकी इसलिए वह अपने पद से इस्तीफा दे रही हैं जैसा कि मिनी बजट पेश करने के साथ पाउंड में रिकार्ड गिरावट और चुनाव से पूर्व किए वायदे पूरे नही करने का उनपर लगातार दबाव पड़ रहा था साथ ही उनकी केबिनेट के दो मंत्रियों ने भी हाल में इस्तीफा दे दिया था। लिंज ट्रस केवल 45 दिन तक प्रधानमंत्री पद पर रह सकी। इस तरह ट्रस के नाम ब्रिटेन की सबसे कम समय की प्रधानमंत्री बनने का रिकार्ड भी दर्ज हुआ।

ब्रिटेन के नई प्रधानमंत्री ट्रस की पारी सिर्फ डेढ़ महिने में ही समाप्त हो गई शुरूआत से ही उनकी कुर्सी डावाडोल हो रही थी और उनकी साख और लोकप्रियता मिनी बजट में यूटर्न और नई आर्थिक घोषणाओ के बाद लगातार गिरती जा रही थी जैसा के उन्होंने 50 मिलियन डॉलर का टेक्स कट किया था जिससे देश की आर्थिक स्थिति चरमरा गई और पाउंड में 50 साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज हुई, साथ ही मंहगाई आसमान छूने लगी इसको लेकर ट्रस ने कर्ज लेने की बात कही थी,इसके अलावा बैंक ऑफ इंगलैंड का इमरजेंसी प्रोग्राम और मिनी बजट रोल करने के साथ टेक्स कट वापस लेने और वित्त मंत्री बदलने से उनकी लोकप्रियता का स्तर 65 फीसदी तक गिर गया था चूकि प्रधानमंत्री के चुनाव के समय उन्होंने नागरिकों किए कई मन लुभावन योजनाओं का पिटारा खोला था और वह उनमें से एक भी वायदे को कार्यरूप में परिणित नहीं कर सकी जिससे आम नागरिको के साथ साथ सत्तारूढ़ उनकी कंजरवेटिव पार्टी के करीब 100 सांसद भी उनके खिलाफ बगावत में उतर आएं थे। सांसदों का आरोप था कि देश के मिडिल क्लास में ट्रस के खिलाफ असंतोष बढ़ता जा रहा है जो पार्टी के लिए ठीक नहीं हैं।

खास बात है ट्रस ने 7 सितंबर को महिला सांसद सुएला ब्रेवरमैन को ब्रिटेन की गृहमंत्री बनाया था लेकिन पिछले दिन उन्होंने अपना इस्तीफा भी दे दिया ब्रेवरमेन ने अपने इस्तीफे में निजी ईमेल से सरकारी दस्तावेज भेजने के नियम उल्लंघन की बात स्वीकार करते हुए अपना इस्तीफा दिया लेकिन उन्होंने ट्रस पर घोषणा पत्र के किए वायदों को नहीं निभाने की बात भी कही थी साथ ही वे ट्रस की टेक्स नीतियों में यूटर्न की खुलकर आलोचना भी कर रही थी। उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह ही वित्त मंत्री क्वाजी क्वार्टेंग ने भी इस्तीफा दिया था उनकी जगह भारतीय मूल के ऋषि सुनक खेमे के जेरेमी हंट को ट्रस ने वित्त मंत्री बनाया था।

लिंज ट्रस ने बुद्धवार को कहा था कि मैं फाइटर हूं और हारूंगी नहीं हालत चाहे कितने भी विपरीत हो जाए मैं संघर्ष करती रहूंगी उन्होंने विश्वास जताया था कि ब्रिटेन को आर्थिक मुश्किलों से निजात दिलाने के लिए वह उचित कदम उठाएंगी। लेकिन आज एकाएक स्थिति बदल गई और कंजरवेटिव पार्टी में मची उथल पुथल और संसद में उनके जोरदार विरोध के चलते उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा कर सभी को हतप्रद कर दिया।

मिंज ट्रस के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के बाद लेबर पार्टी ने चुनाव कराने की मांग की है और जहां तक कंजरवेटिव पार्टी का सवाल है उसे अगले सप्ताह तक दूसरे प्रधानमंत्री का चुनाव कराना होगा।

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महारानी एलिजाबेथ के निधन पर ब्रिटेन में 12 दिन का राष्ट्रीय शोक, अंतिम संस्कार 19 सितंबर को 96 राउंड की फायरिंग गन से सलामी होगी, भारत में एक दिन का शोक, पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

Queen Elizabeth

लंदन / ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का गुरुवार को निधन हो गया उन्होंने 70 साल तक इस पद पर राज किया और उनके कार्यकाल के दौरान ब्रिटेन में 15 प्रधानमंत्री बने उनके निधन पर देश में 12 दिन का शोक घोषित किया गया हैं और उनका अंतिम संस्कार 19 सितंबर को होगा इससे पूर्व उनकी पार्थिव देह को लोगो के दर्शनार्थ एवं श्रृद्धांजलि के लिए बर्मिघम पैलेस में रखा जाएगा एलिजाबेथ के उत्तराधिकारी के रूप में उनके 70 वर्षीय बेटे प्रिंस चार्ल्स को ब्रिटेन का राजा घोषित किया गया हैं।

आज उन्हे हार्ड पार्क सहित देश के 89 प्रमुख स्थानों पर उन्हे तोपो की सलामी दी गई। साथ ही अंतिम संस्कार पर 96 वर्षीय रानी एलजाबेथ को 96 राउंड की फायरिंग गन से सेल्यूट दिया जाएगा। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महारानी एलजाबेथ के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि दी है जबकि भारत में 11 सितंबर को एक दिन का शोक घोषित किया गया है।

ब्रिटेन में सबसे लंबे समय तक राज करने वाली महारानी एलजाबेथ द्वितीय का गुरुवार 8 सितंबर की रात निधन हो गया था 96 साल की महारानी ने स्कॉटलेंड के बालामोरा कैसल में अंतिम सांस ली तबियत बिगड़ने पर उनके बेटे सहित अन्य परिजन उनके पास थे।

महारानी एलजाबेथ के पार्थिव देह को स्कॉटलैंड से विशेष प्लेन से लंदन लाया जा रहा है उनका अंतिम संस्कार एवं अन्य पूर्व कार्यक्रम परंपरागत शाही प्रोटोकाल के मुताबिक होगा उनके पार्थिव शरीर को उनके बर्मिघम पैलेस के वेस्टमिस्टन हॉल में लोगो के दर्शनार्थ और श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए 4 दिवस तक रखा जायेंगा इस अवसर पर उनके ताबूत पर बेशकीमती शाही मुकुट और शाही निशानियां रखी जाएंगी। उनका अंतिम संस्कार बेसमिंस्टन ऐबे में 19 सितंबर को होगा और उन्हे उनके पति की कब्र के बगल में दफनाया जायेगा इस दौरान 96 साल की महारानी एलजाबेथ को 96 राउंड की फायरिंग गन से शाही सेल्यूट दिया जायेगा।

खास बात है अपने 70 साल के दौरान उन्होंने ब्रिटेन के 15 प्रधानमंत्रियों की नियुक्ति की सबसे पहले 1955 में उन्होंने एंथनी एडम को प्रधानमंत्री की शपथ दिलाई जबकि हाल में मंगलवार को उन्होंने ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री बनी लिज ट्रस को शपथ दिलाई थी। वे बिना पासपोर्ट के 128 देशों की यात्रा कर चुकी थी उन्होंने अपने जीवन एक बार में 2018 में इंटरव्यू दिया था।

उनके निधन के बाद उनके 74 वर्षीय बेटे प्रिंस चार्ल्स को ब्रिटेन का राजा घोषित किया गया है उनकी दूसरी पत्नी कैमिला अब महारानी होंगी और उन्हें अब महारानी का कोहिनूर जड़ा ताज मिलेगा। ब्रिटेन का राजा बने उनके पुत्र प्रिंस चार्ल्स ने कहा की मेरी प्यारी मां अब नही रही उनकी याद में विश्व में सभी लोग दुखी है और उन्हे श्रद्धांजलि दे रहे है।

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लिज ट्रस बनी ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री, सुनक को बड़े अंतर से हराया, मंहगाई पर अंकुश और टैक्स कटौती का दिया भरोसा

Liz Truss

लंदन / 46 साल की लिज ट्रस ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री होंगी उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी भारतीय मूल के ऋषि सुनक को 20927 वोटों से पराजित कर दिया इस तरह ट्रस ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनने जा रही हैं।

प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद पिछले दिनों ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद के लिए कंजरवेटिव पार्टी में चुनाव हुआ था जिसमें लिज ट्रस और ऋषि सुनक के बीच मुकाबला हुआ आज सोमवार की शाम 5 बजे उसका परिणाम घोषित किया गया जिसमें ट्रस को 81326 मत मिले जबकि सुनक को 60399 मत मिले इस तरह ट्रिस 20927 वोटों से विजई घोषित की गई। इस तरह लिज ट्रस ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री होंगी।इससे पहले मारग्रेट थैचर और थेरेसा मे ब्रिटेन की प्रधानमंत्री रह चुकी है इस तरह ब्रिटेन महिला नेतृत्व वाला विश्व का 19 वा देश बन गया हैं 46 साल की लिज ट्रस के पिता शिक्षक और मां नर्स है राजनीति में आने से पहले वह एकाउंटेंट भी रह चुकी हैं।

जैसा कि बोरिस जॉनसन के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद कंजरवेटिव पार्टी और ब्रिटेन में काफी उथल पुथल देखी जा रही थी कि अगला प्रधानमंत्री कोन होगा शुरूआत में ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन अंत में प्रधानमंत्री के दौड़ में शामिल ट्रस ने धीरे धीरे अपनी पकड़ बनाई और अपनी होशियारी से वह अपने मुद्दो और भविष्य की योजनाओं को लेकर विश्वास जताने में सफल रही और देखते ही देखते सुनक से आगे निकल गई।

हालांकि ऋषि सुनक एक अच्छे वक्ता है लेकिन उनके खिलाफ सबसे बड़ा मंहगाई और टैक्सेशन मुद्दा रहा वह इस मामले में देश के नागरिकों के सामने कोई ठोस योजना नहीं रख सके साथ ही देश आर्थिक संकट से कैसे उभरेगा यह बताने में भी नाकामयाब रहे। इसके अलावा पीएम बोरिस जॉनसन को हटाने के लिए उनका सबसे पहले इस्तीफा देना उनके उलट पड़ा उसे पीठ में छुरा घोपना जैसा माना गया चुनाव अभियान में वंचित शहरों से राशि लेने की बात स्वीकार करने वाला विडियो सामने आने से उनकी प्रतिष्ठा पर प्रतिकूल असर पड़ा। साथ ही संडे टाइम्स की एक रिपोर्ट में उनकी पत्नी अक्षता को महारानी से भी अमीर बताना उनकी जीत में रोड़ा बना।

जबकि बाद में नोमीनेशन करने वाली ट्रस की रणनीति काफी सुलझी और देश के मुद्दों से जुड़ी थी जिसने उन्हें अगड़ी पक्ति में लाकर खड़ा कर दिया सबसे बड़ा प्रभाव उनके इनकम टैक्स में 1.25 फीसदी की कटौती और कॉर्पोरेशन टेक्स में बड़ोतरी को वापस लेने के वायदे से पड़ा इसके साथ ही रूस यूक्रेन युद्ध में उनका साफ रुख सामने आया और वह उसमे रूस को जिम्मेदार ठहराने में कामयाब रही।वही जॉनसन की केबिनेट में विदेश मंत्री रही ट्रस उनके पीएम पद से हटने के बाद भी उनके प्रति वफादार रही। खास बात है लिज विदेश मंत्री रही और भारत की अहमियत वे अच्छी तरह से समझती है अतः ब्रिटेन और भारत के रिश्ते और ज्यादा सुधरने की पूरी पूरी संभावना हैं।

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ग्रेट ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन का इस्तीफा, मंत्रिमंडल में बगावत को लेकर पद छोड़ा

Borris Johnson

लंदन / ग्रेट ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया जैसा कि पिछले कई दिनों से उनकी गलत नीतियों को लेकर उनके मंत्रिमंडल के साथ पार्टी के सांसद लगातार अपना इस्तीफा दे रहे थे शुरूआत में जॉनसन अड़े रहे लेकिन आखिर आज उन्होंने अपना पद छोड़ दिया। फिलहाल नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति तक जॉनसन अपने पद पर बने रहेंगे।

पिछले कई दिनों से पीएम बोरिस जॉनसन अपने फैसलों को लेकर अपनी ही कंजरवेटीव पार्टी और अपनों के बीच ही विवादो से घिर गए इस बीच जेसीबी पर सबारी कर अपना विरोध करने वालों को एक संदेश देने से उनकी दूरियां और मुसीबत और बढ़ गई। सबसे पहले उनके मंत्रिमंडल के सदस्य ऋषि सुनक ने अपना इस्तीफा दे दिया उसके बाद दो अन्य मंत्रियों ने इस्तीफा सौंपा उसके बाद इस्तीफों की लाइन लग गई और 48 घंटो में पार्टी के करीब 50 मंत्री और सांसदों ने पार्लियामेंट से इस्तीफा दे दिया इसके बाद बोरिस जॉनसन जो पहले अपना इस्तीफा देना नही चाहते थे वे अब अकेले रह गए हारकर आज उन्होंने कंजर वेटिव पार्टी के नेता के पद से इस्तीफा दे दिया।

इस मौके पर बोरिस जॉनसन ने कहा कि वे नए प्रधानमंत्री को अपना पूरा समर्थन देते रहेंगे । साथ ही जॉनसन ने कहा उन्होंने देश की मजबूती के लिए काम किया कोविड के दौरान लोगों की देखभाल के साथ लोगों की हरसंभव मदद की। उन्होंने अपने सहयोगियों का धन्यवाद देते हुए यह भी कहा उन्हे अफसोस है कि वे अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएं।

अब सबाल यह है कि देश का अगला प्रधानमंत्री कोन होगा जहा तक कंजरवेटिव पार्टी का प्रश्न है उसमे भारतीय मूल के ऋषि सुनक का नाम भी आगे है इसके अलावा प्रीति पटेल और विदेश मंत्री रही लिंज ट्रस के नाम प्रमुख हैं।

जबकि ग्रेट ब्रिटेन में प्रधानमंत्री के पद का चुनाव की प्रक्रिया भी काफी अनोखी है जबकि पिछले माह ही जानसन ने विश्वास मत भी हासिल किया था इसलिए एक साल तक दुबारा अविश्वास प्रस्ताव नही लाया जा सकता प्रक्रिया के तहत दो सांसदों का प्रस्ताव पार्टी रखेगी वोटिंग के जरिए एक नाम पर आम सहमति बनती है जो दल का नेता और अगला प्रधानमंत्री बनता हैं।

इधर लेबर पार्टी के नेताओं का कहना है कि कंजरवेटिव की यह नैतिकता नहीं है आपकी सरकार की विश्वसनीयता कम हो गई है इसलिए देश में चुनाव कराना चाहिए।

Image source: Forbes

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