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5 साल बाद जिनपिंग और मोदी के बीच दो पक्षीय वार्ता, BRICS 40% मानवता और 30% इकोनॉमी का प्रतिनिधित्व करता है, आतंक पर दोहरा रवैया नहीं – मोदी

BRICKS 2024 Kazan Russia

कजान/ 5 साल बाद रूस के कजान शहर में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई,करीब 1 घंटे तक चली इस बैठक में दोनो देशों के बीच सहयोग और शांति और आपसी बातचीत से मतभेदों को सुलझाने पर सहमति बनी। पीएम मोदी ने कहा सीमा पर शांति रहे यह हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, मुझे यकीन है कि हम खुले मन से बातचीत करेंगे और हमारी चर्चा सकारात्मक होगी। उन्होंने कहा हमारे बीच आपसी विश्वास और एक दूसरे के प्रति सम्मान जरूरी है यही हमारे संबंधों की नींव है।

जबकि शी जिनपिंग ने कहा दोनों देशों को अपने मतभेदों को सही तरीके से संभालना चाहिए और भारत और चीन को अपने संबंधों को स्थिर बनाए रखने के लिए एक दूसरे के साथ मिलकर बात करना चाहिए । राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा हमें अपने विकास और सपनों को साकार करने के लिए कम्युनिकेशन और आपसी सहयोग को और मजबूत करना होगा और भारत और चीन को अपने संबंधों को स्थिर रखने के लिए एक दूसरे के साथ मिलकर काम करना होगा जिससे दोनों देशों के विकास के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिल सके।

भारत और चीन के बीच सबसे बड़े नेताओं के बीच यह वार्ता 2020 में गलवान में हुए सैन्य संघर्ष के बाद 5 साल बाद यह पहली बाईलेटरल मीटिंग थी कजान में ब्रिक्स समिट के आज दूसरे दिन पीएम मोदी मीटिंग में शामिल हुए उन्होंने कहा BRIKS देशों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा इस पर दोहरा रवैया नहीं होना चाहिए । उन्होंने कहा UNSC में रिफॉर्म होना चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए हमारी प्राथमिकता होना चाहिए और हमारी चर्चा कंस्ट्रक्टिव होना चाहिए उन्होंने कहा वैश्विक शांति सहयोग और प्रगति के लिए भी हमारे बीच सहयोग महत्वपूर्ण है उन्होंने सीमा पर शांति प्रयास का भी स्वागत किया।

एक अन्य मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा BRICS नए स्वरूप में विश्व की 40 फीसदी मानवता और करीब 30 फीसदी इकोनॉमी का प्रतिनिधित्व करता है पिछले दो दशक में संगठन ने अनेक उपलब्धियां हासिल की मुझे उम्मीद है कि BRICS वैश्विक चुनौतियों के लिए और अधिक प्रभावी माध्यम बनकर उभरेगा और इससे BRICS में शामिल सभी देशों को लाभ मिलेगा।

चीन और भारत के बीच सीमा विवाद सुलझाने के लिए दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधि जल्द बैठक करेंगे इसके लिए भारत की तरफ से NSA अजीत डोभाल और चीन की तरफ से विदेश मंत्री वांग यी को शामिल किया गया है।

महत्वपूर्ण है कि भारत चीन के बीच LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर भी समझौता हुआ है इस बारे में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने बताया कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में LOC पर पेट्रोलिंग को लेकर समझौते पर सहमति बनी है इससे मई 2020 से पहले की स्थिति वापस आयेंगी खास बात है इस पेट्रोलिंग यूनिट में केवल अधिकतम 15 सैनिक ही होंगे। भारत के पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने इस समझाते का स्वागत किया है।

विदेश सचिव ने बताया कि दोनों देशों के बीच किसी भी मुद्दे को सुलझाने के लिए स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव नियुक्त किए गए है भारत की तरफ से NSA अजीत डोभाल और चीन की तरफ से विदेश मंत्री वांग यी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है ये जल्द ही औपचारिक मीटिंग करेंगे।

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मास्को आतंकी हमले में 143 की मौत 145 घायल, 11 गिरफ्तार, रविवार को राष्ट्रीय शोक घोषित

Moscow Terror Attack
  • मास्को आतंकी हमले में 143 की मौत 145 घायल, 11 गिरफ्तार,

  • आतंकवादी आतंकी भाषा समझता है खून का बदला खून – दिमित्री मेदवेदेव

  • रविवार को राष्ट्रीय शोक घोषित

मास्को/ रूस की राजधानी मास्को के क्रोकस सिटी हॉल में आतंकी हमले में अभी तक 143 लोगों की जान चली गई जबकि 145 लोग घायल है। अभी तक 4 आतंकवादियों सहित 11 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ISIS -K ने ली है। रूस ने आतंक और आतंकवादी दोनों को जड़ से खत्म करने का इरादा जताया है और कहा है खून का बदला खून, वही राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि हमारे दुश्मन हमें बांट नही सकते उन्होंने कल रविवार को राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है

RT की रिपोर्ट के अनुसार जांच एजेंसियों ने बताया कि क्राकस सिटी हॉल में किया गया यह आतंकी हमला पूरी प्लानिंग के अनुसार किया गया हमला करने से पहले क्राकस सिटी हॉल में हथियार छुपाकर रखे गए थे एकाएक आतंकियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करने के साथ हॉल में बम फैकाबा शुरू कर दिए जिससे वहां अफरा तफरी फैल गई जब आतंकियों ने हमला किया उस समय हॉल में करीब 6200 लोग मोजूद थे इस हमले में अभी तक 143 लोगों की मौत हो गई जबकि 145 लोग घायल है जिसमे कुछ की हालत नाजुक है। बताया जाता है इस हमले में 4 आतंकी थे जबकि 7 लोग उनके मददगार शामिल थे।

RT इंडियन रिपोर्ट के मुताबिक रूस के सिक्योरिटी सर्विस चीफ ने रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को दी अपनी रिपोर्ट में कहा कि 4 संदिग्ध सफेद रंग की कार से भागने की कोशिश कर रहे थे उन्हें रूस यूक्रेन बॉर्डर पर गिरफ्तार किया गया, और उन्हें मास्को लाया जा रहा है।

जबकि सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक हमलावर अपना जुल्म कबूल कर रहा है साथ ही वह पूरी प्लानिंग के बारे में भी बता रहा है जिसमें हमलावरों की कोशिश थी कि हमला करने के बाद वह सभी यूक्रेन की तरफ भागेंगे इसके अलावा तीन हमलावरों की तस्वीर भी जारी की गई है।

इधर रूस के पूर्व राष्ट्रपति एवं नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के चेयर पर्सन दिमित्री मेदवेदेव ने कहा है कि रूस खून का बदला खून से लेगा, क्योंकि आतंकवादी सिर्फ आतंक की भाषा समझते है जब तक बल का मुकाबला बल से नहीं किया जाता और आतंकियो को ढेर करने के साथ उबजे परिवारों पर कार्यवाही नही की जाती तब तक किसी जांच का कोई मतलब नहीं हैं।

यह आतंकी हमला शुक्रवार देर रात (22 मार्च) को हुआ इस हमले की जिम्मेदारी ISIS -K ने ली है सेना की वर्दी में पहने 4 आतंकियों ने अंधाधुंध गोलियां बरसाई और बम फैके और फरार हो गए पहले आतंकियों की तादाद 5 बताई गई थी हमले के बाद 140 लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई थी।

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रूस यूक्रेन युद्ध का एक साल पूरा अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन का यूक्रेन दौरा मदद का आश्वासन, पुतिन हुए आग बबूला, युद्ध के लिए पश्चिम को बताया जिम्मेदार

Vladimir Putin

कीव/ रूस यूक्रेन युद्ध को अब पूरा एक साल हो गया है खास बात है कि दुनिया के इतिहास में यह युद्ध सबसे लंबी अवधि तक चलने वाला युद्ध है एक तरफ यूक्रेन इस युद्ध की विभीषिका में बर्बाद हो गया तो रूस को भी काफी नुकसान हुआ है अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूस के राष्ट्रपति ब्लादमीर पुतिन युद्ध के लिए एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे है जबकि अमेरिका सहित पश्चिमी देशों की आर्थिक और सैन्य मदद के चलते लगता है यह युद्ध फिलहाल रुकने वाला नही है। लेकिन इस युद्ध के बीच अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन के यूक्रेन की राजधानी कीव जाने और रूस पर तीखा प्रहार करने पर पुतिन आग बबूला हो गए है उन्होंने अमेरिका सहित पश्चिम देशों को खुली चेतावनी दी हैं साथ ही इस युद्ध के लिए उन्हें ही जिम्मेदार बताया हैं।

रूस अड़ा,यूक्रेन हुआ तबाह , दोनों तरफ से 3 लाख की मौत का अनुमान —

तारीख 24 फरवरी 2022 को रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की शुरूआत हुई थी पूरे एक साल बीतने पर भी दोनों के बीच युद्ध जारी है यूक्रेन इस युद्ध से भारी तबाही के दौर से गुजर रहा है ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय के एक अनुमान के मुताबिक अभी तक इस युद्ध में 3 लाख मौते हो चुकी है प्रमुख बात है की अमेरिका सहित पश्चिम के करीब 50 देश यूक्रेन के साथ खड़े है साथ ही आर्थिक और सैन्य मदद के चलते यूक्रेन रूस का सामना कर रहा है रूस दुनिया की महाशक्ति है इससे लगता था कि वह जल्द वह यूक्रेन को कब्जे में ले लेगा लेकिन यूक्रेन और राष्ट्रपति जेलेस्की के साथ पश्चिम देशों के खड़े होने से वह एक साल तक युद्ध करने के बावजूद भी सफल नहीं हो पाया।

यूक्रेन पहुंचे राष्ट्रपति बाइडेन, राष्ट्रपति जेलेस्की से मिले,दिया मदद का भरोसा —

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन सोमवार को अचानक यूक्रेन की राजधानी कीव पंहूचे और उन्होंने राष्ट्रपति जेलेस्की से मुलाकात की और यूक्रेन को 50 हजार करोड़ की आर्थिक मदद का ऐलान भी किया, इसके बाद राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि रूस यूक्रेन को अकेला नहीं समझे अमरीका के साथ पश्चिम के देश उसके साथ खड़े है और इसे हरसंभव मदद करेंगे उन्होंने कहा अमेरिका इसके साथ है और अभी तक 50 देशों ने उसकी सहायता की हैं हमने आर्थिक मदद के साथ गोला बारूद और अन्य सैन्य सुविधाएं भी यूक्रेन को मुहैया कराई है उन्होंने कहा इस युद्ध के दौरान रूस को दुनिया ने निम्न स्तर पर गिरते देखा है एक साल का लंबा समय बीत गया लेकिन यूक्रेन को अभूतपूर्व सैन्य आर्थिक और मानवीय मदद दी गई जो आगे भी जारी रहेगी।

बाइडेन के यूक्रेन जाने से पुतिन का गुस्सा फूटा, संदेश में पश्चिम देशों को युद्ध का जिम्मेदार बताया —

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के यूक्रेन जाने और हरसंभव सैन्य एवं आर्थिक मदद देने के आव्हान पर रूस के राष्ट्रपति ब्लादमीर पुतिन ने अमेरिका और पश्चिम देशों पर पलटवार किया , रूस की संसद में देश के नाम संदेश में उन्होंने कहा कि वह सोचते है कि कुछ भी करेंगे और हम चुप बैठे रहेंगे लेकिन रूस को कोई हल्के में नहीं ले यह खेल 19 वी सदी से जारी है बोतल में से फिर जिन्न को निकाला गया इसमें नया कुछ भी नहीं है पुतिन ने अमेरिका सहित पश्चिम देशों पर बरसते हुए कहा कि पश्चिम देशों की वजह से यह युद्ध हो रहा है पश्चिम देश लाखों डॉलर की सहायता के साथ यूक्रेन को भारी तादाद में हथियार और विमान दे रहे है उन्होंने कहा आज यूक्रेन पश्चिम देशों के लिए लांच पैड बन गया है और दुखद स्थिति है कि वहां के लोग भी पश्चिम के बंधक बन गए है जबकि वह हमारे खिलाफ यूक्रेन का इस्तैमाल कर रहे हैं उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी हिम्मत देखो पश्चिम देश नाटो को हमारी सरहद तक ले आएं यह स्थिति तखलीफदेह है पुतिन ने कहा हम शुरू से ही जंग नहीं चाहते हम बातचीत को तैयार थे हमने युद्ध टालने के लिए कई डिप्लोमेटिक कोशिश की लेकिन नाटो और अमेरिका ने उन्हें कामयाब नही होने दिया हम अपने हकों के लिए प्रतिबद्ध है हम पीछे नहीं हटेंगे। पुतिन ने अमेरिका के साथ 2010 में हुई एकमात्र परमाणु संधि न्यू स्टार्ट न्यूक्लियर ट्रीटी संधि को तोड़ने का ऐलान भी किया पुतिन ने कहा यदि अमेरिका परमाणु हथियार परीक्षण करता है तो रूस भी ऐसा करेगा।

रूस का चीन भारत और ईरान से व्यापार बड़ाने पर जोर —

रूस ने यूक्रेन से युद्ध के बीच अपने मित्र देशों से व्यापार और सहयोग बड़ाने पर भी जोर दिया है राष्ट्रपति पुतिन ने अमेरिकी संसद में भारत का प्रमुखता से जिक्र करते हुए यह भी कहा कि रूस उसके साथ अपने सहयोग और व्यापार को बढ़ाना जारी रखेगा। रूस के राष्ट्रपति ने कहा वह भारत चीन और ईरान जैसे देशों से आर्थिक संबंध बढ़ाने के लिए नॉर्थ साउथ कोरिडोर विकसित करेंगे उन्होंने हिंद और प्रशांत महासागर क्षेत्र के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हम इन देशों के साथ कारोबार बढ़ाएंगे।

अमेरिका चीन के बीच बार पलटवार जारी —

इधर अमेरिका और चीन के बीच भी बार पलटवार चल रहा है जबकि जो बाइडन के यूक्रेन पहुंचने के साथ ही रूस का मित्रदेश चीन हरकत में आ गया और उसने अपने शीर्ष राजनायिक वांग यी को रूस रवाना किया है। जबकि इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी बिलंकन ने दावा किया था कि चीन यूक्रेन से जारी युद्ध में रूस को हथियार और गोला बारूद देने पर विचार कर रहा है लेकिन चीन ने इसका प्रतिरोध करते हुए कहा कि अमेरिका दूसरों पर आरोप मढ़ने और झूठी सूचनाएं देने से बाज आए। लेकिन यह भी सच्चाई है कि चीन इस युद्ध के दौरान अप्रत्यक्ष रूप से रूस की मदद कर रहा है तो साथ ही अपना भला करने में जुटा है चीन लगातार रूस से भारी मात्रा में सस्ती दरों पर पेट्रोलियम पदार्थ खरीद रहा है।

कोन सी प्रमुख विदेशी हस्तियां ने यूक्रेन का दौरा किया —

विश्व के कई देशों के नेताओं और प्रमुख हस्तियों ने युद्ध के दौरान यूक्रेन का दौरा किया, उनमें पेटू फियाला प्रधानमंत्री चेक, मातुश मोराविएत्सकी प्रधानमंत्री पोलैंड,यानेश यांशा तत्कालीन प्रधानमंत्री स्लोवेनिया, वोरिस जॉनसन तत्कालीन प्रधानमंत्री ब्रिटेन, आद्रेज डूंडा राष्ट्रपति पोलैंड,गीतानास नोसियादा राष्ट्रपति लिथुआनिया,एगिल्स लेविरस राष्ट्रपति लातविया, अलार कारिस राष्ट्रपति एस्टोनिया, जस्टिन ट्रूडो प्रधानमंत्री कनाडा, जिल बाइडेन फस्ट लेडी अमेरिका, इमेन्यूअल मैक्रो राष्ट्रपति फ्रांस, ओलफ शुल्ज चांसलर जर्मनी, मारियो ड्राघी तत्कालीन प्रधानमंत्री इटली, क्लाउस योहानिस राष्ट्रपति रोमानिया, उसुला फॉन डेर लायेन प्रेजीडेंट यूरोपियन कमीशन, चार्ल्स मिशेल प्रेजीडेंट यूरोपियन काउंसिल प्रमुखता से शामिल है।

रूस क्या चाहता है —

रूस यूक्रेन को नाजीवाद से मुक्त कराना चाहता है साथ ही वह डोनवास को आजाद करना चाहता है उसका इरादा यूक्रेन की सैन्य शक्ति को खत्म करना है। रूस जेपोरिजिया और खैरसो शहर के बड़े हिस्से पर कब्जा कर चुका है और वह जेपोरिजिया और खैरसो का विलय करना चाहता है इसके साथ ही रूस को क्रीमिया तक जमीनी रास्ता भी मिल गया हैं।

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