पेरिस/ पेरिस ओलम्पिक में भारत ने हॉकी में स्पेन को 2 – 1 से पराजित कर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया है खास बात है 52 साल बाद भारत ने हॉकी में ओलम्पिक में लगातार दो मेडल अपने नाम किए। दोनों गोल कप्तान हरमनप्रीत ने किए। वहीं भारत के गोलकीपर शीजेश का यह आखिरी मैच था टीम ने उन्हें जीत के तोहफे के साथ विदाई दी।
आज पेरिस ओलम्पिक में भारत और स्पेन के बीच ब्रॉन्ज मेडल के लिए भिडंत हुई पहले 15 मिनट के क्वाटर में दोनों टीमों ने जोर लगाया लेकिन कोई भी गोल नगर कर सका दूसरे क्वाटर के 18 वे मिनट में स्पेन को पेनल्टी स्ट्रोक मिला और स्पेन के खिलाड़ी मार्क मिरालेस ने भारतीय गोलकीपर पीआर श्रीजेश को छकाते हुए गोल दागा। इसके बाद स्पेन के प्लेयर्स ने तेज गेम दिखाया और 21 वे मिनट में उन्हें पेनल्टी कॉर्नर मिल गया लेकिन इस बार श्रीजेश ने निराश नहीं किया और बेहतरीन बचाव कर हमला बेकार कर दिया। इसके बाद भारतीय फॉरवर्ड ने स्पेन पर चढ़कर खेल दिखाया और 30 वे मिनट में भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला और कप्तान हरमनप्रीत ने यह मौका भुनाया और स्पेन का गोल पोस्ट बजा डाला इस गोल से मुकाबला 1 -1 से बराबरी पर आ गया। जबकि 28 वे मिनट में स्पेन के बोजा लाकाले ने डी में घुसकर जोरदार अटैक किया और भारतीय खिलाड़ियों ने उसे नाकाम करने की पूरी कोशिश की लेकिन फाउल होने से स्पेन को पेनल्टी कॉर्नर मिल गया, लेकिन गोलकीपर श्रीजेश ने एक बार फिर दीवार की तरह से खड़े होकर यह सेब किया और पेनल्टी कॉर्नर बेकार चला गया। हॉफ टाईम तक दोनों टीमें 1-1 से बराबरी पर थी।
टाईम आउट के बाद खेल का दूसरा हॉफ शुरू हुआ और भारतीय फोरवर्ड लाईन ने चढ़कर खेल दिखाया और स्पेन की डी में घुसकर गोल की कोशिश की लेकिन 33 वे मिनट में स्पेन के खिलाड़ी की गलती पर हार्दिक सिंह ने वीडियो रिफ्ररल मांगा इसपर रेफरी ने भारत को पेनल्टी दी और इसका भारत ने बखूबी फायदा उठाया और कप्तान हरमनप्रीत ने 36 डिग्री से लेफ्ट में बॉल को हिट किया जो गोलकीपर को छकाती हुई गोल पोस्ट पर जा लगी और भारत 2 -1 से आगे हो गया। कप्तान हरमनप्रीत का इस ओलम्पिक में यह 10 वा गोल था।
लेकिन इसके बाद स्पेन ने भी तेज खेल दिखाया और 35 वे मिनट में स्पेन को पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन भारतीय टीम के फस्ट रशर अमित रोहितदास ने डी में शानदार बचाव करते हुए यह खतरा टाल दिया। उसके बाद 37 वे मिनट में भारत को भी पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन स्पेन के गोल कीपर ने उसे नाकाम कर दिया। इसके बाद दोनों टीमें एक दूसरे पर हमला करती रही लेकिन जब खेल का 1 मिनट शेष रह गया था तो 59 वे मिनट में स्पेन की टीम को फिर पेनल्टी कॉर्नर मिल गया, लेकिन भारतीय के अनुभवी गोल कीपर श्रीजेश ने बड़ी समझदारी का परिचय दिया और आखिरी समय में स्पेन के हमले का बचाव कर उसे नाकाम कर दिया और भारत को 1 के मुकाबले 2 गोल से जीत मिल गई। जबकि 35 वे मिनट में भारतीय खिलाड़ी अभिषेक को रेफरी ने ग्रीन कार्ड दिखाया एयर वह 2 मिनट तक बाहर रहे उसके बाद 53 वे मिनट में सुखजीत सिंह को रेफरी ने ग्रीन कार्ड दिखाकर 2 मिनट के लिए फील्ड से बाहर किया पर भारत के हौसले आज बुलंद थे।
भारत ने इस जीत के साथ 52 साल बाद ओलम्पिक में लगातार दो बार ब्रॉन्ज मेडल हासिल किए है इससे पहले टोक्यो ओलम्पिक में भारत ने जर्मनी को हराकर ब्रांज मेडल जीता था। जबकि 52 साल पहले 1968 और 1972 के ओलांपिक गेम में भारत ने लगातार दो बार मेडल अपने नाम किए थे। ओलम्पिक गेम में अभी तक भारत ने हॉकी में 13 मेडल जीते है जिसमें 8 गोल्ड 1 सिल्वर और 4 बार ब्रॉन्ज मेडल शामिल है।
भारत के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने इस ओलम्पिक में विपक्षी टीमों पर 10 गोल दागे जिसमें से 2 गोल उन्होंने आज इस मैच में किए। भारतीय गोलकीपर पीके श्रीजेश एक अनुभवी खिलाड़ी है उन्होंने ब्रिटेन के खिलाफ क्वाटर फायनल मुकाबले में 11 पेनल्टी कॉर्नर सेब किए, यह मैच पेनल्टी शूट आउट में गया था उसमें भी श्रीजेश ने 2 शानदार बचाव कर टीम को जिताया था। आज हुए स्पेन के मुकाबले में भी उन्होंने पूरी जी जान लगा दी और तीन पेनल्टी कॉर्नर विफल किए। श्रीजेश ने पहले ही ओलंपिक के बाद इंटरनेशंनल गेम से संन्यास की घोषणा कर दी थी भारतीय टीम ने ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल का जीत का तोहफा देकर उन्हें ससम्मान विदाई दी इससे पहले मैदान पर जीत का जश्न मनाते हुए भारतीय खिलाड़ियों ने उनका सम्मान किया और इस दौरान कप्तान हरमनप्रीत ने उन्हें कंधे पर बिठालकर मैदान में चक्कर लगाया।