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युद्व अभ्यास के बहाने चीन ने ताइवान को 6 तरफ से घेरा, दागी बेलेस्टिक मिसाइले ग्लोबल इकोनोमी सप्लाई चैन टूटने का खतरा, दो भागों में बटा विश्व

China Millitary Drills Near Taiwan

ताइपे / क्या दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ रही है आज यह सवाल उठ रहे हैं अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नेंसी पेलोसी के जाते ही चीन ने ताइवान को 6 तरफ से घेर लिया है और उसके बाहरी हिस्से की खाड़ी में युद्ध अभ्यास के नाम पर आधुनिक बेलस्टिक मिसाइल दाग रहा हैं इसके अलावा उसने अपने सैनिक बेड़े से ताइवान को चारों ओर से घेर लिया है जिससे खाड़ी में ताइवान के 18 इंटरनेशनल रूट प्रभावित होने के साथ इसके सेमी कंडेक्टर हब को खतरा पैदा हो गया हैं।

नेंसी के जाते ही चीन ने दागी बेलेस्टिक मिसाइलें …

रूस यूक्रेन युद्ध के बाद क्या अब एशिया में भी युद्ध की विभीषिका ज्वलंत होने जा रही है क्योंकि चीन के चेतावनी देने के बावजूद अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नेंसी ने मंगलवार को ताइवान की यात्रा की और उसके राष्ट्रपति को संकट के समय साथ देने का वायदा भी किया जिससे चीन बौखला सा गया है क्योंकि जिस ताईवान को वह अपना हिस्सा और उस पर अपनी हुकूमत समझता था इसमें अमेरिकी हस्तक्षेप वह कैसे बर्दाश्त कर सकता था। और नेंसी के जाते ही उसने ताइवान को 6 तरफ से घेर कर अपना सबसे बड़ा युद्ध अभ्यास शुरू कर दिया जिसमें उसके सैनिक लगातार मिलिट्री ड्रिल चला रहे है और डोनफेन सीरीज की आधुनिक तकनीक की बेलेस्टिक मिसाईले दाग रहे है जो ताइवान से लगे खाड़ी के पानी में तूफान भर रही हैं।

ताईवान ने कहा यह चीन की शांति भंग करने की साजिश …

ताईवान के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक खाड़ी में चीन की युद्ध अभ्यास के नाम से छोड़ी जा रही इन डोनफेन श्रृंखला की डोमेस्टिक मिसाइले से ताइवान का पूर्वोत्तर दक्षिण पश्चिम इलाका बुरी तरह प्रभावित हो रहा है और जिसका हमारी 18 इंटरनेशनल रूटों पर असर हो रहा है। ताईवान ने चीन की इस कार्यवाही को तर्कहीन और शांति भंग करने की समझी सोची साजिश बताया हैं।

विश्व के लिए ताइवान क्यों जरूरी है _

दुनिया में ताइवान एक अकेला ऐसा देश है जो सेमी कंडेक्टर का हब है जो 1400 प्रकार के छोटे बड़े सेमी कंडेक्टरो का निर्माण करता हैं जिसमें ऑटो कार से सम्बद्ध सेमी कंडक्ट शामिल है तो केमिकल इलेक्ट्रोनिक मोबाइल स्मार्ट फोन उसकी चिप भी प्रमुखता से शामिल हैं यदि इन पर संकट आया तो पूरी दुनिया संकट से घिर जायेगी क्योंकि इसका सीधा सीधा असर दुनिया के देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा और ग्लोबल इकोनोमिक सप्लाई चैन बिखर जायेगी। क्योंकि सेमी कंडेक्टर कई उद्योगों की रीढ़ समझे जाते हैं और यदि यह हब युद्ध में बर्बाद हुआ तो ऑटो और इलेक्ट्रोनिक सेक्टर तबाह हो जायेगा। भारत भी ताइवान से इलेक्ट्रोनिक और केमिकल मैटेरियल लेता हैं।

दो भागों में बटी दुनिया …

ताइवान में अमेरिकी दखलंदाजी से विश्व के देश दो भागों में विभाजित हो गए है एक तरफ चीन के साथ रूस और पाकिस्तान आ खड़े हुए है दूसरी तरफ G 7 देश आ गए है जिसमें अमेरिका सहित कनाडा जर्मनी जापान इटली प्रमुखता से शामिल हैं रूस ने इस स्थिति के लिए साफ तौर से अपने शत्रु अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है वहीं कनाडा ने चीन को इस स्थिति का जिम्मेदार बताया है। जबकि ताइवान की खाड़ी में चीन की आक्रामकता से बड़ा खतरा और तनाव उत्पन्न हो गया है जिससे विश्व में अस्थिरता पैदा होने का खतरा बढ़ गया हैं।

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चीन की चेतावनी के बावजूद अमेरिकी संसद की स्पीकर नेंसी ताइवान पहुंची, चीन अमेरिका के बीच टकराव की नौबत

Nancy Pelosi

वाशिंगटन/ ताइपे/ अमेरिकन प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नेंसी पेलोसी आज रात सकुशल ताइवान पहुंच गई। इस दौरान अमेरिका ने चीन की चेतावनी के मद्देनजर अपनी स्पीकर की सुरक्षा के भारी इंतजामात किए थे। खास बात है चीन की चेतावनी के बावजूद अमेरिकी प्रतिनिधि के ताइवान पहुंचने पर चीन का गरूर जरूर टूट गया।

ताइवान को चीन अपना हिस्सा मानता है जिसके कारण वह नहीं चाहता कि कोई दूसरे देश का उसमें कोई हस्तक्षेप हो या किसी अन्य देश का कोई जनप्रतिनिधि बिना उसकी मर्जी के ताइवान में दाखिल हो लेकिन अमेरिका ताइवान को एशिया का एक स्वतंत्र देश मानता है और ताइवान भी खुद को एक अलग आजाद देश कहता हैं यही वजह है अमेरिका ने ताइवान की सहमति के बाद अपना जनप्रतिनिधि के रूप में अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नेंसी पेलोसी को ताईवान भेज कर अपने राजनायिक रिश्ते बड़ाने का निर्णय लिया लेकिन यह बात चीन और उसके प्रधानमंत्री जिंग पिंग को बेहद नागवार गुजरी और उसने अमेरिका को नेंसी को वहां नहीं भेजने की चेतावनी दे डाली लेकिन विश्व की महाशक्ति अमेरिका ने चीन की बात को नजरंदाज करते हुए नेंसी को आज ताइवान भेजा हैं ।

जिससे दोनो देशों के बीच टकराव की नौबत आ गई है। चीन ने अमेरिका के इस निर्णय के खिलाफ ताइवान के स्पेस में कई युद्धपोत तैनात कर दिए साथ ही उसने ताइवान की बेवसाइट हैक करने के साथ ही उसका एयर स्पेस भी बंद कर दिया है।

लेकिन अमेरिका ने भी अपनी प्रतिनिधि नेंसी को भेजने से पहले उनकी सुरक्षा के व्यापक इंतजामात किए ताइवान के पास उसने 4 युद्धपोत तैनात करने के साथ एयर क्राफ्ट केरियर को भी मौके पर लगाया इसके अलावा 8 मिराज लड़ाकू विमानों को भी ताइवान जाने वाले हवाई रूट पर तैनात कर दिया। इसके साथ ही 24 फाइटर विमान नेंसी को घेरते हुए आगे बड़ते रहें। इसके अलावा अन्य सुरक्षा के भी इंतजाम किए है।

अमेरिकी जनसंपर्क के मुताबिक अमेरिकी जन प्रतिनिधिसभा की अध्यक्ष नेंसी पेलोसी अपने स्पेशल विमान से पहले आज रात आठ बजे से पहले ताइवान पहुंचने वाली थी लेकिन उसके बाद एकाएक समय में बदलाव हुआ और बताया गया वे रात 8.13 pm पहुंचेगी उसके बाद सुरक्षा के मद्देनजर उनके वक्त में फिर तब्दीली हुए और 8.23 pm ताइवान के ताइपे हवाई अड्डे पर उतरेंने का समय सामने आया और निर्धारित समय से करीब 5 मिनट के अंतर पर नेंसी पेलोसी के विमान ने ताइपे विमान तल पर लैंडिंग की उनके साथ एक अन्य अमेरिकी प्रतिनिधि राजा कृष्णमूर्ति भी थे जिनकी अगवानी ताईवान के राजनेताओं ने की। खास बात है उनके विमान तल पर उतरने के दौरान पूरे एरोड्रम पर ब्लैक आउट था और वह अंधेरे में उतरी और उन्हे भारी सुरक्षा के बीच लेजाया गया। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नेंसी बुधवार को ताईवान के राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगी।

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