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कतर में भारतीय नोसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को फांसी की सजा, भारत सरकार ने आपत्ति दर्ज कराई, मदद का भरोसा जताया

Indian NAVY

कतर/ कतर में एक निजी डिफेंस कंपनी में कार्यरत भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अफसरों को वहां के कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है लेकिन कतर सरकार ने इनपर लगे आरोपों का ओपचारिक रूप से कोई खुलासा नहीं किया है भारत सरकार ने इस निर्णय पर घोर आपत्ति दर्ज कराई है जबकि विदेश मंत्रालय ने हरसंभव मदद का आश्वासन देने के साथ कानूनी कार्यवाही की बात कही है।

भारतीय नोसेना के यह 8 पूर्व अफसर और अन्य सैनिक कतर की एक निजी कंपनी दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एंड कंटलसेंसी में काम करते थे यह कंपनी डिफेंस सर्विस प्रोवाइड कराती है यह कंपनी कतर की QEMF अर्थात नौसेना को प्रशिक्षण गतिविधियों के साथ अन्य सैन्य सेवाएं देती है, साथ ही यह इटली की मिजेट पनडुब्बी के प्रॉजेक्ट पर काम कर रहे थे। ओमान एयरफोर्स के रिटायर्ड स्कवाड्रन खालिस अल अजनी इस कंपनी के प्रमुख है उन्हें भी इन भारतीय नोसेनिकों के साथ एक अन्य को गिरफ्तार किया गया था लेकिन नवंबर में उन्हें छोड़ दिया गया।

भारत के जिन 8 पूर्व नेवी के सैन्य अफसरों को गिरफ्तार किया गया है उनमें कमांडर सुग्नाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता कमांडर पूर्णेदु तिवारी कमांडर अमित नागपाल कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कैप्टन वीरेंद्र कुमार
वर्मा, कैप्टन नवतेज सिंह गिल और सेलर रागेश शामिल है। इन्हें 30 अगस्त 2022 को कतर की इंटेलीजेंस एजेंसी के स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरों ने गिरफ्तार किया था और इन्हें देश की अलग अलग जेलों में बंद रखा गया लेकिन इनकी गिरफ्तारी के बाद एक महिने तक इनके परिवार और भारत सरकार को कोई जानकारी नहीं दी गई सितंबर मध्य में भारतीय दूतावास को कतर सरकार ने जानकारी दी उसके बाद 30 सितंबर को इनके परिजनों से इनकी बात कराई गई।

कतर सरकार ने फिलहाल इनपर लगे आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया है लेकिन सॉलिटरी कंफाइनमेंट में भेजे जाने से साफ है कि इन्हें सुरक्षा संबंधी क्राइम के कारण गिरफ्तार किया गया था जबकि कतर की स्थानीय मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सेना के इन पूर्व अधिकारियों को इजराइल के लिए उनके देश की जासूसी करने के आरोपों के तहत पकड़ा गया है लेकिन कतर सरकार आज तक इस बारे में कोई मूल तथ्य पेश नही कर पाई है। जबकि इनमें शामिल एक कमांडर पूर्णेंदु तिवारी को 2019 में भारत एवं कतर के बीच द्विपक्षीय संबंध बड़ाने के लिए प्रवासी भारतीय सम्मान मिल चुका है।

गिरफ्तारी के बाद इन भारतीय सैनिकों पर वहां के कोर्ट में प्रकरण चल रहा था जिसकी जानकारी मिलने पर भारत सरकार ने इस मामले को गलत बताते हुए इसे लेकर पहले ही अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी और लेकिन आज आए अदालत के फैंसले में कोर्ट ने इन 8 भारतीय नोसेना के पूर्व अधिकारियों को सजा ए मौत दिए जाने का हुकुम सुनाया है।

इस खबर के बाद भारत सरकार ने इस फैसले पर हैरत जताई है ,और विदेश मंत्रालय ने कहा है की वह पूरे मामले का अध्ययन कर रहे है और भारत सरकार अपने सेना अफसरों को कानूनी एवं हरसंभव मदद देगी।

इधर भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी आलोक बंसल ने कहा है कि इन पूर्व सैनिक और अफसरों में शामिल सभी अधिकारी ईमानदार और कार्यव्यनिष्ठ है इनमें शामिल नेवी कमांडर पूर्णेंदु तिवारी को कतर में उत्कृष्ट सम्मान से भी पुरुष्कृत किया जा चुका है उन्होंने कहा, उनके खिलाफ जो कार्यवाही की गई है वह संभवतः कट्टरपंथी सोच का नमूना है क्योंकि कतर हमास और अन्य कट्टर पंथी देशों के साथ हैं।

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