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ईरान ने इजराइल के साथ कतर के अमेरिकी एयरवेज पर बैलेस्टिक मिसाइलों से हमला किया, 9 नागरिकों की मौत, ट्रंप ने सीजफायर का किया ऐलान?

Iran-Isarel-US War

तेहरान,येरुशलम/ ईरान ने कतर में अमेरिकी एयरबेस को निशाना बनाया है बताया जाता है ईरान ने देर रात दोहा स्थित अमेरिकी एयरबेस पर बैलेस्टिक मिसाइलों से हमला किया है। साथ ही सुबह तड़के इजराइल पर भी बैकस्टिक मिसाइलें दागी। जिसमें 9 इजराइली नागरिकों की मौत हो गई और अच्छा खासा नुकसान इजराइल को हुआ है। जबकि सोमवार को इजराइल ने ईरान पर जोरदार हमला किया था। जिससे ईरान दहल गया था। इधर अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक पोस्ट जारी कर सीजफायर की घोषणा करते हुए कहा कि ईरान इजराइल के बीच अब सीजफायर लागू है कोई देश उसका उल्लंघन न करे। लगता है अमेरिकी एयरबेस पर ईरान के हमले से अमेरिका ने भी सबक लिया और आनन फानन ट्रंप ने सीजफायर का ऐलान किया। लेकिन रिपोर्टों के अनुसार अभी कुछ कहा नहीं जा सकता फिलहाल दोनों देश अपनी सुरक्षा के प्रति सचेत है।

ट्रंप का सीजफायर का ऐलान –

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सोशल मीडिया X पर पोस्ट कर कहा है कि दोनों देशों के बीच सीजफायर लागू हो गया है शांति बनाए रखें और आगे एक दूसरे पर हमले न करें। लेकिन फिलहाल दोनों ही देशों की तरफ से ट्रंप के सीजफायर के ऐलान के बाद अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

ईरान का इजराइल और कतर के अमेरिकी एयरवेज पर हमला –

लेकिन उससे पहले ईरान ने बैलेस्टिक मिसाइलों से इजराइल पर हमला बोल दिया तेल अबीब शहर में ईरान ने करीब 15 से 20 हायपरसोनीक और बैलेस्टिक मिसाइलें छोड़ी , जिन्हें इजराइल के डिफेंस सिस्टम ने नाकाम करने का अभियान चलाया लेकिन कुछ मिसाइलें बिल्डिंग पर आ गिरी जिससे इमारतों को भारी नुकसान हुआ और 6 नागरिकों के मरने की खबरें है। इस बीच इजराइली नागरिकों ने सुरक्षा के मद्देनजर बंकरों में छुपकर अपनी जान बचाई।

ईरान ने बीती देर रात कतर में अमेरिकी एयरवेज पर जोरदार हमला किया ईरान ने राजधानी दोहा स्थित अलअदह में अमेरिका के एयरवेज पर बैलेस्टिक मिसाइलें दागी बताया जाता है बताया गया कि करीब 6 से 10 मिसाइलें दागी लेकिन जो तस्वीरें आई है उसमें काफी संख्या में आकाश में मिसाइलें दिखाई दे रही है। वहां अमेरिका के करीब 10 हजार सैनिक तैनात थे फिलहाल जानमाल का कितना नुकसान हुआ इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। इसके बाद अमेरिका ने अपने लोगों से सुरक्षित जगह जाने के निर्देश दिए जबकि कतर ने अपना एयर स्पेस बंद कर दिया और अपनी उड़ाने रद्द कर दी है कतर सरकार ने भी अपने दोहा के नागरिकों से सुरक्षित जगह चले जाने के आदेश दिए हैं। जबकि ईरान ने इस हमले को “विजय की उदघोषणा” नाम दिया है।

इससे पहले सोमवार को खबर आई थी कि ईरान ने सीरिया के अमेरिकी एयरवेज पर कुछ बम गिराए थे।

ईरान इजराइल युद्ध…इससे पहले क्या हुआ –

अमेरिका के हमले के बाद ईरान ने इजराइल के दस शहरों पर बैकस्टिक मिसाइलों से हमला किया था बताया जाता है इस हमले में ईरान ने 40 मिसाइलों को दागा था। ईरान ने तेल अबीब अम्मान हाइफा अशदोद रामल्लाह, येरुशलम शहर और बेस्ट बैंक इलाका प्रमुख रूप से शामिल है।

ईरान के लगातार हमलों का इजराइल ने भी खुलकर जवाब दिया है और इजराइली सेना जबरदस्त एयर स्ट्राइक की और ईरान के 6 एयरपोर्ट पर हवाई हमले किए है इजराइली सेना ने बख्तरी मशरद, तेहरान हमादान शाहिद देजफुल,और तजरीज एयरपोर्ट को निशाना बनाया है। इजराइली सेना ने बयान जारी करने बताया है कि उसने ड्रोन हमलों के जरिए ईरान के 15 सैन्य सेंटर और हेलीकोटर नष्ट कर दिए है। इन हमलों में हवाई पट्टियां अंडर ग्राउंड बकरों और एक ईंधन भरने वाले विमान को भी नष्ट कर दिया है साथ ही ईरान के F 14, F 5 और AH 1 जैसे फ़ाईटर विमानों को भारी नुकसान पहुंचाया है।

इससे पहले इजराइली एयरफोर्स ने रविवार देर रात ईरान के शाहरुद में बैलेस्टिक मिसाइल का इंजन बनाने वाली फैक्ट्री पर भी बमबारी की यह जगह इजराइल से करीब 2000 किलोमीटर की दूरी पर है इस हमले में इंजन बनाने वाली कई बड़ी मशीनें और जरूरी इक्यूपेंट तबाह हो गए। इसके अलावा इजराइल ने तेहरान, केरमानशाह और हमादान में भी एयर स्ट्राइक की।

ईरान अमेरिका के युद्ध में कूदने से रूस से अपने लिए समर्थन हासिल करने के प्रयासों में जुट गया है जिसने चलते सोमवार को ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अगारची रूस पहुंचे और उन्होंने बेल्दहिम पुतिन से मुलाकात कर अपने सुप्रीम लीडर खामेनेई की चिट्ठी सौंपी। बताया जाता है पुतिन ने इसके बाद अमेरिका इजराइल और ईरान के नेताओं से बात की। साथ ही कहा ईरान पर इजराइल के बाद अमेरिका का हमला सही नहीं है हम ईरान के समर्थन में खड़े है।

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कतरविदेश

कतर में भारतीय नोसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को फांसी की सजा, भारत सरकार ने आपत्ति दर्ज कराई, मदद का भरोसा जताया

Indian NAVY

कतर/ कतर में एक निजी डिफेंस कंपनी में कार्यरत भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अफसरों को वहां के कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है लेकिन कतर सरकार ने इनपर लगे आरोपों का ओपचारिक रूप से कोई खुलासा नहीं किया है भारत सरकार ने इस निर्णय पर घोर आपत्ति दर्ज कराई है जबकि विदेश मंत्रालय ने हरसंभव मदद का आश्वासन देने के साथ कानूनी कार्यवाही की बात कही है।

भारतीय नोसेना के यह 8 पूर्व अफसर और अन्य सैनिक कतर की एक निजी कंपनी दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एंड कंटलसेंसी में काम करते थे यह कंपनी डिफेंस सर्विस प्रोवाइड कराती है यह कंपनी कतर की QEMF अर्थात नौसेना को प्रशिक्षण गतिविधियों के साथ अन्य सैन्य सेवाएं देती है, साथ ही यह इटली की मिजेट पनडुब्बी के प्रॉजेक्ट पर काम कर रहे थे। ओमान एयरफोर्स के रिटायर्ड स्कवाड्रन खालिस अल अजनी इस कंपनी के प्रमुख है उन्हें भी इन भारतीय नोसेनिकों के साथ एक अन्य को गिरफ्तार किया गया था लेकिन नवंबर में उन्हें छोड़ दिया गया।

भारत के जिन 8 पूर्व नेवी के सैन्य अफसरों को गिरफ्तार किया गया है उनमें कमांडर सुग्नाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता कमांडर पूर्णेदु तिवारी कमांडर अमित नागपाल कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कैप्टन वीरेंद्र कुमार
वर्मा, कैप्टन नवतेज सिंह गिल और सेलर रागेश शामिल है। इन्हें 30 अगस्त 2022 को कतर की इंटेलीजेंस एजेंसी के स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरों ने गिरफ्तार किया था और इन्हें देश की अलग अलग जेलों में बंद रखा गया लेकिन इनकी गिरफ्तारी के बाद एक महिने तक इनके परिवार और भारत सरकार को कोई जानकारी नहीं दी गई सितंबर मध्य में भारतीय दूतावास को कतर सरकार ने जानकारी दी उसके बाद 30 सितंबर को इनके परिजनों से इनकी बात कराई गई।

कतर सरकार ने फिलहाल इनपर लगे आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया है लेकिन सॉलिटरी कंफाइनमेंट में भेजे जाने से साफ है कि इन्हें सुरक्षा संबंधी क्राइम के कारण गिरफ्तार किया गया था जबकि कतर की स्थानीय मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सेना के इन पूर्व अधिकारियों को इजराइल के लिए उनके देश की जासूसी करने के आरोपों के तहत पकड़ा गया है लेकिन कतर सरकार आज तक इस बारे में कोई मूल तथ्य पेश नही कर पाई है। जबकि इनमें शामिल एक कमांडर पूर्णेंदु तिवारी को 2019 में भारत एवं कतर के बीच द्विपक्षीय संबंध बड़ाने के लिए प्रवासी भारतीय सम्मान मिल चुका है।

गिरफ्तारी के बाद इन भारतीय सैनिकों पर वहां के कोर्ट में प्रकरण चल रहा था जिसकी जानकारी मिलने पर भारत सरकार ने इस मामले को गलत बताते हुए इसे लेकर पहले ही अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी और लेकिन आज आए अदालत के फैंसले में कोर्ट ने इन 8 भारतीय नोसेना के पूर्व अधिकारियों को सजा ए मौत दिए जाने का हुकुम सुनाया है।

इस खबर के बाद भारत सरकार ने इस फैसले पर हैरत जताई है ,और विदेश मंत्रालय ने कहा है की वह पूरे मामले का अध्ययन कर रहे है और भारत सरकार अपने सेना अफसरों को कानूनी एवं हरसंभव मदद देगी।

इधर भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी आलोक बंसल ने कहा है कि इन पूर्व सैनिक और अफसरों में शामिल सभी अधिकारी ईमानदार और कार्यव्यनिष्ठ है इनमें शामिल नेवी कमांडर पूर्णेंदु तिवारी को कतर में उत्कृष्ट सम्मान से भी पुरुष्कृत किया जा चुका है उन्होंने कहा, उनके खिलाफ जो कार्यवाही की गई है वह संभवतः कट्टरपंथी सोच का नमूना है क्योंकि कतर हमास और अन्य कट्टर पंथी देशों के साथ हैं।

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