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ईरान ने इजराइल के साथ कतर के अमेरिकी एयरवेज पर बैलेस्टिक मिसाइलों से हमला किया, 9 नागरिकों की मौत, ट्रंप ने सीजफायर का किया ऐलान?

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तेहरान,येरुशलम/ ईरान ने कतर में अमेरिकी एयरबेस को निशाना बनाया है बताया जाता है ईरान ने देर रात दोहा स्थित अमेरिकी एयरबेस पर बैलेस्टिक मिसाइलों से हमला किया है। साथ ही सुबह तड़के इजराइल पर भी बैकस्टिक मिसाइलें दागी। जिसमें 9 इजराइली नागरिकों की मौत हो गई और अच्छा खासा नुकसान इजराइल को हुआ है। जबकि सोमवार को इजराइल ने ईरान पर जोरदार हमला किया था। जिससे ईरान दहल गया था। इधर अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक पोस्ट जारी कर सीजफायर की घोषणा करते हुए कहा कि ईरान इजराइल के बीच अब सीजफायर लागू है कोई देश उसका उल्लंघन न करे। लगता है अमेरिकी एयरबेस पर ईरान के हमले से अमेरिका ने भी सबक लिया और आनन फानन ट्रंप ने सीजफायर का ऐलान किया। लेकिन रिपोर्टों के अनुसार अभी कुछ कहा नहीं जा सकता फिलहाल दोनों देश अपनी सुरक्षा के प्रति सचेत है।

ट्रंप का सीजफायर का ऐलान –

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सोशल मीडिया X पर पोस्ट कर कहा है कि दोनों देशों के बीच सीजफायर लागू हो गया है शांति बनाए रखें और आगे एक दूसरे पर हमले न करें। लेकिन फिलहाल दोनों ही देशों की तरफ से ट्रंप के सीजफायर के ऐलान के बाद अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

ईरान का इजराइल और कतर के अमेरिकी एयरवेज पर हमला –

लेकिन उससे पहले ईरान ने बैलेस्टिक मिसाइलों से इजराइल पर हमला बोल दिया तेल अबीब शहर में ईरान ने करीब 15 से 20 हायपरसोनीक और बैलेस्टिक मिसाइलें छोड़ी , जिन्हें इजराइल के डिफेंस सिस्टम ने नाकाम करने का अभियान चलाया लेकिन कुछ मिसाइलें बिल्डिंग पर आ गिरी जिससे इमारतों को भारी नुकसान हुआ और 6 नागरिकों के मरने की खबरें है। इस बीच इजराइली नागरिकों ने सुरक्षा के मद्देनजर बंकरों में छुपकर अपनी जान बचाई।

ईरान ने बीती देर रात कतर में अमेरिकी एयरवेज पर जोरदार हमला किया ईरान ने राजधानी दोहा स्थित अलअदह में अमेरिका के एयरवेज पर बैलेस्टिक मिसाइलें दागी बताया जाता है बताया गया कि करीब 6 से 10 मिसाइलें दागी लेकिन जो तस्वीरें आई है उसमें काफी संख्या में आकाश में मिसाइलें दिखाई दे रही है। वहां अमेरिका के करीब 10 हजार सैनिक तैनात थे फिलहाल जानमाल का कितना नुकसान हुआ इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। इसके बाद अमेरिका ने अपने लोगों से सुरक्षित जगह जाने के निर्देश दिए जबकि कतर ने अपना एयर स्पेस बंद कर दिया और अपनी उड़ाने रद्द कर दी है कतर सरकार ने भी अपने दोहा के नागरिकों से सुरक्षित जगह चले जाने के आदेश दिए हैं। जबकि ईरान ने इस हमले को “विजय की उदघोषणा” नाम दिया है।

इससे पहले सोमवार को खबर आई थी कि ईरान ने सीरिया के अमेरिकी एयरवेज पर कुछ बम गिराए थे।

ईरान इजराइल युद्ध…इससे पहले क्या हुआ –

अमेरिका के हमले के बाद ईरान ने इजराइल के दस शहरों पर बैकस्टिक मिसाइलों से हमला किया था बताया जाता है इस हमले में ईरान ने 40 मिसाइलों को दागा था। ईरान ने तेल अबीब अम्मान हाइफा अशदोद रामल्लाह, येरुशलम शहर और बेस्ट बैंक इलाका प्रमुख रूप से शामिल है।

ईरान के लगातार हमलों का इजराइल ने भी खुलकर जवाब दिया है और इजराइली सेना जबरदस्त एयर स्ट्राइक की और ईरान के 6 एयरपोर्ट पर हवाई हमले किए है इजराइली सेना ने बख्तरी मशरद, तेहरान हमादान शाहिद देजफुल,और तजरीज एयरपोर्ट को निशाना बनाया है। इजराइली सेना ने बयान जारी करने बताया है कि उसने ड्रोन हमलों के जरिए ईरान के 15 सैन्य सेंटर और हेलीकोटर नष्ट कर दिए है। इन हमलों में हवाई पट्टियां अंडर ग्राउंड बकरों और एक ईंधन भरने वाले विमान को भी नष्ट कर दिया है साथ ही ईरान के F 14, F 5 और AH 1 जैसे फ़ाईटर विमानों को भारी नुकसान पहुंचाया है।

इससे पहले इजराइली एयरफोर्स ने रविवार देर रात ईरान के शाहरुद में बैलेस्टिक मिसाइल का इंजन बनाने वाली फैक्ट्री पर भी बमबारी की यह जगह इजराइल से करीब 2000 किलोमीटर की दूरी पर है इस हमले में इंजन बनाने वाली कई बड़ी मशीनें और जरूरी इक्यूपेंट तबाह हो गए। इसके अलावा इजराइल ने तेहरान, केरमानशाह और हमादान में भी एयर स्ट्राइक की।

ईरान अमेरिका के युद्ध में कूदने से रूस से अपने लिए समर्थन हासिल करने के प्रयासों में जुट गया है जिसने चलते सोमवार को ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अगारची रूस पहुंचे और उन्होंने बेल्दहिम पुतिन से मुलाकात कर अपने सुप्रीम लीडर खामेनेई की चिट्ठी सौंपी। बताया जाता है पुतिन ने इसके बाद अमेरिका इजराइल और ईरान के नेताओं से बात की। साथ ही कहा ईरान पर इजराइल के बाद अमेरिका का हमला सही नहीं है हम ईरान के समर्थन में खड़े है।

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ईरान का स्टेट ऑफ हार्यूज मार्ग बंद करने का ऐलान, युद्ध क्षेत्र बनने के साथ पेट्रोलियम पदार्थो में तेजी के आसार!

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तेहरान/ ईरान ने अपने यहां से निकलने वाले 33 किलोमीटर के स्टेट ऑफ हार्यूज समुद्री मार्ग को बंद करने का ऐलान किया हैं बताया जाता है इस मार्ग से विश्व का 26 फीसदी क्रूड तेल का आवागमन होता है यदि यह मार्ग बंद होता है तो क्या यह इलाका युद्ध क्षेत्र बनेगा। इसके अलावा इससे भारत सहित अन्य देशों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा साथ ही पेट्रोलियम पदार्थों में भी तेजी आयेंगी।

ईरान इजराइल के बीच पिछले 13 जून से शुरू हुए युद्ध के दौरान 21 जून को इजराइल के पक्ष में अमेरिका के कूदने और ईरान पर हमला करने से अब नई स्थितियां उत्पन्न हो गई हो गई है। अमेरिका के इजराइल के पक्ष में खुलकर आने के बाद ईरान ने घोषणा की है कि वह हार्फीज मार्ग बंद कर रहा है। जबकि इस हार्फीज समुद्री मार्ग से विश्व का 26 फीसदी क्रूड ऑयल सप्लाई होता है। यदि ईरान अमेरिकी टैंकरों को निशाना बनाता है तो यह 33 किलोमीटर का मार्ग युद्ध क्षेत्र में तब्दील हो जायेगा। विशेषज्ञों का कहना है यह भी है कि यदि ऐसा होता है तो क्रूड ऑयल के दाम 90 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकते है साथ ही दूसरे मार्ग से आने में देरी भी होगी।

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अमेरिका का ईरान के 3 परमाणु सेंटर्स पर हमला, बंकर बस्टर बम गिराए ,तीनों साइट्स तबाह होने का दावा, ईरान का इजराइल पर जवाबी हमला

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तेहरान / अमेरिका ने सुबह तड़के ईरान की तीन न्यूक्लियर साइट्स पर बंकर बस्टर बमों (GBU – 57 A/B) से एकसाथ हमला किया जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है बताया जाता है यह हमला ईरान के फॉर्डो, नतांज और इस्फहान न्यूक्लियर साइट्स पर किया गया है। लेकिन अमेरिका के इस हमले के विरोध में दुनिया में स्वर उठने लगे है। जबकि ईरान ने इसके जवाब में इजराइल के 10 शहरों पर जोरदार हमला किया है।

भारतीय समयानुसार अमेरिका का यह हमला रविवार सुबह 4.30 बजे हुआ । सूत्र बताते है इस हमले में खासकर फोर्डो और इस्फहान में भारी तबाही हुई है और यह सेंटर 75 फीसदी नष्ट हो चुके है। बताया जाता है इन B 2 बमों की टनों बारूद से जमीन हिल गई।

हमारा उद्देश्य दुनिया को परमाणु खतरे से बचाना, कहा ट्रंप ने –

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले के तीन घंटे बाद अपने संदेश में यह जानकारी देते हुए बताया कि हमने इन ठिकानों पर बमों की एक पूरी ख़ैप गिराई है उन्होंने कहा ईरान की अहम न्यूक्लियर साइट्स “Oblilerate” यानि पूरी तरह से तबाह कर दी गई है। उन्होंने कहा हम लोगों का मकसद किसी को डराने का नहीं बल्कि परमाणु बम बनाने से रोकना और दुनिया को परमाणु खतरे से बचाना है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान को धमकी देते कहा कि अब शांति कायम करना चाहिए और वह ऐसा नहीं करता तो उसपर और बड़े हमले किए जायेंगे।

नेतन्याहू ने खुशी जाहिर की –

इस हमले के बाद इजराइल के पीएम बैंजामिन नेतन्याहू ने खुशी जताई है उन्होंने अमेरिका को इजराइल का बड़ा दोस्त बताते हुए कहा कि अमेरिका का यह हमला इतिहास बदलने वाला है।

अमेरिका को ऐसे जख्म देंगे उभर नहीं पायेगा: ख़ामेनेई –

इधर ईरान ने कहा है कि इस तरह का हमला बर्दाश्त नहीं है ईरान परमाणु ऊर्जा संस्था (AEOI) ने इस अमेरिकी हमले की घोर निंदा करते हुए कहा यह हमला अंतरराष्ट्रीय कानूनों का खुला उल्लंघन है।

जबकि ईरान के सुप्रीम लीडर ख़ामेनेई ने चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका जवाबी कार्यवाही और ईरानी हमले के लिए तैयार रहे हम अमेरिका को ऐसा जख्म देंगे जिसका उसे अंदाज नहीं होगा।

IAEA के मुताबिक,हमले के बाद कोई रेडिएशन नहीं –

ईरानी परमाणु ऊर्जा संस्था (IAEA) ने कहा है कि अमेरिका के मिसाइल और बम हमलों के बाद फोर्डो नतांज और इस्फहान में कोई रेडिएशन लीक नहीं हुआ है, एजेंसी ने सोशल मीडिया पर बताया हैं कि इलाके की जांच और रेडिएशन मापने वाली मशीनों से यह जानकारी मिली है उसके अनुसार बाहर रहने वालो पर किसी तरह का खतरा नहीं है और इन स्थलों की सुरक्षा अब भी सामान्य और स्थिर है।

डेमोक्रेटिक पार्टी ने विरोध दर्ज कराया

अमेरिका के ईरान पर हमले को लेकर US की डेमोक्रेटिक पार्टी ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए कहा राष्ट्रपति ट्रंप ने कानून तोड़ा है , उन्होंने कहा कि कांग्रेस से इसकी कोई अनुमति नहीं ली उन्होंने बिना अनुमति के हमला किया, ट्रंप की गलती की सजा यूएस भुगतेगा।

UN ने की शांति की अपील-

यूएन के महासचिव एंटोनियो गुटरेस ने सभी पक्षों से शांति की अपील की है उन्होंने कहा यह हमला अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए खतरा है।

हमास ने अमेरिकी हमले की निंदा की –

हमास ने ईरान पर अमेरिकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह खुला हमला है अपने बयान में हमास ने कहा है कि यह हमला अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन है इससे दुनिया की शांति और स्थिरता पर सीधा खतरा उत्पन्न होगा।

कैसे किया अमेरिका ने हमला –

अमेरिका की सेना ने 400 मील दूर से मिसाइलें दागी, नतांज और इस्फहान में 30 टॉम होम क्रूज मिसाइलें दागी जिन्हें उन्होंने 400 मील अर्थात 643 किलोमीटर दूर अमेरिकी पनडुब्बियों से लाँच किया था।

अमेरिका ने फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर 6 बंकर बस्टर बम गिराए, फॉक्स न्यूज के सूत्रों के मुताबिक बताया गया है कि अमेरिकी सेना ने फोर्डों की न्यूक्लियर साइट्स पर 5 से 6 की तादाद में B 2 बॉम्बर से GBU – 57 बम गिराए। जबकि पहले यह अंदाजा लगाया गया था कि फोर्डों न्यूक्लियर साइट्स के लिए 2 बंकर बस्टर बम की ही जरूरत होगी।

समझे, क्या है और कहा है ईरान के 3 न्यूक्लियर सेंटर –

1 नतांज एटोमिक फैसेलिटी सेंटर –
# इस साइट पर 9 परमाणु बम बनाने जितना यूरेनियम मौजूद है।
# नतांज में एडवांस सेंट्रीफ्यूजन लगे है इससे यूरेनियम 235 की प्योरिटी के लिए की सफाई होती है।
# इजराइली पीएम नेतान्याहू ने इसे ईरान का सबसे बड़ा परमाणु खतरा बताया है।

2.फोर्डो एनरिकमेंट प्लांट –
# नतांज के बाद यह ईरान का दूसरा सबसे बड़ा यूरेनियम प्यूरीफिकेशन प्लांट है।
# यह ईरान की एक पहाड़ी में 295 फीट यानि लगभग 90 मीटर गहराई में मौजूद है।
# इसका कंट्रोल परमाणु ऊर्जा संगठन (AEOI) के पास है।
# हवाई हमले से इसे आसानी से तबाह करना काफी मुश्किल है।
# सिर्फ अमेरिका GBU – 57, बंकर बस्टर बम और B – 2 स्टेल्थ विमान ही नुकसान पहुंचाने में सक्षम।

3. इस्फहान परमाणु टेक्नोलॉजी सेंटर –
# यूरेनियम कन्वर्जन फैसेलिटी ,यहां कच्चे यूरेनियम को गैस में बदला जाता है।
# इस्फ़हान में ईरान का एक बड़ा एयरबेस, यहां पुराने अमेरिकी F – 14 फाइटर जेट मौजूद है।
# इस्फहान ने हथियार बनाने वाली फैक्टी भी है।
# इजराइल ने 13 जून को यहां के एक एयरबेस पर 3 ड्रोन से हमला किया था।

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ईरान-इजराइल युद्ध, अराक हैवी रिएक्टर पर हमला, जबाव में ईरान ने 4 शहरों पर दागी मिसाइलें, खामेनेई को बताया हिटलर, अमेरिका को चेतावनी, चीन रूस आए सामने

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तेहरान, जेरूसलम/ ईरान और इजराइल के बीच चल रहे युद्ध को आज सातवां दिन है दोनों ओर से लगातार एक दूसरे पर हमले जारी है आज भी इजराइल ने जहां ईरान के अराक हैवी रिपेक्टर को निशाना बनाया और भारी नुकसान का दावा किया लेकिन जबाव में ईरान ने एकसाथ इजराइल के 4 प्रमुख शहरों पर मिसाइलें दागी जिससे जानमाल का भारी नुकसान होने की संभावना है। खास बात है इजराइल ने ईरान के दो शहरों अराक और खौबंड के नागरिकों को इन्हें खाली करने की पहले ही चेतावनी दे दी थी। इधर रूस ने अमेरिका को चेतावनी दी तो चीन ने ईरान – इजराइल के बीच सीजफायर करने की समझाइश दी हैं। जबकि ईरानी हमले के बाद इजराइल ने खामेनेई को मॉर्डन हिटलर की संज्ञा देते हुए उनके खात्मे की बात कही है। यह भी बताना जरूरी है कि इस युद्ध में अभी तक ईरान के 639 लोगों की मौत हुईं है और 1329 लोग घायल हुए है जबकि इजराइल के 24 लोग मरे है जबकि 1300 लोग घायल हुए है।

इजराइल – ईरान युद्ध का सातवां दिन –

गुरूवार को इजराइल ने ईराक के अराक स्थित हैवी वोटर रिएक्टर पर हमला किया इससे कुछ घंटे पहले ही इजराइल की सेना (IDF) ने अराक और खौबंड शहरों के नागरिकों को इलाका खाली करने की चेतावनी दी थी, बताया जाता है अराम हैवी वाटर रिएक्टर फैसेलिटी ईरान के परमाणु प्रोग्राम का अहम हिस्सा है इसके साथ ही अराम में बड़े पैमाने पर हथियारों का उत्पादन होता है।

जवाब में ईरान ने इजराइल के 4 शहरों तेल अबीब, बीशेरबा, रमतगण और होलोन पर एकसाथ 30 मिसाइलें दागी, इनमें से 7 को इजराइली डिफेंस सिस्टम ने नाकाम कर दिया लेकिन इस हमले में 176 लोग घायल हुए जिसमें 6 की हालत नाजुक है। इस हमले में बीशेरवा में एक अस्पताल सोरोका मेडिकल सेंटर भी जद में आया है। साथ ही ईरान ने स्टॉक एक्सचेंज की बिल्डिंग पर भी हमला किया।जिससे उसे नुकसान होने की खबरें है।

हमले के बाद नेतन्याहू की चेतावनी,खामेनेई को बताया हिटलर –

इस हमले के बाद इजराइल के पीएम बैंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान का सोरोका मेडिकल सेंटर पर हमला बिल्कुल गलत है ईरान, इजराइली नागरिकों और अस्पताल को जानबूझकर निशाना बना रहा हैं अब बात नहीं बल्कि कार्यवाही पूरी दुनिया दिखेंगी हमारे सारे विकल्प खुले है उन्होंने कहा हम तेहरान में बैठे अत्याचारियों से इसकी पूरी कीमत बसूल करेंगे।

जबकि इजराइल ने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई को मॉर्डन हिटलर बताया है इजराइल के रक्षामंत्री इजरायल कोर्टून ने कहा उन्हें जीने का कोई अधिकार नहीं है वह अपने एजेंटों के जरिए इजराइल को खत्म करना चाहता है वह अब बचना नहीं चाहिए।

चीन और रूस आए सामने –

ईरान – इजराइल के बीच तनाव पर गुरुवार को चीन का बड़ा बयान सामने आया है चीन के प्रधानमंत्री शी जिनपिंग ने कहा है कि युद्ध विराम पहली प्राथमिकता होना चाहिए, युद्ध कोई रास्ता नहीं हो सकता और इजराइल को जल्द सीजफायर करना चाहिए। जबकि रूस ने अमेरिका को खुली चेतावनी दी है आज रूस के मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने कहा कि अमेरिका मध्य पूर्व की जंग से दूर रहे यदि अमेरिका ईरान से भिड़ा तो मध्य पूर्व का इलाका अस्थिर और असुरक्षित हो जायेगा।

ट्रंप के बयान पर ख़ामेनेई का पलटवार,दखल दिया तो बुरा नतीजा –

ट्रंप के बयान के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर अमातुल्ला खामेनेई ने तीखा पलटवार किया है खामेनेई ने बुधवार को कहा, जो ईरान और उसके लोगों और उसका इतिहास जानते है वह कभी धमकी की भाषा में बात नहीं करते ईरानी वह नहीं जो सिरेंडर कर दे,ट्रंप को उन्हें धमकी देना चाहिए जो इस तरह की धमकियों से डरते हो।

ईरान के राष्ट्रीय टीवी चैनल पर बुधवार को प्रसारित संदेश में सुप्रीम नेता खामेनेई ने कहा कि, इजराइल से युद्ध में यदि अमेरिका दखल देता है तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जायेगा और ईरान इसका भीषण बदला लेगा अमेरिका का इतना नुकसान होगा कि जिसकी भरपाई वह वर्षों बरस नहीं कर पाएगा।

क्या कहा था ट्रंप ने –

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले मंगलवार को सोशल मीडिया पर कहा था, हमें पता है कि ईरान के तथाकथित सुप्रीम लीडर कहा छुपे है लेकिन हम उन्हें हटाने (मारने) नहीं जा रहे.. कम से कम अभी नहीं, अब ईरान को बिना शर्त सरेंडर कर देना चाहिए। लेकिन ख़ामेनेई के जबाव के बाद ट्रंप के सुर बदल गए और इस बीच बुधवार की देर रात ट्रंप ने कहा .. मै ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर भी सकता हूँ और नही भी ..कोई नहीं जानता है।

क्या अमेरिका ईरान पर हमला कर सकता है ? –

लेकिन इस बीच अमरीका की न्यूज एजेंसी के हवाले से खबर आई है कि अमेरिका कभी भी ईरान पर हमला कर सकता है। इसकी पुष्टि अमेरिकी सैन्य जमावट से भी साफ होती है। अमेरिका ने ईरान की सीमा से लगे 6 देशों में अपने 9 बेस से ईरान की घेराबंदी की है।

  • जॉर्डन – अम्मान में 2 हजार से ज्यादा अमेरिकी सैनिकों की तैनाती।
  • इराक – इरविल असद एयरवेस पर अमेरिका के 2 हजार सैनिक तैनात।
  • सऊदी अरब – फाइटर जेट के साथ 35 हजार से अधिक सैनिक तैनात।
  • कुवैत – 5 हजार मरीन कमांडो और दो बड़े एयरक्राफ्ट मौजूद, गश्त कर रहे है।
  • बहरीन – अल उबैद एयरवेज पर जेट लड़ाकू विमानों की रिफ्यूलिंग की बड़ी फैसेलिटी।
  • जॉर्डन – अम्मान में 2 हजार से ज्यादा अमेरिकी सैनिकों की तैनाती।
  • UAE – नेवल, आर्मी, एयरफोर्स के 3 बेस स्थापित, यहां 6 हजार सैनिक तैनात।

विशेष – इसका बड़ा कारण है कि इजराइल की इंटर सेप्टर आपूर्ति तेज़ी से कम हो रही है वह इसकी आपूर्ति के लिए अमेरिका पर ही निर्भर है। आयरन डॉम को भेदकर ईरानी हाइपर सोनिक मिसाइलें इजराइल में तबाही का मंजर पैदा कर सकती है। जिसके चलते अमेरिका ने अपनी सैन्य शक्ति का कवच तैनात कर दिया हैं।

ईरान इजराइल युद्ध… 7 दिन का सिलसिला —

इजराइल ने ईरान पर 13 जून से हमला शुरू किया, जो अभी तक जारी है जबाव में ईरान ने भी पलटवार किया। ईरान में अभी तक 585 लोगों के मारे जाने और 1325 के घायल होने की जानकारी सामने आई है जबकि ईरानी हमले में इजराइल के 24 लोगों के मारे जाने और करीब 600 लोगों के घायल होने की खबरें है।

  • 13 जून – इजराइल ने इस सैन्य हमले को “राइजिंग लॉयन” नाम दिया और ईरान पर 200 फाइटर जेट्स से एकसाथ हमला बोला। अचानक हुए इस इजराइली ऑपरेशन में ईरान के 14 प्रमुख वैज्ञानिक 20 से ज्यादा मिलेंट्री कमांडर मारे गए, ईरान ने जवाबी हमला किया जिसे उसने “ट्रू प्रोमिस थ्री नाम दिया जिसके तहत ईरान ने इजराइल पर सैकड़ों मिसाइलें दागी।
  • 14 जून – ईरान ने इजराइली रक्षा मंत्रालय को निशाना बनाया, ईरान ने 3 इजराइली F 35 जेट गिराने जा दावा किया। इस बीच 138 ईरानियों के मरने की खबर, जबकि ईरान और अमेरिका के बीच होने वाली परमाणु वार्ता रद्द कर दी गई।
  • 15 जून – इजराइल के ईरान के तीन तेल ठिकानों पर हमला भारी नुकसान,इजराइल ने ईरानी रक्षा मंत्रालय पर हमला किया। ईरान ने मुस्लिम देशों से एकजुट होने की अपील की। जबकि ईरानी हमलो से हाइफा के रिफाइनरी सेंटर को नुकसान पहुंचा। इधर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया कि, ईरान और इजराइल का,समझौता होगा।
  • 16 जून – ईरान का इजराइल पर सबसे बड़ा हमला, जिसमें 8 की मौत 200 लोग घायल हुए। जबाव ने इजराइल का ईरान के विदेश मंत्रालय पर हमला। इस दौरान ईरान ने इजराइल का एक और F 35 गिराने का दावा किया। इसी दिन इजराइल ने तेहरान स्थित न्यून चैनल की बिल्डिंग पर बमबारी की उस समय महिला न्यूज एंकर लाइव शो कर रही थी हमले की आवाज सुनकर वह जान बचाकर भागी और पीछे की स्क्रीन ब्लेक हो गई।
  • 17 जून – ईरान का इजराइल के मौसाद हैडक्वाटर पर तेज हमला, ईरान ने अजर बेजान के रास्ते 600 से ज्यादा विदेशी नागरिकों को देश से बाहर निकाला। इधर राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा ईरान के सुप्रीम लीडर को हम अभी नहीं मारेंगे, वह कहा छुपा है हम जानते है। जबकि विश्व के 21 देशों ने इजराइल के ईरान पर हमले की घोर आलोचना की।
  • 18 जून – ईरान के सुप्रीम लीडर अमातुल्ला खामेनेई ने कहा, ईरान सरेंडर नहीं करेगा, साथ ही सुप्रीम लीडर ने इजराइल के खिलाफ जंग का ऐलान किया। ईरान में वाट्सएप डिलीट करने के आदेश। साथ ही इस दिन ईरान ने पहली बार फतह मिसाइल का हमले में उपयोग किया और हाईपर सोनिक मिसाइल से तेल अबीब को निशाना बनाया।
  • 19 जून – इजराइल ने ईराक के अराक हैवी वोटर रिपेक्टर पर हमला बोला,कुछ घंटे पहले ही इजराइल की सेना (IDF) ने अराक और ख़ौबंड शहर के लोगों से इलाका खाली करने की चेतावनी दी थी। जबाव ने ईरान ने इजराइल के 4 शहरों तेल अबीब, बीरशैवा, रमतगण और होलोंन पर 30 मिसाइलें दागी जिसमें 176 लोग घायल हुए। पीएम नेतन्याहू का आरोप है ईरान हमारे अस्पतालों पर हमला कर रहा हैं।

परमाणु बम बना युद्ध का कारण !

ईरान के पास यूरेनियम का अकूत भंडार है उसके परमाणु बम बनाने की शुरूआत करने के साथ विश्व में परमाणु ताकत बन जाने की संभावना से इजराइल काफी नाराज था उसका कहना है ईरान के परमाणु ताकत बनने से उसे सबसे बड़ा खतरा है तमाम चेतावनियों के बाद भी ईरान वैज्ञानिकों ने परमाणु बम बनाने का कार्यक्रम जारी रखा जिसके बाद इजराइल ने ईरान पर हमला बोल दिया इस युद्ध में अमरीका प्रत्यक्ष रूप से इजराइल के साथ खड़ा नजर आ रहा हैं। इधर रूस और चीन ने अपने रुख को स्पष्ट नहीं किया है लेकिन यह दोनों देश ईरान का सपोर्ट कर सकते है। आज के बयान से तो यही साफ होता है।जबकि भारत फिलहाल न्यूट्रल है।

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ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर क्रेश में मौत, विदेश मंत्री सहित 9 लोग थे सवार, सभी का निधन, अजरबैजान से लौटते समय हुआ हादसा

Iran President Dies

तेहरान/ ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलीकॉप्टर क्रेश होने से निधन हो गया इस विमान में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री सहित 9 लोग सवार थे और इस विमान दुर्घटना में सभी की मौत हो गई। यह हादसा अजरबैजान से लौटते समय हुआ।

ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी आईआरएनए ने इसकी पुष्टि की है। उसके मुताबिक अजरबैजान से लौटते समय राष्ट्रपति का यह हेलीकॉप्टर रविवार को शाम 7 बजे लापता हो गया था और कंट्रोल रूम पर कोई मैसेज भी नही मिल रहा था। इस हेलीकॉप्टर में राष्ट्रपति के साथ विदेश मंत्री हौसेन अमीराबदुल्ला हियन सहित 9 लोग सवार थे।

उसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर संभावित क्षेत्रों में सर्चिंग ऑपरेशन शुरू हुआ और खोजबीन करने पर मलबे में तब्दील इस हेलीकॉप्टर को अजर बैजान की सरहद के करीब ईरान के वरजेघन शहर के पहाड़ी इलाके में देखा गया। यह इलाका बेहद दुष्कर है रेस्क्यू एजेंसियां करीब 15 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाती रही तब जाकर उन्हें सफलता मिली, इस बीच तेज बारिश ,गहरे कोहरे और तेज सर्दी ने भारी मुश्किलात खड़ी की इस दौरान बचाव दल के तीन कर्मचारी भी लापता हो गए।

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ईरान ने इजराइल पर ड्रोन और मिसाइल से किया अटैक, 1 बच्ची सहित 12 लोग घायल, मिलिट्री बेस को नुकसान, जवाबी हमले में इजराइल का साथ नही देगा अमेरिका

IRAN drone attack on ISRAEL
  • ईरान ने किया इजराइल पर ड्रोन और मिसाइल से किया अटैक, 1 बच्ची सहित 12 लोग घायल,

  • मिलिट्री बेस को नुकसान, जवाबी हमले में इजराइल का साथ नही देगा अमेरिका

तेहरान / जैसी संभावना व्यक्त की जा रही थी ईरान ने शनिवार रविवार की देर रात इजराइल पर 300 ड्रोन और मिसाइलों से हमला बोल दिया जिससे इजराइल के मिलिट्री बेस को भारी नुकसान पहुंचा है जबकि इजराइल के आयरन डोम ने ईरान की तरफ से दागी जा रही मिसाइलों को रोका और अमेरिकी सेना ने कुछ ड्रोन और मिसाइलों को निस्तेज कर दिया। इस हमले में एक बच्ची सहित 12 लोग घायल हुए है।

बताया जाता है रविवार सुबह 3 बजे ईरान ने इजराइल पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला बोल दिया जिससे इजराइल के मिलिट्री बेस नुकसान हुआ है, इजराइली सेना के मुताबिक उन्होंने ईरान में कुछ अन्य ड्रोन भी उड़ते देखे है जो संभवत कुछ समय में हमारी तरफ आ सकते है जबकि इजराइली चैनल 12 ने बताया कि ईरान ने ड्रोन से अटैक कर दिया है जिसमें से कुछ को सीरिया और जॉर्डन में मार गिराया गया है।

इधर न्यूयॉर्क टाइम्स ने इजरायली अस्पताल के प्रवक्ता के हवाले से बताया है कि ईरान के हमले के बाद 12 लोगो को घायल अवस्था में सोरोका मेडिकल सेंटर लाया गया है जिसमें एक 7 साल की बच्ची गंभीर रूप से घायल है जबकि खबर है कि भगदड़ में 8 लोग मामूली तौर पर चोटग्रस्त हुए और 3 को हमले के बाद इक्जाइटी के कारण अस्पताल लाया गया है।

सयुक्त राष्ट्र संघ (UN) में मोजूद ईरान के राजदूत आमिर सईद ने चेतावनी देते हुए कहा है कि ईरान को अपनी रक्षा करने का पूरा हक है हमने सीरिया में ईरानी दूतावास पर हमले के जबाव में इजराईल पर अटैक किया है यदि इजराइल ने जबावी हमला किया तो हम और अधिक मजबूती से उसका मुंहतोड़ जबाव देंगे।

लेकिन इस हमले के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू का सोशल मीडिया पर एक बयान आया है पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि हमने ईरानी ड्रोन और मिसाइलो को रोक दिया, हमलों को ब्लॉक कर दिया, हम साथ मिलकर जीत हासिल करेंगे।

ईरान के इजराइल पर हमले। को रोकने के लिए अमेरिकी वॉरशिप ने 70 ड्रांस और 7 बेकेस्टिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट किया अमेरिकी वॉर शिप ने भू मध्य सागर के ऊपर बेलेस्टिक मिसाइलों को रोका, जबकि अमेरिका के फाइटर जेट भी ईरानी हमले को रोकते दिखाई दिए,जैसा कि अमेरिका के दो वॉर शिप यहां तैनात है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि हमने ईरानी हमले को रोकने के लिए इजराइल का साथ दिया है लेकिन यदि इजराइल ईरान पर जवाबी हमला करता है तो वह उसका साथ नहीं देगा। और उसका अमेरिका विरोध करेगा।

जबकि चीन के विदेश मंत्रालय ने भी इस हमले पर कहा है कि गांजा में युद्ध आगे बड़ रहा है इसपर सीजफायर होना चाहिए साथ ही ईरान और इजराइल दोनों देशों को मिल बैठकर विवाद निबटाने की सलाह देते हुए चीन ने शांति बहाली की बात कही है।

1 अप्रेल के बाद ईरान और इजराइल के बीच बड़ा विवाद, भारत आ रहे कार्गो शिप पर किया था कब्जा, क्या है पूरा मामला …

ईरान और इजराइल के बीच आपसी तनाव बढ़ता ही जा रहा है मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक दावा किया जा रहा है कि दो दिन के अंदर ईरान इजराइल पर हमला कर सकता है। इस दौरान अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार ओमान की खाड़ी से होगार्ज होते हुए भारत आ रहे एक कार्गो शिप पर ईरान की सेना ने कब्जा कर लिया। जैसा कि ईरान और इजराइल के बीच विवाद पुराना है इसका बड़ा कारण सीरिया रहा है जिसे ईरान इजराइल के खिलाफ सपोर्ट करता आया है लेकिन हाल में सीरिया में ईरानी एंबेसी के पास इजराइल के अटैक से दोनों के बीच युद्ध की स्थिति निर्मित होती दिखाई दे रही है। लेकिन इस जहाज के चालक दल में 17 भारतीय थे जिससे भारत का चिंतित होना लाज़मी है।

बताया जाता है यह जहाज सयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से भारत आ रहा था और इस पर 25 चालक दल के सदस्य मोजूद थे खास बात है उनमें 17 क्रू मेंबर भारतीय थे इसके अलावा 4 फिलीपींस और अन्य देशों के है जब यह जहाज स्टेट ऑफ होरभुज पहुंचा तो ईरान के कमांडो हेलीकॉप्टर से शिप पर उतरे और एमएससी एरीज ने उसे कब्जे में ले लिया। साथ ही चालक दल को अपनी गिरफ्त में लेते हुए शिप को ईरान की तरफ ले गए।

जानकारी के अनुसार यह कार्गो शिप लंदन बेस्ड एक कंपनी के अंडर में काम करता हैं जिसका मालिकाना हक एक इजराइली अमीर के पास हैं। जबकि इजराइली सेना के प्रवक्ता डेनीयार हगारी ने एक वक्तव्य जारी कर चेतावनी दी है कि हम किसी भी तरह के हमले पर चुप नहीं बैठेंगे इसका करारा जवाब दिया जायेगा। जबकि भारत सहित 6 देशों ब्रिटेन रूस फ्रांस और जर्मनी ने अपने नागरिकों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है और ईरान और इजराइल की तरफ नही जाने की सलाह दी है।

दरअसल 1 अप्रेल को इजराइल ने सीरिया में ईरानी एंबेसी के पास एयर स्ट्राइक की थी जिसमें ईरान के दो टॉप कमांडर सहित 13 लोग मारे गए थे इसके बाद ईरान ने इजराइल से बदला लेने की फिराक में अटैक की धमकी दी थी समझ जाता है उसी के चलते ईरान ने इस जहाज को हाईजेक किया है।

चूकि इस शिप पर चालक दल में 17 भारतीय नागरिक है जिससे भारत का चिंतित होना लाज़मी है भारत ने तेहरान और ईराक के दूतावास से बातचीत की है। खास बात है कि ईरान ने जिस होरभुज पास से भारत आ रहे जहाज पर कब्जा किया है वहां से भारत सहित दुनिया का 20 फीसदी तेल गुजरता है।

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ईरान

ईरान में भीड़ के बीच दो धमाके, 103 लोगों की मौत 140 घायल, जनरल सुलेमानी की बरसी पर इकट्ठा थे लोग

Terrorist attack in IRAN
  • ईरान में भीड़ के बीच दो धमाके, 103 लोगों की मौत 140 घायल,

  • रिमोट कंट्रोल से किए ब्लॉस्ट,

  • पूर्व जनरल सुलेमानी की बरसी पर इकट्ठा थे लोग

कैमरन/ ईरान के कैमरन शहर में पूर्व जनरल कासिम सुलेमानी की चौथी बरसी पर उनके मकबरे पर इकट्ठा लोगों के बीच 10 सेकेंड के अंतर से दो जोरदार धमाके हुए, ब्लॉस्ट की इस घटना में 103 लोगों की मौत हो गई जबकि 140 लोग घायल हो गए हैं , जिसमें कई की हालत गंभीर हैं। समझा जाता है यह धमाके रिमोट कंट्रोल से किए गए।

ईरान के कैमरन शहर में बुद्धवार को पूर्व जनरल कासिम सुलेमानी की बरसी पर उनके मकबरे पर उन्हें श्रद्धांजलि देने जन सैलाव इकट्ठा था तभी दो तेज धमाके हुए जिसमें 103 लोगों की मौत हो गई जबकि 140 लोग घायल हो गए है। बीबीसी ने ईरान के सरकारी मीडिया के हवाले से बताया कि यह धमाके रिबोल्यूशरी गार्डस (ईरानी सेना) के पूर्व जनरल कासिम सुलेमानी के मकबरे पर हुए पुलिस के मुताबिक यह फियादीन हमला हो सकता हैं इसकी जांच की जा रही हैं।

कैमरन के लोकल मीडिया ने अल अरबिया टीवी को जानकारी दी है कि बुद्धवार को हुआ यह पहला धमाका सूटकेस में रखें बम में हुआ जिसे रिमोट से ब्लॉस्ट किया गया दूसरा धमाका इसके ठीक दस सेकेंड बाद हुआ दूसरे धमाके की फिलहाल कोई पुष्ट जानकारी सामने नहीं आई है रिपोर्ट के मुताबिक जब सिक्योरिटी फोर्स घटना स्थल पर पहुंचने लगी तभी भीड़ के बीच दूसरा धमाका हुआ।

पुलिस ने मौके पर जांच शुरू कर दी है पुलिस अफसरों का कहना है यह फियादीन हमला भी हो सकता है जो रिमोट कंट्रोल से किए गए दोनों ब्लॉस्ट के बीच 10 सेकेंड का अंतर था पहला धमाका जनरल सुलेमान की दरगाह से करीब 700 मीटर की दूरी पर हुआ जबकि दूसरा धमाका सिक्योरिटी चैक पोस्ट के करीब हुआ।

जैसा कि सुलेमानी ईरान की इंटेलीजेंस यूनिट के हेड थे और यह यूनिट ग्राउंड मिशन को अंजाम देती थी सन 2020 में सुलेमानी को अमेरिका और इजराइल ने मिलकर बगदाद में एक मिसाइल अटैक में मार दिया था।

 

Image source: Twitter
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