हनुमानगढ़/ राजस्थान के हनुमानगढ़ में आज सुबह वायुसेना का फायटर विमान मिंग 21 विमान क्रेश हो गया, विमान बेकाबू होते देखकर पायलट ने पैराशूट से कूद कर अपनी जान बचाई। लेकिन इस विमान दुर्घटना में तीन महिलाओं की मौत हो गई है।
हनुमानगढ़ के बहलोल नगर क्षेत्र में अचानक एयरफोर्स का यह मिंग 21 विमान का मलबा एक मकान पर बड़े धमाके के साथ गिरा जिससे वहां आग लग गई यह देखकर भारी सख्या में आसपास से ग्रामीण इकट्ठा हो गए बाद में स्थानीय पुलिस और एयरफॉर्स ने राहत बचाव कार्य शुरू किया साथ ही जेसीबी से मलबा हटाया गया। लेकिन इस विमान दुर्घटना में उस मकान में रहने वाली तीन महिलाएं बशो कोर ( 45 साल), बंतोबाई (60 साल) और लीलादेवी (55 साल) की मौत हो गई। साथ ही मलबे का कुछ हिस्सा बगल के मकान पर गिरा जिससे सरोज (18 साल), विमला (19 साल) और वीरपाल कोर (32 साल) घायल हो गई जिन्हे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।
एयरफोर्स के अधिकारियों के मुताबिक मिंग 21 आज सुबह सूरतगढ़ से रूटिन उड़ान भरी थी कुछ समय बाद ही पायलट को विमान में कुछ इमरर्जेंसी सिचुएशन लगी उसने विमान को काबू करने की काफी कोशिश की उसे बस्ती इलाके से दूर लेजाने का भरपूर प्रयास किया लेकिन जब उसे लगा कि सिचुएशन आउट ऑफ़ कंट्रोल हो रही है तो पायलट राहुल अरोड़ा ने विमान से इजेक्ट करने का फैसला लिया। एयरफोर्स को पायलट सूरत एयरबेस से करीब 22 किलोमीटर दूरी पर मिल गए जिन्हें मामूली चोटे आई है फिलहाल उन्हें सूरतगढ़ एयरबेस भेज दिया गया हैं।
इस घटना के बाद काफी संख्या में जुटे स्थानीय लोगों ने महिलाओं के शव पोस्टमार्टम के लिए नहीं जाने दिए उनका कहना था पहले इनके परिजनों को मदद दी जाएं बाद में मृतक महिलाओं के परिजनों को 5-5 लाख राशि का मुआवजा देने की घोषणा के साथ परिजनों को नोकरी देने का आश्वासन भी दिया गया तब जाकर लोग माने और शवों को पीएम के लिए भेजा गया।
बताया जाता है रूस निर्मित फाइटर विमान मिंग 21 सन 1959 में इंडियन एयर फ़ोर्स के बेड़े में शामिल हुआ था और यह कभी सेना की ताकत था और 1971 और 1999 के युद्धों सहित बालाकोट में एयरफोर्स का काफी नाम रोशन किया लेकिन इसका दूसरा पहलू यह भी है कि 5 दशकों में अभी तक इस विमान की 400 हवाई दुर्घटनाएं हो चुकी है जिसमें अभी तक 200 पायलट की मौत हो चुकी है जबकि कई सिविलियंस भी मारे जा चुके है पिछले 16 महीनों में 7 फाइटर मिंग 21 क्रेश हो चुके है जो मिंग 21 की पुरानी तकनीकी पर सबाल उठाता है तो यह भी कि क्या वायुसेना को मिंग 21 का उपयोग बंद कर देना चाहिए ? जानकारी के मुताबिक भारत अभी तक 800 मिंग 21 फाइटर विमान खरीद चुका है। खास बात है अधिक बार दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण इस विमान को “उड़ता कफन” के नाम से भी जाना जाता हैं। जबकि धीरे धीरे 2025 तक वायुसेना इन्हें हटा सकती हैं।