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जयपुर में जघन्य वारदात, हत्या कर बड़ी मां के ग्राइंडर से दस टुकड़े किए और जंगल में फैंके, कीर्तन में नहीं जाने से नाराज इंजीनियर भतीजे की हैवानियत

Crime scene do not cross

जयपुर / राजस्थान के जयपुर में एक भीषण और दुर्दांत हत्याकांड सामने आया है जिसने एक बार फिर श्रद्धा हत्याकांड की याद ताजा करदी हैं एक इंजीनियर युवक ने छोटी सी बात से नाराज होकर अपनी बड़ी मां यानि ताई की पहले हत्या की और उसके बाद बड़ी बेरहमी से इनके मृत शरीर के कटर से 10 टुकड़े किए और उन्हें एक एक कर ठिकाने लगा दिया। तफ्तीश के बाद पुलिस ने 5 दिन बाद इस निर्मम हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया है साथ ही महिला के शव के 8 टुकड़े भी बरामद कर लिए है लेकिन पुलिस अभी दो टुकड़े बरामद नही कर पाई है।

दिल हिला देने वाली यह घटना जयपुर के विद्धानगर इलाके के लालापुरिया अपार्टमेंट की है यहां रहने वाले एक इंजीनियर युवक अंचित्य उर्फ अनुज शर्मा ने अपनी 64 साल की ताई सरोज शर्मा के सिर पर हथौड़ा मारकर पहले उनकी हत्या कर दी उसके बाद चाकू से उनके मृत शरीर के जब टुकड़े नहीं कर सका तो बाजार से पद्रह सौ रूपये में मार्बल काटने वाला कटर अर्थात ग्राइंडर लेकर आया और उससे उसने बड़ी बेरहमी से शव के 10 टुकड़े किए और उन्हें प्लास्टिक में बांध कर एक सूटकेस और बाकी बाल्टी में पैक कर दिया और दोपहर करीब साढ़े तीन बजे गूगल मैप पर लोकेशन खोज कर मृतका के शरीर के भागों को जयपुर से 12 किलोमीटर दूर दिल्ली रोड स्थित जंगल और अन्य 4 जगहों पर फैंक दिए।

जयपुर के डीसीपी नॉर्थ परिस देशमुख के मुताबिक आरोपी अनुज शर्मा उर्फ अंचित्य गोविंददास शर्मा मूल रूप से अजमेर का रहने वाला है और फिलहाल उसका परिवार जयपुर के विद्याधर नगर के लालापुरिया अपार्टमेंट में रह रहा था 11 दिसंबर को आरोपी के पिता और बहन उसके लिए लड़की देखने इंदौर गए थे इस बीच आरोपी अनुज ने अपनी वृद्धा ताई सरोज से दिल्ली कीर्तन में शामिल होने के लिए साथ चलने को कहा लेकिन ताई के मना करने के बाद उनमें आपस में झगड़ा हुआ और गुस्से में आकर अनुज ने अपनी ताई सरोज की सिर पर हथौड़ा मारकर हत्या कर दी।

बताया जाता है सरोज शर्मा केंसर से पीड़ित है और उसके पति की कोरोना से मौत हो गई इसकी दो बेटियों पूजा और मोनिका की शादी हो चुकी है जबकि बेटा अमित इंजीनियर है जो पत्नी के साथ कनाडा में रहता है पति की मौत से वह अकेली अजमेर में रहती थी बीमारी के कारण इलाज के लिए अनुज के पिता और इनके देवर बद्रीप्रसाद अपनी वृद्धा भाभी को अपने घर जयपुर ले आएं थे तभी से वह बद्रीप्रसाद उसके बेटे और बेटी के साथ यहां रह रही थी।

बताया जाता है अनुज शर्मा कंप्यूटर इंजीनियर है उसने एक साल दिल्ली में जॉब भी की इस बीच 2013 में उसने इस्कॉन मंदिर में दीक्षा ली और हरे कृष्णा ग्रुप से जुड़ गया तभी से वह धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने दिल्ली और हरिद्वार जाने लगा। 11 दिसंबर को सुबह करीब 11 बजे दिल्ली कीर्तन ने शामिल होने को लेकर अपनी ताई से विवाद हुआ और उसने हथौड़ा मारकर इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया।

अनुज ने अपनी ताई सरोज शर्मा के हत्या के बाद उनके शव को बाथरूम में पटक दिया बाद में शव को ठिकाने लगाने के लिए पहले वह नेशनल हेंडलूम से एक बड़ा चाकू खरीद कर लाया लेकिन हड्डी के कारण शव के छोटे टुकड़े नहीं होने के बाद वह फिर बाजार गया और हार्डवेयर की दुकान से 15 सौ रूपये में टाइल्स काटने का ग्राइंडर (कटर) लेकर आया और उसके बाद शव के उसने ताई के मृत शरीर के 10 टुकड़े किए।

पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी अनुज ने शरीर के टुकड़े करने के बाद उन्हें सूटकेस और बाल्टी में पैक किया और दोपहर साढ़े तीन बजे कार में रखकर उन्हे दिल्ली हाईवे की गूगल मैप पर लोकेशन लगाकर रवाना हों गया, और शवों के टुकड़ों को बारी बारी से सड़क के किनारे से लगे जंगल एक वन चौकी और फार्म हाऊस के पास गड्डे में दबाकर उनके ऊपर मिट्टी डाल दी। और रात 8 बजे घर वापस आया इस बीच उसने बीच में एक ट्राउजर खरीद कर भी पहना,उसकी धोती पर खून के दाग थे उन्हे भी घर आकर पानी से धोया।

पुलिस के मुताबिक परिजनों ने पहले सरोज शर्मा की गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था बाद में जब कपड़ों पर खून के दाग मिले तो परिजनों को शक हुआ जब यह बात पुलिस पर पहुंची तो तफ्तीश और पूछताछ में 5 दिन बाद इस बीभत्स हत्याकांड का खुलासा हुआ और आरोपी भतीजा पुलिस की गिरफ्त में आया। भतीजे अनुज ने अपनी ताई के शव के 10 टुकड़े किए थे जिसमें सिर धड़ पैर सहित अन्य अंग शामिल थे इनमें से पुलिस ने 8 अंगों को बरामद कर लिया है जबकि दो भाग फिलहाल नहीं मिले है आरोपी कुछ अंगों को नाली में डालने की बात कह रहा है। पुलिस लगातार जांच और तलाश में लगी हैं।

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“भारत जोड़ों यात्रा ” के सौ दिन पूरे, सड़क पर सच्चाई मिली चीन से झड़प पर राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला

Rahul Gandhi - Bharat Jodo Yatra PC

जयपुर / भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों राजस्थान में है आठ राज्य से होकर गुजरी इस पदयात्रा में राहुल गांधी और अन्य पदयात्री अभी तक 2800 किलोमीटर चल चुके है गत रोज दौसा से जयपुर पहुंची यह भारत जोड़ों यात्रा अब 100 दिन पूरे कर चुकी है। इस दौरान दौसा सहित अन्य क्षेत्रों में यात्रा का ऐतिहासिक स्वागत हुआ । इस दौरान मीडिया से रूबरू होते हुए राहुल गांधी ने कहा यात्रा के दौरान वे आम लोगों की सच्चाई से रूबरू हुए ,तवांग बॉर्डर पर चीन और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर खुलकर हमला बोला।

कन्याकुमारी से 7 सितंबर को शुरू हुई “भारत जोड़ों यात्रा” अब आठ प्रांतों का भ्रमण कर चुकी है केरल कर्नाटक आंध्र प्रदेश तामिलनाडू मध्यप्रदेश होती हुई राजस्थान में एंट्री कर चुकी है और शुक्रवार को जब यह दौसा से होती हुई जयपुर को निकली तो इस यात्रा को पूरे 100 दिन हो चुके है और राहुल गांधी और उनके साथ चल रहे पदयात्रियों ने कुल 2800 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर ली हैं। खास बात रही कि राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के साथ भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी जुड़े और वे राहुल गांधी के साथ यात्रा में शामिल ही नहीं हुए बल्कि उनकी राहुल गांधी के साथ देश के प्रमुख मुद्दों पर वन टू वन चर्चा भी हुई।

इस अवसर पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा के जरिए जब हम सड़क पर आम लोगों से मिले तो सच्चाई सुनाई पड़ी उन्होंने कहा कांग्रेस महात्मा गांधी के बताएं रास्ते पर चलती है जबकि आरएसएस और बीजेपी का काम बदनाम करना है उन्होंने कहा हमने कभी विचाराधारा से समझोता नही किया और जब हम और आमलोग कांग्रेस और उसकी विचाराधारा को समझ जाएंगे तो हमे देश हित में कोई भी शक्ति आगे बड़ने से रोक नहीं सकती उन्होंने कहा लोग बोलते है और हम सुनते है लोग महंगाई बेरोजगारी से परेशान है और यह यात्रा बीजेपी के फैलाएं गए डर और नफरत के खिलाफ है जबकि निचले स्तर पर आज भी आपसी प्यार और भाईचारा कायम हैं।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक सबाल पर कहा कि आने वाले समय में कांग्रेस ही वह राष्ट्रीय पार्टी है जो बीजेपी को हरायेगी उन्होंने यह भी कहा राजस्थान में कांग्रेस फिर आसानी से जीतेगी और फिर से सत्ता में आयेगी।

तवांग में चीनी सेना से भारतीय सेना की झड़प पर राहुल गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए मोदी सरकार पर खुलकर हमला बोला और कहा चीन का खतरा एकदम साफ है चीन युद्ध की तैयारी कर रहा है लेकिन सरकार कुछ छुपा रही है तो कुछ मुद्दे नजर अंदाज कर रही है उन्होंने कहा चीन का अरुणाचल में पूरा ऑपरेशन चल रहा है हमारे सैनिक पिट रहे है और सरकार सो रही हैं।

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गहलोत ने चुनाव लड़ने से किया इंकार कहा राजस्थान में जो हुआ उससे मैं दुखी और आहत हूं सोनिया जी से माफी मांगी

Ashok Gehlot

जयपुर/दिल्ली/ कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच करीब डेढ़ घंटे की महत्वपूर्ण मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में गहलोत ने कहा कि अब मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नही लडूंगा और जहां तक राजस्थान के मुख्यमंत्री का सबाल है सोनिया गांधी जो तय करेंगी वह उन्हें मान्य होगा। लेकिन गहलोत की बॉडी लैंग्वेज और उतरे चहरे से साफ लगा कि वे बेक फुट पर है और राजस्थान की घटना को लेकर सोनिया उनसे काफी नाराज भी हैं।

मैं सीएम रहूंगा या नहीं सोनिया गांधी तय करेंगी…

राजस्थान के घटनाक्रम को करीब 48 घंटे बीत गए हैं आज राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने 10 जनपथ पहुंचे, 12 बजे बाद शुरू हुई यह चर्चा डेढ़ घंटे तक चली। उसके बाद अशोक गहलोत और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सयुक्त रूप से मीडिया से चर्चा की गहलोत ने बताया कि पहले हाईकमान के कहने पर वे कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने को तैयार थे लेकिन दो तीन दिन के दौरान राजस्थान में जो घटा उसके बाद अब वह अध्यक्ष का चुनाव किसी भी हालत में नहीं लड़ेंगे और जहां तक उनके राजस्थान का मुख्यमंत्री रहने ना रहने का सवाल है।

इस बारे में हमारी अध्यक्ष सोनिया गांधी जो भी निर्णय लेंगी वह उन्हें मान्य होगा मैं सीएम रहूंगा या नहीं यह फैसला अब मैं सोनिया जी पर छोड़ता हूं। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान में विधायकदल की बैठक के दौरान जो कुछ भी हुआ उससे मैं काफी दुखी और आहत हूं और जो हुआ उसके लिए मैने उनसे माफी मांग ली हैं।

राजस्थान के सीएम का फैसला एक दो दिन में …

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव निर्धारित प्रक्रिया के तहत होगा 30 सितंबर को नामांकन के साथ साफ हो जायेगा कि कोन कोन चुनाव लड़ेगा उन्होंने मीडिया के सवाल पर कहा राजस्थान के सीएम का मुद्दा एक दो दिन में सुलझ जाएगा।

पायलट की चुप्पी क्या रंग लायेगी …

खास बात है राजस्थान में इतना बड़ा सियासी घमासान छिड़ा लेकिन इस दौरान मुख्यमंत्री पद की लाइन में सबसे आगे खड़े सचिन पायलट पूरी तरह खामोश रहे मीडिया के पूछने के बावजूद उन्होंने मुंह नही खोला और वह जयपुर और दिल्ली की दौड़ जरूर लगाते रहे आज उनकी सोनिया गांधी से भी मुलाकात हुई मुलाकात के बाद मीडिया से उन्होंने कहा मेने अध्यक्षा को फीड बेक दिया है और राजस्थान में 2023 के चुनाव में हम सब मिलकर काम करेंगे। लेकिन मुख्यमंत्री बनने के सवाल को टाल गए। अब क्या सचिन पायलट राजस्थान के मुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं फिलहाल यह दो दिन बाद ही साफ होगा।

बयानवीरों को लेकर एडवाइजरी जारी …

जबकि कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल ने राजस्थान को लेकर एक एडवाइजरी भी जारी की है जिसमें कहा गया कि कोई भी नेता एक दूसरे के खिलाफ कोई बयान नहीं देंगे साथ ही पार्टी के अंदरूनी मसलों में भी कोई नेता सार्वजनिक तौर पर कुछ नही कहेगा यदि ऐसा पाया जाता है तो उस नेता के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।

थरूर और दिग्विजय अध्यक्ष की दौड़ में …

इधर कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव में फिलहाल दो नाम सामने आए है शशि थरूर पहले ही चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके है जबकि राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह दूसरे केडीडेट के रूप में मैदान में होंगे आज उन्होंने बताया कि नामांकन पत्र ले लिया है और कल अंतिम दिन वे उसे जमा करेंगे इस तरह दोनो ही उम्मीदवार 30 सितंबर को अपने नामांकन पत्र दाखिल करेंगे यह अब साफ हो गया है कि शशि थरूर और दिग्विजय सिंह के बीच अध्यक्ष का चुनाव होगा।

मध्यप्रदेश से दिग्विजय सिंह के प्रस्तावक / समर्थक की सूची भी आ गई है जिसमें सुश्री हिना कांवरे, पीसी शर्मा जीतू पटवारी लाखन सिंह यादव आलोक चतुर्वेदी, आरिफ मसूद, कांतिलाल भूरिया,रामलाल मालवीय,सुरेंद्र सिंह बघेल,विपिन वानखेड़े ,कमलेश्वर पटेल और डॉ गोविंद सिंह शामिल है। यह सभी दिल्ली रवाना हो गए हैं।

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राजस्थान का सियासी बवंडर जारी, पायलट को नहीं बनने देंगे सीएम, हाईकमान को अन्य 5 नाम की सूची भेजी, क्या होगी अनुशासनहीनता की कार्यवाही ?

Ashok Gehlot and Sonia Gandhi

जयपुर / राजस्थान में अशोक गहलोत की जगह सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर कांग्रेस हाईकमान के प्रयासों को पलीता लग गया है और जोरदार सियासी बबंडर जारी है अशोक गहलोत और उनके समर्थक विधायक किसी भी हाल में सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनते देखना नहीं चाहते जबकि अशोक गहलोत ने तो एक तरह से उनके खिलाफ अपनी 50 साल की राजनीति को ही दांव पर लगा दिया है । बताया जाता है गहलोत ने मुख्यमंत्री पद से हटाने पर अपने खेमे के 5 विधायकों के नामों की सिफारिश हाईकमान से की हैं।

पिछले तीन दिन से राजस्थान की कांग्रेस सरकार का अगला मुख्यमंत्री कोन हो उसपर घमासान जारी हैं कांग्रेस हाईकमान ने अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को गहलोत की जगह सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने बावत एक राय बनाने के लिए पर्यवेक्षक बनाकर भेजा था लेकिन निर्धारित समय घोषित होने के बावजूद विधायक सीएम हाउस में नहीं जुटे उसी दौरान गहलोत समर्थक विधायको ने जिनकी संख्या करीब 71 बताई जाती है विधायक शांति धारीवाल के निवास पर एक बैठक की और कड़े तैवर दिखाते हुए सचिन पायलट को किसी भी हाल में मुख्यमंत्री के लिए अपना समर्थन नहीं देने की बात कही। बैठक में विधायक अमीर खान और शांति धारीवाल ने कहा कि जिस व्यक्ति ने बीजेपी से मिलकर गहलोत सरकार को गिराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी उसको हम मुख्यमंत्री कैसे बना सकते है उन्होंने पार्टी के साथ गद्दारी की थी एक तरह से उन्होंने उन्होंने पायलट के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया।

एक तरफ गहलोत समर्थक विधायक पर्यवेक्षकों की बुलाई बैठक में आमंत्रण देने के बाबजूद शामिल नहीं हुए वही बाद में उन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को तीन शर्तों का एक पत्र सौंपा । जिसमें कहा गया कि मुख्यमंत्री कोन बने इसका निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष के 19 अक्टूबर को होने वाले चुनाव के बाद हो, दूसरा सभी विधायकों से अलग अलग चर्चा नहीं होगी हम सब एक साथ पर्यवेक्षकों से मिलने को तैयार थे, तीसरा अशोक गहलोत खेमे के किसी भी विधायक को मुख्यमंत्री बनाया जाए हमें सचिन पायलट मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं है। इसके बाद अजय माकन ने मीडिया से चर्चा में विधायकों की इन मांगों को रखते हुए कहा कि 19 तारीख के बाद फैसला हो यह संभव नहीं है रिजॉल्यूशन आ चुका है चुनाव जीतने पर फैसला कैसे होगा, उन्होंने बताया कि एक साथ विधायकों से बात नहीं हो सकती अलग अलग चर्चा होना थी और उनसे बात करने के बाद ही मुख्यमंत्री के नाम को अंतिम रूप दिया जाता है इसमें यह कंडीशन भी नही लगाई जा सकती कि कोई विशेष समर्थक को ही मुख्यमंत्री बनाया जाएं। सबसे बातचीत के बाद ही यह निर्णय होता हैं।

अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे बाद में दिल्ली लौट आएं और सोमवार की रात ही उन्होंने 10 जनपथ आकर सोनिया गांधी को वहां की वस्तुस्थिति से अवगत कराया सोनिया गांधी ने उनसे पूरी जानकारी और घटनाक्रम लिखित में मांगा है ऐसा अजय माकन ने प्रेस को बताते हुए सुबह अपनी लिखित रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंपने की बात कही हैं। इस दौरान माकन ने यह भी कहा कि विधायकों की यह जिद्द और बैठक में नहीं आना अनुशासनहीनता की परिधि में आता है अब सवाल यह भी उठ रहे है क्या सोनिया गांधी इन विधायकों को नोटिस जारी करने के साथ क्या उनके खिलाफ कोई कड़ा रुख दिखाते हुए कार्यवाही करती है ?

बताया जाता है कि अशोक गहलोत ने पर्यवेक्षकों को मुख्यमंत्री पद के लिए 5 नामों की सिफारिश की है जिसमें विधायक सीपी जोशी,गोविंद सिंह डोटासरा, हरीश चौधरी रघु शर्मा और भंवर सिंह भाटी के नाम शामिल है।

इस घटनाक्रम से साफ है कि गहलोत समर्थक विधायक सचिन पायलट को किसी भी हालत में मुख्यमंत्री पद पर देखना नही चाहते और वह इसी बात को लेकर अड़े है और यह भी साफ है कि इसमें उन्हे अशोक गहलोत का भी पूरा पूरा साथ मिल रहा हैं। और हाईकमान यह नहीं समझता यह कहना भी गलत होगा यदि कहे एक तरह से अशोक गहलोत ने इसको लेकर अपनी 50 साल की राजनीति को दांव पर लगा दिया है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। अब देखना होगा सोनिया गांधी का गहलोत और उनके समर्थक विधायको लेकर आगे क्या रुख रहता है।

खबर यह भी है कि यह विधायक भी नही चाहते कि गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बने जबकि अशोक गहलोत भी मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ना नहीं चाहते थे वे हाईकमान के दवाब के कारण कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर राजी हुए और दोनों पद सम्हालने की बात वह पहले कह भी चुके हैं।

जहां तक राजस्थान विधानसभा में विधायको की सिलसिलेवार संख्या पर नजर डाली जाए तो राजस्थान में कुल 200 विधायक है और बहुमत के लिए 101 की संख्या चाहिए,वर्तमान में कांग्रेस के पास 126 विधायक संख्या है जिसमें 108 कांग्रेस और 18 निर्दलीय और अन्य का उसे समर्थन हासिल है जबकि बीजेपी पर 71 विधायक है और उसे आरएलपी के तीन विधायकों का साथ मिला हुआ है। यदि बीजेपी राजस्थान में ऑपरेशन लोटस चलाती है तो उसे कमोवेश 27 विधायकों का साथ चाहिए।

अब कांग्रेस में इसको लेकर काफी हलचल देखी जा रही है क्या सरकार रहती है या फिर गिरती है यह भी कयास लगाए जा रहे है जहां तक कांग्रेस का सवाल है सबकी नजर सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर टिकी है क्योंकि इससे कांग्रेस पार्टी और हाईकमान दोनो की साख भी दांव पर लगी है कि वह अध्यक्ष के चुनाव के बीच एकाएक आए इस संकट को कैसे टाल पाते है और राजस्थान की सरकार को बचा पाते है या नहीं। आज कांग्रेस हाईकमान कुछ ना कुछ निर्णय ले सकता हैं। जैसा के देश में काग्रेस की छत्तीसगढ़ और राजस्थान में दो ही राज्यों में सरकार है क्या वह कड़ा रुख दिखाकर राजस्थान की सरकार और उसके साथ अशोक गहलोत को खौना चाहेगी। कांग्रेस में इस समय एक तरफ कुंआ एक तरफ खाई वाली स्थिति है।

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प्रखर गांधीवादी विचारक सुब्बाराव नही रहे, कल जौरा में होगा अंतिम संस्कार

Subbarao

जयपुर – देश के जाने माने समाजसेवी एवं विख्यात गांधीवादी विचारक एसएन सुब्बाराव नही रहे, जयपुर के सबाई मानसिंह अस्पताल में आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। गुरुवार को मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के जौरा में उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा।

भाईजी के नाम से मशहूर एसएन सुब्बाराव पिछले दिनों से बीमार थे उनका इलाज राजस्थान के जयपुर स्थित सबाई मानसिंह अस्पताल में चल रहा था आज सुबह उनकी तबियत ज्यादा बिगड़ गई और उनका निधन हो गया। जयपुर में आज दोपहर 12 बजे तक उनकी पार्थिव देह अंतिम दर्शन हेतु रखी गई थी उसके बाद उनकी पार्थिव देह मध्यप्रदेश के मुरैना लाई गई और मुरैना के रेस्ट हाउस में अंतिम दर्शन के लिये रखी गई। तत्पश्चात उनको जौरा ले जाया जायेगा और गुरुवार को जौरा स्थित गांधी आश्रम में उंनके अंतिम दर्शन के बाद जौरा में ही उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा। बताया जाता है राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं अनेक गणमान्य नागरिक और नेता उन्हें श्रद्धांजलि देने आने वाले है।

भाईजी के नाम से प्रसिद्ध सुब्बाराव का जीवन बेहद सादा रहा वे सदैव खाकी नेकर सफेद कमीज पहनना पसंद करते थे देश की आजादी में भाग लेने वाले सुब्बाराव प्रखर गांधीवादी विचारक थे और विनोबा भावे के भूदान आंदोलन में उनके साथ उन्होंने कंधे से कंधा मिलाकर।संघर्ष किया था। वर्तमान में भी वे आदिवासी गरीब मजदूरों के हित में होने वाले आंदोलन एवं कार्यक्रमों में हमेशा बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते रहे। कर्नाटक में जन्में सुब्बाराव की कर्मभूमि चंबल घाटी और उसके बीहड़ रहे उन्होंने शांति अहिंसा और भाई चारे के लिये अपना पूरा जीवन होम कर दिया खास बात थी उन्होंने चंबल के बीहड़ों के दुर्दान्त बागियों का हृदय परिवर्तन कर उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने का ऐतिहासिक कार्य किया ।उनके दिवंगत होने से देश और प्रदेश ने गरीबों और आदिवासियों के मसीहा को खो दिया जिसकी क्षतिपूर्ति होना असंभव हैं।

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राजस्थान में आसमानी बिजली का कहर, 23 लोगों की मौत, अकेले आमेर में 11 की जान गई कई पर्यटक फंसे सर्च ऑपरेशन जारी

Weather Lightning

जयपुर – राजस्थान में बारिश के दौरान रविवार को आसमानी बिजली लोगो पर कहर बनकर टूटी और जयपुर सहित अलग अलग जगह बिजली गिरने से करीब 23 लोगों की मौत हो गई और कई लोगों के घायल होने की खबर है जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं। सबसे अधिक जनहानि और नुकसान जयपुर के आमेर छालावाड़ कोटा सवाई माधोपुर वारा में हुआ हैं। जबकि सर्च ऑपरेशन जारी है एसडीआरएफ की कई टीमें राहत एवं बचाव कार्य मे लगी हैं।

बताया जाता है तेज बारिश के दौरान आकाश में तेज गड़गड़ाहट के दौरान अचानक कई बार तेज रोशनी के साथ बिजली चमकी और गिरी सबसे अधिक इसका प्रभाव राजधानी जयपुर और उसके आसपास खास तौर पर देखा गया और अकेले आमेर किले और पहाड़ी पर गिरी बिजली की चपेट में अनेक लोग आ गए बताया जाता है करीब रविवार को 8 बजे यह आकाशीय बिजली गिरी उस समय आमेर में बने दो वॉच टॉवर पर करीब 35 पर्यटक मौजूद थे जिनमें भगदड़ मच गई और कई लोग ऊपरी पहाड़ी से नीचे गहरी खाई में गिरे और झाड़ियों में फंस गये जिनमें से 11 लोगों की मौत हो गई हैं। जबकि कई लोग घायल हो गये है जिन्हें जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया हैं। जबकि मौत का यह आंकड़ा बढ़ने की आंशका व्यक्त की गई है ।

जबकि आकाशीय बिजली गिरने और तेज बारिश से जानमाल के नुकसान की खबरें सामने आ रही है जिसमें दौलतपुर गांव में बिजली गिरने से एक युवक की मौत हो गई साथ ही इस इलाके में भारी नुकसान होने की जानकारी मिली हैं । जबकि टोक जिले के दत्तावास के तोडरी में बिजली गिरने से एक किसान की मौत की खबर सामने आई हैं इसके अलावा कोटा के कनवास में 4 बच्चों और धौलपुर में 3 बच्चों की मौत हो गई है साथ ही कुछ बच्चों के घायल होने की जानकारी मिली है। जबकि अलीगंज में कई पेड़ और मकान गिरने की घटना सामने आई है बाड़ी के कुनिन्दा गांव में 3 बच्चों की मौत हो गई है।

जबकि इसके उपरांत पुलिस एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस का सर्च आपरेशन जारी है जिसमें ड्रान का इस्तैमाल भी खोजबीन के लिये किया गया हैं। साथ ही जयपुर में बरिष्ठ अधिकारी बराबर नजर रखें हुए है और साथ ही घायलों को उचित इलाज के निर्देश अस्पताल प्रबंधन को उन्होंने दिये हैं।

इस घटना के बाद सीएम अशोक गहलोत ने अपने ट्वीट में कहा कि यह जनहानि बेहद दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं ,ईश्वर उन्हें संबल प्रदान करे उन्होंने कहा जल्द सभी प्रभावित परिवारों को सहायता दी जायेगी।

जबकि मृतकों के आश्रितों को सरकार ने 5 – 5 लाख की आर्थिक सहायता की घोषणा की हैं। साथ ही आपदा प्रबंधन से 4 -4 लाख की आर्थिक मदद देने का ऐलान भी किया गया है। वही मुख्यमंत्री राहत कोष से एक एक लाख की सहायता दी जाएंगी सीएम अशोक गहलोत ने यह निर्देश जारी किये है।

सोमवार को 12 बजे आपदा प्रबंधन की बैठक आयोजित की गई है जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विशेष रूप से मौजूद रहेंगे।

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