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औरंगजेब की कब्र हटाने के प्रदर्शन के दौरान नागपुर में हिंसा तोड़फोड़ आगजनी, डीसीपी सहित 33 पुलिस कर्मी घायल, 50 उपद्रवी हिरासत में,धारा 163 के साथ कर्फ्यू लगा

Nagpur Riots

नागपुर / महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर हिंदू संगठनों के पुतला दहन और प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा पथराव आगजनी और तोड़फोड़ में सैकड़ों वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। जबकि करीब 35 पुलिस कर्मी और अफसर घायल हो गए है। पुलिस ने 5 एफआईआर दर्ज कर अभी तक 50 उपद्रवियों को हिरासत में ले लिया है और सीसीटीवी फुटेज से वह अन्य की पहचान कर रही है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र में धारा 163 लगाने के साथ 11 इलाको में कर्फ्यू लगा दिया है और भारी पुलिस फोर्स और CPRF को तैनात कर दिया है। इधर मुख्यमंत्री देवेंद्र गडणवीस ने कहा कि नारेबाजी के बाद हिंसा भड़की फिलहाल स्थिति काबू में है किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। जबकि डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने इसे सोची समझी साजिश बताया है। जानकारी मिली है कि पुतला दहन के दौरान उड़ी एक अफवाह के बाद यह हिंसा भड़की थी।

औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर पूरे महाराष्ट्र में सोमवार को हिन्दू संगठनों ने प्रदर्शन किया था इस दौरान कानपुर में भी विहिप, बजरंग दल सहित अन्य हिंदू संगठनों ने रेली प्रदर्शन कर औरंगजेब के पुतले का दहन किया । लेकिन अचानक यह प्रदर्शन हिंसा में तब्दील हो गया। इस बीच प्रदर्शन कर रहे लोगों की भीड़ ने बाजार और आसपास भारी उपद्रव शुरू कर दिया इस दौरान उन्होंने पथराव के साथ सड़क किनारे खड़े वाहनों में तोड़फोड़ शुरू कर दी इतना ही नहीं उन्होंने घरों में भी पथराव किया और बंद घरों के किवाड़ों को तोड़ने की कोशिश भी की इस दौरान सीसीटीवी तोड़ दिए गए। और बाहर और घर में खड़े दर्जनों दो पहिया और चार पहिया वाहनों के शीशे तोड़ दिए और आगजनी कर उन्हें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया गया।

खबर मिलने पर पुलिस बल मौके पर पहुंचा ,जब पुलिस फोर्स ने बल पूर्वक उपद्रवियों को रोकना चाहा तो प्रदर्शनकारियों ने उल्टा पुलिस पर ही हमला बोल दिया और पथराव के साथ हथियारों से पुलिस कर्मियों पर प्रहार शुरू कर दिया इस दौरान एक आताताई ने कुल्हाड़ी से डीसीपी निकेतन कदम पर हमला कर दिया इस हमले में कदम सहित डीसीपी रैंक के 3 अफसर सहित करीब 35 पुलिस कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए है। घायल डीसीपी में कदम के अलावा शशिकांत सातव और अर्चित बाइक के नाम शामिल है।

इधर पुलिस कमिश्नर रविन्द्र सिंघल ने कहा है कि इस हिंसा में 33 पुलिस अफसर और कर्मचारी घायल हुए है हिंसा ग्रस्त क्षेत्र में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है अभी तक 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है उन्होंने बताया कि तोड़फोड़ उपद्रव और हिंसा फैलाने वाले लोगों की सीसीटीवी फुटेज से पहचान की जा रही है। अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जायेगा। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि कानपुर के संवेदनशील क्षेत्रों में धारा 163 लगा दी गई है।

बताया जाता है औरंगजेब के पुतले दहन के साथ कोई धार्मिक सामग्री जलाए जाने की अफवाह फैलने के बाद यह हिंसा शुरू हुई। एहतियातन पुलिस प्रशासन ने कानपुर के गणेशपेठ शांतिनगर इमामबाड़ा, लकड़गंज, सक्करदरा, कपिल नगर, यशोधरा नगर पचपावली और नंदनवन सहित 11 क्षेत्रों में ग़ैरमियादी कर्फ्यू लगा दिया गया है। साथ ही स्थानीय पुलिस बल के साथ SRPF की 5 टुकड़ियों प्रभावित इलाकों तैनात कर दी गई है।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि प्रदर्शन के दौरान करीब रात 7.30 बजे दंगाईयों ने उपद्रव किया और नारेबाजी के बाद हिंसा भड़की उन्होंने कहा इस हमले में कुल्हाड़ी और तलवारो का भी उपयोग किया गया जिससे कई पुलिस कर्मी घायल हो गए, उन्होंने बताया कि 2 जेसीबी 1 क्रेन 12 बाईक और कई कार और दर्जनों वाहनों को जला दिया गया। पुलिस ने शांति बनाए रखने की कोशिश की लेकिन उपद्रवियों ने उनपर भी हमला कर दिया। उन्होंने बताया फिलहाल अब स्थिति नियंत्रण में है लेकिन जांच के बाद जो भी दोषी पाए जायेंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी।

डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने इस को पूर्व नियोजित साजिश बताते हुए कहा कि किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा जिन्होंने पथराव किया पेट्रोल बम का उपयोग किया आम नागरिकों को परेशान किया उनके घरों पर पथराव किया उन्हें छोड़ा नहीं जायेगा। महाराष्ट्र में हमेशा शांति रही है अब आगे अशांति बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।

इधर पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सीएम देवेंद्र फडणवीस पर हमला बोलते हुए कहा कि कानपुर की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पूरी तरह से विफल रही है इसलिए सरकार को इस्तीफा देना चाहिए उन्होंने कहा एनडीए की सरकार होने के बावजूद ऐसी घटना हुई जो शर्मनाक है उन्होंने कहा नागपुर में आज तक कोई दंगा नहीं हुआ जबकि यहां आरएसएस का मुख्यालय भी हैं फिर इस तरह की घटना सरकार की कार्यविधि पर प्रश्न चिन्ह अंकित करती है। जबकि शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नागपुर में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण बीजेपी महाराष्ट्र को मणिपुर बनाना चाहती है

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धर्म जाति और भाषा के बंधन से दूर, सहिष्णुता और विविधता से परिपूर्ण है हमारा राष्ट्रवाद: प्रणव, समाज को एकजुट कर हम राष्ट्र को विश्व गुरू बनाना चाहते हैं कहा भागवत ने

Pranav Mukherji and RSS Chief
  • धर्म जाति और भाषा के बंधन से दूर, सहिष्णुता और विविधता से परिपूर्ण है हमारा राष्ट्रवाद: प्रणव
  • समाज को एकजुट कर हम राष्ट्र को विश्व गुरू बनाना चाहते हैं कहा भागवत ने

नागपुर / नागपुर के आरएसएस मुख्यालय पर हुए समारोह में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रवाद और सहिष्णुता का पाठ पढ़ाया,उन्होंने कहा कि हमारा राष्ट्रवाद किसी धर्म भाषा और जाति से बंधा नही हैं और विविधता में एकता ही भारत की शक्ति हैं उन्होंने कहा सहनशीलता विविधता और सहिष्णुता में भारत बसता हैं।मुखर्जी ने यह भी कहा विवाद और हिंसा छोड़कर शांति के रास्ते पर चले।इससे पहले प्रणव मुखर्जी ने आरएसएस के संस्थापक के बी हेडगेवार के चित्र पर माल्यार्पण किया और विजीटर्स बुक में लिखा कि हेडगेवार भारत माता के सच्चे सपूत थे उनके प्रति मै सम्मान और श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

मुखर्जी ने कहा कि देशभक्ति से मतलब देश के प्रति हमारी आस्था और समर्पण है और सहिष्णुता हमारे देश की ताकत है हमारे राष्ट्र की परिभाषा यूरोप से अलग और 18 सौ साल पुरानी हैं और भारत वसुदेव कुटुम्बकम में विश्वास रखता हैं उन्होंने कहा धर्म और भाषा के आधार पर हमारे देश को परिभाषित करना गलत होगा यदि हम भेदभाव और नफ़रत करते हैं तो देश को खतरा हो सकता है उन्होंने कहा भारत विश्व में सुख और शांति चाहता हैं हमारे देश में कई बाहरी लोग और सैलानी आये और यही के होकर रह गये यह हमारे देश की पहचान हैं।पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि सहिष्णुता में भारत बसता हैं और हमारे देश के संविधान से राष्ट्रवाद की प्रेरणा मिलती हैं।

इससे पूर्व आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि यह हमारा स्वाभाविक नित्यक्रम के कार्यक्रम हैं पक्ष विपक्ष की चर्चा का कोई महत्व नही हैं संघ संघ हैं और प्रणव प्रणव हैंउन्होंने कहा मुखर्जी न्याय और विचार सम्रद्ध होने के साथ अनुभवी होने के साथ हमारे आदरणीय हैं भागवत ने कहा को देश में विविधता के बावजूद सभी भारत पुत्र है, और संघ सम्पूर्ण समाज को एकसूत्र में बांधना चाहता हैं और संगठित समाज ही भाग्य परिवर्तन की कुन्जी है उन्होंने कहा हमारे देश में राजनीति और विचारधारा अलग अलग है पर सभी मिलकर रहते हैं और अनेकता में एकता के बावजूद सभी राष्ट्र पुत्र हैं भागवत ने कहा कि सरकारें काफ़ी कुछ कर सकती हैं लेकिन सभी कुछ नही कर सकती।

उन्होंने कहा कि हम भारत वासियों के पूर्वज एक हमारा डीएनए एक है परंतु शील के बिना शक्ति भी दानवीं हो जाती हैं भागवत ने कहा कि कुछ गलत होता हैं तो पुरातन समय से रहने वाले लोगों को दोषी माना जायेगा।उन्होंने यह भी कहा कि हम भारत को विश्व गुरू बनाना चाहते हैं जो सम्पूर्ण समाज की एकजुटता से ही संभव है।इस दौरान भागवत ने कहा कि 1925 में हेडगेवार ने मात्र 17 लोगों के साथ आरएसएस की नींव रखी थी आज वह देश में समाज सेवा का सबसे बड़ा संगठन हैं।

इस अवसर पर प्रणव मुखर्जी हेडगेवार के घर भी गये और उनकी पुरानी स्मृतियों को भी देखा,कार्यक्रम में भगवा ध्वज फ़हराया गया और नमस्ते सदा वत्सले मात्र भूमे गीत का गायन हुआ,और ध्वज को सलामी दी गई इस दौरान प्रणव मुखर्जी ने सलामी तो नही दी लेकिन सम्मान में खड़े जरूर रहे, इस मौके पर स्वंय सेवकों ने अपने फ़न का प्रदर्शन भी किया।

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