ठाणे/ कोलाकाता के बाद अब महाराष्ट्र के बदलापुर में एक स्कूल की 4 साल की दो बच्चियों के साथ योन शोषण की घटना के बाद पूरे शहर में कोहराम मच गया। इस वारदात के बाद गुस्साए लोग सड़कों पर उतर आए और उन्होंने स्कूल में तोड़फोड़ और पथराव के साथ रेल्वे स्टेशन पर पहुंचकर हंगामा मचाया जिससे रेल आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया। FIR में देरी करने वाली महिला इंस्पेक्टर और स्कूल की प्रिंसीपल सहित 6 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
बदलापुर के एक स्कूल में यह घटना 12 अगस्त को हुई जब स्कूल की केजी की 3 और 4 साल की दो बच्चियों का स्कूल के ही सफाई कर्मी ने बाथरूम में यौन शौषण किया। आरोपी ने परिवार को बताने पर दोनों बच्चियों को मार डालने की धमकी भी दी। उसके बाद डरी सहमी यह लड़कियां स्कूल जाने के नाम से ही कांप जाती, घरवालों ने जब यह देखा तो उन्हें शक हुआ उन्होंने बच्चियों से प्यार से जब पूछा तब मामले का खुलासा हुआ, उसके बाद परिवार वाले पुलिस थाने पहुंचे और उन्होंने जब आरोपी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराना चाही तो पास्को एक्ट का मामला होने पर भी पुलिस ने टाल मटोल की दिया जब आसपास के लोग और समाजसेवी इकट्ठा हुए और उन्होंने थाने का घेराव करने की चेतावनी दी तब जाकर 12 घंटे बाद 16 अगस्त को रिपोर्ट लिखी गई। बाद में पुलिस ने आरोपी सफाईकर्मी अक्षय शिंदे को गिरफ्तार कर लिया।
बच्चियों के साथ हुई इस घटना के बाद 20 अगस्त को पूरे इलाके में हंगामा शुरू हो गया हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और उन्होंने स्कूल को घेरा और वहां भारी पथराव और तोड़फोड़ की उसके बाद यह भीड़ रेल्वे स्टेशन पहुंच गई और वहां सुरक्षा के लिए मोजूद पुलिस बल से उनका टकराव हो गया और भीड़ के रूप में रेल्वे ट्रेक पर उन्होंने प्रदर्शन शुरू कर दिया जो शाम 6 बजे तक जारी रहा ट्रेक पर प्रदर्शन करने से कई रेलगाड़ियों को रोक दिया गया और रेल यातायात के व्यविधान पैदा हो गया जबकि कल्याण और बदनापुर के बीच लोकल ट्रेन सेवा भी ठप्प हो गई उस दौरान भीड़ ने स्टेशन पर सुरक्षा के लिए मौजूद पुलिस पर पथराव भी किया। इस दौरान उत्पात मचाने वाले प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। लेकिन इस पथराव में पुलिस के 17 जवान घायल हो गए। पुलिस ने करीब 300 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है और 72 को पुलिस कस्टडी में ले लिया है।
जनता का कहना था उन्हें न पुलिस पर विश्वास है न ही सरकार पर उन्हें आश्वासन नहीं तुरंत न्याय चाहिए और आरोपी को सिर्फ और सिर्फ फांसी दी जाएं यही उनकी मांग थी। यहीं बजह रही कि जब कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन बदनापुर रेल्वे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों से बात करने पहुंचे तो उन्होंने उनसे बात नही कि और उन्हें लौटना पड़ा।
इस दौरान डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस सामने आए और उन्होंने कहा कि आरोपी के खिलाफ कड़ी कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि आईजी आरती सिंह के नेतृत्व में एक SIT का गठन कर दिया गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि घटना को लेकर राजनीति हो रही है रेलवे को रोकने की जरूरत क्या है यह सब विपक्ष के लोग कर रहे है जिन्होंने बाहर के लोगों को बुलाया यह हंगामा किया। सरकार के मुताबिक यह केस फास्ट ट्रेक कोर्ट में चलेगा सरकार की तरफ से सीनियर एडवोकेट उज्वल निकम को केस की पैरवी के लिए नियुक्त किया गया है। बताया जाता है आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था उसे कोर्ट में पेश किया गया कोर्ट ने 26 अगस्त तक पुलिस कस्टडी में दे दिया है।
इधर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने एफआईआर लिखने में देरी करने के कारण थाने की इंस्पेक्टर सुभद्रा शीतोले सहित तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया, इसके साथ ही स्कूल की प्रिंसीपल सहित एक टीचर और एक कर्मचारी को भी सस्पेंड कर दिया हैं।
इधर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिले, उन्होंने कहा 10 साल पहले निर्भया कांड हुआ था दोषियों को सजा मिली थी लेकिन कितने समय बाद? न्याय में देरी करने वालों को भी दोषी ठहराया जाना चाहिए। महाराष्ट्र के विपक्षी नेता विजय वाडेटटीवार ने कानून व्यवस्था खराब होने का आरोप लगाया है उन्होंने कहा यह घटना महाराष्ट्र को शर्मसार करने वाली है हर किसी की मांग है कि केस की सुनवाई फास्ट ट्रेक कोर्ट में हो और आरोपी को तीन महिने के अंदर फांसी की सजा दी जाएं। वहीं महा विकास अगाड़ी ने 24 अगस्त को महाराष्ट्र बंद का आव्हान किया है।
महाराष्ट्र में बच्चियों के साथ घटना पर नेता विपक्ष एवं सांसद राहुल गांधी ने कहा क्या अब एफआईआर के लिए आंदोलन करने पड़ेंगे एफआईआर न होना अपराधियों के हौसले बढ़ाता है, हम एक समाज के तौर पर हम कहा जा रहे है बेटियों के साथ शर्मनाक अपराध , हमें महिलाओं को सुरक्षा को लेकर सभी दलों को मंथन करना होगा न्याय हर एक नागरिक का अधिकार है उसे प्रशासन की मर्जी का मोहताज नहीं बना सकते।