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हरदा पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट कई सबाल, मुख्यमंत्री हरदा पहुंचे घायलों से मिले, एसपी कलेक्टर हटाएं गए, मलबे में दबे है मजदूर पटवारी का दावा

CM Mohan yadav meets harda tragedy people

हरदा/ मध्यप्रदेश के हरदा में पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट में आधिकारिक रूप से 11 लोगों की मौत और 217 लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है कई के अंग भंग हो गए तो कई घायल मौत के मुहाने पर है। जबकि 50 परिवार बेघर हो गए है लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि इस चार मंजिला इमारत के तहखाने में भी कुछ लोग थे तो कुछ लापता है उनकी खोजबीन के लिए प्रशासन क्या कर रहा हैं । आज मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव हरदा पहुंचे और उन्होंने घटना स्थल का जायजा लेने के साथ अस्पताल पहुंचकर घायलों को देखा और उनसे बातचीत भी की, और शाम होते ही अफसरों पर गाज गिरी एसपी कलेक्टर को हटाने के साथ एक अफसर को निलंबित कर दिया गया है। जबकि कांग्रेस ने रेस्क्यू ऑपरेशन को कटघरे में लेते हुए मलबे में मजदूरों के दबे होने का दावा किया है।

जिन्होंने सहा और चश्मदीद क्या कहते हैं…

अस्पताल में भर्ती फैक्ट्री में काम करने वाला एक मजदूर संदीप पटाखों में बत्ती लगाने का काम करता था उसने बताया यहां काम करने वाली महिलाओं के साथ उनके बच्चें भी साथ आते थे जिस दिन ब्लास्ट हुआ इस दिन भी 20 से 25 बच्चें अंदर थे।

फैक्ट्री में काम करने वाली अमीना बी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भर्ती है उनके बेटे अरबाज खान ने बताया मेरी मां सुबह साढ़े नो बजे फैक्ट्री में मजदूरी करने गई थी 10.30 और 11 बजे के बीच फैक्ट्री में आग लगी आग लगने के बाद अमीना बी बाहर की तरफ दौड़ी वह फैक्ट्री से 200 मीटर दूर ही पहुंची तभी ब्लास्ट हुआ और इस हादसे में उनका दाहिना हाथ धड़ से अलग हो गया। अरबाज ने बताया पिछले 8 महिने से वह यहां काम कर रही थी एक हजार पटाखे बनाने पर उन्हें दो सौ रूपये मिलते थे। अरबाज ने यह भी बताया कि हादसे के बाद परिवार के अन्य सदस्य हुसैन खान (60 साल),अहसान खान (50 साल) कालू खान (28 साल) ईमान (28 साल) लुकमान (35 साल) इरफान (29 साल ) के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिल रही हैं यह सभी हादसे के बाद से लापता ( मिसिंग) हैं।

अरविंद नामक युवक बोल नही पाता वह लंबे समय से पटाखा कारखाने में काम कर रहा है बताया जाता है उसकी मां इस हादसे के बाद से लापता है।

हरदा के एक स्थानीय वाशिंदे बलराम का कहना है इस चार मंजिला इमारत के नीचे बेसमेंट था इसी तलघर में फैक्ट्री का काम और लेनदेन होता था जिसमें काफी बारूद भरा था इसमें सबसे भीषण विस्फोट हुआ था इसकी खोजबीन की जाना चाहिए।

हरदा ब्लास्ट में 50 परिवार सड़क पर आ गये…

हरदा की पटाखा फैक्ट्री में मंगलवार को 11 बजे एक के बाद हुए ब्लास्ट में आसपास के घरों में कोहराम मच गया लोग अपनी जान बचाकर घर छोड़कर बाहर भागे इन जमीन हिला देने वाले धमाकों से 50 घरों की नीवें हिल गई कई मकानों में आग लग गई सभी सामान जलकर स्वाहा हो गया कुछ घर जमीदोज हो गए बाकी घरों में खतरनाक तरीके से बड़ी बड़ी दरारें पड़ गई तो कुछ खंडहर में तब्दील हो गए। इस बस्ती के लोगों ने अपनी सारी जमापूंजी लगाने के साथ बैंक लोन लेकर किसी तरह मकान बनाएं थे लेकिन इस विस्फोट में सबकुछ तहस नहस हो गया ना मकान बचे न घर का सामान सभी सड़क पर आ गए।

आरोपी गिरफ्तार, मालिक राजेश अग्रवाल ड्राइवर रफीक को जेल,भाई रिमांड पर…

इधर हरदा पुलिस ने तुरत फुरत कार्यवाही करते हुए मंगलवार की रात फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल उसके भाई सोमेश और ड्राइवर रफीक खान को गिरफ़्तार कर लिया है पटाखा फैक्ट्री में हादसे के बाद राजेश और सोमेश अंडर ग्राउंड हो गए थे। छुपते छुपाते यह अपने वाहन से हरदा से उज्जैन के रास्ते निकले और मध्यप्रदेश-उत्तरप्रदेश और दिल्ली को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे से आगे निकल गए, मुखबिर से जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने मक्सी में दबिश दी लेकिन अग्रवाल बंधु वहां से निकल चुके थे। इसके बाद पुलिस की एक टीम ने इन्हें राजगढ़ जिले के सारंगपुर में हाईवे पर गिरफ्तार कर लिया। बताया जाता है राजेश अग्रवाल और उनके ड्राइवर रफीक के बीच मोबाइल पर कई बार बार हुई जिसके चलते पुलिस ने रफीक को भी सह आरोपी बनाया है बुद्धवार को इन्हें सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया कोर्ट ने राजीव अग्रवाल और ड्राइवर रफीक को जेल भेज दिया जबकि सोमेश अग्रवाल को पुलिस रिमांड में देने के आदेश दिए।

प्रशासन ने जड़ा फैक्ट्री पर ताला तो फिर से कैसे चालू हो गई …

11 लोगों की जान लेने वाली और 217 लोगों को अपंग और घायल करने वाली राजेश अग्रवाल की यह पटाखा फैक्ट्री सितंबर 2022 में बंद हो चुकी थी नियमों के उल्लघंन और अनियमितताओं के चलते प्रशासन ने इस पर ताला जड़ दिया था। लेकिन यह फिर से चालू हो गई और अचरज की बात है इंदौर के वर्तमान संभागीय आयुक्त आईएएस मालसिंह भायडीया के स्टे के चलते इस फैक्ट्री को फिर से खोलने के आदेश दिए गए थे।

मुख्यमंत्री पहुंचे हरदा, घायलों से मिले, एसपी कलेक्टर हटाएं गए…

आज मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव हरदा पहुंचे और उन्होंने घटना स्थल का हवाई सर्वे से जायजा लिया साथ ही सीएम अस्पताल में घायलों से मिलने भी पहुंचे और उनसे बातचीत कर हालचाल भी जाना और हरसंभव मदद का भरोसा दिया उसके बाद मीडिया से बातचीत में सीएम ने कहा कि ऐसी कार्यवाही होगी जो याद रखी जायेंगी और उसके बाद शाम को एसपी हरदा संजीव कुमार कंचन को हटाने के आदेश आ गए। उसके बाद कलेक्टर ऋषि गर्ग को भी जाता दिया गया इसके अलावा सहायक संचालक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा नवीन कुमार वरवा को निलंबित कर दिया गया है वहीं हरदा जिला पंचायत सीईओ रोहित सिसोनिया को कलेक्टर का प्रभार भी दिया गया हैं।

रेस्क्यू में लापरवाही मलबे में दबे है मजदूर कांग्रेस अध्यक्ष पटवारी का दावा …

इधर कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी आज हरदा पहुंचे और मानपुरा जाकर मृतकों के परिजनों से मिले इसके बाद उन्होंने सरकार और प्रशासन की कार्यविधि पर गंभीर सबाल उठाए है उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए सैकड़ों लोगों के मलबे में दबे होने का दावा किया हैं। पटवारी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि उन्होंने घटना स्थल पर कलेक्टर से चर्चा करना चाही तो कलेक्टर ने उन्हें पहले फैक्ट्री के अंदर भेज दिया और जब में वापस आया तो कलेक्टर और एसपी दोनों गायब हो गए इतना बड़ा हादसा हुआ और कलेक्टर एसपी का गायब हो जाना अपने आप में सरकार जी उदासीनता को बताता हैं उन्होंने कहा विस्फोट में पूरी बिल्डिंग ढह गई लोहा पिघल गया फिर इंसान क्या चीज है ऐसे में जो रेस्क्यू चल रहा हैं उससे लगता है प्रशासन अर्थवर्क कर रहा है और शवों को मिट्टी में मिलाया जा रहा है। पीसीसी चीफ ने बताया कि उन्होंने घायलों, मृतकों के परिजनों और प्रत्यक्षदर्शियों से जो बात की है उसके हिसाब से घटना स्थल पर 100 से अधिक लोग अभी भी दबे हुए है उन्होंने मांग की कि सरकार SIT गठित करे और मौतों का सही आंकड़ा बताएं साथ ही मृतकों के परिजनों को 1..1 करोड़ और घायलों को 10 ..10 लाख की आर्थिक मदद सरकार दे साथ ही संबंधित अधिकारियों पर धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया जाएं और मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता से माफी मांगे।

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मध्यप्रदेश के हरदा में दर्दनाक हादसा, फटाका फैक्ट्री में विस्फोट 60 घर आग से घिरे, 11 की मौत 100 से अधिक घायल, कई गंभीर

Harda Crackers Factory Hadsa

हरदा/ मध्यप्रदेश के हरदा में आज एक अवैध फटाका फैक्ट्री में अचानक हुए जोरदार विस्फोट के बाद हुए अग्निकांड में आसपास के 60 से अधिक घर आग से घिर गए जिससे झुलसकर 11 लोगों की मौत हो गई जबकि 100 से अधिक लोग घायल हो गए है जिसमें कई की हालत बेहद नाजुक है जिससे मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता हैं। खबर मिलने पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौजे पर पहुंच गए है और स्थानीय संसाधनों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुट गई है जबकि घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए हरदा और भोपाल के बीच ग्रीन कोरिडोर बनाया गया हैं। साथ ही घायलों को हेलीकॉप्टर से एयर लिफ्ट कर शीघ्र अस्पताल भिजवाने का इंतजाम भी सरकार ने किया हैं।

हरदा के मगरधा में थी यह पटाखा फैक्ट्री जो अवेध रूप से संचालित थी मंगलवार को सुबह इस फैक्ट्री में जब काम चल रहा था इसी बीच जोरदार धमाका हुआ और फटाको के फूटने के साथ एक के बाद एक बारूद में धमाके होने लगे और आग की लपटें उठने लगी और इस आग ने देखते देखते ने विकराल रूप ले लिया बताया जाता है यह आग एक के बाद एक कई गौदामो में भी फैल गई और उसकी चपेट में आसपास के करीब 60 से अधिक कच्चे पक्के घर आ गए अभी तक मिली जानकारी मुताबिक 11 लोगों की जलकर मौत हो गई है, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हो गए है जिसमें कई की हालत बेहद गंभीर बताई जाती है। घटना स्थल की तस्वीर काफी ह्रदय विदारक और विचलित करने वाली है कई शव क्षतविक्षत मिले तो पालतू जानवर बंधे बंधे ही झुलसकर मर गए। इस विस्फोट में अधिकांश घर धराशाई हो गए कई घरों में दरार आ गई चारों और मलबा फैला हैं। मलबे में लोगों के दबे होने की आशंका भी जताई जा रही है।

बताया जाता है इस फैक्ट्री में करीब डेढ़ से दो सौ लोग काम करते थे जिसमें बच्चें और महिलाएं भी शामिल थे काफी बड़ी बिल्डिंग में यह फैक्ट्री संचालित थी जिसके नीचे एक तलघर भी था जिसमें चार गौदाम भी थे जिसमें फटाखे रखे थे पूरी इमारत जमीदोज होने से उसके मलबे में कई लोगों के दबे होने की पूरी पूरी संभावनाएं व्यक्त की जा रही है जानकारी यह भी मिली है कि सुबह इस फैक्ट्री का मालिक राजू अग्रवाल भी देखा गया था बताया जाता है वह इस बीच टेस्ट कराने चला गया था लेकिन उसका एक भाई परेश और भतीजे यही थे लेकिन फिलहाल उनका कुछ अता पता नही है वही मालिक वापस नहीं आया संभवतः यह सभी अंडर ग्राउंड हो गए लगते है।

घटना के बाद स्थानीय पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचा इस बीच पहुंचे दमकल दस्ते ने आग बुझाने की कोशिश की हरदा के करीबी 7 जिलों से फायर ब्रिगेड की टीम आग बुझाने मौके पर पहुंची है। लेकिन आग इतनी भीषण थी कि उसपर शीघ्र काबू नही पाया जा सका। इसके बाद एमडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी आ गई और उन्होंने जेसीबी की मदद से राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया इस आग में मजदूरों अन्य लोगों प्रभावित होने के साथ काफी वाहन भी जलकर स्वाहा हो गए।

बताया जाता है प्रशासन ने आग में घायल लोगों को इंदौर और भोपाल के अस्पतालों में भर्ती कराया और हरदा और भोपाल के बीच एंबुलेंस वाहनों की आवाजाही के लिए ग्रीन कोरिडोर बनाया गया हैं। जानकारी के मुताबिक़ अभी तक 22 से अधिक एंबुलेंस घायलों को लेकर भोपाल और इंदौर के अस्पतालों के लिए रवाना हो चुकी है।

बताया जाता है इस फैक्ट्री के पास ही एक पेट्रोल पंप भी है यदि वहां तक आग फैल जाती तो घटना और अधिक बड़ी हो सकती थी लेकिन इस अवेध फटाखा फैक्ट्री पर प्रशासन की नजर क्यों नहीं पड़ी यह जांच का विषय है। खास बात यह भी है 2 साल पहले भी यहां आग लग चुकी हैं।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घटना पर तुरंत संज्ञान लेते हुए प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिए है साथ ही वह बराबर नजर रखें हुए है उन्होंने कहा बचाव और घायलों का उचित इलाज हमारी पहली प्राथमिकता है उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जायेगी। साथ ही सरकार ने मरने वालों के परिजनों को 4-4 लाख मुआवजा और घायलों को 50 हजार की आर्थिक सहायता एवं पूरा मुफ्त इलाज कराने का ऐलान किया हैं।

 

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