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जल जंगल जमीन के सही हकदार आदिवासियों के लिए कांग्रेस के तीन क्रांतिकारी कदम, अपने फैसले खुद लेंगे आदिवासी कहा राहुल गांधी ने

Rahul Gandhi PC after SC decision

सिवनी, शहडोल/ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि इस चुनाव में दो विचार धाराओं की लड़ाई हैं एक आदिवासी तो दूसरी वनवासी की उन्होंने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आती है तो आदिवासियों को जो इस जल जंगल और जमीन के सबसे पुराने और सही हकदार है उन्हे छठी अनुसूची से जोड़ा जायेगा और उनके हितों का फैसला दिल्ली या भोपाल नही बल्कि वह खुद लेंगे।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य सिवनी शहडोल और मंडला में चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए कहा यहां अनेक आदिवासी मोजूद है आप हिंदुस्तान के असली पुराने मालिक है इसलिए आपका देश के जल जंगल जमीन और धन पर पहला हक है जबकि बीजेपी आरएसएस आपको वनवासी बताकर आपको मिटाना चाहते है।इसलिए यह लड़ाई दो विचारधाराओ की है देश में आदिवासियों की आबादी 8 फीसदी है लेकिन आपको 100 रूपये के बजट में से केवल 10 पैसे का अधिकार है हिंदुस्तान को 90 अफसर चलाते है लेकिन इनमें सिर्फ एक आदिवासी शामिल है।

उन्होंने कहा कांग्रेस पैसा कानून लाई जमीन अधिकार बिल लाई ट्राइबल बिल लाई इंदिरा गांधी सरकार ने आपको जमीन का हक दिया लेकिन बीजेपी आपके हक को छीनकर अडानी और अरबपतियों को सौप रही हैं यदि आप विरोध करते है तो आपको जेल में ठूंस दिया जाता है। इतना ही नहीं भाजपा का नेता आदिवासियों के ऊपर पेशाब कर देता है और फिर उस वीडियो को सब जगह वायरल कर दिया जाता है।

कांग्रेस नेता ने कहा पीएम किसान बिल लाए विरोध में लाखों किसान सड़कों पर उतरे किसान गिफ्ट नही चाहता है वह फसल का सही दाम चाहता है उन्होंने कहा किसानों का कर्ज माफ नही हुआ सरकार ने 16 लाख करोड़ अरबपतियों के माफ कर दिए मोदी जी फसल बीमा योजना लाए लेकिन उससे देश की 16 कंपनियों को लाभ हुआ लेकिन कांग्रेस किसानों का दर्द समझती है इसलिए हम किसान का कर्जा माफ करने के साथ उन्हें एमएसपी की गारंटी देंगे।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हर नौजवान ने मुझसे रोजगार और पेपर लीक पर सवाल किया हमने हमने फैसला लिया है सरकार बनते ही 30 लाख सरकारी पद जो खाली है हम बेरोजगारों को नोकरी देकर उन्हें भरने का काम करेंगे साथ ही पेपर लीक पर सख्त कानून लाने के साथ परीक्षा की कॉपी जो प्राईवेट रूप से जांची जा रही है उसे बंद करेंगे। साथ ही एंप्रेंटिशिप के अधिकार के साथ रोजागार की गारंटी और एक लाख रूपये सालाना युवाओं को देंगे। उन्होंने कहा अभी जहां सरकारी नोकरी होती है वहां आपको कॉन्ट्रेक्ट बेसिस पर लिया जाता है परमानेंट नोकरी नही दी जाती कभी भी आपको बाहर निकाल दिया जाता है लेकिन कांग्रेस की सरकार आने पर यह कॉन्ट्रेक्ट का धंधा बंद कर पब्लिक सेक्टर में परमानेंट सरकारी नौकरी दी जायेंगी।

राहुल गांधी ने कहा चुनाव का समय है कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो (घोषणा पत्र) में आदिवासियों के हित में 3 क्रांतिकारी काम किए है देश हर दलित आदिवासी और पिछड़े परिवार की एक महिला को चुनकर हर साल एक लाख की राशि यानि उसके अकाउंट में हर महिने हजारों रुपए आयेंगे साथ ही आशा और आगनवाड़ी की महिला कर्मियो को आज जो पैसा मिलता है इसकी दुगनी राशि मिलेगी। इसके अलावा कांग्रेस छठी अनुसूची (सिक्स शिडयुल) को लागू करेंगी और जहां आदिवासियों की 50 फीसदी आबादी होगी वहां के फैसले दिल्ली या भोपाल से नही लिए जायेंगे बल्कि वहां आदिवासी भाई बहन खुद अपने फैसले अपनी लोकल सरकार और अपनी पंचायत में लेंगे। साथ ही आपकी फॉरेस्ट संबंधित जो भी शिकायतें होंगी उन्हें एक साल के अंदर निबटा दिया जाएगा कांग्रेस ने यह फैसला लिया है।

राहुल गांधी ने कहा यह चुनाव मोदी जी देश के दो लोगो के लिए लड़ रहे है जबकि कांग्रेस देश के दलित पिछड़े और आदिवासियों के हक के लिए लड़ रही है नरेंद्र मोदी के राज में देश के 22 अरबपतियों के पास देश के 70 करोड़ लोगों के बराबर धन है जो शर्मनाक है। उन्होंने कहा मोदी सरकार किसान छोटे दुकानदार मजदूरों का कर्जा माफ नही करती,मनरेगा को चलाने के लिए सालाना 7 हजार करोड़ की राशि का कुल 24 साल के बजट का 16 लाख करोड़ का कर्जा इन 22 अरबपतियों का माफ कर दिया। एक तरफ 1 से 2 पैरसेंट के लिए मोदी सरकार कुछ भी कर सकती है लेकिन देश के गरीब दलित पिछड़े और आदिवासियों के हितों को मार रही है और देश के गरीब है जो शिक्षा के लिए लोन लेते हैं लेकिन उन्हें पढ़ने के बाद भी रोजगार नहीं मिलता।

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मप्र के सिवनी में तालाब में डूबने से चार मासूम बच्चों की मौत, खेलने के दौरान नहाने उतरे थे कच्चे तालाब में

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सिवनी / मध्यप्रदेश के सिवनी में बड़ा ही दर्दनाक हादसा सामने आया है यहां के धोबी सर्रा गांव के पास एक कच्चे तालाब में डूबने से चार बच्चों की मौत हो गई इन बच्चों की उम्र 5 से 10 साल के बीच की थी। इस घटना से पूरे इलाके में गम का माहौल देखा जा रहा हैं।

घटना रविवार की बताई जा रही है सिवनी जिले के धोबी सर्रा गांव के पास परिवार के परिजन एक खेत में काम कर रहे थे तभी उनके 4 बच्चे खेलने के दौरान धोबी सर्रा और दरासी कला गांव के बीच बने एक कच्चे तालाब में नहाने उतर गए नहाते नहाते वह चारों बच्चे तालाब के बीच गहरे में चले गए और डूब गए जब शाम को उनके परिजन घर पहुंचे तो बच्चे नहीं मिले तब उनकी खोजबीन शुरू हुई।

जब परिजन ग्रामीणों के साथ उन्हे ढूंढते हुए तालाब के नजदीक पहुंचे तो तालाब के बाहर उनके कपड़े मिले करीब 8 बजे उनके शव भी तालाब में उतराने लगे इस बीच ग्रामीणों ने यह देखकर पुलिस को खबर की गई।

सूचना मिलने पर कुरई थाना प्रभारी मदन लाल मरावी सहित पुलिस बल मौके पर पहुंचा, उसके साथ ही एसडीएम रेखा देशमुख तहसीलदार इमरान मंसूरी और पटवारी अनिल धुर्वे भी वहां आ गए और तालाब एवं घटना स्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने चारों बच्चों के शव पानी से बाहर निकलवा कर पोस्टमार्टम के लिए रवाना किए साथ ही मार्ग कायम कर मामला जांच में ले लिया है।

इस घटना में ऋषभ पुत्र प्यारेलाल विश्वकर्मा (5 साल), आयुष पुत्र सोनू ब्राम्हने (8 साल), त्रुतिक पुत्र सुनील चक्रवर्ती (10 साल) और अरव पुत्र यशवंत तुराराम (6 साल) की मौत हो गई। बताया जाता है ऋतिक और आयुष अपने माता पिता की इकलौती संतान थे जबकि ऋषभ दो भाई और अरव दो भाई बहन थे। इस घटना के बाद इनके परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है जबकि गांव में मातम पसरा हुआ है।

पुलिस के मुताबिक पोस्टमार्टम के बाद रात एक बजे इनके परिजन चारों के शव गांव ले गए और सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया। जानकारी मिली है कि जिस तालाब में यह हादसा हुआ वह एक खेत के पास था खेत मालिक ने इस कच्चे तालाब का बारिश से पहले गहरीकरण कराया था और तालाब करीब 10 फूट गहरा था।

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मध्यप्रदेश के सिवनी में मॉब लिचिंग, गौतस्करी की शंका में मारपीट दो आदिवासी युवकों की मौत एक गंभीर

Sivni Mob Lynching

सिवनी – मध्यप्रदेश के सिवनी में मॉव लिंचिंग की यह घटना सामने आई है जिसमें गौतस्करी के शक में बलवा करने के साथ तीन आदिवासी युवकों की भीड़ ने बुरी तरह पिटाई लगाई जिसमें दो की मौत हो गई जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया हैं घटना के बाद स्थानीय विधायक ने कड़ी कार्यवाही की मांग को लेकर ग्रामीण आदिवासियों के साथ नेशनल हाईवे 44 पर जाम लगा दिया।

घटना सिवनी जिले के बादलपार गांव की है और इस मॉव लिंचिंग का आरोप बजरंगदल के कार्यकर्ताओ पर लगा है बताया जाता है कार्यकर्ताओ की भीड़ ने गौमांस की तस्करी के शक में तीन आदिवासी युवकों को घेर लिया और पकड़कर लाठी डंडों से उनकी बुरी तरह से पीटाई लगाई जिससे तीनो युवक लहूलुहान हो गये इस बीच भीड़ जुटने से भारी बबाल उत्पन्न हो गया।

खबर मिलने पर बादलपार चौकी से पुलिस मौके पर पहुंची और काफी कोशिशों के बाद स्थिति पर नियंत्रण किया, पुलिस ने वहां मारपीट से घायल तीनो युवकों को इलाज के लिये तुरत फुरत अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उनमें से दो युवकों को मृत घोषित कर दिया जबकि एक युवक का इलाज जारी है।

इस घटना के बाद कांग्रेस विधायक अर्जुन सिंह काकौड़िया के नेतृत्व में गुस्साये ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे 44 पर चक्का जाम कर दिया उनकी मांग थी कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाये।

इधर पुलिस ने घायल युवक के बयानों के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ बलवा मारपीट एससीएसटी एक्ट और हत्या का मामला दर्ज कर लिया है पुलिस के मुताबिक एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि अन्यं की तलाश जारी है पुलिस के मुताबिक जल्द सभी आरोपियों को पकड़ लिया जायेगा।

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सिवनी में बड़ी घटना कुएं में गिरा पुलिस वाहन टीआई, ड्राइवर की मौत

TI Nilesh
  • सिवनी में बड़ी घटना कुएं में गिरा पुलिस वाहन टीआई, ड्राइवर की मौत

सिवनी – मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में बड़ी घटना सामने आई है पुलिस का वाहन एक पानी से भरे कुएं में गिरने से छपारा थाने में पदस्थ थाना प्रभारी और उनके ड्राइवर की मौत हो गई। घटना की खबर मिलते ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और पूरा अमला घटना स्थल पहुंचा और काफी मशक्कत के बाद दोंनो के शवों को बाहर निकाला गया।

यह हादसा बीती देर रात का बताया जाता है सिवनी जिले छपारा थाने में पदस्थ टीआई नीलेश परतेती अपने वाहन से चालक चंद्रकुमार चौधरी के साथ किसी कार्यक्रम में शामिल होने के बाद कलारबाड़ी क्षेत्र से बापस आ रहे थे जब उनका वाहन बंडोल थाना क्षेत्र के पौड़ी गांव से गुजर रहा था तो खेतों के पास कच्चे रास्ते के बीच बने एक बिना मेढ़ के कुएं में गिर गया कुआं काफी बड़ा और गहरा था और उसमें पानी भी काफी मात्रा में था और गाड़ी भी उलट गई संभवतः दोनों वाहन में पानी के बीच फंस गये, रात का वक्त था तड़के सुबह खेत पर आये ग्रामीणों ने जब कुएं में वाहन पड़ा देखा तो पुलिस को खबर की मालूम होने पर जब तक इन्हें रेस्क्यू कर बाहर निकाला जाता टीआई नीलेश परतेती और उनके ड्राइवर की कुएं के पानी मे डूबने से मौत हो चुकी थी।

बाद में रेस्क्यू टीम ने ग्रामीणों की मदद से दोनों के शवों को बाहर निकाला , साथ ही जेसीबी की मदद से वाहन भी निकाला गया इस बीच सिवनी के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी प्रशासन और पूरा अमला मौके पर जा पहुंचा। फिलहाल पुलिस ने मामला कायंम कर जांच में ले लिया है और दोनों के शवों को पीएम के लिये रवाना कर दिया हैं। फिलहाल अतरिक्त पुलिस अधीक्षक जांच के बाद किसी नतीजे पर पहुंचने की बात कह रहे हैं।

बिना मेढ़ के कुएं में डूबने से प्रदेश में यह पहली घटना नही है इससे पहले इस तरह की अनेक हादसे सांमने आते रहे है लेकिन ना तो प्रशासन का पंचायत विभाग सरपंच और पटवारी ध्यान देते ना ही स्थानीय ग्रामीण जबकि किसी भी कुएं को खोदने की सशर्त इजाजत दी जानी चाहिये कि कुआ खोदने वाला हितग्राही पक्का कच्चा कुआं खोदने के बाद उसपर मेढ़ जरूर बनाये और उसका निरीक्षण अधिकारी करें पर ऐसा होता नही है यही बजह है कि ऐसी घटनाएं आम हैं और इसी के चलते आज सिवनी में एक होनहार युवा थाना प्रभारी और ड्राइवर को प्रशासनिक अनदेखी के चलते बेबजह अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।

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सिवनी की बैंगगंगा नदी पर बने पुलों के ढहने के मामले में बड़ी कार्यवाही

  • सिवनी की बैंनगंगा नदी पर बने पुलों के ढहने के मामले में बड़ी कार्यवाही …

  • ग्राम सड़क प्राधिकरण के जीएम एजीएम सहित तीन सस्पेंड

 

सिवनी– मध्यप्रदेश के सिवनी में बैनगंगा नदी पर बने दो पुलों के ढहने की घटना में बड़ी कार्यवाही हुई है इस मामले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना प्राधिकरण के जीएम ,एजीएम सहित तीन लोगों को सस्पेंड कर दिया गया हैं जैसा कि विगत 30 अगस्त को बैनगंगा नदी पर बने यह पुल पानी के तेज बहाव में बह गये थे इसको गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी जांच के आदेश भी दिये थे।

सिवनी जिले में बैनगंगा नदी पर बरबसपुर – आमानाला मार्ग के पास सुनवारा गांव के करीब बने इस पुल का निर्माण जून 2020 में पूरा हुआ था जिसे भोपाल की एसवी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने करीब 3.64 करोड़ की राशि से बनाया था जबकि केवलारी -पलारी के भीमगढ़ मार्ग पर बना दूसरा पुल 5.43 करोड़ की राशि से बना था जिसे बैतूल धोड़ाडोगरी की तुरूपति कंस्ट्रक्शन कंपनी ने निर्माण पूरा किया था।

यह दोनों पुल 30 अगस्त को बारिश और बाढ़ के दौरान ढह गये थे खास बात है सुनवारा पुल का तो अभी ओपचारिक उदघाट्न भी नही हुआ था और यह धराशायी हो गया। इन कंपनियों को सेतु निर्माण के जो ठेके दिये गये वह प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना प्राधिकरण ने दिये थे।

इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संज्ञान लेने पर प्रदेश शासन प्रशासन जागा और उसने जांच शुरू करदी फिलहाल इस मामले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना प्राधिकरण के जनरल मैनेजर जे पी मेहरा असिस्टेंड जीएम एस के अग्रवाल सहित तीन लोगो को निलंबित कर दिया गया है।

अधिकारियों के मुताबिक इसकीं गहन जांच चल रही और जो भी दोषी पाये जायेंगे चाहे वह अधिकारी कर्मचारी हो या कंस्ट्रक्शन कंपनी सभी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी। खास बात है इस मुद्दे को आई ताजा खबर ने भी जोरशोर से उठाया था।

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सिवनी की बैनगंगा नदी पर बने दो पुलों के पानी में बहने का मामला

  • सिवनी की बैनगंगा नदी पर बने दो पुलों के पानी में बहने का मामला…

  • मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश कांग्रेस ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप…

 

सिवनी (अलकेन्द्र सहाय)  – मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में बैनगंगा नदी पर बने दो पुलों के बहने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जांच के आदेश दे दिये हैं। जैसा कि इन पुलों में से एक पुल का निर्माण हाल में पूरा हुआ था और उसका ओपचारिक उदघाट्न भी नही हुआ था। इस घटना से साफ तौर पर पुलों के निर्माण में तकनीकी खामियां उजागर होने के साथ इसमें लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आती हैं।

मध्यप्रदेश के विंध्य क्षेत्र में पिछले 4 दिन जमकर बारिश हुई जिससे सिवनी जिला भी अछूता नही रहा और यहां के संजय सागर सरोवर बांध के डेम के ओव्हर फ्लो होने से गेट खोलना पड़े थे जिससे बैनगंगा नदी में उफान आ गया और उसका जलस्तर एकाएक बढ़ गया।

लगातार तीन दिन तेज बारिश और बैनगंगा नदी में जलस्तर बढ़ने का वैग भीमगढ़ में बना पुल नही सह सका और किनारों को छोड़कर पूरा पुल नदी के पानी के सैलाब में बह गया। बताया जाता है इस पुल की लागत 4.50 करोड़ थी। जैसा कि यह पुल छपारा से भीमगढ़ और भीमगढ़ को पलारी केवलारी और मंडला से जोड़ता था ।

लेकिन गंभीर बात यह रही कि भीमगढ़ के अलावा बेनगंगा नदी पर सिर्फ दो महिने पहले बना दूसरा सुनवारा का पुल भी ढह गया बताया जाता है सुनवारा ग्राम के पास बने इस पुल का निर्माण प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत 3.64 करोड़ की राशि से हुआ था ख़ास बात है कि फौरी तौर पर स्थानीय ग्रामीणों का आवागमन इस सुनवारा पुल से शुरु हो गया था लेकिन फिलहाल इस पुल का अभी ओपचारिक उदघाट्न नही हुआ था और वह भी उससे पहले ही धराशायी होकर पानी मे बह गया।

उल्लेखनीय है कि भीमगढ़ पुल के स्लैब 50 -60 फीट दूर जाकर गिरे और सुनवारा पुल के पिलर ढहकर नदी के तेज बहाव में बह गये इस मामले में लोक निर्माण विभाग के अधिकारी कुछ बताने से बचते नजर आ रहे हैं जिससे साफ है कि दोनों पुलों के निर्माण में भारी भ्रष्टाचार हुआ है और उनका निर्माण कार्य निर्धारित मानकों और मापदंडों के अनुसार नहीं हुआ है|

चूंकि संजय सागर सरोवर बांध से गेट खोलने पर पानी का जो फ्लो और उसका प्रेशर पुलों पर पड़ा वह उसे सह नही सकें और पानी के तेज रेले में बह गये इससे साफ होता है कि विभाग ने इन पुलों के निर्माण में जो तकनीकि रिपोर्ट बनाई उसमें खामी थी या फिर निर्माण सामग्री उचित मानकों के हिसाब से निर्मित नही की गई अब यह सभी जांच का विषय हैं। यही बजह रही कि यह दोनों पुल नदी के पानी का दबाब नही झेल पाये और ढहकर बह गये।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए तुरंत जांच के आदेश दे दिये हैं उनका कहना है जो भी दोषी पाया जायेगा उंसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी।

इधर कांग्रेस ने इस मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाये है कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा है कि केवलारी विधानसभा में आने वाले इन पुलों के धराशायी होने से एक बड़ा घोटाला सामने आया हैं और इसमें विभागीय अधिकारी और निर्माण एजेंसी के बीच सांठगांठ उजागर हुई हैं उन्होंने यह भी कहा कि उस दौरान टेंडरों में भी काफी हेराफेरी हुई थी। कांग्रेस का आरोप है कि 2018 में जब इस पुल के निर्माण शुरू हुआ उस समय बीजेपी की सरकार थी इसीलिए वह भी अपनी जिम्मेदारी से बच नही सकती।

इधर इन पुलों के ढहने से करीब 70 से 80 गांव प्रभावित हुए है और स्थानीय ग्रामीणों को आवागमन में काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा हैं। अब उन्हें जबलपुर और नागपुर का चक्कर काट कर अपने गंतव्य को जाना पड़ेगा। जिससे पैसा और समय भी ज्यादा लगेगा।

 

 

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मध्यप्रदेश के सिवनी की बेनगंगा नदी पर बने दो पुल धराशायी, एक उदघाटन से पहले ही ढहा भारी भ्रष्टाचार की गंध

Bridge Down
  • मध्यप्रदेश के सिवनी की बेनगंगा नदी पर बने दो पुल धराशायी,

  • एक उदघाटन से पहले ही ढहा, भारी भ्रष्टाचार की गंध

सिवनी – मध्यप्रदेश के सिवनी में बेनगंगा नदी पर बने दो पुल नदी के तेज बहाव में धराशायी हो गये करोड़ो की लागत से बने इन पुलों में से एक पुल का तो अभी उदघाट्न भी नही हुआ था और वह भी भ्रष्टाचार की भैंट चढ़ गया।

लगातार बारिश ने सिवनी जिले सहित आसपास बाढ़ कैसे हालात पैदा कर दिये है और भारी बारिश से नदी नाले उफान भर रहे हैं तो जलाशय भी लबालब हो गये है। इस भीषण बारिश से सिवनी की बेनगंगा नदी का जलस्तर एकाएक बढ़ गया।

लेकिन नदी में आये कोहराम का सामना भीमगढ़ में बना नया पुल नही कर सका और किनारों को छोड़कर पूरा पुल नदी के पानी के सैलाब में बह गया। बताया जाता है इस पुल की लागत करोड़ों की थी। बताया जाता है यह पुल छपारा से भीमगढ़ और भीमगढ़ को पलारी केवलारी और मंडला से जोड़ता था।

आश्चर्यजनक बात है कि बेनगंगा नदी पर सिर्फ दो महिने पहले बना सुनवारा का पुल भी ढह गया बताया जाता है सुनवारा ग्राम के पास बने इस पुल का निर्माण प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत करोड़ो की राशि खर्च करके हुआ था, ख़ास बात तो यह हैं कि इस पुल का अभी उदघाटन भी नही हुआ था और उससे पहले ही धराशायी हो गया ।

सिवनी जिले में पिछले 3 – 4 दिनों से लगातार बारिश कहर बरपा रही है आज सुबह वर्षा कम होने और नदी का जल स्तर घटने के बाद सुबह यह तबाही का मंजर लोगों ने देखा और इसकीं सूचना प्रशासन को दी लेकिन ग्रामीणों के मुताबिक फिलहाल कोई भी अधिकारी मौके का नजारा देखने नही पहुंचा।

देखा गया कि भीमगढ़ पुल का स्लैब 50 -60 फीट दूर जाकर गिरे और सुनवारा पुल के पिल्लर तक बह गये जिससे साफ है कि दोनों पुलों के निर्माण में भारी भ्रष्टाचार हुआ है और उनका निर्माण कार्य उचित नियम और निर्धारित मानकों के मापदंडों के अनुसार नहीं हुआ है यही बजह है यह बारिश का तीखा हमला और नदी के पानी का दबाब नही झेल पाये और ढह गये।

स्थानीय लोगों ने पुल ढहने से आवागमन में होने वाली परेशानी को बताते हुए भारी भ्रष्टाचार की शिकायत की हैं।

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