ग्वालियर, श्योपुर/ मध्यप्रदेश का श्योपुर का कूनो राष्ट्रीय अभ्यारण पर्यटन और जंगली जानवरों के हिसाब से आज देश का एकमात्र राज्य है जहां विलुप्त प्रजाति चीतों को अफ्रीका से लाकर बसाया गया है पिछले साल यहां 8 चीतों को लाया गया था शनिवार को 12 और चीते यहां छोड़े गए उनके आने से अब इनका कुनबा बढ़कर 20 का हो गया है। मध्यप्रदेश के चीता प्रोजेक्ट के तहत अफ्रीका से हर साल 12 चीते यहां लाएं जायेंगे।
शनिवार को दक्षिण अफ्रीका से लाएं गए इन 12 चीतों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ केंद्रीय वन एवं पर्यटन मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव ने बड़े में रिलीज किया इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मप्र के वनमंत्री विजय शाह विशेष रूप से मोजूद थे इस दौरान मुख्यमंत्री में नामीबिया से आए चीतों को भी देखा। मुख्यमंत्री ने कहा है कि भारत में चीतो की वापसी से अब जैव विविधता की टूटी कडी जुड गई है। यह बड़ी सौगात हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से हमें प्राप्त हुई है, उन्होने कहा कि कूनों सेंचुरी में अब 20 चीते हो जाने से एशिया में भारत का कूनो सेंचुरी आकर्षण का केन्द्र बनेगा। उन्होंने कहा कि पूर्व में आये 8 चीते स्वभाविक जीवन जी रहे है, उन्होंने कहा कि पर्यावरण बचाने की दृष्टि से कूनों में टूरिज्म तेजी से बढेगा जिसका सभी को लाभ मिलेगा
केन्द्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि कूनों में चीतें छोडकर भारत में बहुआयामी उदाहरण प्रस्तुत किया है, पहले चरण में अफ्रीका के नामिबीया से लाये गये चीते छोडे गये थे, चीता प्रोजेक्ट के दूसरे भाग में दक्षिण अफ्रीका से लाये गये 12 चीते छोडकर चीता प्रोजेक्ट का दूसरा भाग शुरू हुआ है। नामिबीया आये चीते बडे बाडे में पूरी तरह से स्वस्थ है, इसके लिए फॉरेस्ट वैज्ञानिक, अफसरो सहित सभी ने मिलकर पहले भाग को पूरा किया है। श्री यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने यहां साढे चार सौ चीता मित्र बनाकर इस परियोजना को आगे बढाया है, और पेड काटने वाले लोगों ने आज कुल्हाडी छोडकर वन बचाने का संकल्प लिया है, इससे पर्यावरण बचेगा, हम आज कूनों में स्वसहायता के प्रोजेक्ट देखने को मिले, चीता प्रोजेक्ट को आगे बड़ाने वाले सभी धन्यवाद के पात्र हैं।
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि पिछले सितंबर माह में हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कूनों नेशनल पार्क में चीते छोडकर अपना जन्मदिवस मनाया था, केन्द्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि हर साल कूनो सेंचुरी में 12 चीते आयेगे, जिससे एशिया में भारत का कूनों अभ्यारण आकर्षण का केन्द्र बनेगा।
शनिवार को दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतो को एयर फोर्स के ग्लोब मास्टर सी-17 वायुयान से ग्वालियर लाया गया, वहां से वायुसेना के 4 चिनूक हेलीकॉप्टर से यह चीते कूनो नेशनल पार्क श्योपुर लाये गये। सभी 12 चीतों को क्वारंटीन करने के लिए 25 सौ वर्गमीटर के बाड़ों में छोड़ा गया खास बात थी कि पिंजरों से बाहर आने पर इनकी फुर्ती और तेजी देखते ही बनती थी अब कूनो नेशनल पार्क में कुल 20 चीतों में से दस नर और दस मादा चीते हो गए है दक्षिण अफ्रीका से आए इन 12 चीतों में से तीन नर चीतों को अलग अलग और दो बाड़ों में दो दो नर चीते रखे गए जबकि बकाया 5 मादा चीतों को 5 बाड़ों में अलग अलग क्वारंटीन किया गया है।
प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह ने रविवार को भोपाल में कहा कि भारत मे चीते लाने के लिए साउथ अफ्रीका से एक अनुबंध हुआ है जिसके तहत हर वर्ष 12 चीते भारत मे लाएं जाएंगे। फिलहाल अफ्रीकी देशों से लाये गए 20 चीतों को मप्र के श्योपुर जिले के कूनो अभ्यारण में रखा गया है, मगर आगामी वर्षों में मप्र को चीता प्रदेश बनाने की योजना है,, जिसके अंतर्गत सागर जिले के नोरादेही अभ्यारण और नीमच जिले के गांधीसागर अभ्यारण को चीतों के लिए विकसित करने की योजना पर काम हो रहा है, कूनो के अलावा इन दोनों अभ्यारणों में साउथ अफ्रीका से हर वर्ष लाये जाने वाले 12 चीतों को छोड़ा जाएगा।