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कूनों नेशनल पार्क में अफ्रीका से 12 चीते और आये, 20 चीतों का हुआ कुनबा, भारत का कूनों सेंचुरी एशिया का आकर्षण का केन्द्र, हर साल अफ्रीका से आयेंगे चीते

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ग्वालियर, श्योपुर/ मध्यप्रदेश का श्योपुर का कूनो राष्ट्रीय अभ्यारण पर्यटन और जंगली जानवरों के हिसाब से आज देश का एकमात्र राज्य है जहां विलुप्त प्रजाति चीतों को अफ्रीका से लाकर बसाया गया है पिछले साल यहां 8 चीतों को लाया गया था शनिवार को 12 और चीते यहां छोड़े गए उनके आने से अब इनका कुनबा बढ़कर 20 का हो गया है। मध्यप्रदेश के चीता प्रोजेक्ट के तहत अफ्रीका से हर साल 12 चीते यहां लाएं जायेंगे।

शनिवार को दक्षिण अफ्रीका से लाएं गए इन 12 चीतों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ केंद्रीय वन एवं पर्यटन मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव ने बड़े में रिलीज किया इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मप्र के वनमंत्री विजय शाह विशेष रूप से मोजूद थे इस दौरान मुख्यमंत्री में नामीबिया से आए चीतों को भी देखा। मुख्यमंत्री ने कहा है कि भारत में चीतो की वापसी से अब जैव विविधता की टूटी कडी जुड गई है। यह बड़ी सौगात हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से हमें प्राप्त हुई है, उन्होने कहा कि कूनों सेंचुरी में अब 20 चीते हो जाने से एशिया में भारत का कूनो सेंचुरी आकर्षण का केन्द्र बनेगा। उन्होंने कहा कि पूर्व में आये 8 चीते स्वभाविक जीवन जी रहे है, उन्होंने कहा कि पर्यावरण बचाने की दृष्टि से कूनों में टूरिज्म तेजी से बढेगा जिसका सभी को लाभ मिलेगा

केन्द्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि कूनों में चीतें छोडकर भारत में बहुआयामी उदाहरण प्रस्तुत किया है, पहले चरण में अफ्रीका के नामिबीया से लाये गये चीते छोडे गये थे, चीता प्रोजेक्ट के दूसरे भाग में दक्षिण अफ्रीका से लाये गये 12 चीते छोडकर चीता प्रोजेक्ट का दूसरा भाग शुरू हुआ है। नामिबीया आये चीते बडे बाडे में पूरी तरह से स्वस्थ है, इसके लिए फॉरेस्ट वैज्ञानिक, अफसरो सहित सभी ने मिलकर पहले भाग को पूरा किया है। श्री यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने यहां साढे चार सौ चीता मित्र बनाकर इस परियोजना को आगे बढाया है, और पेड काटने वाले लोगों ने आज कुल्हाडी छोडकर वन बचाने का संकल्प लिया है, इससे पर्यावरण बचेगा, हम आज कूनों में स्वसहायता के प्रोजेक्ट देखने को मिले, चीता प्रोजेक्ट को आगे बड़ाने वाले सभी धन्यवाद के पात्र हैं।

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि पिछले सितंबर माह में हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कूनों नेशनल पार्क में चीते छोडकर अपना जन्मदिवस मनाया था, केन्द्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि हर साल कूनो सेंचुरी में 12 चीते आयेगे, जिससे एशिया में भारत का कूनों अभ्यारण आकर्षण का केन्द्र बनेगा।

शनिवार को दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतो को एयर फोर्स के ग्लोब मास्टर सी-17 वायुयान से ग्वालियर लाया गया, वहां से वायुसेना के 4 चिनूक हेलीकॉप्टर से यह चीते कूनो नेशनल पार्क श्योपुर लाये गये। सभी 12 चीतों को क्वारंटीन करने के लिए 25 सौ वर्गमीटर के बाड़ों में छोड़ा गया खास बात थी कि पिंजरों से बाहर आने पर इनकी फुर्ती और तेजी देखते ही बनती थी अब कूनो नेशनल पार्क में कुल 20 चीतों में से दस नर और दस मादा चीते हो गए है दक्षिण अफ्रीका से आए इन 12 चीतों में से तीन नर चीतों को अलग अलग और दो बाड़ों में दो दो नर चीते रखे गए जबकि बकाया 5 मादा चीतों को 5 बाड़ों में अलग अलग क्वारंटीन किया गया है।

प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह ने रविवार को भोपाल में कहा कि भारत मे चीते लाने के लिए साउथ अफ्रीका से एक अनुबंध हुआ है जिसके तहत हर वर्ष 12 चीते भारत मे लाएं जाएंगे। फिलहाल अफ्रीकी देशों से लाये गए 20 चीतों को मप्र के श्योपुर जिले के कूनो अभ्यारण में रखा गया है, मगर आगामी वर्षों में मप्र को चीता प्रदेश बनाने की योजना है,, जिसके अंतर्गत सागर जिले के नोरादेही अभ्यारण और नीमच जिले के गांधीसागर अभ्यारण को चीतों के लिए विकसित करने की योजना पर काम हो रहा है, कूनो के अलावा इन दोनों अभ्यारणों में साउथ अफ्रीका से हर वर्ष लाये जाने वाले 12 चीतों को छोड़ा जाएगा।

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अपहृत चरावाहें एक सप्ताह बाद बदमाशों की पकड़ से छूटे, एक रोटी और मारपीट सुनाई क्रूरता की कहानी

Kidnap

श्योपुर/ पिछले एक हफ्ते पहले जिन 3 चरवाहों का अपहरण श्योपुर के जंगल से बदमाश गैंग ने किया था वह अपहरणकर्ताओं को खुद चकमा देकर लौट आएं है लेकिन उन्होंने अपनी आपबीती में बदमाशों की क्रूरता की जो कहानी सुनाई वह काफी पीड़ा दायक है जिसके चलते एक अपहृत बुजुर्ग को ग्वालियर के अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है।जबकि चरवाहों की पकड़ छूटने को पुलिस इसे अपनी सफलता बता रही हैं।

पिछले शनिवार की रात श्योपुर के थोरेट के जंगल से पालतू पशुओं को चराने के दौरान खिरकाई बनाकर जंगल में रह रहे 3 चरवाहों को आठ सशत्र बदमाशों ने हथियारों की नोक पर अगवा कर लिया था और उनके परिजनों से 15 लाख की फिरौती उन्हे छोड़ने के एवज में मांगी थी।

आज शनिवार को यह तीनों चरवाहे गुड्डा बघेल भरतू और बुजुर्ग रामस्वरूप यादव बदमाशों की पकड़ से छूट कर वापस आ गए है। लेकिन मीडिया से चर्चा में उन्होंने जो कहानी सुनाई वह दिल हिला देने वाली है गुड्डा और भरतू ने बताया कि गत शुक्रवार शनिवार की रात 8 हथियारबंद बदमाश हमें थोरेट के जंगल से पकड़ कर ले गए थे यह पहले हमें मारते पीटते कूनो के घने जंगल में ले गए इसके बाद चंबल नदी पार कराकर बदमाश राजस्थान की सीमा में दाखिल हुए और अरोरा के जंगल की पहाड़ी पर लेकर रुके इस दौरान जंगल में जरा भी रुकजाने पर लाठी डंडों से बेरहमी से पिटाई लगाते थे कही रुकते तो हमारे हाथ पैर बांध देते थे इन पर 7 बंदूके और एक पर लाठी और कट्टा था।

बदमाशों से छूटकर आए दोनो अपहर्तो ने बताया यह हमें रोजाना मारते पीटते थे और 24 घंटे सिर्फ एक रोटी देते थे वह भी बिना सब्जी के रूखी रोटी खाकर हमने किसी तरह सात दिन गुजारे बुजुर्ग रामस्वरूप जंगल में दो दिन चलने के बाद जब थक गया और नही चल पा रहा था तो उसकी बदमाशो ने बुरी तरह पिटाई ही नहीं लगाई बल्कि उसके पैरो की उंगलियों के नाखून भी जला दिए जिससे उसकी हालत ज्यादा बिगड़ गई। बाद में यह बदमाश राजस्थान के अरोरा की पहाड़ी पर दो तीन दिन रुकने के बाद फिर कूनो के जंगल में हमें लेकर आ गए।

गुड्डा और भरतू ने बताया कि आज शनिवार की सुबह तड़के जब बदमाश सो रहे थे हमने मौका देखा और बुजुर्ग रामस्वरूप को पीठ पर बिठालकर जंगल से भागे और विजयपुर शहर में आ गए और एक दुकान पर जानकारी मिलने पर पुलिस हमें थाने ले आई।

इधर श्योपुर के एसपी आलोक सिंह का कहना है कि श्योपुर पुलिस के साथ धौलपुर और करोली थाना पुलिस ने कार्यवाही कर बदमाशों की खोजबीन के लिए सयुक्त अभियान चलाया और तीन बदमाशों पप्पू नई निवासी करोली लोकेंद्र गुर्जर निवासी धोलपुर और अमर सिंह निवासी करोली को चिन्हित किया और उन्हे पकड़कर दवाब बनाया जिसके चलते तीनों अपहृत चरवाहे बदमाशों के चंगुल से छूट गए है सर्चिंग के बदमाशों ने फायरिंग भी की तीन बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है बाकी 5 बदमाश भी जल्द पुलिस की गिरफ्त में होंगे जरूरत हुई तो उनपर इनाम भी घोषित किया जाएगा बताया जाता है पुलिस राजस्थान के करोली इलाके के जंगल के साथ चंबल नदी से जुड़े जंगल में भी सर्चिंग कर इनकी खोजबीन कर रही थी और पुलिस भी लगातार सर्चिंग कर दवाब बना रही थी।इधर घायल बुजुर्ग रामस्वरूप यादव को स्थानीय अस्पताल से इलाज के लिए जेएएच ग्वालियर रेफर किया गया है।

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मप्र के श्योपुर में तीन चरवाहों का अपहरण, मांगी 15 लाख की फिरौती, पुलिस को नहीं मिला सुराग

Kidnap

श्योपुर/ मध्यप्रदेश के श्योपुर में 3 चरवाहों के अपहरण की सनसनीखेज वारदात सामने आई है पुलिस उनकी खोजबीन के लिए जंगल की खाक छान रही है लेकिन दो दिन बीतने के बावजूद पुलिस के हाथ खाली है फिलहाल उसे कोई सुराग हाथ नहीं लगा हैं जिससे इलाके में दहशत फेल गई है इधर खबर है कि बदमाशो ने अगवा चरवाहों को छोड़ने के एवज में 15 लाख की फिरौती मांगी हैं।

मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के विजयपुर अंचल में स्थित धनकड़ के जंगल में पशु पालक खिरकाई बनाकर रहते हैं. शनिवार को यहां पर चरवाहा रामस्वरूप यादव निवासी पचनेहा सहित 7 लाेग भैंस और बकरी चरा रहे थे, तभी वहां अज्ञात 8 हथियारबंद बदमाश आ धमके और बंदूक की नोंक पर सभी 7 चरवाहों का अपहरण कर लिया और घने जंगल में समा गए इनमें चार को उन्होंने शनिवार की रात को फिरौती की रकम की मांग और धमकी के साथ थोरेट बाबा के जंगलों के पास छोड़ दिया, जबकि अन्य तीन रामस्वरूप यादव गंजनपुरा, गुड्डा बघेल और भत्तु बघेल को हथियार बंद बदमाश अपने साथ जंगल में ले गए।

बताया जाता है रविवार की शाम को घटनास्थल टेंटरा थाना क्षेत्र का मानकर ग्रामीण वहां पुलिस को शिकायत करने के लिए गए थे, इसके बाद श्योपुर पुलिस को पूरी घटना का मालूम चला और वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर वीरपुर थाने के साथ ही रघुनाथपुर, ओछापुरा, विजयपुर, अगरा, मगरदा और गसवानी सहित आधा दर्जन से अधिक थानों की पुलिस जंगल में उतर गई है और जंगल सर्चिंग के साथ ही हथियारबंद बदमाशों की तलाश में जुटी हुई है, लेकिन अभी तक बदमाशों का कोई सुराग नहीं लग सका है। जानकारी मिली है कि जिन चार चरावाहों को बदमाशों ने छोड़ा है उनको चेतावनी देते हुए अगवा तीन लोगों को छोड़ने के एवज में फिरौती के रूप में 15 लाख की रकम देने की मांग रखी है ऐसा उन्होंने बताया हैं।

अपहरण की इस बड़ी घटना के बाद सोमवार को एडीजी चंबल राजेश चावला और एसपी आलोक कुमार सिंह विजयपुर पहुंचे जहां उन्होंने पुलिस अफसरों से सर्चिंग अभियान की जानकारी लेने के साथ स्थानीय ग्रामीण से भी चर्चा की है इस मामले में विजयपुर थाना पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।

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पीएम मोदी ने मप्र के कूनो नेशनल पार्क में चीते रिलीज किए, कहा ईको सिस्टम सुधरने के साथ पर्यटन और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे

Modi releases Cheetah at KONU

श्योपुर / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित पालपुर कूनो अभ्यारण में बने एक विशेष बाड़े में दो चीते छोड़े इस मौके पर उन्होंने कहा कि इन चीतों से ईको सिस्टम सुधरने के साथ पर्यटन और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। इसके उपरांत उन्होंने स्व रोजगार समूह की महिलाओं को भी संबोधित किया। जैसा कि नामीबिया से आठ चीते इस नेशनल पार्क में लाए गए है।

पीएम नरेंद्र मोदी आज सुबह करीब 11 बजे विशेष विमान से कूनो अभ्यारण पहुंचे और उन्होंने नामीबिया से आए 8 में से एक बाड़े में बंद दो चीतों को उनके लिए बनाए गए विशेष बाड़े में छोड़ा साथ ही पीएम ने अपने कैमरे से उनकी अलग अलग एंगिल से तस्वीर भी ली। इस मौके पर उन्होंने जारी एक वीडियो संदेश में श्योपुर वासियों को बधाई देते हुए नामीबिया सरकार को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हमारे विश्वास की विरासत है और हमारी वर्षो की मेहनत रंग लाई इन चीतों के आने से ईको सिस्टम बैलेंस होने के साथ मध्यप्रदेश और श्योपुर में विकास पर्यटन और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

प्रधानमंत्री ने इसके उपरांत कराहल में आयोजित महिला स्व सहायता समूह के भीड़ भरे आयोजन को भी संविधित किया उन्होंने कहा केंद्र की सरकार महिला सशक्तिकरण के तहत उन्हे सम्मान और हक देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है इसके चलते देश की सरकार ने 2 करोड़ महिलाओं को उनके नाम से घर उपलब्ध कराए, 35 हजार को सेना और सुरक्षा बलों में मौका दिया उन्होंने भी अपनी जिम्मेदारी निभाकर दुश्मनों और आतंकियों को सबक सिखाया,गैस सिलेंडर नल जल योजना से उनका जीवन सुलभ बनाया उन्होंने कहा कि योजना स्वच्छता अभियान में भी महिलाओं ने बढ़ाचाधकर योगदान दिया पीएम ने कहा कि स्व सहायता समूह की महिलाओं के कार्य और उत्पाद ने देश के विकास में बड़ा योगदान दिया हैं। उन्होंने इस मौके पर श्योपुर की विशेष सुप्रसिद्ध काष्ट कला को आगे बढ़ाने और उसके उत्पाद पर विशेष कार्य करने की जरूरत भी बताई।

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श्योपुर के कूनो अभ्यारण में कल आयेंगे 8 चीते, प्रधानमंत्री मोदी बाड़े में करेंगे शिफ्ट, 70 साल बाद विश्व के तेज धावक से गुलजार होंगा भारत का जंगल

Chetah

श्योपुर / मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित पालपुर कूनो नेशनल अभ्यारण में नामीबिया से आने वाले 8 चीते शनिवार को विशेष फ्लाइट से सुबह 7 बजे पहुंचेंगे। जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके लिए बनाए विशेष बाड़े में छोड़ेंगे। खास बात है और पूरे 70 साल बाद भारत का कूनो अभ्यारण इन चीतों के आने से गुलजार होगा।इनकी पसंद का शिकार और भोजन चीतल राजगढ़ के चिड़ी खो अभ्यारण से लाकर इस के जंगल में छोड़े जा चुके है।

चीतों की अगवानी के लिए कूनो अभ्यारण सजधजकर तैयार

श्योपुर का पालपुर कूनो नेशनल पार्क अफ्रीकी चीतों की अगवानी के लिए विशेष इंतजामातो के साथ पूरी तरह से तैयार है। जैसा कि नामीबिया की राजधानी विंडहोक से 16 सितंबर शनिवार को शाम 5 बजे यह 8 चीते रवाना होंगे जिसमें 5 नर और 3 मादा चीते हैं जो भारत से वहां पहुंचे विशेष जंबो जेट B 747 विमान से ग्वालियर लाए जायेंगे और 11 घंटे की उड़ान भरकर यह विमान सुबह करीब साढ़े पांच बजे ग्वालियर विमान तल उतरेगा यहां से चापड़ विमान से इन चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया जायेगा। इन विमानों के अंदरी भाग को चीतों के लाने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया हैं।

जन्म दिन पर पीएम मोदी देंगे देश के वन्यप्राणि प्रेमियों को सौगात –

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 17 सितंबर को जन्म दिन है और इस खास दिन वह भारत के जंगल और वन्यप्राणी प्रेमियों को 70 साल बाद अफ्रीकी चीतों की सौगात देंगे पीएम मोदी करीब सुबह 11 बजे कूनो अभ्यारण पहुंचने और उसके बाद प्रधानमंत्री इन चीतों में से तीन चीतों को इनके लिए बनाए गए विशेष बाड़ों में शिफ्टिंग करेगे और कोरेंटाइन रहने के बाद उन्हें अभ्यारण में उनके लिए बने बड़े बाड़े में छोड़ा जायेगा।यह मौका वन्य प्राणि इतिहास में काफी अभूतपूर्व और विशेष होगा क्योंकि भारत में 1972 के बाद एक बार फिर से यह सबसे तेज धावक चीता जंगलों की शान बनेगा। प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम के अलावा कराहल में महिला स्व सहायता समूह के कार्यक्रम में भी शिरकत करेंगे।

पालपुर कूनो का जंगल और उसके मौसम की अनुकूलता –

श्योपुर का यह पालपुर कूनो अभ्यारण 750 किलोमीटर वर्ग क्षेत्र में फैला है जो ज्यादातर मैदानी जंगल और घने पेड़ पौधों से अटा पड़ा है जिसमें नदी नाले और पानी से भरी अनेक ताल तलैया भी है चीते को लंबी घास के मैदान और मैदानी ग्रास लैंड पसंद है जो कूनो अभ्यारण में खूब उपलब्ध है साथ ही यहां ना ज्यादा बारिश होती ना ही गर्मी पड़ती है इसलिए यह मौसम चीते के अनुकूल है।

राजगढ़ के चिड़ी खो अभ्यारण से चीते के ग्रास के लिए आए 181 सांभर –

पालपुर कूनो में इस समय भारी तादाद में जंगली जानवर विचरण कर रहे है जिसमें तेंदुएं सियार लोमड़ी नीलगाय सांभर हिरण चित्तेदार हिरण, जंगली सूअर, चारसिंगा मृग और चिंकारा प्रमुख रूप से शामिल हैं। लेकिन चीतों की विशेष पसंद और आसानी से शिकार के ग्राह बनने वाले सांभर भी यहां उसे मिलेंगे,राजगढ जिले के नरसिंहगढ़ स्थित चिड़ी खो अभ्यारण से 200 सांभर कूनो अभ्यारण प्रशासन ने मंगाए थे उनमें से 181 सांभर आ गए और उनमें से 100 सांभरो को इन चीतों के भोजन के लिए बारी बारी से उनके विशेष बाड़े में छोड़ा जायेगा।

जंगल का सबसे तेज धावक है चीता –

बिल्ली प्रजाति के जंगली जानवरों में चीता एकमात्र ऐसा जंगली जीव है जो सबसे तेज 103 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार रखता है शेर बाघ इसकी रफ्तार के आगे कही नही लगते इसके बाद जैगुआर 80 किमी / घंटा और और इस प्रजाति का तेंदुआ सबसे कम 58 किमी/ घंटा की रफ्तार से दौड़ता है। जबकि यह 7 मीटर यानि 23 फीट तक लंबी छलांग लगा सकता है इस दोरान इसके पिछले पैर आगे के पैरो से भी आगे हो जाते है।यह केवल 3 सेकेंड में अपनी तेज गति प्राप्त कर लेता है लेकिन यह गति वह सिर्फ 20 सेकेंड तक ही बरकरार रख सकता हैं।

शेर से साढ़े तीन गुना बड़ा दिल खास पंजे और पूंछ चीते को देती है तेज रफ्तार –

चूंकि चीते का दिल शेर के मुकाबले साढ़े तीन गुना बड़ा होता है जिससे इसकी मांसपेशियों में आक्सीजन की मात्रा तेजी से पहुंचती है और दौड़ते समय इसे भरपूर ऑक्सीजन मिलती नाक जो लंबी होती है वह भी इसमें सहायक होती है। साथ ही इसके पैरो के पंजे ग्रिप वाले होते है जो दोड़ते समय जमीन पर भरपूर पकड़ बनाती है साथ ही इसकी 31 इंच की पूंछ एक रेडार का काम करते हुए दौड़ते समय इसके शरीर को बैलेंस करती है।

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मध्य प्रदेशश्योपुर

मप्र के श्योपुर का कूनो नेशनल पार्क रफ्तार के बादशाह चीतों की अगवानी के लिए तैयार, अफ्रीका से आने वाले चीतों के शिफ्टिग प्रोग्राम में 17 सितंबर को शिरकत करेंगे प्रधानमंत्री मोदी

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श्योपुर / मध्यप्रदेश के श्योपुर का पालपुर कूनो अभ्यारण अफ्रीका से आने वाले चीतों की अगवानी के लिए पूरी तरह सज धजकर तैयार है खास बात है यह भारत का पहला चीता नेशनल पार्क होगा जहां 70 साल के बड़े अंतराल के बाद देश के वन्य प्राणि प्रेमी और पर्यटक एक बार फिर विश्व के सबसे तेज धावक चीतों का दीदार कर सकेंगे। इस खास दिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद नामीबिया से आने वाले 8 चीतों के शिफ्टिंग कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।

फ्लाईट से आयेंगे यह चीते –

दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से फिलहाल 8 चीते लाए जा रहे है जानकारी के मुताबिक 15 सितंबर को यह चीते फ्लाइट से दिल्ली लाए जायेंगे जहां से ग्वालियर एयरपोर्ट लाएं जाएंगे और ग्वालियर से हवाई मार्ग व्दारा यह सीधे श्योपुर कूनो अभ्यारण लाएं जाएंगे इसके लिए श्योपुर में 7 हेलीपेड बनाए जा रहे है जिसमें से 4 हेलीपेड कूनो अभ्यारण के बाहर वीवीआईपी और वीआईपी के लिए और तीन हेलीपेड कूनो अभ्यारण के अंदर होंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीतों की शिफ्टिंग को देंगे हरी झंडी –

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश के दौरे पर आ रहे है इस बीच वे 17 सितंबर को श्योपुर पहुंचने वाले है और देश में 70 साल बाद वापसी कर रहे चीतों के इस विशेष कार्यक्रम में शिरकत करेंगे, और प्रधानमंत्री पालपुर कूनो नेशनल पार्क में चीतों के इस शिफ्टिंग कार्यक्रम में शामिल होंगे इसके अलावा वह यहां महिला स्व सहायता समूह के कार्यक्रम में भी शिरकत करेंगे। पीएम के आगमन को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक विशेष बैठक ली है जिसमें तैयारियों पर चर्चा हुई जिसमें मंत्रिमंडल के सभी सदस्य मोजूद रहे ।

सुप्रीम कोर्ट ने चीता प्रोजेक्ट को दी मंजूरी –

वन विभाग लंबे समय से भारत में चीते लाने के प्रयास में लगा था इस प्रोजेक्ट के तहत 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथारिटी को चीते लाने की मंजूरी दी गई प्रयोग बतौर अफ्रीकन चीतों को भारत लाने पर सहमति बनी और इस प्रोजेक्ट ने तेजी पकड़ी और अब उन्हें लाया जा रहा हैं।

तत्कालीन वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम नरेश ने की थी पहल –

चीतों को भारत के जंगलों में लाने की पहल तत्कालीन केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम नरेश ने की थी एक दशक में इस मामले में बड़ा बदलाव आया और पहली बार 28 जनवरी 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने चीतों को भारत लाने की अनुमति दी साथ ही कोर्ट ने देश में उनके रहने के लिए विशेष उपयुक्त वन क्षेत्र की खोजबीन के आदेश भी जारी किए। इसके बाद राष्ट्रीय उद्यानों पर विचार के लिए 95 वन्य प्राणि विशेषज्ञों ने प्रथ्वी के सबसे तेज जंगली जानवर की भारत में वापसी के लिए श्योपुर का कूनो नेशनल पार्क को इस प्राणि के लिए उपयुक्त मानते हुए उसका चुनाव किया।

75 करोड़ खर्च करेगी चीता प्रोजेक्ट पर मध्यप्रदेश सरकार –

बताया जाता है कूनो नेशनल पार्क में चीतों के आने के बाद इनके रखरखाव और सुरक्षा पर प्रदेश सरकार 5 साल में 75 करोड़ खर्च करेगी। वही इस अभ्यारण से राजस्थान के रणथंभोर अभ्यारण की दूरी केवल 100 किलोमीटर की है जहां 2019 में 4.31 हजार पर्यटक आए थे इससे साफ है चीतों का आगमन पर्यटकों के ज्यादा संख्या में आने का बड़ा कारण बनने के साथ नेशनल पार्क की चैन भी बनाएगा।

पालपुर कूनो में कोन से जंगली जानवर है –

श्योपुर का यह पालपुर कूनो अभ्यारण 750 किलोमीटर वर्ग क्षेत्र में फैला है जो ज्यादातर मैदानी जंगल और घने पेड़ पौधों से अटा पड़ा है जिसमें नदी नाले और पानी से भरी अनेक ताल तलैया भी है जबकि इसमें इस समय भारी तादाद में जंगली जानवर विचरण कर रहे है जिसमें तेंदुएं सियार लोमड़ी नीलगाय सांभर हिरण चित्तेदार हिरण, जंगली सूअर, चारसिंगा मृग और चिंकारा प्रमुख रूप से शामिल हैं।

वन्य जीव चीता विलुप्त होने की कगार पर –

पहले वन्य प्राणि चीता रूस भारत और पाकिस्तान के अलावा मध्य पूर्व में खासी तादाद में मिलते थे लेकिन अब नाम को चीते रह गए हैं जो दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया में और एशिया के ईरान में पठारी इलाके के जंगलों में 70 से 100 चीते देखे जाने की पुष्टि हुई है। लेकिन एशिया नस्ल के चीते के सिर और पैर छोटे आकार के और चमड़ी और रोएं मोटे होते है अफ्रीकी चीतों के मुकाबले इनकी गर्दन भी मोटी होती है और यह बड़े दायरे में रहना पसंद करते है।

रफ्तार में सिरमोर, दहाड़ता नही गुर्राता है –

मांसाहारी वन्य जीव चीता दौड़ में अन्य सभी प्राणियों से तेज दौड़ता है यह 95 किलोमीटर की रफ्तार रखता है और 7 मीटर यानि 23 फीट तक लंबी छल्लांग लगा सकता है और केवल 3 सेकेंड में यह अपनी रफ्तार पकड़ लेता है लेकिन सिर्फ 20 सेकंड तक ही यह गति बरकरार रखने की क्षमता रखता है। खास बात है बिल्ली प्रजाति का चीता सबसे बड़ा जानवर है जो शेर और बाघ की दहाड़ता नही है बल्कि गुर्राने के साथ फुफकारता है साथ ही रात के वक्त दिखाई देना मुश्किल होने से सुबह या दोपहर में शिकार करता हैं।

नर मादा चीता सहवास के समय साथ आते है, नर गुट बनाकर रहते है –

जंगली जीवों में चीता एक विशेष तरह का जानवर है मादा चीता केवल सहवास के समय ही नर के पास आती है और सहवास पूर्ण होने के बाद दोनों अलग अलग हो जाते हैं। जबकि नर चीते एक झुंड में रहते है और मिलकर शिकार करते हैं जिसमें एक मादा से उत्पन्न भाई भाई और छोटी वे के अन्य नर भी इस गुट में शामिल हो जाते है।

मादा चीता करती है कई चुनौतियों का सामना –

सहवास के बाद अकेला जीवन व्यतीत करती मादा चीता 9 तक की संख्या में शिशुओं को जन्म देती है इसके ऊपर उन्हे पालने के साथ बड़ी चुनौती उनकी सुरक्षा की होती है जबकि उसे एक दिन छोड़कर हर दूसरे दिन शिकार करना भी जरूरी हो जाता है जिससे वह खुद को चुस्त दुरूस्त रखने के साथ बच्चों का पालन पोषण कर सकती है। खास बात है इसके ज्यादातर 90 फीसदी बच्चें मर जाते है और केवल 5 से 10 फीसदी बच्चें ही जिंदा रह पाते है।

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मध्य प्रदेशश्योपुर

श्योपुर में बारिश और बाढ़ ने किया सब कुछ तहस नहस,9 की मौत 2 सैकड़ा गांव प्रभावित गुस्सा फूटने के बाद एसपी कलेक्टर सहित 4 अधिकारी बदले, पर क्या पटरी पर लौटेगी जिंदगी?

Army-helping in flood

श्योपुर – लगातार बारिश और बाढ़ ने श्योपुर की तस्वीर बदल दी है और 9 लोगों की मौत के साथ जन जीवन पूरी तरह तहत नहस हो गया है उसे पटरी पर लाने में अब काफी वक्त लगेगा वही इस आफत की बारिश होने से पहले कोई इंतजामात नही करने और बाद में व्यवस्थाएं छिन्न भिन्न हो जाने से जिले के प्रभावित 2 सौ गांव के सैकड़ों लोग बेघर हो गये उनकी बसी बसाई दुनिया उजड़ गई इतना ही नही उनका दानापानी बाढ़ की भेंट चढ़ गया सामान माल असबाब घर से गायब हो गया पालतू पशु पानी के रेले के साथ बह गये जो लोग अपना बसा बसाया घर इस अतिवृष्टि के हवाले करके गये बापस आने पर वे सबकुछ लुटा चुके थे। अब क्या सरकारी मदद उन्हें फिर से उसी रास्ते पर ला पायेगी ? यह यक्ष प्रश्न आज सामने खड़ा हैं।

मध्यप्रदेश के चंबल संभाग का श्योपुर जिला पिछले 10 -12 दिनों से लगातार जारी बारिश और बाढ़ का प्रकोप झेल रहा हैं राजस्थान से जुड़े इस जिले का अधिकांश हिस्सा गहन जंगली है जो वर्षा क्षेत्र होने के साथ तीन नदियों कूनो सीप और ऐली नदी सहित कई जंगली नालों से जुड़ा है वही पार्वती नदी भी जिले को छूती हुई आगे बढ़ जाती है लेकिन यहां केवल एक बड़ा आवदा बांध हैं जो काफी पुराना हैं। सूत्र बताते है पिछले दिनों इस बांध में अत्याधिक पानी आने और क्षतिग्रस्त हो जाने के डर से प्रशासन ने गुपचुप तरीके से एक हिस्से से पानी छोड़ दिया था इस बीच भीषण वर्षा भी जारी रही इन्ही कारणों से नदियों का जल स्तर एकाएक काफी बढ़ गया और उनमें उफान आने से जिले में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई। जिससे करीब जिले के 200 सौ गांव प्रभावित हुए तो 70 गांव बाढ़ से घिर गये बहरावदा सहित कई गांव टापू में तब्दील हो गये हैं और तुरंत सहायता मुहैया नही होने से उनकी जान पर बन आई जबकि इस प्राकृतिक प्रकोप के दौरान 9 लोगो की मौत हो गई जबकि हजारों लोग बेघर हो गये तो उनका माल असबाद खेती नष्ट हो गई तो पशुधन खत्म हो गया। जबकि 75 फीसदी शहरी क्षेत्र पानी पानी हो गया। लोगो के घर पानी से भर गए।

जहां तक श्योपुर जिले में बाढ़ और बारिश की बात करें अभी भी बुरी स्थिति है बारिश है कि रुकने का नाम नही ले रही लोग अभी भी भयभीत है और तबाही का मंजर साफ देखा जा सकता हैं। जैसा कि मौसम विभाग ने एक अगस्त को भीषण बारिश की चेतावनी जारी कर दी थी और 2 अगस्त से जारी वर्षा से सीप नदी कूनो नदी और पार्वती नदियां उफान पर आ गई और उन्होंने करीब 200 गांवों को अपनी गिरफ्त में ले लिया करीब
70 गांवों बाढ़ से बुरी तरह घिर गये उनका संपर्क भी टूट गया कच्चे पक्के अनेक घर जमीदोंज हो गये अधिकांश के पालतू एवं दुधारू पशु बाढ़ में बह गये या लापता है घर में जो अनाज रखा था वह बह गया बचाखुचा भींगने से सड़ने लगा है घर मे रखे कपड़े अन्य सामान बाढ़ में बह गया या ज्यादातर नष्ट हो गया जिससे उनकी स्थिति काफी खराब हो गई हैं। लोग जो कपड़े पहन कर घर से निकले थे एक सप्ताह बाद भी उन्हीं कपड़ों में हैं।

मौसम विभाग के अलर्ट के बावजूद प्रशासन नही चेता जबकि मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित जिलों की बैठक के दौरान श्योपुर जिले का जायजा भी लिया था और उन्होंने मदद के लिये केंद्र और गृहमंत्री से गुहार भी लगाई थी लेकिन जब वायु सेना के अधिकारियों ने पहल की तो कलेक्टर एडीएम ने स्थिति नियंत्रण में बताई जिससे बाढ़ प्रभावित इलाकों में वायुसेना और एनडीआरएफ की मदद तुरंत नही पहुंच पाई कलेक्टर और प्रशासन पर आरोप यह भी है कि अलर्ट के बाद उन्होंने नदियों के आसपास के ग्रामों में कोई मुनादी नही कराई बल्कि बाढ़ ग्रस्त इलाको में राहत और भोजन व्यवस्था भी नही की। जिससे स्थिति और ज्यादा बिगड़ गई।

ग्रामीण क्षेत्रों के साथ श्योपुर जिले के शहर भी पानी भरने से प्रभावित हो गये घर एक मंजिला तक पानी मे डूब गये बाढ़ के बाद कचरे के ढेर लग गये पानी निकालने और कचरा उठाने की व्यवस्था में नगर पालिका अधिकारी फेल रहे कुल मिलाकर इन्ही सब कारणों के चलते केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को लोगो के गुस्से का शिकार होना पड़ा।

प्रदेश सरकार ने श्योपुर में प्राकृतिक आपदा के दौरान लापरवाही बरतने पर जिला कलेक्टर राकेश श्रीवास्तव पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय एडी. कलेक्टर रूपेश उपाध्याय सीएमओ मिनी अग्रवाल और को हटा दिया है और ग्वालियर के निगम आयुक्त शिवम वर्मा को कलेक्टर एआईजी महिला अपराध अनुराग सुजानिया को एसपी पद पर नियुक्त किया हैं। लेकिन चर्चा है कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बाढ़ पीड़ित क्षेत्र के निरीक्षण के दौरान लोगों का प्रशासन के खिलाफ गुस्सा और उनका विरोध किये जाने की घटना के बाद सरकार ने यह बदलाव किया हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने मृतक परिवारों को 4 लाख की मदद बेघर हुए लोगों को जांच के बाद 1.20 लाख , पशुधन के लिये 30 हजार देने की घोषणा की है साथ ही प्रशासन को प्रभावित लोगों को भोजन और अन्य सहायता देने के निर्देश भी जारी किये हैं।

मध्यप्रदेश के ग्वालियर चंबल के सभी आठों जिले बाढ़ और बारिश से प्रभावित रहे यहां जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ एक तरफ इस अतिवृष्टि ने लोगों का जीना मुहाल किया अब बाढ़ की त्रासदी को झेलने के बाद उनकी चिंता है कि जीवन को आगे बढ़ाने के लिये क्या करना होगा।

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मध्य प्रदेशश्योपुर

श्योपुर में एटीएम पर शातिर बदमाशों का धावा, गैस कटर से काटी मशीन, 20 लाख की चोरी

ATM Thief

श्योपुर- मध्यप्रदेश के श्योपुर में बदमाशों ने गैस कटर से एटीएम तोड़कर करीब 20 लाख की रकम पार कर दी चोर काफी शातिर थे जो साथ में गैस कटर भी लेकर आये थे और एटीएम में घुसते ही पहले उन्होंने सीसीटीवी कैमरे को काले पेंट से ढक दिया जिससे उनकी शक्लें कैद ना हो पाये। पुलिस ने अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला कायम कर लिया और उनकी खोजबीन शुरू कर दी हैं।

श्योपुर शहर के बडौदा रोड स्थित नब्बन मार्केट में लगे एसबीआई बैंक के एटीएम को शुक्रवार को तड़के करीब 3 बजे बदमाशो ने निशाना बनाया, चोर काफी शातिर थे जिनकी संख्या चार थी जो गैस कटर साथ लेकर आये थे उसकी मदद से उंन्होने एटीएम मशीन को काटा और उसमें रखे 19. लाख 10 हजार रुपयों पर हाथ साफ कर चोरी की बड़ी वारदात को अंजाम दिया है, ख़ास बात रही कि अपनी पहचान छुपाने के लिये एटीएम में दाखिल होते ही उन्होंने पहले सीसीटीवी कैमरे पर ब्लैक स्प्रे डाल दिया और उसके बाद चोरी की वारदात को अंजाम दिया।

मामले की जानकारी मिलने के बाद एसपी संपत उपाध्याय सहित कई पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और एटीएम की पडताल शुरू करने के साथ घटना स्थल के आसपास दरियाफ्त की साथ ही क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले कुछ में बदमाशों की अष्पष्ट हरकतें कैद भी हुई लेकिन वे काफी धुंधली थी फुटेज साफ नही थे यह जरूर मालूम हुआ कि चोरी की वारदात करने वाले चार लोग थे।

पुलिस ने एटीएम से 20 लाख रूपये चोरी की मौके पर पहुंचकर पडताल शुरू कर दी है, एटीएम मशीन को काटने में जिस गैस कटर का इस्तेमाल किया था वह गैस कटर और सिलेंडर 500 मीटर दूर खेत में फैंक गये जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है खास बात है गैस कटर जहां पुलिस को मिला वह एटीएम से आधा किलोमीटर दूर खतौली रोड है औऱ यहां से राजस्थान की सीमा महज 20 किलोमीटर दूर है उससे पुलिस को संभावना लगती है कि चोर राजस्थान के खतौली की ओर भाग सकते है इस अनुमान के आधार पर उस तरफ के सीसीटीवी कैमरों की भी जांच करेगी। लेकिन उस तरफ कैमरे कम है और खेती का इलाका ज्यादा है।

एडी. एसपी पीएल कुर्वे ने बताया कि मामले में आसपास में पूछताछ के साथ ही पुलिस सभी एंगल से जांच कर रही है साथ ही पुलिस ने फिलहाल अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए विवेचना शुरू कर दी है। उंन्होने बताया पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पुलिस अधिकारी और एसएफएल की एक टीम भी गठित कर दी गई है जल्द वे पुलिस की गिरफ्त में होंगे।

पुलिस ने इस घटना के बाद एटीएम की दुकान के मालिक मंजूर खान को पूछताछ के लिये बुलाया जब पुलिस उनसे बात कर रही थी तो अचानक वे गिर कर बेहोश हो गये उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया लेकिन उन्हें बचाया नही जा सका डॉक्टरों ने उन्हें हार्ट अटैक आने से मृत घोषित कर दिया बताया जाता है हाल में उन्हें स्ट्रेन डाला गया था।

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मध्य प्रदेशश्योपुर

शादी के बाद ससुराल जा रही दुल्हन ने चंबल नदी में लगाई छलांग

  • शादी के बाद ससुराल जा रही दुल्हन ने चंबल नदी में लगाई छलांग

  • सोता रह गया दूल्हा चंबल नदी के पाली पुल की घटना

  • दुल्हन को तलाशने मेंं जुटी राजस्थान मध्यप्रदेश की पुलिस

श्योपुर – शादी के बाद विदा होकर ससुराल जा रही दुल्हन ने अचानक जीप से उतरकर चंबल नदी में छलांग दी। दुल्हन के साथ जीप में दूल्हा भी सवार था। मगर दूल्हे की जब तक नींद खुली,जब तक दुल्हन नदी में कूद गई। यह घटना रविवार की सुबह ,तड़के राजस्थान और मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित चंबल नदी के पाली पुल की है।

घटना की जानकारी मिलने पर राजस्थान की खंडार थाना पुलिस और मध्यप्रदेश की सामरसा चौकी पुलिस ने नाव के जरिए दुल्हन की चंबल नदी में तलाश शुरू कर दी है। लेकिन दुल्हन का पता नहीं चला है। घटना स्थल राजस्थान सीमा में है। इसलिए खंडार थाना पुलिस इसकी जांच कर रही है।

दांतरदा क्षेत्र के ग्राम साडा का पाड़ा निवासी दीपक माली की बारात शनिवार को राजस्थान के खंडार थाना क्षेत्र के गांव अल्लापुर-बहरांवड़ा गई थी। जहां उसकी शादी अल्लापुर निवासी अंजू माली के साथ हुई। शादी होने के बाद रविवार सुबह वधू पक्ष के लोगो ने दूल्हा-दुल्हन सहित बारात को विदा कर दिया।

विदा होकर दूल्हा-दुल्हन जिस जीप में सवार होकर आ रहे थे उसमें दूल्हा के साथ उंसके माता पिता भी सवार थे,जो रातभर जागने के कारण सो रहे थे। जीप के पाली पुल पर चढऩे के बाद दुल्हन ने ड्रायवर से कहा कि गाड़ी रोको,मुझे उल्टी आ रही है। पहले तो ड्रायवर ने इस बात को अनसुना कर दिया।मगर दुल्हन ने फिर से जोर देकर गाड़ी रोकने की कहा तो उसने गाड़ी रोक दी। इसके बाद दुल्हन ने गाड़ी से नीचे उतरकर पुल की रैलिंग से चंबल नदी में छलांग लगा दी।

दुल्हन को नदी में कूदने के लिए रैलिंग पर चढ़ता देखकर घबराए ड्रायवर ने जीप में सो रहे दूल्हे को तत्काल जगा दिया। इसके बाद दूल्हा भी जीप से उतरकर दुल्हन को बचाने के लिए दौड़ पड़ा। मगर तब तक दुल्हन ने नदी में छलांग लगा दी थी।

बारात में शामिल लोगो की माने तो शनिवार की रात को दोनो की शादी हंसी-खुशी के माहौल में हुई। शादी के मंडप में बैठने से पहले दूल्हा-दुल्हन ने एक साथ डांस भी किया। ऐसे में शादी के बाद दुल्हन द्वारा उठाए कदम से सभी लोग हैरत में पड़ गए। यहां बता दें कि अंजू के पिता जयपुर में गार्ड की नौकरी करते है। अंजू का ज्यादातर समय जयपुर में ही बीता है। तीन माह पहले ही उसकी दीपक के साथ उसकी शादी तय हुई थी।

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श्योपुर

श्योपुर के गसवानी गांव में स्वास्थ्य और पुलिस टीम पर पथराव

Sheopur Police Team
  • श्योपुर के गसवानी गांव में स्वास्थ्य और पुलिस टीम पर पथराव

  • डॉक्टरऔर ईएसआर घायल

  • एक परिवार के चार लोग गिरफ्तार

श्योपुर– मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले गसवानी गॉव में इंदौर से आकर छुपे युवक की जांच करने पंहुची स्वास्थ्य विभाग की टीम पर आज उंसके परिजनों ने एकाएक हमला बोल दिया जिसमें एक डॉक्टर और एक पुलिस एएसआई घायल हो गये।

पुलिस ने फिलहाल मामला कायम कर लिया और रासुका की कार्यवाही भी करने जा रही हैं और उस युवक सहित उंसके परिजनों को गिरफ्तार कर लिया है बताया जाता है मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने घायल एएसआई और डॉक्टर से फोन पर बात कर उनकी हौसला अफजाई भी की हैं।

बताया जाता हैं गोपाल शिवहरे नामक युवक गत रोज इंदौर से अपने घर विजयपुर के गसवानी गॉव आया था। जिसकी खबर श्योपुर जिला स्वास्थ्य विभाग को लगी तो आज स्वास्थ्य विभाग का अमला उसकी जांच और स्क्रीनिग करने गसवानी गॉव आया जब टीम ने उस युवक के घर पहुँच कर उसे जांच औऱ स्क्रीनिंग के लिये बुलाने को कहा तो घरवालो ने उसे नही बुलाया ।

बल्कि टीम से विवाद करने लगे और बात बढ़ने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पुलिस को बुला लिया लेकिन घरवाले नही माने उल्टा उन्होंने टीम पर पथराव कर दिया जिससे डॉक्टर पवन उपाध्याय और पुलिस एएसआई श्रीराम अवस्थी पत्थर सिर पर लगने से घायल हो गए ।

बाद में अन्य पुलिस बल और अधिकारी पहुंचे और युवक गोपाल उसका भाई आशीष मातापिता गंगाराम और राधाबाई को गिरफ्तार कर लिया और उनके खिलाफ़ शासकीय कार्य मे बाधा मारपीट पुलिस और प्रशासन पर हमला करने के आरोप में आपदा एवं महामारी अधिनियम के तहत मामला पंजीवद्ध कर लिया ।

अब पुलिस इनपर रासुका का मामला कायम करने की भी तैयारी कर रही हैं साथ ही घायल अधिकारियो को इलाज के लिये अस्पताल भेजा गया । घटना के बाद एसडीम एसडीओपी तहसीलदार गसवानी गॉव पहुंचे और पूरे क्षेत्र में फ्लैगमार्च निकाला।

इस घटना की खबर मिलने पर प्रदेश के स्वास्थ्य एवं गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने घायल डॉक्टर पवन उपाध्याय और एएसआई श्रीराम अवस्थी से फोन पर बातचीत की और उनके कार्य की तारीफ करते हुए कहा कि इस वैश्विक महामारी में आप यू ही लगे रहे हमें इस कोरोना पर जीत हासिल करना है आपके साथ पूरी सरकार खड़ी हैं यदि आगे कोई परेशानी आये तो आप आधी रात को भी मुझसे मोबाइल पर सम्पर्क कर सकते हैं।

इधर रायसेन में भी स्वास्थ्य विभाग की टीम को एक गॉव में ग्रामीणों ने घुसने नही दिया ऐसी खबर मिली हैं ग्रामीणों के विरोध के चलते स्वास्थ्य टीम को बेरंग बापस लौटना पड़ा।

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