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कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत, मादा चीता धात्री का जंगल में मिला शव, अभी तक 3 शावक सहित 9 चीतों की मौत

Cheetah Died

श्योपुर/ मध्यप्रदेश के पालपुर कूनो नेशनल पार्क से आज फिर एक और दुखद खबर आई है नामीबिया से लाई गई मादा चीता धात्री की मौत हो गई आज सुबह उसका शव फॉरेस्ट टीम को जंगल में मिला है इस तरह 26 मार्च से अभी तक तीन शावकों सहित 9 चीतों ने दम तोड दिया है। जिससे इस चीता प्रॉजेक्ट को काफी आघात लगा है सीसीएफ असीम श्रीवास्तव ने इसकी पुष्टि की हैं।

पहले नामीबिया से 8 चीते लाए गए थे जिन्हें पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने जन्म दिवस पर 17 सितंबर 2022 को कूनो अभ्यारण में रिलीज किया था उसके बाद दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते और आए थे इस तरह कूणो अभ्यारण में कुल 20 चीते आ गए थे।

सबसे पहले 26 मार्च 2023 को 4 साल की साशा नामकी मादा चीता ने दम तोड़ा था बताया जाता है वह जब वह लाई गई थी इससे पहले से ही वह किडनी में इन्फेक्शन से पीड़ित थी किडनी फेल होना उसकी मौत का कारण बना। अब चीतों की संख्या 19 रह गई लेकिन उसके बाद अभ्यारण में बड़ी खुशखबरी आई मादा ज्वाला ने 4 शावकों को जन्म दिया और अब अभ्यारण में यह संख्या 23 पर जा पहुंची। लेकिन 23 अप्रैल को उदय नामक नर चीते की हार्ट अटैक से मौत हो गई तब एमपी के चीफ वाईल्ड वार्डन ने बताया शॉर्ट पीएम में पता चला कि धमनियों में रक्त प्रवाह रुकने से एक तरह के दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हुई थी। 9 मई को मादा दक्षा के बाड़े में मेटिंग के लिए एक नर चीते को छोड़ा गया था लेकिन आपसी हिंसक इंटरेक्शन के दौरान मेल ने पंजों से दक्षा को घायल कर दिया बाद में उसकी मौत हो गई इस तरह अब 21 चीते रह गए। उसके बाद तेज गर्मी और लू से हुए डिहाइड्रेशन के कारण 23 मई को पहले ज्वाला के एक शावक की मौत हुई उसके बाद 25 मई को दो और शावकों की मौत हो गई, इस तरह अब 1 शावक और 17 वयस्क चीते बच गए थे। लेकिन यह सिलसिला थमा नहीं और 11 जुलाई को तेजस नामक नर चीता नही रहा उसकी गर्दन पर घाव से लगा कि आपसी लड़ाई में उसकी जान चली गई उसके बाद 3 दिन बाद अफ्रीका से आए मेल सूरज ने भी दम तोड दिया उसका शव 14 जुलाई की सुबह फॉरेस्ट टीम को मिला जो गंभीर घायल था बताया जाता है कि सूरज की तेजस से हिंसक झड़प हुई थी जिसमें दोनों ही बुरी तरह से घायल हुए थे। तीन दिन में दो चीतों की मौत के बाद कूनो में अब एक शावक सहित 16 चीते बचे थे।

कूनो सेंचुरी में चीतों पर नजर रखने वाली टीम को मादा चीता की दो दिन से लोकेशन नही मिल रही थी लेकिन आज सुबह वन विभाग की टीम को नामीबिया से लाई गई मादा चीता धात्री (टिबलिस) का शव जंगल में मिला ,जिसके शव को फॉरेस्ट अधिकारियों ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जिससे उसकी मौत की सही जानकारी प्राप्त हो सकेगी ।इस तरह अभी तक 3 शावकों और 6 वयस्क यानि 9 चीतों की मौत हो चुकी है और अब एक शावक और 14 वयस्क चीतों सहित कूनो नेशनल पार्क में कुल 15 चीते बचे हैं।

जैसा कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने लगातार हो रही चीतों की मौत पर चिंता जताई थी कोर्ट ने 20 जुलाई को केंद्र सरकार से कहा था कि राजनीति से परे उठकर इन बचे हुए चीतों को राजस्थान शिफ्ट करने पर विचार करना चाहिए क्यों नहीं आप राजस्थान में कोई उनके अनुकूल जगह नहीं ढूंढते? सिर्फ इसलिए कि राजस्थान में विपक्षी पार्टी (कांग्रेस) की सरकार है इसका मतलब यह नहीं कि आप इस प्रस्ताव पर विचार ही ना करें, उच्चतम अदालत ने यह भी कहा था कि नामीबिया और अफ्रीका से लाएं गए 40 फीसदी चीतों की मौत हो चुकी है जबकि इन्हे भारत में लाएं एक साल भी पूरा नहीं हुआ मौतों का यह आंकड़ा ठीक नहीं है। जबकि एक दिन पहले ही एटीसी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देते हुए कहा कि कूनो नेशनल पार्क से चीतों को शिफ्ट नहीं किया जायेगा।

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कूनो सेंचुरी में अब सूरज की मौत, अभी तक 3 शावको सहित 8 चीतों की हो चुकी है मौत, कूनो से चीते शिफ्ट नहीं होंगे कहा केंद्रीय मंत्री यादव ने

Cheetah - Panther

श्योपुर/ पालपुर कूनो नेशनल पार्क में बसाएं गए चीतों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा तीन चार दिन पहले ही एक चीते की मौत हुई थी अब शुक्रवार को एक और चीते सूरज की मौत हो गई। फिलहाल उसकी मौत का सही कारण सामने नही आया है लेकिन करोड़ों की राशि खर्च होने के बाद भी अभ्यारण प्रशासन और विशेषज्ञ इन चीतों को सुरक्षित रखने में पूरी तरह से नाकामयाब रहे हैं क्योंकि अभी तक तीन शासकों सहित 8 चीतों की मौत हो चुकी है।

कूनो राष्ट्रीय पार्क में पहली बार खुले जंगल में छोड़े गए नर चीते सूरज की मौत हो गई पालपुर के जंगल की मसावनी फॉरेस्ट बीट में यह मृत हालत में मिला है उसकी गर्दन और पीठ पर चोट के निशान मिले है इससे पहले जिन चार चीतों की मौत हुई वे सभी बाड़े में रह रहे थे, कूनो प्रशासन ने बताया कि शुक्रवार की सुबह तड़के जब निगरानी दल सर्चिंग कर रहा था तो यह चीता सुस्त अवस्था में दिखा और उसके गले पर मक्खियां भिनभिना रही थी पास जाने पर यह तेजी से जंगल में समा गया। कूनो प्रशासन ने बताया घायल होने की खबर मिलने पर फॉरेस्ट के साथ डॉक्टरों की टीम ने चीते को जंगल में खोजने के प्रयास किए और जीपीएस लोकेशन से ट्रेस कर जब उसके नजदीक पहुंचे तो वह मृत हालत में मिला।

इधर पीसीसीएफ वन्यजीव जेएस चौहान का कहना है जख्म के निशान होना शिकार के दौरान दूसरे जानवर से आपसी संघर्ष या हिंसक झड़प भी हो सकता है। लेकिन इसकी सच्चाई पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने पर ही सामने आयेगी।

दक्षिण अफ्रीका से 12 और नामीबिया से 8 चीते लाए गए थे जबकि एक मादा मां बनी उसने 4 शावकों को जन्म दिया, लेकिन इस सूरज नामक चीते को मिलाकर अभी तक 5 वयस्क चीतों और 3 नवजात शावकों सहित 8 चीतों की मौत हो चुकी हैं। जिसमें दक्षिण अफ्रीका के 3 नर और एक मादा और नामीबिया से आई एक मादा चीता शामिल है। इधर चीता स्टेयरिंग कमेटी के चेयरमैन डॉक्टर राजेश गोपाल का कहना है कि नामीबिया से आए चीतों ने अपने नए आवास को पूरी तरह एडॉप्ट कर लिया है जबकि दक्षिण अफ्रीका से आए चीते अभी इस प्रक्रिया से गुजर रहे हैं करीब डेढ़ से दो साल के बाद ही यह चीते पूरी तरह यहां के माहोल के अनुसार ढल जाएंगे।

लेकिन स्थानीय सूत्रों से जो जानकारी भी मिली है वह चोकाने वाली है आज कूनो प्रशासन मरने वाला चीता सूरज को दौड़ लगाकर जंगल में जाने की बात कह रहा है लेकिन चर्चा यह भी है कि पिछले दिनों भैंसो से भिड़ंत के बाद यह चीता घायल हो गया था उस समय इनपर नजर रखने वाली टीम ने भैंसो को भगा दिया था लेकिन सूरज के इलाज और कोई ध्यान नहीं दिया पिछले तीन चार दिन से इसकी लोकेशन एक ही जगह मिली तब इसकी खोजबीन की तो यह मृत हालत में मिला। लेकिन इस पर कूनो प्रशासन का कोई अधिकारी कुछ कहने से कन्नी काट रहे है।

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कूनो अभ्यारण में चीतों की मौत पर कहा इंटानेशनल विशेषज्ञ जांच करेंगे कि मौत क्यों हो रही है जबकि उन्होंने कहा चीतों को माहौल में ढलने में समय तो लगेगा आप एक साल दे वही उन्होंने यह भी कहा श्योपुर की कूनो सेंचुरी से चीते कही शिफ्ट नहीं किए जाएंगे।

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सिंचाई विभाग के एसडीओ हनी ट्रैप के शिकार, 10 लाख ऐंठे, रिपोर्ट करने पर रेप का केस लगाया

Honeytrap

ग्वालियर, श्योपुर / मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में सिंचाई विभाग के एसडीओ हनी ट्रैप के शिकार हो गए आरोपी महिला ने उनसे बदनाम करने की धमकी देकर करीब 10 लाख की बड़ी रकम ऐठ ली। लेकिन जब उन्होंने इसकी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई तो उक्त महिला से जुड़ी एक नावालिग लड़की ने एसडीओ पर उल्टा रेप का केस कायम करवा दिया है।

श्योपुर में जल संसाधन विभाग में एसडीओ के पद पर पदस्थ श्रीधर लाल अटेरिया ने पड़ाव थाना पुलिस को बताया कि करीब 3 महिने पहले एक अंजान फोन कॉल उनके मोबाइल पर आई थी दूसरी तरफ से कोई महिला बोल रही थी बाद में उसने अपना नाम सुमन वर्मा बताया, उसके बाद उसके लगातार फोन आने लगे और उनकी आपस में सामान्य तरीके से बात होने लगी कुछ दिन बाद धीरे धीरे वह महिला उनसे खुल गई और अश्लील बातें भी करने लगी वह भी उसका जबाब देते रहे बाद में बाईटस एप पर वीडियो कॉलिंग से भी बात होने लगी इस दौरान उसने उनके कुछ वीडियो बना लिए जिन्हे दिखाकर एक दिन उसने उन्हे बदनाम करने की धमकी दी और कहा यदि नही चाहते तो उसे 10 लाख रुपए दे दो वह उन्हें नष्ट कर देगी एसडीओ के मुतास्बिक वह डर गए और बदनामी के डर से उन्होंने इसके बताए मुताबिक ग्वालियर में मिलकर पैसे देने की बात मान ली।

एसडीओ ने पुलिस को की शिकायत में बताया कि ग्वालियर में पड़ाव के पास वह होटल रॉयल विलास में रुके बाद में वह सविता वर्मा नाम की वह महिला अपने एक साथी अभिदेव और एक अन्य लड़की के साथ को होटल आई और उन्होंने उसे अपने कमरे में 5 लाख रूपए दिए लेकिन वह 10 लाख देने पर अड़ी रही तब परेशान होकर उन्होंने उसे इंतजाम कर 4 लाख रूपए और दिए उसके बाद इस महिला ने उन्हें लिखकर दिया कि वह उन्हें अब ब्लैकमेल नही करेगी उसके बाद वह बापस श्योपुर आ गए लेकिन यहां आने के बाद सुबह इस महिला सविता का फिर फोन आया और वह उनसे और पैसे मांगने लगी तब उन्हें लगा कि यह तो उसे इस तरह हमेशा ब्लेकमेल करती रहेगी।

तब उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का फैसला लिया। पड़ाव थाना पुलिस ने बीते दिन रात 12 बजे करीब एसडीओ की शिकायत पर महिला और उसके दूसरे साथियों के खिलाफ हनी ट्रैप का अपराधिक मामला दर्ज कर लिया।

लेकिन उसी रात 2 बजे सविता वर्मा के साथ जो 17 साल की नाबालिग लड़की थी वह पड़ाव थाने पहुंची और उसने एसडीओ श्रीधर लाल अटेरिया के खिलाफ बलात्कार का प्रकरण दर्ज करवा दिया उसने आरोप लगाया कि मैं होटल के कमरा नंबर 105 में ठहरी थी और एसडीओ 104 में थे सविता और अन्य युवक खाना खाने चले गए तो मुझे एसडीओ ने अपने कमरे में बुलाया और मेरे साथ जबरदस्ती दुष्कर्म कर डाला।

सीएसपी ने मीडिया को बताया कि एसडीओ ने महिला सविता और उसके साथियों पर हनी ट्रैप का मामला दर्ज करवाया वही उनके खिलाफ एक नाबालिग ने रेप का केस दर्ज करवाया है अब पुलिस दोनों मामलों में अलग अलग जांच कर रही हैं प्रथम दृष्ट्या लगता है एसडीओ ने जब एफआईआर दर्ज करवाई तो पता चलने पर आरोपी पक्ष ने खुद के बचाव के लिए एसडीओ पर बलात्कार का प्रकरण दर्ज करवाया लेकिन यह जांच के बाद ही पूरे मामले का खुलासा होगा फिलहाल यह अंदेशा ही हैं।

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तीन दिन में तीन चीता शावकों की मौत, आज फिर दो शावक नहीं रहे, एक शावक सहित अब 18 चीते शेष

Cheetah baby

श्योपुर/ एमपी के श्योपुर स्थित पालपुर कूनो पार्क में आज दो और शावकों की मौत हो गई मादा चीता ज्वाला ने मार्च के अंतिम सप्ताह में चार शावकों को जन्म दिया था इसके एक बच्चे की पहले मौत हो गई थी इस तरह आज दो और शावकों की मौत से तीन दिन में तीन शावक नही रहे। जिससे चीतों पर निगरानी रखने वाली मॉनिटरिंग टीम के साथ साथ क्या श्योपुर सेंचुरी चीतों की बसाहट के माफिक नही है इस पर भी सबाल उठ रहे हैं।

कूनो अभ्यारण में नामीबिया से आई मादा चीता ज्वाला ने 27 मार्च को 4 शावकों को जन्म दिया था जिससे सेंचुरी में खुशी का माहौल देखा गया था लेकिन मंगलवार को उसमें से एक शावक की मौत हो गई थी सेचुरी के प्रमुख वन संरक्षक जेएस चौहान ने इस शावक की मौत का कारण कमजोरी बताया था। लेकिन आज फिर बचे तीन बच्चों में से दो की मौत हो गई जिनकी मौत कारण कुपोषण और कमजोर स्वास्थ्य बताया गया है।

जैसा कि 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से आए 8 चीतों को पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने जन्म दिन के मौके पर पालपुर कूनो अभ्यारण में रिलीज किया था इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से आए 12 चीते और कूनो अभ्यारण में छोड़े गए थे लेकिन इन चार शावकों के जन्म से दो दिन पहले साशा नाम की मादा चीता किडनी इन्फेक्शन से मर गई उसे बाद उदय नामक नर और दक्षा नाम की मादा चीता भी चल बसी इस तरह पालपुर कूनो अभ्यारण में तीन शावकों सहित 20 चीते रह गए थे लेकिन आज मादा ज्वाला के दो शावकों की मौत के बाद पालपुर कूनो अभ्यारण में एक शावक सहित 18 चीते रह गए हैं।

इन चीतों पर नजर रखे वाली विशेष टीम ने बताया कि यह तीनों शावक जन्म से ही कमजोर थे अब उनमें कुपोषण के लक्षण भी आ गए थे जो संभवत उनकी मौत का कारण बना लेकिन इस सबके बावजूद सबाल उठते है कि जब फॉरेस्ट की विशेषज्ञ टीम को इसकी जानकारी थी फिर उन्होंने उसकी सेहत में सुधार के प्रयास क्यों नहीं किए यदि समय रहते उसे इलाज मिलता तो वह स्वस्थ्य और सेहतमंद भी हो सकते थे और इस तरह उनकी मौत नही होती यह सबाल इसलिए भी उठ रहे है क्योंकि उन्होंने उसके क्या प्रयास किए इसकी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई।

इधर दक्षिण अफ्रीका के वन्य जीव विशेषज्ञ विसेन वान डेर का कहना है कि चीतों के बच्चे काफी सेंसटिव होते है उनके बच्चें जन्म से ही काफी दुबले और कमजोर होते है इनमें से जो बच्चा अपनी मां का दूध भूख के हिसाब से पूरा पीता है वह सेहतमंद और स्वस्थ्य रहता है लेकिन जो बच्चें दूध कम या सही तौर पर नही पी पाते वह कमजोर और कुपोषित हो जाते है जिससे उनकी मौत तक हो सकती है इस जीव की प्रकृति के हिसाब से बड़ी वजह है कि मादा चीता अधिकांशता ज्यादा बच्चे जन्मती है और उनमें ताकतवर ही सरवाईव कर पाते हैं।

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पालपुर कूनो में एक चीते के शावक की मौत, शावक सहित चार चीतों की अभी तक हुई मौत

Cheetah baby

श्योपुर/ पालपुर कूनो अभ्यारण में एक शावक चीते की मौत हो गई इससे पहले तीन वयस्क चीतों की मौत हो चुकी है इस तरह शावक सहित चार चीतों की मौत से सेंचुरी में इन चीतों की देखरेख करने वाली टीम की कार्यविधि सबालो के घेरे में आ गई हैं।

मादा चीता ज्वाला ने 27 मार्च को 4 शावकों को जन्म दिया था उसमें से एक शावक की मौत हो गई है वन महकमे के प्रमुख वन संरक्षक जेएस चौहान ने शावक की मौत की पुष्टि की है उन्होंने बताया कि चार में से एक शावक जन्म से ही कमजोर था आज इनपर निगरानी रखने वाली टीम ने देखा कि वह अपना सिर उठाने की कोशिश कर रहा था यह देखकर टीम के कर्मचारी उसे अस्पताल ले गए लेकिन कुछ समय बाद ही उसने दम तोड़ दिया। फिलहाल इसकी मौत के कारणों का पता नही चला हैं।

जैसा कि 17 सितंबर को नामीबिया से आए 8 चीतों को पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने जन्म दिन के मौके पर पालपुर कूनो अभ्यारण में रिलीज किया था इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से आए 12 चीते और कूनो अभ्यारण में छोड़े गए थे लेकिन इन चार शावकों के जन्म से दो दिन पहले साशा नाम की मादा चीता किडनी इन्फेक्शन से मर गई उसे बाद उदय नामक नर और दक्षा नाम की मादा चीता चल बसी इस तरह अब पालपुर कूनो अभ्यारण में तीन शावकों सहित 20 चीते रह गए है।

प्रमुख वन संरक्षक ने इस शावक की मौत का कारण कमजोरी बताया है साथ ही उनका कहना यह भी है कि वह जन्म से ही कमजोर था सबाल उठते है कि जब फॉरेस्ट टीम को इसकी जानकारी थी फिर उन्होंने उसकी सेहत में सुधार के प्रयास क्यों नहीं किए यदि समय रहते उसे इलाज मिलता तो वह स्वस्थ्य हो जाता और कमजोरी के कारण उसकी मौत नही होती।

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मध्यप्रदेश के कूनो अभ्यारण में तीसरी मौत, हिंसक झड़प में मादा चीता दक्षा की जान गई

Cheetah Died

श्योपुर, ग्वालियर / मप्र के पालपुर कूनो अभ्यारण में अब एक और मादा चीता दक्षा की मौत की खबर है इस तरह इस इस सेंचुरी में अभी तक तीन अफ्रीकन चीतों की मौत हो गई हैं कूनो अभ्यारण की टीम के द्वारा जारी पत्र के मुताबिक दक्षा नामक मादा की मौत का कारण मेटिंग के दौरान नर चीतों से उसकी हिंसक झड़प बताई गई है।

पालपुर कूनो सेंचुरी में इन चीतों की देखरेख के लिए बनाई गई टीम ने 30 अप्रेल 2023 को हुई मीटिंग में निर्णय लिया था कि चीतों की वंशवृद्धि के लिए दक्षा नामक अफ्रीकन मादा को नर चीतों के साथ मिलान करने के लिए छोड़ा जायेगा। जिसके तहत 1 मई 2023 को नर चीतों कोयालिशन अग्नि और वायु के बाड़े क्रमाक 7 और मादा चीता दक्षा के बाड़ा क्रमांक 1 के बीच के दरवाजे को खोला गया था।
लेकिन आज दक्षा को उसके बाड़े में गंभीर रूप से घायल स्थिति में फॉरेस्ट टीम ने पाया यह देखकर फोरेस्ट विभाग में हड़कंप मच उसके शरीर पर काफी गहरे जख्म पाएं गए जिससे उसकी हालत गिरती गई और कुछ समय बाद उसने प्राण त्याग दिए।

कूनो अभ्यारण में इन चीतों पर निगरानी रखने वाली चिकित्सक टीम और विशेषज्ञों के मुताबिक मादा चीता दक्षा के शरीर पर पाएं गए घांव प्रथम दृष्ट्या मेल से इंटरेक्शन संभवत मेटिंग के समय के है कभी कभी मेल चीतों का फीमेल चीतों के साथ हिंसक व्यवहार हो जाता है और ऐसी स्थिति में निगरानी टीम की हस्तक्षेप की संभावना ना के बराबर हो जाती है। अब मौत के बाद दीक्षा का चिकित्सक दल द्वारा पोस्टमार्टम किया जा रहा है।

पिछले डेढ़ से दो माह में यह तीसरे चीते की मौत का मामला सामने आया है सबसे पहले नामीबिया से आई फीमेल साशा की मौत हुई थी बताया गया उसकी किडनी फेल होने से मौत हो गई थी उसे बाद उदय नामक नर चीता चल बसा पूर्व में उसकी मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया गया था अभी उसकी रिपोर्ट नही आई लेकिन गत दिनों चिकित्सा विशेषज्ञों ने बताया था कि संभवत उसकी मौत का कारण भी किडनी में इन्फेशन हो सकता हैं।

अब फीमेल दक्षा की अचानक मौत हो गई यह किसी बीमारी से तो नहीं मरी इसकी मौत का कारण हिंसक झड़प बताया जा रहा हैं जो संभवत सही भी हो सकता है। लेकिन ग्वालियर में पिछले दिनों फॉरेस्ट अधिकारी और वन विशेषज्ञों की हुई हाई लेबल मीटिंग में भी बताया जाता है कूनो अभ्यारण के वातावरण को लेकर गहन विचार हुआ था खासकर चीता प्रजाति को इसमें मुफीद रखने और उसको सुरक्षित वातावरण देने पर भी चर्चा हुई ऐसी सूत्रों से खबर बाहर आई थी लेकिन चीतों की ज्यादा संख्या के कारण इस अभ्यारण क्षेत्र का दायरा कम पड़ रहा हैं और इनमें से कुछ चीतों को शिफ्ट किया जाना उचित है इस पर भी बातचीत हुई थी।

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पालपुर कूनो में एक और चीते की मौत, साशा के बाद अब उदय चल बसा

Cheetah - Panther

श्योपुर/ मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित पालपुर कूनो अभ्यारण में रविवार को उदय नाम के चीते की मौत हो गई एक दिन पहले वह पूरी तरह से ठीक ठाक नजर आ रहा यह चीता कल सुस्त हो गया था इलाज के दौरान रविवार को उसने दम तोड दिया, मध्यप्रदेश के मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान ने इसकी मौत की पुष्टि की है खास बात है इससे पहले नामीबिया से आये साशा नामक चीते की मौत हो चुकी हैं। आशंका है कि किसी जहरीले कीड़े के काटने से उदय की मौत हुई है, लेकिन पोस्टमार्टम के बाद असल वजह सामने आयेगी।

हाल में उदय नामक चीते को छोटे बाड़े से बड़े बाड़े में शिफ्ट किया गया था शनिवार को चीतों पर नजर रखने वाली वन विभाग की टीम को वह पूरी तरह स्वस्थ्य नजर आया था। लेकिन रविवार की सुबह अफ्रीका से लाया गया उदय नामक यह चीता बाड़े में सुस्त हालत में दिखा था, जब टीम के लोग उसके पास गए तो वह उठा और लड़खड़ाता हुआ आगे चलने लगा गंभीर स्थिति देखकर मेडिकल टीम ने उसे अपनी निगरानी में लिया, और उसको ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति मांगी उसके बाद चीते का इलाज शुरू किया गया, लेकिन इलाज के दौरान शाम 4 बजे उसकी मौत हो गई। शंका है कि एक दिन पहले स्वस्थ्य इस चीते को किसी जहरीले कीड़े ने काट लिया, जिससे एकाएक उसकी हालत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई। सोमवार को मृत चीते का पोस्टमार्टम किया जायेगा उसके बाद ही मौत का सही कारण मालूम पड़ेगा।

जैसा कि नामीबिया से पहले 8 चीते आएं थे उसके बाद अफ्रीका से 12 चीते पालपुर कूनो में आए थे. जिसमें से साशा की पिछले दिनों किडनी में संक्रमण हो जाने के कारण मौत हो गई थी, बताया जाता है साशा अफ्रीका में भी बीमार पड़ी थी, और इलाज के दौरान उसकी सर्जरी भी हुई थी। अब उदय नामक चीते की मृत्यु हो गई है पिछले दिनों मादा चीता सियाया ने 4 बच्चो को जन्म भी दिया था अब इन नन्हें शावकों सहित पालपुर कूनो सेंचुरी में 22 चीते रह गए है जिसमें 18 वयस्क जिसमें 9 नर 9 मादा चीते है इसके अलावा 4 बच्चे है जो पूरी तरह स्वस्थ है अपनी मां के साथ रह रहे है।

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मप्र के श्योपुर में बीएससी के छात्र ने मुंह में सुतली बम फोड़ा, दर्दनाक मौत बड़े कॉलेज में पड़ना चाहता था मृतक

Boy Suicide

श्योपुर/ मध्यप्रदेश के श्योपुर में कॉलेज के एक छात्र ने मुंह में सुतली बम फोड़कर आत्महत्या कर ली बताया जाता है पढ़ाई में तेज यह छात्र आगे बड़े शहर के अच्छे कॉलेज में पढ़ना चाहता था लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी पिछले दिनों से वह गुमसुम रहने लगा था जिसके चलते उसने खुदकुशी कर ली।

घटना आज रविवार को सुबह की है श्योपुर शहर में रहने वाले खेमराज प्रजापति का 24 साल का बेटा ब्रजेश उर्फ गोलू बीएससी फायनल ईयर का स्टूडेंट था आज सुबह जब सब परिजन घर में थे तभी टायलेट से तेज धमाके की आवाज आई सुनकर सभी पहले चौके और टायलेट की तरफ दौड़े तो देखा कि उसका अंदर से दरवाजा बंद है किसी तरह दरवाजा तोड़कर जब अंदर देखा तो ब्रजेश नीचे गिरा पड़ा था उसका पूरा मुंह बुरी तरह से फट गया था और नीचे खून बिखरा पड़ा था यह देखकर घरवाले उसे उठाकर तुरंत अस्पताल लेकर भागे लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया बाद में पहुंची पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पीएम के लिए भेजा और मामला जांच में ले लिया है।

ब्रजेश के चाचा राम अवतार प्रजापति ने बताया कि गोलू पढाई में काफी तेज था और मैथ साइंस सब्जेक्ट से बीएससी कर रहा था और फायनल ईयर में था उसने हाईस्कूल में जिले में टॉप किया था और हायर सेकेंड्री में भी अच्छे नंबर से पास हुआ था।

जबकि उसके बड़े भाई हृदेश ने बताया कि मेने एमएससी किया है हमारा परिवार की आर्थिक हालत कमजोर है मेरे को नोकरी नहीं मिली है मैं और ब्रजेश दोनों पिताजी जो मिट्टी के बर्तन और घड़े बगेरा बनाते है उनकी मदद करते है जिससे परिवार का किसी तरह से गुजारा होता हैं।

पड़ोसियों के मुताबिक ब्रजेश उर्फ गोलू दो तीन साल पहले ठीक ठाक था लेकिन कुछ समय से उदास और अपने में गुमसुम रहने लगा था और कुछ सोचता रहता था कहता था कि वह बड़े शहर के कॉलेज में दाखिला लेकर आगे की पढ़ाई करना चाहता है लेकिन उसके परिवार की आर्थिक तंगी इसकी इजाजत नहीं देती थी इसी के चलते वह कुछ अनमना रहने लगा और ज्यादा किसी से बोलता चालता भी नहीं था। समझा जाता है इसी के चलते उसने खुदकुशी का यह दर्दनाक फैसला लिया।

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फिर रिहाइशी इलाके में पहुंचा चीता ओवान, दो गांव के बीच क्वारी नदी में पानी पीता दिखा फॉरेस्ट टीम कर रही है निगरानी

Cheetah Running

श्योपुर/ नर चीता ओवान सोमवार को फिर से कूनो के जंगल से निकल कर तफरी करने रिहाइशी इलाके में जा पहुंचा और इस दौरान दो गांवों के बीच बहती क्वारी नदी में उसने पानी भी पिया। जबकि फॉरेस्ट की टीम कॉलर आईडी के जरिए इसपर बराबर नजर बनाएं हुए है। लेकिन लगातार इस क्षेत्र में चीते की आमद से स्थानीय ग्रामीणों में डर देखा जा रहा है।

रविवार को ओवान नाम का नर चीता पालपुर कूनो सेंचुरी से 20 किलोमीटर का सफर तय करते हुए झार बड़ोरा गांव में आ गया था और एक खेत में आकर बैठ गया इस खेत के मालिक ने जब देखा तो पहले वह घबरा गया बाद में खेत के पास घर की छत पर चढ़ कर उसने चीते का खेत में आराम फरमाते वीडियो भी बनाया लेकिन जब आसपास उसे देखने ज्यादा आवाजाही हो गई और फॉरेस्ट की टीम भी उसपर दूर रहकर नजर रख रही थी तो चीता कुछ समय बाद रात के अंधेरे में वापस कूनो सेंचुरी के जंगल में लौट आया बताया जाता है उसने शनिवार रविवार की दरमियानी रात झार बडोरा गांव से एक डेढ़ किलोमीटर दूर एक खेत के बाहर एक गाय का शिकार भी किया जिसका शव रविवार को गांववासियों को मिला।

लेकिन सोमवार को यह चीता फिर कूनो के जंगल से बाहर तफरीह करता पाया गया खास बात है इस बार यह झार बड़ोरा से कुछ दूरी पर दूसरे गांव पार्वती बड़ोरा गांव की तरफ देखा गया और यह सोमवार को दोपहर साढ़े तीन बजे इन दोनों गांव के बीच बहने वाली क्वारी नदी में पानी पीते हुए कैमरे में केपचर हुआ हैं। जब कूनो वन प्रशासन को मालूम हुआ तो एक टीम पार्वती बड़ोरा गांव भेजी गई जो चीते की कॉलर आईडी के माध्यम से एंटीना के जरिए इसकी गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं फिलहाल शाम तक यह चीता ओवान इसी इलाके में था।

वन मंडल विजयपुर के एसडीओ अमित राठौर के मुताबिक लोग बेवजह क्षेत्र में दहशत फैला रहे है चीते की प्रकृति होती है कि वह मानव पर हमला नहीं करता ना ही आजतक इसकी पुष्टि हुई है इसलिए लोग अपनी सुरक्षा जरूर करे लेकिन इस चीते से डरे नहीं ना ही डर फैलाएं फॉरेस्ट अफसरों के अनुसार वह चीते को ट्रेकुलाइज नही कर सकते क्योंकि ऐसा करने से इस चीते पर विपरीत असर पड़ने का खतरा है इसीलिए वह उसकी कॉलर आईडी के जरिए निगरानी कर रहे है। जबकि उसने अभी तक किसी व्यक्ति पर हमला भी नही किया है।

चीता बिल्ली प्रजाति का एक ऐसा जंगली जानवर है जो एक दौड़ने के साथ बड़े लंबे क्षेत्र में विचरण करना पसंद करता है फिलहाल ओवान सहित आशा फ्रेंडी और एल्टन चार चीते बड़े बाड़े से पिछले दिनों कूनो के जंगल में रिलीज किए गए है यू तो सभी जंगल के बॉर्डर तक चक्कर लगा रहे है लेकिन ओवान कुछ ज्यादा ही चंचल मालूम पड़ता है जो लगातार जंगल को पार कर 20 किलोमीटर के दायरे में अपनी आमद बनाएं हुए है जबकि यही बात चीता टास्क फोर्स के अधिकारी भी बताते है कि यह सभी चीते फॉरेस्ट एरिया के आसपास टिकरोली और मोरवन के आसपास तक विचरण कर रहे हैं।

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कूनो नेशनल पार्क से चीता रिहाईशी इलाके में पहुंचा, फॉरेस्ट की टीम गांव पहुंची

Cheetah enters in village

श्योपुर/ नामीबिया से आया एक चीता आज सुबह श्योपुर के एक रिहाईशी क्षेत्र में जा पंहुचा है बताया जाता है कूनो के जंगल से निकल कर यह एक गांव में घुस गया जिससे ग्रामीणों में भारी दहशत हैं जबकि कूनो सेंचुरी की टीम मौके पर पहुंच गई और उसपर लगातार नजर बनाएं हुए है।

मध्यप्रदेश के पालपुर कूनो अभ्यारण में नामीबिया से आए आठ चीतों में शामिल ओबान नाम का नर चीता 20 किलोमीटर के जंगल की दूरी तय करते हुए श्योपुर जिले के झार बडोरा गांव में जा पंहुचा और जब स्थानीय गांव वालों की एक खेत में नजर पड़ी तो वहां चीते को देखकर वह दहशत में आ गए और अफरा तफरी फेल गई जबकि कुछ ग्रामीण कोतुहलवश चीते को देखने पेड़ो पर चढ़ गए।

जब कूनो वन प्रशासन को इसकी खबर मिली तो तुरंत एक टीम गांव जा पहुंची जो उस चीते पर बराबर नजर बनाए हुए है फॉरेस्ट टीम गांव से चीते को कूनो के जंगली क्षेत्र ने पहुंचाने का प्रयास कर रही है। लेकिन फिलहाल चीता गांव के खेत में छुपा हैं।

खास बात है जो चार चीते पालपुर कूनो सेंचुरी के जंगल में खुले में छोड़े गए है उनमें से एक यह चीता (ओबान) शामिल है जिसने पहले अभ्यारण की दीवार पार की और सामान्य वन क्षेत्र में पहुंचा उसके बाद यह झार बडोरा गांव के खेत में जा पंहुचा है।

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