शिवपुरी / मध्यप्रदेश का शिवपुरी नेशनल पार्क अब बाघों की दहाड़ से गूंज उठा है आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यहां दो बाघों को बाड़े में रिलीज किया 15 दिन बाद इन्हें खुले जंगल में छोड़ दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शुक्रवार दोपहर करीब 2 बजे शिवपुरी स्थित माधव नेशनल पार्क पहुंचे और एक नर और एक मादा टाइगर को उनके लिए निर्धारित बाड़ों में छोड़ा जब नर बाघ ने पिंजरे से बाहर बाड़े में प्रवेश किया तो जोरदार दहाड़ लगाई और फिर दौड़ लगा दी। जैसा कि दो बाघिन और एक नर बाघ को आज छोड़ा जाना था लेकिन पन्ना टाइगर रिजर्व से आने वाली बाघिन घायल है इसलिए फिलहाल उसे नही लाया गया ठीक होने के बाद उसे तीन चार दिन बाद लाया जायेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शुक्रवार दोपहर करीब 2 बजे शिवपुरी स्थित माधव नेशनल पार्क पहुंचे और एक नर और एक मादा टाइगर को उनके लिए निर्धारित बाड़ों में छोड़ा जब नर बाघ ने पिंजरे से बाहर बाड़े में प्रवेश किया तो जोरदार दहाड़ लगाई और फिर दौड़ लगा दी। जैसा कि दो बाघिन और एक नर बाघ को आज छोड़ा जाना था लेकिन पन्ना टाइगर रिजर्व से आने वाली बाघिन घायल है इसलिए फिलहाल उसे नही लाया गया ठीक होने के बाद उसे तीन चार दिन बाद लाया जायेगा। बाघों के रिलीज करने के दौरान भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा सांसद केपी यादव मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया वन मंत्री विजय शाह मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया भी मोजूद थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाघ मित्रों से भी मुलाकात भी की और उन्हें उनकी जिम्मेदारी से अवगत कराया साथ ही सीएम ने कहा कि माधव नेशनल पार्क में बाघों के आने से इस क्षेत्र में पर्यटन एवं रोजगार के अवसर बड़ेंगे।
छोड़े गए बाघों में मादा टाइगर बांधवगढ़ नेशनल पार्क से लाई गई है जो 500 किलोमीटर का रास्ता तय कर आज सुबह 8 बजे शिवपुरी पहुंची थी जबकि नर बाघ सतपुड़ा अभ्यारण नर्मदापुरम से लाया गया है जो पिंजरे में 400 किलोमीटर दूरी से यहां 11 बजे आया जो केवल 3 साल का है लेकिन डीलाडोल में काफी बड़ा हस्टपुष्ट आकर्षक और पूर्ण व्यस्क दिखता है। लेकिन इन्हें छोड़ने से पहले ट्रको में ही रखा गया और ट्रक स्टार्ट रखे गए जिससे इन्हें लगे यह अभी भी सफर कर रहे है और कोई उत्पात ना करें। जानकारी के मुताबिक पन्ना टाइगर रिजर्व से आने वाली बाघिन कल रात तक फॉरेस्ट की रेस्क्यू टीम को नही मिली आज सुबह तड़के हाथियों के साथ टीम ने जब हांका किया तो वह घायल अवस्था में मिली जिसका चिकित्सकों की देखरेख में इलाज किया जा रहा हैं।
माधव नेशनल पार्क के सीसीएफ उत्तम शर्मा के मुताबिक पार्क के बीच बलारपुर कक्षा क्रमांक एक में बाघों के पुनर्वास के मद्देनजर 4 हजार हेक्टेयर का बड़ा एनक्लोजर (बाड़ा) बनाया गया है तीन हिस्सों के इस बाड़े की ऊंचाई 16 फुट रखी गई है तीनों बाघों के लिए अलग अलग एनक्लोजर है प्रत्येक में 6 ..6 हजार लीटर के सोसर बनाएं गए है जिसके पानी का टेस्ट किया जा चुका है इस सौसर का बाहर से पाइप लाइन से कनेक्शन किया गया हैं।
इन बाड़ों में सेटेलाईट के साथ बाघों को कॉलर आईडी से लैस किया जायेगा। सीसीएफ के मुताबिक सुरक्षा के लिहाज से निगरानी के लिए इन बाड़ों के बाहर 6 मचान बनाएं गए है। उन्होंने बताया 15 दिन बाद इन बाघों को पार्क के काफी सुविधायुक्त झिरना इलाके में छोड़ा जाएगा जहां एक बड़ा झरना जो हमेशा पानी से भरा रहता है और कुछ गुफाएं भी है जहां बाघ अपने परिवार को सुरक्षित रख सकेंगे। माधव नेशनल पार्क के वन क्षेत्र में बाघों के लिए जंगली जानवरों की भरपूर खुराक है।