शहडोल / मध्यप्रदेश में रेत माफिया के हौसले बुलंद है और अब वह प्रशासन पर भी भारी पड़ रहे है शहडोल में एक पुलिस एएसआई को रेता से भरी ट्रेक्टर ट्रॉली से कुचल दिया गया जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और फरार ट्रेक्टर मालिक और रेत माफिया पर 30 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है साथ ही प्रशासन ने उसके घर को बुल्डोजर से ध्वस्त करने की कार्यवाही की है। लेकिन सच्चाई यह है कि अवैध रेता का गांव में भंडारण करने वाले इस माफिया के खिलाफ ग्रामीणों ने प्रशासन और पुलिस को कई शिकायतें की लेकिन किसी ने भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं की, जिसके नतीजे में पहले एक पटवारी को और आज एक पुलिस कर्मी को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
शहडोल जिले के ब्योहारी थाना क्षेत्र में पदस्थ पुलिस एएसआई महेंद्र बागरी एएसआई गया प्रसाद कन्नोने और आरक्षक संजय दुबे अपराधिक मामले में फरार एक स्थाई वारंटी को पकड़ने शनिवार- रविवार की दरमियानी रात करीब 12 बजे बड़ौनी गांव जा रहे थे ,जब यह खढोली गांव के नजदीक पहुंची तो विपरीत दिशा से एक रेत से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली आती दिखाई दी जब पास आने पर आगे बड़कर एएसआई महेंद्र बागरी ने चैकिंग के लिए रोकना चाहा, तो ट्रैक्टर ट्रॉली के ड्राइवर ने एकाएक ट्रैक्टर की स्पीड बड़ा दी, और एएसआई बागरी को कुचलता हुआ आगे ले गया जिससे एएसआई रेता से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली के पहियों के नीचे आ गए और उनकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई। इस बीच ड्राईवर ट्रेक्टर से कूदकर भाग गया, और ट्रैक्टर ट्रॉली लहराती हुई आगे बड़ी और पुल से नीचे गिर गई।
पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक के मुताबिक पुलिस ने इस मामले में प्रकरण कायम कर लिया है और चालक राज रावत उर्फ विजय और रेत माफिया आशुतोष को गिरफ्तार कर लिया है उन्होंने बताया कि इस ट्रैक्टर ट्रॉली का मालिक सुरेंद्र सिंह समधिन नदी से अवेध रूप से रेत का उत्खनन कराता था जो फरार है इस पर पुलिस ने 30 हजार का ईनाम घोषित किया है। एसपी ने बताया कि आशुतोष सुरेंद्र सिंह का ही बेटा हैं जो इस मामले में शामिल था। लेकिन सवाल उठते है क्या आशुतोष के कहने पर ही ट्रेक्टर चालक राज ने एएसआई के ऊपर वाहन चढ़ा दिया ?
इस घटना के बाद पुलिस और प्रशासन जब रेत माफिया सुरेंद्र सिंह को पकड़ने जमोड़ी गांव पहुंचा तो वह नहीं मिला। लेकिन अधिकारी हतप्रद रह गए गांव में जगह जगह रेता के ढेर लगे थे जो सुरेंद्र सिंह के ठिकाने बताए जाते है जब खोजखबर ली गई तो ग्रामीणों ने बताया उन्होंने कई बार प्रशासन के अधिकारियों को शिकायत की लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। इस दौरान प्रशासन ने गांव में स्थित सुरेंद्र सिंह के घर को बुल्डोजर से जमीदोज कर दिया।
बताया जाता है एएसआई की मौत के बाद उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा उसकी पत्नी दुर्गावती और मां का रो रोकर बुरा हाल है जब बागरी के शव को पीएम के लिए जिला अस्पताल लाया गया तो पत्नी उन्हें एक झलक देखने एंबुलेंस चालक से गुहार लगाती देखी गई। और मां बेटे का नाम ले लेकर बेटे को दिखाने की मिन्नते करती रही। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने भी असंवेदनशीलता का परिचय दिया और मृतक एएसआई का पोस्टमार्टम शव को जमीन पर रखकर किया गया। जिसके गवाह उनके परिजन और अन्य परिचित है। पीएम के बाद शहडोल पुलिस लाईन के सरकारी आवास से ब्लड सैंपल के लिए दोबारा शव फिर से अस्पताल लाया गया। जो अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही का परिचायक है।
बताया जाता है मृतक एएसआई महेंद्र बागरी की तीन लड़कियां है बड़ी बेटी आयुषी (13 साल) दूसरी परी (8 साल) और तीसरी सबसे छोटी सिवी (3 साल) है। घटना के बाद आयुषी और परी एक दूसरे से लिपट कर फूट फूट कर रोती रही। दुखद है कि इन मासूम बच्चियों के सिर से अब पिता का साया हट गया।
बताया जाता है 3 मार्च 2024 को एएसआई महेंद्र बागरी ब्यौहारी थाने में पदस्थ हुए थे उससे पहले वह पुलिस लाईन में पोस्टेड थे। बागरी मूल रूप से सतना जिले के मसनहा गांव के रहने वाले थे।
लेकिन इससे साफ होता है कि ब्यौहारी क्षेत्र में मौजूद समधिन नदी से भारी मात्रा में अवैध रेत खनन और परिवहन हो रहा है खास बात है एएसआई को ट्रैक्टर चढ़ाकर मार डालने का यह पहला मामला नहीं है बेखौफ रेत माफिया इसके पहले राजस्व विभाग के पटवारी प्रसन्न सिंह को ठीक इसी तरह से मौत के घाट उतार चुका है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है रेत माफियाओं के हौसले कितने बुलंद है एक तरह से उसके सामने प्रशासन ने अपने घुटने टेक दिए है और चांदी की चमक में प्रशासन लगता है माफिया के सामने नपुंसक बन गया है।
इधर कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश में तीन सी का राज्य है कर्ज, क्राइम और करप्शन। आज रेत माफिया ने एक एएसआई को कुचलकर मार डाला,रोज प्रदेश में 17 बलात्कार हो रहे है यह एनसीआरबी की रिपोर्ट है आज कैसा प्रदेश बन गया है हमारा? जब हम आवाज उठाते है तो हमारे खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली जाती है। यह समझते है हम डर जाएंगे लेकिन मैं बता दू मुख्यमंत्री जी यह कांग्रेस का खून है जो डरता नहीं है।