पन्ना/ मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में फिर एक मादा बाघिन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है 10 दिन पूर्व हुई टाइगर T-1 की मौत ने मामले को संदिग्ध बना दिया है क्योंकि नेशनल हाईवे 39 से लगे जंगल क्षेत्र के 30 मीटर अंदर मनोर गांव के पास फीमेल टाइगर का कंकाल मिला है इस घटना से पन्ना टाइगर रिजर्व रिजर्व प्रबंधन की अनदेखी और बड़ी लापरवाही उजागर होती है क्योंकि नेशनल हाईवे के नजदीक टाइगर की मौत हो गई और मैदानी अमले को पता ही नहीं चला। पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर बृजेंद्र झा ने की मौत की पुष्टि हैं । खास बात है टी 1 बाघिन ने ही 13 शावकों को जन्म देकर उजड़े पन्ना टाइगर रिजर्व को फिर से आबाद किया था इसीलिए उसे मदर ऑफ पन्ना टाइगर रिजर्व कहा जाता था।
पन्ना में बांधवगढ़ अभ्यारण से लाई गई पहली बाघिन का निधन हो गया। उसकी उम्र 15 साल के आसपास रही होगी। जितनी भी बाघिनें देखीं उनमें टी वन बहुत ही शांत स्वभाव की थी। जब टीम पन्ना मायूस थी तब वह अपार खुशियां लेकर आई थी। यह 5 बार मां बनी और इसी की एक के बाद एक 13 संतानों ने ही पन्ना अभ्यारण को फिर से आबाद किया यह मादा टाइगर पन्ना की फाउंडर मेंबर है इसको बांधवगढ़ नेशनल पार्क से लाकर पन्ना रिजर्व में छोड़ा गया था।
लेकिन इस अति महत्वपूर्ण टाइगर के गले में रेडियो कॉलर होने के बाद भी पार्क प्रबंधन को मौत का पता नहीं चलना उस की बड़ी लापरवाही को उजागर कर रहा है क्योंकि वन विभाग का जमीनी अमला होने के बावजूद इस बाघिन की मौत की जानकारी लकड़ी बीनने गए मजदूरों ने दी जबकि मैदानी अमला बड़ी संख्या में इस क्षेत्र में तैनात है
खास बात है एक जमाने में बाघ विहीन हो चुकी पन्ना लैंडस्केप में 2 माह में पन्ना में तीन टाइगर की मौत गंभीर चिंता का विषय है इस घटना ने वन्यजीव प्रेमियों को हिला कर रख दिया है
हालांकि पन्ना टाइगर रिजर्व फील्ड डायरेक्टर बृजेंद्र झा इस घटना को नेचुरल मौत का अमलीजामा पहनाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन करीब 10 दिन पूर्व टाइगर की मौत हो जाने और प्रबंधन को पता ना चलने पर कई सबाल उठना लाजमी है जिसका उनके पास कोई जवाब नहीं है
ज्ञात हो कि 2009 में बाघ विहीन होने के बाद पन्ना टाइगर रिजर्व में बाहर से बाघ लाकर पन्ना टाइगर रिजर्व को फिर से आबाद करने में टी वन बाघिन ने अहम भूमिका का निर्वाहन किया था जिसने पन्ना में सबसे पहले बाघ शावक को जन्म देकर खुशियां मनाने का अवसर दिया और इस अभ्यारण में 5 बार गर्भधारण किया और मां बनी इस दौरान इसने 2016 में एक साथ सबसे अधिक 3 शावकों के जन्म देने के साथ कुल 13 शावकों को जन्म दिया था। और आज इसकी बदौलत ही 80 टाइगर ही इस अभ्यारण में है और आज देश के वन्यजीव प्रेमियों के साथ पन्ना प्रशासन को खुशी का अवसर देने वाली बुजुर्ग बाघिन टी 1 अब नहीं रही। उल्लेखनीय है इस पर कई फिल्म भी बनी हम इस बाघिन के अभूतपूर्व योगदान को पूरे सम्मान के साथ याद करते हैं।