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धारमध्य प्रदेश

धार में शराब माफिया का एसडीएम और तहसीलदार पर जानलेवा हमला वाहन तोड़े फायरिंग की, तहसीलदार को किया अगवा

Kidnap

धार / मध्यप्रदेश के धार जिले में राजनेतिक संरक्षण में शराब माफिया के हौंसले बुलंद है अवैध रूप से ले जाई जा रही शराब से भरे ट्रक का पीछा कर रहे एसडीएम और तहसीलदार पर शराब माफिया ने हमला कर दिया और फायरिंग करने के साथ उनके वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया इतना ही नहीं तहसीलदार का अपहरण कर अपने वाहन में ले गए और जब पुलिस ने घेराबंदी की तो उन्हे छोड़कर फरार हो गए बताया जाता है मुख्य आरोपी एक पूर्व विधायक का रिश्तेदार है प्रशासन ने जांच टीम गठित की है जबकि पुलिस ने माफिया के एक गुर्गे को गिरफ्तार कर लिया हैं।

मामला मंगलवार को धार जिले के कुक्षी का है यहां के एसडीएम (आईएएस) नवनीत सिंह पंवार को खबर मिली थी कि उनके इलाके से अवेध रूप से शराब से भरा एक ट्रक निकलने वाला है उन्होंने तहसीलदार राजेश भिड़े और पुलिस टीम के साथ ढोल्या और आली के बीच घेराबंदी की जब यह ट्रक उधर से गुजरा तो उसका पीछा शुरू कर दिया जब उसे टीम ने रोकने की कोशिश की तो इस ट्रक के पीछे आ रही एक स्कार्पियो में सवार शराब माफिया के गुर्गों ने अधिकारियों के वाहन के सामने आकर उन्हें रोकने की कोशिश की इस बीच उनकी झड़प भी हुई लेकिन जब अधिकारी नहीं रुके तो स्कार्पियो में सवार लोगों ने दो तीन फायर करने के साथ पथराव कर दिया जिससे अधिकारियो वाहनों के शीशे टूट गए और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए लेकिन बदमाश यही नहीं रुके उन्होंने आगे जाकर तहसीलदार के वाहन को रोककर उन्हें पकड़ कर जबरन अपने वाहन में बिठाल लिया और उन्हे अगवा कर ले गए लेकिन जब पुलिस बल ने इन बदमाशो के वाहन की घेराबंदी की तो वह उन्हें बीच में छड़ाकर फरार हो गए।

बताया जाता है प्रशानिक अधिकारियों पर हमला करने का मुख्य आरोपी कुक्षी के पूर्व विधायक और वर्तमान निगम परिषद अध्यक्ष मुकामसिंह किराड़ का सगा भांजा बताया जाता है स्कार्पियो में सवार उसके साथी ही थे जो ट्रक क्रमांक एमपी 69 H – 0112 में शराब भरकर कुक्षी से अलीराजपुर ले जा रहे थे इस ट्रक में गौवा लंदन और बॉम्बे ब्रांड की शराब की पेटियां भरी हुई थी।

जानकारी मिलने पर इंदौर कमिश्नर पवन शर्मा और आईजी राकेश गुप्ता और ग्रामीण डीआईजी चंद्रशेखर सोलंकी भी घटना स्थल पहुंचे उन्होंने धार एसपी से चर्चा कर पूरी जानकारी ली।

धार पुलिस अधीक्षक के मुताबिक शराब से भरा यह ट्रक बड़वानी से धार की तरफ आया था और यह शराब कुक्षी होते हुए अलीराजपुर जा रही थी एसपी के मुताबिक ट्रक को जब्त कर मामला दर्ज कर लिया गया है पुलिस के मुताबिक मुख्य आरोपी सुखराम निवासी अलीराजपुर के एक साथी मुकाम को गिरफ्तार कर लिया गया हैं अन्य आरोपियों की तलाश के लिए 4 टीमें गठित कर उनकी खोजबीन की जा रही है। उन्हें भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

इसके साथ कलेक्टर पंकज जैन ने पूरे मामले की जांच के लिए एडीएम श्रृंगार श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक टीम गठित कर दी है जिसमे एसडीएम नवनीत सिंह पंवार को भी सदस्य बनाया है कलेक्टर के मुताबिक यह टीम शराब परिवहन एवं आबकारी विभाग से कहा चूक हुई इन पहलुओं पर भी जांच करेगी।

इधर कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह हनी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखकर इस घटना को गंभीर बताते हुए जांच की मांग की है साथ ही कहा है कि जब प्रशासनिक अधिकारी ही सुरक्षित नहीं है तो फिर आम जनता की सुरक्षा की बात बेमानी है उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपी सुखराम बीजेपी शासन के पूर्व मंत्री और भाजपा के प्रदेश मंत्री का भांजा है इसलिए इसे राजनेतिक संरक्षण मिला हुआ है।

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धारमध्य प्रदेश

धार के कारम डेम में आई दरार, जल प्रलय की आशंका के मद्देनजर 16 गांव खाली कराएं, बांध पर पानी को निकलने केनाल बनाने का कार्य अंतिम दौर में, धारा 144 लगाई

Dhar DAM Leakage

धार / मध्यप्रदेश के धार के कारम डेम में दरार आने से हड़कप मच गया है खबर के बाद प्रशासन सक्रिय हुआ और धार के 11 गांव और खरगोन के 6 गाँवो को खाली कराने के साथ प्रभावित क्षेत्र में धारा 144 लगा दी गई है। सिंचाई विभाग और प्रशासनिक अमला मौके पर है और बांध से अतरिक्त पानी को बाहर निकालने के लिए एक नहर का निर्माण का कार्य जोरशोर से जारी हैं। इस पूरी कार्यवाही की मुख्यमंत्री खुद मोनीटरिंग कर रहे हैं।

मध्यप्रदेश और धार जिले में लगातार हो रही बारिश का असर अब साफ देखा जा रहा है धार जिले की कारम नदी पर बना बांध पानी से लबालब भर गया और पानी का दवाब नहीं झेल पाने से अचानक उसमें गहरी दरार आ गई जिससे बांध के ढहने का खतरा पैदा हो गया हैं।

इस कारम डेम के क्षेत्रफल की बात करें तो यह 590 मीटर लंबा है और इसकी चौड़ाई 52 मीटर है बताया जाता है इसकी निचली सतह से पानी का रिसाव शुरू हुआ मालूम होने पर जल संसाधन विभाग और जिला प्रशासन तुरत फुरत सक्रिय हुआ और उसने धार के 11 गांव और खरगोन के 6 गांवों को खाली कराया और ग्रामीणों को सुरक्षित क्षेत्रों में पहुंचाया। इससे करीब 40 हजार नागरिक प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा एहितियातन धारा 144 लगा दी गई हैं।

प्रशासन के साथ ही पुलिस के अधिकारी कर्मचारी मौके पर मोजूद है और जलसंसाधन विभाग बांध की मरम्मत के साथ उससे एक केनाल बनाने का काम कर रहा है जिससे ऊपरी तरफ से अतरिक्त पानी को निकालकर दूसरे सुरक्षित जगह पहुंचाया जा सके इस नहर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका हैं।

सुरक्षा की दृष्टि और जल प्रलय की आशंका के चलते सूरत बड़ोदरा दिल्ली और भोपाल से एनडीआरएफ ,एसडीआरएफ की टीमें बुला ली गई है जो मौके पर पहुंच गई और राहत एवं बचाव कार्य में लग गई हैं। साथ ही प्रदेश के मंत्री राज बर्धन सिंह सहित दो मंत्री मौके पर है।

जलसंशाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने एक जांच कमेटी का गठन कर शीघ्र रिपोर्ट देने के निर्देश दिए है साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद इस मामले की पर नजर बनाए हुए है इसको लेकर उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों की एक मीटिंग भी ली और आवश्यक निर्देश भी दिए।

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बिल्ली के बच्चे समझ कर 4 दिन तक तेंदुए के बच्चों को पालता और दूध पिलाता रहा किसान

Leopard Cubs

धार – मध्यप्रदेश के धार जिले के बाजरीखेड़ा गांव का एक किसान तेंदुए के बच्चों को बिल्ली के बच्चें समझकर उन्हें अपने घर में ही नही रखें रहा बल्कि उन्हें दुलारने के साथ दूध भी पिलाता रहा लेकिन जब बच्चे अपनी जंगली जुवान में गुर्राये तब मालूम पड़ा कि यह तेंदुए के बच्चे है तो वह किसान और ग्रामीण घबरा गये।

धार जिले के निसरपुर के पास बाजरीखेड़ा गांव में,करीब 5 दिन पहले स्थानीय ग्रामीणों को एक खेत में किसी जीव के दो छोटे छोटे दो बच्चे दिखाई दिये जिसकी उन्होंने वन विभाग को सूचना दी की तेंदुए की तरह दिखने वाले दो बच्चे गन्ने के खेत में देखे गए…लेकिन वन विभाग के कर्मचारियों ने फौरी तौर पर पूछताछ कर उन्हें जंगली बिल्ली का बच्चा बता कर अनदेखी कर दी ,उसके बाद गांव वाले उन दोनों बच्चों को लेकर निसरपुर चौकी पहुंचे और वन विभाग को फिर से सूचना दी गई।

जिसके बाद वन विभाग की टीम पहुंची और दोनों बच्चों की जांच करने के बाद यह भी पुष्टि नहीं हो पाई कि दोनों बच्चे तेंदुए के हैं या जंगली बिल्ली के दोनों बच्चे दिखने में पूरी तरह से तेंदुए के शावक की तरह दिखाई दे रहे हैं, और उनके हावभाव और7 उनकी आवाज तथा शरीर पर धब्बे और नाखून भी तेंदुए के शावको की तरह है, फिर भी वन विभाग पूरी तरह यह पुष्टि नहीं कर पा रहा है.. क्योंकि बच्चे अभी बहुत छोटे हैं और उनकी आंख भी पूरी तरह से नहीं खुली थी, यह दलील देकर वन अमले ने ग्रामीणों को बापस कर दिया तब एक किसान उन बच्चों को अपने घर ले आया और उन्हें सुरक्षित रखा देखभाल की और दूध भी पिलाया।

करीब 4 -5 दिन बाद वह बच्चें जब कुछ चलने फिरने लगे तो पकड़ने पर जंगली जानवर की तर्ज गुर्राने लगे तब उन्हें पालने वाला किसान घबड़ाया और गांव वालों के साथ फिर से वन विभाग के कर्मचारियों के पास पहुंचा बताने पर वन अमले ने दोनों तेंदुए के इन दोनों शावकों को वापस उसी खेत के आसपास छोड़ दिया जहां वे दोनों ग्रामीणों को मिले थे वन विभाग का कहना है कि बच्चे बेहद छोटे है फिलहाल उन्हें बड़े होने के लिये मादा तेंदुए की जरूरत है संभवतः जो इन्हें पूरे इलाके में ढूंढ रही होगी उनका कहना था कि शायद एक-दो दिन में इनकी मां यहां पहुंच कर इन्हें ले जाएं, वन विभाग के कर्मचारियों को अब डर यह भी है कही ऐसा ना हो कि किसान के पास होने से बच्चों को ढूंढती इनकी मां तेंदुआ गांव में दाखिल हो किसी पर हमला ना करदे।

इस बीच किसान सहित अन्य गांव वालों ने ही बच्चों की देखभाल की और उन्हें सहलाया पुचकारा भी , अब ग्रामीण तेंदुए के शावक समझकर भयभीत भी है की यदि यह बच्चे तेंदुए के है तो मादा तेंदुआ कहीं ना कहीं क्षेत्र में भ्रमण कर रही होगी। लेकिन इस मामले में वन अमले की लापरवाही और नासमझी भी सामने आई है जिस विभाग पर जंगली जीवों की देखरेख और सुरक्षा का जिम्मा है उंसने यह कैसे मान लिया कि यह बच्चे बिल्ली के है? जबकि साफ तौर पर नजर आ रहा है यह बच्चें खूंखार जीव तेंदुए के है यदि किसान के घर बच्चें होने के दौरान मादा तेंदुआ गांव में आ जाती या किसान के घर हमला बोल देती तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होती क्या धार के वन विभाग के अफसर इसका कोई उत्तर देंगे।

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