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मध्यप्रदेश पुलिस की बड़ी क्षति, शव को निकालने के दौरान नेमावर टीआई की जामनेर नदी में डूबने से मौत

Nemawar TI Rajaram

देवास / मध्यप्रदेश के देवास जिले के नेमावर थाने में पदस्थ टीआई राजाराम वास्कले की जामनेर नदी में डूबने से मौत हो गई। वह नदी के स्टॉप डेम में कोई शव निकालने नदी में कूदे थे लेकिन खुद ही फंस गए वहां मौजूद लोगों ने बचाने की बहुत कोशिश की, और उन्हे बाहर निकाला भी लेकिन काफी देर हो गई अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके असानायिक निधन से पुलिस महकने में शोक व्याप्त हो गया है।

जानकारी के मुताबिक टीआई राजाराम वास्कले को सूचना मिली थी कि जामनेर नदी के स्टॉप डैम में एक लाश पड़ी है . सूचना मिलते ही वे तुरंत मौके पर पहुंचे और परिस्थिति देखते हुए खुद ही स्टॉप डैम में उतर गए और पानी के थोड़ा अंदर चले गए. इस बीच उन्हें पानी का अंदाजा नहीं लगा और वे डूबने लगे. उन्होंने वहां मौजूद लोगों को आवाज लगाना शुरू किया. उनका शोर सुनकर आसपास से लोग तुरंत उन्हें बचाने दौड़े. लोगों ने रस्सी वगैरह का इंतजाम किया और रेस्क्यू करने लगे. लेकिन, कुछ ही देर बाद वास्कले के शरीर ने प्रतिक्रिया देनी बंद कर दिया लोगों ने जैसे-तैसे उन्हें बाहर निकाला और देवास के नजदीकी अस्पताल ले गए यहां डॉक्टरों ने उनका इलाज शुरू किया और उन्हें बचाने की काफी कोशिशें कीं, लेकिन वे जिंदगी की जंग हार गए और डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

नेमावर थाने को उनकी मौत की खबर मिलने के बाद स्टाफ ने फिर वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी और जानकारी मिलने पर पुलिस अधिकारी-कर्मचारी बड़ी संख्या में अस्पताल पहुंच गए। टीआई वास्कले की मौत से हरदा से लेकर देवास तक हड़कंप मच गया। कृषि मंत्री कमल पटेल भी हरदा जिला अस्पताल पहुंचे और श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार दिवंगत टीआई के परिवार के साथ है। बीजेपी विधायक आशीष शर्मा अस्पताल पहुंचे और शोक व्यक्त किया।

थाना प्रभारी राजाराम वास्कले दो वर्ष पहले ही नेमावर थाने में पदस्थ हुए थे,15 जुलाई को दो वर्ष पूरे होने पर उन्होंने साथियों को पार्टी भी दी थी. टीआई राजाराम वास्कले बड़वानी जिले के रहनेवाले थे. उनके परिवार में पत्नी, एक बेटा और बेटी हैं। बेटी का जन्म एक माह पहले ही हुआ है। बताया जाता है कि टीआई राजाराम वास्कले बेहतर तैराक थे. कई मौकों पर उन्होंने नर्मदा नदी में लोगों को बचाया भी था. लेकिन आज यह घटना कैसे हो गई यह रहस्य ही बन गया।

दिवंगत टीआई का आज अंतिम संस्कार किया गया इस दौरान उनकी पत्नी और बेटा शव से लिपटकर फूट फूट कर रोए। इस मौके पर उनके परिजन और काफी संख्या में पुलिस अधिकारी कर्मचारी और स्थानीय लोग मोजूद रहे। इधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टीआई के परिवार को एक करोड़ सम्मान निधि देने की घोषणा की हैं।

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पिता की बेइज्जती करने वालों को नही छोड़ूंगा, पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे दीपक जोशी के आंखे नम हुई, बीजेपी की कथनी करनी में भारी अंतर

Deepak Joshi

देवास/ पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पुत्र पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने अब बीजेपी से अपनी अलग राह चुन ली है और वह पीछे कदम रखने के लिए कतई तैयार नहीं है। शनिवार को वह भोपाल में कमलनाथ के निवास पर अपने कुछ विश्वस्त साथियों के साथ एक सादा समारोह में कांग्रेस की सदस्यता लेंगे। शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा मेरे पिताजी ने सदा सुचिता की राजनीति की लेकिन बीजेपी में सब बदल गया उसकी कथनी करनी में अंतर पैदा हो गया है और भ्रष्टाचार चरम पर हैं। लेकिन मेरे पिता के साथ नाइंसाफी करने वालों को मैं कतई नहीं छोड़ूंगा।

इस दौरान पूर्व मंत्री भावुक भी हो गए उनकी आंखों से आंसू छलक आएं, उन्होंने कहा आज मेरे साथी डर के मारे मुझे नमस्कार भी नही करते, नमस्कार तो दूर बात करने से पहले आसपास देखते है कोई देख तो नहीं रहा वे बात करना चाहते है पर कर नही पाते उन्होंने कहा मुझे पार्टी के कार्यक्रमों से दूर रखा जाता है बुलाया नही जाता मेरा स्वभाव है कि जबरन घुसने की कोशिश नही करता।

मीडिया के सबाल पर पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने कहा कि आंसू इसलिए आ गए क्योंकि पिताजी कैलाश जोशी की विरासत को बचाने की जिम्मेदारी मेरी थी लेकिन अपनों की ज्यादतियों की वजह से उसे मैं बचा नही सका मेरी चिंता उन परिवारों के प्रति है जो चौथी पांचवी पीड़ी से हमारे परिवार से जुड़कर काम करते रहे उन्हें भी बुरा लगेगा दुख होगा लेकिन उन्ही को बचाने के लिए मैं आगे बढ़ रहा हूं और भविष्य में वे ही मेरी ताकत बनेंगे।

उन्होंने दुखी मन से कहा मेरे पूज्य पिताजी का स्मारक आज तक नही बना शिवराज सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उसका शिलान्यास किया था, अब यह लड़ाई मेरे पिता मेरे मान सम्मान की है उन्होंने कहा मुख्यमंत्री के इन दिनों तमाम मेसेज आ रहे है लेकिन 3 मई के बाद मैंने उन्हें देखना ही बंद कर दिया हैं पहले कुछ किया नहीं ऐसा ही था तो काम शुरू करा देते बन जाता तो क्या दिक्कत थी मैंने सभी से बात की सीएम प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय संगठन मेरे कुछ राजनेतिक मित्रों ने भी प्रयास किया लेकिन कुछ नही हुआ यदि मेने पिता के सम्मान की ऐसी ही चिंता थी तो यह मुद्दा उठा था तभी काम शुरू करा देते लेकिन जानबूझकर उपेक्षा की गई।

पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने कहा मैं सांसद या विधायक बनने कांग्रेस में नही जा,मैं एक साधारण कार्यकर्ता की तरह शामिल हो रहा हूं और कांग्रेस जैसा समझे मुझे जिम्मेदारी देगी उसे मैं ईमानदारी से निभाउंगा, मैं अपना भविष्य क्यों तलाश करू मेरे जाने से यदि नुकसान होता है तो इसका आंकलन वे खुद करे कही ना कही नुकसान तो होगा इसलिए ही मुझे रोकने की कोशिश हो रही हैं। उन्होंने कहा चुनावों के दौरान लोग इधर से उधर जाते है कुछ दिनों से अखबारों में भी मेरे बारे मैं आ रहा है लेकिन मैं बता दूं मेरा मुद्दा अलग है मुझे न टिकट चाहिए ना पद चाहिए ना प्रतिष्ठा चाहिए मैं केवल अपने पिता की दी विरासत को लेकर चलने वाला कार्यकर्ता विधायक और मंत्री रहा हूं और उसे ही आगे बढ़ाना चाहता हूं।

पूर्व मंत्री ने कहा यदि ताली बॉस की है तो गाली भी बॉस की है ताली लेते हो तो गाली भी तो आपको लेना होगी उन्होंने कहा मेरे मंत्री रहते जिन भवनों के निर्माण का शिलान्यास हुआ वहां आज पत्थर जरूर लगे लेकिन मुझे कार्यक्रम में बुलाया भी नही गया देवास जिले में किसी कार्यक्रम में पहुंच जाऊं तो लोग ऐसे देखते है जैसे कह रहे हो यह यहां क्यों आ गया मैं खुद ऐसे लोगों के बीच बैठना पसंद नही करता मैं अपने ही जिले में अंजाना सा बना दिया गया हूं।
उन्होंने आरोप लगाया कि बिना लिए दिए कोई काम नहीं हो रहा है भ्रष्टाचार की वैतरणी बह रही है इससे गरुण पुराण का एक पाठ जरूर जुड़ जाता है भ्रष्टाचार करने वालों को यह मिलेगा और इतना खाने वालों को यह मिलेगा। उन्होंने बताया मेरे पिता के नाम पर देवास में तीन कमरों का मकान है दादा जी 20 बीघा जमीन पिताजी को दे गए थे उन्होंने उसे दस दस बीघा बांट दी इसमें आज तक मेरी 10 बीघा जमीन में एक इंच नहीं हुआ है विधायक बतौर जो मकान मिला इसे ही मेने लिया आज मेरे पास 4 पहिया वाहन भी नही हैं।
मीडिया के टिकट मांगने के सबाल पर पूर्व मंत्री जोशी ने बताया मैं किसी चीज को लेकर कमलनाथ जी के साथ बंधना नहीं चाहता ना पहले मांगा ना मांगूंगा ब्राह्मण जरूर हूं जिसकी मांगने की प्रवत्ति होती है लेकिन मैंने आजतक मांगने की कोशिश नही की। कमलनाथ से जुड़कर आगे की रणनीति को तैयार करने में जुटूंगा और मैं कोशिश करूंगा मेरे पिता की विरासत का जिला देवास जो सुचिता की राजनीति का प्रतीक माना जाता है वह उसी विकास के जरिए आगे बड़े मैं इसकी हर कमियों को दूर करने का प्रयास करूंगा उन्होंने कहा मैं तो कही भी एक जगह रहने को तैयार हूं लेकिन मेरे पिता के साथ नाइंसाफी करने वालों को नही छोड़ूंगा।

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शासन प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद सूदखोरी और सूदाखोरों की लूट जारी, अब एक परेशान किसान ने की आत्महत्या

Suicide Farmer

देवास / मध्यप्रदेश सरकार और इसके गृह विभाग के तमाम नियम नियम कानून के बावजूद राज्य में सूदखोरी और बेरहम सूदखोरों के जाल से गरीब और किसान बच नही पा रहे ताजा मामला देवास का है जहां के एक किसान ने सूदखोर की धमकी और अगवा कर मारपीट से तंग आकर आत्महत्या कर ली।

देवास जिले के बालोद में रहने वाले एक किसान मोतीलाल गुर्जर (उम्र 32 साल) ने खेती किसानी के लिए एक सूदखोर से ब्याज पर 50 हजार रुपया लिया था वह ब्याज सहित 65 हजार दे चुका था लेकिन गुरुवार को सूदखोर और उसके साथी किसान को घर से जबरन उठा के गए और उससे रूपयों की मांग करते हुए मारपीट की और धमकी देते हुए उसे छोड़ दिया रात 2 बजे किसान घर आया और कोई जहरीला पदार्थ खाकर सो गया सुबह हालत बिगड़ने पर उसके घरवाले उसे देवास अस्पताल ले गए जहां प्राथमिक इलाज के बाद गंभीर स्थिति देखते हुए डोक्टरों ने उसे इंदौर रिफर कर दिया जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

किसान की मौत के बाद उसके परिजन और ग्रामीण उसके शव को लेकर देवास एसपी के कार्यालय पहुंचे और वहां हल्का प्रदर्शन कर अपना गुस्सा जताया। मृतक किसान मोतीलाल के भतीजे धारा सिंह ने मीडिया को बताया कि उसके चाचा ने 50 हजार की एवज में ब्याज सहित 65 हजार रुपए दे दिए थे लेकिन पैसा देने वाला सूदखोर उनसे चार लाख अस्सी हजार रुपए और मांग रहा था जिसकी प्रताड़ना से तंग आकर उन्होंने आत्महत्या कर ली।

एसपी कार्यालय पर प्रदर्शन के बाद पीपलरांवा पुलिस थाना पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित चार लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है लेकिन अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई हैं।

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मध्यप्रदेश के देवास में एक परिवार के 5 लोगों की हत्या कर दफनाया, प्रेमी सहित 7 हिरासत में, फांसी की मांग को लेकर हाईवे किया जाम

Dewas Murder case

देवास- मध्यप्रदेश के देवास में एक आदिवासी परिवार के 5 लोगों की सामूहिक हत्या कर उनके शवों को दफनाने का सनसनी खेज मामला सामने आया है देवास जिले के नेमावर से 47 दिन से लापता इस परिवार के 5 सदस्यों के शव पुलिस ने बरामद कर लिये है आरोपियों ने हत्या करने के बाद इनकी लाशों को अपने खेत में गाड़ दिया था मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा बताया जाता हैं पुलिस ने फिलहाल मुख्य आरोपी सहित 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया हैं। लेकिन घटना में पुलिस पर निष्क्रियता के आरोप भी लग रहे है और इसके साथ ही न्याय और मुआवजे की मांग को लेकर नेशनल हाइवे जाम भी किया गया।

देवास के नेमावर स्थित बस स्टैंड के पास रहने वाला ममता बाई आदिवासी और उसका परिवार 13 मई से लापता था ममता के साथ उसकी तीन बेटिया रूपाली दिव्या पूजा और बेटा पवन भी गायब थे ममता की बड़ी बेटी भारती जो पीथमपुर में रहती थी उसने परेशान होने के बाद 17 मई को मामले की रिपोर्ट नेमावर थाने में दर्ज करवाई थी। लेकिन पुलिस ने इस बड़े मामले को हल्के में लिया और ढुलमुल रवैया अपनाया जिससे समाज के लोगों में भारी गुस्सा देखा गया इस बीच गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने आंदोलन की चेतावनी दी और राष्ट्रीय महासचिव बलवीर सिंह तोमर ने लापता परिवार को ढूंढने का पुलिस प्रशासन को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया।

इस बीच पुलिस सक्रिय हुई और जांच ने तेजी पकड़ी पुलिस ने सभी संदिग्ध लोगों से पूछताछ के साथ तकनीकी आधार भी खगालना शुरू किये तब इस हत्याकांड का पर्दाफाश हुआ मामला काफी बड़ा और विवादित हो चुका था इसलिये सीधा एडीजी योगेश देशमुख ने प्रेस के सामने आये उन्होंने बताया गुमशुदा परिवार की तलाश के लिये अनुविभागीय अधिकारी पुलिस कन्नौद के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया था, तथा मुखबिर तंत्र एवं साइबर सेल से प्राप्त इनपुट के आधार पर होशंगाबाद, हरदा, खंडवा, चौराल, भोपाल, सीहोर सहित इंदौर के कई स्थानों पर विभिन्न पुलिस की टीमों को भेजा गया।

जिसमें तत्परता से खोजबीन की इसी दौरान मूखबिर से प्राप्त सूचाओं के आधार पर संदेही इसी गांव के सुरेंद्र राजपूत से पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ की तो उसने बताया ममता आदिवासी की बेटी रुपाली से उसके प्रेम संबंध थे लेकिन वर्तमान में उसकी मंगेतर दिव्याशी के विरुद्ध इंस्टाग्राम में गलत और विवादित पोस्ट करने और उसके व्दारा शादी का दबाव डालने से वह मानसिक रूप से परेशान था और उसने रूपाली और उसके परिवार की हत्या का प्लान बनाया और अपने भाई वीरेंद्र राजपूत और अन्य साथियों के साथ मिलकर रुपाली एवं उसके परिजनों की हत्या कर अपने खेत के किनारे में 12 फीट का खोदकर सभी पांचों के शवों को दबा दिया था। एडीजी देशमुख के मुताबिक आरोपी सुरेंद्र ने यह भी बताया उंसने रूपाली के मोबाइल को खंडवा में रहने वाले अपने साथी राकेश निमोरे को दिया जिसने अलग अलग जगहों से इंस्टाग्राम में पोस्ट डालकर पुलिस को भ्रमित करने का प्रयास किया।

इस जानकारी के आधार पर पुलिस बताये गये स्थान से पांचों कंकालो को निकाला गया पता चला आरोपियों ने हत्या की साजिश के साथ शवों को जल्द ठिकाने लगाने और साक्ष्य मिटाने के लिये शवों पर यूरिया और काफी मात्रा में नमक डाला था ।

पुलिस ने तुरत फुरत कार्यवाही करते हुए सुरेंद्र राजपूत के अलावा छह अन्य आरोपियों को वीरेंद्र राजपूत, विवेक तिवारी, राजकुमार, मनोज कोरकू, करण कोरकू तथा राकेश निमोरा को गिरफ्तार कर लिया है और घटना में प्रयुक्त सभी साक्ष्य बरामद कर लिए है।

नेशनल हाइवे किया जाम –

इस सामूहिक हत्याकांड का खुलासा होने के बाद बुधवार को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के नेतृत्व में ग्रामवासियों अपनी मांगों को लेकर इंदौर बैतूल नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया जिसमें – इस जघन्य हत्याकांड के केस को फ़ास्ट ट्रेक में चलाने पीड़ित परिवार को 3 करोड़ की सहायता राशि देने परिवार में बकाया दो सदस्यों को शासकीय नोकरी दी जाए और जिन पुलिसकर्मियों की मिलीभगत है उनको तत्काल हटाया जाने के साथ सभी आरोपियों को फांसी देने की मांग शामिल है करीब तीन घण्टे तक हाइवे पर चक्काजाम के बाद एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा ने लिखित में आश्वासन दिया उसके बाद हाइवे को खाली किया गया।इस दौरान धरना स्थल पर पहुंचे कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने भी मध्यप्रदेश सरकार व पुलिस प्रशासन को जमकर लताड़ लगाई।

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देवास में पिता ने दो मासूम बच्चों को कुएं में फेंककर खुद को आग के हवाले किया तीनों की मौत

Fire

देवास – मध्यप्रदेश के देवास जिले के गांव तोलपुरा में पत्नी के मायके जाने से परेशान एक व्यक्ति ने पहले अपने दो बेटों को कुएं में फेक दिया और घर जाकर खुद को आग के हवाले कर दिया जिससे तीनों की दर्दनाक मौत हो गई। पुलिस को सुसाइड नोट भी मिला है पुलिस ने मामला कायम कर जांच में ले लिया हैं।

घटना देवास के बरोठा थाना क्षेत्र की है यहां के तोलपुरा गांव में रहने वाले 35 वर्षीय मुकेश रावत की पत्नी आशा बीते दिनों गृहकलह के चलते गुस्सा होकर अपने मायके चली गई थी ने उसे मनाने और घर लाने की काफी कोशिश की पुलिस थाने में गुहार लगाई यहां तक की सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत दर्ज कराई लेकिन ना प्रशासन ने सुनी ना ही पुलिस ने। मुकेश की शराब की लत और मारपीट के चलते पत्नी आशा ने तो लगता है घर नही लौटने का जैसे फैसला ही ले लिया था यहां तक कि अपने 7 साल के आयुष और और 10 साल के आदित्य दो मासूम बेटों को देखते हुए भी उंसका दिल नही पसीजा और जाने के बाद उसने उनकी भी कोई सुध नही ली।

लगता है पत्नी की बेबफाई और अनदेखी और मासूम बच्चों की दुर्दशा से पति खासा टूट गया और उसने काफी बड़ा फैसला ले डाला आज सुबह करीब 7 बजे अपने दोनों बच्चों को लेकर वह घर के पास करीब 300 मीटर दूर बने एक कुएं पर पहुंचा और दोनों बच्चों को उठाकर कुएं में डाल दिया उसके बच्चों की चीखें भी उंसका इरादा नही बदल सकी बच्चों को कुएं में फेकने की जानकारी मुकेश ने घर लौटते समय अपने छोटे भाई को दी वह वहां दौड़ा गया लेकिन जबतक ग्रामीणों की मदद से बच्चों को कुएं से बाहर निकाला जाता उनकी मौत हो चुकी थी ।

इधर मुकेश घर पहुंचा और उंसने अपनी चारपाई पर लेटकर अपने ऊपर पेट्रोल उड़ेल लिया और आग लगा ली। आसपास के लोगों ने जब घर से धुआं उठते देखा तो वे अवाक रह गये बुरी तरह जलने से मुकेश की भी मौत हो चुकी थी ।

सूचना देने पर पुलिस मौके पर पहुंची और तफ्तीश के बाद मामला कायम कर लिया है साथ ही तीनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिये रवाना किया पुलिस के मुताबिक प्रथम दृष्टया मामला पति पत्नी के बीच झगड़ा और गृहकलेश से जुड़ा लगता है वही सुसाइड नोट और अन्य तथ्यों की जांच के बाद आगे उचित कार्यवाही पुलिस करेगी।

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देवास में बारातियों से भरी बस पलटी, 2 की मौत 40 घायल, 7 बारातियों की हालत नाजुक

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देवास – मध्यप्रदेश के देवास जिले में बारातियों से भरी बस पलटने से दो बारातियों की मौत हो गई जबकि 40 लोग घायल हो गये है जिसमें 7 की हालत गंभीर है जिंन्हे इंदौर के एमबाय अस्पताल रेफर किया गया हैं।

यह दुर्घटना देर रात एक बजे करीब की बताई जा रही है देवास जिले के जैतपुरा गांव से एक बारात लखवाड़ा गांव गई थी देर रात जब शादी के बाद यह बारात लौट रही थी तो सिरोल्या-बरखेड़ा मार्ग के बीच पलट गई बताया जाता है बस चालक बस को तेज गति से चला रहा था और अनियंत्रित होने के बाद यह बस हादसा हुआ। बस में करीब 60 लोग सबार थे इस घटना के बाद बस में सबार बारातियों के बीच चीख पुकार मच गई कुछ बाराती सो भी रहे थे जो ठीक ठाक थे उंन्होने किसी तरह बस से बाहर निकल कर बस में फंसे लोगों और बच्चों को बाहर निकाला सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस भी पहुंच गई जिसने अन्य लोगो की सहायता से सभी घायलों को बाहर निकाला और उन्हें एम्बूलेन्स कीं मदद से देवास जिला अस्पताल भेजा इस घटना में 40 लोग घायल हुए जबकि एक की घटना स्थल पर और एक युवक की अस्पताल में मौत हो गई है मरने वालों में नारायण सिंह चौहान और राकेश शामिल है वही 7 की हालत गंभीर है जिंन्हे देवास से इंदौर एमबाय अस्पताल रेफर किया गया हैं।

लगता है परिवहन विभाग और उसके प्रशासनिक अधिकारियों ने सीधी में हाल में हुई घटना से कोई सबक नही सीखा सीधी में भी निर्धारित संख्या से अधिक यात्री बस में सबार थे और वह बस नहर में गिरी थी इस यात्री बस हादसे में 50 से अधिक जिंदगियां छिन गई खास बात थी इसमें मरने वाले अधिकांश युवा और छात्र थे। अब देवास में यह बड़ी घटना सामने आई जिस मिनी बस में 30 – 35 सबारियो को बिठालने की इजाजत परिवहन विभाग देता हैं वह बस छकाछक भरी थी और उसमें करीब 60 सबारियाँ सबार थी अब परिवहन विभाग औऱ उंसके अधिकारियों पर सबाल उठना लाजमी है कि वह सीधी की घटना के बाद कार्यवाही की बड़ी बड़ी बातें कर रहे थे लेकिन देवास की इस घटना से नही लगता कि वे अभी भी जागे हैं।

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