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छतरपुर

छतरपुरमध्य प्रदेश

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पहुंचे बागेश्वरधाम, की पूजा अर्चना मिले महंत धीरेंद्र शास्त्री से, हिंदू राष्ट्र पर कहा भारत संविधान से चलता है

Kamalnath and Dheerendra Shastri

छतरपुर/ पीसीसी चीफ एवं पूर्व मुख्यमंत्री आज छतरपुर स्थित बागैश्वरधाम मंदिर पहुंचे जहां उन्होंने बाला जी सरकार की पूजा अर्चना की और महंत धीरेंद्र शास्त्री से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया। महंत के हिंदू राष्ट्र की स्थापना की पैरवी के सबाल पर उन्होंने कहा भारत संविधान से चलता है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ सोमवार सुबह 10 बजे करीब चार्टर्ड विमान से खजुराहो पहुंचे उनके साथ कांग्रेस नेता अरुण यादव भी साथ थे खजुराहो से वह हेलीकॉप्टर से छतरपुर के ग्राम गढ़ा स्थित बागेश्वर धाम पहुंचे और बालाजी महाराज की पूजा अर्चना की और बागेश्वर धाम के मंहत पंडित धीरेंद्र शास्त्री से मुलाकात की। इसके उपरांत वह हेलीकॉप्टर से पन्ना के अजयगढ़ में एक कार्यक्रम में शिरकत करने रवाना हो गए।

बागेश्वर धाम दर्शन के बाद मीडिया ने उनसे सवाल किया गया कि बागेश्वर धाम के मंहत देश में हिंदू राष्ट्र बनाने की घोषणा कर रहे है तो कमलनाथ ने कहा कि भारत संविधान से चलता है जो डॉ बाबा साहेब आंबेडकर ने देश को दिया और उनके संविधान के आधार पर ही भारत चलता है। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा में हमने सबसे बड़ा हनुमान मंदिर बनवाया है जो 101 फीट ऊंचा है मेने दर्शन कर प्रार्थना की है कि मध्यप्रदेश का भविष्य सुरक्षित रहे आज की जो चुनौतियां है उनका हम सब मिलकर मुकाबला करेंगे। कमलनाथ ने एक सबाल पर कहा महंत जी सभी को आशीर्वाद देते है मुझे भी दिया।

इधर बीजेपी ने इसको कांग्रेस का दोहरा चरित्र बताया है बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कमलनाथ का बागेश्वर धाम पहुंचना और बालाजी की पूजा अर्चना के साथ महंत धीरेंद्र शास्त्री से आशीर्वाद लेना उसके दोहरे चरित्र का घोतक है क्योंकि एक तरफ नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह महंत के खिलाफ अनर्गल बोलते है और आज पीसीसी चीफ कमलनाथ उन्ही से मिलने नागेश्वर धाम जा पहुंचते हैं इससे साफ है कांग्रेस नेताओं में आपस में ही तालमेल नहीं है और यही उसकी असली तस्वीर है।

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छतरपुरभोपालमध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश के वनों में लगाये 20.93 लाख पौधे, पर सौ वर्ग किमी वन क्षेत्र घटा उठे सबाल, हीरे के लिये बकस्वाहा के जंगल में 2.15 लाख पेड़ो की बलि

Forest

भोपाल/ छतरपुर – पर्यावरण बचाने और जंगल को सुरक्षित रखने के लिये वन विभाग ने 1638 करोड़ खर्चा कर करीब 21 करोड़ पौधे प्रदेश के वन क्षेत्र में लगाने का दांवा किया है लेकिन एफएसआई की नई रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में 100 वर्ग किलोमीटर जंगल कम हो गया है। जिससे सबाल उठ रहे है इधर सरकार ने छतरपुर के बकस्वाहा का जंगल हीरा उत्खनन के लिये लीज पर दे दिया है जिससे करीब 383 हेक्टेयर वन भूमि में लगे 2.15 लाख पेड़ों की बलि देना पड़ेगी।

पेड़ लगे तो वन भूमि कम क्यों हुई –

मध्यप्रदेश में सरकार के वन विभाग और भारतीय वन सर्वेक्षण के आंकड़ों में भारी अंतर आ रहा है जिससे साफ होता है कि सरकार पर्यावरण बचाने के लिये कितना गंभीर है। वन विभाग के मुताबिक मध्यप्रदेश में 2014 -15 से 2019 -20 तक करीब 20 करोड़ 93 लाख पौधे लगाए गये और एक पौधे पर 78 ₹ की लागत आई, इस तरह कुल 1638 करोड़ की राशि खर्चा हुई लेकिन एफएसआई की ताजा रिपोर्ट कहती है इन छह सालों में प्रदेश में 100 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा वन क्षेत्र कम हुआ हैं इतना ही नही 1 जनवरी 2015 से 5 फरवरी 2019 तक 12 हजार 785 हेक्टेयर वन भूमि दूसरे कामों के लिये दे दी गई। हॉ एक बात राहत की है रिपोर्ट में 2005 के मुकाबले 2019 में प्रदेश में 1469 वर्ग किमी ग्रीन कवर बढ़ने की बात भी कही गई हैं।

हरदा में सबसे ज्यादा 51 फीसदी वनभूमि हुई कम –

प्रदेश में फिलहाल कुल क्षेत्रफल का 25 प्रतिशत इलाका फॉरेस्ट कवर है यदि वन भूमि के कम होने पर नजर डाले तो सबसे अधिक हरदा में 51 फीसदी क्षेत्र घटा है जबकि पन्ना में सबसे अधिक 57 फीसदी वनक्षेत्र बढ़ा भी है वही भोपाल में 25 फीसदी कमी आई हैं। जबकि वन प्रशासन वन भूमि के घटने की पट्टे देना एक बड़ी बजह बताता हैं। कुल मिलाकर प्रदेश में 100 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र कम हुआ है।

जबकि इस साल 2021-22 के वर्षाकाल में वन्य क्षेत्र में चार करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन कोरोना संकट के चलते यह का अधर में हैं इसलिये जून में पौधे लगाने का काम युद्धस्तर पर होने की संभावना हैं।

राजस्व बढ़ाने दी जायेगी बकस्वाहा के जंगल मे 2 लाख से अधिक पेड़ो की बलि –

छतरपुर के बकस्वाहा का हरे भरे जंगल का यह अंतिम पर्यावरण दिवस है, क्योंकि अगले साल यहां के 382.131 हेक्टेयर वन क्षेत्र के 46 प्रजाति के 2 लाख 15 हजार 875 जड़ी बूटी सहित अन्य प्रजाति के पेड़ काट दिये जायेंगे। इसके साथ लाखों छोटे पेड़ पौधे झाड़ियां और घास के मैदान भी खत्म हो जायेंगे।

म. प्र. सरकार ने हीरा खनन के लिये दिया जंगल –

मध्यप्रदेश सरकार ने यह जंगल 50 साल की लीच पर आदित्य बिड़ला समूह की एस्सेल माइनिंग कंपनी को दे दिया है जो यहां का जंगल साफ करके 3.42 करोड़ कैरेट हीरों का उत्खनन करेगी। कंपनी ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के पास पर्यावरण स्वीकृति के लिये आवेदन भेजा है आशा है अगले माह से कंपनी काम शुरु करेगी।

नोरादेही और पन्ना टाइगर रिजर्व को जोड़ता हैं बकस्वाहा का जंगल –

छतरपुर के बकस्वाहा का यह जंगल पन्ना टाइगर रिजर्व और नोरादेही अभ्यारण के मध्य का है जो दोनो संरक्षित अभ्यारण के क्षेत्र को जोड़ता है बकस्वाहा के इस जंगल में भालू बारहसिंगा हिरण तेंदुआ बंदर नील गाय लोमड़ी मोर गिद्ध और बाज प्रवासरत हैं। लेकिन जब जंगल की कटाई हो जायेगी तो उनका प्राकृतिक रहवास भी छिन जायेंगा इतनी भारी तादाद में इस जंगल में मौजूद जंगली जीवों के जीवन पर संकट पैदा होना लाजमी है वे कहा जायेंगे। इस जंगल मे पहुंची रियोटिटो कंपनी को बंदरों के कई झुंड मिले जिसके कारण कंपनी के इंजीनियरों ने इस हीरा खनन प्रोजेक्ट का नाम मंकी प्रोजेक्ट रख दिया हैं।

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छतरपुरमध्य प्रदेश

छतरपुर में कांग्रेस नेता की गोली मारकर हत्या, परिजनों का हंगामा घटना सीसीटीवी में कैद, कमलनाथ ने सरकार को घेरा

Indrapratap singh

छतरपुर – मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के बड़ामलहरा में हेलमेट पहने दो अज्ञात बाइक सबार हमलावरों ने कांग्रेस नेता एवं घुवारा के ब्लॉक अध्यक्ष इंद्रप्रताप सिंह परमार उर्फ छोटे राजा की गोली मारकर हत्या करदी यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई है पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और वह सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की तलाश में जुट गई हैं। लेकिन इस वारदात के बाद परिजनों ने जोरदार हंगामा किया और अस्पताल में तोडफ़ोड़ के साथ हाईवे जाम किया।

बड़ामलहरा के आयुष होटल के पास एक मोटरसाइकिल पर सवार दो बदमाश अचानक आये और जो हेलमेट पहने हुए थे उसमें से पीछे बैठे बदमाश ने अचानक होटल के बाहर जा रहे इंद्रपाल प्रताप सिंह परमार उर्फ छोटे राजा पर फायरिंग शुरू कर दी गोली लगने से छोटे राजा बुरी तरह घायल हो गये इस दौरान बदमाश बाइक पर ही मौका ए वारदात से फरार हो गये। इस बीच वहां भीड़ लग गई और घटना की ख़बर मिलने पर पुलिस भी मौके पर आ गई तुरत फुरत घायल कांग्रेस नेता को बड़ामलहरा स्थित अस्पताल रवाना किया हालत गंभीर होने से वहां से उसे छतरपुर जिला अस्पताल रेफर किया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गईं। यह पूरी वारदात होटल के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई।

जिला चिकित्सालय में डॉक्टरों के कांग्रेस नेता को मृत घोषित करने के बाद परिजनों और उनके समर्थकों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और अस्पताल में तोड़फोड़ की बाद में इस घटना को लेकर हाईवे पर जाम लगा दिया इस दौरान भारी तादाद में पुलिस बल और अधिकारी आ गये।

संभावना जताई जा रही है यह हत्या की वारदात पुरानी चुनावी रंजिश के चलते हुई है और 2015 में मृतक कांग्रेस नेता इन्द्रप्रताप सिंह के भाई की हत्या भी हो चुकी हैं।

फिलहाल पुलिस ने अज्ञात हमलावरों के ख़िलाफ़ हत्या का मामला कायंम कर लिया है और वह सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उनकी खोजबीन कर रही हैं। सीएसपी लोकेंद्र सिंह का कहना है पुलिस हर बिंदु को आगे रखकर जांच करेगी और जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा।

इधर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर इस घटना पर गहरा दुख जताया हैं और सरकार से उचित और कड़ी कार्यवाही करने के साथ आरोपियों को शीघ्र पकड़ने की मांग की है साथ ही उन्होंने प्रदेश में बढ़ते अपराधों पर बीजेपी सरकार को कटघरे में भी खड़ा किया हैं।

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छतरपुरमध्य प्रदेश

बिजली बिल अदा करने में नाकाम किसान ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, पीएम के नाम लिखा सुसाइड नोट

Farmer did suicide
  • बिजली बिल अदा करने में नाकाम किसान ने फांसी लगाकर की आत्महत्या,

  • पीएम के नाम लिखा सुसाइड नोट,

  • बिजली विभाग की प्रताड़ना से तंग किसान ने की आत्महत्या

छतरपुर – मध्यप्रदेश के छतरपुर जिला मुख्यालय के नजदीकी गांव मातगंवा में बिजली का बिल अदा करने में नाकाम एक किसान ने बिजली विभाग के अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली। बताया जाता है किसान फसल नही होने से पहले से ही परेशान था उंसने कुछ समय की मौहलत भी मांगी लेकिन नही मिली उल्टा बिजली विभाग के अधिकारियों ने उसकी सरेआम बेइज्जती ही नही की बल्कि उसकी बाइक और चक्की भी जब्त कर उठा ले गये।

इस अपमान को वह सह नही सका और उसने खुदकुशी जैसा बड़ा कदम उठा लिया। बताते है मृतक किसान देश के प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री और किसानों के नाम एक सुसाइड नोट भी छोड़ गया है। इस घटना से आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में शोक का माहौल होने के साथ बिजली विभाग के खिलाफ गुस्सा भी देखा जा रहा हैं।

जानकारी के मुताबिक 35 वर्षीय मुनेंद्र राजपूत ( पुत्र घनश्याम राजपूत )छोटा किसान था और गांव के घर मे चक्की लगाकर अपने परिवार का पालन करता था पिछले दिनों से उसकी फसल भी नही हुई थी आर्थिक परेशानी के चलते उसपर बिजली बिल का करीब 50 हजार चढ़ गया। गत रोज बिजली विभाग के इंजीनियर और अन्य अमला बसूली करने मातगंवा गांव आया था उन्होंने बिजली बिल नही भरने पर मुनेंद्र के साथ काफी अभद्रता और अपशब्दों का प्रयोग किया इतना ही नही बिजली विभाग के अधिकारियों के कहने पर कर्मचारी उसकी मोटर साइकिल और चक्की और उसका अन्य सामान जब्त कर ले गये। इस प्रताड़ना से मुनेंद्र काफी व्यथित और दुखी हो गया और उसने खेत पर जाकर आम के पेड़ पर फांसी का फंदा बनाया और उससे झूल गया जिससे उसकी मौत हो गई।

इस घटना की खबर मिलने पर मातगंवा थाना पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और उसने शव को उतारकर पोस्टमार्टम के लिये रवाना किया , पुलिस को तलाशी के दौरान मृतक किसान के पास से तीन पन्नों का सुसाइड नोट भी मिला हैं फिलहाल थाना प्रभारी कमलजीत सिंह का कहना है पुलिस ने मामला कायंम कर लिया और विवेचना शुरू कर दी है और जांच के बाद ही कहा जा सकेगा कि मुनेंद्र ने आत्महत्या क्यों की है। जबकि थाना प्रभारी ने सुसाइड नोट मिलने की बात भी स्वीकार की है।

बताया जाता है पुलिस को जो सुसाइड नोट मिला है वह अलग अलग तीन लोगों के नाम हैं पहला देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दूसरा प्रदेश सरकार के मुखिया और तीसरा किसानों के नाम से सबोधित किया गया हैं। जिसमें उसने अपनी गरीबी की व्यथा लिखने के साथ बिजली विभाग की हिटलरशाही और नाइंसाफी का उल्लेख करते हुए उन्हें अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है। जबकि मृतक के भाई ने भी यही सब बताते हुए दोषियों पर कार्यवाही की मांग करते हुए न्याय की गुहार प्रदेश शासन और मुख्यमंत्री से लगाई है।

इधर मातगंवा गांव और आसपास के इलाके में किसान मुनेंद्र राज़पूत के आत्महत्या करने के बाद मातम पसरा है। जबकि स्थानीय ग्रामीणों और किसानों में इस घटना को लेकर बिजली विभाग के खिलाफ काफी गुस्सा है, और यह आंदोलन करने की रणनीति पर भी विचार कर रहे है। बिडंबना है कि एक ओर किसान अपने हकों के लिये दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे है वही दूसरी तरफ एक गरीब छोटा किसान बिजली का बिल नही भर पाने से खुदकुशी करने को मजबूर है।

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छतरपुरमध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश के बुंदेली लोक गायक देशराज पटेरिया और उनकी आवाज शून्यता में खोई

  • मध्यप्रदेश के बुंदेली लोक गायक देशराज पटेरिया और उनकी आवाज शून्यता में खोई…

  • हार्ट अटैक से दुखद निधन …

  • मध्यप्रदेश की लोक कला की अपूर्णनीय क्षति

छत्तरपुर -देश के जाने माने मशहूर बुंदेली लोक गायक देशराज पटेरिया और उनकी सुमधुर आवाज अब हमारे बीच नही रही और शून्यता में कही खो गई , हार्ट अटैक आने से आज सुबह तड़के श्री पटेरिया का दुखद निधन हो गया उनके निधन से मध्यप्रदेश सहित देश की लोक संगीत कला में एक बड़ी शून्यता आ गई हैं जिसकी भरपाई करना काफी मुश्किल होगा।

विख्यात लोक कलाकार देशराज पटेरिया नही रहे –

जानकारी के अनुसार बुद्धवार को लोक गायक देशराज पटेरिया को दिल का दौरा पड़ा था उसके बाद इलाज के लिए उन्हें छतरपुर के मिशन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था जहां उनकी हालत लगातार गिरती गई और पिछले 4 दिन से वे वेंटीलेटर पर थे इलाज के दौरान आज शनिवार की सुबह 3.15 बजे उन्हें फिर दिल का दौरा पड़ा और उनकी हृदय गति रुक गई, जिससे उनका निधन हो गया और 66 वर्ष की उम्र में इस लोक गायक ने दुनिया को अलविदा कर दिया।

वीर श्रृंगार और भक्ति के सम्मिश्रण के लोक संगीत की प्रस्तुति का अलग था अंदाज पटेरिया का –

देशराज पटेरिया ने बुंदेलखंड की लोक गायन कला को एक नया आयाम दिया उनकी प्रस्तुति एक अलग ही अंदाज प्रस्तुत करती थी उनके गायन में श्रृंगार, भक्ति और वीर रस का अद्भुत सम्मिश्रण देखने को मिलता था यही बजह थी कि देशराज पटेरिया की बुंदेली लोक गायन कला और उनकी विशेष शैली मध्यप्रदेश की जनता के बीच एक आत्ममुग्धता का बोध कराती थी और अपनी इस गायन कला को उन्होंने हमेशा उत्कृष्टता और जीवंतता की ओर समर्पित किया और परवान चढ़ाया।

उनका जाना प्रदेश की लोक कला को बड़ी क्षति –

लोक गायक देशराज पटेरिया का ऐसे चला जाना निश्चित ही मध्य प्रदेश की लोक गायन कला को एक बड़ा झटका होने के साथ एक अपूर्णनीय क्षति है क्योंकि उन्होंने सदा इस बुंदेलखंड की इस लोक गायन वादन कला को आगे बढ़ाया और उसे देश प्रदेश में बड़ा सम्मान भी दिलाया।

प्रसिद्ध लोक गायक का जन्म स्थल-

लोकगायक देशराज पटेरिया का जन्म मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के नौगांव कस्बे के पास तिटानी गांव में 25 जुलाई सन 1953 में हुआ था। 18 साल की उम्र से ही वो कीर्तन मंडलियों में भाग लेकर गांव-गांव गायन करने जाते थे. गायन कला के साथ-साथ उन्होंने हायर सेकंडरी की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की। लेकिन बुंदेलखंड के ग्रामीण परिवेश में जन्मे देशराज की गायन कला में रूचि बराबर बनी रही और वे कीर्तनकार से लोक कला के बड़े गायक बन गये। आप आकाशवाणी और दूरदर्शन पर भी छाये रहे। पटेरिया का संबंध समूचे बुंदेलखंड से था दतिया भी वे कई बार आये और यहां कार्यक्रम दिया दतिया में उनकी रिश्तेदारी भी थी।

पटेरिया ने पहला लोकगीत सन 1976 में प्रस्तुत किया और होते गये मशहूर –

लोक गायक पटेरिया की संगीत और गायन कला में ऐसा खिचाव था कि जल्द ही वे संगीत रसिको के दिलों पर राज करने लगे देशराज पटेरिया ने हमेशा श्रृंगार, भक्ति व वीर रस को प्रस्तुत किया जो बुंदेलखंड के कण कण में बसता है। उनकी प्रस्तुति का एक अलग अंदाज था इसी विशेषता से वे लोगों की चाहत बनते गये और इस बुंदेली कला को भी एक खास मुकाम मिला।

लोक गायक पटेरिया ने तीन साल पहले अपनी अंतिम प्रस्तुती मां के दरबार जलविहार मेले में दी थी खास बात है यही उन्होंने पहली प्रस्तुति भी दी थी।

इस लोक गायक का सबसे पसंदीदा गीत कोन सा –

पटेरिया का सबसे पसंदीदा लोकगीतों में साधना के साथ ” “सारी जूं राय के जाईये मजे से कह दईयो…” और “वो किसान की लली, खेत खलियान को चली… मगरे पर बोल रहा था कऊआ लगत तेरे मायके से आ गए लिबऊआ..” और “नई नई दुल्हन सज गई ऐन घुँघटा में नैना कजरारे, गोरे गाल…” इसके अलावा हरदौल राई गीत और श्रीकृष्ण के भक्ति गीत उनके ऐसे सैकड़ों गीत हैं जो आज भी लोगों को मुंह जुबानी याद हैं और खास समय पर उन्हें गाना या गुनगुनाना उनके चाहने वाले ना आज भूल पायेंगे ना ही कल भूल पायेंगे क्योंकि इस लोकगायक की आवाज के कसक ही कुछ ऐसी थी आज यह लोक गायक तो नही रहा लेकिन उनकी मधुर आवाज संगीत के रूप में हमेशा जिंदा रहेगी और मध्यप्रदेश ही क्या देश भी उनको कभी भूल नही पायेगा।

रिपोर्ट – अलकेन्द्र सहाय

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छतरपुरमध्य प्रदेश

छतरपुर में 6 साल के मासूम का अपहरण, मांगी एक करोड़ की फिरौती

  • छतरपुर में 6 साल के मासूम का अपहरण

  • मांगी एक करोड़ की फिरौती…

  • पुलिस ने अगवा बच्चें को सकुशल मुक्त कराने के साथ आरोपियों को लिया हिरासत में…

छतरपुर– मध्यप्रदेश के छतरपुर में 6 साल के एक मासूम बच्चें को अगवाकर परिवार से अपहरण कर्ताओं ने एक करोड़ की फिरौती मांगी थी लेकिन पुलिस ने इस अत्याधिक संवेदनशील मामले में सूझबूझ का परिचय देते हुए 14 घंटे के अंदर ना केवल उस मासूम को सकुशल अपहरण कर्ताओं के चंगुल से मुक्त करा लिया, बल्कि 5 आरोपियों को गिरफ्तार करने में भी सफलता पाई हैं।

छतरपुर शहर के चौबे कालोनी स्थित नरसिंह मंदिर के पास रहते है अवधेश नारायण तिवारी इनके 6 साल के नाती अभिन्न तिवारी का 19 अगस्त को दोपहर 12 बजे करीब अपहरण हो जाता है 2 घंटे बाद मासूम के पिता भास्कर तिवारी के मोबाइल पर किन्हीं अज्ञात व्यक्ति का फोन आता है औऱ वह बच्चें को छोड़ने के एवज में एक करोड़ रुपये की फिरौती की मांग करता है और पुलिस को ना बताने की धमकी भी देता हैं।

लेकिन बच्चें के पिता ने तुरंत इसकीं जानकारी पुलिस को दी मामले की गंभीरता को समझते हुए आईजी अनिल शर्मा ने तुरत फुरत अधिकारियों को निर्देश दिये औऱ बच्चे की खोजबीन औऱ अपराधियो को गिरफ्त में लेने के लिये पुलिस की टीमों को लगा दिया।

तफ्तीश के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि गढ़ी मलहरा क्षेत्र में बच्चें को कही छुपाकर रखा गया हैं पुलिस टीमें लगातार बच्चे और अपराधियों की खोजबीन में लगी रही तभी जानकारी सामने आई कि बच्चे को मोटर साईकिल से ले जाया गया है और उनमें महेंद्र सेन उर्फ जगन और नीरज राय का हाथ है जब उन्हें पकड़ कर पूछताछ की गई तो दो अन्य लोगो के साथ हल्के कुशवाह का नाम सामने आया ।

मालूम होने पर पुलिस ने गड़ी मलहरा इलाके के रेवाड़ी की पहाड़ी को जा घेरा और वहां दविश दी और बच्चे को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से सकुशल छुड़ा लिया। आई जी अनिल शर्मा के मुताबिक 5 लोग शामिल थे और महेंद्र उर्फ जगन सेन इनके यहां आता जाता रहता था जबकि नीरज राय इनका ड्राइवर था इस अपराध में इनका पड़ोसी भी शामिल था।

इन सभी पर मामला दर्ज कर हिरासत में ले लिया गया हैं और पूछताछ की जा रही हैं। आईजी का कहना है हमने मासूम बच्चे को सकुशल छुड़ा लिया यह पुलिस की बड़ी उपलब्धि है।

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छतरपुरमध्य प्रदेश

बेकाबू स्कॉर्पियो कार और मोटर साइकिलों की भीषण भिड़ंत 4 बच्चों सहित 8 की मौत

  • छतरपुर में दर्दनाक सड़क हादसा

  • बेकाबू स्कॉर्पियो कार और मोटर साइकिलों की भीषण भिड़ंत 4 बच्चों सहित 8 की मौत

छतरपुर – छतरपुर जिले के चन्द्रनगर के पास एक बेकाबू स्कार्पियो कार और दो मोटर साइकिलो कि सीधी भिड़ंत में आठ लोगो की मौके पर मोत हो गई जबकि दुर्घटना के बाद कार पलटकर एक खाई में गिर गई।घटना के बाद बमीठा पुलिस मौके पर पहुंच गई थी और उसने बचाव एवं राहत कार्य शुरू कर दिये है।

जानकारी के मुताबिक घटना चंद्रनगर के जखीरा टेक पर नेशनल हाइवे 75 पर घटी है दो बाइक सबार परिवारों के साथ छतरपुर से पन्ना जा रहे थे तभी विपरीत दिशा से एक स्कार्पियो कार अचानक बेकाबू हुई और वह सीधी दोनो मोटर साइकिलों से जा भिड़ी टक्कर इतनी भीषण थी कि दोनों बाइको के परखच्चे उड़ गये और उनपर बैठे लोगो की घटना स्थल पर ही मौत हो गई|

इस सड़क दुर्घटना के बाद कार बेकाबू होकर किनारे एक गहरी खाई में पलट गई इस हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई जिसमें दो पुरुष दो महिलाएं और 4 मासूम बच्चें शामिल है। घटना की जानकारी मिलने पर बमीठा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और उसने सड़क पर पड़े क्षत विक्षत शवों को पोस्टमार्टम के लिये भेजा साथ ही मामला कायम कर जांच में ले लिया हैं।

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छतरपुरमध्य प्रदेश

छतरपुर और गुना में हुए सड़क हादसों में 4 महिला बच्चों सहित 9 लोगों की मौत,36 घायल

  • छतरपुर और गुना में हुए सड़क हादसों में 4 महिला बच्चों सहित 9 लोगों की मौत,36 घायल

छतरपुर -गुना। मध्यप्रदेश के दो जिलों में हुए सड़क हादसों में 4 महिलाओं सहित नो लोगों की मौत हों गई और महिलाओं बच्चों सहित करीब 36 लोग घायल हुए है जिनमें कुछ कीं हालत गंभीर बताई जा रही है स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन ने घायलों को अस्पताल में भर्ती करा दिया है।

आज सुबह सागर छतरपुर की सीमा पर कपड़े के रोल से भरा एक ट्रक एकाएक पलट गया इसमें करीब 30 प्रवासी मजदूर और उनके परिजन बैठे थे जो महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ नगर जा रहे थे।

बताया जाता है तेज गति की बजह से ट्रक का ड्रॉइवर मोड़ पर बेलेंस खो बैठा और ट्रक पलट गया इस हादसे में 3 महिलाओं सहित 6 लोगों की मौत हो गई और 24 से अधिक मजदूर घायल हो गये।

खबर मिलने पर पुलिस और प्रशासन घटना स्थल पहुंचा और उसने राहत कार्य शुरू किया और घायलों को सागर के बंडा स्थित अस्पताल में भर्ती कराया हैं।

लेकिन इस घटना के बाद घटना स्थल पर काफी हृदय विदारक मार्मिक दृश्य देखा गया मृत महिलाओं के छोटे छोटे बच्चें उनके मृत शरीर के पास बैठे बुरी तरह बिलख रहे थे। यह देखकर किसी का भी दिल द्रवित हो जाये।

इधर गुना में भी समतपुर रोड बायपास पर पुलिया के पास शुक्रवार को फिर सड़क हादसा हो गया एक ट्रक ने ओवर टेक करने के दौरान छोटा हाथी वाहन में सीधी टक्कर मार दी जिससे छोटा हाथी वाहन में मजदूर परिवार सबार थे इस दुर्घटना में एक महिला और दो मासूम बच्चों की मौत हो गई और करीब 12 लोग घायल हो गये।

खबर मिलने पर कैंट थाना पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और उसने वाहनों में फंसे घायलों और मृतकों को बाहर निकाला और घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया हैं।

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छतरपुरमध्य प्रदेश

और वह लौट आया – तीन साल पहले अचानक लापता बेटा घर वापस आ गया

  • और वह लौट आया…

छतरपुर– देश के अधिकांश लोग कोरोना महामारी को बुरी तरह कोस रहे है लेकिन छतरपुर का एक परिवार ऐसा भी हैं जिसके यहां कोरोना संकट खुशियां लेकर आया हैं क्योंकि इनका बेटा जिसे ये मरा समझ कर उसका अंतिम संस्कार भी कर चुके थे वह अचानक घर वापस आ गया।

मध्यप्रदेश के छतरपुर के गांव डिलारी में रहने वाले भगोला आदिवासी का बेटा उदय आदिवासी आज से तीन साल पहले अचानक लापता हो गया पिता और परिजनों ने उसे खूब ढूढ़ा लेकिन नही मिला।

पुलिस में रिपोर्ट की लेकिन कोई नतीजा नही निकला लेकिन शाहगढ़ पुलिस को कुछ दिन बाद गांव के पास मोनासइया के जंगल में एक लड़के का नरकंकाल के रूप में क्षत विक्षत शव मिला पुलिस ने इस परिवार से शिनाख्त कराई ना होने के बाद में भी उस कंकाल को पिता के कहने पर परिवार को सौप दिया इन्होंने उसे अपना बेटा समझकर बाकायदा उसका अंतिम संस्कार ही नही किया बल्कि हिन्दू रीति से बाद में जो भी कार्य होते है वह भी कर दिये और यह मान लिया कि उनका बेटा नही रहा।

लेकिन बीते दिन अचानक उदय आदिवासी नामक यह युवक प्रकट होता हैं और अपने घर आ जाता हैं। उसे देखकर पहले दादी और पिता सहित परिवार के अन्य सदस्य चौक जाते हैं और आँखे फाड़फाड़ कर देखने लगते हैं।

जब यह युवक कहता हैं कि मै तुम्हारा बेटा उदय हूँ तो पहले वो कुछ अकबकाते है क्योकि जो उदय गायब हुआ था वह उस समय करीब 14 साल का था उसकी छवि उनकी आँखों में थी आज जो खड़ा था वह कुछ बड़ा था लेकिन बाद में उसे पहचान लेते है और सभी उंसके मिलने से खुशी से झूम उठते है।

बिन मां के उदय को उसकी दादी ने पाला पोसा था दादी जिस पोते को मरा समझ रही थी वह सही सलामत उंसके सामने खड़ा था, यह उंसके लिये तो सपने जैसा था अपने खोये बच्चे को दुलार करते हुए दादी के आँसू झलक आये जबकि पूरा परिवार उंसके आने की खुशियो में डूब गया तो आस पड़ोस के लोग देखने उंसके घर जुट आये।

बाद में जब उस लड़के से बातचीत हुई तो उसने बताया कि गांव के कुछ लोगों ने उसपर चोरी का झूठा आरोप लगा दिया, जिससे वह बेहद डर गया और किसी को बिना बताये खजुराहों पहुंचा और ट्रेन में बैठकर दिल्ली भाग गया था।

वहां किसी तरह जिंदगी गुजारी लेकिन कोरोना बीमारी के कारण लगे लॉक डाउन की बजह से दिल्ली में परेशानी होने लगी और उसे घर की याद सताने लगी और उसने लौटने का इरादा किया और आ गया।

इस तरह कोरोना की लाख दुश्वारियां लोगों के सामने आ रही है लोग भोग भी रहे है लेकिन ऐसी सुखद घटनाएं भी देखने में आ रही हैं कि लॉक डाउन की बजह से एक गरीब आदिवासी परिवार का बेटा घर लौट आया।

लेकिन सवाल यह भी उठता हैं कि मोनासइया के जंगल में आज से तीन साल पहले कंकाल के रूप में जो क्षत विक्षत लाश मिली थी वह किसकी थी ? अब यह जुमला शाहगढ़ पुलिस के लिये सिरदर्द जरूर बन गया हैं, पुलिस अब यह बंद पड़ी मर्डर मिस्ट्री की फाइल दोबारा खोलेगी और उसे फिर से अपनी तफ्तीश शुरू करना पड़ेगी।

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छतरपुर से हरेंद्र राहुल की रिपोर्ट
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