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मणिपुर में लगा राष्ट्रपति शासन, 21 महीने से जारी हिंसा में 300 मौते, सीएम ने 9 फरवरी को दिया था इस्तीफा

Manipur-Violence

नई दिल्ली, इम्फाल/ केंद्रीय सरकार ने आज मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया है अब राज्यपाल अजय भल्ला पर मणिपुर में शांति व्यवस्था बहाल करने की जिम्मेदारी होगी। जैसा कि 21 महीने में मणिपुर में जातीय हिंसा में करीब 300 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद 9 फरवरी को एन बीरेन सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इधर मणिपुर में कुकी समुदाय का नेतृत्व करने वाले ITLF ने कहा है की हमारी मांग मणिपुर में अलग प्रशासन की है और हम उसपर कायम है।

जैसा कि मणिपुर में 3 मई 2023 से शुरू हुई जातिगत हिंसा में 300 लोग से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें कुकी और मैतई समुदाय में रिजर्वेशन को लेकर ठन गई थी। इस टकराव में हुई हिंसा के बाद सीएम एन बीरेन सिंह पर भारी दबाव था विपक्षी पार्टियां एनडीए और मोदी सरकार से सवाल पूछ रही थी।

इधर ITLF के मुख्य प्रवक्ता गिनजा बूलजांग ने कहा है कि मणिपुर में लगातार हिंसा जारी है लेकिन केंद्रीय सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया जब बिरेन सिंह पर अविश्वास प्रस्ताव आने वाला था और बिरेन सिंह के ऑडियो की जांच शुरू हुई और सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई शुरू की तो उसके दबाव में बीरेन सिंह ने इस्तीफा दिया है। लेकिन हमारी मांग पूर्ववत है हिंसा में हमारे सैकड़ों लोग मारे गए खून खराबा हुआ अब हम पीछे हटने वाले नहीं है हमारी मांग है मणिपुर में हमारा प्रशासन अलग हो और हम इस मांग पर कायम रहेंगे।

इधर नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने X पर पोस्ट कर कहा है कि भारी जान माल के नुकसान के बाद भी पीएम मोदी ने बीरेन सिंह को मणिपुर का सीएम बनाए रखा लेकिन अब लोगों के बढ़ते दबाव और सुप्रीम कोर्ट की जांच और कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव की बजह से बीरेन सिंह ने इस्तीफा दिया है।

उन्होंने कहा मणिपुर में हालत सुधारने की जिम्मेदारी केंद्रीय सरकार की है और पीएम नरेंद्र मोदी खुद मणिपुर जाए और वहां शांति बहाल करने की कोशिश करे और मणिपुर में हालत सुधारने की उनकी क्या योजना है उससे अवगत कराए।

खास बात है कि इससे पहले लंबे समय से मणिपुर के प्रभारी और बीजेपी सांसद संविद पात्रा राज्य में दूसरे सम्भावित मुख्यमंत्री के नाम की चर्चा कर रहे थे उन्होंने इसको लेकर बीजेपी और उसके समर्थक विधायकों की कई बैठके भी की लेकिन उनके प्रयास धरे के धरे रह गए नए नेता के नाम का चुनाव वह आखिर तक नहीं कर सके। इसकी जानकारी केंद्रीय सरकार को भी प्राप्त हो गई। इसके बाद राज्यपाल अजय भल्ला ने पूरी स्थिति की एक रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेजी और राष्ट्रपति ने उसपर अनुच्छेद 356 का पालन करते हुए मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने का आदेश दे दिया।

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मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, सितंबर में 11 की मौत, ड्रोन हमलों के खिलाफ हजारों सड़कों उतरे, कर्फ्यू लगा इंटरनेट बंद

Manipur Violence Shots

इंफाल/ मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा भड़क गई हैं अलग अलग घटनाओं में अभी तक यहां 11 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कई लोग घायल हुए है बताया जाता है आधुनिक हथियार और ड्रोन हमलों के बाद मैतई समुदाय हजारों की संख्या में इंफाल की सड़कों पर उतरा और उसने जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान जब यह राजभवन की ओर सीएम हाऊस की तरफ बड़े तो सुरक्षा बल और पुलिस ने टियर गैस के गोले दागने के साथ बेरीगेटिंग कर उन्हें रोका। फिलहाल मणिपुर में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है साथ ही कर्फ्यू लगा दिया गया है।

फिर डरावनी हिंसा की तस्वीरें, ड्रोन हमलों के खिलाफ मैतई का जोरदार प्रदर्शन…

पिछले 1 सितंबर से मणिपुर से फिर डरावनी तस्वीरे सामने आने लगी और मणिपुर एक बार फिर से जलने लगा है। पिछले दिनों हुए ड्रोन हमलों के खिलाफ रविवार को राजधानी इंफाल में हजारों लोग सड़कों पर उतरे और जोरदार प्रदर्शन किया उनकी प्रमुख मांग है कि ड्रोन हमलों को रोका जाएं, सेंट्रल फोर्सिस की बापसी हो, और डीजीपी को बदला जाएं। जब यह प्रदर्शनकारी सीएम हाउस का घेराव करने राजभवन की ओर बड़े तो पहले से वहां मोजूद फ़ोर्स ने उन्हें बेरीगेटिंग कर रोका लेकिन जब वह नहीं माने तो पुलिस ने अश्रु गैस के गोले दागे और उन्हे पीछे धकेल दिया। तब प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठ गए और नारेबाजी और प्रदर्शन के साथ धरना शुरू कर दिया।
इसके बाद मुख्यमंत्री एम वीरेंद्र सिंह ने नए राज्यपाल को रात 11 बजे एक ज्ञापन सौंपा।

एक सप्ताह में 8 की मौत कई घायल …

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 7 सितंबर को कुकी समुदाय के फोर्स ने जिरोबाम में अटैक किया था जिसमें 5 लोगों की मौत हुई थी जिसमें एक व्यक्ति की मौत सोने के दौरान और चार की इस गोलीबारी के हमले से बचाव के दौरान मौत हुई आरोप है कि यह ड्रोन हमला था। इसके बाद कोपचिंग डिस्टिक बंदूकों और बम गिराकर हमला हुआ। जबकि 6 सितंबर को विष्णुपुर डिस्टिक में अटैक हुआ पहला अटैक सुबह 4.30 बजे रॉकेट से अटैक किया गया,दूसरा हमला अन ग्राईंडेड मिसाइलों से किया गया जिससे दो बिल्डिंग्स को नुकसान पहुंचा उसके साथ ही फॉर्मर चीफ मिनिस्टर के यहां मिसाइल छोड़ी गई। इस हमले में एक बुजुर्ग और एक बच्ची की मौत हो गई और 5 लोग घायल हो गए। आरोप हैं कि यह सब हमले ड्रोन की मदद से किए गए।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 7 सितंबर को कुकी समुदाय के फोर्स ने जिरोबाम में अटैक किया था जिसमें 5 लोगों की मौत हुई थी जिसमें एक व्यक्ति की मौत सोने के दौरान और चार की इस गोलीबारी के हमले से बचाव के दौरान मौत हुई आरोप है कि यह ड्रोन हमला था। इसके बाद कोपचिंग डिस्टिक बंदूकों और बम गिराकर हमला हुआ। जबकि 6 सितंबर को विष्णुपुर डिस्टिक में अटैक हुआ पहला अटैक सुबह 4.30 बजे रॉकेट से अटैक किया गया,दूसरा हमला अन ग्राईंडेड मिसाइलों से किया गया जिससे दो बिल्डिंग्स को नुकसान पहुंचा उसके साथ ही फॉर्मर चीफ मिनिस्टर के यहां मिसाइल छोड़ी गई। इस हमले में एक बुजुर्ग और एक बच्ची की मौत हो गई और 5 लोग घायल हो गए। आरोप हैं कि यह सब हमले ड्रोन की मदद से किए गए। इस तरह इस हिंसा में पिछले 7 दिन में 8 लोगों की मौत हो गई।

एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात किया …

इसके बाद एंटी ड्रोन सिस्टम को प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है आईजीपी इंटेलिजेंस ने 24/7 ड्रोन हमलों पर रोक की तैयारी की है आरोप है कि यह ड्रोन हमले कुकी समुदाय की तरफ से किए जा रहे है। प्रभावित क्षेत्रों में दंगा उन्मूलन बल और आरएएफ को भी तैनात किया गया है।

क्या है विवाद का कारण …

मणिपुर के कुकी और मैतई समुदाय में आरक्षण को लेकर विवाद की शुरूआत हुई। मणिपुर की वीरेंदर सिंह की सरकार के मैतई समुदाय को एसटी (अनुसूचित जनजाति) का दर्जा दिए जाने से कुकी (जो पहले से एसटी दर्जा प्राप्त है) नाराज हो गए,आरक्षण मिलने से मैतई समाज के लोग मणिपुर के पहाड़ी और बाहरी इलाकों में जमीन और संपत्ति खरीद सकते थे और रह भी सकते है। जबकि कुकी समुदाय खुद के लिए अलग स्टेट की मांग पहले से करता आया है। आरक्षण मामले को लेकर दोनों समुदाय के बीच टकराव की नौबत आ गई और मई 2023 से यह हिंसा की शुरूआत हुई इन 16 महिनों में एक दूसरे के इलाकों में घुसकर जिसको मौका मिला उसने हमले किए और अभी तक हुई हिंसा में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है एक हजार से ज्यादा लोग घायल हुए जबकि 5 हजार लोग अपने घर छोड़कर पलायन कर चुके हैं। जबकि कोर्ट ने सरकार के फैसले पर रोक लगा दी है लेकिन दोनों के बीच बड़ते वैमनस्य और टकराव के चलते मणिपुर एक बार फिर से सुलग गया है। अब केंद्र सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह मणिपुर को लेकर कोई ठोस कदम उठाए और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यदि पहल करते है तो मणिपुर में शांति बहाली जल्द हो सकती है।

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मणिपुर के थोबल से “भारत जोड़ों न्याय यात्रा” शुरू, बीजेपी RSS के लिए मणिपुर देश का हिस्सा नहीं, पीएम आंसू पोछने नहीं आए, कहा राहुल ने

Bharat Jodo Nyay Yatra Starts

इंफाल/ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में आज मणिपुर के थोबल से “भारत जोड़ों न्याय यात्रा” की शुरूआत हुई। इस मौके पर देश के अनेक हिस्सों से आए सीनियर कांग्रेस नेता और आम लोग भी भारी संख्या में जुटे। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा आज मणिपुर के हालात काफी खराब है यहां कोने कोने में हिंसा फैली हुई है लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तक मणिपुर नहीं आए उन्होंने सबाल किया कि बीजेपी और आरएसएस मणिपुर को देश का हिस्सा ही नहीं समझते यह शर्म की बात है।

मणिपुर के थोबल में न्याय यात्रा की शुरूआत से पहले राहुल गांधी ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा मणिपुर में भाई बहन माता पिता एक दूसरे की आंखों के सामने मरे लेकिन आज तक देश के प्रधानमंत्री आपके आंसू पोछने और गले मिलने मणिपुर नही आए वह मणिपुर का दर्द ही नहीं समझते यह शर्म की बात है। कांग्रेस नेता ने कहा हम आपकी सुनने आए है मन की बार सुनाने नही आए है। उन्होंने कहा 2004 से मैं राजनीति में हूं पहली बार में देश के एक हिस्से में गया जून 2023 के बाद सारे हालात ही बदल गए जहां गवर्नेंस का पूरा स्ट्रक्चर बिगड़ गया कोने कोने में नफरत और हिंसा फैली है सभी का काफी नुकसान हुआ हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा पीएम नरेंद्र मोदी यहां वोट के लिए आते है लेकिन जब मणिपुर के लोग मुसीबत में होते है तब वे नहीं आते, वे समंदर की सैर करते है, राम राम जपते है साफ है उनके मुंह में राम बगल में छुरी, जैसा है यह वे जनता के साथ नहीं करे उन्हें वोट के लिए यह ढौंगबाजी नही करना चाहिए। उन्होंने कहा जब पंडित नेहरू मणिपुर आए थे तो उन्होंने इसे देश का गहना बताया था वही श्रीमती इंदिरा गांधी और राजीव गांधी भी यही कहते थे यह मणिपुर की भूमि है जो आजादी के लिए लड़ी उसका योगदान अहम हैं। इस मौके पर उन्होने एक शेर भी पढ़ा… “जब हौंसला बना ऊंची उड़ान का, फिर देखना फिजूल है कद आसमान का”

इस अवसर पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर यह यात्रा शुरू हो रही है यह न्याय की लड़ाई है आज मणिपुर से प्रारंभ हो रही है यह सफल हो या असफल यह कांग्रेस की विचारधारा की लड़ाई है और यह विचारधारा ही देश को बचा सकती है इस यात्रा का चुनाव की जीत हार से कोई लेना देना नही हैं।

राहुल गांधी के साथ ही वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा अशोक गहलोत दिग्विजय सिंह राजीव शुक्ला सचिन पायलट सलमान खुर्शीद मणिपुर पहुंचे और यात्रा में शामिल हुए। इसके अलावा मध्यप्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी सहित अन्य प्रांतीय अध्यक्ष और सीनियर नेता भी यात्रा में मौजूद रहे। यात्रा के दौरान राहुल गांधी जगह जगह बस से उतरे और सड़क किनारे खड़े लोगों से मिले साथ ही उन्होंने बच्चों को गोद में लेकर प्यार किया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुआई में मणिपुर के इंफाल के नजदीक थोबल से भारत जोड़ो न्याय यात्रा का रविवार को आगाज हुआ। यह यात्रा 65 दिन तक चलेगी जो 15 राज्यों और 110 जिलों से गुजरेगी इस यात्रा का समापन 20 मार्च को महाराष्ट्र के मुंबई में होगा। 6700 किलोमीटर की यह न्याय यात्रा राहुल गांधी बस और कही कही पैदल चलकर पूरी करेंगे।

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मुख्यमंत्री के घर पर हमले की कोशिश, दो स्टूडेंट्स के मर्डर की तस्वीर वायरल होने पर मणिपुर में स्थिति बिगड़ी, प्रदर्शन जारी एक छात्र गंभीर, AFSPA का फैसला विवादों में

Manipur Protesters Attack on CM House

इंफाल / मणिपुर में जातिगत हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है दो स्टूडेंट्स के किडनेप और मर्डर के बाद शवों की तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल होने से फिर टकराव की नोबत पैदा हो गई है बुद्धवार को छात्रों और सुरक्षा बल आमने सामने आ गए और पैटन गन से एक छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया लेकिन गुरुवार को भीड़ ने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के निवास पर हमले की कोशिश की जिसे सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया। इधर सुरक्षा बल दोषियों के साथ शवों की खोजबीन कर रहे है लेकिन फिलहाल कुछ पता नहीं चला है। जबकि सीबीआई की एक टीम मामले की जांच के लिए पहुंच गई है सरकार ने इंटरनेट पर रोक के साथ स्कूल कॉलेज 29 सितंबर तक बंद करने के आदेश जारी करने के साथ कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया है साथ ही सरकार ने सभी से शांति और संयम रखने की अपील की है। लेकिन सरकार का AFSPA लागू करने का फरमान विवादों में आ गया है।

23 सितंबर को मोबाइल इंटरनेट से बैन हटने के बाद दो स्टूडेंट्स के शवो की फोटो सामने आई थी बताया जाता है यह दोनों जुलाई माह से लापता थे फ़ोटो में दोनों के शव जमीन पर पड़े थे और छात्र का सिर कटा हुआ दिख रहा था। इसके बाद इस मामले से जुड़ी दो तस्वीरें भी सामने आई जिसमें 17 वर्षीय छात्रा हिजाम लीनथोइंगबी और 20 साल का छात्र फिजाम हेमाजीत बैठे हुए है तस्वीर में छात्रा सफेद टीशर्ट में है और छात्र हेमजीत चेक की शर्ट पहने दिख रहा है जो बेकपेक पकड़े हुए है तस्वीर में पीछे की तरफ दो बंदूकधारी साफ दिखाई दे रहे है। दूसरी तस्वीर में दोनों स्टूडेंट्स के शव झाड़ियों में पड़े दिखाई दे रहे हैं।

इसके बाद सुरक्षा बल सक्रिय हुए उन्होंने आरोपियों की तलाशी के साथ शवों की खोजबीन शुरू की लेकिन सुरक्षा बल और पुलिस अभी तक अंधेरे में ही है शवों का कोई पता तो नही चला बल्कि यह तस्वीर किस इलाके की है इसकी भी जानकारी फिलहाल सुरक्षा बलों पर नही है। शव तो नही मिले लेकिन जुलाई में दोनों स्टूडेंट्स बाजार की एक दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में जाते दिखाई दे रहे है। लेकिन उसके बाद दोनों लापता हो गए थे संभवत उनको अगवा कर लिया गया था।

लेकिन इंटरनेट पर 23 सितंबर को इन दोनों की हत्या की तस्वीरें सामने आने के बाद एक बार फिर पूरा मणिपुर सुलग उठा इसके विरोध में 26 सितंबर को इंफाल में हजारों छात्र छात्राएं सड़कों पर उतर आए और उन्होंने जोरदार प्रदर्शन किया, जो बुद्घवार को भी जारी रहा भाजपा के थोबुल जिले के कार्यालय को भीड़ ने आग के हवाले कर दिया तो बीजेपी अध्यक्ष शारदा देवी के घर को प्रदर्शनकारियों ने घेर लिया इस बीच पुलिस और सुरक्षा बलों ने जब प्रदर्शनकारियों के रोकने की कोशिश की तो दोनों के बीच तेज झड़प शुरू हो गई और आपस में भिड़ंत हो गई जिसमें एक शिक्षक सहित 54 स्टूडेंट्स घायल हो गए जिन्हें बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं। बुधवार को भी छात्रों ने जोरदार प्रदर्शन किया इस दौरान उनकी पुलिस सुरक्षा बलों के बीच तीखी झड़प हो गई इस दौरान भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी साथ ही नकली बम फैंकने के साथ पेंटेन गन का भी इस्तेमाल किया इस बीच इंफाल के जोमई इलाके में एक 20 साल के छात्र एस उत्तम के सिर में पेंटेंन गन के कई छर्रे लगे जिसको गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि डीजीपी राजीव सिंह ने पेंटेन गन चलाने के मामले में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है।

इसके बाद सरकार ने मणिपुर को अशांत क्षेत्र घोषित करते हुए इंटरनेट सेवा पर फिर से बेन लगा दिया और 19 थाना क्षेत्र छोड़कर पूरे मणिपुर में कर्फ्यू की घोषणा कर दी इस दौरान सभी निजी एवं सरकारी स्कूल कॉलेज 29 सितंबर तक बंद रखने के आदेश भी जारी किए गए है। साथ ही बीरेन सिंह सरकार ने सभी से शांति और संयम बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि पूरे मामले की जांच सीबीआई करेगी किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा। इस बीच मणिपुर के 24 विधायकों ने गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र भेजकर सीबीआई जांच के साथ दोनों स्टूडेंट्स के हत्यारोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है। बताया जाता है सीबीआई की टीम मणिपुर पहुंच गई है और उसने अपनी तफ्तीश शुरू कर दी है।

लेकिन गुरुवार को स्थिति तब गंभीर हो गई जब इंफाल में प्रदर्शनकारी छात्रों की भीड़ अचानक मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के इंफाल पूर्व में लुवांग सांगबाम स्थित निजी निवास की ओर बड़े लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें बीच में ही रोक लिया और अश्रु गैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर बितर कर इस हमले की कोशिश को नाकाम कर दिया।

लेकिन मणिपुर सरकार ने प्रदेश में 6 माह के लिए फिर से AFSPA लगा दिया है यह फैसला विवादों में आ गया है क्योंकि जिन इलाकों में हिंसा हो रही है उन्हें आर्म्ड फोर्सेज एक्ट से दूर रखा गया है। खबर यह भी मिली है कि मणिपुर में बिगड़ते हालातों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने श्रीनगर के एसएसपी राकेश बलवाल का जम्मूकशमीर से हिंसा के बीच मणिपुर तबादला कर दिया है। एसएसपी बलवाल ने ही पुलवामा आतंकी हमले की जांच की थी।

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इंफाल में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस स्टेशन और अदालतों पर किया हमला, पुलिस अश्रुगैस छोड़ी 10 घायल, इंफाल में लगा कर्फ्यू

Manipur Violence Shots

इंफाल/ मणिपुर में एक समुदाय ने गिरफ्तार 5 लोगों को छोड़ने के लिए जोरदार प्रदर्शन किया और पुलिस थानों और अदालतों पर भी हमला बोल दिया पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए टियर गैस छोड़ने के साथ स्टंट बम का इस्तेमाल किया जिससे 10 लोग घायल हो गए है। इस प्रदर्शन के बाद इंफाल में कर्फ्यू लगा दिया गया हैं।

मणिपुर में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही पिछली 8 सितंबर को टेगनोपोल के पल्लोल में हुई हिंसा में 3 लोग मारे गए और 50 लोग घायल हुए थे उसे बाद 12 सितंबर को कांगपोकपी में एक हथियारबंद लोगों व्दारा की गई फायरिंग में 3 लोगों की मौत हुई थी इस मामले में 16 सितंबर को पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया था उनके पास से वे हथियार भी बरामद हुए जो मई में पुलिस थानों से लूटे गए थे।

इस गिरफ्तारी के विरोध में इंफाल में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आएं और प्रदर्शन के दौरान उन्होंने तीन चार पुलिस थानों और अदालतों पर भी हमला बोल दिया, प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस बल भी मैदान में उतर गया जिससे दोनों के बीच गहरी झड़प हो गई पुलिस ने उन्हें रोकने के साथ खदेड़ने के लिए पहले अश्रु गैस के गोले छोड़े लेकिन पीछे नहीं हटने पर उनपर स्टंट बम भी चलाए जिससे 10 से अधिक लोग घायल हो गए है।

इस घटना के बाद इंफाल में कर्फ्यू लगा दिया गया है जबकि उसके दो जिलों में पहले दी गई ढील भी समाप्त कर दी गई हैं।

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इंफालमणिपुर

मणिपुर में सेना के एक जवान की गोली मारकर हत्या, छुट्टी पर अपने घर आया था जवान

Indian Army Soldier Killed in Manipur

इंफाल / मणिपुर की राजधानी इंफाल के गांव तरुंग स्थित अपने घर छुट्टी पर आए भारतीय सेना के एक जवान को अगवा करने के बाद गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई मृतक जवान आदिवासी समुदाय का बताया जाता है।

इंफाल में आपसी हिंसा लगातार जारी है वही सेना के जवानों को भी आताताई छोड़ नही रहे है पुलिस को इंफाल के गांव खुनिंगथेक के पास एक व्यक्ति का शव मिला जिसकी शिनाख्त इंफाल पश्चिम के तरुंग में रहने वाले सेरतो थांगथांग के रूप में हुई जो सेना की डिफेंस सिक्योरिटी कोप्स (डीएसपी) में कार्यरत थे और कांगपोकपी जिले के लेमाखोंग में तैनात थे और पिछले दिनों छुट्टी पर अपने घर आए थे।

मृतक सेना के जवान के 10 साल के बेटे ने बताया कि शनिवार को अचानक तीन हथियारबंद लोग हमारे घर में घुस आए और उन्होंने उसके पिता के सिर पर पिस्टल अड़ाते हुए घमकाया और उन्हें जबरन अगवा करके ले गए और रविवार को उनका शव मिला । समझा जाता है कि अगवा करने वालों ने उनके सिर में गोली मारकर हत्या करदी।

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इंफालमणिपुर

मणिपुर में हालात फिर बिगड़े हिंसा और फायरिंग में 5 की मौत तीन दिन में 8 लोगों की मौत

Manipur Violence Shots

इंफाल/ मणिपुर में हालात फिलहाल पूरी तरह से ठीक नहीं है टकराव के बीच हिंसा लगातार जारी है हाल में चूराचांदपुर और विष्णुपुर के बॉर्डर इलाके में हुई हिंसा के दौरान हुई गोलाबारी में 3 लोगों की मौत हो गई बताया जाता है मैतईं और कुकी समुदाय के बीच हुए संघर्ष और टकराव के दौरान एक दूसरे पर जमकर फायरिंग की गई जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए है। घायलों में सुरक्षा बल और पुलिस के जवान भी शामिल है। मणिपुर में पिछले तीन दिन में हुई हिंसा में अभी तक 8 लोगों की मौत होने की खबर है।

असम राइफल्स के लेफ्टिनेंट जनरल पीसी नायर का कहना है मणिपुर में स्थिति काफी बिगड़ी हुई है बीच में शांति दिखती है लेकिन ऐसे हालात आज तक नही हुए।

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मणिपुर में देर रात गांव में हमला, पिता पुत्र सहित तीन की जान गई, थाना लूटा भारी तादाद में हथियार कारतूस ले गए उग्रवादी

Manipur Violence Shots

इंफाल/ मणिपुर में टकराव और हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही हैं बीती रात 2 बजे उग्रवादियों ने एक गांव में घुसकर हमला कर दिया जिसमें पिता पुत्र सहित तीन लोगों की मौत हो गई जबकि सुरक्षा बलों और मैतई उग्रवादियों के बीच बफर जोन में हुई गोलाबारी में तीन लोगों की मौत हो गई। साथ ही कुछ और जगह भी आपसी संघर्ष और झड़पों की खबरें बराबर आ रही हैं।

एक तरफ मणिपुर में पिछले 24 घंटे से मेतई समुदाय और सुरक्षा बलों के बीच झड़प जारी है जबकि शुक्रवार शनिवार की दरमियानी रात 2 बजे हथियार बंद संदिग्ध उग्रवादी कुकी समुदाय के एक गांव में घुस गए और उन्होंने दो घरों के अंदर घुसकर फायरिंग की जिसमें एक घर में पिता पुत्र और बगल के घर में एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई। जबकि मैतई और कुकी समुदाय के बफर जोन में सुरक्षा बलों और मैतई समुदाय के बीच टकराव हो गया मैतई लोग टेराखांग सांगवी कांगवे और थोराबुंग के बीच बॉर्डर को पार करने की कोशिश कर रहे थे जबकि सुरक्षा बल उन्हें अंदर दाखिल होने से रोक रहे थे इससे दोनों के बीच झड़प हो गई जिसमें सुरक्षा बलों की गोली से तीन लोगों की जान चली गई मरने वालों में युमनम जितेन मैतई, युमनम पिशाक मैतई और प्रेमकुमार मैतई शामिल हैं। इन तीन मौतो के बाद मैतईं समुदाय उग्र हो गया है थोरबांग पहाड़ी इलाके में लगातार फायरिंग हो रही है मोर्टार से हमले हो रहे है साथ ही भीड़ ने कई रास्ते जाम कर दिए।

3 अगस्त को मणिपुर ने कई बड़ी घटनाएं हुई जिससे यहां की स्थिति को जाना जा सकता है इंफाल बेस्ट में उग्रवादियों की फायरिंग में एक पुलिस कांस्टेबल ऋषि कुमार की गोली लगने से मौत हो गई। उसके अलावा भीड़ ने विष्णुपुर जिले के थोईरंग पुलिस थाने पर हमला कर दिया उग्रवादी 685 हथियार और 20 हजार से ज्यादा कारतूस लूट ले गए,जिसमें एके 47, इंसांस राइफल हैंडग्रेनेड मोर्टार कार्बाइन आदि शामिल है इसके अलावा विष्णुपुर के नारानसेना थाने पर भी हमला हुआ जिसका ब्योरा फिलहाल जारी नही हुआ हैं। अभी तक करीब 5 हजार हथियार दोनों समुदाय ने अभी तक लूटे है उनमें से करीब 1600 हथियार ही वापस आए है अभी भी लगभग 3400 हथियार इन लोगों के पास है।

इधर एक बड़ा ही मार्मिक दृश्य कंगपोक्पी जिले में देखा गया जो वहां के डर और दहशत को दर्शाता है यहां कुकी समुदाय की कई महिलाएं सुरक्षा बल के जवानों के पैर पकड़ कर बैठी है और कह रही है कि आप यहां से नही जाएं यदि आप चले जाओगे तो हम सब मारे जाएंगे। बताया जाता है इस जिले में सुरक्षा के लिए असम राइफल्स के जवान तैनात है जिन्हे हटाने के आदेश आए थे लेकिन बाद में उन्हें यहां से हटाने के आदेश को वापस ले लिया गया है।

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मणिपुर में म्यांमार के नागरिकों की घुसपैठ, असम राइफल्स ने सरकार को दी जानकारी

Asam Rifles

इंफाल / एक तरफ मणिपुर में नस्लीय हिंसा और टकराव लगातार जारी है स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही, लेकिन अब और एक और परेशानी आ खड़ी हुई है भारत के पड़ोसी देश म्यांमार के 718 नागरिकों ने पिछले दिनों अवेध तरीके से मणिपुर में घुसपेठ कर ली है इसकी जानकारी असम राइफल्स ने मणिपुर सरकार और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को दे दी हैं।

भारत के राज्य मणिपुर से म्यांमार देश की सीमा लगती है जिसका दायरा 400 किलोमीटर तक फैला है इस सीमा से 22 और 23 जुलाई को चोरी छुपे 718 म्यांमार के नागरिक मणिपुर में दाखिल हुए है जो हथियारों से लैस है असम राइफल्स के अधिकारियों को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने सीमा पार चौकसी बड़ाने के साथ इसकी जानकारी मणिपुर सरकार और उसके मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को दी है।

भारत के राज्य मणिपुर से म्यांमार देश की सीमा लगती है जिसका दायरा 400 किलोमीटर तक फैला है म्यांमार के इस बॉर्डर पर सुरक्षा और निगरानी के लिए असम राईफल्स की तैनाती की गई है इस सीमा से 22 और 23 जुलाई को चोरी छुपे 718 म्यांमार के नागरिक मणिपुर में दाखिल हुए है असम राइफल्स के अधिकारियों को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने सीमा पर चौकसी बड़ाने के साथ इसकी जानकारी मणिपुर सरकार और उसके मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को दी है।

इस खबर के बाद मुख्यमंत्री ने असम राइफल्स को निर्देश दिए है कि वह जल्द से जल्द इन घुसपैठ करने वाले लोगों को चिन्हित करके मणिपुर की सीमा से बाहर म्यांमार में पहुंचाए। मणिपुर सरकार तो कड़ी कार्यवाही करना चाहती है लेकिन केंद्रीय सरकार क्या रुख अख्तियार करती है यह देखना होगा।

मणिपुर मे इनदिनों जब हालात ठीक नहीं है और हथियारबंद लोगों की घुसपैठ चिंता का बड़ा कारण है कि उनकी मंशा क्या है वह मणिपुर में चोरी छुपे क्यों घुसे और वे कही उग्रवादी तो नही है इस बारे में भी देखना होगा कही यह किसी एक पक्ष के साथ मोर्चाबंदी करने तो भारत की सीमा में दाखिल नहीं हुए।

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मणिपुर

मणिपुर में हजारों महिलाओं का विरोध प्रदर्शन, एक मां और सैनिक पति का दर्द सामने आया नावालिग सहित 6 गिरफ्तार, सियासत तेज

Manipur Women Protest

मणिपुर / मणिपुर में महिलाओं का गैंगरेप के बाद निवस्त्र परेड की शर्मनाक घटना के विरोध में 5 हजार महिलाओं ने काले कपड़े पहनकर चूड़ाचांदपुर में मशाल जुलूस निकाला, इधर पुलिस ने अभी तक इस घटना के 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि एक भूतपूर्व सैनिक ने कहा मैने कारगिल में दुश्मनों से युद्ध लड़ा लेकिन आज अपनी पत्नि को ही इन दरिंदो से नही बचा सका। जबकि बीजेपी और विपक्ष आपस में आरोप प्रत्यारोपों से घिरे दिखाई देते है और तुहारा अपराध मेरे अपराध से छोटा और बड़ा बताने में उलझे हुए है।

मणिपुर में मैतई और कुकी के बीच 3 मई से टकराव और हिंसा भड़की थी 19 जुलाई को जो वीभत्स और शर्मनाक वीडियो वायरल हुआ वह 4 मई का बताया जाता है। इसके सामने आने के बाद पूरा देश अवाक रह गया और सदमे में आ गया।पीएम नरेंद्र मोदी ने कड़ी कार्यवाही की बात कही उसके बाद पुलिस प्रशासन जागा और जो पुलिस ढाई महीने से सोई पड़ी थी उसने आनन फानन उसने कार्यवाही की और एक नाबालिग सहित 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया लेकिन सबाल है कि क्या इस कार्यवाही से मणिपुर सरकार और उसके मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी पूरी हों गई।

लेकिन इन दो महिलाओं के साथ अश्लील छेड़छाड़ और गैंगरेप के खिलाफ शुक्रवार 21 जुलाई को चूड़ाचांदपुर में 5 हजार महिलाएं सड़कों पर उतरी उन्होंने हाथों में मशाल लेकर काले कपड़ों में अपना विरोध दर्ज कराया और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की। इसी तरह गढ़ीमाखा लेइकाई और इंफाल में भी महिलाओं ने प्रदर्शन किए और सड़कों पर टायर जलाकर अपना रोष व्यक्त किया।

एक पीड़ित महिला के पति जो पूर्व सैनिक रहे है उनका बयान बड़ा ही दर्द और बेबसी भरा रहा उनका कहना हैं मैने कारगिल युद्ध में देश के दुश्मनों से लड़ा लेकिन दंगाईयों और हैवानों से अपनी पत्नी को नही बचा सका। यह असम राइफल्स में सूबेदार के पद पर थे। जबकि दूसरी पीड़ित युवती की मां का कहना मैं अंदर से बुरी तरह से टूट गई हूं हम अब अभी गांव में नही लोटेंगे वहां मेरे छोटे बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी गई मेरी बेटी का सब कुछ लुट गया उसे शर्मिंदा होना पड़ा मेरा सब कुछ खत्म हो गया।

लेकिन एक तरफ मणिपुर जल रहा है हिंसा आगजनी ने सब कुछ बरबाद कर दिया 150 लोगों की मौत हो गई 300 से अधिक घायल है और 60 हजार लोग बेघर हो गए और राहत कैंपों में रह रहे है। लेकिन गंभीर बात है कि विडियो सामने आने के बाद स्थिति एक बार फिर से बिगड़ने लगी है बीते दिन चूड़ाचांदपुर के एक गांव में दो गुटों में कई राउंड फायरिंग हुई और इंफाल में भी हिंसा होने की खबर है जबकि वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने फिलहाल 12 लोगों को आरोपी बनाया था लेकिन पुलिस ने अभी तक एक नावालिग सहित 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया हैं।

इधर राजनीति पूरे शबाब पर है बीजेपी और अन्य पार्टियों के बीच महिला अत्याचार को लेकर एक दूसरे पर कीचड़ उछाला जा रहा है जिसमें बीजेपी मणिपुर की घटना को लेकर अपने बचाव में कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों को घेरने में लगी है और राजस्थान और पश्चिम बंगाल में महिला उत्पीडन का हवाला दे रही है। इस में एक तरह से मेरा अपराध तुमसे छोटा है और तुम्हारा बड़ा अपराध है इसे दर्शाते की पुरजोर कोशिश दोनों ही तरफ से हो रही है। जो एक तरह से राजनेतिक रोटियां सैकने से ज्यादा कुछ नजर नहीं आता। लेकिन यह भी सही है कि पिछले ढाई महिने में मणिपुर में जो हुआ और अभी भी शांति नहीं हुई यह देश का बड़ा मामला हैं।

बीजेपी की महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का आरोप है कि राजस्थान और पश्चिम बंगाल में महिलाओं के साथ जो हो रहा है उसके बारे में कांग्रेस और विपक्षी नेता कुछ नही कहते महिला तो महिला है वह चाहे वह राजस्थान बंगाल की हो या मणिपुर की। बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाया राजस्थान लगातार महिला उत्पीड़न में देश में नंबर एक पर है जबकि पश्चिम बंगाल में भी लगातार महिलाओं के साथ रेप और निम्न स्तर की घटनाएं आए दिन हो रही हैं उन्होंने राजस्थान के करोली और जोधपुर और पश्चिम बंगाल के मालदा और हावड़ा की घटनाओं का जिक्र किया। लेकिन कांग्रेस और टीएमसी नेताओं ने राजस्थान और बंगाल में हुई घटनाओं पर कहा की इस मामलों में पुलिस ने तुरंत संज्ञान लेते हुए कार्यवाही की है और मालदा में 5 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है और करोली में 4 लोगों की गिरफ्तारी हुई जो एबीवीपी के कार्यकर्ता थे। ऐसा कांग्रेस का कहना हैं।

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