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रावड़ी देवी के बाद CBI ने लालूप्रसाद यादव से भी की पूछताछ, बेटी रोहणी ने लालू को कुछ होने पर दिल्ली की कुर्सी हिलाने की दी चेतावनी

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नई दिल्ली, पटना / रेल्वे ने नोकरी के बदले जमीन लेने के आरोप में सीबीआई ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव से पूछताछ की जबकि सोमवार को सीबीआई ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी राबड़ी देवी से 4 घंटे पूछताछ की थी।एक तरफ विपक्ष इसके विरोध में केंद्र पर हमलावर है तो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहणी आचार्य ने केंद्रीय सरकार को खुली चुनौती देते हुए उन्हें बेवजह परेशान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि उनके पापा को कुछ हुआ तो दिल्ली की कुर्सी हिल जायेंगी। इस मामले में कोर्ट ने सभी आरोपियों को 15 मार्च को कोर्ट में पेश होने का समन जारी किया हैं।

मंगलवार की सुबह सीबीआई के अधिकारी दिल्ली स्थित लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती के स्थित आवास पर पहुंचे और उन्होंने उनसे करीब करीब 2 घंटे 20 मिनट तक पूछताछ की खास बात है उनसे सीबीआई ने दूसरी बार पूछताछ की हैं जबकि दो

मंगलवार की सुबह सीबीआई के अधिकारी दिल्ली स्थित पूर्व तेल मंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती के पंडाला रोड स्थित आवास पर पहुंचे और उन्होंने लालू प्रसाद यादव से करीब करीब 2 घंटे 20 मिनट तक पूछताछ की और उसके बाद सीबीआई की टीम वापस चली गई। खास बात है उनसे सीबीआई ने दूसरी बार पूछताछ की हैं जबकि सोमवार को पटना में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री रावड़ी देवी से लगातार 4 घंटे तक गहन पूछताछ की थी। इसके बाद मीडिया के सबाल पर रावड़ी देवी ने कहा कुछ है ही नहीं फिर हम क्या बताएंगे।

बताया जाता है यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है जब लालू प्रसाद यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे उनपर आरोप है कि उन्होंने मंत्री पद के दौरान रेल्वे की भर्तीयों में घोटाला किया और जिन लोगों की नोकरी लगाई उनसे उसके एवज में उनकी जमीन के 12 प्लाट ले लिए रेल्वे प्रशासन की 2021 में शिकायत के बाद जांच हुई और सीबीआई ने 16 लोगों पर एफआईआर दर्ज की जिसमें लालू प्रसाद यादव और रेल्वे अफसरों सहित जिन लोगों की रेल्वे में नोकरी लगी उन्हें आरोपी बनाया हैं। जबकि सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव के करीबी भोला यादव को गिरफ्तार भी कर लिया हैं।

सीबीआई इस मामले की चार्जशीट दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल कर चुकी है और कोर्ट ने सभी आरोपियों को 15 मार्च को कोर्ट में पेश होने का समन जारी किया हैं।

लेकिन सीबीआई की इस कार्यवाही से विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है खास बात है हाल में देश के 9 राष्ट्रीय दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर केंद्रीय एजेंसियों की कार्यवाही पर अंकुश लगाने की मांग की थी और उसके दूसरे दिन ही लालू प्रसाद यादव और उनके परिजनों से रेल्वे में नोकरी के बदले जमीन मामले में पूछताछ शुरू हो गई जबकि बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने पहले ही कहा था हमारे सरकार बनाने पर हम पर केंद्रीय संस्थाओं की कार्यवाही होगी लेकिन हम उससे डरने वाले नही हैं। इधर लालू प्रसाद यादव को अपनी किडनी देकर उनका जीवन बचाने वाली छोटी बेटी रोहिणी आचार्य ने एक ट्वीट में कहा है कि मेरे पापा को बेवजह परेशान किया जा रहा है यह कतई ठीक नहीं है यदि मेरे पापा को कुछ हो गया तो मैं किसी को नही छोडूंगी और दिल्ली की कुर्सी हिला दूंगी।

जबकि बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि जो किया है उसका फल तो मिलेगा कार्यवाही पर सबाल करने वाले बताएं कि रांची और भुवनेश्वर में दो होटल बेचे या नहीं उन्होंने पटना की बड़ी जमीन परिवार को दी या नहीं।

इधर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के यहां सीबीआई रेड पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बीजेपी पर हमला करते हुए अपने ट्वीट में कहा कि जो विपक्षी नेता भाजपा के सामने झुकने को तैयार नहीं है उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है अब लालूप्रसाद यादव और उनके परिवार को प्रताड़ित करने का काम भाजपा कर रही है राबड़ी देवी से भी सीबीआई ने पूछताछ की उन्होंने आरोप लगाया भाजपा विपक्ष की आवाज दबाना चाहती हैं।

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बिहार में आज से जातिगत मतगणना होगी शुरू, हमने जो कहा उसे पूरा किया कहा मुख्यमंत्री ने

पटना / बिहार में 8 जनवरी से जातिगत मतगणना का कार्य प्रारंभ हो रहा है दो चरणों में संपन्न होने वाले इस मतगणना के इस कार्यक्रम में पहला चरण 8 जनवरी से 21 जनवरी तक होगा जिसमें प्रदेश में जाति बायज घरों की गिनती का काम होगा इसके बाद 1 से 30 अप्रैल तक जातिगत मतगणना का दूसरा चरण पूरा होगा जिसमें स्किल के आधार पर जातिगत जनगणना होगी जिसमें प्रत्येक जातिवर्ग पिछड़ा दलित और अनुसूचित जाति जनजाति और सामान्य वर्ग की 204 जातियों की जनसंख्या की सिलसिलेबार जनगणना की जायेगी। इस जातिगत जनगणना की रिपोर्ट जून में आयेगी बताया जाता है इस कार्य में 500 करोड़ की राशि खर्च होगी।

इससे पहले ब्रिटिश शासन के समय 1931 में जातिगत जनगणना हुई थी जबकि केंद्र सरकार ने 2011 में जनगणना कराई थी उसके बाद आर्थिक सामाजिक सर्वेक्षण हुआ लेकिन डेटा जारी नहीं हुआ था अब 2023 में 2 लाख कर्मचारी प्रदेश की 14 करोड़ आबादी का सर्वे करेंगे।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बारे में कहा कि जातीय आधार पर गणना से देश के विकास और हर तबके के उत्थान में बहुत मदद मिलेगी, हम लंबे समय से केंद्र सरकार से जातिगत मतगणना की मांग करते आए है हमने अपने प्रदेश की जनता को पहले ही जातिगत मतगणना कराने का भरोसा दिया था अब हमने जो कहा था उसे पूरा करने जा रहे हैं।

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बिहार में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 40 हुई, बीजेपी के हंगामे पर नीतीश ने कहा शराबबंदी पर थी आपकी सहमति

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पटना / बिहार के में जहरीली शराब पीने के बाद मरने बालों की तादाद बड़ती जा रही है अभी तक 40 लोगों की मौत हो चुकी है इधर विपक्षी बीजेपी के सड़क पर सरकार को घेरने के साथ विधानसभा में हंगामे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा की बीजेपी यह ना भूले कि जब सरकार बिहार में शराबबंदी का निर्णय ले रही थी तो उसमें आपकी भी पूरी सहमति थी। इधर आबकारी विभाग को छपरा के मशरख थाने में स्प्रिट के ड्रम मिले है जिसमें से कई ड्रम खाली थे और स्प्रिट गायब थी आबकारी विभाग ने स्प्रिट के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं।

बिहार में नीतीश सरकार ने शराबबंदी लागू की है पिछले दिनों बिहार में अवेध जहरीली शराब पीने से करीब 40 लोगों की मौत हो चुकी है सबसे ज्यादा 22 लोगों की भागलपुर में मौत हुई है इसके अलावा बांका में 12 और मधेपुरा में 3 लोगों की यह जहरीली शराब पीने से मौत हो चुकी है और यह सिलसला फिलहाल थमा नहीं है जहरीली शराब के सेवन से मौतो को लेकर विपक्ष पार्टी बीजेपी नीतीश कुमार सरकार को दोषी बताते हुए इसे कटघरे में खड़ा कर रही है साथ ही बीजेपी ने विधानसभा में इसको लेकर जोरदार हंगामा किया जिसके चलते विधानसभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में बीजेपी के आरोप पर कहा कि सरकार इस मामले में पूरी तरह से संवेदनशील है और शराबबंदी के बाद भी शराब बिहार में आ रही है इसकी गंभीरता से जांच होगी और जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी वहीं बीजेपी के हंगामे पर उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर उनकी भी सहमति थी। लेकिन नीतीश कुमार ने यह कह कर विपक्ष को हमलावर होने का मौका दे दिया कि जो शराब पियेगा वह तो मरेगा ही।

सरकार ने इस मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन भी किया है जिसमें प्रशासन आबकारी विभाग और वरिष्ठ पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को शामिल किया गया है। इधर एक जांच के दौरान आबकारी विभाग अमला आज छपरा के मशरख पुलिस थाने में पंहुचा था जहां उसने वहां जब्त शुदा स्प्रिट के ड्रमो की जांच की तो पाया कि अनेक ड्रम खाली थे और उसमे रखा स्प्रिट गायब था विभाग ने जिन ड्रमों में स्प्रिट भरी पाई उसके आधा दर्जन से अधिक सैंपल लिए और जांच के लिए भेजे पुलिस यह जांच कर रही है कही यही स्प्रिट तो नही जिसको शराब के रूप में बेचा गया जिससे यह मौते हुई हैं।जैसा कि इस घटना के बाद प्रशासन ने एक थाना प्रभारी और दो पुलिस कर्मियों को पहले ही सस्पेंड कर दिया है।

जैसा कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू है उसके बावजूद दूसरे राज्यों से अवेध रूप से शराब लाने का सिलसिला और उसकी छुपाचोरी बिक्री लगातार जारी है।सत्ता पक्ष का खुला आरोप है कि यह शराब अधिकतम उत्तर प्रदेश से तस्करी करके बिहार लाई जा रही हैं। लेकिन सवाल उठता है कि बिहार का प्रशासन और पुलिस इसपर अंकुश क्यों नही ला पा रही। खास बात है लेकिन जहरीली अवेध शराब पीने से हुई मौतों का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी जहरीली शराब से दर्जनों लोग बेमौत मारे जा चुके है जो गंभीर पहलू हैं।

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नीतीश सरकार का विस्तार 31 मंत्री बने, विभागो का बंटवारा हुआ, पिछड़े अति पिछड़े वर्ग के मंत्री अधिक

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पटना / बिहार में नीतीश सरकार के मंत्रिमंडल के विस्तार में आज 31 मंत्री बनाए गए है और उनके विभागों का बटवारा भी हो गया है मंत्रिमंडल में राष्ट्रीय जनता दल का दबदबा रहा है मंत्रिमंडल में जनता दल यूनाईटेड के 11 राष्ट्रीय जनता दल से 16 कांग्रेस से 2 एक हम पार्टी और एक निर्दलीय विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया हैं जबकि मुख्यमंत्री ने गृह सहित 5 विभाग अपने पास रखे है और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को स्वास्थ्य सहित चार विभाग की जिम्मेदारी दी गई हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गृह विभाग सामान्य प्रशासन निर्वाचन और सचिवालय निगरानी विभाग अपने पास रखा है जबकि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को स्वास्थ्य नगर विकास पीडब्ल्यूडी सहित ग्रामीण विकास की जिम्मेदारी मिली है और उनके भाई तेजप्रताप यादव को वन, पर्यावरण एवं जलवायु मंत्री बनाया गया है।

इसके अलावा शीला कुमारी परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ग्रामीण विकास मंत्री आफाक आलम पशु एवं मत्स्य मदन सहनी समाज कल्याण मंत्री वही जीतमराम माझी के बेटे विधायक संतोष सुमन को अनुसूचित जाति जनजाति विभाग का मंत्री सुधाकर सिंह कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत पर्यटन मंत्री अशोक चौधरी भवन मंत्री सुरेंद्र यादव सहकारिता मंत्री लेशीसिंह खादध्य एवं उपभोक्ता मंत्री उपेंद्र यादव को खान एवं उत्खनन मंत्री मोहम्मद जमा खान को अल्पसंख्यक विभाग का मंत्री बनाया है जबकि शमीम अहमद को गन्ना उधोग मंत्री कार्तिकेय सिंह कोनकानून मंत्री, शाहनवाज को आपदा प्रबंधन मंत्री विजेंद्र यादव को ऊर्जा मंत्री और विजय कुमार चौधरी को वित्त वाणिज्य एवं संसदीय मंत्री बनाया गया है।

खास बात है नीतीश केबिनेट में दलित और पिछड़ों को पिछली बार से ज्यादा प्रतिनिधित्व दिया गया है जबकि अगड़ी जाति के मंत्रियों की तादाद में कमी आई हैं पिछड़े और अति पिछड़े केटेगरी के 17 दलित वर्ग से 5 और मुस्लिम वर्ग से 5 मंत्री बने है एनडीए सरकार में 11 मंत्री अगड़ी जाति से थे जिनकी संख्या अब 6 रह गई है और ओबीसी ईबीसी के 13 और 2 मुस्लिम मंत्री थे। जबकि इस केबिनेट में यादव जातिवर्ग के सबसे अधिक 8 मंत्री केबिनेट में शामिल किए गए हैं।

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2014 जीतने वाले 2024 जीत कर दिखाए, डराने धमकाने का काम कर रही हैं बीजेपी, नीतीश तेजस्वी के बयान क्या कहते है, बिहार में बीजेपी के सत्ता से बाहर होने से विपक्षी एकता को बल मिला ?

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पटना/ नई दिल्ली/ बिहार में सत्ता पलटने के बाद देश की राजनीति में खासी हलचल देखी जा रही है खासकर 2024 में विपक्ष एकजुट होकर बीजेपी और नरेंद्र मोदी को किस तरह की चुनौती दे सकता है इस पर गहन चर्चा, बयानबाजी और मिलने जुलने का दौर जारी हैं और बिहार से शुरू हुई बदलाव की लहर क्या आगे होने वाले लोकसभा चुनाव में भी अपना रंग दिखा पाएगी और क्या नरेद्र मोदी और बीजेपी के मुकाबले समूचा विपक्ष एकजुट होकर आने वाले 2024 के चुनाव में उतरेगा अब यह सवाल भी उठ रहे हैं।

बिहार में बीजेपी से अलग होकर नीतीश कुमार आरजेडी कांग्रेस और लेफ्ट के सहयोग से आठवीं बार फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हो गए उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह प्रादेशिक पार्टियों के साथ साथ उनकी जेडीयू को खत्म करने की साजिश के साथ उन्हें सत्ता से हटाने की फिराक में थी समय रहते वह सावधान हो गए। नीतीश कुमार ने एक बयान में पहले कहा था कि 2014 जीत हासिल करने वाले 2024 में जीत हासिल करके दिखाए साफ संकेत है कि बीजेपी के लिए आगे की राह अब मुश्किल है नीतेश कुमार ने सीएम बनने के बाद कहा कि मेरा काम सभी से मिलना जुलना रहा है विपक्ष एकजुट रहे मिलकर आगे बड़े इसमें क्या बुराई है जबकि उन्होंने यह भी कहा कि पीएम उम्मीदवार बनने की उनके मन में कोई बात नही हैं।

लेकिन राजनीति के गलियारे में यह भी सबाल उठ रहे है कि नीतीश कुमार के रूप में विपक्ष को एक सर्वमान्य और बेदाग नेता मिल गया है। क्योंकि पिछले दिनों यह भी कहा जा रहा था कि 10 महिने बाद नीतीश कुमार केंद्र की राजनीति करेंगे और बिहार के मुख्यमंत्री पद पर तेजस्वी यादव आसीन होंगे।

इधर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पद भार ग्रहण करने के तुरंत बाद दिल्ली आए और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के साथ वे वामपंथी नेता सीताराम येचुरी और डी राजा से भी मिले।इस दौरान उन्होंने आरजेडी प्रमुख और अपने पिता लालूप्रसाद यादव से भी चर्चा की।

तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी देश की सभी विपक्षी पार्टियों और नेताओं को डराने धमकाने में लगी हैं साफ है वह विपक्ष और प्रांतीय राजनेतिक पार्टियों को समाप्त कर देश से लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश कर रही हैं।

साफ है बिहार की सता से बीजेपी का बाहर होना उसके प्रदेशों में जीत के अश्वमेघ के घोड़े को रोकने जैसा है जबकि एनडीए गठबंधन से कई पार्टियों के दूर होने से भी बीजेपी घटक हाल में कुछ कमजोर भी हुआ है और अब बिहार में सत्ता परिवर्तन से विपक्षी पार्टियों में एक आशा का संचार तो जरूर हुआ हैं लेकिन अभी अरविंद केजरीवाल ममता बनर्जी सी चंद्रेशेखर शरद पवार सहित अन्य विपक्षी पार्टियों और उनके नेताओं का रुख क्या रहता है यह भी देखना जरूरी होगा।

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बिहार में सियासी खेल चट इस्तीफा पट सरकार, नीतीश का राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश, कल शपथ, मुझे धोखा मिला कहा नीतीश ने

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पटना / बिहार में आज तेजी से सियासी समीकरण बदलते देखे गए मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ दिया और राज्यपाल को अपना इस्तीफा भी सौप दिया और महागठबंधन में शामिल होकर विधायक दल के नेता बनने के साथ आज ही नीतीश कुमार ने बिहार का मुख्यमंत्री बनने के लिए राज्यपाल के समक्ष अपना दावा भी पेश कर दिया। बाद में खबर आई है कि राज्यपाल ने उन्हें कल शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया है।इधर नीतीश कुमार ने कहा उन्हें धोखा मिला बीजेपी उन्हें और जेडीयू को ही खत्म करना चाहती थी।

नीतीश ने छोड़ा बीजेपी का साथ महागठबंधन के साथ आए –

जेडीयू के साथ आरजेडी कांग्रेस और लेफ्ट के आने और उन्हें अपना समर्थन देने के बाद नीतीश कुमार राजभवन पहुंचे और राज्यपाल फागू सिंह चौहान को मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौप दिया वहां से वापस आने के बाद वे आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के घर पहुंचे और वहां पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से ओपचारिक मुलाकात की इसके बाद नीतीश कुमार को महागठबंधन के विधायक दल का नेता चुना गया। उसके लिए आयोजित बैठक में तेजस्वी यादव काग्रेस अध्यक्ष सहित अन्य नेताओं ने उनका स्वागत किया। इसके तत्काल बाद नीतीश कुमार फिर से राजभवन पहुंचे इस दौरान उनके साथ आरजेडी नेता तेजस्वी यादव हम के अध्यक्ष जीतमराम माझी काग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा और जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह यादव भी साथ थे राजभवन पहुंचकर नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा और बिहार में सरकार बनाने का दावा पेश किया।

नीतीश कुमार बोले हम 7 पार्टियां बिहार को आगे बढ़ाएंगे –

इस मौके पर मीडिया से चर्चा में नीतीश कुमार ने कहा कि हमारे साथ आरजेडी सहित 7 पार्टियां है जो मिलकर बिहार को आगे बड़ाने का काम करेंगे पहले जहां समाज को तोड़ने का काम हो रहा था लेकिन अब हम सर्व समाज जोड़ने का काम करेंगे उन्होंने कहा मेरे साथ धोखा हुआ मुझे और मेरी पार्टी को कमजोर करने की कोशिश बीजेपी करती रही।

बीजेपी का एक काम हटाओं और खरीदो कहा तेजस्वी ने –

जबकि तेजस्वी यादव ने कहा नीतीश कुमार एक अनुभवी नेता है उन्होंने एक निडर निर्णय लिया है उनके नेतृत्व में बिहार को आगे बड़ाने के साथ सामाजिक न्याय का संकल्प पूरा करेंगे। उन्होंने कहा बीजेपी का काम डराओ और खरीदो है जो लोकतंत्र को खत्म कर रही हैं। तेजस्वी यादव ने कहा आज 9 अगस्त भारत छोड़ो आंदोलन का दिन है जिसमें पहले भी बिहार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है यह आज हमें संदेश देता है कि लोकतंत्र की रक्षा और बीजेपी को हराने के लिए हम सब मिलकर हर संभव कोशिश करेंगे।

कल दोपहर 2 बजे नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की लेंगे शपथ –

राजभवन से आने के बाद खबर आई है कि कल बुद्धवार को दोपहर 2 बजे नीतीश कुमार को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित किया है, सूत्र बताते है नीतीश कुमार के साथ तेजस्वी यादव भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे साथ ही कुछ मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जा सकती हैं।

नीतीश ने जनादेश के साथ धोखा किया यदि परेशानी थी तो 2 साल क्या करते रहे –

बीजेपी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने प्रेस कान्फ्रेस में कहा कि नीतीश कुमार ने 2020 में एनडीए गठबंधन के साथ चुनाव लड़ा था और जनता ने जो मेडेड दिया था वह हमारे साथ मिला लेकिन आज उन्होंने इस जनादेश के साथ धोखा देने का काम किया है जिसका जवाब बिहार की जनता उन्हें भविष्य में देगी। बीजेपी से नाराजी के सवाल पर जायसवाल ने कहा कि यह बात आप खुद नीतीश कुमार से ही पूछिए वह सही तरीके से बता सकते हैं। जबकि बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि बिहार का चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर जीते थे और आज एनडीए गठबंधन तोड़कर दूसरे दलों से मिल गए यदि बीजेपी से परेशानी थी तो दो साल तक मुख्यमंत्री क्यों बने रहे पहले ही क्यों नही गए इसका नीतीश जबाब दें।

बीजेपी का ऑपरेशन लोटस बिहार में हुआ फेल?

लगता है और बीजेपी पर जिस तरह के आरोप लग रहे है कि वह मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की तरह बिहार में भी ऑपरेशन लोटस चलाकर जेडीयू को कमजोर करने के साथ नीतीश कुमार को सत्ता से बाहर करने की फिराक में थी जैसा कि जेडीयू के विधायकों ने बीजेपी के नेताओं पर 6…6 करोड़ के ऑफर देने का आरोप भी लगाया है। यदि यह बात सच है तो बीजेपी को करारा झटका लगा है और कमोवेश बिहार में उसका ऑपरेशन लोटस फेल हो गया हैं। लेकिन देश में बीजेपी या उसके एनडीए गठबंधन की 16 प्रांतों में अभी भी सरकार हैं।

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बिहार में बीजेपी को तगड़ा झटका, बीजेपी के मंत्रियो को बर्खास्त करेंगे नीतीश कुमार? जेडीयू, आरजेडी के साथ बनेगी महागठबंधन की सरकार

Tejaswi and Nitish Kumar

पटना / बिहार की सियासत में पिछले लंबे समय से जोरदार हलचल देखी जा रही थी वहीं बीजेपी के क्रियाकलापों से असंतुष्ट नीतीश कुमार बीजेपी को तेज झटका देने वाले है यह सबाल सत्ता के गलियारों में तेजी से उठ रहे थे लगता है उनकी पार्टी के नेता बीजेपी खेमे से जुड़े केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के पार्टी से निकालने के साथ शुरू हुई हैं। लेकिन ऐसा लग रहा है प्रदेश में कई सरकारों को गिरा कर सत्ता पर काबिज हुई बीजेपी से किनारा कर क्या बिहारी बाबू नीतीश कुमार उससे पल्ला झाड़कर उसे परे धकेलने वाले है बिहार में अभी तक के राजनेतिक परिदृश्य पर नजर डाली जाए तो यही लग रहा हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का महागठबंधन सरकार बनाने का दावा

साफ है बिहार में बड़ा सत्ता परिवर्तन होने जा रहा है आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यपाल से मिलने वाले है और उन्होंने अपना इस्तीफा सौपने वाले है लेकिन फिर परिदृश्य बदल और मालूम हुआ कि वे बीजेपी पर उनके साथ कुचक्र करने का आरोप लगाकर उनके मंत्रियों को बर्खास्त करने वाले है साथ ही नीतीश कुमार आरजेडी के साथ मिलकर महागठबंधन सरकार बनाने के लिए एक चिट्ठी राज्यपाल को सौंपंगे सूत्र यह कह रहे है इस तरह की स्पष्ट हो गया कि जेडीयू का बीजेपी के साथ समझोता टूट गया और नीतीश अब आरजेडी कांग्रेस और वामपंथी दलों के साथ मिलकर प्रदेश में महागठबंधन की सरकार बनाने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव होंगे।

आज जेडीयू और आरजेडी में सुबह से ही बैठकों का दौर रहा

इधर आरजेडी और जेडीयू में आज सुबह से ही गहमा गहमी देखी गई और तेजस्वी यादव की मौजूदगी में बैठकों का दौर चला आरजेडी ने नीतीश कुमार को जो जेडीयू विधायक दल के नेता है उन्हे अपना समर्थन देने का बैठक में निर्णय लिया और उनके साथ कांग्रेस लेफ्ट के विधायक नीतीश कुमार को अपना समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपेंगे। इधर जेडीयू की बैठक में विधायको ने नीतीश कुमार को फ्री हैंड दे दिया है और विधायको ने इस पर सहमति जताई कि अब बीजेपी के साथ उनकी गठबंधन सरकार नहीं चल सकती इससे पहले नीतीश कुमार ने बैठक में अपनी पार्टी के विधायकों से चर्चा कर उन्हे स्थिति से अवगत कराने के साथ अपनी मंशा भी बता दी थी। इस तरह नीतीश कुमार मुख्यमंत्री इनके समर्थन से बिहार के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। इससे पहले नीतीश कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से फोन पर बात हो गई है कांग्रेस ने बीजेपी से अलग होने वाले नीतीश कुमार को अपना समर्थन देने का निर्णय लिया हैं।

बीजेपी और जेडीयू में दरार के क्या कारण रहे –

A. मोदी सरकार के मंत्रिमंडल के साथ दोनो के बीच विवाद की स्थिति पैदा हुई जेडीयू कोटे से केंद्र में दो मंत्री बनना थे लेकिन बीजेपी ने नीतीश कुमार की बिना सहमति के केवल आरपीसी सिंह को मंत्री बनाया और अमित शाह ने अपकी केटेगरी में आरसीपी को उचित बताकर आग में घी डाल दिया इसको जेडीयू ने अपनी इज्जत का प्रश्न बनाकर बीजेपी की दखलंदाजी निरूपित किया। जेडीयू के मुताबिक आज यहीं आरसीपी सिंह बीजेपी की गोद में जाकर बैठ गए हैं।

B. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार की सभापति विजय सिन्हा के साथ पटरी नही बैठ रही थी वह उन्हे हटाना चाहते थे इस बाबत उन्होंने बीजेपी हाईकमान से बात भी की लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई।

C. हाल में बिहार दौरे के दौरान अमित शाह ने पार्टी बैठकों में यह कहा कि देश में आज के राजनेतिक परिवेश में प्रांतीय स्तर की पार्टियों का वर्चस्व समाप्त होता जा रहा है और अगले लोकसभा चुनाव में बची खुची यह पार्टियां पूरी तरह खत्म हो जायेगी और देश में सिर्फ और सिर्फ बीजेपी का अधिपत्य होगा। अमित शाह के इस बयान को जेडीयू ने काफी गंभीर माना और उनका सोच था कि बीजेपी उन्हे देश के साथ बिहार में भी खत्म करने की फिराक में हैं।

D. इसके साथ जेडीयू को भनक लगी कि बीजेपी बिहार में भी मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र जैसा खेल करने की फिराक में है जिससे दोनो के बीच दूरियां और बड़ती गई। समझा जाता है इसी के चलते नीतीश कुमार निवृत्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सम्मान समारोह कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए ना ही उन्होंने गत दिनों पीएम के अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की बैठक में शामिल होने की ज़रूरी नहीं समझी।

D. इसके साथ जेडीयू को भनक लगी कि बीजेपी बिहार में भी मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र जैसा खेल करने की फिराक में है और उसके नेता जेडीयू के विधायकों से संपर्क कर रहे है जिससे दोनो के बीच दूरियां और बड़ती गई। जबकि बीजेपी के चिराग पासवान को अपना समर्थन देने से नीतीश कुमार पहले से ही नाराज थे। समझा जाता है इसी के चलते नीतीश कुमार ने कोरोना को लेकर दिल्ली में हुई बैठकों से दूरी बनाई।

E. हाल में नीतीश कुमार निवृत्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सम्मान समारोह कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए ना ही उन्होंने गत दिनों पीएम के अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की बैठक में शामिल होने की ज़रूरत समझी।

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पटना में बीजेपी के पूर्व विधायक के भाइयों पर हमला, फायरिंग में एक की मौत दूसरा गंभीर

पटना – बिहार की राजधानी पटना में मंगलवार की शाम दो भाइयों पर बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी जिसमें एक की मौत हो गई जबकि एक की स्थिति गंभीर है जिसे इलाज के लिये अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं। बताया जाता है यह दोनों बीजेपी के पूर्व विधायक चितरंजन शर्मा के भाई हैं।

पटना के पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के हनुमान नगर में यह घटना हुई मंगलवार की शाम करीब साढ़े छह बजे गौतम सिंह और उसका भाई शंभू सिंह जब अपने ऑफिस से अपने घर विजय नगर जा रहे थे तभी बेरच रास्ते मे हनुमान नगर के नजदीक उन दोनों पर बाइक पर सबार दो बदमाशों ने तेज फायरिंग कर गोलियों की बौछार कर दी इस गोलीबारी में गौतम सिंह की घटना स्थल पर ही मौत हो गई जबकि शंभू सिंह गंभीर रूप से घायल हो गये। गोलियों की आवाज सुनकर बाजार में अफरा तफरी फैल गई।

घटना के की खबर मिलते पुलिस प्रशासन में भी हड़कंप मच गया और मौके पर थाना प्रभारी सहित सीनियर पुलिस अफसर भी आ गये घटना स्थल पर आये एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में मामला पुरानी रंजिश का लगता है जबकि परिजनों ने पुलिस को गांव के ही संजय सिंह नामक शख्श को इस हत्या का जिम्मेदार बताता है।

जैसा कि इन दोनों के भाई बीजेपी नेता और पूर्व विधायक चितरंजन शर्मा पहले बिहार के पांडव गिरोह के सरगना रहे है जो बाद में राजनीति में आ गये और बीजेपी के विधायक भी रहे है पुलिस इस बिंदु पर भी पड़ताल कर रही है।

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बिहार में जहरीली शराब पीने से 41 की मौत, 9 गंभीर 3 की आँखों की रोशनी जाती रही, 19 आरोपी गिरफ्तार

Liquor Poison

पटना – बिहार में जहरीली शराब पीने से अभी तक 41 लोगों की मौत हो गई है राज्य के तीन जिले कुछ ज्यादा ही प्रभावित है यही बजह है कि करीब एक दर्जन पीड़ितों को इलाज के लिये अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं। जिसमें 3 प्रभावितों की आँखों की रोशनी चली गई है जबकि मरने वालों में दो जवान भी शामिल है। खबर मिलने के बाद पुलिस औऱ प्रशासन सक्रिय जरूर हुआ और 19 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और कई लोगों से पूछताछ की जा रही हैं लेकिन इस घटना से पूरी सरकार हिल गई हैं।

बिहार में चार दिनों में जहरीली शराब ने कहर बरपा दिया है गोपालगंज जिले में सबसे अधिक 20 लोगों की जहरीली शराब पीने से अकाल मौत हो गई जबकि बेतिया में 17 और समस्तीपुर जिले में 4 लोग जहरीली दारू पीने से मौत को गले लगा चुके हैं। प्रशासन इन मौतों को फिलहाल संदिग्ध मान कर चल रहा है उसके मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारण का पता चल सकेगा जबकि मृतकों के परिजनों के मुताबिक शराब पीने से पहले सभी अच्छे खासे थे शराब पीने के बाद ही इनकी हालत एकाएक बिगड़ने लगी और देखते देखते उनकी मौत हो गई।

गोपालगंज में अभी तक शराब पीने के बाद 20 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें से 7 मृतकों का पिछले दिनों अंतिम संस्कार परिजनों ने कर दिया जबकि शेष 13 लोगों का पीएम कराया गया है जबकि 3 अन्य लोग गंभीर है जिन्हें मोतिहारी के शासकीय अस्पताल में इलाज के लिये भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद प्रशासन ने महम्मदपुर के थानेदार और चौकीदार को निलंबित करने के आदेश दिये हैं।

बेतिया में अभी तक शराब पीने के बाद हालत बिगड़ने से 17 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी हैं जिसमें सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र दक्षिण तेलुआ रहा जो जिले के नौतन थाना अंतर्गत का इलाका हैं। 3 गंभीर लोगों को इलाज के लिये बेतिया के सरकारी मेडीकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है इधर प्रशासन ने नौतन के थानेदार इलाके के चौकीदार और दफ़ासर को निलंबित कर दिया हैं। जबकि डीएम कुंदन कुमार ने कहा आरोपियों की धरपकड़ जारी है फिलहाल मौत संदिग्ध है पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही स्पष्ट होगा कि यह मौत कैसे हुई हैं।

जबकि समस्तीपुर में शनिवार को 10 लोगों की शराब पीने के बाद हालत बिगड़ गई जिसमें से 4 लोगों की तुरत फुरत मौत हो गई और 6 को अस्पताल में भर्ती कराया गया जिसमें तीन की रोशनी जाती रही और तीन की हालत काफी नाजुक है खास बात है मरने वालों में एक आर्मी का और एक जवान बीएसएफ का भी शामिल हैं।

इधर जहरीली शराब पीने के बाद मौत का तांडव शुरू होने से प्रभावित क्षेत्रों में हड़कंप मच गया है और परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। जबकि पुलिस और प्रशासन हालात पर नजर बनाये रखने के साथ दोषियों की धरपकड़ करने में लगा हैं।

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पटनाबिहार

एलजेपी दोफाड़, संसदीय दल के नेता बने पशुपति का पार्टी पर कब्जा भतीजे चिराग पासवान अलग थलग पड़े

Pashupati Paras and Chirag Paswan

पटना – लोक जनशक्ति पार्टी में पड़ी दरार के बाद चिराग पासवान अलग थलग पड़ गये है और एक तरह से पार्टी पर स्व. रामविलास पासवान के छोटे भाई और चिराग के चाचा पशुपति पारस का कब्जा हो गया हैं। वहीं लोकसभा अध्यक्ष से पार्टी सांसदों की मुलाकात के बाद आज पशुपति पारस को एलजेपी संसदीय दल का नेता चुना गया।

जैसा कि एलजेपी में इस बगावत का बीते दिन पार्टी के 6 में से 5 सांसदों का लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से मुलाकात के बाद पता चला था । इन 5 सांसदों में खुद पशुपति पारस, चंदन सिंह,महबूब हसन वीना देवी और प्रिंस राजा शामिल थे। बताया जाता है रामविलास पासवान के निधन के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष बने चिराग पासवान सभी प्रमुख नेताओं की अनदेखी करते रहे और वे किसी से सलाह मशविरा भी नही करते थे उल्टा पार्टी में असामाजिक तत्वों का जमाबड़ा बढ़ता जा रहा रहा है यह आरोप चिराग पासवान पर लग रहे हैं।

इधर पार्टी के नये प्रमुख नेता बतौर उभरे सांसद पशुपति पारस ने कहा कि मैने पार्टी तोड़ी नही बल्कि पार्टी बचाई हैं क्योंकि आज जो स्थिति हैं उससे उसके वर्चस्व पर सबाल उठने लगे वही आम जनता के विश्वास में कमी आ रही थी जिसे सुधारने के मद्देनजर ऐसा फैसला पार्टी नेताओं ने लिया एलजेपी नेता पशुपति पारस ने यह भी कहा कि चिराग पासवान पार्टी में है और बने रहेंगे।

इधर चिराग पासवान आज उनसे खफा अपने चाचा पशुपति पारस से मिलने उनके घर पहुंचे लेकिन उन्हें घर में दाखिल होने की इजाजत नही मिली क्योकि दरवाजे ही नही खुले, करीब आधा घंटे इंतजार के बाद उनकी चाची ने गेट खोला, लेकिन चिराग और उसके चाचा पशुपति पारस की मुलाकात नही हो पाई क्योंकि वे घर से बाहर थे, घर मे चिराग के कजिन ब्रदर और सांसद प्रिंस राजा जरूर मौजूद थे और इस तरह चिराग पासवान की अपने चाचा से कोई बात नही हो सकी। बताया जाता एलजेपी नेता पारस के नेतृत्व में जेडीयू के संपर्क में भी हैं।

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