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भारत को एक मजबूत सरकार की जरूरत, 140 करोड़ भारतीय ही मेरे वारिस और मेरा परिवार, कहा पीएम मोदी ने

PM Modi Speech

पटना/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में चुनावी सभा में कहा मजबूत भारत के लिए देश में मजबूत सरकार चाहिए इसलिए आपको चाहिए कि आप तीसरी बार फिर से हमें मौका दें। उन्होंने कहा कि आज देश की 140 करोड़ जनता ही मेरा परिवार है और यही मेरी वारिस भी हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2024 का यह चुनाव भारत के विकास को आगे बड़ाने, नौजवानों की तरक्की के लिए काफी महत्व पूर्ण है भारत अब एक लंबी छलांग लगाने जा रहा है और वह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्था बनने जा रहा हैं। 2024 का यह चुनाव उस परंपरा को हटाने का चुनाव है जिसने वर्षो तक भाई भतीजा वाद और परिवार बाद में भारत के नौजवानों का भविष्य बिगाड़ दिया।

पीएम ने कहा मजबूत भारत उन ताकतों को पराजित करने के लिए जरूरी है जो देश को कमजोर करना चाहती है इसलिए भारत को एक मजबूत सरकार चाहिए। हमारी प्रबल इच्छा है देश की राजधानी को और अधिक सबल करे और दुनिया के आकर्षण का केंद्र बनाएं इसलिए देश को चाहिए आप भी चाहते है न (उन्होंने जनता से सबाल किया) मोदी सरकार..मोदी सरकार.. मोदी सरकार.. , उन्होंने कहा जनता का सपना ही मेरा संकल्प है।

नरेंद्र मोदी ने कहा साथियों देश के विकास को तेज गति मिले इसके लिए में प्रयासरत हूं 50 -60 साल पहले मैं जब अपने घर को छोड़कर निकला था तो मुझे भी नही पता था कि एक दिन मैं लाल किले पर झंडा फहराऊंगा और मुझे यह भी पता नहीं था कि 140 करोड़ भारतीय ही मेरा परिवार बन जायेगा, साथियों मैं न अपने लिए जिया न अपने लिए जन्मा हूं मैं आपके और आपके बच्चों के भविष्य के लिए खप रहा हूं। आज 140 करोड़ देशवासी ही मेरे वारिस है मेरा दिन रात और हर पल आपके लिए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा जी 20 कार्यक्रम से दुनिया हैरान है देश और दिल्ली ने देखा नया संसद भवन देश की शान बड़ा रहा है बाबा साहब और हमारे पूर्व पुलिस सैनिकों का स्मारक बना पूर्व प्रधानमंत्रियों के बारे में किसी ने नहीं सोचा हमने उनका म्यूजियम बनाया। देश में चौतरफा हाइवे दिल्ली मैट्रो का दुगना नेटवर्क और नमो भारत ट्रेन जैसे कार्य देश के नवीन विकास की गाथा खुद कह रहे है।

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भाजपा नेता एवं बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी नही रहे, लंबे समय से कैंसर थे पीड़ित एम्स में ली अंतिम सांस

Sushil Modi

नई दिल्ली, पटना/ बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का 72 साल की उम्र में निधन हो गया। वह लंबे समय से कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे और दिल्ली के एम्स में भर्ती थे।

बिहार के वरिष्ठ बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी की तबियत ज्यादा खराब होने पर उन्हें पिछले एक महिने पहले दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती किया गया था जहां के आईसीयू में उनका इलाज चल रहा था। श्री मोदी करीब दो साल से कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे। सोमवार की रात करीब दस बजे उन्होंने एम्स में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली।

श्री मोदी बीजेपी की बिहार की राजनीति में काफी सक्रिय रहे और पार्टी को मजबूत बनाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन किया। बिहार में वह नीतीश कुमार की सरकार में डिप्टी सीएम भी रहे। जानकारी के अनुसार दिवंगत श्री मोदी के परिवार में पत्नी और दो बच्चें है।

बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी के निधन पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा आज हमने पार्टी के एक महान पुरोधा को खो दिया है और उनकी राजनीति गरीबों को समर्पित थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनके निधन पर गहरा दुख प्रकट करते हुए कहा की वह एक सक्रिय और निष्ठावान नेता थे पार्टी को दी गई उनकी सेवाएं हमेशा याद रखी जायेंगी।बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि मोदी का निधन बिहार भाजपा के लिए अपूर्णीय क्षति हैं।

राजद नेता लालू प्रसाद यादव ने दिवंगत सुशील कुमार मोदी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह समर्पित राजनेतिक शख्श थे और जनसेवा के जरिए उन्होंने बिहार की राजनीति में एक अहम स्थान बनाया।

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एलजेपी (आर) ने अपने कैंडिडेट घोषित किए, भतीजा चाचा पर भारी, समर्पण किया पशुपति ने

Chirag Paswan PC

पटना / एनडीए गठबंधन में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (आर) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने आज अपने खाते की 5 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए है। लेकिन बड़े बड़े दावे करने वाले उनके चाचा आरएलजेपी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने पीएम नरेंद्र मोदी और एनडीए में विश्वास व्यक्त करते हुए चुनाव नही लड़ने का निर्णय लिया है।

एलजेपी (आर) के अध्यक्ष चिराग पासवान खुद बिहार की हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लडेंगे, जबकि उन्होंने खगड़िया से राजेश वर्मा को जमई से अरुण भारती को वैशाली से वीणा देवी को और समस्तीपुर लोकसभा सीट से शांभवी चौधरी को टिकट दिया है।

2024 में बीजेपी ने चिराग पासवान को ज्यादा तवज्जों दी और 5 की 5 लोकसभा सीट एलजेपी (आर) को दे दी और एनडीए घटक दल के पुराने सदस्य सांसद और केंद्रीय मंत्री रहे पशुपति पारस और उनकी पार्टी आरएलजेपी को एक भी सीट नहीं दी,प्रारंभ में पशुपति ने चेतावनी देते हुए गाजीपुर से हर हालत में चुनाव लड़ने का ऐलान किया था लेकिन आज उन्हें तैवर नरम पड़ गए है और चिराग पासवान ने जब आज अपने प्रत्याशियों की घोषणा की तो उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी एनडीए का अभिन्न अंग है पीएम नरेंद्र मोदी का फेस हमारे लिए सर्वोपरि है और मोदी के नेतृत्व में एनडीए देश में 400 सीट जीतेगा। इससे साफ है कि उनकी पार्टी और वह खुद हाजीपुर से चुनाव नही लड़ रहे हैं जबकि 2019 में उनकी पार्टी आरएलजेपी एनडीए का अहम हिस्सा थी और वह खुद गाजीपुर से जीते और केंद्रीय मंत्री बने उनकी पार्टी से कुल 4 सांसद बने थे। लेकिन इस बार लगता है भतीजा चाचा पर भारी पड़ गया और पशुपति पारस एक तरह से चिराग के सामने सरेंडर कर गए।

 

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हमारे साथ न्याय नहीं हुआ तो हम कही भी जा सकते है, हाजीपुर से लडूंगा चुनाव पशुपति की बीजेपी को खुली चेतावनी

Pashupati Paras

पटना/ एनडीए गठबंधन की सदस्य पार्टी आरएलजेपी के अध्यक्ष पशुपति पारस ने आज तीखे तेवरों का मुजाहिरा करते हुए एनडीए और बीजेपी को खुली चेतावनी दे दी है पटना में हुई पार्टी की बैठक में पशुपति पारस ने साफ कहा है कि हम सीटों के ओपचारिक ऐलान तक रुके है यदि हमारी पार्टी को उचित सम्मान एनडीए और बीजेपी नही देती तो हम पार्टी हित में भविष्य का फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है हमारे लिए दरवाजे खुले है और हम कही भी जा सकते है उन्होंने यह भी कहा कि हमारी पार्टी के सभी 5 सांसद चुनाव लडेंगे साथ ही मैं खुद हाजीपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ूंगा।

आज हुई राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस की अध्यक्षता में हुई बैठक में संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष सूरजभान सिंह समस्तीपुर के सांसद प्रिंस राज नवादा के सांसद चंदन सिंह सहित तीन सांसद और वरिष्ठ नेता मोजूद थे बैठक में आगे की रणनीति पर विचार किया गया। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए पशुपति पारस ने कहा कि हम एनडीए का हिस्सा आज भी है और पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह अध्यक्ष जेपी नड्डा का हम बहुत सम्मान करते है हम चाहते है कि हमारे सभी पांचों सांसदों को उनके उसी क्षेत्र से टिकट दिया जाएं जहां से वह पिछले चुनाव में जीते थे लेकिन अभी तक हमसे इस मामले में कोई बात नही की गई फिलहाल एनडीए की ओपचारिक सूची जारी नही हुई है हम उसका इंतजार करेंगे यदि हमारे साथ न्याय नहीं होता तो हमारे लिए आगे सभी दरवाजे खुले है हम अपना निर्णय लेंगे और हमारे सभी सांसद चुनाव लडेंगे उन्होंने यह भी कहा कि वह खुद अपनी परंपरागत हाजीपुर सीट से लोकसभा का चुनाव लडेंगे।

बीते दिनों एनडीए में शामिल एलजेपी नेता चिराग पासवान और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की सीट बंटवारे को लेकर दिल्ली में बैठक हुई थी सूत्रों के मुताबिक चिराग की एलजेपी को बिहार की एलजेपी के कोटे की पूरी 5 सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमति बनी थी। खुद चिराग पासवान ने नड्डा के साथ एक फोटो सोशल मीडिया पर सार्वजनिक करते हुए कहा था कि बैठक में बातचीत काफी सकारात्मक हुई। फिलहाल एनडीए की तरफ से इसका ओपचारिक ऐलान तो नही हुआ लेकिन पशुपति पारस की पार्टी में इसके बाद भूचाल आ गया क्योंकि सभी सीटें भतीजे चिराग पासवान के खाते में जाने से साफ था कि उनके चाचा को एनडीए एक भी सीट देने के मूड में नहीं है और एक तरह से उनका पत्ता साफकर उन्हें एनडीए से निकाल सा दिया है।

पशुपति पारस के इस निर्णय से लगता है बिहार में एनडीए की मुसीबतें बड़ने वाली है क्यों कि हाजीपुर से चिराग पासवान चुनाव लड़ने वाले है जो उनके पिता रामविलास पासवान की कर्मभूमि रही है जबकि पशुपति पारस भी इस सीट पर अपना दावा पेश कर रहे है उनका कहना है उनके भाई ने उन्हें यह सीट दी है इससे संभव है चाचा भतीजे दोनों के बीच दिलचस्प मुकावला देखने को मिल सकता है

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नीतीश कुमार ने विश्वास मत हासिल किया, पक्ष में 129 मत पड़े, वोटिंग से पहले विपक्ष का वॉक आउट, तेजस्वी के हमले पर नीतीश का जवाब

Nitish Kumar

पटना / बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने आज विश्वास मत हासिल कर लिया है वोटिंग के दौरान विश्वास मत के पक्ष में 130 मत पड़े जबकि विपक्ष ने मुख्यमंत्री के संबोधन के दौरान सदन से वॉक आउट कर दिया था। इस तरह विश्वास मत के विरोध में एक भी मत नही पड़ा। इस तरह नीतीश कुमार को बहुमत से 8 वोट ज्यादा मिले।

आज सुबह बिहार विधानसभा में यह कार्यवाही शुरू हुई लेकिन शुरूआत में सत्ता पक्ष के विधायकों ने वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास व्यक्त करते हुए उन्हें हटाने की मांग सदन में रखी जिसपर हुए मतदान में उनके पक्ष में 112 और विपक्ष में 125 सदस्यों ने मत दिया इस तरह चौधरी को पद त्याग करना पड़ा और सदन की आगामी कार्यवाही के लिए उपाध्यक्ष को जिम्मेदारी दी गई और उन्होंने अपना स्थान ग्रहण किया। इस तरह यह पहले से ही साफ लग रहा था कि नीतीश कुमार विश्वास मत हासिल कर लेंगे।

खास बात रही कि आरजेडी के तीन विधायक नीलम देवी चेतन आनंद और प्रहलाद यादव पाला बदल कर सदन में सत्ता पक्ष के साथ बैठे दिखाई दिए, तेजस्वी यादव ने इस बीच कहा कि मतदान से पहले वे दूसरी तरफ बैठते है तो नियमानुसार उनका वॉट अमान्य समझा जाएगा साथ ही तेजस्वी यादव ने एमएलसी होने के नाते डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को मतदान में हिस्सा नहीं लिए जाने की बात भी उपाध्यक्ष को इंगित कर कही तो सम्राट चौधरी सदन से चले गए। जबकि जेडीयू के विधायक दिलीप राय सदन से गायब रहे।

नीतीश रहे तेजस्वी के निशाने पर सादगी से किया हमला …

अविश्वास प्रस्ताव से पूर्व सदन में मुख्य दल आरजेडी विधायक तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर बड़ा नपा तुला हमला किया, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नई सरकार के गठन पर नीतीश कुमार को बधाई देते हुए कहा कि आपने 9 बार शपथ ली और एक टर्म में तीन बार मुख्यमंत्री की शपथ का रिकार्ड बनाया,आप हमें अपना बेटा कहते थे और हम आपको अपना गार्जियन मानते थे और मानते रहेंगे और आपका सम्मान करते रहेंगे हम दोनों का लक्ष्य एक था मोदी सरकार को हराना, लेकिन हम नीतीश जी को पिता समान राजा दशरथ मानते है दशरथ नही चाहते थे कि राम वनवास जाए लेकिन केकई चाहती थी क्या मजबूरी रही हम नही जानते लेकिन आप केकई को पहचानिए और उससे जरूर बचकर रहना,जिसने हमें दूर किया। लेकिन आप पीड़ा महसूस करें तो हम काम आयेंगे।

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश पर बड़े अलग अंदाज से निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश जी फिर नही पलटेंगे इसकी क्या गारंटी है हार चीज की गारंटी देने वाले मोदी जी क्या इसकी भी गारंटी देंगे कि नीतीश जी अब फिर पलटी नही मारेंगे, तेजस्वी ने कहा हमें सत्ता का कोई मोह नहीं न हमारे मन में कोई खोट है हमसे कोई दिक्कत थी तो बताते। यह पहली बार नहीं कि हम अकेले है लेकिन हमारे साथ कांग्रेस वाम दल आज भी है। और मोदी जी को अब चाचा नही तो यह भतीजा रोकने का का करेगा और भतीजा यह झंडा उठाएगा।

तेजस्वी ने कहा कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न देना अच्छी बात है मेरे पिता और नीतीश कुमार ने कर्पूरी जी के साथ काम किया नीतीश जी उन्हें भारत रत्न मिलने पर उनके समाजवाद को लेकर बड़ी बड़ी बात कर रहे थे लेकिन यह भी नही भूलना चाहिए आज वे जिसके पाले में पहुंच गए है आरक्षण के मुद्दे पर उन्होंने ही जनसंघ के समय कर्पूरी ठाकुर को मुख्यमंत्री पद से हटाने का काम किया था। उन्होंने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि भारत रत्न क्यों दिया सम्मान के लिए नही बल्कि बीजेपी जो भी करती है वोटबैंक के लिए करती हैं।

उन्होंने कहा हमारी विचारधारा है सिद्धांत है एक जगह खड़े रहते है उससे डिगते नहीं है हमें किसी का डर नही हमारे पिता लालू जी है हमारी रगो में उनका खून है हम घबराते नहीं मुकाबला करने में विश्वास रखते हैं।

हम 17 महिने सरकार में रहे तो जो काम हमने किए उसका क्रेडिट क्यों न ले,जीतमराम माझी की विश्वसनीयता पर सबाल उठाते कहा जब पिछला सत्र चल रहा था तो नीतीश कुमार के नाराज होने पर माझी जी कहा था इन्हे गलत दवाई दी जाती रही इनका सही इलाज कराओ तेजस्वी ने कहा यदि नेतिकता है तो माझी जी इनका इलाज कराए नही तो अपने शब्द वापस ले लें।

राजद नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को लक्ष्य बनाकर यह भी कहा आप ओल्ड पैंशन स्कीम बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और मजदूरों को स्वास्थ्य स्कीम में 5 लाख देने के लिए प्रयास करेंगे ऐसा मैं मानता हूं।

उन्होंने कहा हमारी विचारधारा है सिद्धांत है एक जगह खड़े रहते है उससे डिगते नहीं है हमें किसी का डर नही हमारे पिता लालू जी है हमारी रगो में उनका खून है हम घबराते नहीं मुकाबला करने में विश्वास रखते हैं। उन्होंने सत्ता पक्ष के साथ जाने वाले अपने विधायक नीलम देवी चेतन आनंद और प्रहलाद यादव को कहा जब कभी भी आप परेशान हो तो तेजस्वी को याद करना तेजस्वी आपके साथ खड़ा होगा।

नीतीश का तेजस्वी पर पलटवार, लालू राबड़ी के राज्य की याद दिलाई …

वही नीतीश कुमार ने तेजस्वी पर पलटवार करते हुए कहा हम अलग हुए और 2005 से हमें बिहार में काम करने का मौका मिला और 9 महिने छोड़कर अभी तक बिहार के विकास और इसकी उन्नति के काम किए जबकि पहले इनके पिता और मां जब मुख्यमंत्री रही बिहार में महिलाएं रात में बशर नही निकल पाती थी शिक्षा का हाल बेहाल था आज क्या स्थिति है रात को।महिलाएं आराम से सुरक्षित आती जाती है हमने पहले जो हिंदू मुस्लिम के बीच होता था उस झगड़े को बंद करवाया, हमने समाज के उत्थान के लिए काम किया हमने फिर इनको मौका दिया लेकिन देखा कि इनके सभी विधायक मनमानी कर रहे है काम नहीं कर रहे इसलिए हम फिर से पुरानी जगह आ गए और अब कही नही जायेंगे तीनों पार्टियां बिहार की बेहतरी के लिए काम करेंगे उन्होंने लेफ्ट पार्टियों से पुराने संबंधों का हवाला देते हुए कहा चिंता न करें हम हर तबके का ख्याल रखेंगे। नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि शिकायत मिली कि हमारे विधायकों को लालच दिया जा रहा था इनके पास इतना पैसा कहा से आया इसकी हम जांच कराएंगे।

बीजेपी नेता एवं डिप्टी सीएम में फाइल खोलने की दी चेतावनी …

डिप्टी सीएम एवं बीजेपी नेता विजय सिंहा ने सदन में कहा कि नेचर और सिग्नेचर किसी का कभी भी नही बदलता बिहार में गुंडाराज जंगलराज किसने फैलाया जनता जानती है उन्होंने तेजस्वी का नाम लेते हुए कहा जिन लोगों ने जमीन घोटाले किए चार चार विभाग अपने पास रखें उन लोगों को सत्ता जाने की बैचेनी है जबकि डिप्टी सीएम और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने चेतावनी देते हुए कहा भ्रष्टाचार की हर फाइल खोली जायेगी।

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बिहार में फ्लोर टेस्ट कल, नीतीश की हार होगी या जीत? विधायकों का गायब होना, क्या खेला होगा

Tejaswi and Nitish Kumar

पटना / बिहार में एनडीए गठबंधन की नीतीश कुमार की सरकार का फ्लोर टेस्ट 12 फरवरी सोमवार को है बड़ा सबाल है कि नीतीश कुमार फ्लोर टेस्ट में पास होंगे या फेल हो जाएंगे यदि फेल होते है तो एनडीए और खुद उनकी काफी किरकिरी होने वाली है यदि वह फ्लोर टेस्ट में बहुमत हासिल कर लेते है तो वह बिहार की राजनीति में फिर देदीप्यमान हो उठेंगे।

जेडीयू नेता नीतीश कुमार 28 जनवरी को आरजेडी और महागठबंधन से अलग हुए और एनडीए में शामिल होकर उन्होंने बीजेपी के समर्थन से फिर सरकार बनाई और मुख्यमंत्री बने जिस नेता ने इंडिया एलाइंस को खड़ा करने की पहल की और 28 दलों को एक मंच पर लेकर आए उन नीतीश कुमार के पाला बदल कर बीजेपी और एनडीए के साथ जाना इंडिया गठबंधन को करारा झटका कहा जायेगा। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पहले 5 फरवरी को फ्लोर टेस्ट के जरिए अपना बहुमत सिद्ध करने का समय दिया था लेकिन बाद मैं तारीख में तब्दीली हुई और अब उन्हें 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट देना है। लेकिन जब बिहार में नीतीश ने पाला बदला तो आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अभी खेला होना बाकी है तभी से कयास लगाए जाने लगे कि फ्लोर टेस्ट में नीतीश कुमार कही असफल तो नही हो जाएंगे।

बिहार के गणित पर नजर डाले तो बिहार में कुल 243 विधानसभा की सीटें है और 122 सीट का आंकड़ा बहुमत के लिए जरूरी है वर्तमान में जेडीयू पर 45 बीजेपी पर 75 और जीतनराम मांझी की पार्टी हम पर 4 विधायक है जबकि महागठबंधन की आरजेडी पर सबसे अधिक 79 कांग्रेस पर 19 और वामपंथी और अन्य पर 16 विधायक है इस तरह एनडीए पर 128 और महा गठबंधन पर 114 विधायक है। नीतीश सरकार को बहुमत सिद्ध करने में कोई दिक्कत नही आना चाहिए लेकिन विधायकों की गोलबंदी कुछ अलग ही संकेत दे रही है।

इन अटकलों को तब हवा मिली जब सबसे पहले कांग्रेस ने अपने 19 में से 17 विधायकों को अहमदाबाद रवाना कर दिया। इस तरह कांग्रेस के 2 विधायक गायब बताएं जाते है। लेकिन उससे अधिक आश्चर्य तब हुआ जब बीजेपी ने 10 और 11 जनवरी का प्रशिक्षण शिविर बताकर अपने विधायकों को बोध गया भेज दिया,अचरज इसलिये कि बीजेपी खुद को सबसे ज्यादा अनुशासित पार्टी बताती है बीजेपी जरूर प्रशिक्षण का नाम ले रही है लेकिन नीतीश सरकार बचाने के लिए उसे भी पहली बार अपने विधायकों की घेराबंदी करना पड़ रही है। जबकि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी के 2 विधायक बोधगया नही पहुंचे है जो बड़ी बात हैं।

इधर जेडीयू में भी हड़बड़ाहट साफ देखी जा रही है आनन फानन उसके नेता श्रवण कुमार ने नेतृत्व के निर्देश पर सभी विधायकों को एकजुट करने की गरज से अपने यहां एक सामूहिक भोज रखा लेकिन मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक उसमें जेडीयू के 5 से 6 विधायक नही पहुंचे अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक़ इस भोज से 9 विधायक गायब रहे। जबकि एक दिन पहले आज मंत्री विजय कुमार चौधरी के घर पर जेडीयू विधायकों की बैठक हुई जिसमें नीतीश कुमार भी शामिल हुए लेकिन बड़ी बात है कि इस बैठक में 45 में से 41 विधायक ही मौजूद रहे। जबकि आरजेडी ने भी अपने विधायकों की घेराबंदी कर डाली सभी विधायकों को तेजस्वी यादव ने बैठक के बहाने अपने निवास पर बुलवाया फिर सभी को 12 फरवरी सुबह तक वही रहने का फरमान सुनाया लेकिन बताया जाता है आरजेडी के भी 2 विधायक बैठक में शामिल होने नही पहुंचे।

इधर हम पार्टी प्रमुख जीतमराम माझी के बिहार में 4 विधायक है उन्होंने नीतीश सरकार में अपनी भागीदारी बड़ाने की बात कहकर मुश्किल पैदा कर दी है वे अब मंत्रिमंडल में दो मंत्री की मांग कर रहे है जबकि वे एक राज्यसभा भी चाहते है उन्हें चुनाव बाद का आश्वासन दिया गया है बताया जाता है वामपंथी नेता महबूब आलम माझी का दिल टटोलने गत रोज गए थे लेकिन उन्होंने फिलहाल महागठबंधन या आरजेडी को समर्थन देने से इंकार कर दिया है साफ है वह एनडीए में ही रहेंगे लेकिन इस दौरान वे अपने फायदे की जरूर सोच रहे हैं।

लेकिन इस बीच एक पैच और भी है वर्तमान में बिहार विधानसभा के सभापति अवध बिहारी चौधरी है जो आरजेडी पार्टी के है नीतीश कुमार कभी नहीं चाहेंगे कि उनके रहते फ्लोर टेस्ट हो जबकि महागठबंधन और आरजेडी चाहेगी कि वही फ्लोर टेस्ट करवाए। इससे लगता है कि नीतीश कुमार फ्लोर टेस्ट से पहले उन्हें हटाने के लिए मतदान कराने के लिये पहल कर सकते हैं।

बिहार में हो रहे इस उलटफेर के बीच बिहार की जनता के साथ पूरे देश की निगाहें 12 फरवरी पर लगी है कि नीतीश कुमार की सरकार रहती है यह फिर गिर जायेगी ? लेकिन यह भी हो सकता है कि जो विधायक बुलाने पर नही पहुंचे उनकी कुछ पारिवारिक या व्यक्तिगत परेशानियां हो सभी दगा देने वाले नही हो सकते। अब फैसला आने में कुछ घंटे शेष बचे है लेकिन इन सभी दलों और उसके नेताओं की धड़कने जरूर बड़ गई होंगी।

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सुबह नीतीश का इस्तीफा शाम को मुख्यमंत्री की शपथ, बीजेपी से जोड़ा आरजेडी से नाता तोड़ा, कहा मुक्ति मिली

Nitish Kumar Patna

पटना / बिहार में नाटकीय तौर पर बड़े फेरबदल के साथ नीतीश कुमार ने सुबह अपना इस्तीफा दिया और शाम को उन्होंने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। नीतीश ने आरजेडी से नाता तोड़ा और बीजेपी के साथ अपना फिर से नाता जोड़ लिया। नीतीश कुमार 9वी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने जबकि पहली बार वे 2000 में बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। खास बात यह भी है कि इस सत्र में उन्होंने तीसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।

पिछले तीन दिन से बिहार में राजनेतिक उथल पुथल जोरों पर थी लेकिन नीतीश कुमार चुप्पी साधे रहे उनके दल जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने शनिवार को कांग्रेस को जिम्मेदार बताते हुए इंडिया गठबंधन में जेडीयू नेता नीतीश कुमार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था।

बीजेपी नेतृत्व ने उन्हें विधायकों का समर्थन पत्र देने से पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने को कहा था रविवार को जेडीयू की रणनीति साफ हो गई नीतीश कुमार सुबह 11 बजे राजभवन पहुंचे और उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा उसके बाद विधायक दल की बैठक में बीजेपी और जेडीयू के विधायकों ने ओपचारिक रूप से उन्हें विधायक दल का नेता चुना और उसके बाद करीब 11.30 बजे वह फिर राजभवन पहुंचे और राज्यपाल से मिलकर उन्होंने सरकार बनाने का दावा पेश किया इस दौरान बीजेपी विधायक भी उनके साथ थे।

शाम 5 बजे शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया और राज्यपाल ने नीतीश कुमार को बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई इस दौरान बीजेपी खेमे से प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिंहा दोनों को बिहार के डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाई गई उनके अलावा 6 विधायकों को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई। इस तरह करीब डेढ़ साल बाद बिहार में एक बार फिर से डबल इंजन की सरकार काबिज हो गई। डिप्टी सीएम के साथ साथ विजय चौधरी, संजय झा, विजेंद्र यादव, श्रवण कुमार, संतोष कुमार सुमन (हम), सुमत कुमार सिंह (निर्दलीय) ने मंत्री पद की शपथ ली।

इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार ने आरजेडी से नाता तोड़ने की सफाई देते हुए कहा हमने राज्यपाल से वर्तमान सरकार को समाप्त करने का आग्रह किया है आज से हम दोनों (आरजेडी) अलग हो गए है जितना काम हम कर रहे थे लेकिन वह कुछ काम ही नहीं कर रहे थे लोगों को तकलीफ थी हमने तो बोलना छोड़ दिया था। जबकि मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद नीतीश कुमार ने मिडिया से चर्चा में कहा कि हम पहले भी एनडीए में थे बीच में चले गए थे अब जहां थे वहीं आ गए अब हमें मुक्ति मिल गई है आगे इधर उधर जाने का सवाल ही नहीं हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद नीतीश कुमार को बधाई दी और कहा कि बिहार के विकास के लिए एनडीए सरकार पूरी ताकत लगा देगी और बिहार में यह टीम पूरे समर्पण के साथ काम करेगी।

शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मोजूद रहे थे उन्होंने बीजेपी मुख्यालय में आयोजित प्रेस कान्फ्रेस में इंडिया गठबंधन और कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा पहले ममता ने पलीता लगाया पंजाब में आप देख ही रहे है अब बिहार में भी गठबंधन छिन्न भिन्न हो गया इस तरह इंडी गठबंधन जमीन पर उतरने से पहले ही बिखर गया। उन्होंने कहा कांग्रेस ने पहले भारत जोड़ों यात्रा निकाली उसका कोई असर नहीं हुआ अब न्याय यात्रा निकल रही है जो अन्याय यात्रा बन गई है यह गठबंधन प्रॉपर्टी और परिवार का गठबंधन रह गया है। नड्डा ने कहा पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार में डबल इंजन की सरकार बनी है आगे अच्छे परिणाम आएंगे और बीजेपी जेडीयू के साथ एनडीए गठबंधन लोकसभा चुनाव में बिहार में पूरी 40 सीटें जीतेगा।

इधर कल तक नीतीश कुमार के खिलाफ ज्यादा कुछ कहने से विपक्ष के नेता गुरेज कर रहे थे लेकिन मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद नीतीश कुमार आरजेडी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के निशाने पर थे उन्होंने कहा अभी उनके खुश होने का समय है लेकिन बिहार की जनता को लगातार नीतीश कुमार जो धोखा दे रहे है अगले चुनाव में जेडीयू खत्म हो जाएंगी इसका करारा जबान चुनाव में बिहार की जनता जरूर देगी।

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देशपटनाबिहार

बिहार में खेला, नीतीश फिर पलटी मारने की फिराक में? बैठकों का दौर जारी, जेडीयू विधायक दल की बैठक 28 को

Nitish Kumar and Lalu prasad yadav

पटना/ बिहार में सियासी पारा चढ़ा हुआ है और जिस तरह की ख़बरें बाहर आ रही है इससे लगता है बिहार में जल्द राजनेतिक फेर बदल होने वाला है राजनैतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पांचवी बार फिर पाला बदलने की फिराक में है और उनके एनडीए में शामिल होने की अटकलें तेज होती जा रही है लेकिन जेडीयू के एक विधायक में यह कह कर सनसनी फैलादी कि अगर नीतीश भाजपा के साथ जाते है तो जेडीयू पार्टी टूट जायेंगी। इधर आरजेडी तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की मुहिम में जुट गई है। अब नीतीश कुमार क्या एनडीए और बीजेपी के पाले में जाने के बाद मुख्यमंत्री बने रहेंगे ? और उनकी सरकार का क्या हश्र होगा यह यक्ष प्रश्न बन गया हैं।

शुक्रवार को गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में नीतीश कुमार पहले आ गए उसके बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पहुंचे लेकिन वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बगल में बैठने की बजाय दूर बैठे करीब दोनों डेढ़ घंटे तक साथ रहे लेकिन कोई बातचीत नहीं हुई। उसके बाद राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के बुलावे पर हुई टी पार्टी में तेजस्वी यादव नही पहुंचे, नीतीश कुमार के बगल में उनकी सीट खाली देखकर कुर्सी से उनके नाम की पर्ची हटाकर उस कुर्सी पर जेडीयू नेता अशोक चौधरी बैठ गए जिससे साफ होता है कि जेडीयू और आरजेडी में तल्खी बड़ती जा रही है दोनों नेता आज नजदीक बैठने को भी तैयार नहीं हैं।

दिल्ली में बिहार की सियासत को लेकर बीजेपी मुख्यालय पर बैठक हुई जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा गृहमंत्री अमित शाह और बिहार के प्रभारी बीएल संतोष मोजूद रहे। यह बैठक समाप्त हो गई है। इधर पटना में नीतीश कुमार ने सीएम हाउस पर बैठक ली जेडीयू नेताओं की बैठक ली जबकि रावड़ी निवास पर आरजेडी की बैठक हुई जिसमें लालू प्रसाद यादव तेजस्वी यादव सहित अन्य नेता मोजूद रहे। जबकि कल शनिवार आरजेडी विधायक दल की बैठक बुलाई गई है सूत्रों के मुताबिक़ बैठक के बाद आरजेडी अपने साथ के विधायकों की राज्यपाल के सामने परेड करा सकती है। जबकि शनिवार को शाम 4 बजे बीजेपी विधायक दल की बैठक होना है जबकि 28 जनवरी को जेडीयू विधायक दल की बैठक आहुत की गई है।

जबकि दिल्ली से लौटे बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी का कहना है कि राजनीति संभावनाओं का खेल है जिसमें कोई भी चीज परमानेंट नही होती उन्होंने यह भी कहा जो दरवाजे बंद है उन्हें खोला भी जा सकता है उनके इस वक्तव्य से समझा जा सकता है कि अंदर खाने क्या चल रहा हैं।

इधर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि बिहार में क्या चल रहा है नीतीश कुमार और जेडीयू क्लीयर करें क्योंकि इस तरह की ख़बरों से इंडिया गठबंधन कमजोर होता है। जबकि आरजेडी सांसद मनोज झा ने चेतावनी देते हुए कहा है कि नीतीश कुमार अपनी स्थिति साफ करें क्योंकि उनकी चुप्पी से कई तरह की अफवाह फैल रही है । बिहार कांग्रेस अध्यक्ष प्रेम चंद मिश्रा कि कांग्रेस चाहती है कि मुख्यमंत्री आगे आकर पूरी परिस्थिति के बारे में राज्य की जनता को बताएं और पूरी स्थिति स्पष्ट करें,हम नजर बनाएं है और कांग्रेस सारे विकल्पों पर विचार कर रही है।

लेकिन इस सियासी हलचल के बीच पूरी कमान आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव ने अपने हाथों में ले ली है वह सभी विधायकों से खुद बात कर रहे है उनका प्रयास है कि नीतीश के पाला बदलने के बाद वह तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में पेश करें और इसके लिए उन्हें 122 विधायकों का समर्थन चाहिए वह उसे इकट्ठा करे उनके हम पार्टी प्रमुख जीतमराम माझी से मुलाकात की भी खबरें है।

बिहार के सियासी समीकरण को समझें तो यहां विधानसभा की 243 सीटें है उनमें 78 बीजेपी जेडीयू 43 और हम पार्टी के 4 विधायक है जबकि आरजेडी पर 79 कांग्रेस 19 सीपीआई एमएल 12 और अन्य 6 विधायक है इस तरह यह सब मिल भी जाएं तो महागठबंधन पर कुल 116 विधायक होते है जबकि एनडीए पर फिलहाल 125 विधायक है और बहुमत के लिए 122 विधायकों की जरूरत होगी एनडीए के पास फिलहाल यह आंकड़ा है अब यदि आरजेडी जेडीयू में सेंध लगाती है और उसके कुछ विधायक उसके पाले में आते है तभी कुछ बात बन पाएंगी।

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पटनाबिहार

नीतीश के परिवारवाद पर बयान के बाद बिहार में सियासी हलचल तेज, जेडीयू आरजेडी में दरार के साथ नीतीश के एनडीए में जाने की अटकलें

Nitish Kumar

पटना / बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजनीति में परिवारवाद को हवा देने पर जेडीयू और आरजेडी में तनाव की स्थिति निर्मित होने की जानकारी सामने आई है जिससे सियासी पारा एकाएक ऊपर चढ़ गया और दोनों के बीच खटास की खबर आने लगी । साथ ही इंडिया गठबंधन में दरार पड़ने के अलावा नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल होने की अटकलें भी जोर पकड़ने लगी है। यह भी कहा जा रहा है अगले 48 घंटो में बिहार में राजनेतिक बदलाव होगा। लेकिन फिलहाल पुख्ता रूप से अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है।

केंद्रीय सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रखर समाजवादी नेता स्व कर्पूरी ठाकुर को उनकी जयंती पर भारत रत्न देने का ऐलान किया है इसको लेकर 24 जनवरी को जेडीयू के कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा था कि कुछ लोग परिवारवाद को बढ़ावा देते है और आगे बड़ते जाते है लेकिन कर्पूरी ठाकुर ने कभी ऐसा नहीं किया उन्होंने अपने परिवार को राजनीति में अहमियत नहीं दी और उनका मैंने भी अनुशरण किया है इनके इस बयान के बाद लालू प्रसाद यादव की बेटी ने नीतीश का नाम लिए बिना समझाइश देते हुए एक के बाद एक तीन ट्वीट किए और उन्हें घेरा, लेकिन फिर जल्द अपने ट्वीट्स को हटा भी लिया।

लेकिन नीतीश के बीजेपी के साथ जाने की अटकलों के बीच दूसरे दिन राजनैतिक उठापटक और तेज हो गई नीतीश कुमार ने अपने बिहार से बाहर के सभी कार्यक्रम निरस्त करते हुए पटना में सीएम हाउस पर एक बैठक की जिसमें जेडीयू नेता ललन सिंह सहित कुछ प्रमुख नेता और मंत्री शामिल रहे। बताया जाता है बाद में नीतीश कुमार ने डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी जो जेडीयू के ही है उन्हें अपना दौरा रद्द कर पटना आने को कहा है।

दूसरी तरफ आरजेडी ने भी अपने नेताओं और विधायकों की एक बैठक की जिसमें लालू प्रसाद यादव डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव प्रमुखता से मोजूद रहे। बताया जाता है जेडीयू नेता लालू प्रसाद यादव ने विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी से जो उन्हीं की पार्टी के है उनसे चर्चा की है।

बिहार में सियासी उठापटक की खबरों के बीच बीजेपी का सतर्क होना लाजमी था तो उसके नेता भी सक्रिय हो गए। अध्यक्ष जेपी नड्डा का 27 जनवरी का केरल दौरा रद्द हो गया और सभी भाजपा विधायकों को पटना बुला लिया गया है। जबकि बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी राज्यसभा सांसद सुशील मोदी पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी दिल्ली रवाना हो गए।

जानकारी मिली है कि दिल्ली में बिहार के प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े के घर आज शाम बीजेपी नेताओं की एक आवश्यक बैठक हुई है जिसमें बिहार झारखंड के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र संगठन महामंत्री भीखूभाई दलसानिया सहित बिहार से आए प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सहित अन्य नेता शामिल रहे। इस बैठक के बाद गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर बिहार के बीजेपी नेताओं की बैठक हुई जो 1 घंटे 35 मिनट तक चली इस बैठक के बाद बिहार के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि लोकसभा 2024 चुनावों को लेकर यह बैठक हुई है इसमें नीतीश कुमार के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई है।

खास बात है जिस विमान में बिहार के बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी दिल्ली गए थे इसमें ही जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी भी सबार थे यह जानाबूझकर हुआ या इत्तफाक था यह कहना मुश्किल है हालाकि त्यागी ने दिल्ली में मीडिया से बातचीत में साफ किया की नीतीश कुमार का परिवारबाद पर बयान लालू यादव या सोनिया गांधी पर नही था बल्कि वह कर्पूरी ठाकुर के बारे में कह रहे थे। मीडिया ने लालू की बेटी के ट्वीट पर जब उनसे सबाल किया तो त्यागी ने कहा बच्चों की बातों को हम तबज्जों नही देते लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इंडिया गठबंधन को कोई आंच नहीं आने वाली उसमें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है।

जबकि बिहार के राजनैतिक हालात पर नीतीश सरकार के वित्त मंत्री एवं जेडीयू नेता विजय चौधरी ने कहा है कि सरकार में सब कुछ ठीकठाक है कोई परेशानी की बात नहीं हैं। कल गणतंत्र दिवस पर मैं बिहार शरीफ जा रहा हूं सब ठीक है तभी तो जा रहा हूं। वहीं आरजेडी नेता शक्ति सिंह यादव ने भी यही बात कही उन्होंने कहा हर दिन लालू प्रसाद यादव नेताओं के साथ बैठक करते है सरकार पूरी मजबूती के साथ युवाओं किसानों के हित में काम कर रही है बिहार की जनता जानती है कि तेजस्वी यादव काम के लिए जाने जाते हैं उन्होंने कहा सरकार भरोसे के साथ काम कर रही है और आगे भी करती रहेगी।

जबकि बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कुछ अलग ही कहा उन्होंने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि नीतीश कुमार से बातचीत फायनल स्टेज पर चल रही है बिहार में दो तीन दिन में बड़ा बदलाव होगा।

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देशपटनाबिहार

बिहार जातिगत जनगणना कराने वाला पहला राज्य बना, आंकड़े जारी, अत्यंत पिछड़े और पिछड़े 63, 13 फीसदी, यादव सबसे ज्यादा, हिंदू घटे मुस्लिम बड़े

Vivek Kumar Singh, Additional Chief Secretary, Bihar

पटना/ देश में बिहार जातिगत जनगणना कराने वाला पहला राज्य बन गया है गांधी जयंती के अवसर पर सोमवार को जातिगत जनगणना के आंकड़े सरकार ने घोषित कर दिए है। राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव, विवेक कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता में बताया कि बिहार की कुल जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख 91 हजार 310 है जिसके आधार पर की गई जातिगत जनगणना में अति पिछड़ों की तादाद 36.01 फीसदी पिछड़े वर्ग 17.12 फीसदी अनुसूचित जाति 19.65 फीसदी अनुसूचित जनजाति 1.68 फीसदी है जबकि अनारक्षित अर्थात सामान्य वर्ग 15 .52 फीसदी है। बिहार में एक जातिवर्ग में यादव सबसे अधिक 14.26 फीसदी है। उन्होंने बताया कि बिहार में की गई इस जातिगत जनगणना में 2 करोड़ 83 लाख 44 हजार परिवार शामिल है।

हिंदू घटे मुस्लिम बड़े …

जातिगत जनगणना के जो आंकड़े सरकार ने प्रस्तुत किए इसके मुताबिक कुल आबादी में 82 फीसदी हिंदू और 17.7 फीसदी मुस्लिम है जबकि 2011 की जनगणना की अपेक्षा हिंदू आबादी (82.7% थी ) घटी है जबकि मुस्लिम आबादी (16.9% थी) बड़ी है।

किस जाति की कितनी आबादी …

यादव सबसे अधिक 14.26 फीसदी, जबकि रविदास 5.2 फीसदी,कोईरी 4.2 फीसदी, ब्राह्मण 3.65 फीसदी राजपूत 3.45 फीसदी, मुसहर 3.08 फीसदी, भूमिहार 2.86 फीसदी, कुर्मी 2.8 फीसदी, मल्लाह 2.60 फीसदी, बनिया 2.31 फीसदी कायस्थ 0.60 फीसदी है।

किस धर्म की कितनी आबादी …

हिंदू 81.99 फीसदी, भूमिहार 17.7 फीसदी, ईसाई 0.057 फीसदी, सिंख 0.011 फीसदी बौद्ध 0.085 फीसदी, जैन 0.009 फीसदी, अन्य 0.127 फीसदी और जिनका कोई धर्म नहीं उनकी 0.0016 फीसदी आबादी बिहार में है।

जनसंख्या वितरण …

बिहार में कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 है जिसमें से 12 करोड़ 53 लाख 53 हजार 288 लोग बिहार में और 53 लाख 72 हजार 22 लोग बाहर रहते है जिसमें 6 करोड़ 41 लाख 31 हजार 990 पुरुष है और 6 करोड़ 11 लाख 38 हजार 460 हजार महिलाएं है जबकि बिहार में 1000 पुरुष पर महिलाओं की संख्या 953 है।

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