कोलकाता/ कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप मर्डर केस के विरोध में आज छात्रों और मजदूर संगठनों ने रबन्ना मार्च और सचिवालय के घेराव का कॉल दिया था जब भीड़ की शक्ल में प्रदर्शनकारी आगे बड़े तो उन्हे त्रिस्तरीय बेरीगेटिंग लगाकर पुलिस ने रोका लेकिन जब प्रदर्शनकारियों ने बेरीगेटिंग हटाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए वाटर केनन और अश्रु गैस का इस्तेमाल किया और कुछ जगह लाठी चार्ज कर आंदोलन करने वालों को खदेड़ा। लेकिन पुलिस और युवाओं के बीच लगातार झड़प होती रही जिसमें कई पुलिस कर्मी और छात्र घायल हुए एक दो महिलाएं बेहोश भी हो गई इस दौरान पुलिस ने करीब 50 लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
कोलकाता की सड़कों पर आज जमीनी संघर्ष देखा गया। एक छात्र संगठन ने इस घटना को लेकर कॉलेज स्क्वेयर से सचिवालय तक मार्च निकलने का ऐलान सोशल मीडिया के माध्यम से किया था जिससे विधासागर मार्ग से सचिवालय के बीच स्थित हावड़ा ब्रिज सांतराकाछी से एमजी रोड के इलाके को पुलिस ने पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया था। छात्रों ने इस आयोजन को नबन्ना मार्च का नाम दिया गया था यह जब यह प्रदर्शनकारी भीड़ की शक्ल में दो तीन रास्तों से राज्य सचिवालय की तरफ बड़े तो हावड़ा ब्रिज पर की गई बेरीगेटिंग पर एक दल को रोका गया,यह तीन स्तरीय बेरीगेटिंग में आगे लोहे के बेरीगेटिंग थी उसे बाद बास की मजबूती दीवार और उसे बाद लोहे के बड़े कंटेनर लगे थे। साथ ही करीब 6 हजार पुलिस और सुरक्षा बल इन्हें रोकने के लिए तैनात किया गया था।
इस दौरान बज्र वाहन दमकल दस्ते वाटर केनन वाहन भी प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लगाए गए थे। जब प्रदर्शनकारियों ने सांतरा काछी पर लगी पहली लोहे की बेरीगेटिंग को तोड़कर आगे बड़ना चाहा तो पुलिस ने उन्हें घेरते हुए खदेड़ दिया। इस बीच पास की गलियों और बाजारों से होते हुए काफी संख्या में लोग जुटने लगे और उन्हें पीछे करने के दौरान जब पुलिस ने वाटर केनन के पानी की बौछार की साथ ही उन्हें तितर बितर करने के लिए अश्रु गैस के गोले दागना शुरू कर दिए जिससे पूरा मार्ग धुआं धुआं हो गया। भीड़ को पीछे करने और हेरीगेटिंग से दूर रखने के लिए कुछ जगह प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठी चार्ज भी किया गया इस दौरान भीड़ उग्र हो गई और उसने पुलिस पर पथराव कर दिया साथ ही एक दो पुलिस कर्मियों को घेरकर कुछ लोगों ने उनपर लाठी डंडे भी बरसा दिए।
आगे बड़ते प्रदर्शनकारियों को जब एक जगह पुलिस बल के रोके जाने पर कुछ लड़के लड़कियां और महिलाएं बैनर और तिरंगा झंडा लेकर जमीन पर बैठ गए और प्रदर्शन करने लगे इसे बीच वी वांट जस्टिस के नारे गूंज रहे थे।
भीड़ की शक्ल में कुछ प्रदर्शनकारी सचिवालय के नजदीक हेस्टिंग क्षेत्र में भी जा पहुंचे यहां पुलिस ने लोहे के कंटेनर की काफी मजबूत बेरीगेटिंग कर रखी थी जब प्रदर्शनकारी इस तरफ बड़ रहे थे तो एकाएक सुरक्षा साधनों से लैस पुलिस बल उन्हें घेरने के लिए बेरीगेटिंग से निकलकर आगे आ गया और एक साथ भीड़ की ओर बड़ा यह देख प्रदर्शनकारी पीछे हट गए लेकिन पुलिस बल उनके पीछे दौड़ पड़ा तब वह तितर बितर हो गए।
बताया जाता है पुलिस और प्रशासन को जो इनपुट मिले थे उसके मुताबिक यह प्रदर्शन शांति से नही होगा बल्कि उग्र रूप धारण कर स्थिति को बिगाड़ने की गरज से किया जा रहा है इसमें शरारती तत्वों के शामिल होने की भी जानकारी पुलिस को मिली थी।
इधर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना यह आंदोलन सही नही है यह हालत बिगाड़ने की कोशिश है सचिवालय का इलाके में भीड़ के जाने पर प्रतिबंध है इस मार्च और प्रदर्शन की प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई यह मार्च पूरी तरह से अवैध है इसके माध्यम से बंगाल और कोलकाता का माहौल खराब करने की मंशा जाहिर होती हैं।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ममता बनर्जी पर हमला करते हुए कहा, बंगाल में आज महिला सुरक्षा की बात करना अपराध है दीदी के बंगाल में बलात्कारियों और अपराधियों को संरक्षण देना सम्मान की बात है। जबकि भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी सीएम पद से इस्तीफा दें।
छात्रों पर बर्बरता बरतने और गिरफ्तार छात्रों की रिहाई की मांग को लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांतो मजूमदार के नेतृत्व में एक मार्च निकाला गया और जब उन्हें रोका गया तो वह धरने पर बैठ गए। वही बीजेपी ने 27 अगस्त को बंगाल बंद का आव्हान किया है। लेकिन सरकार की तरफ से अधिसूचना जारी करते हुए कहा गया है कि बुद्धवार को किसी तरह का बंद नही है सभी दफ्तर और अन्य प्रतिष्ठान खुले रहेंगे सभी अपने कार्यालय में काम पर रहे।