काठमांडू, पटना/ नेपाल में हो रही भारी बारिश और कौसी बैराज से छोड़े गए पानी से बिहार में बाढ़ आ गई है, नेपाल में 192 लोगों की मौत हो गई जबकि 80 लोग लापता है। लेकिन बारिश का कहर बिहार में भी है उसपर नेपाल छोड़े गए पानी ने मुसीबत और बढ़ा दी है बिहार के 13 जिलों में अधिकांशतः चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है लोग घरों से पलायन करने को मजबूर है। राहत और बचाव कार्य नाकाफी सिद्ध हो रहा है।
नेपाल में लगातार बारिश का प्रकोप जारी है जिससे घोसी नदी और नारायणी नदियां उफान पर है और खतरे से ऊपर बह रही है और सभी तरफ बाढ़ जैसे हालात हैं जिससे 192 लोग मारे गए और 80 लापता है नेपाल में इस प्राकृतिक आपदा से करीब 2 लाख लोग प्रभावित हुए है सबसे ज्यादा खराब स्थिति राजधानी काठमांडू की है, प्रभावित इलाकों में जलभराव से हाहाकार मचा हुआ है जबकि बचाव और राहत दलों के साथ NDRF और SDRF की टीमें लगातार नाव के सहारे बाढ़ से घिरे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों को निकालने के साथ उन्हें खाने पीने की चीजे उपलब्ध करा रही हैं।
लेकिन नेपाल ने बिहार के लोगों का जीना मुहाल कर दिया है एक तरफ बिहार में लगातार बारिश हो रही है उसपर नेपाल के कौसी बैराज से छोड़े गए 5.82 क्यूसिक पानी ने बिहार के 13 जिलों में कहर बरपा दिया है बिहार की बागमती और गंडक नदियां उफान पर है और खतरे के निशान से ऊपर बह रही है नदियों के कटाव से स्थिति और भयावह रूप ले सकती है। इस बारिश और नदियों के तांडव ने बिहार के सुपौल गोपालगंज बेतिया समस्तीपुर सहरसा मधुबनी दरभंगा और मुजफ्फरपुर सहित 13 जिलों में बाढ़ ला दी है सबसे खराब स्थिति ग्रामीण इलाकों में देखी जा रही है लोग अपना घरवार छोड़कर पलायन कर रहे है मुजफ्फरपुर के हालात बद से बदतर हैं यहां जल प्रलय से जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है बाढ़ प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में लगी है नाव के माध्यम से फंसे हुए लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में भेजा जा रहा हैं। जबकि भारी जलभराव और बाढ़ से पुल और सड़के गायब हो गई है जिससे जान जाने का खतरा पैदा हो गया है।