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वक्फ विधेयक पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, न संपत्ति से छेड़छाड़ न नियुक्ति, जबाव के लिए सरकार को 7 दिन का वक्त, 5 मई को अगली सुनवाई

Supreme-Court

नई दिल्ली/ वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट में दूसरे दिन गुरुवार को भी सुनवाई हुई जो करीब एक घंटे तक चली। कोर्ट ने केंद्र सरकार को जबाव दाखिल करने किए 7 दिन का समय दिया है जबकि सरकार के जवाब के बाद याचिकाकर्ताओं को 5 दिन में अपना जवाब पेश करना होगा। अगली सुनवाई 5 मई को दोपहर 2 बजे होगी। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई तक तीन महत्वपूर्ण आदेश सरकार को दिए है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून के खिलाफ दायर 70 या उससे अधिक याचिकाओं पर सुनवाई करना असंभव है इसलिए सिर्फ 5 याचिकाएं ही दायर की जाए उन्ही 5 याचिकाओं पर ही सुनवाई की जायेगी। वही बैच ने वक्फ एक्ट की वैधता को चुनौती देने वाली 10 याचिकाएं सूचीबद्ध कर ली। बैच ने तीन नोडल वकीलों ( एजाज मकबूल, विष्णुशंकर जैन और कानु अग्रवाल) की नियुक्ति करते हुए कहा कि यह ये तय करेंगे कि कौन बहस करेगा। 5 मई अंतरिम आदेश के लिए होगी। कोर्ट ने मामले का कॉज टाइटिल बदलकर “इन रे वक्फ अमेडमेंट एक्ट कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र का जवाब आने तक वक्फ घोषित संपत्ति पर यथा स्थिति बनाए रखने को कहा है तब तक सरकार को तीन निर्देश भी मानना होंगे।

1.सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वक्फ बोर्ड के जवाब तक वक्फ संपत्ति की स्थिति नहीं बदलेगी।
2.कोर्ट से वक्फ घोषित संपत्ति डी – नोटिफाई नहीं होगी। यह वक्फ बाय यूजर हो या वक्फ बाय डीड हो।
3.वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में कोई नई नियुक्ति न हो।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने वक्फ एक्ट के प्रावधानों पर रोक लगाने के कोर्ट के प्रावधानों का विरोध किया। सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि, संसद में उचित विचार विमर्श के साथ पारित कानून पर सरकार का पक्ष सुने बिना रोक नहीं लगाई जा सकती, सरकार और संसद के रूप में हम लोगों के प्रति जवाबदेह है क्या बैंच कुछ धाराओं को फौरी तौर पर पढ़कर रोक लगाने जा रही है तो यह दुर्लभ है आपको कानून के इतिहास में जाना होगा क्योंकि लाखों लोगों के सुझाव के बाद यह कानून बना है।

इस पर बैच ने कहा कि हम अंतिम रूप से निर्णय नहीं ले रहे है चीफ जस्टिस (CJI) संजीव खन्ना ने कहा कि यह विशेष स्थिति है हमने कुछ कमियों की और इशारा किया है कुछ सकारात्मक चीजें भी है हम नहीं चाहते इतना बड़ा बदलाव किया जाए कि पक्षकारों के हित और अधिकार प्रभावित हो, 5 साल से इस्लाम मान रहे हो, जैसा प्रावधान भी हैं लेकिन हम उसपर रोक नहीं लगा रहे। एससी ने कहा कोर्ट कानून पर रोक नहीं लगाते है लेकिन व्यक्तियों के अधिकार भी प्रभावित नहीं होना चाहिए।

सीजीआई संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बैंच इस बक्फ विधेयक की सुनवाई कर रही है जबकि केंद्र सरकार की ओर से सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता है और कानून के खिलाफ सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल राजीव धवन, अभिषेक मनु सिंघवी और सी वी सिंह दलील रख रहे है।

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दिल्लीदेश

सोनिया राहुल पर मनीलोंड्रिग के आरोप पर कांग्रेस सड़को पर, जब मनी- प्रॉपर्टी ट्रांसफर नहीं फिर मनी लॉन्ड्रिंग कैसे: कांग्रेस

Congress

नई दिल्ली/ नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी के चार्जशीट दाखिल करने पर कांग्रेस बुद्धवार को सड़को पर उतरी। कांग्रेस ने दिल्ली के साथ सभी प्रांतीय और जिला स्तर पर ईडी कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन किया और रेलियों में बेनर पोस्टरों के साथ मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की भी खबर है।

इधर कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और जयराम नरेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय सरकार को घेरते हुए कहा जब कोई AJL की कोई संपत्ति न बेची गई न खरीदी गई न कोई पैसे का लेनदेन ही हुआ फिर मनी लांड्रिंग कैसे हो गई उन्होंने इसे अजीबो गरीब केस बताते हुए इसे हास्यास्पद और विश्व का आठवां आश्चर्य बताया।

कांग्रेस नेता सिंघवी ने कहा यह अजीबो गरीब केस है जिसे मैं प्रमाणित करूंगा कैसे हैं यदि यह राजनीतिक द्वेष का बड़ा उदाहरण नहीं होता तो कानूनी रूप से हास्यास्पद और विश्व का आठवां आश्चर्य होता। उन्होंने कहा एक ऐसा मनी लांड्रिंग केस जो बिना मनी और प्रॉपर्टी के ट्रांसफर हुए किया गया ।

उन्होंने कहा AJL देश की जानी मानी पुरानी कंपनी है जिसे स्वतंत्रता से पहले विशेष मूल्यों की स्थापना के लिए कांग्रेस ने स्थापित किया था जो वाणिज्य या अर्थशास्त्र के आधार पर सफल नहीं हुई आर्थिक गिरावट को देखते हुए कांग्रेस ने AJL की समय समय पर आर्थिक मदद की और उसपर 90 करोड़ का कर्ज हो गया। उसे डेड फ्री बनाने और पुनः निर्माण करने के उद्देश्य से AJL का ऋण कागजी तौर पर नई नवेली कंपनी यंग इंडिया को ट्रांसफर किया गया। AJL की सम्पत्ति आज भी उसी की है उसकी सम्पत्ति यंग इंडिया को ट्रांसफर नहीं हुई, फिर यंग इंडिया के डायरेक्टर उसकी सम्पत्ति कैसे खरीद बेच रहे है पैसे का कोई लेनदेन नहीं हुआ सम्पत्ति वही की वही है फिर मनी लांड्रिंग कैसे हो गई।

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रेस को बताया सेक्शन 8 के तहत नोट फोर प्रॉफिट वाली चेरिटेबल कंपनी डिविडेंट नहीं दे सकती जो प्रतिबंधित होता है पिछले दिनों सोनिया गांधी ने जवाब दिया राहुल गांधी ने 55 घंटे की पूछताछ में ईडी को जवाब दिया और सभी सवाल के जवाब दिए और डाक्यूमेंट जमा किए जब कोई बेचने खरीदने का हक ही नहीं है तो हम मूर्ख होंगे जो मनी लांड्रिंग करेंगे। न कोई सम्पत्ति खरीदी न बेची न कोई आर्थिक कार्यक्रम किया।

उन्होंने कहा AJL की सम्पत्ति यंग इंडिया को ट्रांसफर नहीं हुई न यंग इंडिया ने खरीदा उसके आगे एक और स्टेप फिर उसके डायरेक्टरों ने कैसे खरीद ली। यह वित्तीय कानून का मजाक है।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया केंद्रीय संस्थाओं के 100 में से 98 फीसदी केस विपक्ष के खिलाफ है सरकार ने बदले की कार्यवाही से इनका उपयोग किया है। आप जानबूझकर केस लटकाए रहते हैं सिर्फ लोगों को परेशान करने के लिए। उन्होंने खुलासा करते हुए कहा 2012 में सुब्रमण्यम स्वामी ने केस डाला था कुछ समय सुनवाई चली बाद में स्वामी ने ही दिल्ली जाकर यह इस केस में स्टे ले लिया लेकिन सरकार ने इसे हाईजैक करके केस फिर शुरू कर दिया जिससे मोदी सरकार की बदनियती साफ उजागर होती है।

जबकि कांग्रेस नेता जयराम नरेश ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है अर्थ व्यवस्था विदेश नीति अमेरिका पर कोई बहस न हो और जनता के मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए यह उत्पीड़न प्रतिशोध की राजनीति कर रहे है इसके सूत्रधार दो व्यक्ति है जिनकी मानसिकता अपराध की है कांग्रेस चुप नहीं रहेगी उन्होंने कहा कि कानूनी अधिकार है कि ऋण मुक्त करने किए किसी दूसरी कंपनी में ट्रांसफर कर सकते है यह कानून का उल्लंघन नहीं है कानूनी एक्ट में मनी लांड्रिंग नहीं माना जाता फिर क्राइम या अपराध कैसे हो गया उन्होंने कहा देश के दो बड़े नेता मेक इंडिया की जगह फेक इंडिया चला रहे है।

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नेशनल हेराल्ड मामला: सोनिया राहुल पर मनीलोंड्रिग के तहत ED ने चार्जशीट दाखिल की, 25 अप्रैल को सुनवाई

Sonia and Rahul Gandhi at Bharat Jodo Yatra

नई दिल्ली/ नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। जिसमें ED ने इन नेताओं पर 988 करोड़ की मनी लांड्रिंग का आरोप लगाया है साथ ही ED ने पीएमएलए की धारा 4 के तहत सजा मांग की है जिसमें 7 साल तक की सजा का प्रावधान है। कोर्ट इस मामले की 25 अप्रैल को सुनवाई करेगा।

ईडी ने 7 अप्रैल को विशेष जज विशाल गोगने की कोर्ट में अभियोजन शिकायत दायर की है इसमें नंबर एक पर सोनिया गांधी है उसके बाद राहुल गांधी सैम पित्रोदा, कांग्रेस नेता सुमन दुबे के अलावा दो कम्पनियां यंग इंडियन और डोटेक्स मर्चेंडाइज को आरोपी बनाया गया है। ईडी ने पीएमएलए की धारा 44 – 45 के तहत मनी लांड्रिंग, धारा 70 के तहत कम्पनियों द्वारा अपराध के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है। एजेंसी ने धारा 4 के तहत सभी आरोपियों की सजा मांगी है। कोर्ट अब इसकी 25 अप्रैल को सुनवाई करेगा और उसी दिन ईडी और जांच अधिकारी केस डायरी प्रस्तुत करेंगे।

ईडी का आरोप है कि कांग्रेस नेताओं ने साजिश के तहत एसोसिएट जनरल्स लिमि (AJL) की 2 हजार करोड़ की संपत्तियों पर कब्जे के लिए उसका अधिग्रहण निजी स्वामित्व वाली कम्पनी यंग इंडियन के जरिए केवल 50 लाख रूपये में किया। इस कंपनी के 76 फीसदी शेयर सोनिया और राहुल गांधी के पास है। इस मामले में अपराध से अर्जित आय 988 करोड़ की मानी गई है। इससे संबद्ध संपत्तियों का बाजार मूल्य 5 हजार करोड़ रूपये बताया गया है।

खास बात है संभवतः यह पहला मामला है जिसमें ईडी की कार्यवाही निचली कोर्ट द्वारा निजी शिकायत पर संज्ञान लेने और आरोपियों को सम्मन जारी करने पर शुरू हुई, अब विशेष अदालत चार्जशीट पर संज्ञान लेते समय प्राथमिक अपराध से जुड़े कानूनी बिंदुओं पर भी विचार कर सकती है।

नेशनल हेराल्ड में घोटाले को लेकर 2012 में उस समय के बीजेपी राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस के बड़े नेताओं ने एजेएल का अधिग्रहण बाईआईएल में किया और इसमें नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों का दुर्पयोग हुआ है।

खास बात है सोनिया गांधी और राहुल गांधी को कोर्ट ने 2015 में जमानत दी थी जब तक कोर्ट नया गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं करता जमानत ओर फिलहाल कोई संकट नहीं हैं लेकिन भविष्य में कोर्ट के निर्णयों के आधार पर इसमें परिवर्तन हो सकते है। कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान लेता है तो औपचारिक रूप से आरोपी घोषित किया जायेगा इसके बाद ट्राइल की प्रक्रिया शुरू होगी। ट्राइल के दौरान अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष अपने अपने साक्ष्य और तर्क कोर्ट में प्रस्तुत करेगा। तब कोर्ट तय करेगा कि जब्त की गई संपत्तियों पर सरकार का स्थाई नियंत्रण होगा या नहीं होगा?

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दतियादेशमध्य प्रदेश

दतिया में युवक का मर्डर, भाई से हुए झगड़े के राजीनामे के बहाने बुलाकर दिया वारदात को अंजाम

Datia case

दतिया / मध्यप्रदेश के दतिया में राजीनामे के लिए बुलाकर एक युवक की निर्ममता से गोली मारकर हत्या कर दी गई। बताया जाता है मृतक के भाई और आरोपियों के बीच पहले कोई विवाद हुआ था। पुलिस ने 7 आरोपियों पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया और तेजी दिखाते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया और अन्य की तलाश शुरू कर दी है।

जानकारी के अनुसार 22 वर्षीय सुभाष पुत्र संतोष बंशकार दतिया शहर के सपा पहाड़ स्थित रेलवे क्रॉसिंग के पास रहता है। मंगलवार शाम करीब सवा पांच बजे पड़ोसी जीतू कुशवाहा अपने भाई कैलाश कुशवाहा, दोस्त विजय अहिरवार, पिट्‌टे खान व दो-तीन अज्ञात लोगों के साथ दो बाइकों से सपा पहाड़ पहुंचा। यहां रेलवे क्रॉसिंग पर खड़े होकर उसने सुभाष के छोटे भाई शिवम को राजीनामे के लिए बुलाया। लेकिन शिवम घर पर न होने पर सुभाष खुद पिता के साथ आरोपियों के पास जा पहुंचा, लेकिन बातचीत के दौरान अचानक जीतू उसके भाई और दोस्तों ने सुभाष के साथ मारपीट शुरू कर दी और उसे जमीन पर पटक दिया। सुभाष को पिटता देख उसका पिता संतोष बचाने के लिए आया। लेकिन आरोपियों ने उसके साथ भी मारपीट शुरू कर दी। अपने पिता को पिटता देख सुभाष ने जीतू की गिरेवान पकड़ ली। जीतू ने खुद को छुड़ाया और दो कदम पीछे हटकर पेंट में पीछे खुर्से कट्‌टे को निकालकर सुभाष की पीठ में गोली मार दी। गोली पीठ से घुसकर आगे सीने में आकर फंस गई। इस बीच आरोपी मौके के फरार हो गए।

इसके बाद मोहल्ले के लोग बाइक से गंभीर रूप से घायल सुभाष को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस ने 7 लोगों पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया है जिसमें 4 नामजद है और तीन अज्ञात है पुलिस ने तुरत फुरत घेराबंदी करके 1 आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है शेष की तलाश शुरू कर दी है।

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अहमदाबादगुजरातदेश

कांग्रेस का गुजरात अधिवेशन: खड़गे ने कहा सरदार पटेल के बारे में भाजपा भ्रम फैलाती है, जाति जनगणना के साथ कितनी भागीदारी पता चलेगा:राहुल

Rahul Gandhi at Rally

अहमदाबाद/ कांग्रेस का गुजरात के अहमदाबाद में 84 वा दो दिवसीय अधिवेशन हुआ, जिसमें बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी पर सरदार बल्लभ भाई पटेल के बारे में भ्रांतियां फैलाने का आरोप लगाया जबकि राहुल गांधी ने कहा जाति जनगणना से पता चलेगा कि देश में पिछड़े दलित अल्पसंख्यक और गरीब सामान्य वर्ग की कितनी भागीदारी है। साबरमती के तट पर हुए इस अधिवेशन में पार्टी ने संदेश दिया कि कांग्रेस का राष्ट्रवाद देश की सांझी विरासत में निहित है जबकि भाजपा और संघ का राष्ट्रवाद पूर्वाग्रह से ग्रस्त है।

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा गुजरात हमें प्रेरणा और शांति देता है —

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने भाषण में कहा यह साल महात्मा गांधी जी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की शताब्दी है। यह शताब्दी समारोह हमने 26 दिसंबर को कर्नाटक में मनाया।उन्होंने कहा गुजरात की धरती पर पैदा हुई तीन महान हस्तियों ने कांग्रेस का नाम दुनिया भर में रोशन किया, दादा भाई नौरोजी, महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल- ये सभी हमारी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रहे। गांधी जी ने हमें अन्याय के खिलाफ सत्य और अहिंसा का हथियार दिया। आज कम्यूनल डिवीजन करके देश के बुनियादी मसलों से ध्यान भटकाया जा रहा है। दूसरी तरफ़ ओलिग्रिक मोनोपोली देश के संसाधनों पर क़ब्ज़ा करते हुए शासन को नियंत्रित करने की राह पर हैं।

उन्होंने कहा इसी साल 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की 150 वीं जयंती है। नेहरू जी उनको “भारत की एकता का संस्थापक” कहते थे। उनकी 150 वीं जयंती हम लोग देश भर में पूरे उल्लास से मनाएँगे। साथ ही गुजरात में उनके स्मारक बनाने की पहल भी हम करेंगे।

सरदार साहेब कांग्रेस के अध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में कराची कांग्रेस में मौलिक अधिकारों पर जो प्रस्ताव पारित हुए थे वह भारतीय संविधान की आत्मा है, सरदार पटेल संविधान सभा की महत्वपूर्ण एडवाइजरी कमेटी के अध्यक्ष थे। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा पिछले कई सालों से कई राष्ट्रीय नायकों को लेकर एक सोचा समझा षड्यंत्र चलाया जा रहा है। साथ ही 140 सालों से देश में सेवा और संघर्ष के गौरवशाली इतिहास वाली कांग्रेस पार्टी के खिलाफ वातावरण बनाया जा रहा है। ये काम वे लोग कर रहे है जिनके पास अपनी उपलब्धियां दिखाने को कुछ भी नहीं है। आजादी को लड़ाई में अपना योगदान बताने को कुछ भी नहीं है। वे सरदार पटेल और पंडित नेहरू के संबंधों को ऐसा दिखाने का षडयंत्र करते हैं जैसे दोनों नायक एक दूसरे के खिलाफ थे। जबकि सच्चाई ये है कि वो एक सिक्के के दो पहलू थे। तमाम घटनाएं और दस्तावेज इनके मधुर संबंधों की गवाह हैं।

नेहरू जी से सरदार कितना स्नेह करते थे आप इससे समझ सकते हैं। 14 अक्तूबर 1949 को सरदार पटेल ने नेहरू जी के अभिनंदन ग्रंथ में कहा था कि “पिछले दो कठिन सालों में नेहरू जी ने देश के लिए जो अथक परिश्रम किया है, वो मुझसे अधिक अच्छी तरह कोई नहीं जानता है। मैंने इस दौरान उनको भारी भरकम उत्तरदायित्व के भार के कारण बड़ी तेजी के साथ बूढे होते देखा है।” ये बातें पब्लिक रिकॉर्ड में दर्ज है। दोनों के बीच लगभग रोज़पत्र-व्यवहार होता था। नेहरू जी तमाम विषयों में उनकी सलाह लेते थे।
पटेल साहब के प्रति नेहरूजी के मन में अपार आदर था। उनको कुछ सलाह लेनी होती तो वे खुद पटेल जी के घर जाते थे।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा साथियों सरदार पटेल की विचारधारा RSS के विचारों के विपरीत थी। उन्होने तो RSS पर बैन लगा दिया था। लेकिन हँसी आती है कि आज उस संस्था के लोग सरदार पटेल की विरासत पर दावा करते हैं। बाबासाहेब डॉ० अम्बेडकर को संविधान सभा का सदस्य बनाने में गाँधी जी और सरदार पटेल की अहम भूमिका थी। डा० अम्बेडकर ने ख़ुद 25 नवंबर 1949 को संविधान सभा के अपने अंतिम भाषण में कहा था कि “कांग्रेस पार्टी के सहयोग के बिना संविधान नहीं बन सकता था।”

लेकिन जब संविधान बना तो RSS ने गाँधी जी, पंडित नेहरु, डॉ० अम्बेडकर और कांग्रेस की बहुत आलोचना की। रामलीला मैदान पर संविधान और इन नेताओं के पुतले जलाए। ये भी कहा कि संविधान में मनुवादी आदर्शों से प्रेरणा नहीं ली गई।

मोदी सरकार ने संसद परिसर में गांधी जी और बाबासाहेब की भव्य मूर्ति को उठा कर एक कोने में डाल कर उनका अपमान किया। गृहमंत्री ने राज्य सभा में ये कह कर बाबासाहेब का मजाक उड़ाया कि आप लोग अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर कहते हैं, अगर इतना नाम भगवान का लेते तो 7 जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।

कांग्रेस पार्टी संविधान और संविधान निर्माताओं दोनों का सम्मान करती है और उसकी रक्षा करना जानती है। सरदार पटेल साहेब हमारे दिलों में बसे हैं, विचारों में बसे हैं। हम उनकी विरासत को आगे बढा रहे हैं। सीडब्ल्यूसी की यह बैठक हमने अहमदाबाद में सरदार पटेल म्यूजियम में इसी सोच से रखी है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा आज बीजेपी और संघ परिवार के लोग गाँधी जी से जुड़े संस्थानो पर कब्जा कर उसे उन्ही के वैचारिक विरोधियों को सौंप रहे है। उन्होंने कहा ऐसी सोच के लोग गाँधी जी का चश्मा और लाठी तो चुरा सकते हैं। लेकिन उनके आदर्शों पर कभी नहीं चल सकते। गांधी जी की वैचारिक विरासत ही असली पूंजी है जो सिर्फ़ कांग्रेस पार्टी के पास है।

कांग्रेस को अपने 140 साल के इतिहास में जिन प्रांतों से सबसे अधिक शक्ति मिली उसमें गुजरात अव्वल है। आज हम फिर से यहां प्रेरणा औऱ शक्ति लेने आए हैं। हमारी असली शक्ति हमारी देश की एकता और अखंडता और सामाजिक न्याय की विचारधारा है। लेकिन आज उस विचारधारा को आगे बढाने के लिए जरूरी है कि हम सबसे पहले खुद को मज़बूत करें। अपने संगठन को मज़बूत करें। आखिर में मै अपनी बात सरदार पटेल जी के एक कोटेशन से ही समाप्त करूंगा। उन्होंने कहा था कि – “संगठन के बिना संख्या बल बेकार है। बिना संगठन के संख्या बल असली बल नही है। सूत के धागे अलग-अलग रहते हैं तो अलग बात होती है। पर जब वे बडी संख्या में एकत्र होते हैं तो कपड़े का स्वरूप धारण कर लेते हैं। तब उनकी मजबूती, सुंदरता और उपयोगिता अद्भुत हो जाती है।

उन्होंन कहा इस अधिवेशन में हम पार्टी के समक्ष चुनौतियोँ पर बातें करेंगे और भविष्य की राह भी निकालेंगे। जिला अध्यक्षों की नियुक्ति निष्पक्ष तरीके से होगी और उम्मीदवारों के चयन में भी उनकी भूमिका होगी। लेकिन जो नेता पार्टी के काम में हाथ बंटाना नहीं चाहते दी गई जिम्मेदारी निभाना नहीं चाहते उन्हें रिटायर होकर आराम करना चाहिए

क्या कहा राहुल गांधी ने —

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अधिवेशन में कहा भारत का संविधान ही हमारी विचारधारा है इसमें गांधी नेहरू पटेल की हर धर्म के संतो की विचारधारा शामिल है यह 70 साल पुरानी नही बल्कि आज की सोच है लेकिन आज इस पर चारों और से हमले हो रहे है संविधान में कहा लिखा है किसी एक संस्था को किसी एक व्यक्ति को पूरे देश के संसाधन दे दिए जाए पोर्ट हो या एयरपोर्ट हो खनिज हो अन्य सभी एक व्यक्ति को दे दिए जाए। आज देश की सभी यूनिवर्सिटी में आरएसएस के वॉयस चांसलर है ऐसा क्यों? दूसरी तरफ हमें अग्निवीर की सौगात दी गई जिसमें न पूरी नौकरी है न शहीद का दर्जा है न सम्मान है दूसरी तरफ कुछ खास लोगों को देश की पूरी संपत्ति और संसाधन सौंपे जा रहे है।

उन्होंने कहा देश को मालूम होना चाहिए कि देश में पिछड़े अति पिछड़े दलित अति दलित, माइनोरिटी गरीब जनरल कास्ट के जिनकी आबादी देश में 90 फीसदी है, यह लोग कितने है जातिगत जनगणना के लिए ही नहीं बल्कि पता लगना चाहिए कि किसकी देश ने कितनी भागीदारी है मैने पहले भी कहा था देश का एक्सरे करना चाहिए जो हमारे लोग मजदूरी करते है धूप में काम करते है दिन भर घर घर डिलेवरी देते है क्या देश उन्हें उतनी इज्जत और जगह देता है लेकिन मोदीजी और आरएसएस जाति जनगणना नहीं चाहते जाने क्यों छुपाना चाहते है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी 24 घंटे पिछड़े दलित आदिवासियों की बात करते है लेकिन जब उनकी भागीदारी की बात आती है तो बीजेपी के लोग चुप्पी साध जाते है मैने संसद में जाति जनगणना को लेकर सवाल पूछा था लेकिन नरेंद्र मोदी जी ने मना कर दिया हम नहीं कराएंगे आरएसएस और बीजेपी नहीं चाहती लेकिन जिसका जितना हक है हम उसे दिलाकर मानेंगे इसी संसद में बीजेपी के सामने हम जातिगत जनगणना कराकर मानेंगे और 50 फीसदी के आरक्षण की सीमा को तोड़कर भी दिखाएंगे। हमने तेलंगाना में ऐसा करके दिखाया वहां ओबीसी को 42 प्रतिशत आरक्षण दिया है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीच भाषण में अचानक राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का नाम पुकारा और आरोप लगाया कि बीजेपी के लोग दलित को मंदिर में दर्शन करने से रोकते है और यदि कोई दलित मंदिर में दर्शन के लिए प्रवेश भी कर जाए तो बाद ने वह मंदिर को धुलवाते है जबकि हमारे संविधान ने सभी देशवासियों को बराबर का हक दिया है। उन्होंने बताया ऐसा ही हमारे राजस्थान के दलित नेता टीकाराम जूली के साथ हुआ। भाजपा और कांग्रेस में यही फर्क है हमारे दिल में सबके लिए मोहब्बत है उनके दिल में सिर्फ नफरत है।

सांसद राहुल गांधी ने बक्फ बिल पर बोलते हुए कहा कि इसे पास कर बीजेपी ने संविधान पर आक्रमण किया है यह उनका धार्मिक आजादी पर आक्रमण है उन्होंने आरएसएस की मैगजीन ऑर्गनाइजर का हवाला देते हुए कहा कि वह इसमें लिखते है कि अब उनकी नजर क्रिश्चियन कम्युनिटी की जमीनों पर है अब यह उनकी जमीनों पर आक्रमण करने जा रहे है उन्होंने कहा इसके बाद सिंख भाईयों के साथ एक एक कर सबका नंबर आएगा।

राहुल गांधी ने कहा कि हम पार्टी को मजबूत करने के लिए जल्द कुछ बदलाव करने जा रहे है हम चाहते है कि पार्टी के जो डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट है उन्हें जिम्मेदारी मिले जिससे निचले स्तर पर पार्टी का फाउंडेशन तैयार हो सके।

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देशमध्य प्रदेश

मऊगंज में पिता और दो बच्चों के शव फांसी पर लटके मिले, पुलिस ने मारकर लटकाया गंभीर आरोप, SDOP को हटाया मजिस्ट्रियल जांच के आदेश

Mauganj case

मऊगंज / मऊगंज के गंडरा गांव में शुक्रवार को एक घर में पिता और उनकी बेटी और बेटे के शव फांसी पर लटके मिले थे उसके बाद कोहराम मच गया परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने इनको पीटा और फांसी पर लटकाया है उन्होंने सीबीआई जांच और एसडीओपी पर कार्यवाही की मांग को लेकर शवों का दाह संस्कार करने से इंकार कर दिया। प्रशासन के मजिस्ट्रियल जांच के आदेश और एसडीओपी को हटाने के बाद परिजन मृतकों के अंतिम संस्कार करने के लिए शाम को किसी तरह राजी हुए।

शुक्रवार को मऊगंज जिले के गंडरा गांव के एक घर में बदबू आने पर ग्रामीणों ने इसकी खबर पुलिस को की, पुलिस वहां पहुंची और जब मकान के दरवाजे तोड़कर अन्दर दाखिल हुई तो तीन शव उसे फांसी पर लटके मिले जो बुरी तरह से सड़गल गए थे।मालूम हुआ यह शव इस घर में रहने वाले ओसेरी साकेत उसकी 11 साल की बेटी मीनाक्षी और 8 साल के बेटे अमन के थे। पुलिस ने मौके पर आवश्यक कार्यवाही के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए रवाना किया।

लेकिन जब शनिवार को करीब 12 बजे एंबुलेंस से पोस्टमार्टम के बाद पुलिस जब यह तीनों शव गांव लेकर आई और परिजनों को सौंपते हुए उनके अंतिम संस्कार का बोला तो परिजन और ग्रामीणों ने एम्बुलेंस को घेर लिया और इन तीनों की मौत के लिए पुलिस को इसका जिम्मेदार बताते हुए कहा कि पुलिस ने ही इन्हें पीटा और फांसी पर लटकाया है और दाह संस्कार करने से इंकार करते हुए इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग पर अड़े रहे। जिसके बाद हंगामा हो गया। जबकि शनिवार की सुबह से ही रीवा सतना और मऊगंज जिले का पुलिस बल गंडरा गांव में तैनात कर दिया गए था।

इधर मृतक ओसेरी साकेत के छोटे भाई की पत्नी कुसुमकली साकेत का कहना है कि 15 मार्च के विवाद के बाद पुलिस जेठ और ग्रामीणों को काफी प्रताड़ित कर रही थी उसने बताया उसके बाद जेठ और बच्चों के शव मिले हम 2 किलोमीटर दूर रहते है विवाद के बाद कोई घर से नहीं निकल रहा था गांव में पुलिस तैनात थी वह लोगों को घर के घुसकर मार रही थी महिलाओं को भी पीटा गया पुलिस ने जेठ को भी पीटा था।

वही मृतक ओसेरी साकेत की एक अन्य रिश्तेदार रामकली ने कहा है कि पुलिस कह रही थी किसी के घर नहीं जाना किसी और के पास नहीं बैठना हम तुम्हारी सुरक्षा करेंगे लेकिन हिंसा के बाद पुलिस ने लोगों को घर में घुसकर पीटा छोटे छोटे बच्चों को पकड़कर खेत में फैक दिया, रात के वक्त पुलिस वाले घर की कुंडी लगाकर महिलाओं के साथ मारपीट करते थे।

जबकि मृतक के भाई ने बताया महिला एसडीओपी ने हमारे मोबाइल छीन लिए थे और अभद्रता की और घर में नहीं घुसने दिया।

परिजनों के अंतिम संस्कार से इंकार करने के बाद कलेक्टर संजय जैन और एसपी दिलीप जैन भी गांव पहुंच गए थे और कलेक्टर और एसपी ने परिजनों और ग्रामीणों को काफी समझाया लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हुए और सीबीआई जांच और एसडीओपी के खिलाफ कार्यवाही की मांग पर अड़े रहे। इस बीच स्थानीय विधायक भी मौके पर आ गए थे करीब 4 बजे कार्यवाही के आश्वासन पर परिजन और ग्रामीण तीनों के अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए। बताया जाता है तीनों के शवों का गांव में ही एक ही चिता पर शनिवार की शाम को अंतिम संस्कार कर दिया गया।

कलेक्टर ने इस मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए है जबकि एसडीओपी अंकिता शुल्या को आईजी कार्यालय अटैच कर दिया गया है।

जैसा कि 15 मार्च को गंडवा गांव में युवक सोनू द्विवेदी की पुरानी रंजिश के चलते बंधक बनाने के बाद पीट पीट कर हत्या कर दी गई थी जब पुलिस गांव आई और युवक को बचाने की कोशिश की तो पुलिस को घेर कर लोगों ने धारदार हथियारों और लाठी डंडों से हमला कर दिया पुलिस को जान बचाकर भागना पड़ा इस हमले में टीआई तहसीलदार सहित करीब 15 पुलिस कर्मी घायल हो गए थे जिसमें कुछ लोग गंभीर भी थे इसी में शामिल एएसआई रामचरण गौतम की इलाज के दौरान मौत हो गई थी उसके बाद तनाव को देखते हुए गांव में धारा 144 लगा दी गई और भारी पुलिस बल तैनात था। जबकि खबर यह भी है कि कई ग्रामीण और उनके परिवार गांव से चले भी गए थे।

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दिल्लीदेश

बक्फ संशोधन बिल:राज्यसभा में भी पास, बिल के खिलाफ देश में प्रदर्शन, कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंची,जेडीयू में बगावत,समर्थन करने वाले नमाजी की पिटाई

Parliament House Inside

नई दिल्ली/ बक्फ संशोधन विधेयक संसद में पास होने के बाद राज्यसभा में भी पास हो गया अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जायेगा। लेकिन कांग्रेस ने इस बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। जबकि देश के कई राज्यों में इस बिल के खिलाफ आज प्रदर्शन हुए, और इस बीच यूपी में बिल का समर्थन करने वाले एक नमाजी की लोगो ने पिटाई लगा दी, वहीं गुजरात में 50 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। खास बात है कि बिल समर्थन करने पर जेडीयू में बगावत हो गई और पार्टी के 5 नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है।

संसद के बाद राज्यसभा में भी बक्फ बिल पास —

बुधवार को संसद में 12 घंटे की बहस के बाद देर रात बक्फ संशोधन बिल 232 के मुकाबले 288 सांसदों के समर्थन से पास हो गया था वहीं गुरुवार को करीब 14 घंटे की बहस के बाद रात ढाई बजे राज्यसभा में भी बिल पास हो गया बिल के समर्थन में 128 तो बिल के खिलाफ 85 सांसद रहे। इस तरह दोनों सदनों में यह विधेयक पास हो गया अब यह बिल राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए पेश होगा और उसके बाद कानून में तब्दील हो जायेगा। लेकिन राज्यसभा में भी बिल को लेकर चर्चा में पक्ष विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक देखने को मिली।

कांग्रेस बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची —

लेकिन राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से पहले कांग्रेस के सांसद मोहम्मद जावेद ने इस बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डाली है वहीं असुदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अब सुप्रीम कोर्ट जांचेगा और परखेगा कि यह बिल मुस्लिमों के हित में हैं या नहीं और कही संविधान की अवहेलना तो नहीं हुई है। कांग्रेस नेता जयराम नरेश ने कहा है कि यह पहला मामला नहीं है कांग्रेस मोदी सरकार की गलत नीतियों और नियत के विरोध में अन्य कानून के खिलाफ भी सुप्रीम कोर्ट गई है और सीसीए आरटीआई, चुनाव आचरण नियम संशोधन, और 1991 पूजा स्थल एक्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है और अब बक्फ संशोधन बिल के खिलाफ भी लेकर भी कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

बिल के समर्थन पर जेडीयू में बगावत, 5 नेताओं के इस्तीफे —

लेकिन NDA की घटक दल नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू के बिल का समर्थन करने से पार्टी में बगावत की खबरें मिल रही है खासकर मुस्लिम नेताओं में भारी बेचैनी है इसके चलते पार्टी के 5 नेताओं ने जेडीयू छोड़ने का ऐलान कर दिया है जिसमें शामिल डॉ मोहम्मद कासिम अंसारी ने कहा कि बक्फ बिल का समर्थन करने से पार्टी को बिहार में भारी नुकसान होगा जिसका अंदाजा नीतीश कुमार और उनके आसपास रहने वाले नेताओं को नहीं है। जबकि तरवेज सिद्धकी अलीम ने कहा है कि नीतीश कुमार ने बिल का समर्थन कर हमें छोड़ा तो हम नीतीश कुमार को छोड़ रहे है। उनके अलावा नवाज मालिक, नदीम अख्तरी और एम राजू सेंगर ने भी जेडीयू से किनारा कर लिया है। दूसरी तरफ NDA के एक घटक दल आंनसू के नेता एवं झारखंड के प्रभारी अशरफ खान चुन्नू ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इधर वरिष्ठ नेता एवं सांसद ललन सिंह ने कहा है कि इन नेताओं की पार्टी और जनता में कोई अहमियत नहीं है इन्हें कोई जानता तक नहीं है इनके जेडीयू छोड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।

जुमे पर देश में बिल के विरोध में प्रदर्शन वापस लेने की मांग, यूपी में विशेष निगरानी —

बक्फ संशोधन बिल के विरोध में जुमे की नमाज के बाद गुजरात, बिहार, झारखंड,महाराष्ट्र कर्नाटक, तेलंगाना और असम सहित कई राज्यों में मुस्लिम समुदाय के हजारों लोग सड़कों पर उतरे और बैनर पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया।

जबकि उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में पुलिस हाईएलर्ट पर है और पुलिस लगातार फ्लैग मार्च कर रही है। लखनऊ में मस्जिद और दरगाहों की ड्रोन से निगरानी की जा रही है। वही यूपी अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशफाक सैफी को बक्फ बिल का समर्थन करने पर जान से मारने की धमकी दी गई है उनके बहनोई की पिटाई की भी खबर आई है।

गुजरात के अहमदाबाद में सैकड़ों की तादाद में मुस्लिम वर्ग के लोग सड़को पर आ जुटे और बैनर पोस्टरों के साथ उन्होंने जोरदार प्रदर्शन किया और बक्फ संशोधन बिल वापस लेने की मांग की, इस दौरान प्रदर्शन में शामिल लोग हाथ में काली पट्टी बांधे थे। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में कई हिस्सों में बक्फ बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए लोगों इस दौरान बक्फ बिल के विरोध वाली पट्टियां जलाई। कोलकाता के सर्कस करेंजा में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए जो हाथों में बक्फ बिल रिजेक्ट के बैनर पोस्टर लिए हुए थे।

झारखंड के रांची में इस दौरान जोरदार हंगामा देखने को मिला प्रदर्शनकारी बिल के विरोध में नारेबाजी करते नजर आए लोगो का कहना था यह बिल देश और मुस्लिमों के लिए सही नहीं है। बिहार के पटना और जमुई सहित कई इलाकों में जुमे की नमाज के बाद मुस्लिमों समुदाय ने प्रदर्शन किया। महाराष्ट्र के मुम्बई में भी बिल के विरोध में प्रदर्शन की खबर है।

तामिलनाडु में फिल्म अभिनेता विजय की पार्टी तमिलगा बैत्रि कझगम के कार्यकर्ताओं ने बक्फ बिल के विरोध में प्रदर्शन किया। तेलंगाना में भी जुमे की नमाज के बाद बक्फ संशोधन बिल के खिलाफ लोगों ने सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन में हिस्सा लिया। जबकि असम, कर्नाटक में भी बिल के विरोध में प्रदर्शन की जानकारी मिली है।

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दिल्लीदेश

बक्फ संशोधन बिल संसद में पास, आज राज्यसभा में हुआ पेश,संसद के बाद राज्यसभा में भी घमासान,ममता ने बदलने की दी चेतावनी, DMK सुप्रीम कोर्ट जायेगी

Waqf Ammendent Bill Passed in Loksabha

नई दिल्ली / बक्फ बिल संशोधन बिल बुधवार की देर रात 2 बजे संसद में पास हो गया इस बिल के पक्ष में 288 सांसदों ने वोट किया जबकि विपक्ष में 232 वोट पड़े इससे पहले सरकार की तरफ से पेश सभी संशोधन स्वीकार कर लिए गए जबकि विपक्ष के सभी संशोधन प्रस्ताव खारिज कर दिए गए। लेकिन इससे पहले बिल पेश होने के बाद इसको लेकर संसद में बुधवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार घमासान दिखा, सत्ता पक्ष ने जहां इस बिल को मुस्लिमों के लिए हित में बताने पर जोर दिया तो विपक्ष ने इसे मुस्लिमों के धामिक क्षेत्र में दखलंदाजी करार दिया। वही आज यह बक्फ संशोधन बिल राज्यसभा में पेश किया गया खास बात रही जिस तरह संसद में पक्ष विपक्ष के बीच जोरदार बहस हुई वही गुरुवार को राज्यसभा में भी घमासान छिड़ा रहा और पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने बिल को लेकर अपनी पार्टी की बात रखी।

संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजजू ने गुरूवार को वक्फ संशोधन बिल राज्यसभा में पेश किया इस मौके पर उन्होंने कहा 1954 में बक्फ बोर्ड बना था उसके बाद 2013 में भी कांग्रेस सरकार ने उसमें संशोधन किया था लेकिन मुस्लिमों की माली हालत बेहतर करने के लिए क्या किया? उनका सार्थक रूप से आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक विकास हुआ यह आज बड़ा सवाल है हमारी सरकार यह बक्फ संशोधन बिल गरीब कमजोर मुस्लिमों और मुस्लिम महिलाओं की बेहतरी लिए लाई है।

मंत्री किरण रिजजू ने राज्यसभा में कहा बक्फ के अंदरूनी मामलों में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा सिर्फ प्रशासनिक तौर पर हम देखेंगे कि कोई अनियमितता न हो उन्होंने कहा बक्फ बोर्ड, प्रॉपर्टी को शाही तरीके से चला रहा है सरकार का उद्देश्य है कि बक्फ संपत्तियों को लेकर जवाबदेही पारदर्शिता और ईमानदारी तय हो।

राज्यसभा में बिल को लेकर विपक्ष के सवाल –

आप सांसद संजय सिंह ने कहा इस बिल से किसी को खुश होने की जरूरत नहीं है आज मुस्लिमों की जमीन पर कब्जा करना चाहते है उसने बाद सिंखो ईसाईयों जैन और फिर बौद्ध समुदाय के ट्रस्टों की जमीन और उसने बाद मंदिरों की जमीनों की बारी आने वाली है। उन्होंने कहा जिन्होंने राममंदिर की जमीन में घोटाला किया उनसे क्या आशा रखी जा सकती है। इस बीच राज्यसभा में हंगामा हो गया। आप सांसद ने कहा आज एक धर्म की संपति छीन रहे है आगे आप सभी धर्मों की संपति छीनकर अपने दोस्तों को देंगे। बक्फ में आप गैर मुसलमान को ट्रस्ट का सदस्य बनाएंगे तो क्या आप हिंदू सहित अन्य धार्मिक ट्रस्टों में गैर लोगों को सदस्य बना सकते है कभी नहीं। क्या हिंदुओं के ट्रस्ट में गैर हिंदुओं को सदस्य बना सकते है। बीजेपी वाले फसाद कराने वाले हिंदू है बिल को लेकर बीजेपी झूठ फैला रही हैं जो बक्फ बिल के माध्यम से संविधान के खिलाफ काम कर रही है।

राज्यसभा में चर्चा के दौरान हंगामा हो गया और अमित शाह और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच जोरदार बहस हुई। शाह ने कहा यह गलत फहमी फैला रहे है यह बक्फ जमीन का मामला है भ्रम न फैलाए अनुराग ठाकुर के खड़गे पर लगाए आरोप पर भी हंगामा हो गया अनुराग ठाकुर ने कर्नाटक जमीन घोटाले में खड़गे का नाम जोड़कर बताया था खड़गे ने अनुराग ठाकुर पर पलटवार करते हुए कहा मेरे पास एक इंच भी जमीन नहीं है उन्होंने कहा मै अनुराग ठाकुर को चेतावनी देता हूँ वह इसको सिद्ध करके दिखाए यदि सच हुआ तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा।

आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा सरकार सुनती नहीं सुनाती है आज हाशिए पर समुदाय छोड़े जा रहे है उन्होंने कहा यह बिल असंवैधानिक है और लोकतंत्र में सौगातें नहीं होती इस बिल के जरिए बक्फ की संपत्ति छीनी जा रही है आज देश का माहौल सही नहीं है उन्होंने कहा इस रिश्ते को हिराकत से नहीं देखिए।

कांग्रेस सांसद नसीर हुसैन ने सरकार पर हमला करते हुए राज्यसभा में बहस के दौरान कहा कि बक्फ के मायने दान है जो कोई भी दे सकता है उन्होंने आरोप लगाया कि यह बक्फ बिल संशोधन पोलराइजेशन के लिए लाया गया है।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि अनेक राजनीतिक दल इस बिल के खिलाफ है सरकार महंगाई, बेरोजगारी से ध्यान भटकाने और अपनी नाकामी छुपाने के लिए यह बिल लेकर आई हैं उन्होंने पूछा क्या दूसरे ट्रस्ट और धार्मिक संस्थाओं में गैर हिंदू सदस्य रखे जाएंगे? यह बताए सरकार। बक्फ से बड़ा मामला चीन पर जमीन पर कब्जा करने का मुद्दा है इसके पीछे न इनकी नीति ठीक है न ही नियत ठीक है। यह क्या मिलिट्री और रेल्वे की जमीन पर भी बिल लायेगी। उन्होंने आरोप लगाया बीजेपी अपना बिखरा हुआ वोट बैंक समेटने के लिए इस तरह की कार्यवाही कर रही है।

कांग्रेस सांसद एवं नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि हमारी पार्टी इस बिल का पुरजोर कड़ा विरोध करती है उन्होंने कहा यह बिल मुसलमानों की संपत्ति हड़पने के लिए लाया गया है यह भारत के संविधान और उसके मूल विचार पर हमला है कांग्रेस नेता ने कहा मोदी सरकार चीन व्दारा भारत की कब्जाई जमीन तो पहले बापस ले ले।

पक्ष में क्या बोले बीजेपी नेता —

जबकि चर्चा में शामिल गृहमंत्री अमित शाह ने कहा बक्फ के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है पहले बोर्ड का फैसला अंतिम होता था शाह ने कहा यह गलत फैलाया जा रहा है कि मुसलमानों के धार्मिक आचरण और सम्पत्ति में हस्तक्षेप होगा। जबकि उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग कह रहे है कि मुसलमान इस कानून को नहीं मानेंगे लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि यह जब कानून बनेगा तो इसका पालन सभी को करना जरूरी होगा। उन्होंने कहा यदि 2013 में तत्कालीन सरकार बक्फ संशोधन बिल नहीं लाती तो आज इस बिल की जरूरत ही नहीं पड़ती।

राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा यूपीए सरकार चाहती तो वह पहले ही कर सकती थी 2013 के बाद नई भूमि बक्फ बोर्ड से जुड़ी है हम चाहते है बक्फ सम्पत्ति की देखरेख सही तरीके से हो हमारी कोशिश सिर्फ नियमों को दायरे में लाना है लेकिन बिल को लेकर कुछ लोग गुमराह कर रहे हैं विपक्ष गलत तथ्य पेश कर रहा है जबकि यह बिल किसी पार्टी के नहीं बल्कि देश हित में लाया गया है मेरा सवाल है 70 साल से किसने मुसलमानों को डराकर रखा आपने यह भी देख लिया 70 साल विकास कैसे हुआ कांग्रेस ने मुस्लिम महिलाओं को मुख्य धारा में लाने से रोके रखा। नड्डा ने कहा की टर्की 100 साल पहले यह कर चुका है और मुस्लिम बाहुल्य मलेशिया में जीरो मैपिंग है। जब अन्य मुस्लिम देश कर सकते है तो फिर भारत में क्या दिक्कत है।

संसद में बक्फ संशोधन बिल पेश होने पर बुधवार को सत्ता और विपक्ष में हुई रस्साकसी —

बुधवार को संसद में बिल पेश करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजजू ने इस बिल को मुस्लिमों के लिए हित में बताने हुए जोर दिया कि इस बिल के पास होने से इस समुदाय के गरीब महिलाओं और कमजोर वर्ग को राहत मिलेगी साथ ही जमीनों पर कब्जा करने वालों के भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलेगी। रिजजू ने कहा कि बिल का नाम यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट इंपॉवरमेंट एफिशियंसी एंड डेवलपमेंट अर्थात एक उम्मीद होगा, उन्होंने कहा वक्फ बोर्ड के पास लाखों करोड़ों की सम्पत्ति है लेकिन वह गरीब मुसलमानों के लिए इस्तेमाल नहीं हो रही उन्होंने कहा यह बिल मुस्लिम समुदाय के हित में सरकार ला रही है इस बिल के पास होने के बाद देश के मुस्लिम समुदाय के खासकर गरीब दबे कुचले वर्ग के साथ महिलाओं को उसका सही हक मिलेगा साथ ही जमीन को लेकर भ्रष्टाचार कर रहे लोगों पर अंकुश लगेगा।

संसद में चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा आज एक विशेष वर्ग की जमीन पर सरकार की नजर है कल दूसरे अल्पसंख्यकों की जमीन पर नजर जायेगी बिल में सरकार के कई मकसद है संविधान को कमजोर करना, समाज को बांटना और अल्पसंख्यकों को बदनाम करना प्रमुखता से शामिल है। उन्होंने कहा किरण रिजजू सदन को गुमराह कर रहे है बोर्ड में दो महिला सदस्यों की नियुक्ति का प्रावधान पहले से ही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यक मंत्रालय की बैठक में बिल का कोई जिक्र नहीं आया। गोगोई ने कहा कि जिस कोम ने आजादी की लड़ाई में बढ़चढकर हिस्सा लिया और इन्होंने जिन्ना की मांग ठुकराई जबकि आपने भारत छोड़ो आंदोलन का भी समर्थन नहीं किया। उन्होंने कहा इस बिल से समस्या कम होने की बजाय और बढ़ेगी और यह बिल संविधान के ढांचे पर आक्रमण है।

एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा मै इस बिल का विरोध करता हूं बीजेपी मंदिर मस्जिद के नाम पर संघर्ष पैदा करना चाहती है जो मुस्लिमों के अधिकार छीनकर उनके साथ अन्याय कर रही है। आप ही जज है आप ही फैसला लेंगे। उन्होंने कहा महात्मा गांधी की तरह मै इस संशोधन बिल को फाड़ता हूँ।

AIMPLB नए बक्फ संशोधन के खिलाफ पूरे देश में आंदोलन करेगा —

अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के अध्यक्ष ने कहा है कि एक प्लानिंग के तहत यह बक्फ संशोधन बिल लाया गया है यह मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है इसको लेकर AIMPLB पूरे देश में आंदोलन कर अपना विरोध दर्ज करायेगा।

DMK बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जायेगी —

डीएमके नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है कि उनकी पार्टी मुसलमानों के खिलाफ लाये गए इस बक्फ संशोधन बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर उसे रद्द करने की मांग करेंगे।

हमारी सरकार आने पर बिल को पलट देंगे कहा ममता बनर्जी ने —

टीएनसी नेता एवं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बक्फ बिल को लेकर पहली बार बयान देकर अपना विरोध दर्ज कराया है उन्होंने कहा कि यह बिल राजनीति से प्रेरित है लेकिन जब मोदी सरकार चली जाएगी और नई सरकार बनेगी तो बीजेपी सरकार के इस बक्फ बिल को बदलकर नया बिल लाया जायेगा।

 


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गुजरातदेश

गुजरात के बनासकांठा में पटाखा फैक्टी का बॉयरल फटा, विस्फोट में 18 मजदूरों की मौत 3 गंभीर, सभी मजदूर मध्यप्रदेश के

Gujrat Banaskantha Factory Fire

बनासकांठा / गुजरात के बनासकांठा के नजदीक डीसा कस्बे में एक पटाखा फैक्टी में बॉयरल फटने से वहां काम कर रहे 18 मजदूरों की मौत हो गई जबकि 3 मजदूर गंभीर रूप से झुलस गए है। हादसा इतना भीषण था कि मरने वालों के शव क्षत विक्षत होकर कई मीटर दूर तक बिखर गए। खास बात है यह सभी मजदूर मध्यप्रदेश के रहने वाले थे जो दो दिन पहले ही मजदूरी करने यहां पहुंचे थे।

भीषण विस्फोट के बाद 50 मीटर दूर तक क्षत विक्षत अंग बिखरे —

जानकारी के अनुसार यह पटाखा फैक्ट्री डीसा तहसील के धुनवा रोड पर है जहां आज सुबह 8 बजे यह घटना हुई है। जब मजदूर फैक्ट्री में काम कर रहे थे तभी अचानक वायरल फट गया और तेजी से आग फैल गई, विस्फोट इतना तेज था कि वहां काम कर रहे सभी मजदूर उसकी चपेट में आ गए, उनमें से 18 मजदूरों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई जबकि 3 मजदूर बुरी तरह से झुलस गए और 5 मजदूर मामूली घायल हो गए है इस हादसे की गंभीरता इससे लगाई जा सकती है कि विस्फोट के बाद मजदूरों के शरीर के अंग करीब 50 मीटर की दूरी तक बिखर गए कुछ मानव अंग फैक्ट्री के पीछे खेत में भी मिले है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए और 5 से 6 घंटे की कवायद के बाद फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया। मरने वालो की संख्या में बढ़ोतरी की संभावना भी जताई जा रही है।

मजदूरों की पहचान करने के साथ हादसे की जांच शुरू —

डीसा एसडीएम नेहा पांचाल ने बताया है कि इस हादसे में घायल सभी मजदूरों को इलाज के लिए स्थानीय सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है फिलहाल 3 घायल मजदूरो का इलाज चल रहा है यह सभी 40 फीसदी से ज्यादा झुलस गए है। जबकि पुलिस ने मामला कायम कर लिया है और मृतकों की पहचान की जा रही है साथ ही पुलिस शवों को पीएम के लिए रवाना करने की तैयारी में है जबकि पुलिस और प्रशासन की ओर से इस हादसे की बारीकी से जांच की जा रही है।

घायल मजदूर की आपबीती —

इधर पालनपुर के बनास मेडिकल कॉलेज में भर्ती इस घटना में घायल एक मजदूर ने बताया कि हम सभी मंगलवार की सुबह काम कर रहे थे तभी एकाएक तेज ब्लास्ट हुआ पता ही नहीं चला अचानक यह क्या हुआ बहुत तेज धमाके के बाद मैं बेहोश हो गया। जब आंख खुली तो चारो ओर आग ही आग थी और खुद को आग से घिरा पाया किसी तरह झुलसी हालत में हम फैक्ट्री से बाहर भागे।

मरने वाले और घायल सभी मजदूर मध्यप्रदेश के —

बताया जाता है यह सभी मृत और घायल मजदूर मध्यप्रदेश के हरदा जिले के हंडिया गांव के रहने वाले है फैक्ट्री से मिली जानकारी के मुताबिक यह सभी दो दिन पहले ही मजदूरी करने के लिए यहां आए थे। फिलहाल मृतकों की पहचान की जा रही है।

पटाखा बेचने का लायसेंस है बनाने का नहीं —

बताया जाता है दीपक ट्रेडर्स के नाम से यह फैक्ट्री खूबचंद सिंधी की है वह यहां विस्फोटक लाकर पटाखा बनाने का काम मजदूरों से करवाता था। हालांकि अभी तक की जांच में पता चला है कि कंपनी मालिक के पास केवल पटाखा बेचने का लायसेंस है लेकिन पटाखा बनाने का नहीं है इसलिए अब स्थानीय पुलिस आगे की जांच में जुट गई है।

इधर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए है वहीं सरकार ने मृतको के परिवार को 4 – 4 लाख का मुआवजा और घायलों को 50 – 50 हजार रूपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।

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देशभोपालमध्य प्रदेश

भोपाल में महिला डॉक्टर की संदिग्ध मौत, हाथ में इंजेक्शन के निशान, 4 माह पहले हुई थी शादी

A women died suspicious

भोपाल/ भोपाल में एक महिला डॉक्टर की संदिग्ध अवस्था में बेड पर लाश मिली हैं इसके हाथ पर इंजेक्शन के निशान भी मिले है पुलिस सुसाइड और हत्या दोनों एंगिल पर जांच कर रही है पुलिस का कहना है मौत की असल बजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर पता चल सकेगी।

मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली डॉक्टर रिचा पांडे की 4 माह पहले सतना के रहने वाले डॉक्टर अभिजीत पांडे से शादी हुई थी रिचा भोपाल के मेडिकल कॉलेज में असिस्टेड प्रोफेसर थी जबकि उसके पति अभिजीत पांडे एमपी नगर में अपना प्राईवेट डेंटल क्लीनिक चलाते है। यह दंपत्ति शाहपुरा में एक कवर्ड कैंपस में रहते थे।

शाहपुरा पुलिस के मुताबिक शुक्रवार को सुबह जब रिचा कमरे से बाहर नहीं आई तो इसके पति ने कमरे का दरवाजा तुड़वाया तो रिचा बेड पर बेसुध पड़ी मिली पति अभिजीत के मुताबिक वह उसे तुरंत बंसल अस्पताल लेकर पहुंचा जहां उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया डॉक्टरों के मुताबिक उसके हाथ पर इंजेक्शन के चिन्ह पाए गए है।

पुलिस ने संभावना व्यक्त की है कि एनेस्थीसिया के इंजेक्शन लगाकर उसने खुदकुशी की है वही पुलिस हत्या और आत्महत्या दोनों एंगिल से जांच कर रही है जबकि रिचा के पिता और चाचा का कहना है वह काफी बोल्ड थी उसके आत्महत्या करने का कोई सवाल ही नहीं है उन्होंने उसके पति पर रिचा की हत्या का आरोप लगाया है।

शाहपुरा थाने के टीआई महेंद्र सिंह ठाकुर के मुताबिक शव का पोस्टमार्टम मृतका के परिजनों के लखनऊ से आने पर शनिवार को होगा। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही रिचा की मौत के सही कारण का पता चलेगा।

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