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वक्फ विधेयक पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, न संपत्ति से छेड़छाड़ न नियुक्ति, जबाव के लिए सरकार को 7 दिन का वक्त, 5 मई को अगली सुनवाई

Supreme-Court

नई दिल्ली/ वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट में दूसरे दिन गुरुवार को भी सुनवाई हुई जो करीब एक घंटे तक चली। कोर्ट ने केंद्र सरकार को जबाव दाखिल करने किए 7 दिन का समय दिया है जबकि सरकार के जवाब के बाद याचिकाकर्ताओं को 5 दिन में अपना जवाब पेश करना होगा। अगली सुनवाई 5 मई को दोपहर 2 बजे होगी। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई तक तीन महत्वपूर्ण आदेश सरकार को दिए है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून के खिलाफ दायर 70 या उससे अधिक याचिकाओं पर सुनवाई करना असंभव है इसलिए सिर्फ 5 याचिकाएं ही दायर की जाए उन्ही 5 याचिकाओं पर ही सुनवाई की जायेगी। वही बैच ने वक्फ एक्ट की वैधता को चुनौती देने वाली 10 याचिकाएं सूचीबद्ध कर ली। बैच ने तीन नोडल वकीलों ( एजाज मकबूल, विष्णुशंकर जैन और कानु अग्रवाल) की नियुक्ति करते हुए कहा कि यह ये तय करेंगे कि कौन बहस करेगा। 5 मई अंतरिम आदेश के लिए होगी। कोर्ट ने मामले का कॉज टाइटिल बदलकर “इन रे वक्फ अमेडमेंट एक्ट कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र का जवाब आने तक वक्फ घोषित संपत्ति पर यथा स्थिति बनाए रखने को कहा है तब तक सरकार को तीन निर्देश भी मानना होंगे।

1.सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वक्फ बोर्ड के जवाब तक वक्फ संपत्ति की स्थिति नहीं बदलेगी।
2.कोर्ट से वक्फ घोषित संपत्ति डी – नोटिफाई नहीं होगी। यह वक्फ बाय यूजर हो या वक्फ बाय डीड हो।
3.वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में कोई नई नियुक्ति न हो।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने वक्फ एक्ट के प्रावधानों पर रोक लगाने के कोर्ट के प्रावधानों का विरोध किया। सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि, संसद में उचित विचार विमर्श के साथ पारित कानून पर सरकार का पक्ष सुने बिना रोक नहीं लगाई जा सकती, सरकार और संसद के रूप में हम लोगों के प्रति जवाबदेह है क्या बैंच कुछ धाराओं को फौरी तौर पर पढ़कर रोक लगाने जा रही है तो यह दुर्लभ है आपको कानून के इतिहास में जाना होगा क्योंकि लाखों लोगों के सुझाव के बाद यह कानून बना है।

इस पर बैच ने कहा कि हम अंतिम रूप से निर्णय नहीं ले रहे है चीफ जस्टिस (CJI) संजीव खन्ना ने कहा कि यह विशेष स्थिति है हमने कुछ कमियों की और इशारा किया है कुछ सकारात्मक चीजें भी है हम नहीं चाहते इतना बड़ा बदलाव किया जाए कि पक्षकारों के हित और अधिकार प्रभावित हो, 5 साल से इस्लाम मान रहे हो, जैसा प्रावधान भी हैं लेकिन हम उसपर रोक नहीं लगा रहे। एससी ने कहा कोर्ट कानून पर रोक नहीं लगाते है लेकिन व्यक्तियों के अधिकार भी प्रभावित नहीं होना चाहिए।

सीजीआई संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बैंच इस बक्फ विधेयक की सुनवाई कर रही है जबकि केंद्र सरकार की ओर से सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता है और कानून के खिलाफ सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल राजीव धवन, अभिषेक मनु सिंघवी और सी वी सिंह दलील रख रहे है।

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सोनिया राहुल पर मनीलोंड्रिग के आरोप पर कांग्रेस सड़को पर, जब मनी- प्रॉपर्टी ट्रांसफर नहीं फिर मनी लॉन्ड्रिंग कैसे: कांग्रेस

Congress

नई दिल्ली/ नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी के चार्जशीट दाखिल करने पर कांग्रेस बुद्धवार को सड़को पर उतरी। कांग्रेस ने दिल्ली के साथ सभी प्रांतीय और जिला स्तर पर ईडी कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन किया और रेलियों में बेनर पोस्टरों के साथ मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की भी खबर है।

इधर कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और जयराम नरेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय सरकार को घेरते हुए कहा जब कोई AJL की कोई संपत्ति न बेची गई न खरीदी गई न कोई पैसे का लेनदेन ही हुआ फिर मनी लांड्रिंग कैसे हो गई उन्होंने इसे अजीबो गरीब केस बताते हुए इसे हास्यास्पद और विश्व का आठवां आश्चर्य बताया।

कांग्रेस नेता सिंघवी ने कहा यह अजीबो गरीब केस है जिसे मैं प्रमाणित करूंगा कैसे हैं यदि यह राजनीतिक द्वेष का बड़ा उदाहरण नहीं होता तो कानूनी रूप से हास्यास्पद और विश्व का आठवां आश्चर्य होता। उन्होंने कहा एक ऐसा मनी लांड्रिंग केस जो बिना मनी और प्रॉपर्टी के ट्रांसफर हुए किया गया ।

उन्होंने कहा AJL देश की जानी मानी पुरानी कंपनी है जिसे स्वतंत्रता से पहले विशेष मूल्यों की स्थापना के लिए कांग्रेस ने स्थापित किया था जो वाणिज्य या अर्थशास्त्र के आधार पर सफल नहीं हुई आर्थिक गिरावट को देखते हुए कांग्रेस ने AJL की समय समय पर आर्थिक मदद की और उसपर 90 करोड़ का कर्ज हो गया। उसे डेड फ्री बनाने और पुनः निर्माण करने के उद्देश्य से AJL का ऋण कागजी तौर पर नई नवेली कंपनी यंग इंडिया को ट्रांसफर किया गया। AJL की सम्पत्ति आज भी उसी की है उसकी सम्पत्ति यंग इंडिया को ट्रांसफर नहीं हुई, फिर यंग इंडिया के डायरेक्टर उसकी सम्पत्ति कैसे खरीद बेच रहे है पैसे का कोई लेनदेन नहीं हुआ सम्पत्ति वही की वही है फिर मनी लांड्रिंग कैसे हो गई।

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रेस को बताया सेक्शन 8 के तहत नोट फोर प्रॉफिट वाली चेरिटेबल कंपनी डिविडेंट नहीं दे सकती जो प्रतिबंधित होता है पिछले दिनों सोनिया गांधी ने जवाब दिया राहुल गांधी ने 55 घंटे की पूछताछ में ईडी को जवाब दिया और सभी सवाल के जवाब दिए और डाक्यूमेंट जमा किए जब कोई बेचने खरीदने का हक ही नहीं है तो हम मूर्ख होंगे जो मनी लांड्रिंग करेंगे। न कोई सम्पत्ति खरीदी न बेची न कोई आर्थिक कार्यक्रम किया।

उन्होंने कहा AJL की सम्पत्ति यंग इंडिया को ट्रांसफर नहीं हुई न यंग इंडिया ने खरीदा उसके आगे एक और स्टेप फिर उसके डायरेक्टरों ने कैसे खरीद ली। यह वित्तीय कानून का मजाक है।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया केंद्रीय संस्थाओं के 100 में से 98 फीसदी केस विपक्ष के खिलाफ है सरकार ने बदले की कार्यवाही से इनका उपयोग किया है। आप जानबूझकर केस लटकाए रहते हैं सिर्फ लोगों को परेशान करने के लिए। उन्होंने खुलासा करते हुए कहा 2012 में सुब्रमण्यम स्वामी ने केस डाला था कुछ समय सुनवाई चली बाद में स्वामी ने ही दिल्ली जाकर यह इस केस में स्टे ले लिया लेकिन सरकार ने इसे हाईजैक करके केस फिर शुरू कर दिया जिससे मोदी सरकार की बदनियती साफ उजागर होती है।

जबकि कांग्रेस नेता जयराम नरेश ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है अर्थ व्यवस्था विदेश नीति अमेरिका पर कोई बहस न हो और जनता के मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए यह उत्पीड़न प्रतिशोध की राजनीति कर रहे है इसके सूत्रधार दो व्यक्ति है जिनकी मानसिकता अपराध की है कांग्रेस चुप नहीं रहेगी उन्होंने कहा कि कानूनी अधिकार है कि ऋण मुक्त करने किए किसी दूसरी कंपनी में ट्रांसफर कर सकते है यह कानून का उल्लंघन नहीं है कानूनी एक्ट में मनी लांड्रिंग नहीं माना जाता फिर क्राइम या अपराध कैसे हो गया उन्होंने कहा देश के दो बड़े नेता मेक इंडिया की जगह फेक इंडिया चला रहे है।

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नेशनल हेराल्ड मामला: सोनिया राहुल पर मनीलोंड्रिग के तहत ED ने चार्जशीट दाखिल की, 25 अप्रैल को सुनवाई

Sonia and Rahul Gandhi at Bharat Jodo Yatra

नई दिल्ली/ नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। जिसमें ED ने इन नेताओं पर 988 करोड़ की मनी लांड्रिंग का आरोप लगाया है साथ ही ED ने पीएमएलए की धारा 4 के तहत सजा मांग की है जिसमें 7 साल तक की सजा का प्रावधान है। कोर्ट इस मामले की 25 अप्रैल को सुनवाई करेगा।

ईडी ने 7 अप्रैल को विशेष जज विशाल गोगने की कोर्ट में अभियोजन शिकायत दायर की है इसमें नंबर एक पर सोनिया गांधी है उसके बाद राहुल गांधी सैम पित्रोदा, कांग्रेस नेता सुमन दुबे के अलावा दो कम्पनियां यंग इंडियन और डोटेक्स मर्चेंडाइज को आरोपी बनाया गया है। ईडी ने पीएमएलए की धारा 44 – 45 के तहत मनी लांड्रिंग, धारा 70 के तहत कम्पनियों द्वारा अपराध के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है। एजेंसी ने धारा 4 के तहत सभी आरोपियों की सजा मांगी है। कोर्ट अब इसकी 25 अप्रैल को सुनवाई करेगा और उसी दिन ईडी और जांच अधिकारी केस डायरी प्रस्तुत करेंगे।

ईडी का आरोप है कि कांग्रेस नेताओं ने साजिश के तहत एसोसिएट जनरल्स लिमि (AJL) की 2 हजार करोड़ की संपत्तियों पर कब्जे के लिए उसका अधिग्रहण निजी स्वामित्व वाली कम्पनी यंग इंडियन के जरिए केवल 50 लाख रूपये में किया। इस कंपनी के 76 फीसदी शेयर सोनिया और राहुल गांधी के पास है। इस मामले में अपराध से अर्जित आय 988 करोड़ की मानी गई है। इससे संबद्ध संपत्तियों का बाजार मूल्य 5 हजार करोड़ रूपये बताया गया है।

खास बात है संभवतः यह पहला मामला है जिसमें ईडी की कार्यवाही निचली कोर्ट द्वारा निजी शिकायत पर संज्ञान लेने और आरोपियों को सम्मन जारी करने पर शुरू हुई, अब विशेष अदालत चार्जशीट पर संज्ञान लेते समय प्राथमिक अपराध से जुड़े कानूनी बिंदुओं पर भी विचार कर सकती है।

नेशनल हेराल्ड में घोटाले को लेकर 2012 में उस समय के बीजेपी राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस के बड़े नेताओं ने एजेएल का अधिग्रहण बाईआईएल में किया और इसमें नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों का दुर्पयोग हुआ है।

खास बात है सोनिया गांधी और राहुल गांधी को कोर्ट ने 2015 में जमानत दी थी जब तक कोर्ट नया गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं करता जमानत ओर फिलहाल कोई संकट नहीं हैं लेकिन भविष्य में कोर्ट के निर्णयों के आधार पर इसमें परिवर्तन हो सकते है। कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान लेता है तो औपचारिक रूप से आरोपी घोषित किया जायेगा इसके बाद ट्राइल की प्रक्रिया शुरू होगी। ट्राइल के दौरान अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष अपने अपने साक्ष्य और तर्क कोर्ट में प्रस्तुत करेगा। तब कोर्ट तय करेगा कि जब्त की गई संपत्तियों पर सरकार का स्थाई नियंत्रण होगा या नहीं होगा?

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बक्फ संशोधन बिल:राज्यसभा में भी पास, बिल के खिलाफ देश में प्रदर्शन, कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंची,जेडीयू में बगावत,समर्थन करने वाले नमाजी की पिटाई

Parliament House Inside

नई दिल्ली/ बक्फ संशोधन विधेयक संसद में पास होने के बाद राज्यसभा में भी पास हो गया अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जायेगा। लेकिन कांग्रेस ने इस बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। जबकि देश के कई राज्यों में इस बिल के खिलाफ आज प्रदर्शन हुए, और इस बीच यूपी में बिल का समर्थन करने वाले एक नमाजी की लोगो ने पिटाई लगा दी, वहीं गुजरात में 50 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। खास बात है कि बिल समर्थन करने पर जेडीयू में बगावत हो गई और पार्टी के 5 नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है।

संसद के बाद राज्यसभा में भी बक्फ बिल पास —

बुधवार को संसद में 12 घंटे की बहस के बाद देर रात बक्फ संशोधन बिल 232 के मुकाबले 288 सांसदों के समर्थन से पास हो गया था वहीं गुरुवार को करीब 14 घंटे की बहस के बाद रात ढाई बजे राज्यसभा में भी बिल पास हो गया बिल के समर्थन में 128 तो बिल के खिलाफ 85 सांसद रहे। इस तरह दोनों सदनों में यह विधेयक पास हो गया अब यह बिल राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए पेश होगा और उसके बाद कानून में तब्दील हो जायेगा। लेकिन राज्यसभा में भी बिल को लेकर चर्चा में पक्ष विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक देखने को मिली।

कांग्रेस बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची —

लेकिन राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से पहले कांग्रेस के सांसद मोहम्मद जावेद ने इस बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डाली है वहीं असुदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अब सुप्रीम कोर्ट जांचेगा और परखेगा कि यह बिल मुस्लिमों के हित में हैं या नहीं और कही संविधान की अवहेलना तो नहीं हुई है। कांग्रेस नेता जयराम नरेश ने कहा है कि यह पहला मामला नहीं है कांग्रेस मोदी सरकार की गलत नीतियों और नियत के विरोध में अन्य कानून के खिलाफ भी सुप्रीम कोर्ट गई है और सीसीए आरटीआई, चुनाव आचरण नियम संशोधन, और 1991 पूजा स्थल एक्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है और अब बक्फ संशोधन बिल के खिलाफ भी लेकर भी कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

बिल के समर्थन पर जेडीयू में बगावत, 5 नेताओं के इस्तीफे —

लेकिन NDA की घटक दल नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू के बिल का समर्थन करने से पार्टी में बगावत की खबरें मिल रही है खासकर मुस्लिम नेताओं में भारी बेचैनी है इसके चलते पार्टी के 5 नेताओं ने जेडीयू छोड़ने का ऐलान कर दिया है जिसमें शामिल डॉ मोहम्मद कासिम अंसारी ने कहा कि बक्फ बिल का समर्थन करने से पार्टी को बिहार में भारी नुकसान होगा जिसका अंदाजा नीतीश कुमार और उनके आसपास रहने वाले नेताओं को नहीं है। जबकि तरवेज सिद्धकी अलीम ने कहा है कि नीतीश कुमार ने बिल का समर्थन कर हमें छोड़ा तो हम नीतीश कुमार को छोड़ रहे है। उनके अलावा नवाज मालिक, नदीम अख्तरी और एम राजू सेंगर ने भी जेडीयू से किनारा कर लिया है। दूसरी तरफ NDA के एक घटक दल आंनसू के नेता एवं झारखंड के प्रभारी अशरफ खान चुन्नू ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इधर वरिष्ठ नेता एवं सांसद ललन सिंह ने कहा है कि इन नेताओं की पार्टी और जनता में कोई अहमियत नहीं है इन्हें कोई जानता तक नहीं है इनके जेडीयू छोड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।

जुमे पर देश में बिल के विरोध में प्रदर्शन वापस लेने की मांग, यूपी में विशेष निगरानी —

बक्फ संशोधन बिल के विरोध में जुमे की नमाज के बाद गुजरात, बिहार, झारखंड,महाराष्ट्र कर्नाटक, तेलंगाना और असम सहित कई राज्यों में मुस्लिम समुदाय के हजारों लोग सड़कों पर उतरे और बैनर पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया।

जबकि उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में पुलिस हाईएलर्ट पर है और पुलिस लगातार फ्लैग मार्च कर रही है। लखनऊ में मस्जिद और दरगाहों की ड्रोन से निगरानी की जा रही है। वही यूपी अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशफाक सैफी को बक्फ बिल का समर्थन करने पर जान से मारने की धमकी दी गई है उनके बहनोई की पिटाई की भी खबर आई है।

गुजरात के अहमदाबाद में सैकड़ों की तादाद में मुस्लिम वर्ग के लोग सड़को पर आ जुटे और बैनर पोस्टरों के साथ उन्होंने जोरदार प्रदर्शन किया और बक्फ संशोधन बिल वापस लेने की मांग की, इस दौरान प्रदर्शन में शामिल लोग हाथ में काली पट्टी बांधे थे। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में कई हिस्सों में बक्फ बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए लोगों इस दौरान बक्फ बिल के विरोध वाली पट्टियां जलाई। कोलकाता के सर्कस करेंजा में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए जो हाथों में बक्फ बिल रिजेक्ट के बैनर पोस्टर लिए हुए थे।

झारखंड के रांची में इस दौरान जोरदार हंगामा देखने को मिला प्रदर्शनकारी बिल के विरोध में नारेबाजी करते नजर आए लोगो का कहना था यह बिल देश और मुस्लिमों के लिए सही नहीं है। बिहार के पटना और जमुई सहित कई इलाकों में जुमे की नमाज के बाद मुस्लिमों समुदाय ने प्रदर्शन किया। महाराष्ट्र के मुम्बई में भी बिल के विरोध में प्रदर्शन की खबर है।

तामिलनाडु में फिल्म अभिनेता विजय की पार्टी तमिलगा बैत्रि कझगम के कार्यकर्ताओं ने बक्फ बिल के विरोध में प्रदर्शन किया। तेलंगाना में भी जुमे की नमाज के बाद बक्फ संशोधन बिल के खिलाफ लोगों ने सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन में हिस्सा लिया। जबकि असम, कर्नाटक में भी बिल के विरोध में प्रदर्शन की जानकारी मिली है।

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बक्फ संशोधन बिल संसद में पास, आज राज्यसभा में हुआ पेश,संसद के बाद राज्यसभा में भी घमासान,ममता ने बदलने की दी चेतावनी, DMK सुप्रीम कोर्ट जायेगी

Waqf Ammendent Bill Passed in Loksabha

नई दिल्ली / बक्फ बिल संशोधन बिल बुधवार की देर रात 2 बजे संसद में पास हो गया इस बिल के पक्ष में 288 सांसदों ने वोट किया जबकि विपक्ष में 232 वोट पड़े इससे पहले सरकार की तरफ से पेश सभी संशोधन स्वीकार कर लिए गए जबकि विपक्ष के सभी संशोधन प्रस्ताव खारिज कर दिए गए। लेकिन इससे पहले बिल पेश होने के बाद इसको लेकर संसद में बुधवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार घमासान दिखा, सत्ता पक्ष ने जहां इस बिल को मुस्लिमों के लिए हित में बताने पर जोर दिया तो विपक्ष ने इसे मुस्लिमों के धामिक क्षेत्र में दखलंदाजी करार दिया। वही आज यह बक्फ संशोधन बिल राज्यसभा में पेश किया गया खास बात रही जिस तरह संसद में पक्ष विपक्ष के बीच जोरदार बहस हुई वही गुरुवार को राज्यसभा में भी घमासान छिड़ा रहा और पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने बिल को लेकर अपनी पार्टी की बात रखी।

संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजजू ने गुरूवार को वक्फ संशोधन बिल राज्यसभा में पेश किया इस मौके पर उन्होंने कहा 1954 में बक्फ बोर्ड बना था उसके बाद 2013 में भी कांग्रेस सरकार ने उसमें संशोधन किया था लेकिन मुस्लिमों की माली हालत बेहतर करने के लिए क्या किया? उनका सार्थक रूप से आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक विकास हुआ यह आज बड़ा सवाल है हमारी सरकार यह बक्फ संशोधन बिल गरीब कमजोर मुस्लिमों और मुस्लिम महिलाओं की बेहतरी लिए लाई है।

मंत्री किरण रिजजू ने राज्यसभा में कहा बक्फ के अंदरूनी मामलों में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा सिर्फ प्रशासनिक तौर पर हम देखेंगे कि कोई अनियमितता न हो उन्होंने कहा बक्फ बोर्ड, प्रॉपर्टी को शाही तरीके से चला रहा है सरकार का उद्देश्य है कि बक्फ संपत्तियों को लेकर जवाबदेही पारदर्शिता और ईमानदारी तय हो।

राज्यसभा में बिल को लेकर विपक्ष के सवाल –

आप सांसद संजय सिंह ने कहा इस बिल से किसी को खुश होने की जरूरत नहीं है आज मुस्लिमों की जमीन पर कब्जा करना चाहते है उसने बाद सिंखो ईसाईयों जैन और फिर बौद्ध समुदाय के ट्रस्टों की जमीन और उसने बाद मंदिरों की जमीनों की बारी आने वाली है। उन्होंने कहा जिन्होंने राममंदिर की जमीन में घोटाला किया उनसे क्या आशा रखी जा सकती है। इस बीच राज्यसभा में हंगामा हो गया। आप सांसद ने कहा आज एक धर्म की संपति छीन रहे है आगे आप सभी धर्मों की संपति छीनकर अपने दोस्तों को देंगे। बक्फ में आप गैर मुसलमान को ट्रस्ट का सदस्य बनाएंगे तो क्या आप हिंदू सहित अन्य धार्मिक ट्रस्टों में गैर लोगों को सदस्य बना सकते है कभी नहीं। क्या हिंदुओं के ट्रस्ट में गैर हिंदुओं को सदस्य बना सकते है। बीजेपी वाले फसाद कराने वाले हिंदू है बिल को लेकर बीजेपी झूठ फैला रही हैं जो बक्फ बिल के माध्यम से संविधान के खिलाफ काम कर रही है।

राज्यसभा में चर्चा के दौरान हंगामा हो गया और अमित शाह और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच जोरदार बहस हुई। शाह ने कहा यह गलत फहमी फैला रहे है यह बक्फ जमीन का मामला है भ्रम न फैलाए अनुराग ठाकुर के खड़गे पर लगाए आरोप पर भी हंगामा हो गया अनुराग ठाकुर ने कर्नाटक जमीन घोटाले में खड़गे का नाम जोड़कर बताया था खड़गे ने अनुराग ठाकुर पर पलटवार करते हुए कहा मेरे पास एक इंच भी जमीन नहीं है उन्होंने कहा मै अनुराग ठाकुर को चेतावनी देता हूँ वह इसको सिद्ध करके दिखाए यदि सच हुआ तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा।

आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा सरकार सुनती नहीं सुनाती है आज हाशिए पर समुदाय छोड़े जा रहे है उन्होंने कहा यह बिल असंवैधानिक है और लोकतंत्र में सौगातें नहीं होती इस बिल के जरिए बक्फ की संपत्ति छीनी जा रही है आज देश का माहौल सही नहीं है उन्होंने कहा इस रिश्ते को हिराकत से नहीं देखिए।

कांग्रेस सांसद नसीर हुसैन ने सरकार पर हमला करते हुए राज्यसभा में बहस के दौरान कहा कि बक्फ के मायने दान है जो कोई भी दे सकता है उन्होंने आरोप लगाया कि यह बक्फ बिल संशोधन पोलराइजेशन के लिए लाया गया है।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि अनेक राजनीतिक दल इस बिल के खिलाफ है सरकार महंगाई, बेरोजगारी से ध्यान भटकाने और अपनी नाकामी छुपाने के लिए यह बिल लेकर आई हैं उन्होंने पूछा क्या दूसरे ट्रस्ट और धार्मिक संस्थाओं में गैर हिंदू सदस्य रखे जाएंगे? यह बताए सरकार। बक्फ से बड़ा मामला चीन पर जमीन पर कब्जा करने का मुद्दा है इसके पीछे न इनकी नीति ठीक है न ही नियत ठीक है। यह क्या मिलिट्री और रेल्वे की जमीन पर भी बिल लायेगी। उन्होंने आरोप लगाया बीजेपी अपना बिखरा हुआ वोट बैंक समेटने के लिए इस तरह की कार्यवाही कर रही है।

कांग्रेस सांसद एवं नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि हमारी पार्टी इस बिल का पुरजोर कड़ा विरोध करती है उन्होंने कहा यह बिल मुसलमानों की संपत्ति हड़पने के लिए लाया गया है यह भारत के संविधान और उसके मूल विचार पर हमला है कांग्रेस नेता ने कहा मोदी सरकार चीन व्दारा भारत की कब्जाई जमीन तो पहले बापस ले ले।

पक्ष में क्या बोले बीजेपी नेता —

जबकि चर्चा में शामिल गृहमंत्री अमित शाह ने कहा बक्फ के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है पहले बोर्ड का फैसला अंतिम होता था शाह ने कहा यह गलत फैलाया जा रहा है कि मुसलमानों के धार्मिक आचरण और सम्पत्ति में हस्तक्षेप होगा। जबकि उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग कह रहे है कि मुसलमान इस कानून को नहीं मानेंगे लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि यह जब कानून बनेगा तो इसका पालन सभी को करना जरूरी होगा। उन्होंने कहा यदि 2013 में तत्कालीन सरकार बक्फ संशोधन बिल नहीं लाती तो आज इस बिल की जरूरत ही नहीं पड़ती।

राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा यूपीए सरकार चाहती तो वह पहले ही कर सकती थी 2013 के बाद नई भूमि बक्फ बोर्ड से जुड़ी है हम चाहते है बक्फ सम्पत्ति की देखरेख सही तरीके से हो हमारी कोशिश सिर्फ नियमों को दायरे में लाना है लेकिन बिल को लेकर कुछ लोग गुमराह कर रहे हैं विपक्ष गलत तथ्य पेश कर रहा है जबकि यह बिल किसी पार्टी के नहीं बल्कि देश हित में लाया गया है मेरा सवाल है 70 साल से किसने मुसलमानों को डराकर रखा आपने यह भी देख लिया 70 साल विकास कैसे हुआ कांग्रेस ने मुस्लिम महिलाओं को मुख्य धारा में लाने से रोके रखा। नड्डा ने कहा की टर्की 100 साल पहले यह कर चुका है और मुस्लिम बाहुल्य मलेशिया में जीरो मैपिंग है। जब अन्य मुस्लिम देश कर सकते है तो फिर भारत में क्या दिक्कत है।

संसद में बक्फ संशोधन बिल पेश होने पर बुधवार को सत्ता और विपक्ष में हुई रस्साकसी —

बुधवार को संसद में बिल पेश करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजजू ने इस बिल को मुस्लिमों के लिए हित में बताने हुए जोर दिया कि इस बिल के पास होने से इस समुदाय के गरीब महिलाओं और कमजोर वर्ग को राहत मिलेगी साथ ही जमीनों पर कब्जा करने वालों के भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलेगी। रिजजू ने कहा कि बिल का नाम यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट इंपॉवरमेंट एफिशियंसी एंड डेवलपमेंट अर्थात एक उम्मीद होगा, उन्होंने कहा वक्फ बोर्ड के पास लाखों करोड़ों की सम्पत्ति है लेकिन वह गरीब मुसलमानों के लिए इस्तेमाल नहीं हो रही उन्होंने कहा यह बिल मुस्लिम समुदाय के हित में सरकार ला रही है इस बिल के पास होने के बाद देश के मुस्लिम समुदाय के खासकर गरीब दबे कुचले वर्ग के साथ महिलाओं को उसका सही हक मिलेगा साथ ही जमीन को लेकर भ्रष्टाचार कर रहे लोगों पर अंकुश लगेगा।

संसद में चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा आज एक विशेष वर्ग की जमीन पर सरकार की नजर है कल दूसरे अल्पसंख्यकों की जमीन पर नजर जायेगी बिल में सरकार के कई मकसद है संविधान को कमजोर करना, समाज को बांटना और अल्पसंख्यकों को बदनाम करना प्रमुखता से शामिल है। उन्होंने कहा किरण रिजजू सदन को गुमराह कर रहे है बोर्ड में दो महिला सदस्यों की नियुक्ति का प्रावधान पहले से ही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यक मंत्रालय की बैठक में बिल का कोई जिक्र नहीं आया। गोगोई ने कहा कि जिस कोम ने आजादी की लड़ाई में बढ़चढकर हिस्सा लिया और इन्होंने जिन्ना की मांग ठुकराई जबकि आपने भारत छोड़ो आंदोलन का भी समर्थन नहीं किया। उन्होंने कहा इस बिल से समस्या कम होने की बजाय और बढ़ेगी और यह बिल संविधान के ढांचे पर आक्रमण है।

एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा मै इस बिल का विरोध करता हूं बीजेपी मंदिर मस्जिद के नाम पर संघर्ष पैदा करना चाहती है जो मुस्लिमों के अधिकार छीनकर उनके साथ अन्याय कर रही है। आप ही जज है आप ही फैसला लेंगे। उन्होंने कहा महात्मा गांधी की तरह मै इस संशोधन बिल को फाड़ता हूँ।

AIMPLB नए बक्फ संशोधन के खिलाफ पूरे देश में आंदोलन करेगा —

अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के अध्यक्ष ने कहा है कि एक प्लानिंग के तहत यह बक्फ संशोधन बिल लाया गया है यह मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है इसको लेकर AIMPLB पूरे देश में आंदोलन कर अपना विरोध दर्ज करायेगा।

DMK बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जायेगी —

डीएमके नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है कि उनकी पार्टी मुसलमानों के खिलाफ लाये गए इस बक्फ संशोधन बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर उसे रद्द करने की मांग करेंगे।

हमारी सरकार आने पर बिल को पलट देंगे कहा ममता बनर्जी ने —

टीएनसी नेता एवं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बक्फ बिल को लेकर पहली बार बयान देकर अपना विरोध दर्ज कराया है उन्होंने कहा कि यह बिल राजनीति से प्रेरित है लेकिन जब मोदी सरकार चली जाएगी और नई सरकार बनेगी तो बीजेपी सरकार के इस बक्फ बिल को बदलकर नया बिल लाया जायेगा।

 


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दिल्लीदेश

सरकार किसान नेताओं के बीच 7वी वार्ता फेल, शंभू – खनौरी बॉर्डर खाली कराए, डल्लेवाल पंधेर हिरासत में, किसान भूख हड़ताल पर

Shambhu Border

नई दिल्ली / पुलिस और प्रशासन ने पंजाब और हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर को खोलने के लिए किसानों को खदेड़ने के साथ वहां लगे शेड हटा दिए है इस बीच इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवण सिंह पंधेर सहित अन्य आंदोलनकारी किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया, वही हरियाणा में अलर्ट जारी कर दिया गया है। यह कार्यवाही किसान नेताओं और सरकार के बीच 7 वी वार्ता के फेल होने के बाद शुरू की गई।

फसलों के लिए एमएसपी की लीगल गारंटी सहित अन्य मांगों को लेकर किसान खनौरी और शंभू बॉर्डर पर 13 महीनो से आंदोलन कर रहे थे। बुधवार को सरकार और किसान नेताओं के बीच 7 वे दौर की वार्ता हुई थी लेकिन इस मीटिंग में दोनों के बीच सहमति नहीं बनी और इस तरह सुबह 11 बजे से 3 बजे तक चली यह वार्ता भी विफल हो गई।

इसके उपरांत जब किसान नेता खनौरी और शंभू बॉर्डर लौट रहे थे तभी पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेना शुरू कर दिया इसमें आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के संयोजक सरवण सिंह पंधेर और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल प्रमुख रूप से शामिल थे। पंधेर को मोहाली के एयरपोर्ट रोड और डल्लेवाल को एंबुलेंस से ले जाया गया। इनके अलावा किसान नेता काका सिंह कोटड़ा, अभिमन्यु कोहाड़ मनजीत राय और ओंकार सिंह को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। बताया जाता है किसान नेताओं को पटियाला के कमांडो सेंटर (बहादुर गढ़) शिफ्ट किया गया है।

लेकिन पहले से ही बनी योजना के मुताबिक पंजाब पुलिस ने शंभू बॉर्डर और हरियाणा पुलिस और प्रशासन ने खनौरी बॉर्डर को खाली कराने के प्रयास शुरू कर दिए इस दौरान भारी तादाद ने पुलिस बल जेसीबी सहित अन्य संसाधनों और लाव लश्कर के साथ वहां पहुंच गया और उसने बुलडोजर की मदद से किसान संगठनों के बॉर्डर पर लगाये गए अस्थाई शेड तोड़ना शुरू कर दिया इस दौरान मंच पंखे मेडिकल सुविधा और अन्य संसाधनों को हटा दिया गया। इसके बाद बोर्डर से दिल्ली की ओर आवाजाही शुरू कराई जा रही है।

इस कार्यवाही और एक्शन के पीछे जो बजह सामने आई है उसने मुताबिक किसान 13 फरवरी से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर धरना आंदोलन कर रहे थे उस समय उनके दिल्ली कूच को पुलिस ने रोक दिया था उसने बाद किसान अपनी मांगो को लेकर इन दोनों बोर्डर पर आंदोलन कर रहे थे।

बताया जाता है पुलिस और प्रशासन के इस एक्शन के बाद वहां मौजूद किसानों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया और भूख हड़ताल शुरू कर दी है साथ ही किसान अपनी मांगो को लेकर नारेबाजी कर अपने नेताओं को रिहा करने की मांग भी कर रहे है। जबकि कार्यवाही के दौरान बार्डर के टेंटो में मौजूद किसानों को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।

किसानों की प्रमुख मांगे —

  1. सभी फसलों पर MSP पर खरीद की गारंटी का कानून बने।
  2. .डॉ स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के तहत कीमत तय हो।
  3. किसान – खेत मजदूर का कर्जा माफ हो, पेंशन दी जाए।
  4. मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए।
  5. भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को दोबारा लागू किया जाए।
  6. विद्युत संशोधन विधेयक 2000 को रद्द किया जाए।
  7. नकली बीज, कीटनाशक दवाईयां एवं खाद उत्पादक कंपनियों पर कड़ा कानून।
  8. किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा ,सरकारी नौकरी मिले।
  9. लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए।
  10. मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम दिया जाए, उसकी दिहाड़ी 700 रुपए की जाए।
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दिल्लीदेश

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता होंगी, विधायक दल की बैठक में फैसला,एलजी से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया,शपथ कल

Rekha Gupta NewDelhi CM

नई दिल्ली/ नई दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता होंगी विधायक दल की बैठक में यह फैसला लिया गया बताया जाता है आरएसएस ने भी उनके नाम पर मुहर लगाई थी। नेता चुने जाने के बाद रेखा गुप्ता ने एलजी वीके सक्सेना से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। जानकारी के अनुसार रेखा गुप्ता 20 फरवरी गुरूवार को मुख्यमंत्री की शपथ लेंगी।

बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने नई सरकार के गठन के लिए रविशंकर प्रसाद और ओमप्रकाश धनकड़ को पर्यवेक्षक बनाए था उन्होंने आज विधायक दल की बैठक के पूर्व सभी विधायकों से अलग अलग चर्चा की। उसके बाद बैठक में विधायक सतीश उपाध्याय और विधायक विजेंद्र गुप्ता ने रेखा गुप्ता के नाम का प्रस्ताव रखा जिसे सभी विधायकों ने सर्व सम्मति से स्वीकार किया। पर्यवेक्षकों ने इसके उपरांत रेखा गुप्ता को विधायक दल का नेता चुने जाने और मुख्यमंत्री बनाये जाने की घोषणा की।

पहले माना जा रहा था कि दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री के साथ प्रवेश वर्मा को उपमुख्यमंत्री प्रवेश वर्मा और विजेंद्र गुप्ता को स्पीकर बनाया जायेगा, लेकिन बीजेपी ने इसकी पुष्टि नहीं की है, फिलहाल मुख्यमंत्री के नाम का ही ऐलान हुआ है।

विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद रेखा गुप्ता एलजी वीके सक्सेना से मिली और सरकार बनाने का दावा पेश किया। बताया जाता है कल 20 फरवरी गुरूवार को दोपहर 12.45 बजे रामलीला मैदान में रेखा गुप्ता मुख्यमंत्री की शपथ ग्रहण करेंगी उनके साथ उनकी केबिनेट के कुछ मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जायेगी।

आज सुबह से ही दिल्ली में बीजेपी की गतिविधियां शुरू हो गई थी। सबसे पहले 11.30 बजे संसदीय दल की बैठक हुई । बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद और ओमप्रकाश धनकड़ को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया उसके बाद दोपहर 2 बजे पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बीच बैठक हुई जिसमें मंत्रणा की गई। उसके बाद 4 बजे बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह आरएसएस कार्यालय गए और वहां वह आरएसएस पदाधिकारियों से मिले समझा जाता है उनके बीच मुख्यमंत्री के नाम की लेकर चर्चा हुई और अंतिम फैसला लिया गया।

उसके बाद शाम 7 बजे विधायक दल की बैठक हुई। जिसमें दोनों पर्यवेक्षक रविशंकर प्रसाद ओमप्रकाश धनकड़ संगठन मंत्री पवन राणा,दिल्ली के सभी 7 बीजेपी सांसद और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा सहित 48 विधायक सम्मिलित हुए।

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दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़, कुंभ जा रहे 18 लोगों की कुचलकर मौत, 25 घायल, जांच कमेटी गठित, कांग्रेस ने रेलमंत्री का इस्तीफा मांगा

Stempede at delhi station

नई दिल्ली / कुंभ में हुई भगदड़ में मरने वाले लोगों की अभी याद ताजा थी वहीं शनिवार रात को दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म जा रही भीड़ में हुई भगदड़ में 18 लोग कुचलकर मर गए मरने वालों में 14 महिलाएं 3 बच्चे और 1 आदमी शामिल है। बताता जाता है यह लोग कुंभ स्नान के लिए प्रयागराज जा रहे थे।रेल्वे प्रशासन ने इसकी जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।

यह हादसा शनिवार रात 9 बजकर 26 मिनट पर दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुआ साढ़े आठ बजे जाने आने वाली दो ट्रेन लेट थी जिसमें भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस और स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस शामिल थी ट्रेन लेट होने से रेल से जाने वाले पैसेंजर्स की भीड़ लगातार बढ़ती है जा रही थी और प्लेटफॉर्म पर तिल रखने को जगह नहीं थी। इस बीच प्रयागराज स्पेशल ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर आई इसके आने का एनाउंस हुआ तो यह सुनकर प्लेटफॉर्म नंबर 13 और 14 पर खड़ी भीड़ जो प्रयागराज जाने वाली थी प्लेटफॉर्म 16 पर जाने के लिए भागी साथ ही जो लोग विंडो पर टिकट ले रहे थे उन्होंने भी बिना टिकट लिए प्लेटफॉर्म नंबर 16 की और दौड़ लगादी जब यह लोग फुटओवर ब्रिज से होकर जाने लगे तभी भीड़ के दवाब से सीढ़ियों पर कुछ लोग गिर गए उनमें महिलाएं ज्यादा थी लेकिन भीड़ ने गिरे हुए लोगों पर ध्यान नहीं दिया वह उन्हें कुचलती हुई आगे बढ़ती गई और गिरे हुए लोगों के ऊपर पैर रखते हुए लोग जल्दी पहुंचने की होड़ में दौड़ते भागते रहे।

इस हादसे में 14 महिला 3 बच्चे और 1 आदमियों की कुचल जाने से मौत हो गई जबकि करीब 25 लोग घायल हुए है फुट ओवर ब्रिज पर ऊपर से नीचे तक लोगों के जूते चप्पल कपड़े और अन्य सामान बिखरा देखा गया। बड़ा ही भयावाह तस्वीर थी। घटना के बाद पुलिस और रेलवे प्रशासन वहां पहुंचा और लोगों को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया। डॉक्टरों के मुताबिक मरने वालों के सीने और पेट में अंदरूनी गंभीर चोटे आई है। जिसके साथ दम घुटने से यह मौतें हुई है।

पिछले दो सप्ताह से कुंभ जाने वाले लोगों की स्टेशन पर भारी भीड़ हो रही थी लेकिन रेल्वे प्रशासन ने कोई कंट्रोल रूम नहीं बनाया ने ही कुंभ की अतरिक्त जानकारी के लिए कोई विंडो बनाई। एक घंटे में 1500 टिकट एक टिकट विंडो से बेचे जा रहे थे। शनिवार को भी शाम 7 बजे से भीड़ बढ़ने शुरू हो गई थी प्लेटफॉर्म पर जिधर देखो उधर लोगो के सिर ही सिर दिखाई दे रहे थे लेकिन स्टेशन प्रशासन ने इस तरफ कोई तवज्जों नहीं दी। न यह देखा कि प्लेटफॉर्म की केपेसिटी कितनी है और भारी संख्या में लोग प्लेटफॉर्म पर कैसे आ सकेंगे। न इस पर गौर किया कि जितनी ट्रेन प्रयागराज जा रही है उसके अनुसार टिकट बांटे जा रहे है कि नहीं । यहां तक कि स्टेशन के एक कुली का कहना था कि मैं 46 साल से दिल्ली स्टेशन पर कुली का काम कर रहा हूँ लेकिन इतनी ज्यादा भीड़ मैने आज तक नहीं देखी। जबकि एक बैंडर ने बताया कि बड़े बड़े त्योहारों और धार्मिक कार्यक्रमों में आज तक इतनी संख्या में लोग स्टेशन पर नहीं देखे जितने शनिवार को थे।

मरने वालों में 9 बिहार के 8 दिल्ली और एक महिला हरियाणा की थी जो अपनी सहेलियों के साथ कुंभ स्नान के लिए जा रही थी। मरने वालो में 1.आशा देवी ( 79 साल) 2.पूनम देवी (40 साल) 3.ललिता देवी (35 साल) 4. शांति देवी (40 साल), 5.कृष्णा देवी (40 साल) 6. पूजा कुमारी (8 साल) 7.नीरज (12 साल) 8. सुरुचि (11 साल) 9. विजय शाह (15 साल) यह सभी बिहार के रहने वाले है जबकि 10. शीला देवी (41 साल) 11. पूनम (44 साल) 12. व्योम (25 साल) 13.पिंकी देवी (41 साल), 14. ममता झा 15. बेबी कुमारी 16. मनोज (47 साल) और रिया सिंह (7 साल) यह सभी दिल्ली निवासी है जबकि संगीता मलिक (34 साल) हरियाणा की निवासी है।

दिल्ली के एलजी वी के सक्सेना ने पहले रात 11.55 बजे ट्वीट किया, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के कारण कई लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए, इस दुखद घटना पर मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है। उसके बाद फिर 12.24 बजे अपने ट्वीट को एडिट करते हुए उन्होंने लिखा.. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी है इस स्थिति को संभालने के लिए मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त से बात की गई है। इसमें मौतों का हवाला देते हुए संवेदना जताने वाली बात हटा ली गई। उसके बाद 12.56 बजे पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया .. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ से दुखी। मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्दी ठीक हों।

नॉर्थ रेलवे के अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने घटना के बाद कहा कि कोई भी ट्रेन रद्द नंगीतगी न ही आने वाली किसी ट्रेन का प्लेटफॉर्म ही बदला गया जबकि एक अन्य रेल अधिकारी दिलीप कुमार ने तो स्टेशन पर किसी भगदड़ से ही इंकार करते हुए कहा कि यह अफवाह फैलाई गई है।

इधर इस घटना की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी बनाई गई है जिसमें उत्तर रेल्वे के प्रिंसीपल चीफ कॉमर्शियल मैनेजर नरसिंह देव और प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त पंकज गंगवाल शामिल है।

इधर कांग्रेस ने इस घटना पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की है और कहा है कि यह हादसा नहीं नरसंहार है रेलवे की नाकामी की बजह से 18 मौतें हुई और अब घटना का सच छुपाने की कोशिश की जा रही है रेल मंत्री मौत के आंकड़ों को छुपाते रहे और उन्होंने सब कुछ ठीक होने का माहौल बनाया कांग्रेस ने कहा बीजेपी सरकार ने न सुरक्षा न ही आवागमन का इंतजाम किया, इनके लिए जनता सिर्फ वोट बैंक है। कांग्रेस ने पूछा कि श्रद्धालुओं की मौत का जिम्मेदार कौन है।

जबकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने दिल्ली रेलवे स्टेशन की घटना पर कहा है कि कुंभ को सरकार ने राजनीतिक रूप से देखा आयोजकों ने व्यवस्था की बजाय प्रचार प्रसार पर ज्यादा पैसा लगाया अब सरकार घायलों और मरने वालो के आंकड़े छुपा रही हैं।

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दिल्लीदेश

दिल्ली का सीएम कौन? तय नहीं दो महिलाओं सहित 8 विधायक लाइन में

नई दिल्ली/ दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होगा? फिलहाल यह एक पहेली बनी हुई है चुनाव के नतीजे आए करीब एक हफ्ता हो गया है लेकिन बहुमत पाने वाली बीजेपी अभी तक सीएम का चेहरा तय नहीं कर पाई है। फिलहाल 8 नाम ऐसे है जो मुख्यमंत्री की रेस में बताए जाते है। जिसमें दो महिलाएं भी शामिल है। देरी से लगता है कही बीजेपी हाईकमान मध्यप्रदेश की तरह कही बिल्कुल नया और अप्रत्याशित नाम तो नहीं दे रहा है क्योंकि जो नाम चलते है उनमें से कोई मुख्यमंत्री नहीं बनता इतिहास गवाह हैं।

दिल्ली विधानसभा के नतीजे 8 फरवरी को आ गए थे और बीजेपी ने कुल 70 सीटों में से 48 सीट हासिल कर धमाकेदार जीत हासिल की और इस तरह 27 साल बाद वह बीजेपी सत्ता पर फिर से काबिज हुई। एक सप्ताह हो गया लेकिन बीजेपी हाईकमान दिल्ली के मुख्यमंत्री का नाम आज तक घोषित नहीं कर पाया है। यह भी कहा गया कि पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिका यात्रा से लौटने के बाद दिल्ली का मुख्यमंत्री तय होगा। अब वह भी भारत आ गए हैं।

मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में अभी तक जो नाम सामने आए है उसमें प्रवेश वर्मा, मोहन सिंह विष्ट,विजेंद्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय, आशीष सूद पवन शर्मा और महिलाओं रेखा गुप्ता और शिखा रॉय के नाम प्रमुखता से शामिल है। चूंकि प्रवेश वर्मा ने आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली क्षेत्र से हराया है। जबकि विजेंद्र गुप्ता काफी सीनियर नेता है जो रोहिणी सीट से तीसरी बार विधायक बने है।

जैसा कि दिल्ली में 23 फरवरी तक हर हालत में मुख्यमंत्री और उनकी केबिनेट बनना जरूरी है बीजेपी ने चुनाव जीतने किए कई बड़े बड़े वायदे किए है तो कई चुनौतियां उनके मुंह बाए खड़ी है जिसमें यमुना को साफ करना, हर घर पीने का पानी उपलब्ध कराना, खुदी पड़ी सड़कों का निर्माण और हर महिला को हर महीने 2500 ₹ सहायता राशि देना प्रमुख रूप से शामिल है।

अभी तक बीजेपी नेतृत्व कह रहा था की पीएम नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा पर अमेरिका गए हुए है उनके आते ही दिल्ली में सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी और मुख्यमंत्री का नाम भी घोषित हो जायेगा। जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी कल अमेरिका से भारत लौट आए है। लेकिन अभी किसी तरह की हलचल नहीं देखी जा रही है सूत्र बताते है कि 18 – 19 फरवरी तक बीजेपी के पार्लियामेंट बोर्ड की बैठक होगी और उसके बाद पर्यवेक्षकों की नियुक्ति होने के साथ विधायक दल की बैठक में नेता का चुनाव होगा और इसी के साथ दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिल जायेगा। अब सवाल यह है कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा चुने गए विधायकों में से होगा या कोई बाहरी होगा।

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दिल्लीदेश

जसप्रीत बुमराह चैंपियन ट्रॉफी से बाहर, इंजरी रिकवर नहीं हुई, भारतीय टीम की घोषणा, हर्षित राणा को मौका, यशस्वी की जगह बरुण

Jasprit Bumrah

नई दिल्ली/ भारतीय तेज बॉलर जसप्रीत बुमराह अपनी इंजरी को रिकवर नहीं कर सके और उन्हें चैंपियन ट्रॉफी के लिए घोषित टीम में नहीं चुना जा सका। इस तरह वह चैंपियन ट्रॉफी से बाहर हो गए है चैंपियन ट्रॉफी के लिए मंगलवार को भारतीय टीम की घोषणा हो गई है बुमराह की जगह हर्षित राणा को टीम में शामिल किया गया है जबकि यशस्वी जायसवाल की जगह बरुण चक्रवर्ती को मौका मिला है।

भारत को झटका, जसप्रीत बुमराह बाहर —

चैंपियन ट्रॉफी के लिए 11 फरवरी तक अंतिम रूप से टीम के नाम देना अनिवार्य था। भारतीय फास्ट बॉलर जसप्रीत बुमराह की पीठ में बोर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पांचवे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली सीरीज के दौरान चोट आ गई थी जिससे उन्हें टी 20 में आराम देते हुए इस चोट से रिकवर करने के प्रयास किए जा रहे थे 2 फरवरी को बुमराह की बेक इंजरी का स्कैन किया गया था लग रहा था कि वह चोट से जल्द उबर जायेंगे जिसके चलते उन्हें 13 फरवरी को इंग्लेंड के साथ तीसरे वन डे की टीम में भी शामिल किया गया था लेकिन जसप्रीत बुमराह यह चोट पूरी तरह से रिकवर नहीं कर पाए वन डे में उनकी जगह फायनल स्क्वाड में वरुण चक्रवर्ती को शामिल किया गया। बेक इंजरी की बजह से वह चेम्पियन ट्रॉफी के लिए भी फिट नहीं थे। इसलिए बीसीसीआई ने उन्हें फिलहाल टीम से बाहर रखने का फैसला लिया है।

चैंपियन ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम का ऐलान —

चूंकि 11 फरवरी तक भारत को आईसीसी टूर्नामेंट के लिए अपनी टीम में बदलाव की इजाजत दी इसलिए आज इसे अपने खिलाड़ियों की अंतिम सूची देना अनिवार्य था इसलिए भारतीय टीम का आज ऐलान कर दिया गया। जिसमें रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल विराट कोहली श्रेयश अय्यर, केएल राहुल (विकेट कीपर), रिषभ पंत (विकेट कीपर), हार्दिक पांड्या रविन्द्र जड़ेजा अक्षर पटेल वाशिंगटन सुंदर, मोहम्मद शमी,अर्शदीप सिंह हर्षित राणा बरुण चक्रवर्ती और कुलदीप यादव को शामिल है।

जबकि यशस्वी जायसवाल ट्रेवलिंग रिजर्व में होंगे उनके साथ शिवम दुबे और मोहम्मद सिराज को भी रिजर्व प्लेयर में रखा गया है।

चैंपियन ट्रॉफी प्रोग्राम —

चैंपियन ट्रॉफी में भारत को ग्रुप A में रखा गए है उसके साथ ग्रुप में बंगला देश ,पाकिस्तान और न्यूजीलैंड शामिल है भारत का पहला मैच 20 फरवरी को बंगला देश के साथ है दूसरा मैच 23 फरवरी को पाकिस्तान के साथ और तीसरा और ग्रुप का अंतिम मैच न्यूजीलैंड के साथ 2 मार्च को है। उसके बाद इस ग्रुप का सेमी फायनल 4 मार्च को और को 9 मार्च फायनल होगा। भारत के सभी मैच दुबई में होगे। (जबकि B ग्रुप का सेमी फायनल 5 मार्च को खेला जायेगा।)

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