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दुर्ग में बच्चा चोरी की शक में तीन साधुओं की निर्ममता से पिटाई, पुलिस वाले ने बचाई जान

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दुर्ग / छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के दुर्ग इलाके में आज तीन साधुओं की जान पर बन आई बच्चा चोरी की शंका के चलते उन्हें भीड़ ने घेर लिया और उनकी बुरी तरह से बर्बरता से पिटाई लगाना शुरू कर दिया और लहूलुहान कर दिया। इस बीच वहां पहुंचे एक पुलिस कर्मी ने बमुश्किल इन साधुओं को गुसायें लोगों की गिरफ्त से बाहर निकाला और खैचकर एक ऑटो में बिठाला और थाने पहुंचाया इस दौरान खींचतान में पुलिस वाले के कपड़े भी फट गए यदि यह पुलिस कर्मी साहस नहीं दिखाता तो तीनों साधुओं की जान बचाना मुश्किल थी।

दुर्ग में इन दिनों बच्चा चोरी की अफवाह जोरो पर है आज तीन साधु शहर के बाजार में एक बच्चे से रास्ता पूछ रहे थे इस बीच वहां से आसपास भीड़ जुट आई और बच्चा चोरी के शक में बिना कुछ सोचे समझे भीड़ ने साधुओं को पकड़ लिया और उनकी बर्बरता से तीनों की पिटाई लगाना शुरू कर दिया और यह मारपीट खोफनाक रूप में कब बदल गई यह समझ नही आया क्योंकि लाठी डंडों से पिटाई के बाद तीनों साधू लहूलुहान हो गए। इस बीच पास स्थित पुलिस थाने का एक पुलिस कर्मी वहां आ पहुंचा और वह भीड़ के बीच घुसा और पिटते साधुओं को बचाने के लिए उन्हें खेंचकर बाहर निकालने लगा लेकिन भीड़ में मोजूद लोगों ने पुलिस कर्मी को रोकने के साथ साधुओं को पकड़ने की कोशिश जारी रखी लेकिन पुलिस वाले ने उनसे भिड़ते हुए साधुओं को किसी तरह बचाते हुए बाहर निकाला और एक वाहन में बिठालकर थाने रवाना किया जबकि कुछ लोग साधुओं को वाहन से बाहर खींचने की कोशिश करते रहे। बताया जाता है यह तीनों साधू राजस्थान के अलवर के रहने वाले थे और इनके नाम राजवीर सिंह, श्याम सिंह और अमनसिंह हैं।

पुलिस की भूमिका भी काफी लापरवाह पूर्ण रही दुर्ग पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव कहते नजर आए कि पहले मामले की जांच पुलिस करेगी उसके बाद कार्यवाही होगी लेकिन जब साधुओं की सरेआम पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ इसके बाद पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया एसपी का यह भी कहना है कि इन साधुओं की गतिविधियां संदिग्ध पाई गई है जबकि इनके पास कोई आईडी प्रूफ भी नही है हमने राजस्थान पुलिस से भी जानकारी मांगी है।लेकिन आश्चर्यजनक पहलू है वायरल वीडियो में साफ तौर पर आरोपी साधुओं के साथ काफी लोग मारपीट करते दिख रहे है लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने अज्ञात लोगो के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जो उसकी कार्यविधि पर सवाल उठाता है। इधर इस घटना को लेकर बघेल सरकार बीजेपी के निशाने पर है इस मामले में प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रव्रत साहू ने कहा है कि पुलिस की जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आयेंगे सख्त से सख्त कार्यवाही की जायेगी और किसी को बख्शा नहीं जायेगा।

इस तरह दुर्ग पुलिस ने साधुओं की रिपोर्ट पर भी मामला दर्ज कर लिया है और उन साधुओं का इलाज कराने के बाद उन्हें महाराष्ट्र भी रवाना कर दिया।

साधुओं की निर्ममता से पिटाई का यह पहला मामला नहीं है देश के कई हिस्सों में साधुओं की पीट पीट कर हत्या के मामले भी सामने आए है महाराष्ट्र के पालघर में 16 अप्रैल 2020 को रात के वक्त रास्ता भूल गए तीन साधुओं ने जब रास्ता पूछा तो उन्हे बच्चा चोर समझकर ग्रामीणों ने बुरी तरह लाठी डंडों से मारा वहीं पुलिस ने भी मौके पंहुचने और साधुओं को पकड़ने के बाद साधुओं को उग्र भीड़ को फिर सौप दिया और पिटते पिटते साधुओं की सांसे उखड़ गई और तीनों की मौत हो गई थी। इसी तरह महाराष्ट्र ही के सांगली में 13 सितंबर 2022 को दो साधुओं को बच्चा चोर समझकर लोगों ने बुरी तरह पीटा, जबकि धमतरी के गातापार में 5 साधुओं को बच्चा चोर समझ कर बर्बरता से मारा गया था यूपी के कोशांभी में 10 सितंबर 2022 को साधुओं की मारपीट इसी बच्चे चुराने की आशंका के दौरान भीड़ ने की उत्तर प्रदेश के औरैया में 13 सितंबर 2022 को बच्चा चोरी के शक में तीन साधुओं को लोगों की भीड़ ने बिना कुछ सोचे समझे बुरी तरह पीटा, बिहार पटना के धारकुआ में सितंबर माह में एक साधु की भीड़ ने इसी आशंका के मद्देनजर मारपीट की जबकि मध्यप्रदेश के धार में पिछले साल 2021 में 2 साधुओं को बच्चा चोर की आशंका के कारण जनता ने बुरी तरह पीटा था।

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