सूरत/ चार साल पुराने मानहानि के एक मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुजरात राज्य की सूरत की अदालत ने दो साल की सजा सुनाई है डिफेमेशन का मामला होने से अदालत ने उनकी सजा सस्पेंड करते हुए उन्हें जमानत दे दी है और हाईकोर्ट में जाने के लिए एक महीने का समय दिया है। इस दौरान राहुल गांधी से जब कोर्ट ने उनका जवाब मांगा तो उन्होंने कहा किसी समुदाय विशेष की भावना को ठेस पंहुचाने का मेरा कोई इरादा नहीं था करेप्शन के खिलाफ मैं आवाज उठाता रहा हूं और भ्रष्टाचार की लड़ाई के दौरान उन्होंने जो कहा उनका ऐसा कोई इंटेंशन नहीं था।
कर्नाटक में 2019 में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि नीरव मोदी ललित मोदी नरेंद्र मोदी सारे चोरों के सरनेम मोदी कैसे होते है इस विवादित बयान को लेकर गुजरात के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने सूरत के कोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसपर एक महीने पहले हाईकोर्ट ने स्टे हटा दिया था आज हुई सुनवाई में सूरत की अदालत ने इसपर अपना फैसला देते हुए राहुल गांधी को दोषी माना और 2 साल की सजा सुनाई और 15 हजार का फाइन भी लगाया साथ ही लेकिन मानहानि (डिफेमेशन) का केस होने से अदालत ने उनकी सजा एक माह तक सस्पेंड करते हुए उन्हें जमानत दी और हाई कोर्ट में अपील करने के लिए एक माह का समय भी दिया। अब उन्हें जेल नही जाना पड़ेगा।
सूरत कोर्ट के वकील जिग्नेश हिंगू ने बाहर मीडिया को बताया कि अदालत में दोनों पक्षों में जिरह हुई बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि राहुल गांधी ने जो ही कहा उससे किसी को हार्म नही हुआ इसलिए उन्हे कम से कम सजा दी जाए या पेनल्टी लगाई जाएं, जबकि प्रोशीक्यूशन के वकील ने दलील दी कि राहुल गांधी लोकसभा के सदस्य है जहां कानून बनाए जाते है यदि एक सांसद ही कानून तोड़ेगा तो फिर समाज में इसका क्या असर होगा इसलिए उन्हे मेंगजीमम सजा दी जाए साथ ही अपील करता को कंपनशेषन भी दिया जाएं।
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील राकेश कुमार सिन्हा के मुताबिक डिफेमेशन (मानहानि) के मामले में धारा 499, एवं 500 के तहत कार्यवाही होती है खास बात है इन धाराओं में सिविल और क्रिमिनल दोनों प्रावधान है। लेकिन जो व्यक्ति याचिका दाखिल करता है वह पूरे समाज को रिप्रेजेंट करने वाला होना चाहिए उसे यह साबित करना होता है कि पूरी मोदी कम्युनिटी का वह अकेला प्रतिनिधित्व करता है भारत में क्रमिनल डिफेमेशन हमेशा विवादों में रहा है जबकि अन्य देशों में इसे केवल सिविल अफेंस माना जाता हैं।
इस फैसले के बाद केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजीजू ने कहा है कि कांग्रेस नेता आदतन है वह कुछ ना कुछ ऐसा कहते रहते है जिससे किसी की भी भावना आहत हो जाती हैं
जबकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमें मालूम था कि इस मामले में इसी तरह का फैसला आयेगा उन्होंने सबाल उठाते हुए कहा कि सूरत कोर्ट में बार बार जज को बदला गया ऐसा क्यों हुआ?
लेकिन जिस आप पार्टी और कांग्रेस में छत्तीस का आंकड़ा है उसका राहुल गांधी के समर्थन में आना आगे विपक्षी एकता को बल देता है। आप के संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर अपने बयान में कहा कि बीजेपी गैर बीजेपी नेताओं और पार्टियों को खत्म करने की साजिश कर रही है हमारे कांग्रेस के साथ मतभेद है लेकिन बीजेपी राहुल गांधी को बेवजह फंसा रही है और अदालत के फैसले से हम असहमत है।
अदालत के फैसले के बाद राहुल गांधी का एक ट्वीट भी सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा “मेरा धर्म सत्य और अहिंसा है सत्य मेरा भगवान है और अहिंसा उसे पाने का साधन”
लेकिन मानहानि केस में राहुल गांधी को दो साल की सजा के फैसले के बाद सियासत तेज हो गई है वहीं सबाल भी उठ रहे है कि इससे कांग्रेस और राहुल गांधी को राजनेतिक रूप से नफा होगा या नुकसान और जो बीजेपी अडानी के मुद्दे पर बेक फुट पर है और लंदन के बयान को लेकर वह उनसे माफी मांगने की बात कर रही है और संसद नही चलने दे रही उसको इसका क्या फायदा मिलेगा ? या फिर राहुल गांधी का कद और उनकी स्वीकार्यता और बड़ जायेगी।