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मानहानि केस में सजा के खिलाफ राहुल गांधी की याचिका ख़ारिज, जज ने कहा डिसमिस, अब हाइकोर्ट जायेंगे

Act

सूरत/ गुजरात की सूरत सेशन कोर्ट ने मानहानि केस में राहुल गांधी को मिली दो साल की सजा के विरुद्ध दायर याचिका को खारिज कर दिया है जज ने एक शब्द कहा डिसामिस,कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी। बताया जाता है कि अब राहुल गांधी हाईकोर्ट जाएंगे।

इस मामले पर सूरत की सेशन कोर्ट में 3 अप्रैल को सुनवाई हुई थी। तब राहुल को उनकी याचिका पर फैसले तक जमानत दी गई थी। इसके बाद 13 अप्रैल को सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज जज आरपी मोगेरा कोर्ट रूम में आए और याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा डिसमिस यानी उन्होंने राहुल गांधी की याचिका को खारिज करते हुए निचली अदालत का फैसला बरकरार रखा है।

जैसा कि सूरत की निचली अदालत ने 4 साल पुराने इस मानहानि के केस में 2 साल की सजा सुनाई थी उसके बाद उनकी संसद की सदस्यता समाप्त हों गई और उनकी सजा बहाल होने पर उनपर 8 साल तक चुनाव नही लड़ने का प्रतिबंध भी लग गया था कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस निर्णय के खिलाफ सूरत के सेशंस कोर्ट में याचिका लगाई थी उसे आज खारिज कर दिया गया है बताया जाता है शुक्रवार को राहुल गांधी हाईकोर्ट जायेंगे।

इधर बीजेपी ने सेशस कोर्ट के फैसले को सही बताया है पार्टी प्रवक्ता संविद पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी ने आपत्तिजनक बयान देने के साथ ओबीसी वर्ग को गाली देने का काम किया था जिससे ओबीसी जाति वर्ग का अपमान हुआ आज इस फैसले से ओबीसी वर्ग खुश है।

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मानहानि केस में राहुल गांधी को जमानत, फैसला होने तक सजा सस्पेंड

Rahul Gandhi at PC

सूरत/ अपराधिक मानहानि के केस में सूरत के सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को जमानत दे दी है जबकि उनकी सजा को अगली सुनवाई 13 अप्रैल तक के लिए निलंबित कर दिया है।

सूरत के सेशन कोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को 15 हजार के मुचलके पर अंतरिम ज़मानत दे दी है सज़ा पर रोक संबंधी याचिका पर सुनवाई की तारीख़ 13 अप्रैल तय की गई है अतरिक्त सत्र न्यायाधीश आरपी मोगरा ने प्रतिवादी पूर्णेश मोदी को अपना पक्ष 10 अप्रैल तक दाखिल करने के आदेश जारी किए है। अदालत ने यह भी कहा कि 13 अप्रैल की सुनवाई में राहुल गांधी को व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहे यह जरूरी नहीं है।

जैसा कि राहुल गांधी की तरफ से उनके वकील ने एक मुख्य याचिका और दो आवेदन लगाए थे मुख्य याचिका में उन्होंने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी जिसमें अदालत ने अगली सुनवाई 13 अप्रेल को निर्धारित की है जबकि आवेदनों में सजा पर रोक (स्टे) की अर्जी को कोर्ट ने स्वीकार करते हुए अंतरिम जमानत दे दी साथ ही कोर्ट ने कहा यह जमानत इस अर्जी पर फैसला आने तक जारी रहेगी। दूसरे आवेदन में इसके कविंक्शन (दोषसिद्धि) पर स्थगन की मांग की गई थी उस पर कोर्ट ने कहा दूसरे पक्ष को सुने बिना कोई आदेश पारित नहीं किया जा सकता इस मामले में कोर्ट ने शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी को नोटिस जारी करते हुए 10 अप्रैल को उनका जवाब मांगा है उसके तीन दिन बाद 13 अप्रेल को इस दूसरे आवेदन पर सुनवाई होगी।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2019 के एक मानहानि केस में दोषी ठहराए जाने और दो साल की क़ैद की सज़ा के ख़िलाफ़ याचिका दायर की थी. यह मानहानि केस मोदी सरनेम से जुड़ा था जिसमें सूरत की निचली अदालत ने उन्हें धारा 499 एवं 500 के तहत दोषी माना था।

और उन्हे 23 मार्च को मानहानि के केस में अधिकतम 2 साल की सजा सुनाई थी साथ ही एक माह तक के लिए उनकी सजा स्थगित रखने का फैसला सुनाया था और उन्हें इसके खिलाफ हायर कोर्ट में याचिका दायर करने का मौका दिया था। जबकि उसके अगले ही दिन 24 मार्च को उनके लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी इस सजा के फैसले के बाद राहुल गांधी नियमानुसार 8 साल तक लोकसभा चुनाव के लिए अयोग्य हो जाते।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को अपनी सज़ा और दोषी ठहराए जाने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ याचिका दायर करने अपनी बहन और कांग्रेस के महासचिव प्रियंका गांधी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सहित समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ सूरत पहुँचे थे। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जगह जगह बैनर पोस्टर भी लगाए थे।

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मानहानि केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 2 साल की सजा, एक माह का मिला समय हाईकोर्ट में कर सकते है अपील

Rahul Gandhi

सूरत/ चार साल पुराने मानहानि के एक मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुजरात राज्य की सूरत की अदालत ने दो साल की सजा सुनाई है डिफेमेशन का मामला होने से अदालत ने उनकी सजा सस्पेंड करते हुए उन्हें जमानत दे दी है और हाईकोर्ट में जाने के लिए एक महीने का समय दिया है। इस दौरान राहुल गांधी से जब कोर्ट ने उनका जवाब मांगा तो उन्होंने कहा किसी समुदाय विशेष की भावना को ठेस पंहुचाने का मेरा कोई इरादा नहीं था करेप्शन के खिलाफ मैं आवाज उठाता रहा हूं और भ्रष्टाचार की लड़ाई के दौरान उन्होंने जो कहा उनका ऐसा कोई इंटेंशन नहीं था।

कर्नाटक में 2019 में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि नीरव मोदी ललित मोदी नरेंद्र मोदी सारे चोरों के सरनेम मोदी कैसे होते है इस विवादित बयान को लेकर गुजरात के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने सूरत के कोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसपर एक महीने पहले हाईकोर्ट ने स्टे हटा दिया था आज हुई सुनवाई में सूरत की अदालत ने इसपर अपना फैसला देते हुए राहुल गांधी को दोषी माना और 2 साल की सजा सुनाई और 15 हजार का फाइन भी लगाया साथ ही लेकिन मानहानि (डिफेमेशन) का केस होने से अदालत ने उनकी सजा एक माह तक सस्पेंड करते हुए उन्हें जमानत दी और हाई कोर्ट में अपील करने के लिए एक माह का समय भी दिया। अब उन्हें जेल नही जाना पड़ेगा।

सूरत कोर्ट के वकील जिग्नेश हिंगू ने बाहर मीडिया को बताया कि अदालत में दोनों पक्षों में जिरह हुई बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि राहुल गांधी ने जो ही कहा उससे किसी को हार्म नही हुआ इसलिए उन्हे कम से कम सजा दी जाए या पेनल्टी लगाई जाएं, जबकि प्रोशीक्यूशन के वकील ने दलील दी कि राहुल गांधी लोकसभा के सदस्य है जहां कानून बनाए जाते है यदि एक सांसद ही कानून तोड़ेगा तो फिर समाज में इसका क्या असर होगा इसलिए उन्हे मेंगजीमम सजा दी जाए साथ ही अपील करता को कंपनशेषन भी दिया जाएं।

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील राकेश कुमार सिन्हा के मुताबिक डिफेमेशन (मानहानि) के मामले में धारा 499, एवं 500 के तहत कार्यवाही होती है खास बात है इन धाराओं में सिविल और क्रिमिनल दोनों प्रावधान है। लेकिन जो व्यक्ति याचिका दाखिल करता है वह पूरे समाज को रिप्रेजेंट करने वाला होना चाहिए उसे यह साबित करना होता है कि पूरी मोदी कम्युनिटी का वह अकेला प्रतिनिधित्व करता है भारत में क्रमिनल डिफेमेशन हमेशा विवादों में रहा है जबकि अन्य देशों में इसे केवल सिविल अफेंस माना जाता हैं।

इस फैसले के बाद केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजीजू ने कहा है कि कांग्रेस नेता आदतन है वह कुछ ना कुछ ऐसा कहते रहते है जिससे किसी की भी भावना आहत हो जाती हैं

जबकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमें मालूम था कि इस मामले में इसी तरह का फैसला आयेगा उन्होंने सबाल उठाते हुए कहा कि सूरत कोर्ट में बार बार जज को बदला गया ऐसा क्यों हुआ?

लेकिन जिस आप पार्टी और कांग्रेस में छत्तीस का आंकड़ा है उसका राहुल गांधी के समर्थन में आना आगे विपक्षी एकता को बल देता है। आप के संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर अपने बयान में कहा कि बीजेपी गैर बीजेपी नेताओं और पार्टियों को खत्म करने की साजिश कर रही है हमारे कांग्रेस के साथ मतभेद है लेकिन बीजेपी राहुल गांधी को बेवजह फंसा रही है और अदालत के फैसले से हम असहमत है।

अदालत के फैसले के बाद राहुल गांधी का एक ट्वीट भी सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा “मेरा धर्म सत्य और अहिंसा है सत्य मेरा भगवान है और अहिंसा उसे पाने का साधन”

लेकिन मानहानि केस में राहुल गांधी को दो साल की सजा के फैसले के बाद सियासत तेज हो गई है वहीं सबाल भी उठ रहे है कि इससे कांग्रेस और राहुल गांधी को राजनेतिक रूप से नफा होगा या नुकसान और जो बीजेपी अडानी के मुद्दे पर बेक फुट पर है और लंदन के बयान को लेकर वह उनसे माफी मांगने की बात कर रही है और संसद नही चलने दे रही उसको इसका क्या फायदा मिलेगा ? या फिर राहुल गांधी का कद और उनकी स्वीकार्यता और बड़ जायेगी।

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म.प्र के जबलपुर में 500 नकली रेमडीसिविर इंजेक्शन मरीजों को लगाये, एक गिरफ्तार अस्पताल संचालन फरार, सूरत में बने थे यह नकली इंजेक्शन

Jabalpur Police

जबलपुर – कोरोना महामारी के दौरान लोग अपनों को बचाने के लिये जहाँ सबकुछ दांव पर लगा रहे है वही लोग इस आपदा में अवसर देखकर काली कमाई के लिये लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने से भी नही चूक रहे। मध्यप्रदेश के जबलपुर में ऐसा ही मामला सामने आया जहां एक अस्पताल संचालक ने भारी कीमत बसूल करके 500 नकली रेमडीसिविर इंजेक्शन कोरोना संक्रमित मरीजों को लगा दिये । जिससे कई कोरोना मरीजों की मौत होने की संभावना जताई जा रही है। अभी अन्य दो अस्पताल जहां भी यह नकली इंजेक्शन मरीजों को दिए गए होंगे उनका पता पुलिस लगा रही हैं। फिलहाल पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है वही फरार अस्पताल संचालक सबरजीत सिंह मोखा की पुलिस तलाश कर रही हैं।

गुजरात के सूरत में बने करीब 500 रेमडीसिविर के नकली इंजेक्शन मध्यप्रदेश के शहर जबलपुर में खपाए गए है और जिसमें शहर के जाने-माने सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा की संलिप्तता सामने आई है। विगत दिनों गुजरात पुलिस द्वारा नकली रेमडेसीवीर मामले में गिरफ्तार किए गए सपन जैन नाम के शख्स ने पूछताछ में सरबजीत सिंह मोखा का नाम कबूला था जिसके बाद पुलिस ने 48 घंटे के भीतर नकली इंजेक्शन की इस चैन का भंडाफोड़ किया है।

शहर के जाने-माने उद्योगपति और सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा ने 500 नकली इंजेक्शन इंदौर से सपन जैन के मार्फत मंगवाये थे जिन्हें अस्पताल में भर्ती मरीजों को महंगी कीमतों में लगवा दिया गया और उनकी जान से बड़ा खिलवाड़ किया गया। देर रात जबलपुर की ओमती थाना पुलिस ने इस मामले में एफआईआर पंजीबद्ध की है जिसमें धारा 274,275,308,420  IPC समेत  डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट  की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है । लेकिन अस्पताल संचालन मोखा फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। पुलिस उसकी खोजबीन में जुटी हैं।

पुलिस के अनुसार अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा ने सपन जैन के साथ मिलकर बड़ी संख्या में यह नकली इंजेक्शन मरीजों को दिए हैं जो ना केवल उनकी जान से खिलवाड़ है बल्कि कई मरीजों को अपनी जान तक खोनी पड़ी है। पुलिस ने इस मामले में सिटी हॉस्पिटल में कार्यरत मैनेजर देवेश चौरसिया पर भी एफआईआर दर्ज की हैं।

गौरतलब है कि गुजरात के सूरत में नकली इंजेक्शन की एक फैक्ट्री पर पिछले दिनों पुलिस ने रेड मारी थी आरोपियों से पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली थी कि करीब एक लाख फर्जी रेमडेसिविर इंजेक्शन देशभर के अलग-अलग राज्यों में बेचे गए हैं। जिसमें कई हजार इंजेक्शन मध्यप्रदेश भी भेजे गये है इसी कड़ी में गुजरात पुलिस 7 मई को जबलपुर पहुंची थी जिसमें वह आधारताल निवासी दवा व्यवसाई सपन जैन को गिरफ्तार कर ले गई थी। इसके बाद जबलपुर पुलिस भी हरकत पर आई थी और लगातार दो दिनों से ताबड़तोड़ छापे मार कार्यवाही कर रही थी ।सपन जैन की तीन दवा दुकानों को पहले ही सील कर दिया गया था जबकि पूछताछ में दो बड़े अस्पतालों के नाम भी सामने आए थे जिसमें आज सिटी अस्पताल के संचालक का नाम उजागर हो गया है । पुलिस का दांवा है जल्द वह अन्य दो अस्पतालों का भी पता लगा लेगी जहाँ अन्य रेमडीसिविर इंजेक्शन खपाये गये है

पुलिस की प्राथमिक जांच में ही यह बात सामने आई है की 500 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन जबलपुर लाये गए थे जो ना जाने कितने मरीजों को लग चुके होंगे और नकली इंजेक्शन से कितने मरीजों की मौत हुई है यह जांच का विषय है देखना होगा कि इस मामले में पुलिस क्या नए खुलासे करती है फिलहाल मामले में सिटी अस्पताल के मैनेजर देवेश चौरसिया गिरफ्तार किए जा चुके हैं वहीं अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा की तलाश में पुलिस टीम रवाना कर दी गई है।

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गुजरात के सूरत में डंफर से कुचलकर 15 लोगों की मौत, 6 घायल, पीएम ने शोक व्यक्त किया

Road Accident
  • गुजरात के सूरत में डंफर से कुचलकर 15 लोगों की मौत, 6 घायल, पीएम ने शोक व्यक्त किया

सूरत – गुजरात के सूरत में एक बड़ा सड़क हादसा हुआ है जिसमें एक अनियंत्रित डंपर की चपेट में आकर एक बच्चे सहित 15 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई जबकि 6 लोग घायल हुए है जिनको अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं। जिनकी हालत गंभीर बताई जाती हैं।

सूरत में यह हादसा बीती रात पिपलोक गांव के पास हुआ जब तेज गति से आ रहा एक डंपर पहले गन्ने से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली से टकराया और संतुलन बिगड़ने पर वह सड़क के किनारे फुटपाथ पर चढ़ गया यह करीब दो दर्जन से अधिक मजदूर परिवार और उनके परिजन सो रहे थे यह डंफर तेज गति के साथ फुटपाथ चढ़ गया और वहां सौ रहे लोगों को कुचल दिया जिसमें 14 लोगों की घटना स्थल पर और एक की अस्पताल में मौत हो गई इसके अलावा 6 लोग अभी भी इलाज के लिये अस्पताल में भर्ती कराये गये है जिनमें कुछ की स्थिति नाजुक बताई जाती हैं।

बताया जाता है यह मजदूर परिवार राजस्थान के बांसबाड़ा जिले के कुशलगढ़ के रहने वाले थे जबकि मरने वालों में एक ही परिवार के 5 लोग भगवतपुरा गांव के निवासी थे। इनकी मौत के बाद कुशलगढ़ और भगवतपुरा गांव में मातम पसर गया हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए शोक संतृप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की है साथ ही पीड़ित परिवारों को प्रधानमंत्री राहत कोष से 2 -2 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी की हैं। जबकि गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शोक संवेदना प्रकट करते हुए पीड़ित परिवारों 2 -2 लाख का मुआवजा देने का ऐलान किया है। इधर राजस्थान।के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वे इस घटना से काफी दुखी है और मृतकों को अपनी शोक संवेदनाएं देता हूं साथ ही घायलों।के शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना ईश्वर से करता हूं।

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सूरत के तक्षशिला कॉम्पलेक्स में भीषण अग्निकांड, कोचिंग सेंटर के एक टीचर सहित 15 से ज्यादा लोगों की मौत 

Surat coaching centre fire
  • सूरत के तक्षशिला कॉम्पलेक्स में भीषण अग्निकांड,

  • कोचिंग सेंटर के एक टीचर सहित 15 से ज्यादा लोगों की मौत

सूरत / गुजरात प्रदेश के सूरत शहर स्थित तक्षशिला कॉम्पलेक्स में अचानक आग लग गई यहां ऊपरी माले में चल रही कोचिंग क्लास में आग फैलने से 15 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है जिसमें एक टीचर भी शामिल हैं। बताया जाता हैं इस तक्षशिला कॉम्पलेक्स के दूसरे फ्लोर पर बच्चे पढ़ रहे थे। आग लगने के बाद बच्चों ने जान बचाने के लिए चौथी मंजिल से छलांग लगा दी मरने वालों में ट्यूशन पढ़ने आये 14 बच्चों सहित एक टीचर शामिल हैं।
बताया जाता है सूरत के इस तक्षशिला काम्प्लेक्स के ऊपरी हिस्से में यह कोचिंग सेंटर चलता था जब आग लगी तो वहां कुल 40 बच्चे ट्यूशन सेंटर में मौजूद थे। आग लगने के बाद अफरा तफरी फैल गई और इस दौरान दहशत के चलते बचने के लिये कुछ छात्र छात्राएं ऊपर से नीचे भी कूद गये इस घटना में एक शिक्षक सहित 15 लोगों की मौत होने की खबर है बाद में पहुचे फॉयर ब्रिगेड के फायर कर्मियों ने आग बुझाने के प्रयास शुरू कर दिये है इमारत में फंसे बच्चों को अस्पताल ले जाया गया है। फायर ब्रिगेड की पंद्रह गाड़ियां लगातार आग बुझाने की कोशिश कर रही हैं। और बचाव दल भी मौके पर आ गये है अभी आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
जानकारी के अनुसार आग तक्षशिला कॉम्पलेक्स के आगे वाले हिस्से पर लगनी शुरू हुई और आग लगने के बाद कॉम्पलेक्स में भगदड़  मच गई। दूसरे फ्लोर पर मौजूद बच्चों ने आग से बचने के लिए ऊपर से नीचे छलांग लगा दी। बताया जा रहा है कि आग में फंसे कई बच्चों के शव अभी भी कॉम्पलेक्स में हैं।
इधर इस घटना से शहर में मातम फैल गया है बच्चों बीके परिजनों को खबर मिलने पर आसपास काफी भीड़ हो गई है लोग अपने बच्चों कीं खोजखबर ले रहे हैं।स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी घटना स्थलनपर आना शुरू हो गये है।
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