गांधीनगर – गुजरात में आज मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मंत्रिमंडल ने शपथ ली जिसमें 10 केबीनेट और 14 राज्यमंत्रियो को राज्यपाल आचार्य देवदत्त ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलवाई जिसमें दो महिलाएं भी मंत्री बनी। खास बात रही कि देश में गुजरात एक मात्र ऐसा राज्य बना जिसमें मुख्यमंत्री सहित पूरा का पूरा मंत्रिमंडल ही बदल दिया गया हैं खास बात यह भी रही इस नये मंत्रिमंडल में जातिगत समीकरण साधने के साथ युवा और शिक्षित विधायकों का समावेश भी देखा जा रहा हैं।
तीन दिन पहले विजय रूपाणी को हटाकर राजेन्द्र पटेल को गुजरात का नया मुख्यमंत्री बनाया गया था और आज उनके नये और 24 सदस्यों वाले मंत्रिमंडल ने शपथ ली जिसमें 10 विधायकों को केबीनेट मंत्री बनाया गया उसमें राजेन्द्र त्रिवेदी, जीतू भाई बाधानी, ऋषिकेश पटेल,पूर्णेश कुमार मोदी, राघवजी भाई पटेल, किरीट सिंह राणा, नरेश पटेल, प्रदीप सिंह परमार, अर्जुन सिंह चव्हाण कनुभाई देसाई के नाम शामिल है जबकि 14 विधायकों को राज्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई, जिसमें मनीषा वकील, जीतू भाई चोधरी,ब्रजेश मेरजा, हर्ष संघवी, जगदीश पांचाल, मुकेश पटेल, निमिषा सुतार, अरविंद रेयाणी, कुवेर डिंडोर, कीर्ति सिंह झाला, राघव सी. मकवाना, विनु (विनोद) भाई मोरणीया, देवाभाई मालम, और गजेंद्र सिंह परमार को राज्यमंत्री बनाया गया हैं।
गुजरात के विधानसभा अध्यक्ष रहे राजेन्द्र त्रिवेदी से इस्तीफा दिलाकर उन्हें एक घंटे बाद ही केबीनेट मंत्री बना दिया गया बताया जाता है पटेल मंत्रिमंडल में उनका स्थान नंबर 2 का होगा। वही उनकी जगह नीमा आचार्य को गुजरात विधानसभा का नया अध्यक्ष बना दिया गया।
बताया जाता है भूपेंद्र पटेल के नए मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह बुद्धवार को होना था लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री रूपाणी और डिप्टी सीएम नितिन पटेल नये मंत्रिमंडल में शामिल नामों को लेकर कुछ नाराज थे यह देखकर इसकीं जिम्मेदारी बीजेपी हाईकमान ने विजय रूपाणी को ही सौप दी थी। खास बात यह भी रही कि नये मंत्रिमंडल में वरिष्ठ नेता और डिप्टी सीएम रहे नितिन पटेल को भी जगह नही मिली।
खास बात है इस नये मंत्रिमंडल में रूपाणी सरकार के 22 में से किसी भी मंत्री को फिर से मंत्री नही बनाया गया है सारे के सारे 24 चेहरे नये है और 1952 के बाद यह पहला मौका है जब किसी राज्य का मुख्यमंत्री सहित पूरा का पूरा मंत्रिमंडल टॉप से बॉटम तक बदल दिया गया हो। साथ ही 2 महिलाएं मनीषा वकील और निमिषा सुतार को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया वही कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होकर पुनः विधायक बनने वाले तीन लोगों को भी मंत्री बनाया गया है। खास बात है जातिगत समीकरण साधने के साथ करीब 70 फीसदी युवा विधायकों को मंत्रिमंडल में मौका दिया गया हैं। इस तरह बीजेपी ने नये चेहरों के साथ अगले विधानसभा चुनावों की बिसात अभी से बिछा दी लगती हैं।