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मानहानि केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 2 साल की सजा, एक माह का मिला समय हाईकोर्ट में कर सकते है अपील

Rahul Gandhi

सूरत/ चार साल पुराने मानहानि के एक मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुजरात राज्य की सूरत की अदालत ने दो साल की सजा सुनाई है डिफेमेशन का मामला होने से अदालत ने उनकी सजा सस्पेंड करते हुए उन्हें जमानत दे दी है और हाईकोर्ट में जाने के लिए एक महीने का समय दिया है। इस दौरान राहुल गांधी से जब कोर्ट ने उनका जवाब मांगा तो उन्होंने कहा किसी समुदाय विशेष की भावना को ठेस पंहुचाने का मेरा कोई इरादा नहीं था करेप्शन के खिलाफ मैं आवाज उठाता रहा हूं और भ्रष्टाचार की लड़ाई के दौरान उन्होंने जो कहा उनका ऐसा कोई इंटेंशन नहीं था।

कर्नाटक में 2019 में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि नीरव मोदी ललित मोदी नरेंद्र मोदी सारे चोरों के सरनेम मोदी कैसे होते है इस विवादित बयान को लेकर गुजरात के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने सूरत के कोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसपर एक महीने पहले हाईकोर्ट ने स्टे हटा दिया था आज हुई सुनवाई में सूरत की अदालत ने इसपर अपना फैसला देते हुए राहुल गांधी को दोषी माना और 2 साल की सजा सुनाई और 15 हजार का फाइन भी लगाया साथ ही लेकिन मानहानि (डिफेमेशन) का केस होने से अदालत ने उनकी सजा एक माह तक सस्पेंड करते हुए उन्हें जमानत दी और हाई कोर्ट में अपील करने के लिए एक माह का समय भी दिया। अब उन्हें जेल नही जाना पड़ेगा।

सूरत कोर्ट के वकील जिग्नेश हिंगू ने बाहर मीडिया को बताया कि अदालत में दोनों पक्षों में जिरह हुई बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि राहुल गांधी ने जो ही कहा उससे किसी को हार्म नही हुआ इसलिए उन्हे कम से कम सजा दी जाए या पेनल्टी लगाई जाएं, जबकि प्रोशीक्यूशन के वकील ने दलील दी कि राहुल गांधी लोकसभा के सदस्य है जहां कानून बनाए जाते है यदि एक सांसद ही कानून तोड़ेगा तो फिर समाज में इसका क्या असर होगा इसलिए उन्हे मेंगजीमम सजा दी जाए साथ ही अपील करता को कंपनशेषन भी दिया जाएं।

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील राकेश कुमार सिन्हा के मुताबिक डिफेमेशन (मानहानि) के मामले में धारा 499, एवं 500 के तहत कार्यवाही होती है खास बात है इन धाराओं में सिविल और क्रिमिनल दोनों प्रावधान है। लेकिन जो व्यक्ति याचिका दाखिल करता है वह पूरे समाज को रिप्रेजेंट करने वाला होना चाहिए उसे यह साबित करना होता है कि पूरी मोदी कम्युनिटी का वह अकेला प्रतिनिधित्व करता है भारत में क्रमिनल डिफेमेशन हमेशा विवादों में रहा है जबकि अन्य देशों में इसे केवल सिविल अफेंस माना जाता हैं।

इस फैसले के बाद केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजीजू ने कहा है कि कांग्रेस नेता आदतन है वह कुछ ना कुछ ऐसा कहते रहते है जिससे किसी की भी भावना आहत हो जाती हैं

जबकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमें मालूम था कि इस मामले में इसी तरह का फैसला आयेगा उन्होंने सबाल उठाते हुए कहा कि सूरत कोर्ट में बार बार जज को बदला गया ऐसा क्यों हुआ?

लेकिन जिस आप पार्टी और कांग्रेस में छत्तीस का आंकड़ा है उसका राहुल गांधी के समर्थन में आना आगे विपक्षी एकता को बल देता है। आप के संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर अपने बयान में कहा कि बीजेपी गैर बीजेपी नेताओं और पार्टियों को खत्म करने की साजिश कर रही है हमारे कांग्रेस के साथ मतभेद है लेकिन बीजेपी राहुल गांधी को बेवजह फंसा रही है और अदालत के फैसले से हम असहमत है।

अदालत के फैसले के बाद राहुल गांधी का एक ट्वीट भी सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा “मेरा धर्म सत्य और अहिंसा है सत्य मेरा भगवान है और अहिंसा उसे पाने का साधन”

लेकिन मानहानि केस में राहुल गांधी को दो साल की सजा के फैसले के बाद सियासत तेज हो गई है वहीं सबाल भी उठ रहे है कि इससे कांग्रेस और राहुल गांधी को राजनेतिक रूप से नफा होगा या नुकसान और जो बीजेपी अडानी के मुद्दे पर बेक फुट पर है और लंदन के बयान को लेकर वह उनसे माफी मांगने की बात कर रही है और संसद नही चलने दे रही उसको इसका क्या फायदा मिलेगा ? या फिर राहुल गांधी का कद और उनकी स्वीकार्यता और बड़ जायेगी।

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अहमदाबादगुजरात

4 वा टेस्ट मैच ड्रा, भारत ने 2 -1 से सीरीज जीती, भारत और आस्ट्रेलिया के दो दो बल्लेबाजों के शतक

Test Team INDIA

अहमदाबाद / भारत और आस्ट्रेलिया के बीच अंतिम और चौथा टेस्ट मैच में जीत हार का फैसला नहीं हो पाया और मैच ड्रा हो गया लेकिन भारत ने 4 मैचों की इस सीरीज पर 2 1 से कब्जा जमाया है खास बात रही कि आस्ट्रेलिया और भारत के दो दो बल्लेबाजों ने इस मैच में शतक जमाया।

आस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली इनिंग में 480 रन का स्कोर किया था जिसमें उनके ओपनर बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा ने 180 और ग्रीन ने 114 रन बनाएं थे। भारत के रवि अश्विन ने 6 और मोहम्मद शमी ने ऑस्ट्रेलिया के 2 बल्लेबाजों के विकेट लिए।

जबाव में भारत ने पहली पारी में 9 विकेट पर 591 का स्कोर किया ,उसके एक बल्लेबाज श्रेयश अय्यर पीठ में खिंचाव के कारण बल्लेबाजी करने नही उतरे भारत की पारी में ओपनर शुभमन गिल ने 128 रन (12 चौके 1 छक्का) की पारी खेली जबकि विराट कोहली ने तीन साल बाद शतक जमाया उन्होंने 186 रन (15 चौके) बनाएं उसके अलावा चेतेश्वर पुजारा ने 42 भारत ने 44 और अक्षर पटेल ने 3 छक्कों के साथ 79 रन की पारी खेली। आस्ट्रेलिया के मर्फी और लॉयन ने तीन तीन विकेट लिए।

आस्ट्रेलिया ने मैच के पांचवे और अंतिम दिन बिना विकेट खोए 3 रन से आगे दूसरी पारी शुरू की और आज के खेल के शुरूआत में मैथ्यू कुहामेनन का विकेट रवि अश्विन ने लिया और 14 रन पर आष्ट्रेलिया ने पहला विकेट खोया जबकि आस्ट्रेलिया ने 2 विकेट पर 175 रन बनाए। जिसमें मैथ्यू हेड नर्वस नाइटी का शिकार हुए और अक्षर ने उन्हें 90 रन पर बोल्ड कर दिया जबकि लबुशेन 63 रन और स्टीव स्मिथ 10 पर नाबाद रहे। दोनों कप्तानों की सहमति से एक घंटे पहले गेम खत्म कर दिया गया भारत के बॉलर रवि चंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल ने आस्ट्रेलिया का एक एक विकेट लिया।

भारत ने 2004 के बाद लगातार छठी बार बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम की और भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने इंटरनेशनल क्रिकेट में 17 हजार रन पूरे किए जबकि अक्षर पटेल ने आज एक विकेट लेने के साथ 50 विकेट और 500 रन का डबल पूरा किया।

इस सीरीज में रन और विकेट पर नजर डाली जाए तो आस्ट्रेलिया के उस्मान ख्वाजा ने 4 मैच में सबसे अधिक 333 रन बनाए जबकि भारत के विराट कोहली ने 4 मैचों में 297 और अक्षर पटेल ने 4 मैचों में 264 रन बनाएं। जबकि रविचंद्रन अश्विन ने 4 मैचों में 2.59 रन के औसत से सबसे अधिक 25 विकेट लिए जबकि रविंद्र जडेजा ने 2.57 रन osat से 22 विकेट लिए है जबकि आस्ट्रेलिया के नाथन लॉयन ने 4 मैचों में 2.59 के रन औसत से 22 विकेट लिए है।

भारत के बल्लेबाज विराट कोहली ने तीन साल बाद टेस्ट शतक जड़ा उससे पहले उन्होंने 23 नवंबर 2019 में सैकड़ा जड़ा था विराट कोहली का इंटरनेशनल क्रिकेट में यह 75 वा शतक था जबकि 183 टेस्ट इनिंग में उन्होंने 28 टेस्ट शतक लगाए है साथ ही भारत में उन्होंने अभी तक 14 टेस्ट शतक लगाए है सचिन तेंदुलकर 22, सुनील गावस्कर 16 राहुल द्रविन के 15 शतक के बाद अब विराट 14 टेस्ट शतकों के साथ चौथे पायदान पर आ गए हैं। खास बात है सीरीज जीतने के बाद अब 7 जून को लंदन में भारत ऑस्ट्रेलिया के बीच WTC मैच होगा।

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गुजरात

गुजरात के नवसारी में बस और कार की भिड़ंत 9 की मौत 29 घायल, बस ड्राइवर को हार्ट अटैक आने से हुआ हादसा

Gujarat Accident

नवसारी / गुजरात के नवसारी के नेशनल हाईवे 48 पर अनियंत्रित बस ने एक कार में टक्कर मारदी जिससे 9 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई जबकि 29 लोग घायल हो गए है बताया जाता है बस चालक को अचानक आए हार्ड अटैक से यह सड़क हादसा हुआ है।

नवसारी के राष्ट्रीय राजमार्ग 48 पर आज सुबह करीब साढ़े तीन बजे यह सड़क दुर्घटना हुई बताया जाता है सुबह तड़के एक फॉर्नुचर कार बलसाड़ से सूरत की ओर जा रही थी जब यह पहुंची तभी विपरीत दिशा से तेज गति से आ रही एक बस अचानक सही दिशा से रोग साइड दौड़ती हुई आ गई और उसने इस फॉर्न्यूचर कार में तेज टक्कर मारी जिससे कार बुरी तरह चकनाचूर हो गई कार में 8 लोग सवार थे उन सभी की घटना स्थल पर ही दुखद मौत हो गई इस भीषण टक्कर में बस का अगला हिस्सा भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया इस दुर्घटना में बस के एक यात्री की भी मौत हो गई जबकि 29 लोग घायल हो गए जिसमें 11 की हालत नाजुक बताई जाती है घायलों को स्थानीय सिविल हॉस्पिटल और एक निजी अस्पताल।में भर्ती कराया गया है।

मालूम पड़ा है कि बस ड्राइवर को अचानक दिल का दौरा पड़ गया जिससे उसका बस से नियंत्रण हट गया और बस रोंग साईड चली गई और यह बड़ा हादसा हो गया। खबर मिलने पर स्थानीय पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और उसने सभी घायलों को अस्पताल भेजने के साथ मृतकों को पोस्टमार्टम के लिए रवाना किया।

इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने गहरा दुख व्यक्त किया है मृतकों के परिजनों को ढाढस बंधाते हुए घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।

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अहमदाबादगुजरात

पीएम मोदी की मां हीराबेन बीमार अस्पताल में भर्ती, हालत स्थिर, प्रधानमंत्री मोदी देखने पहुंचे

Hiraben PM modi mother

अहमदाबाद/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माताजी हीराबेन की अचानक तबियत खराब होने के बाद उन्हें अहमदाबाद के यूएन मेहता अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनकी हालत स्थिर बताई जाती है खास बात है उनकी उम्र 99 साल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हे देखने दिल्ली से अहमदाबाद रवाना हुए और अहमदाबाद पंहुचने पर वह विमान तल से सीधे अस्पताल पहुंचे और अपनी मां को देखा उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली।

प्रधानमंत्री की मां हीराबेन का जन्म 18 जून को हुआ था और वह 99 साल कंपलीट कर उम्र के 100 वे पड़ाव में पहुंच गई है फिलहाल उन्हें क्या तकलीफ है इसकी जानकारी नहीं मिली है मालूम हुआ है इलाज के दौरान उनकी हालत स्थिर है और वह डॉक्टरों की निगरानी में हैं। इस दौरान परिजन सहित गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और स्वास्थ्य मंत्री अस्पताल पहुंच गए है।

प्रधानमंत्री मोदी और उनकी मां का रिश्ता बेहद भावनात्मक है हाल में उनके जन्म दिवस पर प्रधानमंत्री ने अपने ब्लॉग में जिक्र किया था कि कैसे उनकी मां ने भारी कठिनाइयों के बीच उनका और अन्य भाई बहनों का लालन पालन किया उन्हें अच्छे संस्कार दिए और अपनी मां को वह अपने जीवन में एक स्तंभ के रूप में मानते है पीएम ने मां के साथ पिता दामोदर दास मोदी को भी याद किया जो पूरे 100 वर्ष पूरे कर उन्हें छोड़ गए थे उन्होंने माता पिता दोनों के उनके जीवन में योगदान का जिक्र भी अपने ब्लॉग में किया था।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है और लिखा है कि मां बेटे का प्यार अनंत – अनमोल होता है आपकी मां जल्द स्वस्थ्य हो इस कठिनाई के दौर में मैं आपके साथ हूं।

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अहमदाबादगुजरात

भूपेंद्र पटेल दूसरी बार बने गुजरात के मुख्यमंत्री ली शपथ पीएम मोदी सहित अनेक बीजेपी नेता रहे मौजूद

Bhupendra Patel

अहमदाबाद / गुजरात में प्रचंड जीत के साथ बीजेपी फिर से सत्ता में आई है आज भूपेंद्र पटेल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई उनके अलावा 16 विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृह मंत्री अमित शाह बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित अनेक वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री विशेष रूप से मोजूद रहे। खास बात देखी गई प्रधानमंत्री मोदी ने मंच पर आकर सबसे पहले गुजरात की जनता के सामने नतमस्तक होते हुए उनका अभिवादन किया।

जैसा कि भूपेंद्र पटेल ने दूसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की है पार्टी ने उनको चुनाव से पूर्व ही अगले मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट कर दिया था। शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय मंत्री अमित शाह राजनाथ सिंह स्मृति ईरानी, मप्र के मुख्यमंती शिवराज सिंह चौहान ,यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आसाम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्वासरमा प्रमुखता से मोजूद थे।

62 वर्षीय भूपेंद्र पटेल 18 वे मुख्यमंत्री बने है शपथ ग्रहण के साथ 16 अन्य विधायकों को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई जिसमें 8 केबिनेट 2 स्वतंत्र प्रभार और 6 राज्यमंत्री बनाए गए जिन्हें मुख्यमंत्री ने उनके विभाग का बंटवारा भी कर दिया हैं।

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गुजरात में बीजेपी तो हिमाचल में कांग्रेस की सरकार, 15 साल बाद एमसीडी पर आप का कब्जा, किसने क्या खोया क्या पाया

AAP BJP and Congress

शिमला, अहमदाबाद, दिल्ली/ दो प्रदेशों में विधानसभा और एक जगह स्थानीय निकाय के चुनाव हाल में हुए है गुजरात में बीजेपी ने भारी बहुमत से रिकार्ड जीत दर्ज की तो हिमाचल प्रदेश में उससे सत्ता छिन गई और यहां कांग्रेस ने अपना परचम लहराया जबकि आम आदमी पार्टी ने दोनों राज्यों में जीत के दांवे किए लेकिन उसे से सफलता नहीं मिली लेकिन उसे राष्ट्रीय पार्टी का तमंगा जरूर हासिल हो गया साथ ही आप ने नई दिल्ली के स्थानीय निकाय (एमसीडी) के चुनाव में उसने बीजेपी के 15 साल के आधिपत्य को खत्म कर वहां चुनाव जीता और एमसीडी पर कब्जा जमाया। चुनाव के नतीजो से साफ है कि बीजेपी कांग्रेस और आप को एक एक जगह सफलता मिली और कांग्रेस ने पाया तो बीजेपी ने खोया भी।

गुजरात का चुनाव और बीजेपी ने रचा इतिहास …

गुजरात में कुल 182 सीटों पर चुनाव हुए जिसमें बीजेपी को अपार सफलता मिली उसने 156 सीट जीतकर रिकार्ड बनाया इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के रहते माधवसिंह सोलंकी के नेतृत्व कांग्रेस ने 149 सीट जीती थी। कांग्रेस को यहां भारी असफलता हाथ लगी 2017 में जिस कांग्रेस को 77 सीट मिली इस बार वह सिर्फ 17 सीट जीत सकी और 6 दशकों में कांग्रेस सीटों के मामले में सबसे निचले स्तर पर आ गई साथ ही उसका वोटबैंक जो 2017 में 43 फीसदी था उतर कर इस चुनाव में 27.28 फीसदी पर आ गया और आप को 12.92 प्रतिशत वोट के साथ 5 सीट से संतुष्ट होना पड़ा जबकि उसका दांवा 92 सीट जीतने का था। खास बात है जो बीजेपी 2017 में 99 सीट पर सिमट गई थी उसने 52.50 फीसदी वोट के साथ 57 सीटों का इजाफा किया यह आंकड़ा चौंकाने वाला हैं।

चूकि यह पीएम नरेंद्र मोदी का गृहराज्य है इसलिए यह चुनाव उनकी प्रतिष्ठा का चुनाव भी था यहीं बजह यहां बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी साथ ही पार्टी ने इस बार के चुनाव में कई नएं फार्मूले भी तय किए जो सभी को रास नहीं आए। पीएम मोदी ने अधिकांश समय गुजरात में बिताया और दो दर्जन से अधिक रोड शो और रेलियां की इसके अलावा अमित शाह सहित कई केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री यहां चुनाव प्रचार में लगे रहे इसके मुकाबले कांग्रेस का कोई बड़ा चेहरा यहां नही आया चुनाव प्रभारी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरा जोर लगाया कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अंतिम समय में कुछ सभाएं की ,भारत जोड़ों यात्रा में बिजी राहुल गांधी के दो रैली के अलावा कांग्रेस ने एक तरह से बीजेपी को वाक ओवर सा दे दिया। जबकि आप और अरविंद केजरीवाल ने यहां कई रोड शो और सभाएं की और बीजेपी को हटाकर सत्ता पर काबिज होने का दांवा भी किया लेकिन वह 5 सीटों पर सिमट गई और ओवेसी की AIMIM खाता भी नहीं खोल पाई।

गुजरात में कांग्रेस का बुरा हाल हुआ उसके 44 प्रत्याशी जमानत भी नहीं बचा पाएं और उसके करीब 37 लाख मतदाता कांग्रेस की निष्क्रियता से आप के पाले में चले गए। साथ ही 27 आदिवासी सीटों में से कांग्रेस सिर्फ 3 सीट ही जीत पाई सौराष्ट्र में भी वह 3 सीट पर सफल हो सकी इससे स्पष्ट हुआ कि आप ने बीजेपी की बजाय कांग्रेस के वोट बैंक में सैंध लगाकर उसको भारी नुकसान पहुंचाया। आप के 37 कैंडीडेट दूसरे नंबर पर रहे 22 फीसदी सीटों पर उसने अपनी छाप जरूर छोड़ी लेकिन उसके 128 प्रत्याशी अपनी जमानत नही बचा पाएं। जहां तक बीजेपी का सबाल है तो उसके बागी दबंग नेता मधु श्रीवास्तव सहित अन्य सभी बागी चुनाव हारे तो मोरबी जहां पुल टूटने से 134 लोगों की मौत हुई वहां भी बीजेपी प्रत्याशी कांतिलाल अमृतिया ने जीत हासिल की जिन्होंने हादसे के समय नदी में से लोगों को निकाला था। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने घाटलोडिया सीट से 1.92 लाख वोटो से बड़ी जीत हासिल की चोरपासी सीट पर बीजेपी ने 2 लाख मतों से कब्जा जमाया साथ ही उसने 8 सीटें डेढ़ लाख से अधिक मतों से जीती।आप का सीएम कैंडिडेट इशूदान गड़वी प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया और अल्पेश कथारिया चुनाव हार गये। गुजरात में सरकार के खिलाफ भारी एंटी इनकांबेंसी होने के बाबजूद मुद्दों की बजाय, विकास और पीएम मोदी और गुजरात के अपमान के निरेटीव पर बीजेपी ने भारी जीत हासिल कर इतिहास रच दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में रिकार्ड जीत की भविष्यवाणी की थी जो सही साबित हुई गुजरात में मिली जीत के बाद पीएम मोदी ने कहा गुजरात आपका धन्यवाद लोगों ने विकास की राजनीति को अपना आशीर्वाद दिया मैं जनशक्ति के आगे अपना सिर झुकाता हूं।

हिमाचल में जनता का रिवाज कायम, कांग्रेस को मिली सत्ता बीजेपी बाहर …

गुजरात में अपार सफलता पाने वाली बीजेपी ने हिमाचल में अपनी सत्ता खो दी यदि कहे यहां की जनता ने अपना रिवाज कायम रखा तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी क्योंकि यहां के वोटर किसी भी पार्टी की सरकार की जिमेदारियों के प्रति असफलता को सहन नही करते और मौका मिलते ही तख्ता पलटने में माहिर हैं। हिमाचल की कुल 68 सीटों में से कांग्रेस को 40 सीटें (+19) मिली और उसने स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया हैं जबकि बीजेपी को 25 सीट (-19) मिली और अन्य के खाते में 3 सीटें आई है जबकि आप हिमाचल में साफ हो गई उसका खाता भी नहीं खुला। खास बात रही कांग्रेस ने 43.9 फीसदी वोट के साथ 19 सीटें अधिक जीती जबकि बीजेपी ने 42.9 वोट शेयर के साथ 19 सीटें पिछले 2017 के चुनाव तुलना ने गंवा दी सिर्फ एक प्रतिशत मतांतर ने बीजेपी को बाहर और कांग्रेस को सत्ता पर काबिज कर दिया।

हिमाचल में बीजेपी की जयराम ठाकुर सरकार के 10 में से 8 मंत्री चुनाव हार गए यह सिलसिला भी पुराना है हर चुनाव में सत्तासीन पार्टी के मंत्री चुनाव हारते आएं है 2003 में बीजेपी के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल सरकार के 11 में से 6 मंत्री चुनाव हारे जबकि 2007 में कांग्रेस के वीरभद्र सिंह सरकार के 10 में 6 मंत्री और 2012 में बीजेपी के प्रेम कुमार धूमल सरकार के 10 में से 4 और 2017 में वीरभद्र सिंह सरकार के 11 में से 5 मंत्री चुनाव में पराजित हुए थे। जबकि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के जिले की 5 सीटें भी बीजेपी हार गई।

बीजेपी ने हिमाचल के सत्ता पर पुनः काबिज होने के लिए पूरा जोर लगाया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने यहां रोड शो और सभाएं की तो राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जो हिमाचल से ही आते है गली गली वार्ड वार्ड पैदल घूमे। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी खूब मेहनत की लेकिन प्रियंका गांधी वाड्रा की आम जनता के साथ कनेक्टिविटी ने बीजेपी के सारे सपनों पर पानी फेर दिया। उनका लोगों के बीच बोलने का लहजा और सादगी हिमाचल वासियों में स्व इंदिरा गांधी की छवि देख रही थी लोग सालोन में पहली सभा के साथ प्रियंका से जुड़ाव सा महसूस करने लगे। इसके अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सचिन पायलट और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सभाओं ने लोगों को बांधने के साथ एक नई आशा का संचार किया और उसमें कांग्रेस के मुद्दे और वायदों ने जीत का तड़का लगा दिया जिसमें पुरानी पेंशन बहाली कर्मचारी समस्या युवाओं को रोजगार के अवसर और फल उद्धोग व्यवसाय को बढ़ावा और उचित मूल्य उपलब्ध कराने का कांग्रेस का वादा लोगों को खूब रास आया। वही प्रभारी राजीव शुक्ला की चुनावी बिसात में फंसकर बीजेपी को करारी हार झेलना पड़ी।

हिमाचल में जीत के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इसे हिमाचल की जनता के मुद्दो की जीत बताते हुए मिले जनादेश पर हिमाचल वासियों को धन्यवाद दिया हैं।

15 साल बाद बीजेपी को हटाकर एमसीडी पर आप का कब्जा …

दिल्ली म्यूनिस्पिल कार्पोरेशन पर आम आदमी पार्टी ने कब्जा जमा लिया है हाल के चुनाव में उसने बीजेपी को सत्ता से हटाकर यहां बहुमत हासिल किया कुल 250 सीटों में से आप को 134 वार्ड में सफलता मिली तो बीजेपी ने 104 वार्डों में जीत हासिल की जबकि कांग्रेस का एक तरह से पत्ता साफ हो गया है वह केवल 9 वार्डों में अपना पार्षद बना पाई वहीं 3 वार्डो ने निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत हासिल की । दिल्ली स्थानीय निकाय का यह चुनाव आप और बीजेपी की प्रतिष्ठा का चुनाव था आप की दिल्ली में सत्ता है तो बीजेपी पिछले 15 सालों से म्यूनिस्पल कार्पोरेशन का चुनाव जीतती आ रही थी MCD के पिछले चुनाव में बीजेपी ने 181 सीट हासिल कर अपना कब्जा जमाया था जबकि आप 48 वार्ड में जीत के साथ दूसरे नंबर पर थी ।लेकिन इस बार बीजेपी को आप से हार खाना पड़ी।

इस बार का चुनावी मुद्दा दिल्ली में बड़ता प्रदूषण और कचरे के पहाड़ों के इर्द गिर्द सिमटा देखा गया। अरविंद केजरीवाल ने भी कचरे के इन पहाड़ों और उससे उत्पन्न प्रदूषण को मीडिया के माध्यम से खूब उछाला और बीजेपी को कटघरे में खड़ा किया। साथ ही कर्मचारियों को स्थाई नौकरी देने के आश्वासन के अलावा शिक्षा स्वास्थ्य पेयजल और बिजली की अपनी सफल योजनाओं को भी खूब भुनाया जिससे बीजेपी बेकफुट पर आ गई।

बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं केंद्रीय मंत्री और स्थानीय नेताओं ने चुनाव प्रचार के साथ काफी मशक्कत की वहीं आप के संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के साथ स्थानीय नेताओं ने पूरी तैयारी के साथ बीजेपी पर हमले किए जबकि कांग्रेस के किसी प्रमुख नेता ने इन चुनावों में कोई इंट्रेस्ट नहीं लिया।

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गुजरात

बीजेपी ऐक्शन मोड पर, 2023 के विधानसभा और 2024 लोकसभा चुनाव पर नजर

BJP

नई दिल्ली/ हिमाचल प्रदेश और गुजरात के चुनावों के बाद बीजेपी अब राज्यों में होने वाले 2023 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में लग गई है भाजपा कोर ग्रुप की बैठक में इन चुनावों की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक में मोजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीत का मंत्र देते हुए सीमावर्ती गांवो में पार्टी के पक्ष में अभियान चलाने के निर्देश भी दिए।

बीजेपी के पार्टी मुख्यालय पर सोमवार से शुरू हुई दो दिवसीय कोर ग्रुप की बैठक में आठ सत्र है सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में अगले साल होने वाले विधानसभा और आगामी लोकसभा चुनावों पर फोकस रहा। बीजेपी के उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने बताया कि पार्टी चाहती है कि निचले स्तर मजबूत किया जाएं और सभी कार्यकर्ताओं को बूथ लेबल पर सक्रिय किया जाएं बैठक में चुनावी अभियान को और अधिक कारगर और गतिशील बनाने के लिए राज्यों के नेतृत्व परिवर्तन पर भी बातचीत हुई इसके लिए नेतृत्व परिवर्तन को भी अहमियत दी गई जिससे संगठन में नई ऊर्जा फूंकी जा सके और नये अध्यक्ष जल्द से जल्द अपनी टीम बनाकर एक समझी सोची स्कीम के तहत जुट सके।

जैसा कि जनवरी 2024 में वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है उन्हें पुनः अध्यक्ष बनाने के लिए पार्टी के संविधान के अनुसार 50 फीसदी राज्यों में चुनाव प्रक्रिया पूरा होना आवश्यक है इसलिए इस साल के अंत तक कई राज्यों में बदलाव देखने को मिलेंगे।

जिन राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष बदलने की कवायद होना है उनमें झारखंड पश्चिम बंगाल ओड़ीसा दिल्ली उत्तराखंड राजस्थान मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश और गोवा प्रमुखता से शामिल हैं।

इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बैठक में कहा कि देश के सीमावर्ती गांवो में कार्यकर्ताओं को पहुंचकर विभिन्न तरह की गतिविधियां चलाना चाहिए उन्होंने बताया ऐसे 5 सैकड़ा गांव है जहां जाकर सफाई अभियान सेमीनार डिवेट फूड फेस्टिवल खेल प्रतियोगिता जैसे कार्यक्रमों का आयोजन करे। पीएम ने स्नेह मिलन सम्मेलन कार्यक्रम पर भी जोर दिया साथ ही कहा विभिन्न राज्यों के लोग एक दूसरे के राज्यों जाकर उनसे मिले जुले और एक समन्वय स्थापित करे।

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अहमदाबादगुजरात

गुजरात के दूसरे चरण में 58.6 फीसदी वोटिंग, शाम 5 बजे तक के आंकड़े, 93 सीटों पर हुआ मतदान, कम वोटिंग से बीजेपी को घाटा कांग्रेस को फायदा

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अहमदाबाद/ गुजरात के दूसरे चरण के चुनाव में आज शाम 5 बजे तक 58.6 फीसदी मतदान हुआ लेकिन फायनल आंकड़ों में कुछ बढ़त हो सकती है जैसा कि आज बकाया 93 सीटों पर वोटिंग हुई। खास बात है सबसे कम मतदान 53 फीसदी अहमदाबाद और सबसे अधिक मतदान 66 फीसदी साबरकांठा में दर्ज हुआ है।

दूसरे फेस के लिए आज सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हुई जो शाम 5 बजे तक जारी रही निर्धारित समय के दौरान जो लोग मतदान केंद्र पर लाइन में लगे थे उन्हे भी मतदान करने का अवसर दिया गया शाम 5 बजे तक 58.68 फीसदी मतदान हो चुका था फायनल आंकड़ों में वह बढ़ सकता है। इस तरह 788 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम मशीन में बंद हो गई अब 8 दिसंबर को मतगणना होगी और नतीजे सामने आयेंगे।

जैसा कि पहले चरण में मत प्रतिशत 63.31 प्रतिशत दर्ज हुआ था जो पिछले चुनाव से 5 फीसदी से भी अधिक कम रहा। लेकिन जब भी मतदान कम हुआ बीजेपी को नुकसान हुआ हैं और कांग्रेस फायदे में रही हैं।

यदि गुजरात के पिछले विधानसभा चुनावों और उनके मत प्रतिशत पर नजर डाली जाएं तो 1998 के चुनाव में 59.3 फीसदी मतदान हुआ था जो पिछले चुनाव से 5 फीसदी कम था इसमें बीजेपी को 4 सीट का घाटा हुआ और कांग्रेस को 8 सीटों का फायदा हुआ था, 2002 के चुनाव में 61.5 फीसदी वोट पड़े जो पिछले चुनाव से 2 फीसदी ज्यादा थे इसमें बीजेपी को 10 सीटों का फायदा और कांग्रेस को 2 सीटों का नुकसान हुआ, जबकि 2007 के चुनाव में 59.8 फीसदी वोटिंग हुई जो पिछले चुनाव से 2 फीसदी कम थी और बीजेपी को 10 सीटों का नुकसान और कांग्रेस को 8 सीटो का फायदा हुआ था 2012 के चुनाव में 72.5 फीसदी वोट पड़े जो पिछले चुनाव से 13 फीसदी ज्यादा थे इस बार बीजेपी को 2 सीट का नुकसान और कांग्रेस को 2 सीट का फायदा हुआ था वहीं 2017 के चुनाव में कुल 69.2 फीसदी वोटिंग हुई थी जो पिछले चुनाव से 3 फीसदी कम रही इस बार बीजेपी को 16 सीटों का नुकसान और कांग्रेस को उतनी ही यानि 16 सीटों का फायदा हुआ था।

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अहमदाबादगुजरात

गुजरात में दूसरे चरण में 93 सीटों पर मतदान कल, सभी पार्टियों ने झौकी पूरी ताकत, कांग्रेस का खेल, बीजेपी की हाई लेबल मीटिंग

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अहमदाबाद/ गुजरात विधानसभा के दूसरे चरण के चुनाव में 5 दिसंबर सोमवार को बकाया 93 सीटों पर मतदान होगा। जीत के दावे के साथ सभी राजनेतिक पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झौंक दी है चूकि यहां चुनाव जीतना बीजेपी की प्रतिष्ठा से जुड़ा है इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात में है और कल की तैयारियों को लेकर रविवार को उन्होंने हाईलेबल मीटिंग भी की। लेकिन इस चुनाव में बीजेपी का सिरदर्द 19 सीटें भी है जहां बीजेपी के बागी नेताओं ने ताल ठोक रखी हैं।

जैसा कि गुजरात में कुल 182 विधानसभा सीटें है पहले चरण में 89 सीटों पर मतदान हो चुका है और कल 5 दिसंबर को 14 जिलों की बाकी 93 सीटों पर चुनाव होगा। जो सभी उत्तर गुजरात और मध्य गुजरात इलाके की विधानसभा हैं। इनमें उत्तर में कांग्रेस मजबूत रही तो मध्य गुजरात बीजेपी का गढ़ माना जाता हैं।

यदि आंकड़ों पर नजर डाले तो 2017 में इनमें से 51 सीटें बीजेपी जीती थी जबकि 39 पर कांग्रेस विजई रही थी। लेकिन मत प्रतिशत कम होने से पार्टियों के समीकरण गड़बड़ाने की आशंका उत्पन्न हो गई है पहले चरण में 61.54 फीसदी मतदान हुआ था जो पिछले 2017 के चुनाव से करीब 5 फीसदी कम था। खास बात थी ग्रामीण क्षेत्र में मत प्रतिशत ज्यादा रहा जबकि शहरी अर्थात अरबन क्षेत्र में 51 फीसदी के आसपास वोटिंग हुई थी।

सवाल उठ रहे है कम वोटिंग से किस पार्टी को नफा हुआ तो किसका नुकसान हुआ, इन चुनावों में सरकार की एंटी प्रो-इनकंबेंसी है या प्रो इंस्कांबेंसी गुजरात में काम कर रही है।

जैसा कि गुजरात चुनाव के नतीजे 2024 की राह तय करेंगे इसलिए बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झौंक दी है नरेंद्र मोदी ने एक दर्जन से अधिक रैलियों के साथ अंतिम दौर में 54 किलोमीटर का सबसे लंबा रोड शो किया जो 16 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरा साथ ही अमित शाह सहित कई केंद्रीय मंत्री मुख्यमंत्रियों ने मोर्चा संभाला। लेकिन इन 93 सीटों में बीजेपी का सबसे बड़ा सिरदर्द वह 19 बागी नेता है जिन्हें चुनाव लड़ने की वजह से बीजेपी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया वह अब पूरी ताकत से मैदान में डटे है और ताल ठोक रहे है।

इसी के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद आज गुजरात में रहे और उन्होंने एक हाई लेबल मीटिंग भी ली जिसमें कल के चुनाव के लिए नई रणनीति बनाई गई जिसका खुलासा नहीं हो पाया है इस मीटिंग में अमित शाह और बीजेपी नेता सी आर पाटिल सहित कुछ प्रमुख नेता ही मोजूद थे। जबकि सी आर पाटिल ने कहा है कि यदि बीजेपी के बागी नेता चुनाव जीत भी जाते है तो भी उन्हें फिर से पार्टी में शामिल नहीं किया जाएगा।

इधर कांग्रेस ने गुजरात के चुनाव में अभी तक साइलेंट स्ट्रेटजी अपनाई हुई है उसका प्रचार कहा चल रहा है वह मतदाताओं पर कैसे पकड़ बना रही है इसकी जानकारी मालूम ही नहीं पड़ रही और कांग्रेस की सही स्थिति का आंकलन नहीं हो पाने से बीजेपी भी असमंजस में है प्रधानमंत्री पहले बोल भी चुके है कि कांग्रेस से सावधान रहने की जरूरत है लेकिन कांग्रेस ने एक नया खेल भी कर डाला, उसने ऐलान किया कि यदि गुजरात में कांग्रेस की सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री ओबीसी यानि पिछड़े वर्ग का होगा साथ ही तीन डिप्टी सीएम बनाएं जाएंगे जो दलित आदिवासी और एक अन्य (मुस्लिम) वर्ग से होगा। अंतिम समय में कांग्रेस की इस घोषणा से उसे कितना लाभ मिलता है अब यह नतीजों पर निर्भर है।

इधर एआईएमआईएम नेता ओवैसी की मीटिंग में ओवेसी वापस जाओ के नारे लगने से स्थिति और अधिक विचित्र हो गई है जबकि गुजरात के शाही इमाम ने नमाज के बाद ऐलान किया कि मुस्लिम वर्ग अपना वोट बेकार ना करे जिस अम्मीदवार के जीतने की संभावना हो वोट उसे ही दे। जबकि शहरी इलाके में आम आदमी पार्टी भी अपना प्रभाव छोड़ने में कामयाब रही है और कई सीटों पर वह बीजेपी को सीधी टक्कर दे रही हैं।

गुजरात में मुद्दों की जगह बीजेपी ने समान नागरिक कानून 2002 के दंगे, राममंदिर, गुजरात और नरेंद्र मोदी की अस्मिता पर चुनाव लड़ा तो राम रावण विलकिस बानो और मोरबी में गुजरात सरकार की लापरवाही से 135 लोगों की मौत का मुद्दा भी छाया रहा। मंहगाई है बेरोजगारी है गुजरात में बीजेपी सरकार के खिलाफ नाराजी है एंटी इनकम्बेंसी है लेकिन लोग यह भी कहते दिखे कुछ भी हो जीतेंगे मोदी ही यानि नरेंद्र मोदी के नाम पर मुहर लगेगी।

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गुजरात के पहले चरण में कम वोटिंग, 5 बजे तक 59.24 फीसदी मतदान, उदासीन क्यों रहा वोटर, किस पार्टी का बिगड़ेगा खेल ?

अहमदाबाद / गुजरात में आज पहले चरण के चुनाव में 59.24 फीसदी मतदान हुआ जो पिछले चुनाव से काफी कम रहा यह शाम 5 बजे के आंकड़े है अंतिम समय तक इनमें कुछ इजाफा भी हो सकता हैं। लेकिन कम वोटिंग से राजनेतिक पार्टियों के जीत हार के समीकरण जरूर गड़बड़ा सकते है सबाल यह भी है कि इस चुनाव में मतदाता उदासीन क्यों रहा ?

जैसा कि गुजरात विधानसभा के लिए दो चरणों में चुनाव होना है आज पहले फेस के चुनाव का मतदान हुआ शाम 5 बजे तक जो आंकड़े सामने आए है उसके मुताबिक सौराष्ट्र दक्षिण गुजरात और कच्छ के 19 जिलों की 89 सीटों पर 59.24 फीसदी मतदान हुआ है अंतिम गणना में यह कुछ बड़ भी सकता है।

लेकिन मतदान ने राजनेतिक पार्टियों की चिंताओं में जरूर इजाफा कर दिया है क्योंकि मत प्रतिशत में कमी पार्टियों की जीत हार के दांवे गड़बड़ा देती है यदि पिछले आंकड़े देखे जाएं तो 2012 के चुनाव में 71.46 प्रतिशत और 2017 के चुनाव में 67.3 प्रतिशत मतदान हुआ था। लेकिन इस 2022 के चुनाव में 59.24 मतदान हुआ यह आंकड़े शाम 5 बजे तक के है लेकिन मत प्रतिशत में इस कमी के कई कारण सामने आ रहे है लेकिन इससे यह संकेत जरूर मिलते है कि कही ना कही गुजरात का वोटर इस चुनाव के प्रति उदासीन रहा खासकर सौराष्ट्र में सबसे कम मतदान हुआ है सवाल यह भी है कि इस चुनाव में कोन सी पार्टी है जिसका वोटर वोट देने घर से ही नही निकला।

आज पहले चरण में कुल 89 सीटों पर मतदान हुआ और 788 प्रत्याशी मैदान में थे जिसमें 178 दागी और 100 प्रत्याशी गंभीर अपराधी हैं यदि प्रमुख सीटों पर मत प्रतिशत पर नजर डाली जाएं तो कच्छ में 54.91, राजकोट में 57.48 नवसारी में 65.91 मोरबी में 67.70 नर्मदा में 68.09 पोरबंदर में 53.54 अमरोही में 52.73 भावनगर में 51.81 डांग में शाम 5 बजे तक 64.84 प्रतिशत मतदान हुआ।

आज कच्छ सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात की 89 सीटें शामिल है और कच्छ और सौराष्ट्र ही अगली सरकार की तस्वीर तय करता रहा है यदि 2012 के नतीजे देखे तो इन 89 सीटों में से बीजेपी को 63 और कांग्रेस को 22 सीटें मिली थी लेकिन 2017 के चुनाव में बीजेपी को 48 और कांग्रेस को 40 सीटें मिली थी। यदि अलग अलग आंकड़ों को देखें तो पहले दौर में कच्छ और सौराष्ट्र की 54 सीटों पर वोटिंग हुई जिसमें 2012 में बीजेपी को 35 और कांग्रेस को 16 सीटें मिली थी जबकि 2017 के चुनाव में बीजेपी को 23 और कांग्रेस को 30 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जबकि दक्षिण गुजरात की 35 सीटों में से 2012 में बीजेपी को 28 और कांग्रेस को 6 जबकि 2017 में बीजेपी को 25 और कांग्रेस को 10 सीटें मिली थी। खास बात है 2017 के चुनाव में कच्छ और सौराष्ट्र में पाटीदार आरक्षण आंदोलन का खासा प्रभाव था जिसका फायदा कांग्रेस को मिला था और उस समय पाटीदार आंदोलन के मुखिया हार्दिक पटेल कांग्रेस के साथ थे जो आज बीजेपी में आ गए है और चुनाव लड़ रहे है।

आज कच्छ सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात की 89 सीटें शामिल है और कच्छ और सौराष्ट्र ही अगली सरकार की तस्वीर तय करता रहा है यदि 2012 के नतीजे देखे तो इन 89 सीटों में से बीजेपी को 63 और कांग्रेस को 22 सीटें मिली थी लेकिन 2017 के चुनाव में बीजेपी को 48 और कांग्रेस को 40 सीटें मिली थी।

लेकिन इस चुनाव में बीजेपी कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी भी मैदान में है जहां बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झौक दी और कांग्रेस जमीनी तौर पर अपने को मजबूत करती रही लेकिन आप पार्टी ने भी चुनाव के दौरान प्रचार में कोई कोर कसर नही छोड़ी, यही वजह है गुजरात में त्रिकोणीय संघर्ष होने के आसार नजर आ रहे है। लेकिन ऊट किस करवट बैठता है यह 8 दिसंबर को आने वाले चुनाव के नतीजे बताएंगे।

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