अहमदाबाद/ कांग्रेस का गुजरात के अहमदाबाद में 84 वा दो दिवसीय अधिवेशन हुआ, जिसमें बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी पर सरदार बल्लभ भाई पटेल के बारे में भ्रांतियां फैलाने का आरोप लगाया जबकि राहुल गांधी ने कहा जाति जनगणना से पता चलेगा कि देश में पिछड़े दलित अल्पसंख्यक और गरीब सामान्य वर्ग की कितनी भागीदारी है। साबरमती के तट पर हुए इस अधिवेशन में पार्टी ने संदेश दिया कि कांग्रेस का राष्ट्रवाद देश की सांझी विरासत में निहित है जबकि भाजपा और संघ का राष्ट्रवाद पूर्वाग्रह से ग्रस्त है।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा गुजरात हमें प्रेरणा और शांति देता है —
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने भाषण में कहा यह साल महात्मा गांधी जी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की शताब्दी है। यह शताब्दी समारोह हमने 26 दिसंबर को कर्नाटक में मनाया।उन्होंने कहा गुजरात की धरती पर पैदा हुई तीन महान हस्तियों ने कांग्रेस का नाम दुनिया भर में रोशन किया, दादा भाई नौरोजी, महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल- ये सभी हमारी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रहे। गांधी जी ने हमें अन्याय के खिलाफ सत्य और अहिंसा का हथियार दिया। आज कम्यूनल डिवीजन करके देश के बुनियादी मसलों से ध्यान भटकाया जा रहा है। दूसरी तरफ़ ओलिग्रिक मोनोपोली देश के संसाधनों पर क़ब्ज़ा करते हुए शासन को नियंत्रित करने की राह पर हैं।
उन्होंने कहा इसी साल 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की 150 वीं जयंती है। नेहरू जी उनको “भारत की एकता का संस्थापक” कहते थे। उनकी 150 वीं जयंती हम लोग देश भर में पूरे उल्लास से मनाएँगे। साथ ही गुजरात में उनके स्मारक बनाने की पहल भी हम करेंगे।
सरदार साहेब कांग्रेस के अध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में कराची कांग्रेस में मौलिक अधिकारों पर जो प्रस्ताव पारित हुए थे वह भारतीय संविधान की आत्मा है, सरदार पटेल संविधान सभा की महत्वपूर्ण एडवाइजरी कमेटी के अध्यक्ष थे। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा पिछले कई सालों से कई राष्ट्रीय नायकों को लेकर एक सोचा समझा षड्यंत्र चलाया जा रहा है। साथ ही 140 सालों से देश में सेवा और संघर्ष के गौरवशाली इतिहास वाली कांग्रेस पार्टी के खिलाफ वातावरण बनाया जा रहा है। ये काम वे लोग कर रहे है जिनके पास अपनी उपलब्धियां दिखाने को कुछ भी नहीं है। आजादी को लड़ाई में अपना योगदान बताने को कुछ भी नहीं है। वे सरदार पटेल और पंडित नेहरू के संबंधों को ऐसा दिखाने का षडयंत्र करते हैं जैसे दोनों नायक एक दूसरे के खिलाफ थे। जबकि सच्चाई ये है कि वो एक सिक्के के दो पहलू थे। तमाम घटनाएं और दस्तावेज इनके मधुर संबंधों की गवाह हैं।
नेहरू जी से सरदार कितना स्नेह करते थे आप इससे समझ सकते हैं। 14 अक्तूबर 1949 को सरदार पटेल ने नेहरू जी के अभिनंदन ग्रंथ में कहा था कि “पिछले दो कठिन सालों में नेहरू जी ने देश के लिए जो अथक परिश्रम किया है, वो मुझसे अधिक अच्छी तरह कोई नहीं जानता है। मैंने इस दौरान उनको भारी भरकम उत्तरदायित्व के भार के कारण बड़ी तेजी के साथ बूढे होते देखा है।” ये बातें पब्लिक रिकॉर्ड में दर्ज है। दोनों के बीच लगभग रोज़पत्र-व्यवहार होता था। नेहरू जी तमाम विषयों में उनकी सलाह लेते थे।
पटेल साहब के प्रति नेहरूजी के मन में अपार आदर था। उनको कुछ सलाह लेनी होती तो वे खुद पटेल जी के घर जाते थे।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा साथियों सरदार पटेल की विचारधारा RSS के विचारों के विपरीत थी। उन्होने तो RSS पर बैन लगा दिया था। लेकिन हँसी आती है कि आज उस संस्था के लोग सरदार पटेल की विरासत पर दावा करते हैं। बाबासाहेब डॉ० अम्बेडकर को संविधान सभा का सदस्य बनाने में गाँधी जी और सरदार पटेल की अहम भूमिका थी। डा० अम्बेडकर ने ख़ुद 25 नवंबर 1949 को संविधान सभा के अपने अंतिम भाषण में कहा था कि “कांग्रेस पार्टी के सहयोग के बिना संविधान नहीं बन सकता था।”
लेकिन जब संविधान बना तो RSS ने गाँधी जी, पंडित नेहरु, डॉ० अम्बेडकर और कांग्रेस की बहुत आलोचना की। रामलीला मैदान पर संविधान और इन नेताओं के पुतले जलाए। ये भी कहा कि संविधान में मनुवादी आदर्शों से प्रेरणा नहीं ली गई।
मोदी सरकार ने संसद परिसर में गांधी जी और बाबासाहेब की भव्य मूर्ति को उठा कर एक कोने में डाल कर उनका अपमान किया। गृहमंत्री ने राज्य सभा में ये कह कर बाबासाहेब का मजाक उड़ाया कि आप लोग अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर कहते हैं, अगर इतना नाम भगवान का लेते तो 7 जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।
कांग्रेस पार्टी संविधान और संविधान निर्माताओं दोनों का सम्मान करती है और उसकी रक्षा करना जानती है। सरदार पटेल साहेब हमारे दिलों में बसे हैं, विचारों में बसे हैं। हम उनकी विरासत को आगे बढा रहे हैं। सीडब्ल्यूसी की यह बैठक हमने अहमदाबाद में सरदार पटेल म्यूजियम में इसी सोच से रखी है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा आज बीजेपी और संघ परिवार के लोग गाँधी जी से जुड़े संस्थानो पर कब्जा कर उसे उन्ही के वैचारिक विरोधियों को सौंप रहे है। उन्होंने कहा ऐसी सोच के लोग गाँधी जी का चश्मा और लाठी तो चुरा सकते हैं। लेकिन उनके आदर्शों पर कभी नहीं चल सकते। गांधी जी की वैचारिक विरासत ही असली पूंजी है जो सिर्फ़ कांग्रेस पार्टी के पास है।
कांग्रेस को अपने 140 साल के इतिहास में जिन प्रांतों से सबसे अधिक शक्ति मिली उसमें गुजरात अव्वल है। आज हम फिर से यहां प्रेरणा औऱ शक्ति लेने आए हैं। हमारी असली शक्ति हमारी देश की एकता और अखंडता और सामाजिक न्याय की विचारधारा है। लेकिन आज उस विचारधारा को आगे बढाने के लिए जरूरी है कि हम सबसे पहले खुद को मज़बूत करें। अपने संगठन को मज़बूत करें। आखिर में मै अपनी बात सरदार पटेल जी के एक कोटेशन से ही समाप्त करूंगा। उन्होंने कहा था कि – “संगठन के बिना संख्या बल बेकार है। बिना संगठन के संख्या बल असली बल नही है। सूत के धागे अलग-अलग रहते हैं तो अलग बात होती है। पर जब वे बडी संख्या में एकत्र होते हैं तो कपड़े का स्वरूप धारण कर लेते हैं। तब उनकी मजबूती, सुंदरता और उपयोगिता अद्भुत हो जाती है।
उन्होंन कहा इस अधिवेशन में हम पार्टी के समक्ष चुनौतियोँ पर बातें करेंगे और भविष्य की राह भी निकालेंगे। जिला अध्यक्षों की नियुक्ति निष्पक्ष तरीके से होगी और उम्मीदवारों के चयन में भी उनकी भूमिका होगी। लेकिन जो नेता पार्टी के काम में हाथ बंटाना नहीं चाहते दी गई जिम्मेदारी निभाना नहीं चाहते उन्हें रिटायर होकर आराम करना चाहिए
क्या कहा राहुल गांधी ने —
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अधिवेशन में कहा भारत का संविधान ही हमारी विचारधारा है इसमें गांधी नेहरू पटेल की हर धर्म के संतो की विचारधारा शामिल है यह 70 साल पुरानी नही बल्कि आज की सोच है लेकिन आज इस पर चारों और से हमले हो रहे है संविधान में कहा लिखा है किसी एक संस्था को किसी एक व्यक्ति को पूरे देश के संसाधन दे दिए जाए पोर्ट हो या एयरपोर्ट हो खनिज हो अन्य सभी एक व्यक्ति को दे दिए जाए। आज देश की सभी यूनिवर्सिटी में आरएसएस के वॉयस चांसलर है ऐसा क्यों? दूसरी तरफ हमें अग्निवीर की सौगात दी गई जिसमें न पूरी नौकरी है न शहीद का दर्जा है न सम्मान है दूसरी तरफ कुछ खास लोगों को देश की पूरी संपत्ति और संसाधन सौंपे जा रहे है।
उन्होंने कहा देश को मालूम होना चाहिए कि देश में पिछड़े अति पिछड़े दलित अति दलित, माइनोरिटी गरीब जनरल कास्ट के जिनकी आबादी देश में 90 फीसदी है, यह लोग कितने है जातिगत जनगणना के लिए ही नहीं बल्कि पता लगना चाहिए कि किसकी देश ने कितनी भागीदारी है मैने पहले भी कहा था देश का एक्सरे करना चाहिए जो हमारे लोग मजदूरी करते है धूप में काम करते है दिन भर घर घर डिलेवरी देते है क्या देश उन्हें उतनी इज्जत और जगह देता है लेकिन मोदीजी और आरएसएस जाति जनगणना नहीं चाहते जाने क्यों छुपाना चाहते है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी 24 घंटे पिछड़े दलित आदिवासियों की बात करते है लेकिन जब उनकी भागीदारी की बात आती है तो बीजेपी के लोग चुप्पी साध जाते है मैने संसद में जाति जनगणना को लेकर सवाल पूछा था लेकिन नरेंद्र मोदी जी ने मना कर दिया हम नहीं कराएंगे आरएसएस और बीजेपी नहीं चाहती लेकिन जिसका जितना हक है हम उसे दिलाकर मानेंगे इसी संसद में बीजेपी के सामने हम जातिगत जनगणना कराकर मानेंगे और 50 फीसदी के आरक्षण की सीमा को तोड़कर भी दिखाएंगे। हमने तेलंगाना में ऐसा करके दिखाया वहां ओबीसी को 42 प्रतिशत आरक्षण दिया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीच भाषण में अचानक राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का नाम पुकारा और आरोप लगाया कि बीजेपी के लोग दलित को मंदिर में दर्शन करने से रोकते है और यदि कोई दलित मंदिर में दर्शन के लिए प्रवेश भी कर जाए तो बाद ने वह मंदिर को धुलवाते है जबकि हमारे संविधान ने सभी देशवासियों को बराबर का हक दिया है। उन्होंने बताया ऐसा ही हमारे राजस्थान के दलित नेता टीकाराम जूली के साथ हुआ। भाजपा और कांग्रेस में यही फर्क है हमारे दिल में सबके लिए मोहब्बत है उनके दिल में सिर्फ नफरत है।
सांसद राहुल गांधी ने बक्फ बिल पर बोलते हुए कहा कि इसे पास कर बीजेपी ने संविधान पर आक्रमण किया है यह उनका धार्मिक आजादी पर आक्रमण है उन्होंने आरएसएस की मैगजीन ऑर्गनाइजर का हवाला देते हुए कहा कि वह इसमें लिखते है कि अब उनकी नजर क्रिश्चियन कम्युनिटी की जमीनों पर है अब यह उनकी जमीनों पर आक्रमण करने जा रहे है उन्होंने कहा इसके बाद सिंख भाईयों के साथ एक एक कर सबका नंबर आएगा।
राहुल गांधी ने कहा कि हम पार्टी को मजबूत करने के लिए जल्द कुछ बदलाव करने जा रहे है हम चाहते है कि पार्टी के जो डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट है उन्हें जिम्मेदारी मिले जिससे निचले स्तर पर पार्टी का फाउंडेशन तैयार हो सके।