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कर्नाटक में भाजयुमो नेता की हत्या को लेकर बबाल, बीजेपी अध्यक्ष की कार घेरी पलटने की कोशिश, आरोपियों को पकड़ने 6 टीमें गठित, 15 हिरासत में

Murdered

बेल्लारे / कर्नाटक के दक्षिण जिले में गत रोज बीजेपी नेता प्रवीण नेट्टार की हत्या के बाद आज आरोपियों पर कार्यवाही की मांग को लेकर उग्र बीजेपी कार्यकर्ताओं की भीड़ ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सांसद नलिन कुमार कलील की कार को ही घेर लिया और उसे बुरी तरह झकझोर दिया जिससे उनकी और उनके साथ गाड़ी में बैठे लोगो की जान पर बन आई बमुश्किल पुलिस ने उनकी गाड़ी को बाहर निकाला इधर पुलिस प्रवीण के हत्यारों को पकड़ने के प्रयास कर रही है 6 टीमों के गठन के साथ फिलहाल 15 संदिग्ध लोगो को पुलिस ने हिरासत में लिया है। जबकि बीजेपी कार्यकर्ताओं की उग्रता के देखते हुए धारा 144 लगा दी गई है उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में बीजेपी की सरकार हैं। वही वीएचपी ने इस हत्याकांड की जांच एनआईए से कराने की मांग की है। वही कर्नाटक की बसवराज मोंबई सरकार के एक साल पूरा होने पर होने वाला समारोह कैंसिल कर दिया गया है

भाजयुमो के जिला सचिव प्रवीण नेट्टार की मंगलवार को कुल्हाड़ी मारकर निर्ममता से हत्या कर दी गई थी उसको लेकर बुद्धवार को कर्नाटक के दक्षिण जिले के बेल्लोर में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जोरदार हंगामा किया और काफी संख्या में कार्यकर्ता इकट्ठा थे इस दोराण जब कर्नाटक बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कलील बीजेपी नेता को श्रद्धांजलि देने बिल्लोर पहुंचे भारी भीड़ ने उन्हें घेर लिया और उनके वाहन के चारों ओर इकट्ठा होकर कार को पलटने लगे जिससे गाड़ी बुरी तरह हिलने लगी और नलिन कुमार वाहन में अंदर दुबक गए भीड़ के रूप में मोजूद कार्यकर्ता वी वांट जस्टिस के नारे लगा रहे थे। वहां मोजूद पुलिस ने हंगामा कर रही भीड़ को तितर बितर करने के लिए लाठी चार्ज किया और बमुश्किल बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भीड़ से बचाकर बाहर निकाला। वही पुलिस ने इन प्रदर्शनों को देखते हुए जिले में धारा 144 लगा दी हैं।

कर्नाटक पुलिस ने बीजेपी नेता की हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 6 टीमें बनाई है इसके अलावा पुलिस ने अभी तक 15 संदिग्ध लोगों को भी हिरासत में लिया जिनसे वह गहन पूछताछ कर रही हैं। जैसा कि मृतक बीजेपी नेता प्रवीण ने नुपुर शर्मा का समर्थन करने पर राजस्थान में मारे गए कन्हैयालाल के पक्ष में और उसके हत्यारों को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की थी पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही हैं।

इधर विश्व हिंदू परिषद ने इस हत्या के खिलाफ बंद बुलाया है साथ ही गृहमंत्री अमित शाह से इस हत्याकांड की जांच एनआईए से कराने की मांग की है जबकि इस हत्या के लिए दक्षिण के नेताओं ने पीएफआई और ODSI का जिम्मेदार बताया है।

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कर्नाटकबैंगलुरू

कुन्नूर हेलीकॉप्टर हादसे में घायल ग्रुप कैप्टन वरुण ने भी ली अंतिम सांस, पीएम ने दुख जताया

Group Captain Varun Martyr

बैंगलूरू – कुन्नूर में हेलीकॉप्टर क्रेश हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का आज बैंगलुरू के सैनिक अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। इस तरह इस दुर्घटना के सभी 14 लोग अब हमारे बीच नही रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया हैं।

तामिलनाडू के कुन्नूर में गत 8 दिसंबर को सेना का हेलीकॉप्टर MI -17 VS दुर्घटनाग्रस्त हुआ था और उसमें लगी भीषण आग में देश के प्रथम सीडीएस बिपिन रावत उनकी पत्नी सहित 13 सैन्य अधिकारी और जवान हेलीकॉप्टर के पायलट एवं क्रू मेंबर शहीद हो गये थे। जबकि ग्रुप केप्टम और शौर्य चक्र से सम्मानित ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की जान बच गई थी लेकिन शरीर बुरी तरह झुलसने से उनकी हालत भी काफी गंभीर थी।

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को उचित इलाज के लिये बैंगलुरू स्थित सेना के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था जहाँ उनकी हालत स्थिर बनी हुई थी लेकिन आज करीब एक सप्ताह तक जिंदगी और मौत के बीच बिताते हुए उन्होने भी अंतिम सांस ले ली। इस तरह इस हेलीकॉप्टर हादसे में अब सभी 14 सेना अधिकारी और वीर जवान हमारे बीच नही रहे और शहीद हो गए इस तरह से उन सभी का जाना देश के लिये एक बड़ा झटका कहा जा सकता हैं।

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कर्नाटकबैंगलुरू

बोम्बई बने कर्नाटक के मुख्यमंत्री ली शपथ, येदियुरप्पा के ख़ास और लिंगायत समाज से है बोम्बई

Basavaraj S Bommai

बैंगलुरू – बसबराज बोम्बई कर्नाटक के मुख्यमंत्री बन गये आज उन्हें राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई, खास बात रही कि बोम्बई पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के नजदीकी होने के साथ लिंगायत समाज से ताल्लुक रखते हैं।

जैसा कि पिछले दिनों कर्नाटक में चले राजनीतिक घटनाक्रम के बाद येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था उंसके बाद बीजेपी नेतृत्व ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और को पर्यवेक्षक बनाकर कर्नाटक भेजा था और मंगलवार को हुई विधायक दल की बैठक में बसवराज बोम्बई को नेता चुना गया था और इस तरह स्पष्ट हो गया था कि बोम्बई कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री होंगे।

लेकिन पिछले डेढ़ महिने से ज्यादा वक्त से येदियुरप्पा के खिलाफ कर्नाटक में असंतुष्टों ने मोर्चा खोल दिया था जिससे उनका हटना तय माना जा रहा था परंतु येदियुरप्पा भी काफी खेले खाये नेता थे और एक तरफ वे दिल्ली से लौटने के बाद लगातार पार्टी नेतृत्व का आदेश मानने की बात करते रहे वही अंदर ही अंदर अपना समीकरण भी बैठालते रहे और कामयाब भी रहे आखिर पार्टी में उनकी ही बात को तवज्जों मिली या कहे उनकी ही चली यह कहना गलत नही होगा यही बजह रही अंदर से शांत रहे येदियुरप्पा ने ना केवल अपने खासमखास नेता बरसवराज बोम्बई को मुख्यमंत्री बनवाया।

चूंकि पार्टी हाईकमान के यह निर्णय लेने की कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री लिंगायत समाज से होगा येदियुरप्पा ने बसबराज का नाम आगे बढ़ा दिया और मंगलवार को हुई बैठक में खुद उन्होंने बोम्बई के नाम का प्रस्ताव जिस पर औपचारिक मोहर भी लग गई बाद में पर्यवेक्षक धर्मेंद्र प्रधान ने बैठक से बाहर आने पर बोम्बई के नाम का ऐलान कर दिया। इस तरह येदियुरप्पा ने बोम्बई के लिंगायत समाज का होने से इस समाज को भी साध लिया और पार्टी हाईकमान को भी उनकी हर बात मानना पड़ी।

28 जनवरी 1960 में जन्में बसवराज बोम्बई के पिता एसआर बोम्बई भी पहले कर्नाटक राज्य के मुख्यमंत्री रहे है और जनता दल से राजनीति की शुरूआत करने वाले बसबराज बोम्बई येदियुरप्पा सरकार में गृह कानून एव संसदीय कार्य मंत्री थे जिन्होंने मेकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की हैं।

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येदियुरप्पा का कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा, कहा पार्टी और कर्नाटक के लिये काम करता रहूंगा

Yeddyurappa

बैंगलुरू – कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से बीएस येदियुरप्पा ने अपना इस्तीफा दे दिया है आज बीजेपी सरकार के दो साल पूरे होने के कार्यक्रम में यह घोषणा करने के दौरान वे काफी भावुक भी हो गये उंसके बाद येदियुरप्पा ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुलाकात के बाद उन्हें अपना इस्तीफा सौप दिया जिसे मंजूर भी कर लिया गया है उनके इस्तीफा देने से पिछले दिनों से चल रही अटकलों को भी विराम मिल गया हैं। इस मौके पर उन्होंने पार्टी के साथ कर्नाटक के लोगों के लिये काम करते रहने की बात भी कही। खास बात है कि येदियुरप्पा देश के एक अकेले ऐसे मुख्यमंत्री रहे जो चार बार मुख्यमंत्री रहने के बावजूद अपना कार्यकाल एक बार भी पूरा नही कर सके।

17 जुलाई को ही हो गया था येदियुरप्पा के भाग्य का फैसला –

जैसा कि पार्टी में चल रही खींचतान के चलते पार्टी हाईकमान ने येदियुरप्पा को 17 जुलाई को दिल्ली तलब किया था और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृहमंत्री अमित शाह और अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी खबरें निकल कर आई कि पार्टी हाईकमान के कहने पर उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा देने की पेशकश भी की थी हालांकि उस समय उन्होंने इसका खंडन किया था लेकिन आज आखिरकार उनका इस्तीफा हो गया।

येदियुरप्पा को चौथी बार बीच मे ही देना पड़ा इस्तीफा –

इस बार दो साल तक येदियुरप्पा मुख्यमंत्री रहे ऐसा चौथी बार हुआ जब कार्यकाल पूरा होने से पहले हर उन्हें अपना इस्तीफा देना पड़ा। सबसे पहले 12 नवंबर 2007 में येदियुरप्पा 7 दिन के लिये कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने, उंसके बाद 30 मई 2008 में उंन्होने फिर मुख्यमंत्री पद सम्हाला लेकिन भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद उन्होंने 4 अगस्त 2011 को अपना इस्तीफा सौप दिया तीसरी बार 17 मई 2018 को वे कर्नाटक के सीएम बने लेकिन 6 दिन बाद 23 मई को उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और पूरे दो साल बाद चौथी बार आज फिर येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा देना पड़ा।

क्यों हटाये गये येदियुरप्पा –

पार्टी में उनके विरोध के साथ आपसी मनमुटाव के कारण येदियुरप्पा के खिलाफ असंतुष्ट नेताओं ने मोर्चा खोल दिया खासकर पार्टी के उभरते नेता बीएल संतोष उनकी कार्यविधि से खासे नाराज थे कुल मिलाकर इस वक्त वे अलग थलग पड़ गये साथ ही बिगड़ता स्वास्थ्य और उम्रदराज होना उनके लिये अलग परेशानी पैदा कर रहा था इसके अलावा शोभा करंदलाजे का केंद्र में मंत्री बनना भी एक कारण रहा।

कोन कोन है मुख्यमंत्री बनने की लाइन में –

अब सबाल उठता है कि येदियुरप्पा के बाद अब कर्नाटक का मुख्यमंत्री कोन होगा तो इसमें कई नाम सामने आये है जिसमें खनन मंत्री मुरुगेश हेगड़े बसवराज बोम्बई, विश्वेश्वरा हेगड़े कगेरी और केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी के नाम प्रमुखता से सांमने आये है इनमें से मुरगेश निरानी को पार्टी हाईकमान ने दिल्ली बुलाया भी है जबकि केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी को भी दिल्ली तलब किया गया हैं। अब देखना होगा कि किसकी किस्मत चमकती हैं।

लिंगायत समाज को साधने की चुनोती का कैसे सामना करेगी बीजेपी –

कर्नाटक में लिंगायात समाज का काफी बोलबाला है और उनकी राज्य की कुल जनसंख्या में 17 फीसदी की भागीदारी है यह समाज कुल 224 सीटों में से 90 से 100 सीटों पर अपना एकाधिकार रखने के साथ उन्हें प्रभावित करने की पूरी क्षमता रखता है और इस लिंगायत समाज पर बीएस येदियुरप्पा की काफी अच्छी पकड़ है पिछले दिनों जब येदियुरप्पा को सीएम पद से हटाने की सुगबुगाहट शुरू हुई थी तो लिंगायत समाज के 100 लिंगायत मठों ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए बीजेपी नेतृत्व को खुली चुनोती देने के साथ अप्रत्यक्ष रूप से धमकी तक दे डाली थी। अब अगले विधानसभा चुनाव में बीजेपी इस समाज को कैसे साधती है भविष्य में उंसके लिये यह बड़ी चुनोती होगी।

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बैंगलुरू

सरकार्यवाह बने दत्तात्रेय होसबोले, संघ में मिला दूसरा स्थान, भैयाजी जोशी की जगह मिली जिम्मेदारी

Dattatreya Hosbole

बैंगलुरू – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सर्वोच्च इकाई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की दो दिवसीय बैठक आज बैंगलुरू में प्रारंभ हुई जिसमें भैयाजी जोशी की जगह दत्तात्रेय हसोबोले को संघ के सरकार्यवाह की जिम्मेदारी दी गई हैं।

यह पहला मौका है जब तीन साल के अंतराल से होने वाली अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की यह बैठक नागपुर की जगह कही बाहर अर्थात आज बैंगलूरू में शुरू हुई हैं। इस बैठक में देश से 1500 सौ प्रतिनिधि शामिल होना थे लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते बैंगलूरू में करीब 450 प्रतिनिधि शामिल हुए जबकि 44 स्थानों के 1000 प्रतिनिधि बैठक में वर्चुअल रूप से जुड़े।

जैसा कि भैयाजी जोशी 2008 से संघ में सरकार्यवाह की जिम्मेदारी संभाल रहे थे लेकिन पिछले सालों में उंन्होने यह पद छोड़ने की इच्छा जताई थी उस दौरान 2019 के चुनाव के मद्देनजर उन्हें इस पद पर बने रहने के लिये कहा गया था। अब उनकी जगह श्री हसोबोले सहकार्यवाह के पद पर जिम्मेदारी का निर्वाहन करेंगे। और आप 2024 के चुनावों के साथ 2025 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के कार्यक्रम के साथ ही संघ के संगठनात्मक ढांचे को मजबूती प्रदान करने में अपना योगदान देंगे।

जबकि सर्वश्री कृष्णगोपाल, मनमोहन वैद्य, मुकुन्द जी अरुणकुमार जी, रामदत्त चक्रधर को सह सरकार्यवाह बनाया गया ही जबकि श्री अशोक अग्रवाल को क्षेत्र कार्यवाह और श्री हेमन्त मुक्तिबोध को सह क्षेत्र कार्यवाह और श्री अशोक पोरवाल को सह क्षेत्र प्रचारक की जिम्मेदारी दी गई है साथ ही श्री स्वप्निल कुलकर्णी को मध्यभारत प्रान्त प्रचारक और श्री विमल गुप्ता को
मध्यभारत सह प्रान्त प्रचारक बनाया गया है।

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कर्नाटकदेश

कर्नाटक विधानसभा के उपसभापति का शव रेल्वे ट्रेक के पास मिला, खुदकुशी की आशंका, सुसाइड नोट भी मिला

Deputy Speaker SL Dharmegowda
  • कर्नाटक विधानपरिषद के उपसभापति का शव रेल्वे ट्रेक के पास मिला,

  • खुदकुशी की आशंका, सुसाइड नोट भी मिला

बैंगलुरू – कर्नाटक विधानपरिषद के उपसभापति एसएल धर्मागोड़ा का शव चिकमंगलूर जिले में रेल्वे ट्रेक के पास मिला है संभावना जताई जा रही है उन्होंने खुदकुशी की हैं उनके पास से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है। जबकि जेडीएस ने उनकी हत्या का आरोप लगाते हुए कड़ी जांच की मांग की हैं।

बताया जाता है पिछले दिनों कर्नाटक विधानसभा में सत्तासीन बीजेपी ने विधानपरिषद के सभापति के प्रतापचन्द्र शेट्टी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाई थी चूंकि शेट्टी कांग्रेस नेता है और विधानसभा में इसको लेकर लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच तीखी नोकझोक हुई थी इस अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान उपसभापति एसएल धर्मागोड़ा के साथ कांग्रेस नेताओं ने धक्कामुक्की के साथ अभद्रता भी की थी और उन्हें खींचकर आसंदी से नीचे उतार दिया था बताया जाता है इस घटना से वे काफी दुखी और व्यथित थे और यह धर्मागोडा को काफी नागवार गुजरा था ऐसा बताया जाता है

इस घटना को लेकर जीडीएस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह आत्महत्या नही बल्कि राजनीतिक हत्या है और मांग की है कि उन लोगों और कारणों का पता लगाना चाहिये जो धर्मागोड़ा की मौत के जिम्मेदार है उन्होंने कहा सच्चाई सभी के सामने आना चाहिये। जबकि मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा ने इस हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है ।पूर्व पीएम एच डी देवगौड़ा ने भी उनकी मौत की बजह इसी बदसलूकी को ही बताया हैं।

बताया जाता है 64 वर्षीय धर्मागोड़ा सखारायपट्टन स्थित अपने फार्म हाउस से सोमवार रात 10 बजे ड्राइवर के साथ कार से निकले थे उन्होंने कडूर जिले के गुणसागर के पास ड्राइवर को कार रोकने को कहा और ड्राइवर से इंतजार की कहकर आगे चले गेट जब काफी देर तक नही लौटे तो ड्राइवर ने आसपास खोजबीन की और उनके बेटे को फोन किया मंगलवार की सुबह उनका शव क्षतविक्षत हालात में रेल की पटरियों के पास मिला।

इधर पुलिस ने मामला कायम कर उनके शव को पोस्टमॉर्टम के लिये भेज दिया लेकिन सुसाइड नोट में क्या लिखा है फिलहाल पुलिस इस बारे में कुछ बताने से बच रही हैं।

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कुमारस्वामी की शपथ के बहाने पूरे विपक्ष ने दिखाई एकजुटता घोर विरोधी भी दिखे साथ, बीजेपी के खिलाफ 2019 की तस्वीर खींची

Kumarswami Oath Event
  • कुमारस्वामी की शपथ के बहाने पूरे विपक्ष ने दिखाई एकजुटता घोर विरोधी भी दिखे साथ,
  • बीजेपी के खिलाफ 2019 की तस्वीर खींची

बैंगलोर/ जेडीएस नेता एच. डी. कुमारस्वामी के कर्नाटक के मुख्यमंत्री की शपथ के दौरान समूचा विपक्ष उसका गवाह बना यदि कहा जाये कि भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया तो कोई अतिशियोक्ति नही होगी।वही कुमारस्वामी के कर्नाटक की सत्ता को सम्हालने के वक्त इस विपक्षी एकता ने जहां 2019 के चुनाव की विसात बिछादी तो मोदी और बीजेपी के खिलाफ एक नक्शा भी खीच दिया ,इससे बीजेपी की नींद उड़ना भी लाजमी है।

कर्नाटक में सत्ता पर काबिज होने के लिये लम्बी जददोजहद देखी गई आखिर कांग्रेस के सहयोग से जेडीएस् के कुमारस्वामी ने बुद्धवार को सत्ता सम्हाल ली, कुमारस्वामी ने मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता जी.परमेश्वर ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली जिन्हें कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई वाला ने शपथ दिलाई,खास बात रही कांग्रेस और जेडीएस के इस शपथ ग्रहण समारोह में जहां प्रदेश की राजनीति में नया सियासी गठ्जोड बना तो शपथ मंच ने 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विरोधी मोर्च की भावी तस्वीर भी पेश कर दी।

मंच पर सपा बसपा कांग्रेस तेलगू देशम पार्टी आप टीएमसी और वामपंथी सहित 15 पार्टियों के प्रमुख मौजूद थे साथ ही पॉच राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल थे।देखा गया कि विपक्षी एकता के इस मंच पर राज्यों में एक दूसरे के घुर विरोधी साथ ही नही दिखे बल्कि बडी आत्मीयता से बतियाते भी देखे गये।जिसमे सोनिया गांधी और मायावती भी शामिल थी जो काफ़ी देर तक एक दूसरे का हाथ थामे रही।

इस शपथ ग्रहण समारोह में राकांपा के शरद् पवार भाकपा के डी राजा,रालोद के अजीत सिंह माकपा के सीताराम येचुरी,राजद के तेजस्वी यादव,सपा के अखिलेश यादव,लोजद नेता शरद यादव,झामुमो से हेमंत सोरेन,टीएमसी नेता ममता बनर्जी, तेलगू देशम पार्टी नेता चंद्रबाबू नायडू. कांग्रेस की सोनिया गांधी और राहुल गांधी बसपा प्रमुख मायावती,आप नेता अरविंद केजरीवाल,आरयूएमएल से पीके कुम्हालीकुट्टी मौजूद रहे,तो केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन पाड्डुचेरी के मुख्यमंत्री नारायन सामी भी शामिल हुए।

इस सियासी जमावडे का औचित्य भी साफ़ नजर आ रहा हैं एक तरफ़ एनडीए के कुछ घटक दल मोदी और बीजेपी से नाराज चल रहे हैं ऐसे में विपक्ष की एकता के मायने साफ़ हैं जो अगले लोकसभा 2019 के नये गणित को परिलक्षित करती हैं जिससे बीजेपी की मुश्किलों में साफ़ तौर पर इजाफ़ा होगा। देखना दिलचस्प होगा कि मोदी और अमित शाह क्या रणनीति बनाते है और कैसे विपक्ष की इस सियासी चाल को विफ़ल करते हैं।

पर सवाल यह भी हैं कि विपक्ष की यह एकता क्या 2019 चुनाव तक यू ही कायम रहेगी या आपसी हितों के चलते बिखर जायेंगी यह भी देखना होगा।क्यों कि अभी तो शुरूआत हैं फ़िलहाल आपसी सहमति तो दूर आपस में चर्चा भी नही हुई।

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कर्नाटकदेश

कुमारस्वामी ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दांवा पेश किया, बुधवार को ले सकते हैं मुख्यमंत्री पद की शपथ

KumaraSwami
  • कुमारस्वामी ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दांवा पेश किया,
  • बुधवार को ले सकते हैं मुख्यमंत्री पद की शपथ

बैंगलोर / कर्नाटक में बीजेपी की सरकार गिरने के बाद जेडीएस का सरकार बनाने का रास्ता साफ़ हो गया हैं जेडीएस के नेता एचडी कुमारस्वामी ने आज रात राज्यपाल बजूभाई वाला से मुलाकात की और पार्टी की तरफ़ से सरकार बनाने का दांवा पेश किया।

संभवत: कुमारस्वामी बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।

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कर्नाटक

कर्नाटक का हाई वोल्टेज ड्रामा ख़त्म्, शक्ति परीक्षण से पहले ही येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा, जेडीएस खुश तो कांग्रेस को मिली नई ऊर्जा

Karnataka Vidhansabha
  • कर्नाटक का हाई वोल्टेज ड्रामा ख़त्म्, शक्ति परीक्षण से पहले ही येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा,
  • जेडीएस खुश तो कांग्रेस को मिली नई ऊर्जा

बैंगलोर / कर्नाटक के सियासी नाटक पर पूरे 55 घंटे बाद पर्दा गिर गया हैं येदियुरप्पा ने विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने से पहले ही हथियार डाल दिये और राज्यपाल बजूभाई वाला को मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफ़ा सौप दिया। इसके बाद मौजूद कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों की खुशी साफ़ झलक रही थी ।इससे साफ़ होता हैं कि येदियुरप्पा समझ गये थे कि सदन में वे अपना बहुमत सिद्ध नही कर पायेंगे। येदियुरप्पा के इस्तीफ़े के बाद बीजेपी के सभी विधायक सदन से बाहर जाने लगे और उन्होंने सदन की समाप्ति पर होने वाले राष्ट्रीय गान में हिस्सा भी नही लिया।

इससे पूर्व सदन में अपने संबोधन में येदियुरप्पा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि संवैधानिक मूल्यों पर कांग्रेस का कोई विश्वास नही है और सत्ता के लिये कांग्रेस कुछ भी कर सकती हैं जबकि कर्नाटक की जनता ने बीजेपी को अपना जनमत दिया लेकिन कांग्रेस ने जेडीएस से मिलकर साजिश रची और ऐसा करके कांग्रेस और जेडीएस दौनो दलों ने कर्नाटक की जनता के साथ विश्वासघात किया है आगे वह उन्हें माफ़ नही करेगी।

खास बात हैं कर्नाटक मामले में सुप्रीम कोर्ट की भूमिका खास रही जिसने बहुमत सिद्ध करने के राज्यपाल के 15 दिन के फ़ैसले पर आपत्ति जताते हुए उसे बदल दिया और 24 घंटे में बहुमत सिद्ध करने के आदेश दिये जिससे बीजेपी को बहुमत सिद्ध करने के लिये जोड़तोड़ करने का समय नही मिला। यही बजह रही कि संभावित हार के चलते येदियुरप्पा ने शक्ति परीक्षण से पहले ही सदन में मुख्यमंत्री पद से अपने इस्तीफ़े का ऐलान कर दिया जिससे कांग्रेस और जेडीएस के विधायको में खुशी छा गई साथ ही कर्नाटक और देश में कांग्रेस को जश्न मनाने का मौका मिल गया। साथ ही बीजेपी विधायको के राष्ट्रगान में शामिल नही होने से कांग्रेस को बीजेपी पर हमला करने का एक मौका भी मिल गया।

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येदियुरप्पा मुख्यमंत्री रहेंगे या कांग्रेस जेडीएस करेगी सीएम पद पर कब्जा, विधानसभा में कार्यवाही जारी, आज फ़ैसला

Karnataka Vidhansabha
  • येदियुरप्पा मुख्यमंत्री रहेंगे या कांग्रेस जेडीएस करेगी सीएम पद पर कब्जा,
  • विधानसभा में कार्यवाही जारी, आज फ़ैसला

बैंगलोर/ सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद कर्नाटक में सियासी गणित एकदम से बदल गया हैं येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बने रहने के लिये अब सिर्फ़ 24 घंटे में अग्निपरीक्षा से गुज़रना होगा देखना दिलचश्प होगा कि यह जादुई आँकड़ा पाने के साथ बहुमत सिद्ध करने के लिये बीजेपी 7 विधायकों का अतिरिक्त संख्या बल का जुगाड़ कैसे करती हैं। जबकि राज्यपाल बजूभाई वाला के के. जी. बौपया को प्रोटेम स्पीकर बनाने के फ़ैसले पर कांग्रेस ने नाराजी जाहिर करते हुए उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही हैं।

जैसा कि कर्नाटक की 224 विधानसभा में से 222 सीटो पर चुनाव हुए थे जिसमे बीजेपी को 104 कांग्रेस को 78 जेडीएस को 38 सीटों पर जीत मिली और 2 सीटों पर निर्दलीय चुनाव जीते थे। राज्यपाल ने जिस विधायक के. जी. बौपया को प्रोटोम स्पीकर (अस्थायी विधानसभा अध्यक्ष) बनाया है वह बीजेपी से है जिन्हें सदन में वोट देने का अधिकार नही होगा हाँ यदि पक्ष विपक्ष के बीच वोट संख्या यदि बराबर रहती है तभी यह अपने मत का प्रयोग कर सकते है इसके अलावा जेडीएस के एच. डी. कुमारस्वामी दो सीटो से जीते है जबकि उन्हें एक वोट देने का ही अधिकार होगा इस तरह अब 220 सीटों में बहुमत का आँकड़ा 111 रह जाता है जिसे पाने की चुनौती बीजेपी और येदियुरप्पा पर होगी अब देखना होगा कि इस जादुई आँकड़े को येदियुरप्पा कैसे पाते है। इसके लिये बीजेपी को कांग्रेस और जेडीएस के विधायको में सैंध लगाना होगी तो निर्दलीय विधायकों को भी घेरना होगा और हो सकता हैं लिंगायत वर्ग से आने वाले येदियुरप्पा कांग्रेस के 17 लिंगायत और 5 जेडीएस के लिंगायत समाज से आने वाले विधायकों पर नजर बनायेंगे और उन्हें तोड़ने में कामयाब हौंगे,जबकि मुख्यमंत्री के दूसरे दावेदार कुमारस्वामी वोकालिंगा समाज से आते हैं। और खासकर कांग्रेस के लिंगायत विधायक कुमारस्वामी को सीएम बनाने के पक्ष में नही थे।यह पिछले दिनों देखा भी गया था।

इधर कांग्रेस ने बीजेपी विधायक बौपया को प्रोटेम स्पीकर बनाने के राज्यपाल के निर्णय को गलत बताते हुए नाराजगी प्रकट की है कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के मुताबिक इस संवैधानिक पद पर सबसे सीनियर विधायक की नियुक्ति होती है और सदन में 8 – 8 बार विधायक बने सदस्य भी है लेकिन राज्यपाल ने तीसरी बार विधायक बने एक जूनियर को यह पद सौप दिया जिससे इस पद की गरिमा को ठेस लगी है कांग्रेस के सुरजेवाला ने मीडिया से कहा कि राज्यपाल के इस निर्णय को कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। जैसा कि कर्नाटक में कांग्रेस के आर. बी. देशपांडे और बीजेपी के उमेश कट्टी इस बार आँठवीं दफ़ा एमएलए चुनकर आये है और कांग्रेस का सोच था कि उम्र दराज देशपांडे प्रोटेम स्पीकर बनाये जायेंगे पर बौपाया के स्पीकर बनने से उसके इरादों पर पानी फ़िर गया इसी के चलते वह राज्यपाल के विरोध में उतर आई हैं।

इधर कर्नाटक विधानसभा में कार्यवाही शुरू हो गई है निर्धारित समय तक 222 में से 220 विधायक विधानसभा में मौजूद थे एक बीजेपी और एक कांग्रेस का विधायक मौजूद नही रहा इस दौरान विधायको के शपथ ग्रहण करने की कार्यवाही चल रही थी और शाम 4 बजे विधायकों के फ़्लोर टेस्ट की कार्यवाही होगी।

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