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बाबा के ढोंग ने ली 121 लोगों की बलि, कोन जिम्मेदार प्रशासन बाबा या अंधविश्वास?

Madhukar Arrested
  • बाबा के ढोंग ने ली 121 लोगों की बलि, कोन जिम्मेदार प्रशासन बाबा या अंधविश्वास?
  • बाबा गायब, पकड़ा आयोजक मधुकर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में

हाथरस / एक ढोंगी बाबा और अंधविश्वास के कारण 121 लोगों ने अपनी जान गंवा दी, खुद को भगवान नारायण का अवतार बताने वाले इस भोले बाबा के नाम से विख्यात पाखंडी ने सत्संग में आए लोगों को अपनी चरण रज लेने का आदेश दिया था और यह बड़ा हादसा घट गया। लेकिन अभी तक यह तथाकथित भोले बाबा पुलिस की गिरफ्त में नही आ पाया है जबकि एक लाख का इनामी और इस सत्संग का आयोजक दीपप्रकाश मधुकर को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया और अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। खास बात है सत्ता पक्ष हो या विपक्ष दोनों ने बाबा का नाम लेकर उनपर कार्यवाही की बात अभी तक नही की है।

एसआईटी ने अभी तक मुख्य आयोजक सहित 9 लोगों को गिरफ्तार किया है और उनसे पूछताछ भी की। लेकिन जो खबरें आ रही है उसके मुताबिक जब 2 जुलाई को डेढ़ बजे सत्संग खत्म होने पर 1.40 बजे भोले बाबा उर्फ नारायण हरि साकार अपने काफिले के साथ ढाई लाख लोगों की भीड़ के बीच रास्ते में जमीन पर अंकित रंगोली पर होकर गुजरा और उसके आगे निकलने के बाद इस रंगोली की रज को लेने आगे खड़ी महिलाएं टूट पड़ी और एक साथ भीड़ जुटने के बाद रही सही कसर बाबा के कमांडो दस्तों ने पूरी कर दी उन्होंने लोगों को बलपूर्वक रोका और धक्का मुक्की की जिससे भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई और लोग एक दूसरे के ऊपर गिरते गए कुछ दम घुटने से तो कुछ की मौत कुचलकर हो गई। इस तरह एक साथ 108 महिलाओं सहित 121 लोगो की दर्दनाक मौत हो गई।

पुलिस ने हाथरस में सत्संग के आयोजक और हादसे के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर को शनिवार को दिल्ली के नफजगढ़ स्थित एक अस्पताल से गिरफ्तार कर लिया है बताया जाता है वह वहां अपना इलाज के लिए भर्ती था पुलिस ने उसपर 1 लाख का इनाम घोषित किया था। दिल्ली पुलिस उसे हाथरस लेकर आई और पूछताछ और मेडिकल के बाद उसे अदालत में पेश किया गया कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। हाथरस के एसपी निपुण अग्रवाल के अनुसार गिरफ्तार मधुकर की दो भूमिकाएं सामने आई है पहली इस भोले बाबा के धार्मिक आयोजन कराना और दूसरा उनके लिए फंडिंग इकट्ठा करना है।

लेकिन भोले बाबा के वकील एपी सिंह का कहना है कि हमने वादा किया था उसे पूरा किया और मधुकर को समर्पण कराकर पुलिस को सौप दिया है उनका कहना है पुलिस और एसआईटी ने मधुकर को उनकी खबर के बाद गिरफ्तार किया है। वही उनका कहना है कि भोले बाबा उर्फ नारायण हरि का इस मामले में कोई दोष नही है और वह पूरी तरह से निर्दोष है। उनका कहना है इस हादसे को अंजाम देने वाले असामाजिक तत्व है और sit की जांच के बाद यह साफ हो जायेंगा।

भोले बाबा उर्फ नारायण हरि उर्फ सूरज पाल हाथरस घटना के बाद पहली बार एक न्यूज एजेंसी के मार्फत सामने आया है। जिसमें वह कहता नजर आ रहा है कि इस घटना से वह काफी व्यथित है ईश्वर मुझे उससे उबरने की शक्ति दे मुझे सभी शासन प्रशासन पर पूरा विश्वास है मुझे पूरा भरोसा है जो उपद्रवकारी है वह बख्शें नही जायेंगे।

इधर शनिवार को तीन सदस्यीय न्यायिक जांच कमेटी ने अध्यक्ष पूर्व जज ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में हाथरस के गांव पहुंचकर घटना स्थल का जायजा लिया,और जांच की साथ ही स्थानीय लोगों से बातचीत भी की।

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हाथरस में मौत का सत्संग, 121 की दर्दनाक मौत, बाबा की चरण रज लेने की होड़ में हुआ हादसा, सीएम योगी ने दिए न्यायिक जांच के आदेश

Hathras satsang Hadsa

हाथरस / उत्तर प्रदेश के हाथरस में बाबा नारायण साकार विश्व हरि के सत्संग के बाद मची भगदड़ में अभी तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है मरने वालों में अधिकांश महिलाएं शामिल है। बताया जाता है सत्संग के बाद जब भोले बाबा उर्फ हरि नारायण साकार भीड़ में से गुजरे तो उनकी चरण रज लेने के दौरान भीड़ बेकाबू हो गई और यह हादसा हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं साथ ही कहा है कि यह एक साजिश जैसी लगती है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी।

मंगलवार को उत्तर प्रदेश में भारी अमंगल हो गया हाथरस के फुलरई गांव में एक खेत की डेढ़ सौ बीघा जमीन पर भोले बाबा उर्फ हरि नारायण साकार का सत्संग का आयोजन हुआ था बताते है कि 11 बजे शुरू हुआ सत्संग दोपहर डेढ़ बजे समाप्त हुआ और करीब 1.40 बजे जब बाबा का काफिला भीड़ के बीच से कच्चे रास्ते से निकल रहा था तो लाखों की संख्या में मोजूद उनके श्रृद्धालु पास से उनके दर्शन के साथ चरणों की रज लेने के लिए जुटने लगे बेकाबू भीड़ को दूर रखने, बाबा के सेवादारों ने उनके साथ धक्कामुक्की की, और वाटर कैनन का इस्तेमाल भी किया, जिससे कीचड़ हो गई खेत के निचले हिस्से में एकाएक लोग नीचे गिरने लगे और उनको कुचकते हुए भीड़ उनपर से गुजरती चली गई, जिससे पूरा वातावरण चीख चिल्लाहट में तब्दील हो गया इस घटना में अभी तक 121 लोगों की मौत हुई है जिसमें 111 महिलाएं 7 बच्चें और 3 पुरुषों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए, जबकि प्रशासन ने भी 121 लोगों की मौत की पुष्टि की हैं।

इन सभी मरने वालों के शवों का पोस्टमार्टम हाथरस एटा अलीगढ और आगरा के अस्पतालों में देर रात से शुरू होकर सुबह तक होता रहा सभी जगह काफी ह्रदय विदारक दृश्य था अस्पताल परिसर में लाशें बिछी हुई दिखाई दे रही थी तो लोग अपनों के शवों के पास विलाप करते नजर आ रहे थे किसी की मां किसी की बहन किसी की पत्नी किसी के बच्चें इस हादसे में चल बसे थे और लोग अपने परिजनों के शवों को लेकर इधर उधर भटकते भी दिखाई दिए।

इस घटना के बाद सरकार ने यूपी एडीजी के नेतृत्व में जांच और कार्यवाही के लिए एक एसआईटी गठित की है बताया जाता है आयोजकों ने सत्संग कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 80 हजार की सख्या की अनुमति ली थी लेकिन इस आयोजन में करीब ढाई लाख लोग शामिल हुए, जिससे साफ है श्रृद्धालुओ की तादाद काफी ज्यादा थी और भीड़ के हिसाब से न तो फोर्स तैनात थी न ही वालंटियर ही मोजूद थे। जिससे भीड़ बेकाबू हो गई और इतनी बड़ी घटना हो गईं। प्रशासन की पहली रिपोर्ट में भी कहा गया है कि बाबा के चरणों की रज लेने की होड़ में जुटी भीड़ में भगदड़ से यह हादसा हुआ हैं।

मंगलवार देर रात सिकंदराराऊ थाने में 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है जिसमें मुख्य आयोजक देव प्रकाश महुकर का नाम शामिल है बाकी 21 लोग अज्ञात है लेकिन सबसे बड़ी और चौकाने वाली बात है कि पुलिस एफआईआर में मुख्य आरोपी भोले बाबा उर्फ हरि नारायण साकार का नाम शामिल नहीं किया गया है। बताया जाता है बाबा इस घटना के बाद अंडरग्राउंड हो गया पुलिस रात भर उसकी तलाश में छापेमारी करती रही मैनपुरी के उनके आश्रम पर भी पुलिस ने तलाशी ली फिलहाल आश्रम के बाहर पुलिस बल तैनात किया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुद्धवार को सुबह हाथरस पहुंचे और उन्होंने जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों को देखा और प्रशासन से इस घटना की जानकारी ली। बाद में प्रेस कांफ्रेंस में सीएम योगी ने कहा कि यह हादसा एक साजिश जैसा है लोग मरते रहे सेवादार वहां से भाग गए उन्होंने न तो इस हादसे की सूचना प्रशासन को दी और न मदद की जब जानकारी मिलने पर प्रशासन और पुलिस की टीम घटना स्थल पहुंची तो सेवादारों ने उन्हे आगे नहीं जाने दिया। उन्होंने कहा कि हमने कुंभ जैसे आयोजन किए लेकिन ऐसी चीजे नही हुई सीएम ने बताया कि घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज और पुलिस के सीनियर रिटायर्ड अफसरों की टीम हादसे की जांच करेगी और दोषियों को सजा देंगे।

हाथरस हादसे के 24 घंटे बाद धार्मिक सत्संग करने वाले भोले बाबा उर्फ हरि नारायण साकार का सुप्रीम कोर्ट के वकील एपी सिंह के मार्फत पहला बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा कि मेरे आयोजन स्थल से निकलने के बाद यह हादसा हुआ है और कुछ असामाजिक तत्वों ने यह भगदड़ मचाई इनके खिलाफ वह लीगल एक्शन लेंगे, साथ ही उन्होंने मृतकों के प्रति शोक व्यक्त करते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की बात कही है।

इस बड़े हादसे के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण सामने आए है जिसमें आयोजक तो दोषी है ही बल्कि पुलिस और प्रशासन की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है। जो कमियां सामने आई उसमें आयोजन स्थल काफी छोटा था और उसमें दाखिल होने या निकलने का दरवाजा एक और छोटा था उसमें इमरजेंसी के लिए कोई रास्ता नहीं था आयोजन स्थल या आसपास पीने के पानी भोजन खान पान और सुचारू ट्रैफिक की कोई व्यवस्था नही थी आयोजन स्थल पर कम से कम 5 एंबुलेंस होना चाहिए, जो नही थी।

बाबा के काफिले के आने जाने का बीच में एक रास्ता था जो छोटा और कच्चा था और बाबा के काफिले के दौरान दोनों ओर कोई बेरीगेटिंग नही थी घटना के बाद अस्पताल पहुंचे घायलों को घंटो तक उपचार की सुविधा नहीं मिली क्योंकि अस्पतालो मै उचित संख्या में डॉक्टर ही नही थे न ही जनरेटर थे जहां थे वहां तेल नहीं था स्वास्थ्य और इलाज की कोई सुविधा नहीं होने के साथ घायलों की तादाद के हिसाब से मेडिकल टीम नही थी। आयोजको ने 80 हजार की भीड़ जुटने की अनुमति ली थी लेकिन ढाई लाख लोग वहां आ पहुंचे इस दौरान प्रशासन और पुलिस ने इसका कोई संज्ञान ही नही लिया न ही व्यवस्था बनाई। आयोजन स्थल पर पंखे कूलर की पूरी व्यवस्था नहीं थी वाहन बेतारतीव ढंग से खड़े थे अनुमति में सभी बातों का जिक्र नहीं था अनुमति देने और लेने दोनो में काफी लापरवाही बरती गई सत्संग स्थल से निकलने के एंट्री और एगिज्ट रास्ते अलग अलग नहीं थे,पुलिस का केवल 40 कर्मियों का दस्ता वहां तैनात था। कार्यक्रम की पूरी कमान सेवादार संभालते दिखे भीड़ के हिसाब से सेवादारों की सख्या भी कम थी।

हादसे के बाद बाबा फरार हो गया उसने आयोजन स्थल पर बेकाबू व्यवस्था को नियोजित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। बाबा के सेवादारों के जत्थों में गुलाबी ड्रेस वाले नारायण सेना कहलाते है जो 50 .. 50 की टुकड़ी में थे दूसरे हरिवाहक होते है जो ब्राउन ड्रेस के साथ सिर पर टोपी लगाते है और 25 ..25 की संख्या में उनकी टुकड़ी होती है बाबा के साथ ब्लैक कमांडो चलते है जिसकी टुकड़ी ने 20 सदस्य होते है।

प्रयागराज के वकील गौरव द्विवेदी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक पीआईएल लगाई है जिसमें उन्होंने हाथरस हादसे की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विशाल तिवारी ने एक पीआईएल दाखिल करते हुए जिसमें रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में 5 विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाकर उससे पूरे मामले की जांच की मांग की है।

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उत्तर प्रदेशग्वालियरमध्य प्रदेशहाथरस

यूपी में हाथरस के पास कावड़ियों को डंफर ने कुचला 6 की मौत 2 घायल, ग्वालियर के थे सभी मृतक, बेखौफ रेत माफिया कितनो की लेगा जान

Accident

हाथरस, ग्वालियर/ उत्तर प्रदेश के हाथरस के नजदीक हरिद्वार से गंगाजल भरकर ला रहे 8 कावड़ियों को रेत माफिया के डंफर ने कुचल दिया जिससे 6 कावड़ियों की मौके पर मौत हो गई जबकि दो घायल हो गए जिन्हें आगरा के अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं मरने वाले सभी कावड़ियें ग्वालियर के रहने वाले थे उनके शवों को रखकर ग्रामीणों ने नयागांव हाईवे पर जाम कर दिया। जबकि मध्यप्रदेश सरकार ने मृतक के परिवारों को 10-10 लाख के मुआवजे का ऐलान किया हैं।

हाथरस के सादाबाद मार्ग स्थित संत फ्रांसिस स्कूल के पास यह सड़क दुर्घटना शुक्रवार शनिवार की दर्मियानी रात 1.30 बजे की हैं कावड़ियों का एक दल हरिद्वार से गंगाजल भरकर जब सड़क मार्ग से पैदल आ रहा था तभी तेज गति से जा रहे एक डंफर चालक ने इनपर वाहन चढ़ा दिया और इन्हें कुचलने के बाद फरार हो गया।

इस दर्दनाक घटना में 6 कावड़ियों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई जबकि दो लोग घायल हो गए। खबर मिलने पर स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को आगरा के अस्पताल में भर्ती कराया हैं इस घटना के बाद स्थिति बिगड़ते देखकर ADG आगरा जोन और IG अलीगढ़ मौके पर आ गए थे। इस घटना पर ADG आगरा राजीव कृष्ण ने कहा कि आरोपी और डंफर को पकड़ने के लिए पुलिस बल लगा दिया गया है जल्द वाहन चालक पुलिस की गिरफ्त में होगा।

इस सड़क दुर्घटना में मरने वाले सभी कावड़िऐ ग्वालियर के उटीला थाना क्षेत्र के भांगी खुर्द गांव के रहने वाले है जिनके नाम नरेश पुत्र रामना, रमेश पुत्र नत्थासिंह ,रणवीर सिंह पुत्र अमरसिंह ,जबरसिंह पुत्र सुलतान सिंह और विकाश पुत्र प्रभुदयाल है।आज जब उनके शव ग्वालियर आए तो स्थानीय ग्रामीण और परिजनों में भारी गुस्सा देखा गया बाद में उन्होंने आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तारी की मांग को लेकर नयागांव हाईवे पर चक्काजाम भी लगाया। इधर मध्यप्रदेश सरकार ने शोक संवेदना प्रकट करते हुए मृतकों के परिवार को 10 -10 लाख ₹ के मुआवजे की घोषणा की हैं।

रात के वक्त यूपी में भी रेत माफिया सक्रिय हो जाते है जो यमुना और गंगा नदी को बराबर खोखला करते जा रहे है और ज्यादा चक्कर लगाने की होड़ में तेज गति और बेतरतीब तरीके से सड़को पर वाहन दोड़ाते है और सड़क पर चलने वालों को रेत माफिया और इनके डंफर के वाहन चालक कीड़े मकोड़े समझते है और इनको ना पुलिस का भय है ना ही प्रशासन का यही वजह है कि इस तरह की घटनाएं आम है। हाल में बेखौफ रेत माफिया ने हरियाणा में एक डीएसपी की हत्या कर दी तो झारखंड के रांची में एक महिला सब इंस्पेक्टर और गुजरात के आणन्द में एक पुलिस कर्मी को वाहन से कुचलकर मार डाला गया और शासन प्रशासन कुछ नही कर सका।

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उत्तर प्रदेशहाथरस

हाथरस घटना – पीड़ित परिवार का होगा नार्को टेस्ट, एसपी सहित 5 अधिकारी सस्पेंड

Hathras Rape Case
  • हाथरस घटना – पीड़ित परिवार का होगा नार्को टेस्ट,

  • एसपी सहित 5 अधिकारी सस्पेंड, उमाभारती की योगी को सीख…

हाथरस – उत्तर प्रदेश की हाथरस की घटना की जांच कर रही एसआईटी की सिफारिश पर अब योगी सरकार ने परिवार और पुलिस दोनों का नार्को टेस्ट करने का फैसला लिया हैं इसके अलावा सरकार ने सुस्त जांच और लापरवाही बरतने पर पुलिस अधीक्षक सहित 5 पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। लेकिन सबाल यह भी उठ रहे हैं सरकार डीएम और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को क्यों बचा रही हैं। लेकिन गंभीर बात यह भी है कि आरोपियों को बचाने के लिये सवर्ण समाज भी एकजुट हो रहा है। लेकिन काफी बबाल के बाद आज तीसरे दिन मीडिया को गांव में पीड़ित परिवार से मिलने की इजाजत दे दी गई हैं।

मुख्यसचिव और राहुल गांधी फिर जा सकते है बुलगड़ी गांव –

बताया जाता है आज प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी आज हाथरस आने वाले है और उनके साथ डीजीपी हितेंद्र चंद्र भी आ सकते है जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी हाथरस के इस बुलगड़ी गांव में पीड़ित परिवार से मिलने आज दोपहर फिर आने वाले है ऐसी जानकारी सामने आई हैं।

अब पीड़ित परिवार और पुलिस का होगा नार्को टेस्ट –

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी के अनुसार हाथरस के बुलगड़ी में गैंगरेप मामले में पीड़िता के परिजन और पुलिस दोंनो पक्षों के बयान विरोधाभाषी आये है इसलिये दोनों का नार्को टेस्ट का फैसला लिया गया है जिससे यह स्पष्ट होगा कि कोंन सच बोल रहा है। लेकिन नार्को टेस्ट बिना मर्जी के किसी का नही हो सकता।

एसपी सहित 5 अधिकारी सस्पेंड –

इधर हाथरस घटना को लेकर देश भर में हो रहे विरोध और पुलिस की संदेहात्मक भूमिका को लेकर योगी सरकार बैकफुट पर आ गई है और हाथरस एसपी विक्रांत वीर डीएसपी सीईओ इंस्पेक्टर सहित 5 पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया हैं। लेकिन पीड़िता का आधी रात में शव जलाने का ऑर्डर देने के साथ परिवार को तथाकथित धमकी देने वाले डीएम प्रवीण कुमार और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ फिलहाल कोई कार्यवाही नही हुई हैं।

उमाभारती की मुख्यमन्त्री योगी को सीख –

इधर ऋषिकेश के एम्स अस्पताल में भर्ती पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने सोशल मीडिया के मॉर्फत योगी संरकार को नसीहत देते हुए कहा कि पुलिस की संदेहास्पद कार्यवाही से आपकी सरकार और भाजपा की छवि पर आंच आई हैं आखिर ऐसा कोंन सा नियम है कि एसआईटी जांच के दौरान मीडिया या अन्य किसी से मिलने नही दिया जा रहा हैं उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहा है कि वे परिवार को दलों और मीडिया से मिलने दे मैं बोलना नही चाहती थी लेकिन पुलिस और प्रशासन की कार्यवाही देखकर कई आशंकाएं जन्म ले रही हैं। लगता है।

मीडिया को गांव में जाने की इजाजत –

लगता है उमा भारती के इस बयान के बाद योगी सरकार नींद से जागी और फिलहाल उंसने मीडिया को गांव में दाखिल होने की इजाजत दे दी हैं। उमा भारती ने ठीक होने के बाद हाथरस जाने की इच्छा भी जताई हैं वहीं एक और साध्वी निरंजन ज्योति ने भी इस घटना और पुलिस की भूमिका पर अपनी चिंता व्यक्त की हैं।

आरोपियों के समर्थन में आया सवर्ण समाज –

इधर अब एक नया एंगिल सामने आ रहा है चूंकि सभी आरोपी ठाकुर समाज के है और सवर्ण समाज अब आरोपियों के समर्थन में खुलकर सामने आ गया हैं इनके पक्ष में हाथरस और आसपास के एक दर्जन गांवों की महापंचायत हुई जिसमें सीबीआई जांच की मांग की गई है जबकि बीजेपी के पूर्व विधायक राजवीर सिंह ने आरोप लगाया है कि लड़की को उंसके ही भाई और माँ ने मारा हैं और जिन्हें आरोपी बनाया वह निर्दोष हैं।

Image source: PTI
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