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यूपी में हाथरस के पास कावड़ियों को डंफर ने कुचला 6 की मौत 2 घायल, ग्वालियर के थे सभी मृतक, बेखौफ रेत माफिया कितनो की लेगा जान

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हाथरस, ग्वालियर/ उत्तर प्रदेश के हाथरस के नजदीक हरिद्वार से गंगाजल भरकर ला रहे 8 कावड़ियों को रेत माफिया के डंफर ने कुचल दिया जिससे 6 कावड़ियों की मौके पर मौत हो गई जबकि दो घायल हो गए जिन्हें आगरा के अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं मरने वाले सभी कावड़ियें ग्वालियर के रहने वाले थे उनके शवों को रखकर ग्रामीणों ने नयागांव हाईवे पर जाम कर दिया। जबकि मध्यप्रदेश सरकार ने मृतक के परिवारों को 10-10 लाख के मुआवजे का ऐलान किया हैं।

हाथरस के सादाबाद मार्ग स्थित संत फ्रांसिस स्कूल के पास यह सड़क दुर्घटना शुक्रवार शनिवार की दर्मियानी रात 1.30 बजे की हैं कावड़ियों का एक दल हरिद्वार से गंगाजल भरकर जब सड़क मार्ग से पैदल आ रहा था तभी तेज गति से जा रहे एक डंफर चालक ने इनपर वाहन चढ़ा दिया और इन्हें कुचलने के बाद फरार हो गया।

इस दर्दनाक घटना में 6 कावड़ियों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई जबकि दो लोग घायल हो गए। खबर मिलने पर स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को आगरा के अस्पताल में भर्ती कराया हैं इस घटना के बाद स्थिति बिगड़ते देखकर ADG आगरा जोन और IG अलीगढ़ मौके पर आ गए थे। इस घटना पर ADG आगरा राजीव कृष्ण ने कहा कि आरोपी और डंफर को पकड़ने के लिए पुलिस बल लगा दिया गया है जल्द वाहन चालक पुलिस की गिरफ्त में होगा।

इस सड़क दुर्घटना में मरने वाले सभी कावड़िऐ ग्वालियर के उटीला थाना क्षेत्र के भांगी खुर्द गांव के रहने वाले है जिनके नाम नरेश पुत्र रामना, रमेश पुत्र नत्थासिंह ,रणवीर सिंह पुत्र अमरसिंह ,जबरसिंह पुत्र सुलतान सिंह और विकाश पुत्र प्रभुदयाल है।आज जब उनके शव ग्वालियर आए तो स्थानीय ग्रामीण और परिजनों में भारी गुस्सा देखा गया बाद में उन्होंने आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तारी की मांग को लेकर नयागांव हाईवे पर चक्काजाम भी लगाया। इधर मध्यप्रदेश सरकार ने शोक संवेदना प्रकट करते हुए मृतकों के परिवार को 10 -10 लाख ₹ के मुआवजे की घोषणा की हैं।

रात के वक्त यूपी में भी रेत माफिया सक्रिय हो जाते है जो यमुना और गंगा नदी को बराबर खोखला करते जा रहे है और ज्यादा चक्कर लगाने की होड़ में तेज गति और बेतरतीब तरीके से सड़को पर वाहन दोड़ाते है और सड़क पर चलने वालों को रेत माफिया और इनके डंफर के वाहन चालक कीड़े मकोड़े समझते है और इनको ना पुलिस का भय है ना ही प्रशासन का यही वजह है कि इस तरह की घटनाएं आम है। हाल में बेखौफ रेत माफिया ने हरियाणा में एक डीएसपी की हत्या कर दी तो झारखंड के रांची में एक महिला सब इंस्पेक्टर और गुजरात के आणन्द में एक पुलिस कर्मी को वाहन से कुचलकर मार डाला गया और शासन प्रशासन कुछ नही कर सका।

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हाथरस घटना – पीड़ित परिवार का होगा नार्को टेस्ट, एसपी सहित 5 अधिकारी सस्पेंड

Hathras Rape Case
  • हाथरस घटना – पीड़ित परिवार का होगा नार्को टेस्ट,

  • एसपी सहित 5 अधिकारी सस्पेंड, उमाभारती की योगी को सीख…

हाथरस – उत्तर प्रदेश की हाथरस की घटना की जांच कर रही एसआईटी की सिफारिश पर अब योगी सरकार ने परिवार और पुलिस दोनों का नार्को टेस्ट करने का फैसला लिया हैं इसके अलावा सरकार ने सुस्त जांच और लापरवाही बरतने पर पुलिस अधीक्षक सहित 5 पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। लेकिन सबाल यह भी उठ रहे हैं सरकार डीएम और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को क्यों बचा रही हैं। लेकिन गंभीर बात यह भी है कि आरोपियों को बचाने के लिये सवर्ण समाज भी एकजुट हो रहा है। लेकिन काफी बबाल के बाद आज तीसरे दिन मीडिया को गांव में पीड़ित परिवार से मिलने की इजाजत दे दी गई हैं।

मुख्यसचिव और राहुल गांधी फिर जा सकते है बुलगड़ी गांव –

बताया जाता है आज प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी आज हाथरस आने वाले है और उनके साथ डीजीपी हितेंद्र चंद्र भी आ सकते है जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी हाथरस के इस बुलगड़ी गांव में पीड़ित परिवार से मिलने आज दोपहर फिर आने वाले है ऐसी जानकारी सामने आई हैं।

अब पीड़ित परिवार और पुलिस का होगा नार्को टेस्ट –

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी के अनुसार हाथरस के बुलगड़ी में गैंगरेप मामले में पीड़िता के परिजन और पुलिस दोंनो पक्षों के बयान विरोधाभाषी आये है इसलिये दोनों का नार्को टेस्ट का फैसला लिया गया है जिससे यह स्पष्ट होगा कि कोंन सच बोल रहा है। लेकिन नार्को टेस्ट बिना मर्जी के किसी का नही हो सकता।

एसपी सहित 5 अधिकारी सस्पेंड –

इधर हाथरस घटना को लेकर देश भर में हो रहे विरोध और पुलिस की संदेहात्मक भूमिका को लेकर योगी सरकार बैकफुट पर आ गई है और हाथरस एसपी विक्रांत वीर डीएसपी सीईओ इंस्पेक्टर सहित 5 पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया हैं। लेकिन पीड़िता का आधी रात में शव जलाने का ऑर्डर देने के साथ परिवार को तथाकथित धमकी देने वाले डीएम प्रवीण कुमार और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ फिलहाल कोई कार्यवाही नही हुई हैं।

उमाभारती की मुख्यमन्त्री योगी को सीख –

इधर ऋषिकेश के एम्स अस्पताल में भर्ती पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने सोशल मीडिया के मॉर्फत योगी संरकार को नसीहत देते हुए कहा कि पुलिस की संदेहास्पद कार्यवाही से आपकी सरकार और भाजपा की छवि पर आंच आई हैं आखिर ऐसा कोंन सा नियम है कि एसआईटी जांच के दौरान मीडिया या अन्य किसी से मिलने नही दिया जा रहा हैं उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहा है कि वे परिवार को दलों और मीडिया से मिलने दे मैं बोलना नही चाहती थी लेकिन पुलिस और प्रशासन की कार्यवाही देखकर कई आशंकाएं जन्म ले रही हैं। लगता है।

मीडिया को गांव में जाने की इजाजत –

लगता है उमा भारती के इस बयान के बाद योगी सरकार नींद से जागी और फिलहाल उंसने मीडिया को गांव में दाखिल होने की इजाजत दे दी हैं। उमा भारती ने ठीक होने के बाद हाथरस जाने की इच्छा भी जताई हैं वहीं एक और साध्वी निरंजन ज्योति ने भी इस घटना और पुलिस की भूमिका पर अपनी चिंता व्यक्त की हैं।

आरोपियों के समर्थन में आया सवर्ण समाज –

इधर अब एक नया एंगिल सामने आ रहा है चूंकि सभी आरोपी ठाकुर समाज के है और सवर्ण समाज अब आरोपियों के समर्थन में खुलकर सामने आ गया हैं इनके पक्ष में हाथरस और आसपास के एक दर्जन गांवों की महापंचायत हुई जिसमें सीबीआई जांच की मांग की गई है जबकि बीजेपी के पूर्व विधायक राजवीर सिंह ने आरोप लगाया है कि लड़की को उंसके ही भाई और माँ ने मारा हैं और जिन्हें आरोपी बनाया वह निर्दोष हैं।

Image source: PTI
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