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लखीमपुर खीरी

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लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र से लंबी पूछताछ, कई सबाल के जबाब में अटका, गिरफ्तारी के आसार

Lakhimpur protest

लखीमपुर खीरी – किसानों को वाहन से कुचलकर मारने के आरोप में केंद्रीय गृहराज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष मिश्र उर्फ मोनू से आज क्राइम ब्रांच पुलिस सुबह से लगातार पूछताछ कर रही थी बताया जाता है आशीष ने भी अपने बचाव में कुछ लोगों के बयानों के साथ अन्य साक्ष्य पुलिस के सामने रखे हैं। लेकिन 8 घंटे की पूछताछ के बाद दौरान आशीष मिश्र मोनू कई सबालों के जबाब देने में अटक गया जिससे एसआईटी संतुष्ट नही दिखी जिससे आशीष की गिरफ्तारी होने की संभावना दिखाई देने लगी है।

पुलिस की 8 सदस्यीय एसआईटी की टीम ने आज मजिस्ट्रेट की विशेष मौजूदगी में आशीष मिश्र मोनू से किसानों की मौत मामले में पूछताछ की है आज सुबह करीब 10.40 बजे आशीष क्राइम ब्रांच दफ्तर पहुंचा था। उंसके साथ दो कानूनी सलाहकार और एक बीजेपी विधायक भी साथ पहुंचे थे। उंसके बाद 11 बजे से आईजी उपेंद्र अग्रवाल के नेतृत्व में 8 सदस्यीय अधिकारियों की टीम ने उससे पूछताछ शुरू की।

जैसा कि पुलिस ने गुरूवार को केंद्रीय गृहराज्य मंत्री और आशीष के पिता अजय मिश्र के लखीमपुर स्थित मकान पर आशीष को समन नोटिस जारी कर चस्पा किया था और उसे क्राइम ब्रांच के दफ्तर में शुक्रवार सुबह 10 बजे उपस्थित होने के आदेश दिये थे लेकिन उसने बीमारी के कारण शनिवार सुबह 11 बजे उपस्थित होने की पुलिस को सूचना भिजवाई थी। 3 अक्टूबर को लखीमपुर हिंसा में जिस थार वाहन से कुचलकर चार किसानो की मौत हुई थी वह वाहन मंत्री मिश्र का था किसानों का आरोप था उस वाहन को उनके बेटा आशीष चला रहा था और उसने आंदोलनरत किसानों को रौंद दिया। जिससे 4 किसानों की गाड़ी के नीचे आकर कुचलने से मौत हो गई थी। इस मामले में लखीमपुर पुलिस ने आशीष मिश्र को धारा 302 का आरोपी बनाया था। कुल 15 आरोपियों में से दो को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी हैं।

एसआईटी की टीम आशीष से करीब 10 घंटे से पूछताछ कर रही है उसमें उनका थार महिंद्रा वाहन घटना स्थल पर कैसे पहुंचा? और उनके पक्ष व्दारा घटना के समय आशीष की दंगल कार्यक्रम में मौजूद होने की बात कही गई थी उसमें समय अलग अलग पाया गया जबकि एसआईटी को यह भी जानकारी मिली हैं थार वाहन आशीष ही चला रहा था जबकि आशीष एसआईटी के सबालों का कोई सही जबाब नही दे सका वही उसके लाये वीडियो और रखे पक्ष से एसआईटी संतुष्ट नही हुई इस तरह लंबी पूछताछ के बाद कई प्रश्नों का जबाब नही मिलने और गलत पाये जाने से आशीष की गिरफ्तारी की तलवार लटकती साफ दिखाई दे रही है यदि उसे गिरफ्तार किया जाता है तो उसे मेडीकल के बाद कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लेगी।

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लखीमपुर कांड के दो आरोपी गिरफ्तार, मंत्री मिश्र के घर नोटिस चस्पा, बेटे आशीष को कल हाजिर होने के आदेश, एससी ने यूपी सरकार से मांगी स्टेटस रिपोर्ट

Notice To Ajay Mishr Teni Son

लखीमपुर खीरी- एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार की मुसीबत बढ़ा दी है उस बीच क्राइम ब्रांच पुलिस ने केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्र के लखीमपुर स्थित घर पर नोटिस चस्पा करते हुए उनके पुत्र आशीष को शुक्रवार को अपने कार्यालय में उपस्थित होने का आदेश दिया है जबकि किसानों को कुचलकर मारने के दो आरोपियों को पुलिस ने आज गिरफ्तार कर लिया है। इस बीच जहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका मृत किसान और पत्रकार के परिजनों से मिले और उन्हें न्याय दिलाने का ढांढस दिया जबकि प्रियंका अन्य किसान परिवारों से मिलने बहराइच रवाना हो गई हैं।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के लखीमपुर के शाहपुर कोठी स्थित उनके निवास के बाहर आज क्राइम ब्रांच पुलिस ने एक नोटिस चस्पा किया है जिसमें उनके बेटे आशीष मिश्रा को शुक्रवार सुबह 10 बजे अपने ऑफिस में उपस्थित रहने को कहा है बताया जाता है जांच कमेटी उससे पूछताछ करेगी।

3 अक्टूबर को हुई घटना में मंत्री मिश्रा की महिंद्रा थार गाड़ी से कुचलकर 4 किसानों की मौत हुई थी इस घटना में एक पत्रकार और तीन अन्य लोगों की भी मौत हुई थी इसके बाद पुलिस ने मंत्री के बेटे आशीष सहित 15 लोगों के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश रचने का मामला दर्ज किया था आज पुलिस ने दो आरोपी लवकुश और आशीष पांडेय को गिरफ्तार कर लिया हैं।

इधर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की नींद हराम कर दी हैं लखीमपुर घटना को लेकर एससी में दाखिल एक याचिका पर जेसीआई एनवी रामन्ना की अगुआई में तीन जजों की बैच सुनवाई कर रही है। जबकि आज एससी ने यूपी सरकार से लखीमपुर मामले में स्टेट्स रिपोर्ट मांगी है जिसमें सरकार को अभी तक की गई कार्यवाही के साथ एफआईआर में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी हुई अथवा नही और यदि अभी तक उनकी गिरफ्तारी क्यो नही हुई यह जानकारी भी देना होगी।

जैसा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी लखीमपुर आने के लिये बुद्धवार को विमान से लखनऊ पहुंचे थे लेकिन स्थानीय प्रशासन ने उन्हें अपने सरकारी वाहन से जब लेजाना चाहा तो राहुल गांधी ने उंसका विरोध करते हुए विमान तल पर ही धरना शुरू कर दिया उनके साथ मौजूद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी राहुल के साथ धरने पर बैठ गये। कुछ घंटों के बाद प्रशासन ने उनको उनकी गाड़ी में लखीमपुर जाने की इजाजत दे दी राहुल दोनो सीएम और अन्य नेताओं के साथ पहले सीतापुर पहुंचे जहां एक रेस्टहाउस में प्रियंका गांधी को गिरफ्तार करके रखा गया था। राहुल के आने से पूर्व प्रियंका को भी रिहा कर दिया गया करीब एक घंटे राहुल सीतापुर रेस्ट हाउस पर रुके और दोनो के बीच बातचीत भी हुई।

उंसके बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दोनो सीएम के साथ लखीमपुर सड़क मार्ग से रवाना हुए दोनो नेता पहले लखीमपुर के तिकुनिया गांव पहुंचे और मृत किसान लवप्रीत के घर पहुंचकर उनके परिजनों से मिले राहुल के पिता और प्रियंका उसकी माँ से गले मिले और दुख जताते हुए उन्हें सांत्वना देते हुए न्याय दिलाने का भरोसा दिया। उंसके बाद राहुल और प्रियंका निघासन गांव पहुंचे और मृत पत्रकार रमन कश्यप के मातापिता से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया। पिता की शिकायत थी कि उन्हें उसके बेटे के साथ घटी घटना की किसी ने कोई जानकारी नही दी सोशल मीडिया पर आए फोटो देखकर उन्हें उसकी मौत की जानकारी मिली। उंसके बाद दोनों नेता मुख्यमंत्रियों के साथ मृत किसान नक्षत्र सिंह के घर पहुंचे और उनके बेटे और परिवारजनों से मिलकर उन्हे हर संभव मदद का भरोसा दिया। उंसके बाद राहुल गांधी किसी जरूरी कार्यवश लखनऊ लौट गये जबकि गुरूवार को प्रियंका गांधी अन्य दो मृत किसान परिवारों से मिलने बहराइच रवाना हो गईं।

जबकि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मृत किसानों के परिजनों को अपनी सरकार की तरफ से 50 -50 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी इस दौरान की हैं।

गुरुवार को कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला से भारी लावलश्कर के साथ लखीमपुर रवाना हुए लेकिन उनके काफिले को प्रशासन और पुलिस ने यूपी बार्डर के सहारनपुर पर रोक दिया जिससे कांग्रेस कार्यकर्ता नाराज हो उठे और उन्होंने रोकने के लिये लगाये गये बेरीगेट तोड़ दिये और आगे निकल आये तब पुलिस ने सिद्धू सहित पंजाब के मंत्री अमरिंदर सिंह राजा, विजयेंद्र सिंगला गुरूक़ीरत सिंह सहित चार विधायकों को हिरासत में ले लिया। लेकिन करीब 5 घंटे बाद उन्हें छोड़ दिया गया और सिद्धू लखीमपुर निकल पड़े।

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मंत्री पुत्र के खिलाफ एफआईआर गिरफ्तारी नहीं, पीएम रिपोर्ट मिलने के बाद हुआ मृत किसानों का अंतिम संस्कार, विपक्षी नेताओं की हिरासत का विरोध जारी

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लखीमपुर खीरी – उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 4 किसानों सहित 8 लोगों की मौत के बाद आज मृतकों के परिजनों सहित किसानों ने सड़क पर शव रखकर धरना दिया उंसके बाद प्रशासन और किसान नेताओं के बीच कुछ मुद्दों पर सुलह हुई जिसमें मृतकों के परिजनों को 45 लाख का मुआवजा एक व्यक्ति को नोकरी औऱ कोर्ट के रिटायर्ड जज से मामले की जांच पर सहमति बनी लेकिन मंगलवार को किसानों ने बिना पीएम रिपोर्ट मिले मृतक किसानों का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया बाद में रिपोर्ट मिलने के बाद 4 में से 3 किसानों का आज अंतिम संस्कार हुआ जबकि आरोपियों की गिरफ्तारी नही होने से किसान और विपक्ष सबाल उठा रहा है ।इधर प्रियंका गांधी को हिरासत में लेने और विपक्षी नेताओं को लखीमपुर खीरी नही जाने का भारी विरोध हो रहा हैं। उनका आरोप है कि योगी और मोदी सरकार संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही हैं।

जैसा कि रविवार को जब यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को विरोध स्वरूप काले झंडे दिखाने के दौरान हुई हिंसा में 4 किसानों और एक पत्रकार सहित 8 लोगों की मौत हुई थी किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने अपने समर्थकों के साथ किसानों पर वाहन चढ़ा दिया था। वही केंद्रीय मंत्री का कहना है किसानों ने बीजेपी कार्यकर्ताओ को पीटपीट कर मार डाला।

सोमवार को किसान नेता राकेश टिकैत और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के साथ चर्चा के बाद सहमति बनी कि मृतक किसानों के परिजनों को 45 -45 लाख एक सदस्य को सरकारी नोकरी और रिटायर्ड जज से प्रकरण की जांच कराई जायेगी जबकि इस घटना में घायलों को 10 -10 लाख की मदद भी की जायेगी। लेकिन किसान और मृत किसानों के परिजन जो शव लेकर चक्काजाम कर रहे थे वे बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिले दाह संस्कार करने पर राजी नही हुए आज मंगलवार को जब रिपोर्ट मिल गई तब इन शवों का अंतिम संस्कार हुआ।

इधर सयुक्त किसान मोर्चे ने कहा है यदि सभी मांगे पूर्ण होने के साथ किसानों को न्याय नहीं मिलता तो मोर्चा 1 माह बाद फिर आंदोलन करेगा। जबकि अभी तक पुलिस ने एफआईआर होने के बावजूद मंत्री के बेटे को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है जबकि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने अपने बयान में इस को साजिश बताते हुए किसानों को ही दोषी बता रहे है उनका कहना है कि उनके 3 बीजेपी कार्यकर्ताओ को मार दिया गया इसमें किसानों के बीच आताताई मौजूद थे उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमला किया उन्होंने यह भी कहा कि मेरा बेटा आशीष उर्फ मोनू वहां था ही नही।

लेकिन जो घटना के जो वीडियो सामने आये है उसमें तीन वाहन दो बार किसानों के बीच से गुजरे लेकिन किसान काले झंडे लिये शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करते नजर आये जबकि बाद में आये वाहन ने सीधा पीछे से किसानों पर टक्कर मारी जिससे 4 किसानों एक पत्रकार और तीन अन्य लोगों की मौत हो गई जबकि करीब एक दर्जन लोग घायल हो गये जहां तक पीएम रिपोर्ट की बात है 3 किसानों की हेड इंज्यूरी और एक किसान की घसीटे जाने से मौत हुई जबकि अन्य 4 लोगों की मौत का कारण पिटाई बताया गया हैं।

इधर विपक्षी नेताओं को आज भी लखीमपुर नही जाने दिया गया जो नेता वहां जाने वाले थे उनमें सपा नेता अखिलेश यादव , आप के संजय सिंह बसपा के सतीश मिश्रा और कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा प्रमुखता से शामिल है प्रियंका को प्रशासन ने सीतापुर के रेस्ट हाउस में हिरासत में रखा हैं।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि उन्हें योगी सरकार ने तीन दिन से हिरासत में रखा है जबकि वे सिर्फ पीड़ित किसान परिवारों से मिलकर अपनी संवेदना व्यक्त करना चाहती थी चुनावी राजनीति करने के सबाल पर उन्होंने कहा कि हाथरस और सोनभद्र भी उन्हें नही जाने दिया गया तब भी चुनाव थे क्या। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस मंत्री ने किसानों को धमकी दी और किसानों को मारने के उनके बेटे पर आरोप लगे एफआईआर भी दर्ज हुई यूपी का प्रशासन और पुलिस उनपर कोई कार्यवाही नही कर रही।

जबकि आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी प्रशासन ने लखनऊ के एरोड्रम से बाहर नही निकलने दिया, जिसके विरोध में वे वही जमीन पर धरने पर बैठ गये उनका कहना था वे केवल प्रियंका गांधी से मिलने सीतापुर जाना चाहते थे। लेकिन उन्हें जाने नही दिया गया बघेल ने कहा कि हमने लखनऊ की तहजीब के बड़े किस्से सुने थे लेकिन उल्टा पाया। समझ नही आता कि योगी सरकार क्या छुपाना चाहती हैं जिससे लगता है कही ना कही गड़बड़ जरूर हैं। बताया जाता है सीएम बघेल बाद में लखनऊ से रायपुर बापस आ गये।

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