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महापंचायत में उमड़े किसान आंदोलन को तेज करने कई निर्णय 27 सितंबर को भारत बंद, कृषि कानून वापस नही तो घर वापसी भी नही कहा टिकैत ने

Rakesh Tikait

मुजफ्फरनगर – किसानों ने रविवार को किसान नेता चोधरी चरण सिंह और महेंद्र सिंह टिकैत के क्षेत्र मुजफ्फरनगर से हुंकार भरी और केंद्र की मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक कृषि कानूनों को बापस नही लिया जाता तब तक किसान घर बापस नही जायेंगे चाहे बॉर्डर उनकी कब्रगाह ही क्यों ना बन जाये।उन्होंने साफ किया कि वह योगी और मोदी के क्षेत्रों सहित पूरे देश में भी बीजेपी के खिलाफ घर घर अलख जगायेंगे। महापंचायत में चार महत्वपूर्ण फैसले लेने के साथ अब 27 सितंबर को भारत बंद का निर्णय भी लिया गया।

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के जीआईसी ग्राउंड पर रविवार को सयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में महापंचायत का आयोजन हुआ जिसमें भारी संख्या में किसानों ने भागीदारी की जिससे लगा कि एक तरफ केंद्रीय सरकार अड़ी है और कृषि कानून बापस लेना तो दूर उसपर विचार करना भी नही चाहती वही आज की ऐतिहासिक किसान महापंचायत में किसानों की भारी भीड़ से यह भी साफ हुआ कि अब किसान भी आर पार की लड़ाई के मूड में है और वह भी 10 महिने होने के बावजूद पीछे हटने वाले नही हैं। इसके चलते इस महापंचायत में आंदोलन को तेज करते हुए चार प्रमुख निर्णय लिये गये जिसमें किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में हरियाणा के करनाल में 7 सितंबर को महापंचायत, 9 और 10 सितंबर को लखनऊ में किसान आंदोलन से जुड़ी बैठके, और 15 सितंबर को जयपुर में किसान संसद का आयोजन होगा चौथा बड़ा निर्णय भारत बंद से जुड़ा है किन्हीं कारणों के चलते अब 25 सितंबर की जगह 27 सितंबर को भारत बंद का आव्हान महापंचायत में किया गया। साथ ही किसान नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस और योगी आदित्यनाथ के क्षेत्र गोरखपुर पर खास फोकस रखेंगे साथ ही 18 मंडलों में महापंचायत करने का भी निर्णय लिया गया।

अब मिशन उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को और व्यापक रूप दिया गया महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अब उत्तर प्रदेश के हर जिले में सयुक्त किसान मोर्चे की समतियो का गठन होगा उन्होंने कहा अब मिशन उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के साथ पूरे देश को बचाने की जरूरत है और इस आंदोलन को घर घर पहुंचाना होगा ।उन्होंने मोदी सरकार पर हल्ला बोलते हुए सरकार पर देश बेचने का आरोप लगाया टिकैत ने कहा सरकार रेलवे, सड़क बंदरगाह बिजली सभी निजीकरण कर रही है जिससे रोज़गार घटने का।खतरा पैदा होगा।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि महेंद्र सिंह टिकैत हमेशा सभी वर्गों के किसानों को साथ लेकर चलते थे इस दौरान उन्होंने हर हर महादेव और अल्लाहो अकबर का जयघोष कराने के साथ कहा टिकैत बाबा की तरह हमारा आंदोलन भी साम्प्रदायिक सौहाद्र की मिसाल हैं। राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक कृषि कानून बापस नही होते हमारा बॉर्डर पर आंदोलन जारी रहेंगा हम घर बापस नही जायेंगे चाहे हमारी बॉर्डर कब्रगाह ही क्यों ना बन जाये।

वही सयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने कहा केंद्र सरकार ने कई पाप किये है जिन्हें गिनाते हुए उन्होंने कहा कि सौ सुनार की एक लुहार की जो लोग आंदोलन को खत्म होने की बात करते थे इस ऐतिहासिक महापंचायत के जरिये उन्हें किसानों ने जबाब दे दिया है आज किसानों की भीड़ मुजफ्फरनगर में समा नही पा रही छोटा पड़ गया शहर, उन्होंने किसान कर्ज माफी को ढोंग बताते हुए कहा कि सरकार ने 86 लाख किसानों की कर्जमाफी का वायदा किया था लेकिन आरटीआई से खुलासा हुआ कि आधे किसानों का भी कर्जा माफ नही हुआ यादव ने कहा चार साल से सरकार ने गन्ना के रेट नही बढ़ाये बल्कि पिछला बकाया भी नही दिया चीनी मिलों पर पिछले सीजन का 7295 करोड़ बकाया हैं और 8700 करोड़ सरकार पर किसानों का उधार है। उंन्होने कहा कि यूपी में 2017 में 72 लाख किसानों का पीएम फसल बीमा था जो आज 47 लाख का रह गया जबकि कंपनियों ने बीमा के नाम पर ढाई हजार करोड़ का मुनाफा कमा लिया। यादव ने कहा पहली बार देखा कि सरकार मंत्रिमंडल के जरिये जाति गिना रही हैं इस तरह वह जाति के नाम पर तोड़ने की कोशिश कर रही है जबकि हम जोड़ने का काम कर रहे हैं।

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मुजफ्फरनगर में 5 सितंबर को किसान महापंचायत, पूरे देश से जुटेंगे किसान मोर्चे का दावा, कैमरे और कलम पर है बंदूक का पहरा कहा टिकैत ने

Farmers Protest at Border

मुजफ्फरनगर – उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसान 5 सितंबर को महापंचायत कर रहे है किसान मोर्चे के नेताओं का दावा है इस महापंचायत में पूरे देश से हजारों किसान शामिल होंगे। जैसा कि इस किसान महापंचायत की तैयारियों की जिम्मेदारी भारतीय किसान यूनियन को दी गई हैं।

किसान नेता राकेश टिकैत ने मीडिया से चर्चा में कहा कि हमारा आंदोलन पूरे देश मे चल रहा है और यह महापंचायत एक बानगी है जिसमें अकेले उत्तर प्रदेश नही बल्कि पूरे देश से किसान इन कृषि कानूनों के विरोध में शामिल हो रहे है और केंद्र की सरकार को अपनी एकजुटता की दिखायेंगे। किसान महा पंचायत की जरूरत के सबाल पर टिकैत ने तंज कसते हुए कहा आज कैमरे और कलम पर बंदूक का पहरा जो हैं इसलिए किसान जमीन पर उतरकर अपना विरोध दर्ज करा रहे है ।

उन्होंने एक सबाल पर कहा हॉ ठीक है हम बीजेपी का विरोध करने पश्चिम बंगाल गये उंसका परिणाम भी सभी ने देखा एक उत्तर प्रदेश ही नही जिस राज्य में विधानसभा चुनाव होंगे किसान हर जगह बीजेपी की खिलाफत करेगा और सच्चाई बतायेगा उन्होंने कहा हमें किसी अन्य दल से कोई सरोकार नही है हमारा उद्धेश्य सिर्फ और सिर्फ बीजेपी और कृषि कानूनों का विरोध दर्ज कराना हैं।

जैसा कि किसान केंद्रीय बीजेपी सरकार व्दारा लाये गये नये तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 10 महीनों से आंदोलन कर रहे है देश के 40 किसान संगठन इन कानूनों को बापस लेने की मांग कर रहे है जबकि केंद्रीय सरकार और किसान मोर्चा के नेताओं की 11 दौर की मीटिंग होने के बावजूद अभी तक कोई निर्णय नही लिया जा सका है कारण है सरकार कुछ संशोधन तो करना स्वीकार करती है लेकिन कानून बापस लेने औऱ एमएसपी के लिये कानून बनाने पर कतई राजी नही है इस तरह दोनों के बीच गतिरोध जारी है और अक्टूबर 2020 से शुरू हुआ यह किसान आंदोलन आज भी जारी हैं।

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