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विधायक राजू पाल और मुख्य गवाह की हत्या का आरोपी बाहुवली अतीक अहमद साबरमती जेल से प्रयागराज रवाना, सुरक्षा के बीच यूपी पुलिस ला रही हैं, 28 मार्च को फैसला

Atiq Ahmed

प्रयागराज / बीएसपी विधायक राजू पाल और मुख्य गवाह और उनके भाई उमेश पाल की हत्या का मुख्य आरोपी बाहुवली और माफिया अतीक अहमद को यूपी पुलिस गुजरात की साबरमती जेल से भारी सुरक्षा के बीच प्रयागराज ला रही है। जैसा कि इन मर्डर केस में अदालत 28 मार्च को फैसला सुनाएगी इसलिए मुख्य अभियुक्त अतीक अहमद को यूपी पुलिस कोर्ट ने पेश करेगी अतीक अहमद के साथ दूसरे आरोपी उसके भाई अशरफ अहमद को भी पेश किया जायेगा जो यूपी की बरेली जेल में बंद हैं।

उत्तर प्रदेश पुलिस का विशेष टास्क फोर्स का दस्ता आज गुजरात के पोरबंदर स्थित जेल पहुंचा है जहां उन्होंने कोर्ट का प्रोटेक्शन बारंट जेल प्रशासन को दिखाया कुछ तकनीकी परीक्षण के बाद जेल प्रशासन ने अतीक अहमद को यूपी पुलिस के हवाले कर दिया। बताया जाता है इस पुलिस दस्ते मैं 6 वाहन 20 पुलिस के बड़े छोटे अधिकारी सहित कुल 45 पुलिस कर्मी शामिल है जो हथियारों से लैस है। जबकि सुरक्षा के मद्देनजर सिर्फ 8 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को मोबाइल रखने की अनुमति है बाकी पुलिस कर्मियों के मोबाइल जमा करा लिए गए है। पुलिस ने अपने वज्र वाहन में अतीक अहमद को बैठाया है और उसे आगे पीछे बंदूकों के साये में लेकर यह काफिला आगे बड़ा हैं।

एमपी एमएलए कोर्ट प्रयागराज 28 मार्च को इस डबल मर्डर केस में अपना फैसला सुनाएगा और फैसला सुनाते समय बाहुवली अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ अहमद मोजूद रहेंगे। इसीलिए यूपी पुलिस पोरबंदर जेल से अतीक अहमद को लेकर प्रयागराज ला रही हैं।

गुजरात के पोरबंदर से यूपी के प्रयागराज के बीच का यह सफर 1200 किलोमीटर का है जिसमें राजस्थान या मध्यप्रदेश से होते हुए दिल्ली भी बीच में पड़ेगा कुल 18 स्थानों पर जरूरत पड़ने पर रुकने की व्यवस्था की गई है यूपी पुलिस ने पूरा ऑपरेशन गोपनीय रखते हुए राज्य पुलिस को सूचना देते हुए एहतियातन पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था करने को कहा है। अपने ऑपरेशन के बारे में यूपी पुलिस के प्रभारी आईपीएस ने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की।

जैसा कि अतीक अहमद और उसके वकील ने पहले दलील दी थी कि जैसी साबरमती जेल में रहते उसकी कोर्ट ने पूरे केस की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की थी उसी तरह कोर्ट उसकी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इसका फैसला भी सुना दे। इसमें उसके वकील ने आशंका जताई थी कि यूपी जाने के दौरान अतीक अहमद के साथ कुछ भी हो सकता है इसका एनकाउंटर पुलिस कर सकती है उसके दुश्मन उसका मर्डर कर सकते है जिस वाहन से उसे लेजाया जायेगा उसे पलटाया जा सकता है लेकिन प्रयागराज के एमपी एमएलए कोर्ट ने उनकी इन सभी दलीलों को खारिज कर दिया और उन्हें सजा सुनाने के दौरान प्रयागराज कोर्ट में उपस्थित करने का आदेश सुना दिया।

उत्तर प्रदेश में 2006 में बीएसपी विधायक राजू पाल का मर्डर हुआ था इस केस में बाहुबली और विधायक रहे अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ अहमद को आरोपी बनाया गया था और दोनों को गिरफ्तार किया गया था और जेल में बंद थे लेकिन इस बीच राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह और उनके भाई उमेश पाल का एक गैंग बेदर्दी से ताबड़तोड़ फायरिंग कर मर्डर कर देता है खास बात है वह जब कोर्ट में बयान देकर लौट रहे थे तो घर के बाहर उनपर हमला हुआ था। इस मर्डर में भी पुलिस ने अतीक अहमद और उसके लोगों को आरोपी बनाया था।

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ज्ञानवापी मामला, गौरी श्रृंगार दर्शन याचिका की सुनवाई की स्वीकृति, इलाहाबाद कोर्ट 22 सितंबर को करेगा सुनवाई

Prayagraj Highcourt

प्रयागराज / इलाहाबाद जिला न्यायालय ने ज्ञानवापी मामले में दायर गौरी श्रृंगार दर्शन के लिए हिंदू पक्ष की दायर याचिका की सुनवाई को अपनी स्वीकृति दे दी है कोर्ट 22 सितंबर को इस केस की अगली सुनवाई करेगा।

इलाहाबाद कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को झटका दिया है और कोर्ट ने हिंदू पक्ष की दलील को मान लिया है और कोर्ट ने मस्जिद कमेटी के कोर्ट में दिए दावों को खारिज कर दिया हैं।

जैसा कि 5 महिलाओं ने इलाहाबाद जिला कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद में गौरी श्रृंगार दर्शन के लिए एक याचिका दायर की थी कोर्ट ने उस याचिका की सुनवाई की अनुमति प्रदान की है।

मस्जिद कमेटी ने अपने पक्ष में प्रमुख रूप से तीन दलीलें कोर्ट में पेश की जिसमें 1991 पूजा स्थल अधिनियम का हवाला दिया है जिस एक्ट के तहत कोई बदलाव नहीं किया जा सकता, दूसरा उसे उसने वक्फ की संपत्ति बताया उसके अलावा रिपोट खारिज भू राजस्व रिकार्ड का हवाला दिया है लेकिन इलाहाबाद कोर्ट ने यह सभी तीन दलीलों को खारिज कर दिया हैं। इसके बाद याचिका कर्ता महिलाओं में भारी खुशी है और हिंदू पक्ष जश्न मना रहा है ।

इधर मुस्लिम पक्ष के वकील मेराजुद्दीन सिद्धीकी ने कहा है कि इलाहाबाद जिला कोर्ट के इस याचिका सुनवाई के फैसले को लेकर वह हाईकोर्ट जाएंगे और बाद में ज़रूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट में भी जा सकते है। इससे लगता है कि ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित यह मामला कही बाबरी मस्जिद मामले की राह ना पकड़ले।

खास बात है कोर्ट ने भी अभी इस याचिका को स्वीकृति दी है जिसमें वह पूजा श्रृंगार केस की मामले की सुनवाई को अपनी स्वीकृति दी है फिलहाल उसने कोई फैसला नहीं दिया है। वही महिलाओं ने पूजा दर्शन के लिए यह याचिका दायर की है वही उन्होंने उसे मंदिर बनाने या ज्ञानवापी मस्जिद को उन्हे सोपाने की बात नही की है।

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लखीमपुर खीरी कांड: SIT ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की,मंत्री टेनी का बेटा आशीष हत्या का मुख्य आरोपी, कुल 13 आरोपी बनाये

Prayagraj Highcourt

प्रयागराज – लखीमपुर खीरी कांड की जॉच कर रही एसआईटी ने आज हाईकोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है जिसमें 13 आरोपी बनाये गये है सूत्रों के अनुसार यह चार्जशीट 5 हजार पेज की है। जिसमें केंद्रीय गृहराज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा मोनू को हत्या का मुख्य आरोपी बनाया है इसके अलावा 12 अन्य आरोपियों के नाम में आरोप पत्र में शामिल हैं।

गत 14 दिसंबर 2021 को एसआईटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस की सुनवाई के दौरान एक अर्जी देकर कहा था कि लखीमपुर खीरी में घटी घटना लापरवाही से नही बल्कि जानबूझकर समझी सोची साजिश के तहत सुनियोजित थी जिसमें केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा आशीष मिश्रा मोनू शामिल था जिसके नेतृत्व में ही इस हादसे को अंजाम दिया गया एसआईटी ने आशीष मिश्रा को हत्या का मुख्य आरोपी बनाया है उसके अलावा अंकित दास, वीरेंद्र शुक्ला सहित 12 अन्य आरोपियों के नाम एसआईटी ने हाईकोर्ट में पेश चार्जशीट में उल्लेखित किये हैं। खास बात है 14 दिसम्बर को कोर्ट में पेश अपनी अर्जी में एसआईटी ने यह भी कहा था कि इनपर धारा 302, 307, 326, 34 और धारा 120 बी के तहत कार्यवाही की जाये। फिलहाल आशीष मिश्रा सहित यह सभी 13 आरोपी जेल में हैं।

एसआईटी ने तीन वाहनों के बरामद होने की तस्दीक भी की है जिसमें थार महेंद्रा का रजिस्ट्रेशन खुद आशीष मिश्रा के नाम हैं जबकि फॉर्च्यूनर कार आशीष के दोस्त अंकित राय के नाम रजिस्टर्ड है इसके अलावा तीसरी गाड़ी स्कार्पियो जो इस वारदात में शामिल थी वीरेंद्र शुक्ल के घर से एसआईटी ने बरामद की वीरेंद्र शुक्ल मंत्री मिश्रा के रिश्तेदार बताये जाते हैं। उनपर साक्ष्य छुपाने का आरोप लगा हैं।

जैसा कि 3 अक्टूबर 2021 को किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का विरोध करने के दौरान जब किसान लौट रहे थे तभी पीछे से थार सहित तीन वाहनों ने भीड़ के रूप में आगे जा रहे किसानों को रौंद दिया था जिसमें चार किसानों के साथ एक पत्रकार की मौत हुई थी उंसके प्रतिकार के रूप में तीन बीजेपी कार्यकर्ता भी मारे गये थे। एसआईटी ने चार्ज शीट में इन्हीं 8 लोगों की मौत की जानकारी कोर्ट में पेश की हैं। इस तरह सोमवार को पूरे 90 दिन बाद एसआईटी ने हाईकोर्ट में चार्जशीट पेश की है सूत्रों के मुताबिक यह चार्जशीट 5 हजार पेज की बताई जाती हैं।

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महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत, सीबीआई का 20 सदस्यीय जांच दल दिल्ली से प्रयागराज रवाना

CBI

प्रयागराज – अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं बाधेश्वरी पीठ के महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत के मामले की गुत्थी अब सीबीआई सुलझायेगी, सीबीआई का 20 सदस्यीय जांच दल इसकीं तहकीकात करने के लिये आज दिल्ली से प्रयागराज रवाना हो गया है।

महंत नरेंद्र गिरि की मौत का यह मामला फिलहाल हत्या और आत्महत्या के बीच झूल रहा हैं अनेक साधु संतों और धार्मिक संस्थाओं की मांग पर अब इस मामले की जांच केंद्र सरकार ने सीबीआई को सौंपी है आज सीबीआई के 20 अधिकारी और कर्मचारियों का जांच दल दिल्ली से प्रयागराज आ रहा है जो सीबीआई के जॉइंट कमिश्नर विप्लव चोधरी के नेतृत्व में इस हाईप्रोफाइल मामले की जांच शुरू करेगा।

जैसा कि अभी तक यूपी पुलिस ने 6 लोगों को हिरासत में लिया था और सुसाइड नोट के आधार पर महंत के शिष्य आनंद गिरि और बाघेश्वरी पीठ के लेटे हनुमान मंदिर के प्रमुख पुजारी आद्दा तिवारी और उनके पुत्र संजीव तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया जिनसे पुलिस ने गहन पूछताछ की थी जो फिलहाल जेल में है इसके अलावा महंत के नजदीकी पुलिस गार्ड अजय सिंह सहित अन्य चार सुरक्षा कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया हैं।

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महंत नरेंद्र गिरि की मौत का मामला, सुसाइड या मर्डर?, कई खुलासे, शिष्य आनंद गिरि सहित 6 हिरासत में, सीएम ने दी श्रद्धांजलि, योगी सरकार पर सच सामने लाने की चुनोती

Shri Narendra giri

प्रयागराज – अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और बाधेश्वरी पीठ के महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है फिलहाल यह मर्डर है या सुसाइड इसका खुलासा नही हुआ है। शिष्यों के बताने पर प्रथम दृष्टया पुलिस इसे आत्महत्या का मामला बता कर इसके पीछे के कारणों की पड़ताल में जुटी है वही मिले सुसाइट नोट के आधार पर उनके प्रमुख शिष्य रहे आनंद गिरि सहित तीन शिष्यों और सुरक्षा गार्ड के साथ 6 लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया हैं। इधर शिष्य आनंद गिरि ने इस मामले को अलग दिशा देते हुए कहा कि गुरू जी कभी आत्महत्या कर ही नही सकते संपत्ति के लिये उनकी साजिशन हत्या की गई हैं। आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अनेक नेताओं ने प्रयागराज आकर दिवंगत महंत को श्रद्धांजलि अर्पित की इस दौरान योगी ने कहा कि जांच के लिये एडीजी की अगुआई में जांच टीम बना दी गई है जल्द मामले का पर्दाफाश होगा किसी को बख्शा नही जायेगा। जबकि सीबीआई जांच की सुगबुगाहट भी देखी जा रही है कुल मिलाकर सरकार के सामने भी बड़ी चुनोती कि एक बड़े संत की मौत का सच देश के सामने लाया जाये।

कैसे आई घटना सामने , पुलिस के मुताबिक शिष्यों ने खुदकुशी की दी थी जानकारी –

जैसा कि सोमवार को प्रयागराज के बाघेश्वरी मठ में महंत नरेंद्र गिरि की मौत हुई थी पुलिस के मुताबिक उनके शिष्यों ने बताया था कि महंत जी ने आत्महत्या कर ली है जब पुलिस मौके पर पहुंची तो महंत की देह नीचे रखी थी उनके गले और पंखे में रस्सी बंधी पाई गई पूछने पर मौजूद शिष्यों ने बताया कि जब दोपहर तीन बजे के बाद महंत जी आराम करने के बाद अपने कमरे से बाहर नही आये तो शक होने पर उन्होंने कमरे के किवाड़ तोड़े और अंदर दाखिल हुए तो वे पंखे पर लटके थे उन्होंने तुरंत महंत जी को रस्सी काटकर नीचे उतारा था। एडीजी प्रशांत कुमार के मुताबिक मामला संदिग्ध है पुलिस सभी साक्ष्य सुसाइड नोट और सामने आये तथ्यों की वैज्ञानिक तरीके से जांच करा रही हैं।

शिष्य आनंद गिरी सहित 6 हिरासत में –

पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि को हरिद्वार से और मठ के हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्दा तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को प्रयागराज से हिरासत में ले लिया है, पुलिस आनंद गिरि को हरिद्वार से प्रयागराज ले आई हैं और सुसाइड नोट के आधार पर उसपर एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ शुरू हो गई हैं। जबकि हिरासत में लिया गया महंत का सुरक्षा कर्मी अजय सिंह भी संदेह के घेरे में है चूंकि वह हमेशा महंत के साथ साये की तरह रहता था और इन शिष्यों के साथ इस अदना से पुलिस गार्ड की भी काफी संपत्ति बताई जाती है उंसके अलावा दो अन्य राजनेताओं को भी पुलिस ने हिरासत में लिया हैं। जिसमें से एक पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री रहे नेता है जिनके संबंध भी सामने आये है शक है कि यह महंत को किसी बात पर ब्लैकमेल भी कर रहे थे। सूत्रों के मुताबिक इसके अलावा पुलिस को एक वीडियो भी मिला है जिसमें महंत नरेंद्र गिरि उन्हें परेशान करने वाले लोगों के नाम बता रहे हैं।

खुद को बेकसूर बताने वाले शिष्य आंनद गिरि का इतिहास –

महंत नरेंद्र गिरि के पुराने और खास रहे शिष्य आनंद गिरि योग शिक्षित है जो खूबसूरत और आकर्षक दिखते है बताया जाता है यह पीठ में महंत के बाद दूसरे नंबर पर थे यही बजह थी कि इन्हें नरेंद्र गिरि महाराज का उत्तराधिकारी भी समझा जाने लगा था लेकिन पिछले दिनों पैसा और संपत्ति को लेकर हुए विवाद के बाद इन्हें पीठ से निकाल दिया गया था वही वर्ष 2018 में ऑस्ट्रेलिया में इन्होंने योगा शिविर लगाया जहां दो महिलाओं के साथ छेड़छाड़ का इनपर मामला कायम हुआ था 2019 में उससे यह बरी हुए बाद में गुरूजी के हाथ पांव पकड़ कर इन्होंने माफी मांगी और महंत नरेंद्र गिरी ने इन्हें माफ भी कर दिया था उसके बाद यह फिर से मठ में सक्रिय हो गये थे।

सुसाइड नोट का मुख्य आरोपी और शिष्य आनंद गिरि क्या कह रहा है –

सुसाइड नोट में जिन तीन शिष्यों के परेशान करने का उल्लेख है उनमें शामिल आनंद गिरि एक अलग ही कहानी अलाप रहा है उसका साफ साफ कहना है कि उसके गुरू महंत नरेंद्र गिरि का जीवन बेबाक और स्वच्छ था वे कभी भी आत्महत्या नही कर सकते उनकी साजिशन हत्या की गई है और इसमें वह लोग शामिल है जिन्होंने मंदिर और पीठ की संपत्ति और पैसा हड़पा और करोड़ों की अपनी संपत्ति खड़ी की उन्होंने ही मुझे उनसे दूर किया और मुझे फंसाने के लिये मेरे खिलाफ ही षडयंत्र रचा, और वे किसी तरह की जांच के लिये तैयार है। आनंद गिरि ने मीडिया से चर्चा में कहा कि गुरू जी ने अपने जीवन काल में कभी कोई पत्र नही लिखा फिर इतना लंबा सुसाइड नोट कैसे लिख दिया उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस मामले की वे पारदर्शिता के साथ जांच कराएं।

संत समाज मांग करेगा तो होगी सीबीआई जांच –

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य आज प्रयागराज स्थित बाघम्बरी पीठ पहुंचे इस मौके पर उन्होंने दिवंगत संत नरेंद्र गिरि को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि हमारे और संत समाज के लिये उनका जाना काफी पीड़ादायक और दुखपूर्ण घटना हैं हम किसी को बख्शेंगे नही एक सबाल पर उंन्होने कहा यदि साजिश नही होती तो वे फांसी क्यों लगाते,उन्होंने कहा यदि संत समाज चाहेगा और मांग करेगा तो सरकार सीबीआई जांच भी करायेगी।

सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि, घटना का होगा पर्दाफाश दोषियों को मिलेगी सजा –

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज सुबह प्रयागराज पहुंचे और बाघेश्वरी मठ में जाकर महंत नरेंद्र गिरि के अंतिम दर्शन कर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की इस दौरान उन्होंने स्थानीय संत साधुओं से चर्चा भी की , इसके उपरांत मीडिया से बातचीत में इसे दुखद अवसान बताते हुए उनके जाने को बड़ी धार्मिक और आध्यात्मिक अपूर्णीय क्षति बताया और कहा उंन्होने 13 अन्य अखाड़ों को एक सूत्र में जोड़कर संत समाज की जो सेवा की वह अकल्पनीय हैं योगी ने कहा उनके 2019 के प्रयागराज कुंभ में अतुलनीय योगदान दिया। उनके संकल्प को संत समाज आगे बढ़ाएं यह मेरा निवेदन है। सीएम योगी ने कहा की कोई अनावश्यक बयानबाजी ना करें , कई साक्ष्य सामने आये है बरिष्ठ धर्माचार्य से जुड़ा मामला है एडीजी (कानून व्यवस्था) आईजी और डीआईजी प्रयागराज एवं मंडला सहित चार पुलिस अधिकारियों को इस मामले की जांच टीम बनाई गई है किसी को बख्शा नहीं जायेगा ,जल्द इस घटना का पर्दाफाश होगा और दोषियों को अवश्य सजा मिलेगी उन्होंने बताया कि महंत नरेंद्र गिरि के अंतिम दर्शन कल बाघम्बरी पीठ में होंगे, उनका पीएम 5 सदस्यीय टीम करेगी तत्पश्चात उनको पीठ में उनके गुरू के समक्ष भू समाधि दी जायेगी।

एडीजी जोन के मुताबिक पुलिस सक्षम सच लायेगी सामने,सरकार चाहे तो कराये सीबीआई जांच –

पुलिस संदिग्ध हालातों में हुई मौत की गुत्थी सुलझाने में जीजान से लगी है एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है घटना स्थल से मिले साक्ष्य और सुसाइड नोट की फॉरेंसिक जांच की जा रही हैं फिलहाल तीन शिष्यों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है उन्होंने कहा कि पुलिस जिस तरह जांच कर रही है संभावना है जल्द पूरे मामले का खुलासा हो जायेगा जहां तक सीबीआई जांच का सबाल है सरकार चाहे तो करा सकती है लेकिन पुलिस इस बड़े मामले को सुलझाने में पूरी तरह सक्षम है।

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अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं बाघम्बरी पीठ के पीठाधीश्वर नरेंद्र गिरि ने की आत्महत्या, सुसाइट नोट में शिष्य को बताया मौत का जिम्मेदार

Shri Narendra giri

प्रयागराज – बाघम्बरी पीठ के पीठाधीश्वर और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है जबकि पुलिस के मुताबिक उन्होंने आत्महत्या की है पुलिस घटनास्थल की जांच कर रही है वही पुलिस को घटना स्थल से एक सुसाइट नोट भी मिला है जिसमें उन्होंने अपनी मौत का जिम्मेदार अपने ही शिष्य आनंद गिरि को बताया हैं। बताया जाता है आनंद गिरि को पुलिस ने हरिद्वार से हिरासत में ले लिया है।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं प्रयागराज के बाघम्बरी मठ के पीठाधीध्वर जाने माने संत महंत नरेंद्र गिरि महाराज की देह आज मठ के उनके कमरे में फंदे पर लटकी पाई गई जिसे देखने के बाद मठ में हड़कंप मच गया और पुलिस को खबर की गई शिष्यों के अनुसार दोपहर साढ़े तीन बजे तक गुरूजी मठ के अपने गद्दी वाले कमरे से रोजाना बाहर आ जाते थे लेकिन आज जब 5 बजे तक नही निकले तो किवाड़ खोलने की कोशिश की लेकिन कुंडी अंदर से बंद थी संदेह होने पर बाद में किवाड़ तोड़कर जब देखा गया तो महंत नरेंद्र गिरि पंखे पर फांसी पर लटके थे।

जानकारी मिलने पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी अवाक रह गये और मामला हाई प्रोफाइल था तुरत फुरत आईजी प्रयागराज केपी सिंह और पुलिस अधीक्षक सहित कई पुलिस अधिकारी, एफएसएल की टीम सहित जांच दल मौके पर आ पहुंचा और तफ्तीश शुरू कर दी। पुलिस बाघम्बरी मठ में मौजूद सभी लोगों से पूछताछ कर रही हैं। एडीजी कानून प्रशांत कुमार के मुताबिक हमें मठ से फोन पर बताया गया कि महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या कर ली है जब आईजी और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे तो महंत जी का शरीर उनके शिष्यों ने पंखे से रस्सी काटकर नीचे रख दिया था पंखे और उनके गले में रस्सी बंधी हुई थी।

घटना स्थल पर खोजबीन करने पर 7 पेज का एक सुसाइट नोट मिला है उसमें उन्होंने अपने एक शिष्य आनंद गिरि के नाम का उल्लेख करते उसे अपनी मौत का दोषी बताते हुए बड़े मार्मिक तऱीके से लिखा कि जब सम्मान ही नही तो फिर क्या सम्मान के बिना मैं जीना नही चाहता नोट में उन्होंने अपनी वसीयत के बारे में भी लिखा हैं। एडीजी ने बताया कि फिलहाल उनके शिष्य आंनद गिरि को हरिद्वार से हिरासत में ले लिया गया है पुलिस उससे पूछताछ करेगी।

प्रयागराज के आई जी के मुताबिक जो प्रथम दृष्टया महंत नरेंद्र गिरी महाराज ने आत्महत्या की है आगे जो भी साक्ष्य सांमने आयेंगे पुलिस कार्यवाही करेगी साथ ही पुलिस अन्य सभांवनाओं की भी पड़ताल करेगी।

इधर इस घटना के बाद संत समाज में काफी दुख व्याप्त हैं, जूना अखाड़ा के संत उमाकांत सरस्वती ने महंत नरेंद्र गिरि के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि गिरि महाराज का व्यक्तित्व काफी विशाल था। जबकि उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने उनके निधन को संत समाज की बड़ी क्षति बताते हुए कहा कि आज दुख और विषाद का क्षण है परमपिता परमात्मा उन्हें अपने चरणों में स्थान दे वे ऐसे संत थे जिन्होंने सभी के लिये काम किया।

इधर बाबा रामदेव ने कहा कि उनका जाना एक योद्धा का जाना है अंतरात्मा मान नही रही वे रहस्यमय तरीक़े से वह हमारे बीच से चले गये मेरी सरकार से मांग है कि उनकी मौत का रहस्य उजागर होना चाहिये।

इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने महंत नरेंद्र गिरि के निधन पर दुख व्यक्त किया हैं।

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