चित्रकूट- उत्तरप्रदेश की चित्रकूट स्थित जेल में बदमाशों के बीच हुए गैंगवार में तीन शातिर खूंखार अपराधी मारे गये है लेकिन जेल प्रशासन पर सबालिया निशान उत्पन्न होता है कि जेल में बंद एक अपराधी के पास असलाह कैसे पहुंच गया जिसने अपने दो दुश्मनों को गोली से उड़ा दिया । जो बाद में पुलिस एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया। इधर मुख्यमंत्री ने इस मामले में तुरंत संज्ञान लिया और जांच के बाद चित्रकूट के जेल अधीक्षक और जेलर को सस्पेंड कर दिया है। खास बात है आपस मे मारे गये दोनो बदमाश और पुलिस एनकाउंटर में मारा गया तीसरा बदमाश उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधियों में शामिल थे।
बुंदेलखंड क्षेत्र की चित्रकूट के कारागार में शुक्रवार की सुबह 10 बजे यह गैंगवार हुआ उत्त्तर प्रदेश के शातिर बदमाश अंशुल दीक्षित और जेल में बंद मुकीम काला के बीच किसी अदावत को लेकर यह घटना हुई जिसमे अंशुल ने मुकीम काला पर पिस्टल से अंधाधुंद फायरिंग की जिससे मुकीम काला की घटना स्थल पर ही मौत हो गई गोलियों की आवाज सुनकर जेल के सुरक्षा कर्मी दौड़े लेकिन अंशुल ने उन्हें पिस्टल दिखा कर धमकाया और बैरक में छुप गया बाद में खबर देने पर भारी पुलिस बल और अधिकारी घटना स्थल पहुंचे और उंन्होने जब हथियारबंद बदमाश को ललकारा और समर्पण करने को कहा तो उंसने उल्टा पुलिस पर ही गोली चलादी जिससे पुलिस ने आत्म रक्षा में उसपर फायरिंग की औऱ बदमाश अंशुल दीक्षित को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया, लेकिन जब पुलिस ने वहां छानवीन की तो एक अन्य अपराधी मिराज अली की खून से लथपथ लाश पुलिस को मिली यह अपराधी भी यहां जेल में सजा भुगत रहा था।
बताया जाता है शार्प शूटर अंशुल दीक्षित उत्तर प्रदेश के सीतापुर का उभरता अपराधी था और बर्चस्व की लड़ाई के कारण अंशु और मुकीम काला दोनों में रंजिश की बात सामने आई है मुकीम काला शामली के केरोना का रहने वाला था पेशे से मिस्त्री मुकीम ने अपने बड़े भाई बदमाश वसीम काला से अपराध की इवारत सीखी और उसने पहला अपराध पानीपत में 18 लाख की डकैती से शुरू किया उंसने अपने मिस्री के काम के दौरान मकान मालिक के यहां इस वारदात को अंजाम दिया था। भाई के मारे जाने के बाद मुकीम काला गैंग का सरगना बन गया और वह पूर्वांचल से उत्तराखंड तक वारदातों को अंजाम देकर दहशत और अपराध का पर्याय बन गया शातिर अपराधी मुकीम काला पश्चिम उत्तर प्रदेश का बड़ा अपराधी तो था ही बल्कि उत्तराखंड के अलावा पंजाब हरियाणा तक इसने आतंक बरपा रखा था इसके खिलाफ हत्या लूट डकैती और रंगदारी के 61 मामले दर्ज है। शातिर अपराधी मुकीम काला एक सप्ताह पहले ही सहारनपुर जेल से चित्रकूट कारागार शिफ्ट किया गया था। खास बात है इसकीं माँ ने फरवरी 2021 में एक याचिका दायर कर पुलिस से इसका एनकाउंटर करने को भी कहा था।
जबकि गोलियों से छलनी मिला शार्प शूटर मिराज अली उर्फ मिराजउदधीन था जो पहले मुन्ना बजरंगी के गैंग का सक्रिय सदस्य था बजरंगी के मारे जाने के बाद यह कुख्यात सरगना मुख्तार अंसारी के साथ आ गया था।
लेकिन चित्रकूट की जेल के अंदर हुई इस आपराधिक वारदात से जेल प्रशासन पर सबाल उठना लाजिमी है कोरोना काल के दौरान जेल के आसपास और बैरकों में हाई सिक्योरिटी के बावजूद अंशुल दीक्षित पर पिस्टल कैसे पहुंच गई जिससे उंसने इस हत्याकांड को अंजाम दिया। जिससे साफ है कि उत्तर प्रदेश की जेलों में अपराधियों के ऐशो आराम के सभी संसाधन तो उपलब्ध हो ही जाते है बल्कि इस घटना से स्पस्ट होता है कि आपकी पहुंच हो और जेब में पैसा तो जेल के अंदर अपराधी को हथियार भी आसानी से मिल सकता हैं।
जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर तुरंत संज्ञान लेते हुए कमिश्नर आईजी औऱ डीआईजी की टीम को जांच के लिये नियुक्त कर 6 घंटे में अपनी रिपोर्ट देने के निर्देश दिये और प्रारंभिक जांच के बाद चित्रकूट जेल के अधीक्षक एसपी त्रिपाठी और जेलर महेंद्र पाल को फिलहाल सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिये हैं।