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उत्तर प्रदेश के औरैया में भीषण सड़क हादसा
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24 प्रवासी मजदूरों की मौत, 35 घायल 8 गंभीर
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मुख्यमंत्री सख्त की कार्यवाही
औरैया – कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण देशभर में लॉकडाउन जारी है वहीं अलग अलग राज्यों से भीड़ की शक्ल में मजदूर सड़क के रास्ते पैदल ही अपने घर लौट रहे हैं तो कुछ किसी तरह किराया देकर प्राइवेट वाहनों से अपने शहरों गांव की ओर निकल रहे हैं लेकिन इसी बीच सड़क हादसों की खबरों ने सभी का दिल दहला कर रख दिया है।
हाल ही में देश के कई हिस्सों में करीब एक दर्जन दिल दहलाने वाले सड़क दुर्घटनाओं में कई दिहाड़ी मजदूर अपने घर पहुंचने की जद्दोजहद में बीच रास्तों में चल बसे।
अब उत्तर प्रदेश के औरैया में आज सुबह तड़के हुए भीषण सड़क हादसे ने तो होश ही उड़ा दिए हैं जहां फरीदाबाद से 81 मजदूरों को लेकर आ रहे खड़े ट्राला में तेज गति से आ रहे डीसीएम वाहन ने टक्कर मार दी. इस हादसे में 24 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई।
जबकि 35 लोग घायल हो गये जिसमें 8 प्रवासी मजदूरों की हालत काफी गंभीर है जिन्हें इटावा सैफई मेडीकल कॉलेज और कानपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं। मौके पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी पहुंच गये और राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं।
देश का अभी तक का सबसे बड़ा सड़क हादसा उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के मिहोली गांव के नजदीक नेशनल हाईवे पर आज सुबह करीब 3 बजे आज हुआ बताया जा रहा है कि 81 प्रवासी मजदूर राजस्थान से एक ट्राला वाहन व्दारा अपने घर गोरखपुर जा रहे थे जब इनका वाहन मोहाली नेशनल हाईवे किनारे आवश्यक कार्यवश खड़ा था।
तभी तेज गति से आ रहे एक डीसीएम वाहन ने अनियंत्रित होते हुए इस खड़े वाहन में तेज टक्कर मार दी यह टक्कर इतनी भीषण थी कि वाहन में बैठे 24 मजदूरों और उनके परिजनों की घटना स्थल पर ही मौत हों गई जबकि करीब 35 लोग घायल हो गये बताया जाता है डीसीएम वाहन के ड्राइवर को अचानक नींद आ गई थी।
बताया जाता और खबर मिलने पर मौके पर औरैया के डीएम अभिषेक सिंह और एसपी समेत कई थानों का फ़ोर्स वहां पहुंच गया और बचाव और राहत कार्य शुरू कराया प्रशासन के मुताबिक 20 घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में और 15 लोगों को सैफई मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है.बताया जाता है करीब 8 की हालत ज्यादा नाजुक बनी हुई हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर दुख प्रकट किया है और मृतकों के परिजनों को 2 -2 लाख का मुआवजा और घायलों को 50 -50 हजार की आर्थिक मदद देने की घोषणा की हैं जबकि मुख्यमंत्री ने कानपुर और औरैया बार्डर थानों के दो थाना प्रभारियों को निलंबित करते हुए मथुरा आगरा के एसएसपी और आगरा एडीजी और औरैया के डीएम और एसपी से स्पष्टीकरण मांगा हैं।
लॉक डाउन के दौरान यू तो दो दर्जन से अधिक हादसे हुए हैं लेकिन इनमें कुछ बड़ी घटनाओं को भूला नही जा सकता जिसमें कई परिवार उजड़ गये तो कई महिलाएं विधवा हो गई और कई बच्चों के सर से मां बाप का साया उठ गया इतना ही नही कई मां बाप का तो बुढ़ापे का सहारा ही छिन गया ।
जिसमें महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ट्रेन हादसा जिसमें 16 प्रवासी मजदूर मारे गये इसी तरह मध्यप्रदेश के गुना में दो सड़क हादसे जिसमें पहले में 8 और शुक्रवार को हुए दूसरे हादसे में 3 दिहाड़ी मजदूरो की दुखद मौत शामिल है।
इसके अलावा उत्तरप्रदेश के मुजफ्फर नगर में हुई सड़क दुर्घटना में 6 और बिहार के समस्तीपुर में हुए सड़क हादसे में 2 प्रवासी मजदूरों की दर्दनाक मौत शामिल है।
इस तरह कोरोना महामारी तो जान की दुश्मन बनी ही हैं उसपर इन सड़क और ट्रेन दुर्घटनाओ में भी गरीब प्रवासी मजदूरो के बेमौत मरने का सिलसिला लगातार जारी है जबकि केंद्र और राज्य सरकारें इन प्रवासी मजदूरो को उनके घर तक पहुंचाने की तमाम व्यवस्थाओं के दांवे कर रहे है।
इससे लगता है कि लॉक डाउन की घोषणा से पहले यदि इन प्रवासी मजदूरो को घर जाने के लिये कुछ समय दे दिया जाता तो शायद इन हादसों को रोका जा सकता था। अब यह दुर्घटनाओ का सिलसिला कब थमेगा इसका जबाब किसी पर नही है।
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