अलीगढ़ – अलीगढ़ में जहरीली शराब पीने से होने वाली मौत का आंकड़ा एक सैकड़ा पर जा पहुंचा है गंभीर बात यह है कि जिला और पुलिस प्रशासन की घोर लापरवाही की बजह से आज 4 और लोगो की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई जबकि करीब 20 लोग अस्पतालों में जीवन और मौत के बीच झूल रहे हैं।
तारीख 28 और 29 मई से अलीगढ़ के गांवों में जहरीली शराब पीने से मौतों का सिलसिला जो शुरू हुआ 3 मई तक जारी है पुलिस और प्रशासन के लाख दांवों के बावजूद अभी इस पर रोक नही लग पा रही। और इस तरह मौतों का यह आंकड़ा आज सौ के नजदीक आ गया है ।
अलीगढ़ जनपद के जवा थाना इलाके के गांव पर्थला में लगे ईट भट्टों पर काम करने वाले मजदूरों को यहां की नहर के आसपास शराब से भरी कई पेटियां गत रोज मिली थी जिन्हें यह मजदूर अपने झोपड़ियों पर ले आये और छक कर यह शराब पी लेकिन शराब पीने के बाद इन श्रमिकों की हालत खराब होने लगी और वे बेहोश हो गये बाद में करीब 25 लोगो को अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन एक महिला सहित 4 मजदूरों की मौत हो गई जबकि 21 मजदूर अभी भी अस्पताल में भर्ती है जिनमें से अधिकांश की हालत गंभीर बनी हुई हैं। ईट भट्टे पर काम करने वाले यह सभी मजदूर बिहार के बताये जाते हैं।
बताया जाता है कार्टून में भरी यह शराब की बोतलें एक वाहन में भरकर पार्थला गांव लाई गई थी और उन्हें नष्ट किये बिना नहर के किनारे फेक दिया गया बताया जाता है यह जहरीली शराब उन्हीं ठेकों की थी जहां से इन्हें खरीदने के बाद अलीगढ़ के चार गांवों में मौत का तांडव फैला था और जहरीले मिथाइल एल्कोहल के इस जहर ने 95 लोगों को लील लिया और आज पर्थला गांव में ईट भट्टे पर काम करने वाले पति पत्नी सहित 4 श्रमिक इस जहरीली शराब को पीने के बाद मर गये और अब मरने वालों की तादाद 99 पर जा पहुंची है गंभीर बात है कि अभी 21 लोग और है जिनकी हालत खराब है जिससे लगता है मौत का यह और बढ़ेगा।
जबकि सूत्र बताते है अलीगढ़ के इस जहारीले शराब कांड में कई लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई एक डॉक्टर ने अपना नाम ओपन नही करने की शर्त पर खुलासा किया कि जहरीली शराब पीने वाले 80 लोगों की आंख की रोशनी चली गई थी जिसमें ज्यादातर की बाद में मौत हो गई।
इधर एसपी सिटी कुलदीप सिंह का कहना है पुलिस और प्रशासन की अवैध शराब माफियाओं के खिलाफ लगातार कार्यवाही जारी है और उससे डर कर यह लोग छुपाकर यह अवैध जहरीली शराब इधर उधर नष्ट कर रहे है इसी के चलते बिहार के मजदूरों को यह अवैध शराब की पेटियां पर्थला गांव की नहर के आसपास मिली यह जहरीली शराब पीने से यह हादसा सामने आया ।
जबकि एसएसपी कलानिधि नैथानी ने पुलिस प्रशासन में फेरबदल का एक बड़ा ऑपरेशन किया है जिसमें थानों में लंबे समय से जमे निचले स्तर के 698 पुलिस कर्मचारियों का तबादला कर दिया जिसमें प्रभावित थाने लोधा खैर गवाना जवा सहित एक दर्जन से अधिक थानों के कर्मचारी शामिल है एसएसपी ने 514 आरक्षी और 184 मुख्य आरक्षी के तबादले अलीगढ़ शराब कांड के बाद किये हैं।
लेकिन पर्थला गांव में जहारीली शराब से हुए इस नये हादसे ने एक बार बार फिर पुलिस और प्रशासन को कटघरे में ला खड़ा किया है जिससे साफ है कि अभी भी यह अवैध शराब बनाने का गोरखधंधा और जहारीली शराब का भारी स्टॉक अलीगढ़ जनपद सहित आसपास के इलाके में मौजूद है जिसका पता लगाकर उसे नष्ट करने की बड़ी चुनोती उत्तर प्रदेश शासन और इसकी पुलिस आबकारी औऱ प्रशासन पर है वही पुलिस प्रशासन ने पुलिस कर्मचारियों के तबादले तो कर दिये लेकिन क्या भविष्य में पुलिस कर्मियों और शराब माफिया का गठजोड़ भी खत्म होगा यह सबाल उठना भी लाजमी हैं।