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अलीगढ़ में जहरीली शराब का कहर जारी, 4 मजदूरों की मौत 21 गंभीर, जहरीली शराब से हुई मौतों का आंकड़ा 100 के नजदीक पहुंचा

Liquor Poison

अलीगढ़ – अलीगढ़ में जहरीली शराब पीने से होने वाली मौत का आंकड़ा एक सैकड़ा पर जा पहुंचा है गंभीर बात यह है कि जिला और पुलिस प्रशासन की घोर लापरवाही की बजह से आज 4 और लोगो की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई जबकि करीब 20 लोग अस्पतालों में जीवन और मौत के बीच झूल रहे हैं।

तारीख 28 और 29 मई से अलीगढ़ के गांवों में जहरीली शराब पीने से मौतों का सिलसिला जो शुरू हुआ 3 मई तक जारी है पुलिस और प्रशासन के लाख दांवों के बावजूद अभी इस पर रोक नही लग पा रही। और इस तरह मौतों का यह आंकड़ा आज सौ के नजदीक आ गया है ।

अलीगढ़ जनपद के जवा थाना इलाके के गांव पर्थला में लगे ईट भट्टों पर काम करने वाले मजदूरों को यहां की नहर के आसपास शराब से भरी कई पेटियां गत रोज मिली थी जिन्हें यह मजदूर अपने झोपड़ियों पर ले आये और छक कर यह शराब पी लेकिन शराब पीने के बाद इन श्रमिकों की हालत खराब होने लगी और वे बेहोश हो गये बाद में करीब 25 लोगो को अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन एक महिला सहित 4 मजदूरों की मौत हो गई जबकि 21 मजदूर अभी भी अस्पताल में भर्ती है जिनमें से अधिकांश की हालत गंभीर बनी हुई हैं। ईट भट्टे पर काम करने वाले यह सभी मजदूर बिहार के बताये जाते हैं।

बताया जाता है कार्टून में भरी यह शराब की बोतलें एक वाहन में भरकर पार्थला गांव लाई गई थी और उन्हें नष्ट किये बिना नहर के किनारे फेक दिया गया बताया जाता है यह जहरीली शराब उन्हीं ठेकों की थी जहां से इन्हें खरीदने के बाद अलीगढ़ के चार गांवों में मौत का तांडव फैला था और जहरीले मिथाइल एल्कोहल के इस जहर ने 95 लोगों को लील लिया और आज पर्थला गांव में ईट भट्टे पर काम करने वाले पति पत्नी सहित 4 श्रमिक इस जहरीली शराब को पीने के बाद मर गये और अब मरने वालों की तादाद 99 पर जा पहुंची है गंभीर बात है कि अभी 21 लोग और है जिनकी हालत खराब है जिससे लगता है मौत का यह और बढ़ेगा।

जबकि सूत्र बताते है अलीगढ़ के इस जहारीले शराब कांड में कई लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई एक डॉक्टर ने अपना नाम ओपन नही करने की शर्त पर खुलासा किया कि जहरीली शराब पीने वाले 80 लोगों की आंख की रोशनी चली गई थी जिसमें ज्यादातर की बाद में मौत हो गई।

इधर एसपी सिटी कुलदीप सिंह का कहना है पुलिस और प्रशासन की अवैध शराब माफियाओं के खिलाफ लगातार कार्यवाही जारी है और उससे डर कर यह लोग छुपाकर यह अवैध जहरीली शराब इधर उधर नष्ट कर रहे है इसी के चलते बिहार के मजदूरों को यह अवैध शराब की पेटियां पर्थला गांव की नहर के आसपास मिली यह जहरीली शराब पीने से यह हादसा सामने आया ।

जबकि एसएसपी कलानिधि नैथानी ने पुलिस प्रशासन में फेरबदल का एक बड़ा ऑपरेशन किया है जिसमें थानों में लंबे समय से जमे निचले स्तर के 698 पुलिस कर्मचारियों का तबादला कर दिया जिसमें प्रभावित थाने लोधा खैर गवाना जवा सहित एक दर्जन से अधिक थानों के कर्मचारी शामिल है एसएसपी ने 514 आरक्षी और 184 मुख्य आरक्षी के तबादले अलीगढ़ शराब कांड के बाद किये हैं।

लेकिन पर्थला गांव में जहारीली शराब से हुए इस नये हादसे ने एक बार बार फिर पुलिस और प्रशासन को कटघरे में ला खड़ा किया है जिससे साफ है कि अभी भी यह अवैध शराब बनाने का गोरखधंधा और जहारीली शराब का भारी स्टॉक अलीगढ़ जनपद सहित आसपास के इलाके में मौजूद है जिसका पता लगाकर उसे नष्ट करने की बड़ी चुनोती उत्तर प्रदेश शासन और इसकी पुलिस आबकारी औऱ प्रशासन पर है वही पुलिस प्रशासन ने पुलिस कर्मचारियों के तबादले तो कर दिये लेकिन क्या भविष्य में पुलिस कर्मियों और शराब माफिया का गठजोड़ भी खत्म होगा यह सबाल उठना भी लाजमी हैं।

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अलीगढ़ जहरीली शराब कांड – 46 की गई जान, इस मौतों के लिये प्रशासन और शराब माफिया गठजोड़ जिम्मेदार

Liquor Poison

अलीगढ़ – उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में जहरीली शराब पीने से हुई मौत का सिलसिला रुकने का नाम नही ले रहा अभी तक इस जहरीली शराब ने 46 लोगों की जान ले ली और 10 लोग अस्पतालों में जीवन और मौत के बीच झूल रहे है मौत का यह आंकड़ा और बड़ने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता जबकि प्रशासन ने 25 मौतों की पुष्टि की है इस तरह अलीगढ़ सहित उत्तर प्रदेश के 6 जिलों में पिछले 3 महीनों में यह जहरीली शराब 86 लोगों को लील गई लेकिन प्रशासन और शराब माफिया के बीच गठजोड़ और राजनीतिक संरक्षण के कारण इन मौत के सौदागरों के खिलाफ आज तक कोई ठोस कार्यवाही नही की गई।

प्रभावित गांव जहां मौत ने किया तांडव और 46 जाने गई –

अलीगढ़ जिले के चार थाना क्षेत्रों लोधा,खैर, गमाना और जवा के अंतर्गत आने वाले गांव अंडला करसुआ छैरत और राइट गांव में यह लोमहर्षक शराब कांड हुआ जिसमें अभी तक जहरीली शराब पीने से 46 लोगों की असमय मौत हो गई जबकि 10 लोग अभी भी जिंदा रहने के लिये अस्पतालों में एड़ियां रगड़ रहे है जिसमें कुछ की आंखों कर रोशनी भी कम होती जा रही हैं।

जहरीली शराब बनी काल, उत्तर प्रदेश में 87 दिन में 86 मौत –

अलीगढ़ में यह पहला मामला सामने नही आया, इसी साल इससे पहले प्रतापगढ़ में एक ही महिने में दो हादसे हुए वही प्रयागराज बदायूं आंबेडकर नगर आजमगढ़ में 13 मार्च से 29 मई तक कुल 86 लोगों की जान इस जहरीली शराब ने ले ली। लेकिन अलीगढ़ में हुई घटना में जहरीली शराब ने सबसे ज्यादा लोगो की जान ले ली यह खास है और जो स्थिति है उसके मुताबिक अलीगढ़ में मरने वालों का आंकड़ा और भी बढ़ सकता हैं।


दिनांक | जिला | मौत

13 मार्च | प्रतापगढ़ | 6
15 मार्च | प्रयागराज | 9
31 मार्च | प्रतापगढ़ | 7
02 अप्रेल | बदायूं | 4
11 मई | आंबेडकर नगर | 6
12 मई. | आजमगढ़. | 8
28 -29 मई अलीगढ़ 46*

अलीगढ़ हादसे के कोन कोन जिम्मेदार कोन दोषी –

A -प्रशासनिक कमान

1- DM चंद्रभूषण सिंह पिछले तीन साल से अलीगढ़ जिले की कमान सम्हाले हैं प्रशासन के आंकड़े गवाह है अलीगढ़ की घटना से पहले इसी साल मार्च से 12 मई तक 40 लोग जहरीली शराब पीकर मौत की आगोश में चले गये इसके बाद डीएम ने क्या ठोस कार्यवाही की यदि करते तो क्या इस घटना की पुनरावृत्ति होती यह सबाल तो उठेगा।

2 – SSP कलानिधि नैथानी जिन पर अलीगढ़ की कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी है उनके थानों के अंतर्गत खुलेआम खतरनाक केमिकल और स्प्रिट से नकली अवैध शराब बनाने का गोरखधंधा पनपता रहा जबकि जानकर लोग बताते है पुलिस से कुछ नही छुपता उंसके मुखबिर सब बताते है और उसे पूरी जानकारी होती हैं लेकिन हर महिने थानों पर एक मुश्त रकम इस अवैध काम के बदले पहुंच जाती है इसलिये पुलिस कार्यवाही नही करके अप्रत्यक्ष सहयोग करती हैं।

3 – ADM फायनेंस विधान जायसवाल जो आबकारी विभाग अलीगढ़ के नोडल ऑफीसर है इनकी जिम्मेदारी सभी शराब ठेकों की निगरानी और मॉनिटरिंग की है वही सभी ठेकों की स्टॉक चेक रिपोर्ट भी इन्हीं के पास आती हैं। फिर इनके पास इस अवैध शराब को ठेकों पर गलाने की जानकारी कैसे नही पहुंची।

B- ठेकेदार, माफिया और राजनीतिक संरक्षण

4- ऋषि शर्मा बीजेपी नेता एवं शराब ठेकेदार आपकी पत्नी रेनू शर्मा के नाम देशी शराब का ठेका हैं इनके ठेके की दुकान से खरीदी गई जहरीली शराब पीने से मौतें हुई राजनेतिक पकड़ वाले व्यक्ति है तो खुद भी पंचायत सदस्य है इनके भाई मुनि शर्मा एमएलसी जयवीर सिंह के खास करीबियों में शामिल है इनके 40 शराब ठेके हैं सत्ता पार्टी से जुड़े होने से पुलिस और प्रशासन कोई कार्यवाही करने से गुरेज करता हैं लेकिन इस बड़ी घटना के बाद इनकी पत्नी रेनू शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन ऋषि शर्मा फिलहाल फरार बताये जाते हैं।

5- अनिल चौधरी राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के नेता हैं और यह भी शराब ठेकेदार हैं और दल अलग है लेकिन इनके ऋषि शर्मा के साथ कारोबारी रिश्ते प्रगाड़ है इनके ठेके से खरीदी जहरीली शराब पीने वाले भी मौत की आगोश में समा गये इनके भाई सुधीर चौधरी और अन्य नामों से अलग अलग करीब एक दर्जन ठेके है। पुलिस ने अनिल चौधरी को गिरफ्तार कर लिया हैं

6- शराब सप्लायर विपिन पाल यह वह चेहरा है जो ठेकेदार ऋषि शर्मा और अनिल चौधरी को शराब की सप्लाई करता हैं खास बात है यह भी इस कांकस का एक मजबूत पिलर है जो सरकार के नुमाइंदों और प्रशासन में पूरी पकड़ रखता है यह इस घटना के बाद से फरार है और पुलिस प्रशासन ने इसकी गिरफ्तारी पर 40 हजार का इनाम घोषित किया है।

जहरीली शराब कांड की जॉच –

बताया जाता है सरकार ने इस जहरीली शराब कांड की जांच का काम क्राइम ब्रांच को सौपा हैं जो जांच कर सरकार को अपनी रिपोर्ट देंगी। जबकि अभी तक जिला आबकारी सहित अन्य 6 लोगों को सस्पेंड कर दिया गया वही 6 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना के तुरंत बाद कड़ी कार्यवाही और आरोपियों के खिलाफ एनएसए लगाने के आदेश दे दिये थे, जबकि प्रशासन आबकारी विभाग और पुलिस ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सयुक्त कार्यवाही कर अवैध शराब बनाने वाले लोगो की धरपकड़ भी शुरू कर दी हैं।

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यूपी के अलीगढ़ में जहरीली शराब पीने से 12 की मौत, प्रधान के मुताबिक 19 की मौत, आरोपियों पर एनएसए की कार्यवाही

Liquor

अलीगढ़ – उत्त्तर प्रदेश की अलीगढ़ जनपद में ठेके से खरीदी जहरीली शराब पीने से 12 लोगों की मौत हो गई और 17 लोग अस्पताल में भर्ती कराये गये है जिसमें से 5 की आंखों की रोशनी जाती रही है । लेकिन गांव के प्रधान का दांवा है अलग अलग गांवों में अभी तक 19 लोंगो की जहरीली शराब पीने से मौत हुई है, इधर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दोषियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कड़ी कार्यवाही के आदेश दिये है। बताया जाता है आबकारी अधिकारी सहित 3 को सस्पेंड करने के साथ ठेका मालिक सहित 4 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया हैं।

अलीगढ़ जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर स्थित शराब के ठेके की शराब पीने से यह बड़ी घटना सामने आई है जिसमें मलपुरा पुलिस थाना क्षेत्र के लोधा, शैरत और जवा तीन गांव के लोग इस जहरीली शराब कांड के शिकार हुए हैं करीब 50 लोगों ने इस ठेके से गुड इवनिंग मेक की शराब खरीदी और उसका सेवन किया लेकिन उसे पीने के बाद लोगों की हालत बिगड़ने लगी आँखों के आगे धुंध छाने लगा शरीर नीला पड़ने लगा और कुछ लोग उल्टी करने लगे स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि और प्रधान के खबर देते ही पुलिस और प्रशासन सक्रिय हुआ और पीड़ितों को अस्पताल भेजा लेकिन कुछ का इलाज से पहले और कुछ की इलाज के दौरान मौत हो गई अभी तक 12 लोगों की मौत होने की जानकारी सामने आई हैं। जबकि 17 लोगो को अस्पताल में भर्ती कराया गया है बताया जाता है जिसमें से 5 की रोशनी जाने की भी जानकारी सामने आई हैं।कुछ मृतकों के परिवार में अगले माह 5 मई को शादी भी थी लेकिन इस घटना के बाद उनके घरों में मातम पसरा हैं।

जबकि गांव के प्रधान का कहना है कि शराब पीने के बाद हालत खराब होने लगी इस दौरान जिन लोगों ने तुरंत उल्टी करदी उनको बचा लिया गया लेकिन 5 लोगों की रोशनी जाती रही है प्रधान के मुताबिक अभी तक 19 लोगो की मौत हो चुकी है।

इधर खबर मिलने के बाद अलीगढ़ के डीएम चंद्रभूषण सिंह और डीआईजी दीपक कुमार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी सहित पूरा प्रशासन घटना स्थल पर पहुंचा साथ ही स्थिति का जायजा लिया पुलिस ने शराब की वह बोतले जब्त करली जिसकी शराब इन्होंने पी थी।

जबकि वरिष्ठ प्रशासन ने इस मामले में कार्यवाही करते हुए जिला आबकारी अधिकारी धीरज शर्मा आबकारी निरीक्षक और हेड कॉन्स्टेबल अशोक कुमार को निलंबित कर दिया है साथ ही पुलिस ने शराब ठेकेदार मालिक सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया हैं।

जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए जांच के निर्देश देने के साथ दोषियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के अंतर्गत कार्यवाही के आदेश दिये हैं।

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हाथरस पीड़िता के गांव जाने से राहुल, प्रियंका को पुलिस ने रोका

Rahul Gandhi Injured
  • हाथरस पीड़िता के गांव जाने से राहुल प्रियंका को पुलिस ने रोका

  • धक्कामुक्की, लाठीचार्ज, राहुल गिरे, राहुल प्रियंका को लिया हिरासत में

हाथरस/ अलीगढ़ – कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी आज हाथरस रेप पीड़िता के परिजनों से मिलने उंसके गांव जा रहे थे जब उनका काफिला नोएडा यमुना एक्सप्रेस वे पर पहुंचा तो वहां मौजूद भारी संख्या में मौजूद पुलिस बल ने उन्हें रोक लिया। लेकिन जब वे अन्य नेताओं के साथ पैदल एक्सप्रेस वे पर आगे बढ़ने लगे तो पुलिस अधिकारियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की और धक्का मुक्की शुरू हो गई और पुलिस ने बल प्रयोग कर लाठी चार्ज शुरू कर दिया।

इस बीच पुलिस के एक एडीश्नल डीसीपी से बहस होती है इस बीच उन्हें पुलिस के अधिकारी गिरेबां में हाथ डाल कर धक्का देते है और वे दो बार गिर जाते हैं उन्हें उंगली में हल्की चोट भी आ जाती हैं इस बीच उन्हें 188 के तहत गिरफ्तार करने की बात पुलिस अधिकारी कहते हैं राहुल ने सबाल किया मेने कोंन सा कानून तोड़ा है तो अधिकारी कहते दिखे कि आपने 144 धारा का उल्लघंन किया है तो उन्होंने कहा वे अन्य लोगों को रोक रहे है आप मुझे अकेले जाने की इजाजत दे फिर तो ठीक है लेकिन पुलिस अधिकारी नही माने और उन्हें एक्सप्रेस वे से आगे नही बढ़ने दिया और पुलिस ने उन्हें वही गिरफ्तार कर लिया गया।

इसके बाद मीडिया ने जब उनपर लाठी चार्ज और धक्का देकर गिराने का सबाल किया तो राहुल ने बड़े सरलता और संयमित तरीके से कहा कि ऐसा होता रहता है और कहा कि पुलिस मुझे बे बजह रोक रही है यदि धारा 144 लगी है तो मैं अकेला जाना चाहता हूँ बावजूद पुलिस अनुमति नही दे रहे। इस तरह साफ था कि राहुल सिर्फ एक मुद्दे पर अड़े दिखे कि किसी भी बजह से उस पीड़ित परिवार से सिर्फ मिलकर सांत्वना देने जाना चाहते है। इस दौरान कांग्रेस नेता राजीव शर्मा रणदीप सुरजे वाला भी मौजूद थे ।

इसके बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा सहित अन्य नेताओं को जब गिरफ्तारी के बाद पुलिस जीप में बैठालकर ले जा रही थी तो कार्यकताओं ने वाहन को रोकने की कोशिश की कुछ वाहन के ऊपर भी चढ़ गए बाद में पुलिस ने लाठीचार्ज कर कांग्रेसियों को खदेड़ दिया गया बाद में पुलिस राहुल प्रियंका सहित अन्य नेताओं को ले गई बाद में कांग्रेस अध्यक्ष अजय सिंह लल्लू के नेतृत्व में कार्यकर्ता धरने पर बैठ गये।

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परिजनों को बंधक बना हाथरस पीड़िता के शव का पुलिस ने आधी रात किया अंतिम संस्कार

Hathras Case
  • परिजनों को बंधक बना हाथरस पीड़िता के शव का पुलिस ने आधी रात किया अंतिम संस्कार.

  • परिजनों में गहरा आक्रोश धरने पर बैठे, समाजसेवी राजनैतिक पार्टियों का विरोध जारी…

हाथरस/ अलीगढ़ – उत्तरप्रदेश के हाथरस की गैंग पीड़िता का पुलिस और प्रशासन ने आधी रात के अंधेरे में जबरन अंतिम संस्कार कर दिया इससे पहले पुलिस ने पीड़िता के परिजनों और रिश्तेदारों को बंधक बना लिया। शव आने से पहले भारी पुलिस बल ने गांव और आसपास के इलाके को अपने घेरे में ले लिया था और पुलिस ने किसी की नही सुनी खास बात है अंतिम संस्कार के दौरान डीएम खुद वहां मौजूद रहे। पुलिस की इस अमानवीय कार्यवाही पर सबाल उठ रहे हैं। इधर परिवार और रिश्तेदार उन्हें अंतिम संस्कार का हक नही देने के विरोध में धरने पर बैठ गये है।

दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल पर गैंग रेप पीड़िता के शव को लेकर हुए हंगामे के बाद देर रात करीब एक बजे उत्तर प्रदेश पुलिस लड़की के शव को लेकर उसके गांव बुलगाड़ी पहुंची इस बीच कई ग्रामीण और रिश्तेदार भी वहां आ गये, लेकिन पुलिस रात में उसी समय अंतिम संस्कार करने का कहने लगी। इस बीच मौजूद मां पिता भाई रिश्तेदारों ने पुलिस से कहा कि उन्हें शव को पहले घर ले जाने दो आधी रात में हिन्दू रीति के मुताबिक दाह संस्कार नही होता सुबह करेंगे, लेकिन पुलिस और प्रशासन नही माना।

जबकि पीड़िता की मां और अन्य महिलाएं जिस वाहन में लड़की के शव था, उसे घेर कर खड़ी हो गई और रोने लगी लेकिन पुलिस ने उन्हें छिड़क दिया और पुलिस ने एकाएक पीड़िता के परिजनों और रिश्तेदारों को एक मकान में कैद कर दिया और पुलिस ने पहले से तैयार की गई चिता पर पीड़िता के शव को रखकर रात करीब ढाई बजे उसका अंतिम संस्कार कर डाला। घरवाले पहले लड़की खासकर महिलाएं लड़की का चेहरा आखिरी बार दिखाने की पुलिस से गुहार लगाती रही, लेकिन पुलिस ने एक नही सुनी इस तरह अंतिम समय में परिजनो की अपनी बच्ची को देखने की इच्छा भी पूरी नही हुई परिवार का यह आरोप हैं।

Hathras Case Victim Relatives

इसको लेकर समाजसेवियों पत्रकारों देश के राजनीतिक दलों में गहरा आक्रोश हैं, जाने माने लेखक सुधींद्र कुलकर्णी ने एक प्रमुख राष्ट्रीय चैनल पर उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन की तीव्र भर्त्सना करते हुए कहा उस बेचारी बेटी को ना जीवित रहते न्याय मिला ना ही मरने के बाद सम्मान मिला। पुलिस की यह कार्यवाही पूरी तरह मानव अधिकार मामदंडो के विरुद्ध है, इसके खिलाफ सभी प्रबुद्ध लोग सामने आये। बरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का कहना है कि पुलिस और प्रशासन पूरा झूठ बोल रहे है। सरकार और मुख्यमंत्री मठाधीशों की हैं वह बड़े लोगों की सुनते है, गरीब और दलितों को वे न्याय नही दे सकते।

जबकि भीम सेना के रावण ने कहा हाथरस की यह घटना काफी वीभत्स है हम इसका विरोध करते रहेंगे सरकार और पुलिस को लग रहा है कि पीड़िता मर गई तो मामला खत्म हो गया लेकिन ऐसा नही है मामला खत्म नही होगा जब तक इस बेटी और उसके परिवार को न्याय नही मिलता ना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चैन से बैठेंगे ना ही उनकी पुलिस और प्रशासन। जबकि यूपी के कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा उत्तर प्रदेश में हालात बद से बदतर है जंगल राज गुंडा राज कायम है कांग्रेस का संघर्ष जारी रहेगा लाठी खाएंगे जेल जायेंगे।

जबकि आज कांग्रेस हाथरस में प्रदर्शन आंदोलन कर रही है उंसके कार्यकर्ताओ को पुलिस ने खदेड़ा हल्का लाठीचार्ज किया और कई लोग गिरफ्तार भी हुए। जबकि सपा नेता अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवार को न्याय देने और बीएसपी प्रमुख मायावती ने मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाकर आरोपियों को सख्त सजा देने की मांग की है।

खास बात है हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार परिवार को सांत्वना देने की बजाय उन्हें डांटते नजर आये यह भी देखने में आया जो अकल्पनीय था, इधर डीएम अपनी सफाईं में कहते है कि पीड़िता के शव का संस्कार परिवार वालों की सहमति से हुआ जो बात सामने आ रही है सब झूठ हैं।

इधर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की जांच के लिये तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है ।

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