अयोध्या / अयोध्या स्थित रामजन्मभूमि मंदिर में आज रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पूर्ण हुई । इसके साथ ही राम विग्रह के दर्शन भी हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रोच्चारणों के बीच पूजा अर्चना के साथ इस भव्य धार्मिक आयोजन को संपन्न किया। साथ ही वस्त्र और छत्र चढ़ाने के साथ श्रीराम को साष्टांग प्रणाम किया। इस मौके पर गर्भगृह में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक डॉ मोहन भागवत यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
मंदिर के गर्भगृह में हल्की पीली धोती और कुर्ता पहनकर पहुंचे यजमान बने नरेंद्र मोदी ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पहले संकल्प लेकर आचमन और पवित्रीकरण किया उसके उपरांत पूजा प्रारंभ हुई इसके बाद पीएम ने कुशा और शलाका खींची। उसके उपरांत मंत्रोचार के साथ रामलला के चरणों में जल छोड़ा और अक्षत और पुष्प अर्पित किए और नेवेद्ध लगाया। साथ ही भगवान को वस्त्र और चांदी का छत्र अर्पित किया उसके बाद पूजा अर्चना कर आरती की और परिक्रमा के साथ श्रीराम को सास्टांग प्रणाम किया। मुख्य पुजारी सतेंद्र दास ने उन्हें कलावा बांधा।
तत्पश्चात संतों का आशीर्वाद लिया। पीएम ने राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास महाराज के पैर छुए। साथ ही अपना 11 दिन का व्रत भी तोड़ा उन्हें ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद दास ने चरणामृत पिलाया। मोदी जी ने 11 दिन के उपवास में जप तप के साथ गाय की पूजा की और वे नारियल पानी और फलाहार पर रहे।
रामलला की मूर्ति के विग्रह के बाद साक्षात दर्शन उपलब्ध हुए उनकी सुंदर अलोकिक छवि देखते ही बनती थी रामलला मुकुट से लेकर पैजनियों तक सजे थे रामलला को पीतांबर पहनाया गया था उनके टीके में हीरे और माणिक जड़े थे सोने चांदी के आभूषणों से उनका श्रृंगार किया गया था साथ ही भगवान सोने के धनुष बाण और हीरे के कंगन धारण किए हुए थे।
प्राण प्रतिष्ठा के धार्मिक आयोजन से पूर्व प्रातः मंत्रोच्चारण के साथ रामलला को जगाया गया था उसके बाद वैदिक मंत्रों के साथ मंगलाचरण हुआ, सुबह 10 बजे से शंख समेत 50 से ज्यादा वाद्य यंत्रों की करतल मंगल ध्वनि के साथ प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। दोपहर 12.29 बजे प्राण प्रतिष्ठा की मुख्य विधि शुरू हुई और 84 सेकेंड में भगवान की बाल रूप की मूर्ति में प्राण स्थापना पूर्ण हुई।
इस दौरान देश के करीब 7 हजार प्रतिष्ठित नागरिक साधु संत और अन्य वीवीआईपी राम मंदिर परिसर में मोजूद रहे और देश के जाने माने गायक शंकर महादेवन ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के भजनों का गायन किया। साथ ही प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम पूर्ण होने पर हेलीकॉप्टर से मंदिर और परिसर में पुष्पवर्षा की गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 35 मिनट के संबोधन का प्रारंभ राम राम से और अंत जय सियाराम से किया, उन्होंने कहा कि आज की तारीख हजारों साल तक याद रखी जायेंगी, रामलाला अब टेंट में नही मंदिर में रहेंगे,इस मंदिर निर्माण से देशवासियों में नया उत्साह पैदा हो रहा है क्योंकि आज हमें हमारी सदियों की धरोहर जो मिली है 22 जनवरी का यह सूरज एक अदभुत आभा लेकर आया है यह कलेंडर पर लिखी एक तारीख नही बल्कि यह नए कालचक्र का उदगम है लोग इसे हजारों साल याद रखेंगे, कहा यह मंदिर भारत के उदय और उत्कर्ष का साक्षी बनेगा।
पीएम ने कहा हमारे पुरुषार्थ त्याग और तपस्या ने कोई कमी रह गई होगी, कि हम सदियों तक यह कार्य नही कर पाए,लेकिन आज वह कमी पूरी हो गई। उन्होंने कहा राम भारत वासियों के मैं मे विराजे हुए है किसी के मन को छूएंगे तो एकत्व की अनुभूति होगी ,मैं सौभाग्यशाली हूं कि समुद्र से सरयू तक की यात्रा का मुझे मौका मिला।
राम भक्तों को नमन और कार सेवकों को याद करते हुए मोदी ने कहा ऋषियों ने कहा है कि जिसमें रम जाएं उसी में राम हैं हर युग में लोगों ने राम को जिया है आज ऐतिहासिक दिन में देश उन्हीं को याद कर रहा है जिनकी बजह से यह शुभ दिन देखने को मिला। उन्होंने कहा राम विवाद नहीं समाधान है, हमें नित्य पराक्रम और पुरुषार्थ का प्रसाद प्रभु को चढ़ाना होगा अब बैठना नही है।
कार्यक्रम को आरएसएस के सर संघचालक डॉ मोहन भागवत राज्यपाल आनंदी बेन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राम जन्मभूमि ट्रस्ट के कोधाध्यक्ष स्वामी गोविंद दास ने भी संबोधित किया।