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उत्तराखंड में बस खाई में गिरी 26 की मौत, 4 घायल, मरने वाले सभी मप्र के पन्ना के

Accident

देहरादून – उत्तराखंड के डामटा नेशनल हाईवे पर आज एक यात्री बस अनियंत्रित होकर 300 मीटर गहरी खाई में गिर गई इस हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई जबकि 4 लोग घायल हो गये हैं बताया जाता है यह बस में सबार सभी यात्री मध्यप्रदेश के पन्ना के रहने वाले थे और चार धाम की धार्मिक यात्रा पर गंगोत्री जा रहे थे।

यह बस हादसा नेशनल हाईवे डामटा और नोगांव के बीच हुआ है यह बस मध्यप्रदेश के पन्ना से चारधाम यात्रा पर गंगोत्री जा रही थी जिसमें करीब 29 लोग सबार थे यह बस डामटा नेशनल हाईवे से नोगांव के नजदीक पहुंची तभी वह अनियंत्रित होकर रिखाऊ खड्ड में गिर गई और यमुना नदी मैं ना गिरते हुए करीब 300 मीटर नीचे जाकर बीच में अटक गई और बस के परखच्चे उड़ गये और आसपास शव बिखर गये।

घटना के बाद पीछे आ रही एक बस के चालक ने स्थानीय पुलिस को खबर दी उंसके बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थानीय नागरिको ने राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया उसके बाद पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया लेकिन इस बस दुर्घटना में 26 लोगों की मौत हो गई और 4 लोग घायल हो गये जिन्हें इलाज के लिये अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बस दुर्घटना पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी शोक संवेदनाएं प्रकट की है साथ ही केंद्र ने मृतकों के परिजनों को दो दो लाख मुआवजा और घायलों को 50 हजार की आर्थिक मदद देने की घोषणा भी की है। इस घटना पर गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी दुख व्यक्त किया हैं।

जबकि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए हरसंभव मदद का भरोसा दिया है साथ ही मृतकों के परिजनों को 5 -5 लाख और घायलों को 50 -50 हजार की आर्थिक सहायता राशि देने की घोषणा की है साथ ही मुख्यमंत्री चौहान खुद विमान से रात को ही उत्तराखंड के देहरादून रवाना हो गये है।

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उत्तराखंडदेशदेहरादून

देहरादून में रानीपोखरी पुल ढहा, कई वाहन नीचे पानी के तेज बहाव में गिरे

Uttrakhand flyover collapsed

देहरादून – उत्त्तराखण्ड के देहरादून में स्थित रानीपोखरी पुल अचानक ढह गया और दो हिस्सों में बट गया इस दौरान इस पुल पर गुजर रहे अनेक बड़े वाहन और मोटरसाइकिल पुल के नीचे गहरे पानी में गिर गये और नदी के तेज बहाव में बह गये।

आज दोपहर जब इस रानीपोखरी पुल पर काफी आवागमन जारी था इसी दौरान यह पुल अचानक दो हिस्सों में बट गया पुल के ढहने के दौरान उस पुल पर से कई चार पहिया और दो पहिया वाहन गुजर रहे थे उसमें से कई वाहन नदी के तेज बहाव में बहने लगे। पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंच गया और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया देहरादून पुलिस के मुताबिक़ किसी के हताहत होने की जानकारी सामने नही आई है और जो लोग पानी मे गिरे थे उन्हें बाहर निकाल लिया गया है जैसा कि यह पुल देहरादून और ऋषिजेश को जो जोड़ने वाला था।

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उत्तर प्रदेशउत्तराखंडदेशदेहरादूनलखनऊ

कावड़ यात्रा को उत्तरप्रदेश की हां लेकिन उत्त्तराखण्ड की ना, उपजा धर्मसंकट, सुप्रीम कोर्ट ने लिया खुद संज्ञान केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर मांगा जबाब

Supreme-Court

नई दिल्ली – 25 जुलाई से शुरू होने वाली कावड़ यात्रा पर धुंध छाने लगा है इसका बड़ा कारण है कि उत्तरप्रदेश सरकार ने इस कावड़ यात्रा को हरी झंडी दे दी है लेकिन उत्त्तराखण्ड की सरकार ने इस पर रोक लगादी है जिससे इस धार्मिक आस्था से जुड़ी कावड़ यात्रा पर धर्मसंकट पैदा हो गया हैं। लेकिन महत्वपूर्ण है कि इस कावड़ यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने खुद संज्ञान लिया है और कहा कि कोरोना काल मे यह यात्रा निकले या नही इस पर विचार होना जरूरी है जबकि खुद प्रधानमंत्री ने कोविड को लेकर चिंता जताई है एससी ने केंद्रीय सरकार सहित यूपी और उत्त्तराखण्ड सरकार को नोटिस जारी करते हुए 16 जुलाई को अगली सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखने के निर्देश दिये हैं।

पिछले दिनों इस काबड़ यात्रा पर विचार की बात कहने वाले उत्त्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्पक सिंह धामी ने गुरुवार को यह यात्रा यह कहते हुए रद्द करदी कि हम उत्त्तराखण्ड को महामारी का केंद्र नही बनाना चाहते भगवान भी चाहेंगे किसी का अहित नही हो उन्होंने कहा आसपास के राज्यो प्रशासनिक अधिकारियों से बात की है उनका भी यही विचार है कि अभी दूसरी लहर खत्म नही हुई और तीसरी लहर के दस्तक देने की पूरी संभावना है इस यात्रा के दौरान प्रदेश में कोविड का प्रवेश हो और उससे किसी की मौत हो हम यह हर्गिज नही चाहते इसलिये जनहित में हमने अपने राज्य में कावड़ यात्रा को रद्द करने का फैसला लिया हैं।

जबकि इसके उलट उत्तर प्रदेश सरकार ने इस कावड़ यात्रा को मंजूरी दे दी हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिन कावड़ यात्रा के मद्देनजर एक अहम बैठक भी ली उन्होंने कहा है कि इस यात्रा के दौरान संख्या बल कम रखने के साथ कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करने का निर्णय लिया गया है सरकार ने सभी कावड़ संघों से बात की हैं और इस यात्रा के दौरान एक निर्धारित संख्या में लोग शामिल होंगे यह फैसला लिया गया हैं। उंन्होने कहा किसी की धार्मिक आस्था को ठेस ना लगे साथ ही सभी सुरक्षित भी रहे इस सोच के अंतर्गत यह फैसला लिया गया हैं।

कोविड काल के दौरान कुंभ स्नान के बाद देश में अब धार्मिक आस्था से जुड़ा यह दूसरा बड़ा कावड़ यात्रा का आयोजन है शिव भक्त बम बम भोले के उदघोष के साथ यह यात्रा 25 जुलाई से प्रारंभ करेंगे जबकि शिवालयों पर गंगा जल का मुख्य जलाभिषेक 6 अगस्त को हैं। जैसा कि उत्त्तराखण्ड के हरिद्वार से शिव भक्त गंगा का पवित्र जल कावड़ में लेकर आते है जबकि प्रयागराज से भी गंगाजल ला सकते है लेकिन एक क्षेत्र के शिवभक्त तो हरिद्वार से ही कावड़ भरते हैं। अब परेशानी का सबब यह है कि जब उत्त्तराखण्ड ने यह धार्मिक आयोजन ही रद्द कर दिया जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने कई पाबंदियों के साथ इस कावड़ यात्रा को सहमति दी है लेकिन जब उत्त्तराखण्ड में कावड़ियों को एंट्री ही नही मिलेगी तो फिर शिवभक्त हरिद्वार कैसे पहुंच पायेंगे। इस तरह दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकारें है लेकिन एक की हां हैं तो एक राज्य की ना है इस तरह फिलहाल तो इस कावड़ यात्रा पर कोरोना महामारी के चलते धर्मसंकट बरकरार हैं।

देश में कोरोना की तीसरी लहर की संभावना के दौरान उत्तर प्रदेश में इस कावड़ यात्रा को मंजूरी मिलने से सुप्रीम कोर्ट को खुद इस मामले का संज्ञान लेना पड़ा है बुद्धवार को प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए जस्टिस आरएस नरीमन ने कहा कि हमने हैरान करने वाली रिपोर्ट पढ़ी है देश के लोग भी अचंभित और भ्रम में है उन्हें समझ नही आ रहा क्या हो रहा हैं एससी ने कहा यह तब हो रहा हैं जब बीते दिन प्रधानमंत्री भी तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर देशवासियों को सतर्क कर चुके हैं और उन्होंने साफ कहा हमारी जरा सी लापरवाही खतरनाक हो सकती हैं।

सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार इस यात्रा को अनुमति दे रही है जबकि दूसरी ओर उत्त्तराखण्ड सरकार कह चुकी है यह कावड़ यात्रा नही होगी जिससे आम लोगों के बीच भ्रमपूर्ण स्थिति निर्मित हो रही हैं। हम इस मुद्दे पर राज्य सरकारों का रुख समझना चाहते हैं। इसलिये सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्य एवं केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर शुक्रवार सुबह तक अपना जबाब दाख़िल करने के निर्देश जारी किये है।

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उत्तराखंडदेहरादून

आप ने उत्त्तराखण्ड में चुनावी बिसात बिछाई, पुराने बिल माफ करने के साथ सभी को मुफ्त बिजली देने का किया ऐलान

Arvind Kejriwal

देहरादून- देहरादून पहुंचे आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने वायदों की झड़ी लगाते हुए ऐलान किया हैं कि अगले विधानसभा चुनाव में यदि उत्त्तराखण्ड की जनता उनकी सरकार बनाती है तो पार्टी पुराने बिजली बिल माफ करने के साथ सभी को 300 यूनिट बिजली मुफ्त देंगी। साथ ही सभी किसानों को बिजली मुफ्त उपलब्ध कराई जायेगी।

देश में अगले साल होने वाले 5 राज्यों के चुनाव की तैयारियों में आप पूरी तरह जुट गई है इसमें उत्त्तराखण्ड भी शामिल है आज दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल देहरादून पहुंचे और उन्होंने कहा कि उत्त्तराखण्ड बिजली का उत्पादन करता है लेकिन यहां के निवासियों को महंगी दर पर बिजली खरीदना पड़ रही हैं जो बड़ी परेशानी का कारण है उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि उत्तराखंड के लोगों को आप 300 यूनिट बिजली मुफ्त देगी साथ ही वह सभी के पुराने बिल माफ भी करेगी उन्होंने आगे कहा कि हम यह भी भरोसा दिलाते है कि आप की सरकार आने पर यहाँ कभी भी कोई पॉवर कट नही होगा। उन्होंने बताया कि जल्द वे फिर से उत्त्तराखण्ड आयेंगे और अपने मुख्यमंत्री कैंडीडेट की घोषणा भी करेंगे।

उंन्होने कहा कि उत्त्तराखण्ड की जनता पिछले 20 साल से दो पाटों के बीच में पिस रही है उन्होंने कांग्रेस बीजेपी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि बारी बारी से एक के बाद एक पार्टी सत्ता पर काबिज होती आई है यह सिलसिला पिछले 2000 से चल रहा है एक बार तुम एक बार तुम की तर्ज पर स्थानीय लोगों को लूटा जा रहा हैं।

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उत्तराखंडदेहरादून

पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की ली शपथ, 11 मंत्रियों ने भी ली शपथ

Pushkar Singh Dhami Takes CM Oath

देहरादून – उत्त्तराखण्ड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्या ने पुष्कर सिंह धामी को आज उत्त्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जैसा कि श्री धामी उत्त्तराखण्ड राज्य के 11 वें मुख्यमंत्री बने है उनके साथ 11 अन्य लोगो ने भी मंत्री पद की शपथ ली है ।

केबीनेट मंत्री पद की शपथ लेने वालों में सतपाल महाराज , धन सिंह रावत हरक सिंह रावत यशपाल आर्य बंशीधर भगत, सुबोध उनियाल , अरविंद पांडेय गणेश जोशी , बिशन सिंह, रेखा आर्य, और यतीश्वरानंद शामिल है मंत्री बने अधिकांश विधानसभा सदस्य पूर्व में भी मंत्री थे तो कुछ मुख्यमंत्री पद की दौड़ में भी शामिल थे। ख़ास बात है उत्त्तराखण्ड विधानसभा के इस 5 साल के कार्यकाल में पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है इससे पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत मुख्यममंत्री बने थे जिनसे बीजेपी हाईकमान ने इस्तीफा दिलवा दिया।

खास बात यह भी है कि अगले साल 2022 में देश के 5 राज्यों के साथ उत्त्तराखण्ड मे भी विधानसभा चुनाव होने वाले है पुष्कर सिंह पर इन चुनावों में पार्टी को सफलता दिलाने की बड़ी जिम्मेदारी होगी अब वे इस चुनोती के कैसे निभाते है यह आने वाला समय बतायेगा।

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पुष्कर सिंह धामी होंगे उत्त्तराखण्ड के नये मुख्यमंत्री , विधायक दल की बैठक में फैसला

Pushkar Singh Dhami

देहरादून- उत्तराखंड में आया सियासी भूचाल अब थम गया है आज बीजेपी विधायक दल की बैठक में पुष्कर सिंह धामी को विधायक दल का नेता चुना गया कल वे उत्त्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगें।

जैसा कि बीजेपी हाईकमान के आदेश के बाद शुक्रवार को तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था उसके बाद आज केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर और डी पुरंदेश्वरी देवी की देखरेख में उत्त्तराखण्ड विधायक दल की बैठक हुई जिसमें सर्वसम्मति से पुष्कर सिंह धामी को बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया जिसकी जानकारी राज्यपाल को देते हुए दावा पेश कर दिया गया है बताया जाता है कल रविवार को पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करेंगे। राजभवन में इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं।इस तरह पिछले कई दिनों से चले आ रहे राजनीतिक घटनाक्रम पर विराम लग जायेगा।

उत्त्तराखण्ड के अगले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह इस विधानसभा सत्र के तीसरे मुख्यमंत्री होंगे सबसे पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत करीब साढ़े तीन साल औऱ उंसके बाद तीरथ सिंह रावत केवल 4 महिने मुख्यमंत्री रहे । उत्त्तराखण्ड के नये बनने वाले सीएम पुष्कर सिंह धामी , ऊधमसिंह जिले की खटीमा विधानसभा सीट से विधायक है और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे है खास बात है कि वे उत्त्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के नजदीकी बताये जाते हैं।

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