close

उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में बस खाई में गिरी, 5 यात्रियों की मौत, 3 गंभीर घायल

Road Accident

पौड़ी गढ़वाल / उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में एक यात्री बस अनियंत्रित होकर एक गहरी खाई में जा गिरी इस दुर्घटना में 5 यात्रियों के मरने की खबर सामने आई है लेकिन इसकी फिलहाल आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है जबकि 3 लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की जानकारी मिली है।

बताया जाता है एक यात्री बस पौड़ी गढ़वाल से श्रीनगर जा रही थी बस में 25 से 30 यात्री सवार थे लेकिन जब बस आगे बढ़ रही थी तो करीब 4 बजे अचानक ड्राइवर का बस से नियंत्रण हट गया और वह अनियंत्रित होकर सड़क से लगी 100 फीट गहरी खाई में गिरी और पलट गई घटना के बाद चीख पुकार मच गई।

जानकारी मिलने पर पुलिस और प्रशासन की टीम घटना स्थल पर पहुंची और स्थानीय स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया बाद में प्रशासन ने एसडीआरएफ की 2 टीम भी बुलाई, जिसके आने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आई। जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक 5 यात्रियों कैसी हादसे में मौत हो गई जबकि कुछ यात्री घायल हुए गई घायलों में तीन की हालत काफी गंभीर है। प्रशासन ने घायलों को पौड़ी के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन जारी था।

read more
इंदौरउत्तराखंडकेरलतमिलनाडुतेलंगानाबंगालमहाराष्ट्रमुरैनाराजकोटशिवपुरीहिमाचल प्रदेश

महाराष्ट्र में बंपर जीत के साथ महायुति की सरकार बनना तय, बीजेपी गठबंधन को 231 सीट पर, कांग्रेस MVA को 48 सीट पर बढ़त, 25 को सीएम की शपथ

Maharashtra Elections

मुंबई/ महाराष्ट्र में आज हुई मतगणना के बाद महायुति भाजपा गठबंधन को 231 सीट पर बढ़त के साथ बंपर जीत मिल सकती है जबकि उसकी प्रतिद्वंदी महाविकास आघाड़ी को केवल 48 सीट पर ही जीत हासिल हो सकती है इस तरह महाराष्ट्र में फिर से महायुति वाली भाजपा गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। उल्लेखनीय है कि फिलहाल मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान अभी नहीं हुआ है लेकिन 25 नवंबर को नए मुख्यमंत्री शपथ लेंगे।

महाराष्ट्र में कुल 288 सीट है 20 नवंबर को हुए चुनाव के बाद आज 23 नवंबर को मतगणना हुई। महायुति में शामिल बीजेपी को 78 सीट पर आगे और 55 सीट पर जीत हासिल कर चुकी है जबकि शिवसेना (शिंदे) को 56 सीट में से 29 पर बढ़त और 27 सीट पर जीत हासिल हो चुकी है और एनसीपी (अजित पवार) 41 सीट में से 25 सीट जीत चुके है जबकि 16 पर आगे चल रहे है इस तरह महायुति वाले एनडीए गठबंधन ने रिकॉर्ड 231 सीटें पर बढ़त के साथ जीत के मुहाने पर है और इसका स्ट्राइक रेट 80 फीसदी का रहा जो काफी अहम बात है।

जबकि महाविकास आघाड़ी वाले INDIA गठबंधन को केवल 48 सीट पर बढ़त और जीत मिलती दिखाई दे रही है जिसमें शिवसेना यूबीटी को 20 सीट में से 11 पर जीत और 9 पर वह आगे है और कांग्रेस को 16 में से 5 पर जीत और 11 सीट पर वह आगे चल रही है और एनसीपी (शरद पवार) को 12 विधानसभा सीट में से 6 पर जीत चुकी है और 6 पर बढ़त बनाए है जबकि अन्य के खाते 12 सीटें आई है।

जीत के बाद क्या कहा नेताओं ने… तीनो दल के नेता सीएम का चुनाव करेंगे …

इस परिणाम के दौरान महायुति के नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया उसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह हमारे गठबंधन की हिस्टोरिकल विक्टरी है पिछले चुनाव देखे लेकिन यह चुनाव जनता ने अपने हाथ में लिया था हमने लोकसभा चुनाव सीख ली और कॉमन मेन को आगे बड़े। उन्होंने कहा लाडली बहना योजना के साथ युवा किसान वृद्ध मजदूर और आम लोगों को लाभ देने वाली योजनाएं बनाई जिससे हमें आम आदमी का साथ मिला शिंदे ने कहा इसके अलावा जो काम महाविकास आघाड़ी की सरकार के समय बंद हो गए उन्हें हमने फिर से शुरू किया साथ ही मेट्रो और नए ओवर ब्रिज सहित महाराष्ट्र की विकास योजनाओं को पूरा किया इसमें केंद्र सरकार उनके पीछे डटकर खड़ी रही और उसकी भरपूर मदद मिली । उन्होंने कहा अहम बात है जिस योजना का शिलान्यास पीएम नरेंद्र मोदी ने किया उसका उदघाटन भी उन्होंने ही किया।

जबकि बीजेपी नेता एवं डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा मैं महाराष्ट्र की जनता के इस फैसले के आगे नतमस्तक हूं जैसा विश्वास था उसने उससे कही ज्यादा हमें दिया। समूचे विपक्ष पर झाड़ू लगादी। उन्होंने कहा पीएम मोदी पर जो विश्वास व्यक्त किया यह बड़ी बात है लेकिन अपार समर्थन से हमारी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ गई है जनता के इस विश्वास को हम नहीं तोड़ेंगे खरे उतरने का भरपूर प्रयास करेंगे।

महायुति में शामिल एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा मेरी राजनीति में आज तक किसी गठबंधन को 200 से ज्यादा सीटें आजतक नहीं मिली और जिसके कारण हमारी विरोधी पार्टियां शून्य हो गई, हमने लोकसभा चुनाव की गलतियों को सुधारा और हमारी सरकार की लाडली बहना योजना निर्णायक साबित हुई। उन्होंने मीडिया से शिकायती लहजे में कहा वह खबर से पहले उसकी पुष्टि करें शुरूआत में मेरे को ही पीछे बता दिया और मैं अपनी सीट से एक लाख से ज्यादा से जीता। उन्होंने कहा जनता ने हो विश्वास जताया है हमारी जिम्मेदारी होगी कि उसे कोई तख़लीफ न हो।

खास बात है कि शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस दोनों नेताओं ने अपने बयान में कहा की मुख्यमंत्री कौन होगा? इसका फैसला महायुति में शामिल तीनों पार्टी के नेता करेंगे। जबकि मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण की तारीख तय हो गई है 25 नवंबर को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री को शपथ दिलाई जाएंगी।

read more
उत्तराखंड

उत्तराखंड के अल्मोड़ा में यात्री बस 150 फुट गहरी खाई में गिरी 36 लोगो की मौत 6 घायल, मजिस्ट्रियल जांच के आदेश

Bus fallen in Almora

अल्मोड़ा/ उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के मर्चुला के पास एक बस अनियंत्रित होकर 150 फुट गहरी खाई में गिर गई इस हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई जबकि 6 लोग घायल हो गए है। बस में कुल 42 लोग सबार थे घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री ने इस घटना की मजिस्ट्रियल जांच के साथ एआरटीओ को सस्पेंड करने के आदेश दिए है।

आज सुबह 8 बजे यह दुर्घटना हुई जब बस मर्चुला के पास से गुजर रही थी तो एक मोड़ पर वह अनियंत्रित हो गई ड्राइवर बस को काबू में नहीं कर सका और बस नदी के पास 150 फुट गहरी खाई में गिर गई नीचे गिरने के दौरान तेज झटका लगने से कई यात्री बस की खिलाड़ियों से बाहर आकर गिरे। घटना के बाद चीख पुकार मच गई। खबर मिलने पर पुलिस और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन के साथ राहत एवं बचाव का काम शुरू किया गया लेकिन घटना काफी गंभीर थी इस हादसे में 36 लोगो की मौत हो गई जबकि 6 यात्री बुरी तरह से घायल हो गए हैं। जिससे मरने वालों की तादाद बड़ने की आशंका है।

कुमायूं मंडल के आयुक्त दीपक रावत ने बताया कि बस में कुल 42 लोग सवार थे बस खाई में गिरने के बाद काफी नीचे एक पेड़ से टकराई और वही लटक गई तेज झटके से कई यात्री बस की खिड़कियों से बाहर आ गिरे उन्होंने बताया यह बस किनाथ से रामनगर जा रही थी।

पुलिस मुताबिक दीवाली की छुट्टी खत्म होने के बाद सोमवार को पहला वर्किंग डे था इसलिए बस पूरी तरह से भरी थी यह बस गढ़वाल मोटर्स ऑनर्स यूनियन लिमिटेड की थी जो काफी खस्ता हालत में थी। पुलिस ने बताया कि घायलों को फिलहाल रामनगर के हॉस्पिटल में भर्ती कराया है गंभीर हालत होने से उन्हें एयर लिफ्ट कर हल्द्वानी शिफ्ट किया जायेगा साथ कुछ को ऋषिकेश के एम्स में भी भर्ती कराया जा सकता है।

इस घटना पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरा दुख व्यक्त किया है और कुमायूं आयुक्त को मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए है साथ ही लापरवाही के आरोप में पौड़ी और अल्मोड़ा के ARTO प्रवर्तन को सस्पेंड करने के आदेश भी दिए है। सीएम ने मृतकों के परिजनों को 4 – 4 लाख की आर्थिक सहायता और घायलों को एक एक लाख की राशि की मदद की घोषणा भी की है।

read more
उत्तराखंड

टनल से बाहर आई जिंदगी, सभी 41 मजदूर सकुशल आए बाहर बचाव टीम का जुनून और प्रयास ने 17 वे दिन दिलाई जीत, देसी तकनीकी पहुंची सफलता तक

Uttarkashi Worker Rescue

उत्तरकाशी / अंततः मौत हार गई और जिंदगी अपनी जंग जीत ही गई, 12 नवंबर को उत्तरकाशी के सिल्कियारा में स्थिति टनल में फंसे सभी 41 मजदूरों को 17 वे दिन मंगलवार को टनल से बाहर निकाल लिया गया, बाहर आए सभी मजदूरों को सिन्यालीसौड़ में बनाए गए अस्पताल में रखा गया है। जहां डॉक्टर उन्हें 48 घंटे मेडीकल चेकअप में अपनी निगरानी में रखेंगे।

12 नवंबर को दीवाली वाले दिन सुबह साढ़े पांच बजे इस टनल का ऊपरी हिस्सा एकाएक गिरा और बाहर जाने वाले रास्ते और मजदूरों के बीच मलबे की 60 मीटर लंबी मोटी दीवार बन गई इस घटना में 41 मजदूर दूसरी तरफ फंस गए।

इन्हें बचाने के लिए 400 जवान और 50 स्पेशलिस्ट की टीम लगातार जद्दोजहद करती रही जिसमें आईटीबीपी के 150 जवान एसडीआरएफ के 100 एनडीआरएफ के 50 जवान, 20 भारतीय और 10 विदेशी एक्सपर्ट इस रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल रहे। इसके अलावा एनएचआईडीसीएल के 50 नवयुगा कांस्ट्रेक्संक कंपनी के 50 लोग,50 ड्रिलिंग स्पेशलिस्ट के अलावा 50 अधिकारी और भारी संख्या में अन्य कर्मचारी पूरे 17 दिन तक जुटे रहे। जब ऑमर मशीन और उसका ब्लेड 45 मीटर पर फंस गए तो भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा क्योंकि टनल के रास्ते मजदूरों तक पहुंचने का रास्ता ही बंद हो गया। तब ट्रेंचलेस के टेक्नीशियन बलविंदर और प्रवीण यादव ने 45 मीटर अंदर तक लगातार 16 घंटे प्लाजमा गैस कटर चलाया इससे ऑमर मशीन के शोफ्ट में फंसे मोटे सरियों को काटा गया इसके पास तक ब्लोअर से ऑक्सीजन भेजी गई इसके बावजूद अंदर की गर्मी दम घोट रही थी इसलिए 25 मिनट के बाद उन्हें हर बार बाहर आना पड़ रहा था।

रेस्क्यू ऑपरेशन में कई रूकावटे आई एक एक कर सभी विदेशी मशीन खराब होती गई आखिर में चूहों की तरह पहाड़ खोदने वाले दल अर्थात रेट माइनर्स के विशेषज्ञों ने हिम्मत दिखाई और देसी तकनीकी से सभी को बाहर निकाला इस टीम में शामिल 12 विशेषज्ञों ने लगातार 21 घंटे अपने हाथों से खुदाई की और आखिर में 15 मीटर का मलबा हटाने के साथ आगे वहां 800 mm का पाइप लगाकर रास्ता बनाया जिसके रास्ते सबसे पहले चंद्रन धोरेनी बाहर निकले उसे बाद सभी 40 मजदूर एक एक कर बाहर आए। उनका मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने फूलमाला पहनाकर स्वागत किया गया।

देसी तकनीक के रास्ते सफलता आई यह कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। जब 24 नवंबर को आखिरी ड्रिलिंग मशीन रुकी तो 60 मीटर मलबे के पार मोजूद मजदूरों के 45 मीटर तक पाइप डाला जा चुका था अब उनतक पहुंचने के बीच 15 मीटर मलबे की दीवार बकाया थी यह 15 मीटर का रास्ता सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण था इस बीच होरीजेंटल ड्रिलिंग बंद हो चुकी थी इसके बाद दिल्ली की ट्रेंचलेस इंजीनियरिंग सर्विसेस के लोगों ने अपनी रेट हॉल माइनर्स की 12 सदस्यीय टीम को बुलाया। इस टीम के एक सदस्य ने बताया कि 15 मीटर का मलबा हटाने के लिए हमने तीन तीन लोगो के 4 ग्रुप बनाए आगे वाले साथी ने पाईप में जाकर हाथों के जरिए खुदाई की ,दूसरे ने मलबा इकट्ठा किया तीसरे साथी पहियों वाले स्ट्रेचर पर लेटकर मलबे से भरी ट्रॉली बाहर लेकर गया, स्ट्रेचर पर रस्सी बंधी थी जिसे बाहर खड़े जवान खैच लेते थे। हमारे साथ एक ऑक्सीजन ब्लोअर था जिससे सांस लेने में दिक्कत नहीं आई और उसने दम नही घुटने दिया। आधा मीटर खुदाई और मलबा हटने के बाद हम बाहर सिगनल भेजते थे और बाहर से लोग मशीन से पाइप को आगे पुश कर देते थे, इसी तरीके से 45 मीटर के पाइप में 6 ..6 मीटर के दो पाइप और लगाए गए थे, लेकिन पाइप बेल्डिंग से जोड़े जा रहे थे इसलिए उन्हें ठंडा होने में करीब एक घंटे का समय लग रहा था इसी प्रक्रिया को हमने अपनाया और उसका परिणाम आपके सामने हैं।

खास बात है पहले डाले गए तीन पाइप ने 41 मजदूरों के लिए लाइफ लाइन का काम किया, 12 नवंबर को सुरंग में मजदूरों के फंसते ही सुपरवाईजर गब्बर सिंह नेगी ने टनल में पानी भरता देखकर तुरंत पंप चला दिया पंप ने पानी खीचा और 4 इंच पाइप के जरिए बाहर खींचना शुरू कर दिया पाइप का एक छोर मलबे के दूसरी ओर था जिसके जरिए रेस्क्यू टीम को आवाज आ गई जिससे रेस्क्यू टीम निश्चिंत हो गई कि मजदूर जिंदा है इसी पाइप से मजदूरों से बातचीत हुई उन्हे चने बिस्किट भेजे गए। 20 नवंबर को मजदूरों ने खाना मांगा तो 6 इंच का पाइप मलबे में डाला गया जो आसानी से मजदूरों तक पहुंच गया इसके जरिए ठोस आहार जूस आदि भेजा गया तब 9 वे दिन मजदूरों ने खाना खाया इसके बाद 21 नवंबर को 800 एमएम चौड़ा पाइप अंदर भेजा गया क्योंकि 900 एमएम के पाइप आगे नहीं जा रहे थे। यही पाइप तीसरी लाइफ लाइन बने।

read more
उत्तराखंडचमोली

उत्तराखंड के चमोली में नमामि गंगे प्रॉजेक्ट के दौरान करेंट से 4 पुलिस कर्मियों सहित 16 लोगों की मौत, जांच के आदेश

Chamoli Hadsa

चमोली/ उत्तराखंड के चमोली में अलकनंदा नदी पर आज एक बड़ा हादसा सामने आया है जिसमें यहां चल रहे नमामि गंगा प्रोजेंट के कार्य के दौरान करेंट लगने से एक साथ 16 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, मृतको में एक पुलिस एएसआई और होमगार्ड के तीन जवान भी शामिल है। मुख्यमंत्री पुष्पक सिंह धामी ने जांच के आदेश दे दिए हैं।

चमोली में अलकनंदा नदी पर चल रहे नमामि गंगे प्रॉजेक्ट का काम चल रहा है इस बीच वहां काम करने के दौरान अचानक बिजली का एक ट्रांसफार्मर फट गया इसके बाद वहां करेंट फेल गया जिसकी चपेट में करीब 25 लोग आ गए, उनमें से 23 लोग बुरी तरह से झुलस गए और उनमें से 12 कर्मचारी सहित एक एएसआई और 3 होमगार्ड के जवानों की करेंट लगने से मौत हो गई जबकि 7 लोग घायल हो गए है उनमें शामिल गंभीर रूप से घायल 4 लोगों को ऋषिकेश के अस्पताल में रेफर किया गया हैं।

इधर उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने मीडिया से चर्चा में कहा जानकारी मिली कि अचानक हुई इस घटना में पहले एक व्यक्ति को करेंट लगा था लेकिन बाद में वह फेल गया और इसकी गिरफ्त में 16 लोग आ गए और उनकी मौत हो गई है घटना के बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता जांच के आदेश सीएम ने दिए है अब मामले की तफ्तीश के बाद ही हादसे के कारणों का खुलासा हो सकेगा।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना की मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश दे दिए है साथ ही सीएम धामी घायलों को देखने ऋषिकेश के अस्पताल भी पहुंचे।

read more
उत्तराखंड

उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ में कार गहरी खाई में गिरी, 10 की मौत, कोकिलादेवी दर्शन को जा रहे थे

Accident

पिथौरागढ़ / उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में एक एसयूवी कार 600 फुट गहरी खाई में गिर गई इस हादसे में ड्राइवर सहित सभी 10 लोगों की मौत हो गई बताया जाता है यह लोग कोकिला देवी के दर्शन के लिए होकरा गांव जा रहे थे।

यह हादसा पिथोरागढ़ जिले के अंतर्गत मुसियारी ब्लॉक के होकरा गांव के पास गुरुवार की सुबह साढ़े सात बजे हुआ, जब अनियंत्रित होकर यह वहां अचानक 600 फुट गहरी खाई में जा गिरा, गहरी खाई होने से किसी की भी जान नही बच सकी सभी की मौत हो गई। स्थानीय ग्रामीणों ने कार को खाई में गिरते देखा और पुलिस को इसकी सूचना दी। होकरा गांव के सुंदर सिंह ने बताया कि बुद्धवार की रात इस इलाके में भारी बारिश हुई थी और होकरा आने वाले मार्ग पर मलबा फैला हुआ था जिससे सड़क काफी सकरी और छोटी हो गई थी अनुमान है कि गाड़ी निकलते वक्त झुक गई और फिसलकर खाई में समा गई संभावना है जिससे यह दुर्घटना घटी।

आईजी नीलेश आनंद ने बताया कि खबर मिलते ही पुलिस और प्रशासन सक्रिय हुआ और पुलिस ने एसडीआरएफ के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर गहरी खाई से सभी मृतकों के शव निकाल लिए है और उन्हें पीएम के लिए भेज दिया हैं। बताया जाता है कार में सबार 7 लोग बागेश्वर जिले के शामा गांव के और 3 लोग भानर गांव के रहने वाले हैं।

read more
जोशीमठ

जोशीमठ प्रभावितों ने निकाला मार्च, एनटीपीसी को बंद करने और पूरा मुआवजा देने की मांग पर अड़े, रोक के बावजूद पहाड़ों की तुड़ाई जारी, सीएम ने किया दौरा

Joshimath Cracks

जोशीमठ / उत्तराखंड राज्य की देवभूमि जोशीमठ और यहां के रहवासी धीरे धीरे बर्बादी की ओर बढ़ रहे है चिंता और बेघर होने के डर से आज उनकी रातें आंखों में कट रही हैं आज स्थानीय प्रभावितो ने सड़कों पर पैदल मार्च निकाला और धरना दिया उनकी मांग है कि उन्हें उचित पूरा मुआवजा और राहत देने के साथ जोशीमठ को बर्बाद करने वाला एनटीपीसी प्रोजेक्ट को बंद किया जाएं। जबकि आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्थानीय लोगो के यहां पहुंचे और उनसे मिले और कंबल वितरित किए। खास बात है सरकार की रोक के बावजूद जोशीमठ के पहाड़ों की कटाई और तोड़फोड़ कर उनको छलनी किए जाने का कार्य आज भी बदस्तूर जारी है

एक तरफ उत्तराखंड सरकार ने प्रभावितों 1लाख 50 हजार का मुआवजा देने का ऐलान किया है और शिफ्टिंग चार्ज के रूप में 50 हजार एडवांस देने को भी कहा हैं साथ ही 6 माह तक 4 हजार रुपए प्रति माह मकान किराया देने की हांमी भी भरी है बुद्धवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीपीठ पहुंचे और प्रभावित परिवारों से मिले और उन्होंने घर में मोजूद महिलाओं को कंबल भी वितरित किए।

लेकिन जोशीमठ के लोगों में भारी आक्रोश है लोगों का कहना है कि एनटीपीसी की वजह से हम और हमारा जोशी मठ बरबाद हुआ है पहले उसको बंद किया जाएं जबकि जोशीमठ पहले से ही संवेदनशील है मिश्रा रिपोर्ट में साफ चेतावनी दी गई थी कि यहां के प्राकृतिक स्वरूप में छेड़छाड़ हुई तो इसके गंभीर परिणाम होंगे उसके बाद भी यहां एनटीपीसी प्रोजेक्ट को लाया गया उसकी विस्फोटक कार्यवाही हमारी तबाही का बड़ा कारण है पहले इस प्रोजेक्ट को बंद किया जाए। स्थानीय लोगो का कहना है मुख्यमंत्री कंबल बांट रहे है हमें कंबल नही चाहिए उन्हे हम लोगो जमीन मकानों का पूरा मुआवजा देना चाहिए यह भ्रमित करने की बात कर रहे है हम बता देना चाहते है यह देवभूमि है इसका परिणाम मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी को जरूर भोगना होगा।

एक महिला ने आरोप लगाया कि एनटीपीसी प्रोजेक्ट का काम बंद होने की बात कही जा रही है लेकिन ऐसा नहीं है एनटीपीसी परियोजना का काम आज भी जारी है उसकी बात भी पूरी तरह सच है इतना सब हो जाने और सरकार और प्रशासन के सभी विकास एवं निर्माण कार्यों पर रोक के बावजूद जोशीमठ के पहाड़ों को इस आपदा के दौरान बड़ी बड़ी जेसीबी मशीनों और बुलडोजर से तोड़ा जा रहा है पहाड़ों का सीना छलनी किया जा रहा है हां दिन में नही अर्धरात्रि में यह काम जोरदार तरीके से आज भी जारी है जबकि यहां भूस्खलन हो रहा है जेपी कॉलोनी सहित शहर के कई जमीन और मकानों से मटमेले परनाले बह रहे है मकान दरारों से फट रहे है लोग सड़कों पर आ गए हैं। लेकिन विकास के नाम पर जोशीमठ और वहां के पहाड़ छलनी किए जा रहे है। जबकि भूगर्भ विशेषज्ञ पहले चेतावनी दे चुके है यदि विकास कार्य नहीं रोके गए तो जोशीमठ का अस्तित्व समाप्त भी हो सकता हैं।

जैसा कि उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित जोशीमठ देवभूमि है जो बद्रीनाथ से जुड़ा एक प्रमुख धार्मिक स्थल है यहां के 723 मकान गहरी दरारें आने से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं जिनको डेंजर बताते हुए उनपर लाल निशान लगाएं गए है इसमें दो होटल भी शामिल है जिन्हे ढहाया जाना हैं लेकिन स्थानीय लोग अपने क्षतिग्रस्त मकान से जाने के लिए तैयार नहीं है। उनका कहना है पहले बद्रीनाथ की तर्ज पर हमें पूरा मुआवजा दिया जाए जबकि सरकार उन्हे उत्तरकाशी की तर्ज पर मुआवजा दे रही हैं जो उन्हें मंजूर नहीं हैं।

read more
उत्तराखंड

हल्द्वानी में अतिक्रमण हटाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई, 4 हजार से अधिक परिवारों को राहत

supreme court

हल्द्वानी / उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेल्वे की जमीन पर अतिक्रमण हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे दे दिया है साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट अब एक माह बाद 7 फरवरी को इस मामले की अगली सुनवाई करेगा,सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से स्थानीय लोगों में भारी खुशी छा गई है और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का आभार जताया है।

उत्तराखंड के हल्द्वानी में हाईकोर्ट ने पिछले दिनों 42 एकड़ जमीन पर एक हफ्ते में अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे इस जमीन पर रेलवे और शासन ने अपना अपना दावा जताया था, इस आदेश से यहां की गफूर बस्ती में रहने वाले 60 हजार लोगों और उनके 4365 घरों पर बेघर होने का संकट आ गया था इसको लेकर स्थानीय लोगो ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।इस दौरान स्थानीय लोगो ने कहा कि उनके बुजुर्ग यहां आजादी से पहले 100 साल से भी अधिक समय से रह रहे है उनके पास मकानों के रजिस्टर्ड दस्तावेज है वे पानी बिजली बिल देते है मकान का टेक्स भरते है। बताया जाता है इस बस्ती में सरकारी स्कूल कॉलेज बैंक अस्पताल नगर पालिका निगम और सरकारी कार्यालय और अन्य सरकारी सुविधाएं भी सरकार और प्रशासन की तरफ से लगातार दी जा रही थी। साथ ही यहां मंदिर और मस्जिद भी है।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस श्री कोल ने आज हुए सुनवाई में टिप्पणी करते हुए कहा कि यह ठीक है कि यह जमीन रेल्वे की है लेकिन सभी को पहले पुनर्वास का मौका दिया जाना चाहिए था जो लोग 60 से 70 साल से यहां रह रहे है अचानक उन्हे 7 दिन में बेघर कैसे किया जा सकता है वे कहा जाएंगे एससी ने इस स्थान को विकसित करने की बात भी कही है साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने रेल्वे और राज्य शासन को नोटिस जारी करते हुए अपना जवाब पेश करने के आदेश दिए है और 7 फरवरी को अगली सुनवाई की तारीख नियत की है इस तरह फिलहाल 1 माह तक यहां तोड़फोड़ और अतिक्रमण हटाने पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर भी रोक लगा दी है।

जैसा कि स्थानीय लोगों में हड़कंप व्याप्त था और वह इसके यहां रहने वाले महिला पुरुष युवा इस जाड़े के मौसम में भी सड़कों पर उतर आए थे धरना प्रदर्शन के साथ मस्जिदों में भी दुआओं का दौर जारी था। इस दौरान यहां भारी पुलिस बल और प्रशासनिक मशीनरी के अधिकारी कर्मचारी भी मौके पर पहुंच गए थे। इधर सुप्रीम कोर्ट में पीड़ित पक्ष के वकील का कहना है कि इस जमीन पर यह लोग इनके पुरखे पिछले 100 साल से रहते आए है और उनके पास अपने मकानों के दस्तावेज एयर वोटर कार्ड है और वह हाउस टैक्स के साथ सभी सरकारी कर भर रहे है अब कहा जा रहा है सरकारी जमीन है लेकिन उनका कहना है रेल्वे इसे अपनी और सरकार इस जमीन को अपनी बता रहा है इससे पहले यह लोग कहा थे उनमें आपस में ही एक रूपता नही है। उन्होंने कहा हम अगली सुनवाई में मजबूती से अपना पक्ष रखेंगे।

इधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि यह जमीन रेल्वे की है वह इस बारे में कोर्ट में अपना पक्ष रखेगा उन्होंने कहा सुप्रीम कोर्ट जो भी निर्णय लेगा हम उसका पालन करेंगे।

स्थानीय लोगों का कहना है यह जमीन और उसपर बने मकान उनके पुरुखो के जमाने से उनके है लगता है इसी कारण अतिक्रमण बताने पर उन्होंने विस्थापित कर अपने पुनर्वास या अन्य जगह पर बसाने की कोई मांग नहीं की थी। सवाल यह भी है कि यदि पिछले छह सात दशक से लोग अतिक्रमण कर रहे थे तो रेल्वे ने अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की साथ ही सरकारी भवन और स्कूल कार्यालय यहां कैसे बन गए।

read more
उत्तराखंडकेदारनाथ

उत्तराखंड के कैदारनाथ में हेलीकॉप्टर क्रेश हुआ, पायलट सहित 7 की मौत

Helicopter crash in Uttrakhand

केदारनाथ / उत्तराखंड के केदारनाथ के गरुड़चट्टी इलाके में आज सुबह श्रद्धालुओं को ले जा रहा एक हेलीकॉप्टर क्रेश हो गया इस हादसे में पायलट सहित 7 लोगों की मौत हो गई बताया जाता है यह हेलीकॉप्टर एक निजी कंपनी का था और कोहरे और खराब मौसम की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

जानकारी के मुताबिक आर्यन एवीएशेन कंपनी के इस हेलीकॉप्टर ने आज सुबह 11.25 बजे केदारनाथ के बेस कैंप से नारायण कोटि गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरी थी लेकिन अचानक 15 मिनट बाद ही यह हेलीकॉप्टर गरुड़ चट्टी के पास क्रेश हो गया इसके दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण खराब मौसम और घना कोहरा बताया जा रहा है इस हादसे का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें आग और धुएं के साथ कुछ स्थानीय लोग आसपास दिख रहे है।

इस हवाई हादसे में पायलट सहित 7 लोगों की मौत हो गई है मरने वालों में पायलट अनिल सिंह सहित पूर्वा नामानुज,कृति ब्रांड प्रेमकुमार काला, उर्वी,और सुजाता शामिल है। इससे पहले केदारनाथ इलाके में 2013 में बड़ा हादसा हुआ था जब बाढ़ ग्रस्त लोगों को सुरक्षित निकालने के दौरान एक विमान दुर्घटना ग्रस्त हुआ था जिसमें पायलट को पायलट सहित 20 जवान शहीद हो गए थे।

इस दुघटना पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख जताया है और अपनी शोक संवेदनाएं प्रकट की है। जबकि नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दुख जताते हुए कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है हम उत्तराखंड सरकार के संपर्क में है और घटना का आंकलन कर रहे है और बराबर नजर बनाए है साथ ही NDRF की टीम भी घटनास्थल पर पहुंच गई हैं।

read more
उत्तराखंड

उत्तरकाशी के द्रोपदी डांडा शिखर पर 29 पर्वतारोही बर्फीले तूफान का हुए शिकार 10 की मौत 8 को बचाया गया बाकी की खोजबीन जारी

Draupadi Danda Peak

उत्तरकाशी/ उत्तराखंड के उत्तरकाशी में स्थित 13 हजार फीट ऊंचे द्रोपदी डांडा के शिखर पर बर्फीले तूफान के दौरान हिमखंड की चपेट में आने से 29 पर्वतारोही फंस गए है बताया जाता है इनमे 21 लोगो को गंभीर चोटे आई जिसमें 2 महिला पर्वतारोहियों की मौत की आधिकारिक पुष्टि हुई है जबकि 8 लोगों को तुरंत बचा लिया गया था लेकिन पीटी आई ने 10 लोगों की मौत होने की खबर दी हैं।

बताया जाता है नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से संबद्ध एडवांस कोर्स के 29 प्रशिक्षु और उनके कोच आज सुबह साढ़े नो बजे बर्फीले तूफान के दौरान उत्तरकाशी की 13 हजार फुट ऊंची बर्फीली पर्वत माला द्रौपदी डांडा 2 से जब लौट रहे थे तो अचानक हिम स्खलन हुआ और एक बड़ा हिमखंड उनके ऊपर आ गिरा जिससे वे सभी उसमें फंस गए जबकि 8 लोगो को तो सुरक्षित बचा लिया गया लेकिन बाकी के 21 पर्वतारोही नही निकल सके जानकारी होने पर ITBP और NDRF की टीमें वायु सेना के दो चीता हेलीकॉप्टर सहित वहां पहुंची और उन्होंने राहत और बचाव कार्य शुरू किया। लेकिन फिलहाल किसी को बाहर नही निकाला जा सका हैं। चूकि यह हिस्सा ग्लेशियर वाला इलाका है जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी परेशानी आ रही हैं।

उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है 29 में से 8 को बचाया जा चुका है जिस तरह की घटना है बाकी सभी 21 लोगों के हताहत होने और चोटे आना स्वाभाविक हैं जल्द सभी को सुरक्षित निकाल लिया जायेगा।

read more
error: Content is protected !!