बालासोर / ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को हुए ट्रेन हादसे की अब सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है वह यह पता लगायेगी कि इस दुर्घटना का क्या कारण रहा और इस हादसे के लिए कोन दोषी है, और क्या यह साजिश थी। बताया जाता है रेल्वे प्रशासन अपने स्तर से तो जांच कर ही रहा है लेकिन सीबीआई हर बिंदु पर व्यापक रूप से सभी मुद्दों पर अपनी तफ्तीश करेगी। इस दौरान वह रेल्वे स्टेशन के प्रशासनिक और तकनीकी अधिकारी कर्मचारियों सहित वरिष्ठ रेल्वे अधिकारियों से भी पूछताछ कर सकती हैं। मंगलवार को सीबीआई के दो अधिकारी बालासोर पहुंचे और बहनागा रेल्वे स्टेशन के घटना स्थल पर पहुंच कर जांच पड़ताल की।
लेकिन विपक्ष सीबीआई जांच को लेकर सबाल उठा रहा हैं। टीएमसी नेता सौगत राय ने कहा जब रेल्वे का बोर्ड है तो फिर सीबीआई से जांच क्यों कराई जा रही है टीएमसी ने इस हादसे के बाद रेल्वे के दो कनिष्ठ और वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक फोन वीडियो भी जारी किया हैं।जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस ने भी बालासोर रेल हादसे को लेकर मोदी सरकार को घेरा है। ममता बनर्जी ने कहा सरकार मौत के आंकड़े छुपाने की कोशिश कर रही है जबकि कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि इसकी जवाबदेही सरकार की है वह अपनी जिम्मेदारी से क्यों बच रही हैं। जबकि बीजेपी ने विपक्ष को गैर जिम्मेदार बताकर पलटवार किया है बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस रेल हादसे के लिए टीएमसी को ही जिम्मेदार बताया हैं।
लेकिन विपक्ष सीबीआई जांच को लेकर सबाल उठा रहा हैं। टीएमसी नेता सौगात राय ने कहा जब रेल्वे का बोर्ड है तो फिर सीबीआई से जांच क्यों कराई जा रही है टीएमसी ने इस हादसे के बाद रेल्वे के दो कनिष्ठ और वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक फोन वीडियो भी जारी किया हैं।जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस ने भी बालासोर रेल हादसे को लेकर मोदी सरकार को घेरा है। ममता बनर्जी ने कहा सरकार मौत के आंकड़े छुपाने की कोशिश कर रही है जबकि कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि इसकी जवाबदेही सरकार की है वह अपनी जिम्मेदारी से क्यों बच रही हैं। जबकि बीजेपी ने विपक्ष को गैर जिम्मेदार बताकर पलटवार किया है बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने इसके लिए टीएमसी को ही जिम्मेदार बताया हैं।
इस हादसे में अभी तक 83 शवों की पहचान हो चुकी है जबकि अभी भी 205 शव अपनों के इंतजार में मर्चूरी में रखे हैं लेकिन अब तेज गर्मी और घटना के चार दिन बीतने से उनके डिकम्पोज होने का खतरा बड़ गया है जिससे प्रशासन ने अब इन शवों को रिफ्रीजरेटिड ट्रैको को मर्चुरी का रूप देकर फिलहाल उनमें इन शवों को रख दिया है।
जानकारी यह भी सामने आई है शवों के खराब होने का खतरा और परिजनों के नही मिलने से प्रशासन पर उनकी पहचान कराने और उन्हें उनके परिवार तक पहुंचाने की जिम्मेदारी बड़ जाती है यह देखते हुए प्रशासन ने उन शवों का डीएनए टेस्ट कराने का निर्णय लिया है जिससे भविष्य में उनके परिजनों के डीएनए से मिलान कर उनकी शिनाख्त हो सकें।